Ranjhana – 47
Ranjhana By Sanjana Kirodiwal
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Ranjhana – 47
मुरारी को कॉम्प्लेक्स के सामने छोड़कर अनु घर चली गयी l शाम 7 बजे अधिराज जी की भेजी हुई गाड़ी आ चुकी थी अनु और सारिका ने अपना सामान पीछे डिकी में रखा l सारिका ने दरवाजा खोलकर अनु और मीना से बैठने को कहा मीना पिछली सीट पर जाकर बैठ गयी l अनु को वही खड़े देखकर सारिका ने कहा,”अनु यहाँ क्यों खड़ी हो ? चलना नहीं है क्या ?”
“चलेंगे दी पर उनको तो आने दो”,अनु ने दरवाजे की और नजरे गड़ाए हुए कहा !
“किसे ?”,सारिका ने हैरानी से पूछा
“हमारा इंतजार हो रहा है शायद”,सामने से रश्मि ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ आते हुए कहा l सारिका रश्मि को देखकर मुस्कुराई और कहा,”पर तुम दोनों तो कल आने वाले थे l”
“हां पर मैंने ही कहा था रेशु से की सब साथ चलते है , और कल के लिए टिकट्स भी नहीं मिल रहे थे l तुम्हारी गाड़ी में जगह तो है ना ?”,रश्मि को बॉयफ्रेंड मेहुल ने कहा
“कैसी बाते कर रहे है आप ? बिल्कुल जगह है आप लोग भी अपना सामान रख दीजिये “,सारिका ने कहा
रश्मि और मेहुल आकर मीना के साथ बैठ गए l अनु अभी भी बाहर ही खड़ी दरवाजे की तरफ देख रही थी सारिका ने पूछा,”अब भी कोई आने वाला है क्या ?”
“हम्म्म ! आने वाला नहीं आ गया , वो देखो”,अनु ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा l सारिका ने जैसे ही सामने देखा उसका दिल धड़क उठा सामने से हाथो में बैग थामे शिवम् मुरारी के साथ आ रहा था l सारिका को अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो पा रहा था वह बस अपलक शिवम् को देखती रही शिवम् सारिका के सामने आया और धीरे से कहा,”वो आपके पापा ने आप लोगो के साथ आने को कहा है !
सगाई होते ही हम लोग तुरंत वहा से निकल जायेंगे” शिवम् इतना कहकर ड्राइवर के बगल वाली सीट पर जा बैठा l सारिका शिवम् के आने से खुश भी थी और उसे खो देने से दुखी भी वह अनु और मुरारी के साथ आकर गाड़ी में बैठ गयी और ड्राइवर से चलने को कहा l ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी l रास्तेभर अनु , मेहुल , रश्मि मीना और मुरारी ही कुछ न कुछ बोले जा रहे थे l शिवम् और सारिका खामोश थे l
पहली बार सारिका को शिवम् की ख़ामोशी खल रही थी l सारिका की आँखो में आंसू भर आये तो उसने चेहरा खिड़की की तरफ घुमा लिया आगे बैठे शिवम् के मन में भी उथल पुथल मची थी l सारिका के पापा ने उसे साथ आने को क्यों कहा ? , अपनी आँखो के सामने वह सारिका को किसी और का होता देखेगा , सारिका की उदास आँखे और उतरा हुआ चेहरा शिवम की बैचैनी को और बढ़ा रहा था l
जैसे जैसे रात होती गयी सब सोते गए मीना अपना सर खिड़की से लगाकर सो रही थी , रश्मि मेहुल के सीने से लगकर सो रही थी और अनु मुरारी के कंधे पर सर रखकर l सब गहरी नींद में थे l ड्राइवर ने भी गाड़ी धीमी कर दी ताकि उनकी नींद में खलल ना पड़े बाकि उसे तो जागकर सारी रात गाड़ी चलानी थी l ड्राइवर के साथ साथ दो लोग और जाग रहे थे सारिका और शिवम् l
ऐसे वक्त में भला उन्हें नींद कहा से आती , गाड़ी में लगे मिरर पर जब शिवम् की नजर पड़ी तो देखा सारिका उसे ही देख रही है शिवम् कुछ देर उन आँखों में देखता रहा जब आँखे भर आई तो उसने चेहरा घुमा लिया l जितना दर्द सारिका महसूस कर रही थी उस से कई ज्यादा दर्द शिवम् महसूस कर रहा था l गाड़ी चलाते हुए ड्राइवर को झपकी आने से ब्रेक लगा तो शिवम् ने पानी की बोतल उसकी और बढ़ाकर कहा,”आप थोड़ा आराम कर लीजिये , तब तक गाड़ी हम चला लेते है”
ड्राइवर गाड़ी से निचे उतरा , मुंह धोया और पानी पिया l शिवम् के कहने पर वह शिवम् की सीट पर आ बैठा l लगातार ड्राइव करने से वह थक गया था उसने सर सीट से लगाकर अपनी आंखे मूंद ली l शिवम् ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट करके आगे बढ़ गया l शिवम् अब सारिका की नजरो के बिल्कुल सामने था और सारिका उसे जीभर कर देख सकती थी l
शिवम् सामने देखते हुए गाड़ी चलाता रहा पर अहसास उसे भी था की सारिका की नजर उस पर है l गाड़ी में फैली ख़ामोशी को दूर करने के लिए शिवम् ने धीमी आवाज में म्यूजिक चला दिया जो इस वक्त उन दोनों के दिल का हाल बयान कर रहा था
“खुदाया वे !
हाये इश्क़ है कैसा ये अजीब रे ?
खुदाया वे !
हाये इश्क़ है कैसा ये अजीब रे ?
दिल के करीब लाया , दिल का नसीब रे
दिल के करीब लाया , दिल का नसीब रे
“खुदाया वे !
हाये इश्क़ है कैसा ये अजीब रे ?
खुदाया वे !
हाये इश्क़ है कैसा ये अजीब रे ?
शिवम् ने पलटकर सारिका की तरफ देखा उसकी नम आँखे देखकर शिवम् का कलेजा कट गया l उस से सारिका के आंसू देखे नहीं जा रहे थे l सारिका की आँख से आंसू बहकर गालो पर आ गए तो शिवम् ने अपने दूसरे हाथ से उसके आंसू पोछकर ना में गर्दन हिला दी l सारिका का दिल किया अभी शिवम् के गले लग जाये और कहे की सब छोड़कर शिवम् उसे कही दूर ले जाये लेकिन अपने जज्बातो को अपने अंदर समेट लिया और नजरे एक बार फिर अपनी उदास आँखे खिड़की के बाहर जमा ली l
सुबह 5 बजे सभी इंदौर सारिका के घर पहुंचे l सारा घर दुल्हन की तरह सजाया हुआ था सभी अंदर आये l अधिराज जी और अम्बिका ने देखा तो दोनों मुस्कुराते हुए आये सारिका , अनु , रश्मि , मेहुल और मीना अपना अपना सामान उठाये अंदर चले गए अधिराज जी शिवम् के सामने आये और कहा,”अच्छा हुआ तूम आ गए , हम तुम्हे फोन करने ही वाले थे लेकिन तैयारियों में इतना व्यस्त थे की नहीं कर पाए”
“आपने कोई फोन नहीं किया था ?”,शिवम् ने हैरानी से अधिराज जी तरफ देखकर कहा l
“नहीं बल्कि हमारे फोन करने से पहले ही तुम आ गए , अब अंदर जाकर फ्रेश हो जाओ और थोड़ा आराम कर लो फिर सब साथ में नाश्ता करते है”,कहकर अधिराज जी वहा से चले गए l
अधिराज जी के जाने के बाद शिवम् ने घूरकर मुरारी की तरफ देखा तो मुरारी ने दूसरी तरफ देखते हुए कहा,”भैया हम व्यवस्था देख के आते है आप चलो l” बहाना बनाकर मुरारी वहा से खिसक गया l शिवम् समझ गया की मुरारी उसे धोखे से यहाँ लाया है l उसने अपना बैग उठाया और अंदर आ गया l अनु ने देखा तो शिवम् को गेस्ट रूम में ले आई और कहा,”आप फ्रेश हो जाईये एंड बी कम्फर्टेबल !” अनु वहा से निकल गयी l
अनु तो मन ही मन ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी l शिवम् ने बैग रखा और बिस्तर पर बैठकर सारिका के बारे में सोचने लगा l घर की सजावट , अधिराज जी के चेहरे की ख़ुशी देखकर उसका मन नहीं कर रहा था वह अपने और सारिका के रिश्ते के बारे में बताये l कुछ देर बाद उसने कपडे निकाले और नहाने चला गया l नहाकर फ्रेश होकर शिवम् बाथरूम से बाहर आया उसने उसने कमर पर तौलिया बांधा हुआ था और ऊपर कुछ नहीं पहना था l
बाथरूम से बाहर आकर वह हाथ से बालो को झटक रहा था l तभी अनु किसी काम से बिना दरवाजा नॉक किये अंदर आई अंदर आकर जैसे ही उसकी नजर शिवम् पर पड़ी वह तो बस देखती ही रह गयी l चौड़ी छाती जिसपर चमकती पानी की बुँदे , फ्लेट पेट , पतली कमर , मजबूत मसल्स और भीगे बाल l अनु होंठो पर प्यारी सी एकटक शिवम् को देखती गयी l अनु को अपनी और घूरता पाकर शिवम् तेजी से पलट गया और अनु की तरफ पीठ करके कहा,”माफ़ कीजियेगा वो हम अभी अभी नहाकर निकले थे और दरवाजा लॉक करना भूल गए थे”
दरवाजा लॉक होता तो इतना खूबसूरत नजारा मैं कैसे देख पाती ?”,अनु ने मन ही मन ख़ुशी से झूमते हुए कहा l
अनु को चुप देखकर शिवम् ने कहा,”आप किसी काम से आई थी ?” शिवम् की आवाज से अनु की तंद्रा टूटी तो उसने कहा,”हां वो मैं ये पूछने आई की आप नाश्ते में क्या लेंगे ?”
“जो भी होगा हम खा लेंगे”,शिवम् ने हिचकिचाते हुए कहा l अनु के सामने इस हाल में उसे बहुत शर्म आ रही थी l वह बस अनु के जाने का इंतजार कर रहा था l अनु के जाने के बाद उसकी जान में जान आयी l शिवम् ने जल्दी से कपडे पहने और शीशे में देखकर शर्ट के बटन बंद करने लगा l शिवम् के कमरे से निकलकर अनु ख़ुशी से गुनगुनाते हुए चली जा रही थी की सामने से आते मुरारी से टकरा गयी तो मुरारी ने कहा,”अरे ज़रा धीरे , मारने वारने का इरादा है का ?
“हम्म्म नहीं फ़िलहाल तो मैं खुद घायल होकर आ रही हु”,कहकर अनु खिलखिलाते हुए वहा से चली गयी l मुरारी हैरानी से उसे जाते हुए देखता रहा और कहा,”कभी कभी इह का कहती है कुछ समझ नहीं आता ?” मुरारी अपना बैग उठाये कमरे में आया और आते ही बिस्तर पर लेट गया l थकान की वजह से उसे नींद जो आ रही थी l
सारिका अम्बिका के अम्बिका के कमरे में थी , अम्बिका सारिका को शाम के फंक्शन में पहनने के लिए साडिया और लहंगे दिखा रही थी पर उनमे से कोई सारिका को फिट नहीं था कोई न कोई कमी किसी में निकल आती l अनु चहकते हुए अंदर आई और बिस्तर पर गिरकर मुस्कुराने लगी तो अम्बिका ने कहा,”अनु क्या हुआ तुझे ?
“प्यार………………!!”,अनु ने खोये हुए अंदाज में कहा
“अच्छा किस से ?”,अम्बिका ने मुस्कुराते हुए पूछा
“शी………………..सीधा सीधा बताउंगी तो बोरिंग लगेगा , बाद में बताउंगी विथ सरप्राइज”,अनु ने उठकर बैठते हुए कहा
अनु के मुंह से शी सुनकर सारिका का दिल धड़क उठा एक पल के लिए लगा जैसे अनु शिवम् का नाम लेने वाली है l वह बेचैनी से अनु की तरफ देखे जा रही थी l अम्बिका अनु की बात पर हसने लगी और कहा,”एक नंबर की नोटंकी है तू अनु , जिस से तुझे प्यार हुआ है ना वो तो गया काम से l “
अम्बिका की बात पर अनु जोर जोर से हसने लगी और फिर सारिका की तरफ देखकर कहा,”आप बताओ दी प्यार का सोच समझकर किया जाता है , नहीं ना l मुझे तो अब जाकर हुआ है आपको तो बचपन में ही हो गया था ना बनारस में”
अनु की बात सुनकर सारिका की आँखों के आगे शिवम् का चेहरा आ गया और उदासी ने फिर से उसके चेहरे को घेर लिया l सारिका का उदास चेहरा देखकर अम्बिका ने अनु से कहा,”अनु चुप कर , और तू जा अपने कमरे में सारिका को आराम करने दे शाम को इसे सबसे प्यारा भी तो दिखना है”, कहते हुए सारिका के गाल छू लेती है सारिका जबरदस्ती फीका सा मुस्कुरा देती है l
अनु और अम्बिका सारिका को आराम करने का कहकर वहा से चली जाती है l सारिका उदास सी बिस्तर पर बैठ जाती है आंसू उसकी आँख से बहने लगते है और वह ख़ामोशी से फर्श पर गिरे उन आंसुओ में शिवम् का अक्स ढूंढती रहती है l
कुछ घंटे बाद सभी नाश्ते के लिए टेबल के चारो और बैठे थे l अधिराज जी , अम्बिका , रश्मि , मेहुल , सारिका , शिवम् , मुरारी और अनु सभी बैठकर नाश्ते का इंताजर कर रहे थे l रसोईया टेबल पर आलू टमाटर की सब्जी और गर्मागर्म पूरिया रखकर चला गया l साथ में मीठा और कुछ नमकीन भी l मीना जब सबको परोसने लगी तो अम्बिका ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”मीना ये सब रहने दो , तुम यहाँ दो दिन मेहमान हो और बाकि सबकी तरह एन्जॉय करो l
और हाँ इसे अपना ही घर समझो” अम्बिका के मुंह से ये बात सुनकर मीना को बहुत ख़ुशी हुई और बाकि सबके साथ वह भी नाश्ते के लिए आकर बैठ गयी l अम्बिका ने सबकी प्लेटो में नाश्ता परोसा और सब चुपचाप खाने लगे l अधिराज जी के एक तरफ शिवम् बैठा था और दूसरी तरफ सारिका l शिवम् की बगल में मुरारी और सारिका की बगल में अनु l कुल मिलाकर माहौल काफी शांत था और सब अपना अपना नाश्ता कर रहे थे l
सारिका शिवम् के बिल्कुल सामने थी इसलिए शिवम् खाते हुए बिच बिच में सारिका की तरफ देख लेता लेकिन सारिका उसकी नजर बस खाने की पर थी ताकि सामने बैठा शिवम् उसकी आँखे ना देख ले सारिका के पास बैठी अनु मुस्कुराते हुए शिवम् को और अपने मुरारी भैया अनु को देख रहे थे l
“अमित के पापा से सुबह हमारी बात हुई थी , कुछ देर बाद वह अपने परिवार के साथ यहाँ आ जायेंगे ,, मेघना जी (अमित की माँ) बता रही थी की सगाई से पहले उनके यहाँ कोई रस्म होती है तो वही करना चाहते है l शाम तक सारे मेहमान भी आजायेंगे”,अधिराज जी ने खाते हुए अम्बिका को बताया तो खाते खाते सारिका खांसने लगी l अधिराज जी ने देखा तो पानी का ग्लास उठाकर सारिका की तरफ जैसे ही बढ़ाया हैरान थे l
एक हाथ पानी का ग्लास पकडे वहा पहले से मौजूद था शिवम का , अधिराज ने शिवम् की और देखा और फिर अपना ग्लास वापस रख दिया l सारिका ने कुछ पानी पिया और ग्लास वापस रख दिया l अधिराज जी ने अम्बिका के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए पूछा,”आप ठीक तो हो न बेटा ?”
“जी , हमने खा लिया हमे कुछ काम है”,कहकर सारिका तेजी से वहा से उठी और चली गयी l अधिराज जी ने सबको नाश्ता करने को कहा और खुद उठकर सारिका के पीछे चले आये l सारिका ने बाथरूम में आकर दरवाजा बंद कर लिया और शीशे के सामने खड़ी होकर दबी आवाज में रो पड़ी l सारिका जानती थी शिवम् उस से बहुत प्यार करता है लेकिन फिर भी वो चुप था l
शिवम् की ये चुप्पी सारिका को खाये जा रही थी l सारिका देर तक सिसकती रही और फिर मुंह धोकर बाहर आयी l बाहर आते ही अधिराज जी ने उसे रोक लिया और सारिका की आंखे देखकर कहा,”सारिका क्या बात है आपकी आँखे इतनी लाल ?”
“वो पापा आँख में कुछ चला गया था उस से हो गयी है , हम ठीक है”,सारिका ने झूठ बोलते हुए कहा
“ज्यादा परेशानी है तो चलो डॉक्टर के पास चलते है , आपने पहले क्यों नहीं बताया ?”,अधिराज जी ने सारिका की आँखे देखते हुए कहा लेकिन सारिका ने मना कर दिया और कहा,”आप परेशान मत होइए पापा , हम बिल्कुल ठीक है”
“आप सच बोल रही है ना सारिका ?”,अधिराज जी ने कहा
“जी पापा”,सारिका ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा l सारिका को मुस्कुराते देख अधिराज की जान में जान आयी उन्होंने सारिका को गले लगाया और कहा,”हमेशा ऐसे ही मुस्कुराती रहना बेटा , हम मेहमानो के लिए व्यवस्था देखकर आते है” अधिराज जी वहा से चले गए l सारिका भी अपने कमरे में चली गयी !!
कुछ देर बाद ही अमित और उसकी फॅमिली भी वहा आ पहुंची सभी हॉल में जमा थे शिवाय शिवम् के l सारिका पिले रंग की साड़ी में लिपटी आकर सोफे पर बैठ गयी उसने देखा वहा सब मौजूद है शिवाय उसके शिवम के l अधिराज जी की नजर जब सारिका पर पड़ी तो उन्होंने सर उचकाकर पूछा तो सारिका ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ना में गर्दन हिला दी l सारिका की बगल में बैठा अमित तो बस जैसे पलके झपकना भी नहीं चाहता था l
सारिका लग ही इतनी प्यारी थी की सबकी नजरे बस उस पर टिकी हुई थी l मेघना जी आगे आई और उन्होंने बॉक्स से सोने का कंगन निकाला और सारिका को पहनाते हुए कहा,”ये हमारा खानदानी कंगन है जो हर सास अपनी बहु को देती है l ये हमारे घर की रस्म है , आज से तुम हमारी हुई अब जल्दी से घर आ जाओ l “
मेघना की बात सुनकर सारिका की आँखों में आंसू भर आये l धीरे धीरे ही सही पर वह अपने रांझन से दूर होती जा रही थी आँखों में आये आंसुओ को उसने आँखों में ही रोक लिए l मेघना ने सारिका को और भी सामान दिया और साथ ही आशीर्वादो की झड़ी लगा दी l सारिका बस ख़ामोशी से सब देखती रही और पास खड़े अधिराज जी सारिका की ख़ामोशी को देखते रहे l बहुत कुछ चल रहा था उनके दिमाग में सारिका के लिए l रस्म के बाद सभी बैठकर बातें करने लगे l
रश्मि मेहुल के साथ शॉपिंग करने चली गयी , मुरारी सारिका और शिवम् को मिलाने की योजना बनाने में व्यस्त था l अनु सबके साथ बैठकर अमित की खिंचाई कर रही थी l शिवम् अपने कमरे में बैठा था ये रस्मे वो कैसे देख पाता वह बस शाम होने का इंतजार कर रहा था तक जल्दी से जल्दी सारिका की सगाई के बाद हमेशा हमेशा के लिए उस से दूर जा सके l ये पल उसके लिए बहुत मुश्किल और दरदभरे थे l अधिराज जी और अम्बिका अमित के मम्मी पापा के साथ बाहर गार्डन में चले गए ताकि अमित और सारिका को अकेले में बात करने का थोड़ा वक्त मिल सके l
“मैं भी बाहर जाऊ क्या ?”,अनु ने अमित को छेड़ते हुए कहा
“मेहरबानी आपकी !!”,अमित ने हाथ जोड़ते हुए कहा सारिका ख़ामोशी से बैठी शिवम् के बारे में सोचती रही l अमित की बात सुनकर अनु वापस सोफे पर बैठ गयी और कहा,”फिर तो मैं बिल्कुल नहीं जा रही !!”
“ठीक है बाबा मत जाओ और ये बताओ आज शाम सगाई में तुम क्या पहनने वाली हो ?”,अमित ने कहा
“आज तो सब मुझे देखते ही रह जायेंगे , अरे तुम भी कन्फ्यूज हो जाओगे की अंगूठी किसको पहनाऊ मुझे या फिर दी को”,अनु ने इतराकर कहा तो अमित हंस पड़ा पर सारिका वैसे ही खामोश बैठी रही अमित ने देखा तो कहा,”सारिका तुम क्या पहनने वाली हो ?” अमित की बात का सारिका ने कोई जवाब नहीं दिया तो अमित ने अपना सवाल एक बार फिर दोहराया सारिका की तंद्रा टूटी तो उसने कहा,”जी !!
“मैंने पूछा शाम के फंक्शन में तुम क्या पहनने वाली हो ? समथिंग स्पेशल ?”,अमित ने सारिका की आँखों में देखते हुए कहा
“दी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा ? अमित अब तूम ही कुछ करो”,अनु ने अमित की बगल में बैठते हुए कहा
“ओहके , अच्छा अनु इंदौर में सबसे महंगी और डिजानर शोरूम कोनसा है ? हम तीनो चलकर सारिका के लिए कुछ यूनिक सा खरीदते है l क्यों सारिका ?”,अमित ने कहा
“ह्म्म्मम्म जैसा आपको ठीक लगे !”,सारिका ने धीरे से कहा
“ओके देन मैं अभी चेंज करके आती हु , दी आप भी कुछ लाइट पहन लो ये सब हेवी हो गया होगा”,कहकर अनु उठी और वहा से चली गयी l अनु के जाते ही सारिका भी उठकर जाने लगी तो अमित ने कहा,”सारिका !!”,
“जी !!”,सारिका ने पलटकर कहा l अमित मुस्कुराया और उठकर सारिका के सामने आकर कहा,”बहुत प्यारी लग रही हो ! तुम्हे मेरी नजर ना लगे”,कहते हुए अमित ने सारिका की आँख के किनारे से काजल निकालकर उसके कान के पीछे लगा दिया l अमित के करीब आने से सारिका को फिर वही बेचैनी महसूस हो रही थी उसने धीरे से कहा,”हम चेंज करके आते है”
“ठीक है , जल्दी आना ! मैं नहीं चाहता तुम मेरी आँखों से सामने से अब एक पल भी दूर रहो”,अमित ने सारिका के गाल को अपने होंठो से छूकर कहा l सारिका तेजी से वहा से निकल गयी और अमित वापस आकर सोफे पर बैठ गया lसारिका और अनु कपडे बदलकर आयी l अनु ने अमित से चलने को कहा तो अमित ने कहा,”अनु सोरी टू से बट मैं नहीं जा पाऊंगा , तुम और सारिका ले आओ l मैं अपना क्रेडिट कार्ड दे देता हूं”
“बट तुम क्यों नहीं ?”,अनु ने चिढ़कर कहा
“वो अक्चुली अभी अभी मुझे कॉल आया है एंड कुछ इम्पोर्टेन्ट मेल्स है जो मुझे चेक करने है सो , ट्राई टू अंडरस्टैंड”,अमित ने अपनी मज़बूरी जताई l
“अमित आर यू मेड ? आज तुम्हारी सगाई है दी के साथ और तुम आज भी , व्हाट द”,अनु ने गुस्से से कहा
“अनु प्लीज़ ये प्रोजेक्ट बहुत इम्पोर्टेन्ट है एंड सिर्फ 2 घंटे की बात है उसके बाद तुम लोगो के लिए वक्त ही वक्त है”,अमित से रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“लेकिन……………!”,अनु ने कहा तो सारिका बिच में बोल पड़ी,”अनु उन्हें कोई जरुरी काम होगा l हम समझ सकते है एक करते है तुम और हम साथ चलते है”
“थैंक्स सारिका ! और हा तुम लोग अकेले मत जाओ एक काम करो किसी को साथ ले जाओ”,कहते हुए अमित ने नजर दौड़ाई तो सामने से कमरे से आता शिवम् दिखा
उसने शिवम् को आवाज देकर अपने पास बुलाया और कहा,”हे शिवम् सारिका को आज शाम के फंक्शन में पहनने के लिए ड्रेस चाहिए , तुम मेरे लिए एक फेवर करोगे प्लीज l अनु और सारिका को मार्किट लेकर जाना है तुम साथ चले जाओगे ,, मैं जाता लेकिन मुझे एक जरुरी काम आ गया सो प्लीज़ !”
“ठीक है”,शिवम् ने कहा
“थैंक्स यार , ये मेरा कार्ड है बिल पे कर देना और हां , सारिका की पसन्द का लेना सब l ओके “,अमित ने कार्ड शिवम् की तरफ बढाकर कहा l
“रहने दिजिए बिल हम चूका देंगे”,शिवम् ने कार्ड वापस लौटाते हुए कहा
“अरे भई तुम कैसे ? मैं दे रहा हु न रख लो”,अमित ने कहा
“हमारी तरफ से सगाई का तोहफा सही”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर कहा और वहां से चला गया l
शिवम् के पीछे पीछे अनु और सारिका भी चली आई l शिवम् गाड़ी में बैठा था अनु और सारिका आकर गाड़ी में बैठ गयी l अनु ने मुरारी को भी साथ चलने का कहा l चारो शोरूम पहुंचे अनु और सारिका डिजायनर ड्रेसेस देख रही थी l कुछ ही दूर खड़ा शिवम् सारिका को देख रहा था l ड्रेस देखते हुए अनु के चेहरे पर जितनी ख़ुशी थी सारिका के चेहरे पर कोई भाव नहीं था l शिवम् से सारिका की उदासी देखी नहीं जा रही थी पर उसकी इस उदासी की वजह भी वही था l
कुछ देर बाद मुरारी उसके पास आया और कहा,”पहली बार ऐसा इंसान देखे है जो अपनी ही प्रेमिका की सगाई के लिए कपडे खरीद रहा है वो भी किसी और के लिए”
“मुरारी हम इनके लिए जितना करे उतना कम होगा”,शिवम् ने सहजता से कहा
“अरे का किये हो तुम उनके लिए ये जानते हुए भी की ऊह अमित से नहीं तुमसे प्यार करती है फिर काहे उसे किसी और का होने दे रहे हो l हम होते ना तो या तो मार देते या मर जाते”,मुरारी ने कहा
“मर तो हम भी रहे है मुरारी उनकी उदासी हर वक्त हमे ये एहसास दिलाती है कि ये सब की वजह हम है l जिससे हम प्यार करते है उसका गुस्सा , लड़ना , झगड़ना , अच्छी , बुरी सब बातें सुन सकते है पर जब उनकी नफरत हमारे हिस्से आती है तो पल पल मारने जैसा ही गुजरता है”,शिवम् ने कहा
मुरारी को शिवम् की बात सुनकर दुःख हुआ अनजाने में ही सही उसने शिवम् का दिल दुखा दिया l मुरारी बाहर चला गया l
शिवम् ने देखा सारिका को अब तक कुछ पसन्द नही आया तो वह उनके पास आया और दुकानवाले से कहा,”भाईसाहब लड़की सबसे ज्यादा खूबसूरत लहंगे में लगती है l आप इन्हें कोई अच्छा लहंगा दिखाईये”
“जी भैया”,कहकर दुकानवाला लहंगे दिखाने लगा l सारिका ने सबसे कम कीमत वाला लहंगा पसंद किया जो गुलाबी और हलके हरे रंग का जिस पर गोल्डन जरी का काम किया गया था l दुकानदार ने पैक करवा दिया l शिवम् बैग सारिका को थमाकर काउंटर की तरफ बढ़ गया
“दी आपकी सगाई है और आपने सिर्फ 13000 हजार का लहंगा पसन्द किया , मतलब इतना सस्ता व्हाई ?”,अनु ने कहा
सारिका मुस्कुराई और शिवम् की तरफ इशारा कर्जे कहा,”सामने खड़े उस इंसान को देख रही हो , वो एक मिडिल क्लास फैमिली से है उनके पास इतना पैसा नही है लेकिन फिर भी अगर हम ज्यादा कीमत का खरीदते तो बिना किसी झिझक के उसके पैसे भर देते जो की हमे अच्छा नहीं लगता l उनके लिए पेसो का बहुत इंपोर्टन्स है”
सारिका की बात सुनकर अनु ने शिवम् की तरफ देखा उसे शिवम् और भी अच्छा लगने लगा था l तीनो बाहर आये मुरारी पहले से गाड़ी में बैठा था सारिका ने उसे बाहर आने को कहा l मुरारी बाहर आया तो सारिका सबको लेकर सामने शॉप में लेकर गयी और दोनों के लिए कपडे दिखाने को कहा l मुरारी के लिए जीन्स और डार्क ग्रीन शर्ट ख़रीदा शिवम् के लिए काले रंग का कुरता पजामा l बिल सारिका ने ही पे किया और चारो घर आ गए l शिवम् काम में अधिराज जी की मदद करने लगा
शाम को मुरारी गार्डन में एक कुर्सी पर अकेला बैठा शिवम् और सारिका के बारे में सोचने लगा l सारिका अपने कमरे में आई उसने बैग से वह लहंगा निकाला और उसे छूकर महसूस करने लगी आँखों से आंसू बहकर गिरने लगे l शिवम् से दूर जाने का दर्द असहनीय था जो सारिका की आँखों से बह रहा था दरवाजे पर खड़े अधिराज जी ने देखा और ख़ामोशी से बिना सारिका से कुछ कहे चले गए l
अनु ने मुरारी को बगीचे में अकेले बैठे देखा तो उसके पास चली आई और कंधे पर मारते हुए कहा,”व्हात्सप्प चिरकुट , इतना चुप चुप कैसे बैठे हो ? क्या हुआ एनी प्रॉब्लम ?”
मुरारी ने अनु से पास बैठने का इशारा किया अनु उसकी बगल में बैठ गयी और कहा,”अब बता भी दो और कितना भाव खाओगे ?
“एक्को समस्या है तुम नही समझोगी “,मुरारी ने कहा
“अरे बताओ तो सही अनु द ग्रेट के पास हर प्रॉब्लम का सोलुशन है”,अनु ने अपनी तारीफ में कहा
“हमरा एक्को दोस्त है ऊह किसी से बहुते ज्यादा प्यार करता है , उह लड़की भी उस से उतना ही प्यार करती है”,मुरारी ने कहा
“हां तो इसमें कोनसी समस्या हर कोई किसी ना किसी से प्यार करता ही है”,अनु ने असमझ की स्तिथि में कहा
“हम्म्म्म उह लड़की की शादी अब किसी और से हो रही है समझ नही आ रहा शादी कैसे रोके ?”,मुरारी ने कहा
“अरे तुम हो ना उसके दोस्त तुम किस दिन काम आओगे , जब मिया बीवी राजी तो क्या करेगा दुसरा लड़का ?”,अनु ने कहा
“रायमिंग नही बनी”,मुरारी ने कहा
“रायमिंग छोडो दोस्त के बारे में सोचो , तुम जाकर सीधा सीधा बोल दो लड़की के बाप को”,अनु ने कहा
“उह का बाप हमारे दोस्त को पसन्द नही करता , ओर हम कहने गए तो हो सकता है बात और बिगड़ जाये”,मुरारी ने कहा
“अरे क्या कर लेगा वो बूढ़ा , ज्यादा से ज्यादा दो इमोशनल डायलॉग मार देगा , खानदान की इज्जत , लोगो की बाते एट ऑल बदले में तुम 4 डायलॉग चिपका देना और फिर भी नहीं माने तो दो कंटाप धर देना कान के नीचे अपने आप बूढ़े को अक्ल आ जायेगी”,अनु ने कहा
“कैसी लड़की है अपने ही बाप को पीटने की बात कर रही है”,मुरारी ने मन ही मन कहा और फिर अनु का हाथ पकड़ कर कहा,”इस के अलावा कोई और आइडिया है ?”
“एक आइडिया है”,अनु ने चहककर कहा
“का जल्दी बताओ ?”,मुरारी ने कहा
“अगर दूल्हा शादी में पहुंचे ही नहीं तो ? शादी कैंसल !”,अनु ने कहा
“मतबल ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा
“अरे बुद्धू ! जिस लड़के से तुम्हारी भाभी की शादी होने वाली है उसको उठा लो , शादी वाले दिन अगर दूल्हा नही होगा तो शादी कैसे होगी ? सोचो !”,अनु ने समझाते हुए कहा
“वाह ये की न तुमने काम की बात , जी तो कर रहा है मुंह चुम ले तुमरा l मतबल इतना खुराफाती दिमाग लाती कहा से हो तुम ?”,मुरारी ने कहा
“ए मुरारी ! तेरे दोस्त की बीवी की शादी तो केंसल समझ , अब मैं जा रही हु दी को देखने वो तैयार हुई के नहीं “,कहते हुए अनु उठी और चली गयी मुरारी उसे जाते हुए देखता रहा और सोचने लगा,”बेचारी इसको इह नही पता की इह हमको अपने ही जीजा को किडनेप करने का आइडिया देकर गयी है l बेचारी ! पर कोई ना तुमरे लिए तो हम है ना तुमरे मिस्टर परफेक्ट”
मुरारी उठा और तैयार होने चला गया l शिवम् ने सारिका के लाये कपड़ो को पहना बहुत खूबसूरत लग रहा था l
मुरारी ने भी कपडे पहने और गले में अपना गमछा डालकर बाहर आया l अनु ने ब्लेक रंग का गाउन पहना था डीप बैक वाला जैसे ही मुरारी के सामने आई मुरारी तो बस बेहोश होते होते बचा l अनु ने देखा सारिका की खरीदी हुई ड्रेस उस पर जच रही है लेकिन जैसे ही नजर गमछे पर गयी वह मुरारी के पास आई और उसके गले से गमछा निकालकर कहा,”चिरकुट ये तुम्हारा गांव नही है जो गले में ये डालकर घूम रहे हो , शहर की पार्टी है यार कुछ तो स्टैंडर्ड रखो”
मुरारी मुस्कुरा दिया तो अनु वहा से चली गयी l वह गमछा जिसे मुरारी अपनी जान से ज्यादा सम्हाल कर रखता था आज अनु ने निकाला तो मुरारी को बिलकुल बुरा नहीं लगा क्योंकि अनु भी तो अब उसकी जान ही थी मुरारी होश में आया तो उसे याद आया की उसे अमित का काम भी करना है l मेहमान आने लगे थे मुरारी सबसे नजरे बचाते हुए अमित के कमरे में आया मुरारी को वहा देखकर अमित चोंक गया और कहा,”अरे मुरारी तुम यहाँ , अच्छा ये बताओ कैसा लग रहा हु ?”
“अरे भैया बहुते कंटाप लग रहे हो , मतलब एकदम हे गजब जी कर रहा है एको काला टिका लगा दू तुमरी गर्दन पे “,कहकर मुरारी ने अपना अंगूठा अमित की गर्दन पर लगाया अमित कुछ समझ पाता इस से पहले ही उसकी आँखों के आगे अन्धेरा छाया और वह गिर पड़ा l गर्दन की एक खास नस होती है जिसे दबाने पर इंसान कुछ देर के लिए बेहोश हो जाता है l मुरारी ने अमित को सोफे पर लेटाया और कंबल ओढा दी l इतने में किसी ने आकर कहा,”अमित कहा है ?”
मुरारी एकबारगी घबरा गया और फिर खुद को संयत करके कहा,”अमित तो अभी अभी बाहर गया है”
“अच्छा ठीक है”,कहकर आदमी जाने के लिए मुड़ा लेकिन अगले ही पल वापस पलटा और कहा,”ये सोफे पर कौन लेटा है ?
“अरे इह फूफाजी है , पेट खराब है इनका l ख़ुशी ख़ुशी में ज्यादा खा लिए थे”,मुरारी ने कहा
“ह्म्म्म , तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? चलो आओ सगाई शुरू होने वाली है”,कहकर आदमी चला गया l
उसके जाते ही मुरारी ने चैन की साँस ली और कमरे को बन्द करके बाहर आकर मेहमानों में शामिल हो गया l मुरारी मन ही मन महादेव से सब ठीक होने की कामना कर रहा था और आकर शिवम् की बगल में खड़ा हो गया l कुछ देर बाद सारिका आई गुलाबी लहंगे में वो इतनी प्यारी लग रही थी की शिवम् तो बस देखता ही रह गया पर जैसे ही नजर सारिका की उदास आँखों पर पड़ी वह भी उदास हो गया l
सभी मौजूद थे बस अमित कही नजर नही आ रहा था l इंतजार करते करते आधा घंटा निकल गया लेकिन अमित नही आया उसे फोन किया तो कोई जवाब नही सभी परेशान हो गए l मुरारी मन ही मन खुश हो रहा था कि तभी अमित आ पहुंचा उसकी बदहवास हालात देखकर सब हैरान थे अमित ने आते ही मुरारी को देखा तो उसे अपने पास बुलाकर अधिराज जी को सारी बाते बता दी l
सारिका के साथ साथ सब हैरान थे अनु तो एक कोने में छुप गयी ये आइडिया उसी ने तो दिया था मुरारी को लेकिन वो उसके घर में ही इस्तेमाल करेगा किसे पता था l मुरारी की इस हरकत पर शिवम् ने अपना सर पकड़ लिया शिवम् कोई तमाशा नही चाहता था और मुरारी ने इतना बड़ा कांड कर दिया l अधिराज जी मुरारी के पास आये और गुस्से से उसकी बाँह पकड़कर कहा,”क्यों किया ये सब तुमने ?
“अरे तो और का करते हम ?”,मुरारी ने झटके से अधिराज जी के हाथ से अपनी बाँह छुड़ाकर कहा l
सब मुरारी की तरफ देखने लगे सारिका भी स्तब्ध थी मुरारी ने एक गहरी सांस ली और कहना शुरू किया,”तो का करते हम ? ये जो यहाँ खड़ी है सारिका जी ये अमित से नहीं किसी और से पियार करती है और इह प्यार आज का नहीं बल्कि 14 सालो का प्यार है l तुमरी ख़ुशी के खातिर उह हँसते हँसते अमित से शादी करने को तैयार हो गयी l उह लड़का जिस से ये प्यार करती है वो कोई और नही हमारे भैया है शिवम् भैया , अरे बचपन से उनको इनका इंतजार करते देखते आये है ऐसे कैसे अलग हो जाने दे दोनों को ?
और हमारे भैया उह तो सारिका जी से भी महान निकले जब उनको पता चला की आप की ख़ुशी इह सब मा है तो आपकी ख़ुशी के खातिर अपने प्यार को भुला दिया उन्होंने ताकि सारिका जी को उनके पापा का प्यार मिल सके l दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करते है कि एक दूसरे की खुशी के खातिर एक दूसरे को दर्द दे दिया l अमित को यहाँ आने से रोकने का सिर्फ एको ही मकसद रहा हमारा की हमारी सारिका भोजाई और भैया मिल जाये l”
मुरारी की बात सुनकर सबको झटका सा लगा l अनु को तो अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था अधिराज जी ने कहा,”ये सब क्या बकवास है ?”
मुरारी ने सारिका की तरफ देखा तो उसने ना में गर्दन हिलाकर मुरारी को आगे ना बोलने का इशारा किया उसकी आँखों से आंसू बहते जा रहे थे l
मुरारी को उसके आंसू देखकर तकलीफ हुई लेकिन उसने कहा,”नहीं भाभी आज हम ना रुकी है” और फिर अधिराज जी तरफ पलटकर कहा,”सर सारिका जी आपसे इतना प्यार करती है कि आपकी ख़ुशी के लिए वो आपके चुने लड़के से शादी भी कर लेगी पर उह कभी खुश नही रहेंगी l आपके सामने , लोगो के सामने एक पल के लिए खुश रहने का नाटक करेगी तो ये नाटक इनको जिंदगीभर करना पड़ेगा लेकिन इनकी आँखे इसी तरह आंसुओ से भरी रहेंगी “
“सारिका क्या अमित आपके लिए सही नहीं है ?”,अधिराज जी ने गुस्से से सारिका से पूछा
सारिका खामोश खड़ी रही तो अधिराज जी ने फिर से कहा,”सारिका हमने पूछा अमित आपको पसन्द है या नहीं ?
सारिका ने ना में अपनी गर्दन हिला दी l अधिराज जी ने देखा तो पास रखी कुर्सी पर धड़ाम से गिर पड़े सारिका जैसे ही आगे बढ़ी अधिराज जी ने हाथ दिखाकर उसे रोक दिया l सारिका की आँखों से आंसू बहने लगे l मुरारी अधिराज जी के पास आया और उनके पास बैठकर कहने लगा,”सर चुप मत रहिये सर ये दो लोगो की जिंदगी का सवाल है , ऐसे चुप रहेंगे तो उह लोगन को लगेगा कि ऊ का प्यार गलत है l
हमारे भैया बहुते अच्छे इंसान है सर उह सारिका जी को बहुत खुश रखेंगे सर l इनको अलग नाही करो सर !”
मुरारी की आँखों से आंसू छलक आये l अधिराज जी उठे और गुस्से से शिवम् की तरफ बढे उन्होंने शिवम् का हाथ पकड़ा और खींचते हुए उसे सबके बीच लाये l अधिराज जी ने शिवम् को सारिका के सामने करके कहा,”तो ये है आपकी पसंद सारिका !”
सारिका ने अपनी भीगी पलके उठाकर शिवम् को देखा दर्द आँखों से होकर चेहरे पर उतर आया था l
शिवम् ने अधिराज जी तरफ देखा तो वे कहने लगे,”जब इसे पहली बार देखा था तभी हमे समझ आ गया था कि ये लड़का मुम्बई आपके लिए आया है l जब इसने गुप्ता जी के बारे में बताया तो पहली बार हमने इसकी आँखों में गुस्सा देखा , सारिका की हिफाजत के लिए l जब हमने इस से कहा की हमे बनारस से नफरत है तब एक बैचैनी देखी थी हमने इसकी आँखों में l
इसकी आँखों में और बातो में सारिका के लिए हमने हमेशा प्यार और सम्मान देखा l हमे लगा ये यहाँ नहीं आयेगा पर ये आया और इसके यहाँ आने के बाद ही हमे अहसास हुआ की सारिका भी इस से उतना ही प्यार करती है जितना ये सारिका से l सारिका की एक खासी पर ये कैसे तड़प उठा था ये हमने देखा , रस्म के समय सब मौजूद थे पर सारिका की नजर इसे ढूंढ रही थी l
एक मामूली से लहंगे को अपने हाथों में लेकर जब हमारी बेटी को हमने आंसू बहाते देखा तब हमें समझ आया की हमसे गलती हुई l सारिका के लिए शिवम् से अच्छा लड़का हो ही नही सकता l “
अधिराज जी की बात सुनकर सब हैरान थे मुरारी की आँखों में तो आंसू आ गए उसकी आखरी कोशिश कामयाब होती नजर आ रही थी l सारिका की आँखों से आंसू झर झर बहते जा रहे थे वह कभी अधिराज जी तो कभी शिवम् को देखती l
अधिराज जी ने पंडित जी की और देखकर कहा,”पंडित जी अंगूठियां लाइये !
पंडित जी अंगूठी ले आये l अधिराज जी की बाते सही थी और शायद इसीलिए अमित और उसके घरवाले खामोश थे
अधिराज जी ने थाली से अंगूठी उठाई और शिवम् के हाथ में थमाकर कहा,”पहना दे सारिका को अंगूठी , कर दे ये बनवास ख़त्म !”
शिवम् की आँखों में आंसू भर आये वह अधिराज जी के पैरों को छूने लगा तो अधिराज जी ने उसे रोककर गले लगा लिया और कहा,”एक पिता चाहता है कि उसकी बेटी को ऐसा लड़का मिले जो उसे खुश रखे , उसकी हर ख्वाहिश पूरी करे पर तुमने तो उसकी ख़ुशी के लिए उसी को छोड़ने का फैसला कर लिया l इस से प्यार और क्या होगा बेटा , जा पहना दे उसे अंगूठी और ले जा उसे वापस अपनी दुनिया में”
शिवम् ने अपने आंसू पोछे और सारिका की तरफ बढ़ा सारिका की आँखों से आंसू बहते जा रहे थे l शिवम् ने उसके कांपते हाथ को अपने हाथ में लिया और अंगूठी पहना दी l अम्बिका ने अपने आंसू पोछे और सारिका के पास आकर अंगूठी उसकी तरफ बढ़ा दी l सारिका ने एक नजर अमित पर डाली तो अमित मुस्कुराते हुए उसके पास आया और कहा,”प्यार तो तुम दोनों का है सारिका मैं तो तुम्हारी जिंदगी में एक चुनोती बनकर आया था l
शिवम् तुम्हारे लिए परफेक्ट है l पगली ! एक बार कहा होता मैं तुम्हे तुम्हारे रांझणा से मिलवा देता , बस एक वादा करो की इन आँखों में अब कभी आंसू ना आये l”
सारिका अमित के गले लग गई तो अमित ने कहा,”सारिका शिवम् को रिंग पहना दो l अपने रांझणा को अपना लो”
सारिका ने अपने आंसू पोछे और अंगूठी शिवम् की ऊँगली में पहना दी l
मुरारी ने देखा तो अपने आंसू पोछे अधिराज जी ने उसे खींचकर गले लगाते हुए कहा,”अरे क्या यार मुरारी पहले सबको इमोशनल किया और अब खुद ही !! तुम आदमी टेढ़े हो पर बातें सारी सीधी करते हो”
मुरारी मुस्कुरा उठा और अपनी आँखे पोछ ली l
शिवम् और सारिका आँखों में आंसू भरे एक दूसरे के सामने खड़े थे शिवम् ने अपनी पलके झपकाई तो सारिका उसके सीने से आ लगी शिवम् ने भी उसे अपने सीने से लगाकर आँखे मूंद ली l इतने दर्द के बाद दोनों एक दूसरे के हो गए थे
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