Sanjana Kirodiwal

रांझणा – 39

Ranjhana – 39

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 39

सारिका और शिवम् बेपरवाह से सोये हुए थे ! दूसरी और मुरारी अनु की बेवकूफी के कारण उसके साथ स्टोर में बंद हो गया l हद तो तब हो गयी जब कॉकरोच के डर से अनु उछलकर मुरारी की गोद में आ गिरी ! मुरारी ने हाथ उठा दिए l वो क्या है न अपना मुरारी कभी अपनी सीमाएं नहीं भूलता लेकिन अनु का उसके करीब आना दिल धड़काने जैसा था l मुरारी ने दबी आवाज में कहा,”अइसन मत चिपको कुछ कुछ हो रहा है”

“वो वो उधर कॉकरोच है”,अनु ने आंखे मीचे मुरारी से चिपके हुए कहा !

“लौंडो से तो कैसे लड़ लेती हो तुम ? और यहाँ इत्तु से कॉकरोच से डर रही हो”,मुरारी ने कहा

अनु ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से अपनी आँखे मीचे रखी मुरारी ने अनु को डराने के लिए कहा,”वैसे वो इधर ही आ रहा है , कितना भयानक दिखता है”

मुरारी की बात सुनकर अनु ने उसे और कसकर पकड़ लिया और कहा,”प्लीज़ प्लीज़ उसे भगाओ , आई प्रॉमिस मैं आज के बाद तुम्हे कभी परेशान नहीं करुँगी ! और जो तुम कहोगे करूंगी बस उस कॉकरोच को भगाओ प्लीज़”

“पक्का कभी परेशान नहीं करोगी ?”,मुरारी ने कहा

“हां बाबा पक्का , पक्का”,अनु ने कहा

“वो भाग गया !”,मुरारी ने कहा जबकि कॉकरोच वहा था ही नहीं वो तो कबका वहा से भाग गया था l अनु ने होले से अपनी आँखे खोली और इधर उधर देखा कॉकरोच सच में नहीं था उसकी जान में जान आई ! वह मुरारी से दूर हुई लेकिन वापस उसके सीने पर आ गिरी ! चैन का एक सिरा मुरारी की शर्ट में उलझ गया था ! अनु ने खींचा तो मुरारी ने कहा,”हम निकाल देते है” अनु ने छोड़ दिया मुरारी ने आहिस्ता से उसकी चैन निकाल दी ! अनु मुरारी की बगल में ही बैठ गयी और सुस्ताने लगी कुछ देर बाद मुरारी ने ही कहा,”तुमसे एक बात पूछे ?

अनु – हां पूछो !

मुरारी – तुम हमको इतना परेशान काहे करती हो ?

अनु – मजा आता है , जब तुम गुस्सा होते हो न तो तुम्हारी शक्ल देखने लायक होती है (हसने लगती है)

मुरारी – तुम ना बहुते अजीब हो (चिढ़कर कहता है)

अनु – और तुम्हारी लेंग्वेज बहुत अजीब है ये जब देखो तब क्या बोलते रहते हो तुम ? हमरा , तुमरा , बवाल , कंटाप , बहुते कहा से सीखी है ?

मुरारी – हमरे बनारस में ऐसे ही बोला जाता है , उह तो हम थोड़ा हिंदी मिक्स बोलते है नहीं ते तुमको कछु समझ ही नहीं आएगा

अनु – पर शिवम् जी तो तुम्हारी तरह नहीं बोलते , उन्हें बोलते हुए सूना मैंने

मुरारी – वो का है के भैया जॉन है वो बनारस के कॉलेज में रहे है तो वहा रहके हिंदी पर पकड़ बना ली , अभी जबे हमसे बात करते है तब बोलते है कभी कभी

अनु – अच्छा , कैसा है तुम्हारा बनारस ?

मुरारी – अरे बहुते अच्छा है , मतलब तुम एक्को बार वहा आयी ना तो तुमरा वापस जाने का मन नहीं करेगा

अनु – अच्छा ऐसा क्या है वहा ?

मुरारी – अरे हम है न वहा (अदा से अनु की और देखकर कहता है)

अनु – मतलब इतनी दूर हम सिर्फ तुम्हारी ये शक्ल देखने जाये

मुरारी – ओह्ह्ह हेलो मैडम जी , आप शक्ल देखने आये भी ना तो वेटिंग में नंबर होगा आपका , लाइन लगी है बनारस में हमे देखने के लिए

अनु – तो फिर यहाँ क्या कर रहे हो जाओ ना बनारस (चिढ़कर कहती है)

मुरारी – का बताये ? हमारा तो यहाँ रुकने का बिल्कुल ही मन नहीं है वो तो बस भैया के खातिर रुके है l वरना तुमरे मुंबई को तो हमरा दूर से ही सलाम

अनु – क्यों ? क्या बुराई है मुंबई में ?

मुरारी – सब गड़बड़ है यहाँ , अरे इते छोटे छोटे कपडे पहनती सब की शर्म भी शरमा जाये ! कितना दिखाना है कितना छुपाना है कुछ नहीं मालूम यहाँ की लड़कियों को !! अरे कपडे पहनना तो को सारिका जी से सीखे , कितनी खूबसूरत दिखती है ! उसपर उनकी सादगी चार चाँद लगा देती है उनकी सुंदरता में”

मुरारी की बात सुनकर अनु कंधे पर आये अपने टॉप को सही करने लगी ! शॉर्ट्स को निचे खिंचा ताकि जो खुलकर दिख रहा था वो कुछ छुपा सके ! मुरारी की नजर पड़ी तो उसने कहा,”अब खेंचने से का फायदा ? कोनसा इह बड़ी हो जाएगी !!”

अनु ने मुरारी की और देखा और खिंसिया कर मुस्कुरा दी ! मुरारी सामने देखते हुए कहने लगा,”हमरे बनारस में देखो ना तुम तो जानो खूबसूरती क्या होती है , खैर तुमको क्या समझाना अब”
मुरारी की इस बात पर अनु चिढ गयी और दूसरी और मुंह घुमाकर बैठ गयी l बाहर बारिश होने लगी थी , मुरारी बैठा बैठा अपनी किस्मत को कोस रहा था अनु को नींद आने लगी थी और नींद में उसका सर मुरारी के कंधे से आ लगा l

मुरारी ने अनु के चेहरे की और देखा सोते हुए कितनी मासूम लग रही थी वो तभी उसके बाल उसके चेहरे पर आ गिरे मुरारी ने उंगलियों से बालो को साइड किया तो उसने अनु के चेहरे को बहुत गौर से देखा l जिस खूबसूरती की वह कुछ देर पहले बात कर रहा था वह अब उसे अनु के चेहरे में दिखाई दे रही थी l चेहरे से होकर मुरारी की नजर अनु की टाँगों पर गयी छोटी सी शॉर्ट्स में उसकी गोरी मांसल जांघे किसी की भी बैचैनी बढ़ा दे पर अपना मुरारी ऐसा नही था उसने गले से गमछा निकाला और उस से अनु के पैर ढक दिए l

वह बिल्कुल बहकना नही चाहता था इसलिए अनु से अपना ध्यान हटाकर दूसरी और देखने लगा l रात गहराने लगी मुरारी को भी उबासियां आने लगी तो उसने सर दिवार से लगा लिया नींद में उसका सर अनु के सर से आ लगा l दोनों बवाल शांति से एक दूसरे के साए में सोए पड़े थे l रोशनदान से आती हवा से अनु ने मुरारी की बांह को पकड़ लिया l l बाहर बरसती बारिश और तेज होकर उनके रिश्ते का आगाज कर रही थी l

आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स -:

सारिका सोफे पर सो रही थी शिवम् की नींद खुली वह उठा और खिड़की के पास आया हलकी बारिश एक बार फिर शुरू हो चुकी थी l खिड़की से हटकर वह सारिका के पास आया उसे सोते हुए देखकर वह वहां से नीचे चला आया शिवम् को देखते ही गार्ड दौड़कर आया और सलाम किया l शिवम् ने उसे चाबी दी और पार्किंग से गाड़ी लाने को कहा l कुछ देर बाद गार्ड गाड़ी पोर्च में ले आया शिवम् ने गाड़ी से अपना सामान निकाला और लेकर ऊपर आया l

देखा तब तक सारिका उठ चुकी थी और सोफे पर बैठकर अपने बालों को समेट रही थी खिड़की से आती धुप की किरणें सीधे उसके चेहरे पर गिर रही थी शिवम् तो बस उस सुनहरे चेहरे में खोकर रह गया l सारिका ने देखा तो शिवम् के पास आई और कहा ,”हमे चलना चाहिए , अनु हमे घर पर न पाकर परेशान हो रही होगी”
“ह्म्म्म हम आपको घर तक छोड़ देते है”,शिवम् ने सामान टेबल पर रखते हुए कहा
“नहीं हम चले जायेंगे”,सारिका ने कहा और शिवम् से चाबी लेकर वहां से चली गयी l


शिवम् ने सोफे पर पड़ी चद्दर उठायी तो सारिका के कान का एक झुमका आकर नीचे गिरा शिवम् ने उसे उठाया और टेबल पर रख दिया l उसके चेहरे से मुस्कान जाने का नाम नही ले रही थी l आज की सुबह कितनी खूबसूरत थी ये सिर्फ वो जनता था l उधर अनु और मुरारी एक दूसरे के सर से सर लगाये सो रहे थे l अनु की नींद खुली तो उसने खुद को मुरारी के पास पाया वह झटके से उठी और कहां,”तुम मेरे पास कैसे आये ?
“सुबह सुबह का बड़बड़ाये रही हो ?”,मुरारी ने आँखे मसलते हुए कहा l


“सच सच बोलो तुमने क्या किया मेरे साथ”,अनु ने आँखे कहा
“अरे हम का करेंगे ? और क्यों करेंगे कुछ ?”,मुरारी ने कहा
“तुम रातभर मेरे पास ही , मेरे कंधे पर सर रखके सो रहे थे l जरूर तुमने कुछ किया होगा “,अनु ने परेशान होकर कहा
मुरारी उठा ओर कहा,”अरे इह का बोले जा रही हो तुम कुछ भी हम ऐसा क्यों करेंगे l वो तो तुमरा ही सर हमरे कंधे से आ लगा तो तुमको नींद से जगाये नही हम”


“हां हां सब समझती हूं मैं , सब लड़के ऐसा ही करते है l अकेली लड़की देख के ना फायदा उठा लेते है”,अनु ने कहा
“अभी एक कंटाप देंगे रख के , इतना गिरा हुआ समझी हो का हमको ?”,मुरारी ने आगे बढ़ हाथ से थप्पड़ दिखाकर कहा
“हां तो वापस भी खा लोगे “,अनु ने भी घूरते हुए कहा
“तुम्हरा मुंह तोड़ देंगे हम किसी दिन”,मुरारी ने गुस्से से कहा
“तुम्हारे कपडे फाड़ दूंगी मैं”,अनु भी तांव में आ गयी l


मुरारी का गुस्सा पल में गायब हो गया और उसने शरमाते हुए कहा,”अब देखो यार ये लड़ाई झगड़े में ना रोमांस को बिच में ना लाओ तुम”
“हुंह !”,कहकर अनु जैसे ही दूसरी और बढ़ी फिसलकर गिर पड़ी गिरते गिरते मुरारी का हाथ पकड़ा तो उसे भी अपने साथ ले गिरी l गुस्से से दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते जा रहे थे l मुरारी ने खुद को सम्हाला और जल्दी से उठा l अनु भी उठी और मुरारी को धक्का देकर कहा,”तुम जान बूझकर गिरे ना ?
“अरे ! तुमने ही तो हाथ पकड़ के गिराया”,मुरारी ने हैरानी से कहा


“तुम ना एक नम्बर के बेशर्म हो , बदतमीज हो और और “………….!”,अनु कहते हुए रुक गयी
“और क्या ? बाकि रह गया कुछ तो वो भी कह दो “,मुरारी ने गुस्से से कहा l
“अभी ना मेरे दिमाग में नही आ रहा , बाद में बताउंगी”,अनु ने मुंह बनाते हुए कहा
“दिमाग होगा तब हे तो कहोगी”,मुरारी ने कहा
“यु !”,कहते हुए अनु जैसे ही मुरारी की और बढ़ी मुरारी ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया


“छोडो मुझे “,अनु ने अपनी पूरी ताकत लगाकर हाथ छुड़ाते हुए कहा तो टॉप की स्लीव गलती से फट गई l अनु को लगा ये मुरारी ने जान बूझकर किया है वह पीछे हटी और कहा,”देखो तुम कुछ ऐसा वैसा तो नही सोच रहे ना , मैं बता रही हु तुमको , तुम जानते नही मेरे पापा कौन है ?
मुरारी की नजर आने के टॉप पर गयी वह धीरे धीरे अनु की तरफ बढ़ने लगा आँखों में एक अलग ही चमक जो अनु की बेचैनी बढ़ा रही थी l
“देखो मेरे पास मत आओ , मैं चिल्ला दूंगी”,अनु ने डरकर पीछे कदम बढ़ाते हुए कहा l


मुरारी अनु की और देखते हुए एक एक करके अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा l उसे ऐसा करते देख अनु का दिल धड़क उठा और उसने कहा,”ये ये ये क्या क्या कर रहे हो ? शर्ट क्यों उतार रहे हो ? देखो मुरारी मेरी दी तुम्हारी दोस्त है ना तो तुम उनकी बहन के साथ ऐसा थोड़े करोगे”
मुरारी ने अनु की बात को अनसुना कर दिया और उसकी और बढ़ता रहा l पीछे खिसकती हुई अनु की पीठ दिवार से जा लगी l उसका दिल जोरो से धड़क रहा था मुरारी ने शर्ट निकालकर हाथ में पकड़ी और अनु के बिल्कुल सामने आकर दुसरा हाथ दिवार से लगा लिया l

वह अब भी अनु को देखे जा रहा था और अनु घबराई हुई सी उसे l मुरारी ने अनु को घूरते हुए जैसे ही अपना निचला होठ दांतो तले दबाया अनु ने घबराकर आँखे बंद कर ली l मुरारी उसके साथ क्या करने वाला है सोचकर ही उसके माथे पर पसीने की बुँदे उभर आई l जब मुरारी ने कुछ नहीं किया तो अनु ने आहिस्ता से अपनी आँखे खोली और देखा मुरारी अब भी वैसे ही उसके सामने खड़ा था l

अनु ने उसकी आँखों में देखा तो मुरारी हल्का सा मुस्कुराया और साइड में देखते हुए शर्ट अनु की तरफ बढाकर कहा,”गलती से तुमरा कमीज फट गया , अब अइसन बाहर जाओगी तो लोग गलत समझेंगे l इह शर्ट पहिन लो l
मुरारी शर्ट अनु को देकर पलट गया अनु ने शर्ट पहन लिया l उसकी आँखों में आंसू छलक आये l वह डर गई थी मुरारी ने उसकी तरफ पीठ की हुई थी इसलिए उसकी आँखे नही देख पाया l
“मुरारी !”,अनु ने धीरे से कहा


मुरारी अनु की और पलटा और कहा,”थोड़े बेशर्म जरूर है और बदतमीज भी पर अपनी मर्यादा समझते है ! “
मुरारी की ये बात अनु के दिल तक जा लगी l
मुरारी आकर दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया l और गार्ड के आने का इंतजार करने लगा l अनु भी चुपचाप आकर दरवाजे के दूसरी तरफ खड़ी हो गयी और मुरारी को देखने लगी l छोटी छोटी आँखे , दाढ़ी , बांये कान में एक सोने की बाली , गले में नारंगी रंग का गमछा , सुर्ख होंठ उनमे से झांकते सफ़ेद मोती से दाँत , बांये गाल में पड़ा गड्डा , गठीला बदन अनु ने पहली बार मुरारी को इतने गौर से देखा था l


कुछ ही देर बाद गार्ड उधर से गुजरा तो मुरारी ने दरवाजा बजाकर उसे रोका l गार्ड ने चाबी निकाली और दरवाजा खोला और अंदर आया वह कुछ बोलता इस से पहले ही मुरारी ने एक थप्पड़ उसे मारते हुए कहा,”साले देख के दरवाजा बंद किया करो l “
मुरारी वहा से निकल गया गार्ड अपने गाल पर हाथ लगाये मुरारी को जाते हुए देखता रहा l अनु उसके सामने आयी तो उसने कहा,”मैडम आप भी यही थी”
अनु ने उसके दूसरे गाल पर थप्पड़ रसीद किया और कहा,”दी से तनख्वा क्या सोने की लेते हो”

कहकर अनु भी वहां से चली गयी l बेचारा गार्ड दोनों गालों पर हाथ लगाये वहा से चला आया l

अनु मुरारी से बात करने बाहर आई तब तक मुरारी अपनी बाइक लेकर वहां से जा चुका था l अनु उदास होकर घर के लिए निकल गयी l सारिका घर पहुंची गाड़ी साइड में लगे और अंदर आई तो देखा अनु घर पर नही है l
“ये लड़की इतनी सुबह सुबह कहा चली गयी ?”,कहकर सारिका ने अनु को फोन लगाया रिंग जाती रही तभी सारिका की नजर सामने से आती अनु पर पड़ी l अनु जैसे ही अंदर आई सारिका ने पूछा,”अनु ये सुबह सुबह कहा से आ रही हो ?
“जॉगिंग दी मॉर्निंग वॉक”,अनु ने हाथ पांव हिलाते हुए कहा l


सारिका ने अनु को गौर से देखा और कहा,”इन कपड़ो में ?
“हां इन कपड़ो में क्या बुराई है ? सब कितना खुला खुला है न”,अनु ने कहा
“हां लेकिन ये शर्ट ? ये तो जेंट्स शर्ट है”,सारिका ने हैरानी से कहा
“मर गए अनु , अब क्या करूँ दी तो cid से भी ज्यादा सवाल जवाब करती है”,अनु ने मन ही मन कहा
“कुछ बोलोगी ?”,सारिका ने हाथ बांधकर कहा


“अरे दी वो , हमने अच्छा लगा तो हमने खरीद लिया रास्ते में”,अनु ने जल्दी जल्दी में कहा
“अच्छा ठीक है , चलो अंदर !”,सारिका ने कहा
दोनों बहनें अंदर आ गयी अनु बाथरूम की और बढ़ गयी l सारिका अपने कमरे में आई और कबर्ड से कपडे निकाले l कपडे लेकर सारिका जैसे ही शीशे के सामने से गुजरी रूक गई उसने देखा उसके कान का एक झुमका गायब है l

उसने कमरे में इधर उधर देखा पर नही मिला सारिका ने दुसरा निकालकर भी टेबल पर रख दिया l झुमका निकालते हुए उसकी नजर शीशे में पड़ी l अपने चेहरे में उसे शिवम् का चेहरा नजर आ रहा था l सारिका को बड़ा अजीब लगा l उसने इसे अपना वहम समझा और बाथरूम की और चली गयी l

नहाकर दोनों बहनें नाश्ते की टेबल पर आ बैठी l चुपचाप दोनों ने नाश्ता किया और फिर अनु कॉलेज और सारिका ऑफिस के लिए निकल गयी l

दो हफ्ते गुजर गए l सारिका और शिवम् धीरे धीरे एक दूसरे के करीब आते जा रहे थे l अमित से सगाई होने के बाद भी सारिका को एक बार भी उसका ख्याल नही आता था l अमित ही कभी कभार उसे फोन कर लिया करता था l अधिराज जी और अम्बिका मुम्बई आने की तैयारियां कर रहे थे l बचे अपने अनु और मुरारी तो भई हुआ यु की अनु की बात से हर्ट होकर मुरारी रहने लगा उस से दूर और अनु भी अपने कॉलेज में बिजी हो गयी l एक सुबह सारिका ने अनु को मम्मी पापा के आने की बात बताई तो अनु खुश हो गयी l

सारिका अपने ऑफिस में थी उसने अनु से उस शाम जल्दी घर आने को कहा l अनु घर तो आ गयी पर उसे बोरियत महसूस होने लगी उसने घडी में टाइम देखा और खुद से कहा
“मम्मी पापा के आने में अभी टाइम है और आज दी भी नही है क्यों ना एक दम लगा लिया जाये”
अनु रूम में आई बैग के आखरी कोने में छुपाया सिगरेट का डिब्बा निकाला और बालकनी में चली आई उसने एक सिगरेट जलाकर मुंह में रखी और कानों में हेडफोन लगा लिया l

बाहर दरवाजे पर डोरबेल बजी मीना ने दरवाजा खोला सामने अधिराज जी और अम्बिका खड़े थे l मीना ने अनु को बुलाने की बात कही तो अधिराज जी ने कहा,”रहने दो हम खुद ही जाकर उसे सुरप्राइज़ देंगे “
मीना दोनों का सामान उठाकर कमरे में रखने चली गयी और अधिराज जी अम्बिका के साथ अनु को सुरप्राइज़ देने बालकनी की और बढ़ गए l लेकिन असली सुरप्राइज़ तो उनको मिलने वाला था उन्होंने आकर अनु के कंधे पर हाथ रखा अनु जैसे ही पलटी सामने पापा को देखकर उसके होश ही उड़ गए l कानो से हेड फोन हटाया और मुंह में पकड़ी सिगरेट जल्दी से बालकनी से नीचे फेंक दी l


अधिराज जी ने अनु से हॉल में आने को कहा और वहां से चले गए अम्बिका भी उनके पीछे पीछे चली आई l कुछ देर बाद अनु हाल में आई तब तक सारिका भी आ चुकी थी और उसके बाद शुरू हुए अधिराज जी के प्रवचन जो रात 10 बजे तक चलते रहे किसी ने खाना भी नही खाया अनु के साथ साथ सारिका को भी सुनने को मिला की उसने अपनी जिम्मेदारी नही निभाई और अनु का ख्याल नही रखा l गुस्से में अनु वहा से उठकर अपने कमरे में आ गयी l

सारिका के रिक्वेस्ट करने पर अधिराज जी और अम्बिका ने खाना खाया l अधिराज जी के गुस्से के कारण मीना तो चुप ही रही l अम्बिका ने अनु के लिए खाना लगाया लेकिन अनु ने मना कर दिया l
“रहने दो अम्बिका भूख लगेगी तो अपने आप खा लेगी , हमारे लाड प्यार ने ही इसे इतना बिगाड़ रखा है”,अधिराज जी ने कहा और अपने कमरे की और चले गए l
सारिका की आँखों में आंसू भर आये अनु का वो ख्याल नही रख पाई सोचकर उसे बहुत बुरा लग रहा था अम्बिका ने देखा तो प्यार से उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”परेशान मत हो सुबह तक उनका गुस्सा ठीक हो जायेगा , आप जाकर सो जाओ ह्म्म्म !”


सारिका को थोड़ी तसल्ली मिली वह उठकर अपने कमरे में चली आई l अनु गुस्से से छत पर यहाँ से वहा चक्कर काट रही थी l कुछ दोस्तों को फोन किया पर सब बिजी थे l उसका गुस्सा और चढ़ गया l l तभी उसे मुरारी का ख्याल आया वह नीचे आई और सारिका का फोन लेकर बालकनी में आ गयी उसने मुरारी का नम्बर अपने फोन से डॉयल किया l

“सारिका जी का फोन वो भी इतनी रात को”,मुरारी ने मन ही मन कहा और फोन उठाकर कहा,”हेल्लो !
“सुन बे मुरारी , मुझे तुमसे अभी मिलना है , अभी के अभी घर के सामने वाली सड़क पर मिलो”,अनु ने कहा
“इतनी इज्जत से कौन बात कर रहा है ?”,मुरारी ने कहा
“अरे मैं बोल रही हु अनु !”,अनु ने झुंझलाकर कहा


“कौन अनु ?”,मुरारी ने जानबूझकर कहा
“अनु अरे सारिका की बहन अनु , वो क्या कहते हो तुम ? हां मैगी , मैगी बोल रही हु”,अनु ने कहा
“ओह्ह मैगी , हमसे क्या काम है तुमको ? और इतनी रात को क्यों मिलना है ?”, मुरारी ने कहा

“तू आयेगा या नहीं ?”,अनु ने गुस्से से कहा
“चिल्लाय काहे रही हो आते है”,कहकर मुरारी ने फोन काट कर जेब में रख लिया l शिवम् सो रहा था मुरारी ने उठाना जरुरी नहीं समझा और दबे पांव नीचे आया l अपनी बाइक स्टार्ट की और अनु के घर की तरफ निकल पड़ा यु तो मुम्बई में कभी रात नही होती पर इस वक्त अनु से मिलना मुरारी को खतरे से खाली नहीं लग रहा था l अनु कुछ देर में अनु की बताई जगह पहुंचा घर से कुछ पहले सड़क किनारे पड़ी बेंच पर अनु परेशान सी बैठी थी l मुरारी ने बाइक साइड में खड़ी की और अनु के पास आकर कहा,”का हुआ ? इतनी घई में काहे बुलाया ?


“दारू चाहिए !”,अनु ने बिना किसी भाव के मुरारी को देखकर कहा l
“का ? दिमाग तो सही है ना तुमरा ? दारू चाहिए लड़की होकर दारू पियोगी ?”,मुरारी ने हैरानी से अनु की और देखकर कहा l
“हां तो दारू पिने के लिए अब क्या जेंडर चेंज करवाऊ , तुम बताओ लाओगे या नहीं !”,अनु ने कहा
“का ? हमसे दारू लाने को कह रही हो ?”,मुरारी हैरान था


“तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे कभी पि ना हो “,अनु ने चिढ़कर कहा
“देखो तुम ना पहले इको बात सुनो हमारी , ये तू करके बात करना ना हमको बिल्कुल ए पसन्द नही है”,मुरारी चिढ गया
“अच्छा बाबा सॉरी , मुरारी जी दारू पिलायेंगे या नही “,अनु ने नोटंकी करके कहा
“अबे तो काहे पीनी है ? कोई तो वजह होगी !”,मुरारी ने कहा


“दिमाग खराब कर दिया पापा ने बड़ा वाला लेक्चर देकर , गुस्सा आ रहा है अब इसलिए पीनी है वरना वो गुस्सा अब तुम पर निकलेगा”,अनु ने झुंझलाकर कहा
“अच्छा ठीक है तुम बैठो हम लेकर आते है”,कहकर मुरारी वहा से चला गया l
कुछ ही देर बाद वापस आया उसके हाथ में बियर का बोतल था l दारू ज्यादा भारी होती है मुरारी जानता था इसलिए बियर ले आया और अनु की और बढ़ा दी l अनु एक साँस में सारी एक साथ गटक गयी l मुरारी तो बस आँखे फाडे अनु को ही देखता रहा l

पिने के बाद जब अनु को चढ़ गई तो उसने वो सारी बातें मुरारी को सुना डाली जो कुछ देर पहले उसके पापा ने उसे सुनाई l सुनसान सड़क पर अनु को अकेले छोड़ना मुरारी को सही नही लगा इसलिए उसने कहा,”चलो तुमको घर छोड़ देते है !”
मुरारी अनु के साथ वहा से पैदल ही चल पड़ा l अनु को घर के सामने छोड़कर मुरारी जाने लगा तो अनु ने आवाज देकर रोक लिया मुरारी पलटा तो अनु उसके पास आई और उसे गले लगाकर कहा,”थैंक्यू मुरारी ! तुम बहुत अच्छे हो “


440 वाल्ट वाला वही करंट एक बार फिर मुरारी को महसूस हुआ l वह कुछ बोल ही नही पाया अनु उस से दूर हुई और उसके गाल पर किस करके कहा,”यू आर सो स्वीट मुरारी , गुड़ नाईट कल मिलते है”
कहकर अनु वहा से चली गयी मुरारी अपने गाल को हाथ लगाये जाती हुई अनु को देखता रहा 26 सालो में पहली बार था जब किसी लड़की ने मुरारी के गालों को अपने होंठो से छुआ था l मुरारी के दिल में तितलियां उड़ने लगी एक अनजानी सी ख़ुशी और एक प्यारा सा अहसास हो रहा था l

बौखलाया सा मुरारी अपनी बाइक के पास आया उसे लगा जैसे अनु सामने खड़ी है और एक बार फिर उसके गाल को छुआ है l लेकिन अगले ही पल जैसे हवा में गायब हो गयी हो l ये क्या था मुरारी समझ नही पाया ?
उसने बाइक स्टार्ट की और घर के लिए निकल गया बाइक खड़ी कर ऊपर आया जैसे ही दरवाजा खोलकर अंदर आया शिवम् सोफे पर बैठा उसी का इंतजार कर रहा था शिवम् को सामने देखकर मुरारी ठिठक गया और कहा,”अरे भैया तुम सोये नही अभी तक ?


“हम तो सो जायेंगे पहले इह बताओ तुम आजकल ये रात रात भर कहा गायब रहते हो ?”,शिवम् ने भौंहे चढ़ाकर कहा
“हम वो हम बस यही बाहर थे “,मुरारी ने हिचकिचाते हुए कहा
“पर तुमरे चेहरे से तो लगता है कछु कांड करके आये हो”,शिवम् ने मुरारी का चेहरा देखते हुए कहा l
मुरारी झेंप गया और आकर शिवम् की बगल में बैठ गया l शिवम् के बार बार पूछँने पर मुरारी ने उसे सारी बाते बता दी l शिवम् मुस्कुराते हुए सुनने लगा और कहा,”का बात है मुरारी ?


“अरे भैया कोई बात नही है ?”,मुरारी ने नजरे बचाते हुए कहा
शिवम् ने मुरारी की और देखा और कहा,

“मुरारी तुमरे चेहरे का ग्लो बता रहा है कि लौंडे को इश्क़ हो गया है”

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