Ranjhana – 32
Ranjhana By Sanjana Kirodiwal
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Ranjhana – 32
बनारस , मुरारी का घर -:
शिवम सोकर उठा उसने मुरारी से घर जाने की बात कही ओर चला गया l घर आकर शिवम नहाया ओर फिर बाबा के पास चला आया उसने बाबा से मुम्बई जाने के बारे में कहा तो बाबा कहने लगे,”शिवा हमने कभी तुम्हे किसी चीज के लिए ना नही कहा है l सारिका एक बहुत ही प्यारी बच्ची है उसका दिल कभी मत दुखाना , ओर जब बनारस आओ तो हमारी बहु को साथ लेकर आना”
“बाबा आप बहुत अच्छे हो इसलिए नही की आपने हमारी हर बात मानी बल्कि इसलिए कि पिता होकर आप अपने अहम को कभी हमारे प्यार के आड़े नही आने दिया l
हमे गर्व है की आप हमारे पिता है”,शिवम ने प्यार से कहा
“शिवा , बच्चो की खुशियां छीनकर भला कोनसे मा बाप खुश रह पाए है l हमारे लिए हमारे बच्चो की खुशी से बढ़कर कुछ नही है”,बाबा ने कहा
“बाबा सारिका के अलावा मुम्बई जाने की एक वजह ओर है जो हम आपको वापस आकर बताएंगे”,शिवम ने खुशी से भरकर कहा l
“तुम ओर राधिका खुश रहो बस इतना काफी है , अच्छा वैसे कब जा रहे हो मुम्बई ?”,बाबा ने रजिस्टर में हिसाब लिखते हुए कहा
“बाबा मुरारी से कहे है टिकट के लिए”,शिवम ने कहा
बाबा ने काउंटर से कुछ रुपये निकाले ओर शिवम की ओर बढ़ाकर कहा,”ये कुछ रुपये रखो काम आएंगे”
“बाबा इन सबकी जरूरत नही है”,शिवम ने इनकार करते हुये कहा
“बेटा अजनबी शहर है जरूरत पड़ेगी”,कहकर बाबा ने शिवम को रुपये थमा दिए और फिर अपने काम मे लग गए l
शिवम वहां से निकलकर अंदर आया और अपने काम निपटाने लगा l शाम को मुरारी घर आया उसने बस की टिकट्स शिवम को पकड़ाते हुए कहा,”ये लो भैया कल की टिकट्स है परसो सुबह तक पहुंच जाएंगे”
“वो सब तो ठीक है मुरारी लेकिन ये तीन टिकटस किसलिए ?”, शिवम ने तीन टिकट देखकर हैरानी से कहा l
“एक तुम्हारी ओर एक हमारी”,मुरारी ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“ओर तीसरी ?”,शिवम ने कहा
“हमारी कटरीना भी तो जाएगी साथ”,मुरारी ने तपाक से कहा
“उसका वहां क्या काम ?”,शिवम ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“भैया प्रदेश में न अपने ही काम आते हैं , हम हमारी कटरीना के बिना कही नही जाने वाले”,मुरारी ने कहा
“अच्छा ठीक है तुमने सारिका को हमारे आने की सूचना दी कि नही दी”,शिवम ने कहा
“यार तुम ना निपट मूर्ख ही हो , सरप्राइज नाम की भी कोनो चीज होती है l
हम उनको बताये बिना ही वहां जायेगे ओर देखना हमे वहा देखकर वो खुशी से चौक जाएगी”,मुरारी ने कहा
“लेकिन उनका पता ?”,शिवम ने कहा
“अरे भैया मुम्बई की इतनी बड़ी हस्ती है वो उनका पता ढूंढना कोनसा मुश्किल काम है , फिर भी हमने गूगल से उनके ऑफिस का पता निकाल लिया है l डोंट वरी”,मुरारी ने कहा
“वाह मुरारी तुम तो बहुते होशियार निकले”,शिवम ने मुस्कुराकर कहा l
“हा भैया ! उम्र के साथ साथ होशियारी आ ही जाती है”,मुरारी ने अदा के साथ कहा तो शिवम खिलखिलाकर हंस पड़ा !!
“भैया तुम न आज ही अपना बैग पैक कर लो , कल टाइम नही मिलेगा l l “,मुरारी ने कहा
“हम्म्म्म कर लेंगे पर आज की रात कैसे कटेगी ?”,शिवम ने खोये हुए स्वर में कहा l
“आये हाये अभी से ये हाल है दूरी बर्दास्त नही ना होय रही”,मुरारी ने शिवम को छेड़ते हुए कहा l
“इतने लंबे इंतजार के बाद मिलने की जो खुशी होती है ना मुरारी वो खुशी शब्दो मे बताना आसान नही है , जिंदगी का सबसे खूबसूरत अहसास होता है”,शिवम ने सोचते हुये कहा !
“समझते है भैया , बस आज ओर कल की रात उसके बाद आपकी मोहब्बत आपके साथ होगी ,
ओर हम तो ना वापसी की टिकट भी करवा दिये है ताकि सारिका जी को उसी वक्त सब सच बताकर साथ ले आये”,मुरारी ने खुशी से कहा
“मुरारी हमे भी उस पल का इंतजार है”,शिवम मुस्कुरा दिया l
दोनो बातें करने लगे अगले दिन शिवम ओर मुरारी मुम्बई जाने की तैयारी करने लगे ! आई ने अपने हाथों से बने बेसन के लड्डू , मठरी ओर चकली सारिका के लिए डिब्बों में बंद कर शिवम के सामान के साथ रख दिये l आई ने कुछ तोहफे भी दिए l शिवम ने सब बेग में रख लिए l कुछ देर बाद मुरारी भी अपना बैग लेकर आ पहुंचा जैसे ही सबकी नजर उस पर पड़ी सब उसे देखते ही रह गये l
सफेद शर्ट , नेवी ब्लू जींस , गले मे केसरिया रंग का गमछा , आंखो पर कला चश्मा , क्लीन शेव ओर एक कान में सोने की बाली पहले मुरारी आज किसी हीरो से कम नही लग रहा था l !
“भैया आज तो बहुते कंटाप लग रहे हो , मुम्बई वालो की तो खैर नही”,राधिका ने मुरारी की तारीफ में कहा l मुरारी का सीना खुशी से फूलकर दुगुना हो गया जाने की सब तैयारी हो चुकी थी तभी आई कि आँखों मे आंसू भर आये l
मुरारी ने देखा तो उनके पास आया ओर कहा,”क्या आई हम दोनों जा रहै है तो आंसू बहा रही हो , इतना प्यार करती हो हमसे ?
“प्यार वयार कुछ नही है मुरारी इह तो खुशी के आंसू है तुम दोनों जा रहे हो कुछ दिनों के लिए ही सही कमसे कम तुम दोनों से पीछा तो छूटेगा हमरा वरना जीना हराम कर दिए थे l “,आई ने आंसू पोछकर कहां
शिवम ओर मुरारी दोनो अवाक रहकर एक दूसरे को देखने लगें l
कुछ देर बाद दोनों वहां से बस स्टैंड के लिए निकल गए l
मुम्बई , वर्सोवा सारिका का ऑफिस -:
ऑफिस में शोर शराबा चल रहा है l जैसे ही सारिका ने ऑफिस में कदम रखा सभी चुप होकर हाथ बांधकर खड़े हो गए l अब तक जहा तेज शोर शराबा हो रहा था अब वहां मरघट जैसी शांति थी सारिका ने सबको गुड मॉर्निंग कहा ओर अपने केबिन की और बढ गयी l
“आ गयी महारानी अब फिर से सबको इसके इशारों पर नाचना पड़ेगा”,सारिका के जाने के बाद पूजा ने मुंह बनाकर सीमा से कहा l
केबिन में आकर सारिका ने खिड़की से पर्दा उठाया कितने दिनों बाद वह अपने शहर के समंदर को देख रही थी l सारिका आकर कुर्सी पर बैठी ओर फाइल्स देखने लगी l काम मे इतना बिजी हो गयी कि कब दोपहर हुई पता ही नही चला l दोपहर में नवीन (मैनेजर) आया और सारिका से कहा ,”सारिका दो मिनिट आप अपनी कुर्सी छोड़कर मेरे सामने आएंगी , मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है”
सारिका उठी और नवीन के सामने आकर कहा,”हा कहिये !
“समझ नही आ रहा कहा से शुरू करु लेकिन एक दिन तो आपको ये सब बताना ही था ! आज बहुत हिम्मत जुटाकर मैं आपसे कुछ कहने आया हु वो सुनने के बाद आप मेरा साथ देगी या नही ये मैं आप पर छोड़ता हु”,नवीन ने नर्वस होकर कहा
“नवीन इतना घबरा क्यो रहे हो आप ? बताओ न क्या बात है ?”,सारिका का मन अजीब सी कशमकश में था
नवीन ने अपने जेब से अंगूठी निकाली और सारिका को दिखाते हुए कहा,”मैं आज एक बहुत बड़ा फैसला लेने जा रहा हु सारिका , i hope तुम मेरी फीलिंग्स समझोगी”
नवीन के हाथ मे अंगूठी देखकर सारिका का मन बैचैन हो उठा और वह सोचने लगी
“अब कोनसा मोड़ आने वाला है हमारी जिंदगी में ?”
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संजना किरोड़ीवाल
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