Aur Pyar Ho Gaya – 21
सिटी हॉस्पिटल , कानपूर
इमरजेंसी वार्ड में सोफिया का ट्रीटमेंट चल रहा है मोना और रीना घबराई हुई बाहर खड़ी है l डर और घबराहट दोनों की आँखों से साफ साफ झलक रहा है l सोफिया कोई ऐसा कदम भी उठा लेगी किसी ने सोचा नहीं था l कार्तिक को लेकर उसका प्यार अब जूनून बन चुका था , उसे किसी भी हाल में कार्तिक चाहिए था l कुछ ही देर बाद सोफीया के मम्मी पापा वहा आ पहुंचे l डॉक्टर्स ने सोफिया की जान तो बचा ली पर खून बहुत ज्यादा बहने से वह अभी बेहोश थी l l रीना और मोना को सोफिया के पापा ने घर जाने को कहा और खुद वही रुक गए l सुबह तक सोफिया को होश आ गया उसके पापा अंदर गए और उसके सिरहाने बैठते हुए कहा.”ये सब क्या है बेटा ? क्यों किया तुमने ऐसा तुम्हे कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता ?”
“डेड आई लव हिम बट ही इज नेवर बीकम माईन डेड”,सोफिया ने आँखों में आंसू भरकर कहा
“सोफ़िया तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक लड़के की लाइन लगा दूंगा मैं”,उसके पापा ने कहा
“नो डेड मुझे सिर्फ कार्तिक चाहिए , अगर आप मेरे लिए ये नहीं कर सकते तो चले जाईये यहाँ से”,कहकर सोफिया ने अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया l
बेचारे उसके पापा अमित जी बेबस से वही बैठे सोफिया को देखते रहे l अमित जी जानते थे की सोफिया एक बहुत ही जिद्दी लड़की है एक बार जो कह देती है वो करके ही मानती है l बचपन से वह उसकी हर जिद पूरी करते आये है जिसका नतीजा ये निकला की आज सोफिया उनके सामने इस हालत में है l अमित जी वहा से उठकर बाहर आ गए उन्होंने अपनी पत्नी से अंदंर जाने को कहा और खुद सामने पड़ी बेंच पर बैठ गए l
कुछ देर बाद जब मोना वहा आई तो अमित ने उस से कार्तिक का नंबर लिया और कार्तिक को फोन लगा दिया लेकिन नंबर बंद आ रहा था l दूसरा नंबर मोना के पास नहीं था अब तो एक ही तरीका था की वो कॉलेज जाकर कार्तिक से मिले l अमित जी उठे और हॉस्पिटल से बाहर निकल गए l
कार्तिक रोजाना की तरह कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था तभी नंदिनी ने पूछा,”bunny तुम्हारा वो फोन मिला तुम्हे ?
कार्तिक – नहीं नंदू , मैंने उस बार वाले से भी पूछा पर नहीं मिला , फोन इतना इम्पोर्टेन्ट नहीं है नंदू तुम ठीक हो ये इम्पोर्टेन्ट है
नंदिनी – bunny मेरी इतनी भी फ़िक्र मत किया करो , आदत हो जाएगी मुझे
कार्तिक – तो हो जाने दो , मैं हु ना मैं हमेशा तुम्हारी ऐसे ही फ़िक्र करूंगा
नंदिनी – तुम बहुत अच्छे हो
कार्तिक – नहीं मैं ऐसा बिल्कुल नहीं था l मुझे अच्छा तुमने बनाया है रिश्ते बनाना , उन्हें निभाना , किसी की परवाह करना , खुशी चाहना ये सब मैंने तुमसे सीखा है नंदू
नंदिनी – bunny खामखा मुझे क्रेडिट दे रहे हो l तुम हमेशा से ही ऐसे थे बस भाग रहे थे खुद से इसलिए समझ नहीं आया तुम्हे l मैंने कुछ नहीं किया है
कार्तिक – जानती हो मैं तुम्हे इतना पसंद क्यों करता हु ?
नंदिनी – क्यों करते हो ? (मसुमियत से)
कार्तिक – क्योकि तुम बहुत सीधी साधी लड़की हो l तुम कभी किसी चीज का क्रेडिट नहीं लेती , सबके लिए अच्छा करती हो पर फिर भी कहती हो मैंने नहीं किया l तुम्हारी सादगी ही तुम्हे सबसे अलग बनाती है नंदू
नंदिनी – ऐसा मत कहो मुझे शर्म आ जाएगी (नंदिनी ने झूठ मुठ का शरमाते हुए कहा)
कार्तिक – ये सब चीजे तो तुझपे सूट बिल्कुल नहीं करती
नंदिनी – ऐसा क्यों ?
कार्तिक – क्योकि तेरे साथ मुझे कभी लड़की वाली फीलिंग आती ही नहीं है (हसने लगता है)
नंदिनी – हुंह मतलब मैं लड़की नहीं हु (चिढ़ते हुए)
कार्तिक – अरे बाबा , मजाक कर रहा हु
नंदिनी अपने बालो को गुथने लगती है तो कार्तिक उसके पास आकर कहता है,”लाओ मैं कर देता हु”
“bunny मैं कर लुंगी”,नंदिनी ने कहा
“मैं कर रहा हु न , हाथ में दर्द हो जायेगा l बैठो चुपचाप”,कार्तिक ने मीठी डांट लगाते हुए कहा
कार्तिक अपने हाथो से नंदिनी की टेढ़ी मेढ़ी चोटी गुथने लगा l नंदिनी का दिल तो उछल कर बाहर आना चाहता था उस वक्त वह मन ही मन सोचने लगी,”तुम दोस्त इतने अच्छे हो तो पति कितने अच्छे बनोगे bunny , मैं सच मे बहुत लकी हु जो मुझे तुम मिले l”
“ये लो हो गयी तैयार , देखो कैसी है “,कार्तिक ने नंदिनी की चोटी आगे करते हुए कहा
“बहुत अच्छी है , तुम्हे आज कॉलेज नहीं जाना ?”,नंदिनी ने कहा
“जाना है न , अच्छा मैं चलता हु अपना ख्याल रखना”,कहकर कार्तिक कॉलेज के लिए निकल गया
कॉलेज में अमित जी पहले से ही उसका इंतजार कर रहे थे जैसे ही चंदन को कार्तिक आता दिखा वह उसके पास आया और कहा,”कार्तिक ऑफिस रूम में कोई तुम्हारा इंतजार कर रहा है”
कार्तिक – मुझसे यहाँ मिलने कौन आएगा
“सोफिया के डेड’,श्रुति ने सामने से आते हुए कहा
“पर वो मुझसे क्यों मिलना चाहते है ?”,कार्तिक ने हैरानी से कहा
“वो तो उनसे मिलने के बाद ही पता चलेगा”,चंदन ने कहा और फिर तीनो ऑफिस रूम की और बढ़ गए l
चंदन और श्रुति बाहर ही रुक गए l कार्तिक अंदर आया वह अमित जी के अलावा और कोई नहीं था
“हैलो सर”,कार्तिक ने अमित की पर्सनालिटी देखकर यही कहना सही समझा
“हेलो कार्तिक,अमित ने सधी हुई आवाज में कहा
“आप इस तरह यहाँ सब ठीक तो है ना ?”,कार्तिक ने उनके चेहरे को देखते हुए कहा
“नहीं कार्तिक कुछ ठीक नहीं है l तुम तो जानते ही हो की सोफिया तुम्हे दिलो जान से चाहती है और अब तुम उसकी जिद बन चुके हो l बचपन से लेकर आज तक मैंने उसकी हर खवाहिश हर खवाब पूरा किया है l पर अब तुम्हे पाने की उसकी जिद एक जुनूनीयत का रूप ले चुकी है l और ये उसके और तुम्हारे दोनों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है बेटा”,अमित जी ने कहा
कार्तिक – अंकल सोफिया बहुत अलग लड़की है वो मेरे साथ नहीं रह पायेगी
अमित – पर वो तुमसे प्यार करती है , और तुम्हारा प्यार उसे बदल देगा बेटा
कार्तिक – उसे बदलने के लिए मैं किसी की जान खतरे में नहीं डाल सकता , एक बार पहले भी उसकी वजह से मेरी दोस्त बहुत बड़ी मुसीबत में फस चुकी है
अमित – वो तुम्हारे लिए पागल है वो तुम्हे किसी और के साथ कैसे देख सकती है भला
कार्तिक – वो सनकी है सर , वो किसी भी हद तक जा सकती है l एक वक्त था जब शायद मैंने उस से प्यार किया था पर अब वो मेरे प्यार के लायक नहीं है (कहकर जाने लगता है)
अमित – वो इस वक्त हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से झुंझ रही है बेटा
अमित जी की बात सुनकर कार्तिक रुक गया और पलटकर कहा – ये आप क्या कह रहे है ?
अमित – हाँ बेटा कल रात उसने अपने हाथ पर शीशे के टुकड़े से तुम्हारा नाम लिख लिया l खून बहुत बहने के बाद भी उसकी जान तो किसी तरह बच गयी पर अब वो एडमिट है (कहते कहते रोआँसा हो जाते है)
कार्तिक – अंकल ये सब………………सोफिया ने ये सही नहीं किया l
अमित – कार्तिक सिर्फ तुम ही हो जो उसे इस सब से बाहर निकाल सकते हो l
कार्तिक – अंकल पर मैं कैसे ? (परेशान होकर)
अमित – सोफिया की जिंदगी में वापस आ जाओ बेटा , उसे अपना लो मुझे पूरा विश्वास है तुम्हारे साथ रहकर वो सम्हल जाएगी l उसे इस वक्त किसी की जरुरत है तो वो तुम हो
कार्तिक – सॉरी अंकल पर मैं ऐसा नहीं कर सकता l सोफिया मेरे लिए सही नहीं है अंकल
अमित – मैं जानता हु बेटा पर उसकी जिंदगी बचाने के लिये तो कर सकते हो ना
कार्तिक – मैं कुछ समझा नहीं अंकल
अमित – सोफिया बहुत जिद्दी किस्म की लड़की है पर वो तुमसे बहुत प्यार करती है हो सकता है तुम्हारा प्यार उसे बदल दे
कार्तिक खामोश हो जाता है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करे क्या ना करे अमित ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”इस वक्त तुम ही हो जो उसे बर्बाद होने से बचा सकते हो l इसके लिए मैं ज्यादा से ज्यादा तुम्हारे आगे हाथ जोड़ सकता हु बेटा , सोफिया को बचा लो l “
अमित कार्तिक के सामने हाथ जोड़कर रोने लगता है l
“ये आप क्या कर रहे है अंकल , प्लीज़ ये सब करके मुझे शर्मिंदा मत कीजिये मैं सोफिया को समझाऊंगा”,कार्तिक ने अमित जी के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा
“थैंक्यू बेटा थैंक्यू सो मच”,अमित जी ने आँखों में आंसू भरते हुए कहा
कुछ देर बाद कार्तिक वहा से उठकर जाने लगा तो अमित जी ने कहा,”कार्तिक सोफिया से मिलने हॉस्पिटल नहीं आओगे”
“शाम को आऊंगा अंकल कॉलेज ख़त्म होने के बाद”,कहकर कार्तिक वहा से चला गया
उलझनों से घिरा कार्तिक अपनी क्लास में आकर बैठ गया सब अच्छा चल रहा था फिर ये मुसीबत अचानक से कहा आ गयी कार्तिक के दिमाग ने तो जैसे काम करना ही बंद कर दिया l क्लास खत्म होने के बाद कार्तिक कॉलेज से सीधा हॉस्पिटल गया अमित जी उसे वार्ड के बाहर मिल गए l कार्तिक को वहा देखकर उनके चेहरे पर मुस्कान आ गयी उन्होंने कार्तिक से अंदर जाने का इशारा किया और खुद अपनी पत्नी के साथ बाहर बैठ गए l कार्तिक धड़कते दिल के साथ अंदंर आया l पहले नंदिनी अब सोफिया आखिर हो क्या रहा है ये उसके साथ l उसने देखा सोफिया के हाथ पर पट्टिया बंधी हुई है और दूसरे हाथ में ड्रिप लगी हुई है l कार्तिक को देखते ही सोफिया की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा उसने हाथ से ड्रिप हटाई और दौड़कर कार्तिक के गले लगते हुए कहा,”आई न्यु इट की तुम जरूर आओगे , बिकॉज यू लव मी एंड आई लव यू ऑलसो !”
कार्तिक हक्का बक्का सा खड़ा सोफिया की बातें सुनता रहा l सोफ़िया आकर बेड पर बैठ गयी कार्तिक भी उसके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और गर्दन झुकाकर कहने लगा,” तुमने ये सब क्यों किया सोफिया ?
सोफिया – बिकॉज आई लव यू एंड आई कांट शेयर यू , यू आर माईन
कार्तिक – सोफिया तुम्हारी और मेरी दुनिया बहुत अलग है , वी कांट स्टे टुगेदर !
सोफिया – ऐसे मत कहो कार्तिक मैं…………मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हु (सायको की तरह बात करने लगती है)
कार्तिक – सोफिया
सोफिया – कार्तिक आई लव यू एंड नंदिनी के साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए मैं शर्मिंदा हु l मैं बदल लुंगी खुद को जैसा तुम चाहोगे वैसी बन जाउंगी l
कार्तिक – सोफिया यू नीड रेस्ट नाऊ
सोफिया – प्रॉमिस मी कल तुम मुझसे मिलने आओगे
कार्तिक – हम्म्म्म
सोफिया – आई लव यू कार्तिक
कार्तिक – हम्म , बाय
कार्तिक सोफिया को वहा छोड़कर चला गया l जितना वह इन सब चीजों से निकलने की कोशिश कर रहा था उतना ही फंसता जा रहा था l वह बाइक लिए देर तक सड़को पर घूमता रहा पर कुछ समझ नहीं आया l चीजे सुलझने के बजाय और उलझती जा रही थी l कार्तिक इस बारे में नंदिनी को बताकर उसे भी परेशानी में नहीं डालना चाहता था इसलिए अकेला ही इस से झूंझता रहा l उधर नंदिनी कार्तिक को पाकर खुश थी और अपने आने वाले कल के सपने देखने मे गुम थी l राजवीर को फिर से पाकर मौली भी अब बदलने लगी थी l दोनों में दिनभर मेसेज से बातें होने लगी l कार्तिक सबके सामने ठीक होने का बस दिखावा कर रहा था l उसके अंदर चल रहे तूफ़ान को सिर्फ वही समझ सकता था l
कुछ दिन यु ही निकल गए l एक सुबह मौली राजवीर से मेसेज में बातें कर रही थी की तभी मौली ने मेसेज किया
“मुझे तुमसे मिलना है”
मौली मैं भी तुमसे मिलना चाहता हु
“ओके फिर आज शाम अगर तुम कानपूर आ पाओ”
मैं कानपुर ही हु मौली
“तो फिर मैं आजाती हु मिलने (मौली तड़प उठी)
नहीं मौली
“क्यों ? क्या तुम मुझसे मिलना नहीं चाहते ?” (अगले ही पल उदास हो जाती है)
मिलना चाहता हु पर मैं खुद तुम्हारे घर आऊंगा
“क्या ?” (ख़ुशी और आंसू एक साथ)
हां मौली उस रात मैंने घर ना आकर बहुत बड़ी गलती की थी अब उसी गलती को सुधारना चाहता हु , तुम्हारे घर आकर तुम्हारे पापा से तुम्हारा हाथ मांगना चाहता हु
“क्या तुम सच कह रहे हो ?” (आँखों में आंसू भर आते है)
हमारे प्यार की कसम मौली ! मैं आज शाम जरूर आऊंगा बस मेरा इंतजार करना
“उस रात की तरह धोखा तो नही दोगे ?” (उदासी आँखों में फिर घिर आती है)
मौली वो गुजरा हुआ वक्त है बार बार उसे याद करके खुद को दुःख मत पहुंचाओ , हमारा आने वाला कल हमारे बीते हुए कल से बहुत खूबसूरत होगा
“सच कह रहे हो”
तुम्हारी कसम
“राजवीर , मैंने तुम्हे बहुत दुःख पहुँचाया है हो सके तो मुझे माफ़ का देना”
मौली
“ह्म्म्मम्म”
i love you
“i love you too राजवीर , आज शाम तुम्हारा इन्तजार रहेगा …………………
मौली आज बहुत खुश थी कितने समय बाद राजवीर से मिलने वाली थी वो भी बिना किसी शिकवे गीले के ! शाम को उसने राजवीर की पसंद के कलर का सूट पहना l कितने दिनों बाद वो अच्छे से तैयार हुई थी रंजना ने देखा तो होंठो पर मुस्कान तैर गयी l जैसे ही दरवाजे की बेल बजी मौली दौड़ते हुए गयी और धड़कते दिल से दरवाजा खोला l सामने राजवीर खड़ा था l पिले रंग का शर्ट जो मौली को हमेशा से पसंद था उसके निचे ब्लेक पेण्ट , हाथ में घडी ऊँगली में एक चाँदी की बनी अंगूठी जो कभी मौली ने ही उसे गिफ्ट की थी l चेहरा अब भी वैसा ही था पहले दाढ़ी रखता था अब क्लीनशेव , आँखों पर हलकी फ्रेम का नजर का चश्मा था l मौली की नजरे बस राजवीर पर जमी रही उसे लगा वह आगे बढ़कर उसे गले लगाएगा पर कार्तिक ने एक नजर मौली पर डाली और आगे बढ़ गया l
मौली अवाक् सी खड़ी उसे जाते हुए देखती रही l
“नमस्ते”,कार्तिक ने रंजना को देखकर कहा
“नमस्ते , मैंने आपको पहचाना नहीं ?”,रंजना ने कहा
“जी मैं नंदिनी का भाई हु , राज…………………………!!”,राजवीर कहते कहते रुक गया
राजवीर नंदिनी का भाई है जानकर मौली के तोते उड़ गए l
“आओ बेटा !!”,कहते हुए रंजना उसे हॉल में ले आयी
राजवीर को बैठने का कहकर रंजना अंदर किचन से पानी लेने चली गयी l इस से पहले राजवीर को ना अखिलेश जी ने देखा था न ही रंजना ने l मौली राजवीर के इस अजनबी बनने के वयवहार से खीज उठी और दूर खड़ी उसे घूरकर देखने लगी रंजना पानी का ग्लास ले आई l राजवीर ने पानी पिया और कहा,”नंदिनी कहा है ? उसे से मिल लू
“हां वो सामने कमरे में बेटा तुम जाकर मिल लो”,रंजना ने बड़े अपनेपन से कहा
राजवीर उठकर नंदिनी के कमरे की और बढ़ गया l रंजना कॉफी बनाने किचन की और चली गयी l राजवीर नंदिनी से मिला और जैसे ही कमरे से बाहर आया मौली ने दोनों हाथो से उसकी कॉलर पकड़ी और उसे गेलेरी की दिवार से सटाते हुए कहा,”ये सब क्या नाटक लगा रखा है ? जबसे आये हो इग्नोर करे जा रहे हो ?’
“ये तुम क्या कह रही हो मौली ? मैं यहाँ नंदिनी से मिलने आया हु”,राजवीर ने कहा
“वाह वाह वाह क्या मस्त नौटंकी है , नंदिनी तुम्हारी बहन अच्छा नाटक है”,मौली ने मुंह बनाते हुए कहा
“वो सच में मेरी बहन है”,राजवीर ने मौली के हाथो से अपनी कॉलर छुड़ाते हुए कहा
“क्या ? पर तुमने तो कहा था तुम मेरे लिए आ रहे हो”,मौली ने हैरानी से कहा
“मैंने ? मैंने ऐसा कब कहा ?”,राजवीर भी हैरान था
“सुबह ही तो कहा मेसेज करके”,मौली ने कहा
“मेसेज , मैं तुम्हे मेसेज क्यों करुंगा मौली , मेरे पास तुम्हारा नंबर नहीं है”,राजवीर ने परेशानी से खीजते हुए कहा
मौली ने अपना फोन राजवीर को दिखाया , साथ ही दिखाई एक महीने की सारी चैट जो उसने की थी l
राजवीर ने नंबर देखा और कहा,”ना तो ये नंबर मेरा है ना ही मेने तुम्हे ये मेसेज भेजे है
अब हैरान होने की बारी मौली की थी उसने राजवीर की आँखों में देखते हुए कहा
“अगर तुमने ये मेसेज नहीं भेजे तो फिर भेजे किसने ? कौन है जो हम दोनों के बारे में इतनी जानकारी रखता है ?”
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संजना किरोड़ीवाल