Aur Pyar Ho Gaya -10
कार्तिक नंदिनी और बाकि सबके साथ निचे रेस्टोरेंट में चला गया l सबने अपनी अपनी पसंद का खाना आर्डर किया और मूवी को लेकर बातें करने लगे l नंदिनी कार्तिक के पास बैठी बस ख़ामोशी से सबकी बातें सुन रही थी l आज उसकी आँखे कार्तिक को रोजाना से कुछ ज्यादा ही निहार रही थी l सामने बैठी श्रुति नंदिनी को देखकर हलके से मुस्कुरा देती
“क्या मस्त मूवी थी यार ! कितनी रोमांटिक और प्योर लव स्टोरी थी “,त्यागी ने कहा
“हां यार गाने भी सब एक से बढ़कर एक “,चंदन ने कहा
“होगी क्यो नहीं अपने सल्लू भाई जो थे उसमे , क्या एक्टिंग की ना उन्होंने”,कार्तिक ने उछलते हुए कहा
“मुझे तो सबसे ज्यादा उन दोनों की केमेस्ट्री अच्छी लगी , पहले दोस्ती , फिर प्यार , फिर शादी हाऊ रोमांटिक ना”,कहते हुए श्रुति ने नंदिनी की तरफ देखा
नंदिनी को खामोश देखकर कार्तिक ने कहा,”क्या हुआ नंदू तुझे फिल्म पसंद नहीं आई ?
नंदिनी – अच्छी थी bunny
कार्तिक – ह्म्म्मम्म , मैं सोच रहा हु मैं भी पहलवान बन जाऊ फिर कोई ना कोई मिस नेशनल मुझे भी मिल ही जाएगी (हसते हुए)
चंदन – वैसे तुझे कैसी लड़की चाहिए ? वो तो बता
कार्तिक – नंदू !
कार्तिक के मुंह से अपना नाम सुनकर सहसा ही नंदिनी का दिल धड़क उठा l वह कार्तिक की और देखने लगी तो कार्तिक ने कहा,”मेरा मतलब नंदू जैसी , जिस तरह ये मेरी परवाह करती है , मुझे समझती है , मेरा हर वक्त साथ देती है
त्यागी – अच्छा , चल मान ले ऐसी लड़की तुझे मिल भी जाये तो तू क्या करेगा ?
कार्तिक – मैं क्या करूंगा ?
चंदन – हां बता
कार्तिक उठा उसने नंदिनी का हाथ पकड़ा और टेबल से साइड में आकर नंदिनी के सामने बैठकर गाने लगा
“जग घुमेया थारे जैसा ना कोई , जग घुमेया थारे जैसा ना कोई”
रेस्टोरेंट में बैठे सभी लोगो की नजर नंदिनी और कार्तिक पर चली गयी l कार्तिक की आवाज इतनी उम्दा थी की सब उस से पूरा गाने की रिक्वेस्ट करने लगे l नंदिनी के पेट में तो तितलियाँ उड़ रही थी l कार्तिक ने गाना गाया वो भी उसके लिए सोचकर ही उसका मन ख़ुशी से भर गया l थोड़ी देर पहले जो मुस्कराहट उसके होंठो से गायब थी अब वापस आ चुकी थी l सबके कहने पर कार्तिक उठा और नंदिनी की तरफ हाथ बढ़ा दिया l नंदिनी ने अपना हाथ कार्तिक के हाथ में दे दिया l पहली बार नंदिनी का हाथ कांप रहा था l कार्तिक ने एक हाथ में उसका हाथ पकड़ा और दूसरा हाथ उसकी कमर में डालकर डांस करते हुए गाने लगा
“ना वो अखिया रूहानी कही , ना वो चेहरा नूरानी कही
कही दिल वाली बातें भी ना , ना ही सजरी जवानी कही
जग घुमेया थारे जैसा न कोई , जग घुमेया थारे जैसा न कोई , “
दोनों साथ में इतने प्यारे लग रहे थे की सबकी नजरे बस उन्ही पर ठहरी हुई थी l कार्तिक और नंदिनी भी एक दूसरे में इस कदर खोये की अपने अलावा उन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा था l श्रुति ने इस खूबसूरत पल की तस्वीर कैद कर ली l तालियों की गड़गड़ाहट से दोनों की तंद्रा टूटी और कार्तिक शर्माते हुए आकर अपनी जगह बैठ गया नंदिनी वही खड़े कार्तिक को देखती रही l ये कुछ पल उसकी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल थे l वेटर खाना रखकर चला गया l नंदिनी भी आकर बैठ गयी l सब बातें करते हुए खाने लगे खाते खाते नंदिनी की नजर कार्तिक पर गयी आज फिर उसके गाल पर खाना लगा था कार्तिक ने उसकी तरफ देखा तो नंदिनी ने ऊँगली से अपने गाल पर ऊँगली रखकर इशारा किया और सामने देखने लगी l न जाने क्यों उसे लगा जैसे आज भी कार्तिक उसी दिन की तरह उसके गाल पर किस करेगा पर ऐसा नहीं हुआ l कार्तिक ने टिशू उठाया और नंदिनी को देकर कहा,”लो साफ करो
नंदिनी ने टिशू लिया और साफ कर दिया कार्तिक त्यागी और चंदन से बातें करता हुआ फिर से खाने लगा l नंदिनी के चेहरे की स्माइल फिर से गायब हो गयी l श्रुति सारा नजारा देख रही थी उसे नंदिनी पर तरस भी आ रहा था और गुस्सा भी l तरस इसलिए क्योकि नंदिनी अपनी फीलिंग्स को नहीं समझ पा रही थी और गुस्सा इसलिए की वह कार्तिक से अपने दिल की बात कहने में इतना वक्त क्यों लगा रही है ?
नंदिनी उदास हो गयी उसे खुद समझ नहीं आ रहा था आखिर वह क्या करे ? फीलिंग्स बहुत थी पर क्या वो सच में प्यार थी ?अगर प्यार थी भी तो कैसे वो बिना कार्तिक के दिल की बात जाने उस से कह देती ? दोस्ती और प्यार की इन फीलिंग्स में नंदिनी फंस कर रह गयी थी l उसे उदास देखकर कार्तिक ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और आँखों ही आँखों में इशारे से पूछा l नंदिनी ने ना में गर्दन हिला दी तो कार्तिक ने अपने होंठो के आगे स्माइल करने का निशान बना दिया l नंदिनी मुस्कुरा उठी l खाना खाकर सभी बाहर आ गए l चलते चलते कार्तिक नंदिनी के पास आया और चॉकेलट का बॉक्स उसकी तरफ बढ़ा दिया जो की बिल पे करते वक्त उसने उसके लिए खरीदा था l नंदिनी ने बॉक्स लिया और चुपचाप चलने लगी
“क्या बात नंदू तू आज बड़ी चुप चुप ?”,कार्तिक ने कहा
नंदिनी कार्तिक की और देखने लगी और फिर ना में गर्दन हिला दी l
“कही तुझे किसी से प्यार तो नहीं हो गया ? वैसे मैंने सुना है जब लोग प्यार में पड़ जाते है तो खामोश हो जाते है”,कार्तिक ने कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है bunny”,नंदिनी ने कार्तिक से नजरे चुराते हुए कहा
“तुम बताओ या न बताओ तुम्हारी आँखों में सब दिखता है”,कहकर कार्तिक आगे बढ़ गया l
नंदिनी अवाक् सी वही खड़ी रह गयी l ये बात तो वह भूल ही गयी थी की कार्तिक उसकी आँखे भी पढ़ सकता है l जैसे हमेशा वह नंदिनी की आँखे देखकर उसके मन की बात जान लिया करता था l आज भी उसने वैसे ही नंदिनी की आँखों में देखकर सच पता लगा लिया l वह अपने से आगे जाते हुए कार्तिक को देखने लगी
चलते चलते कार्तिक पलटा और कहा,”नंदू
“क्या ?”,नन्दिनी के मुंह से मुश्किल से ये एक शब्द निकला l
कार्तिक मुस्कुराया और जोर से गाने लगा ,”हो गया है तुझको को तो प्यार सजना , लाख कर ले तू इंकार सजना”
“bunny मैं तेरा खून कर दूंगी”,कहकर नंदिनी कार्तिक के पीछे भागने लगी l कार्तिक उसे चिढ़ाते हुए आगे आगे भागे जा रहा था और पीछे पीछे नंदिनी l एक जगह जाकर कार्तिक रुक गया नंदिनी उसके पास पहुंची और उसकी पीठ पर मारने लगी l कार्तिक हसने लगा और कहा,”अब लग रही है तू मेरी नंदू सी , जब तक तू मुझसे झगड़ा ना करे ना सब अधूरा सा लगता है”
नंदिनी भी हसने लगी l चंदन , त्यागी और श्रुति भी वहा आ गए l कार्तिक चंदन और त्यागी वही घूमने लगे और श्रुति नंदिनी के साथ कपडे देखने लगी l
घूमते घूमते रात के 9 बज गए l सभी घर जाने के लिए निचे आ गए l सबको रुकने का कहकर कार्तिक पार्किंग से गाड़ी लेने चला गया l पार्किंग के दूसरी तरफ खड़ी सोफिया ने जब कार्तिक को गाड़ी में बैठते देखा तो उसके मन में एक विचार आया और उसने जानबूझकर अपनी गाड़ी का टायर पंचर कर दिया और चुपके से वहा से निकल गयी l कार्तिक पार्किंग से गाड़ी निकाल कर बाकि सबके पास आया l सभी गाड़ी में आकर बैठ गए l कार्तिक ने गाड़ी आगे बढ़ा दी अभी गाड़ी कुछ ही दूर चली थी की तभी कार्तिक की नजर सड़क किनारे खड़ी सोफिया पर गयी l आगे जाकर कार्तिक ने गाड़ी रोक दी
“क्या हुआ गाड़ी क्यों रोकी ?”,चंदन ने कहा
“गाईज तुम लोग यही रुको मैं अभी आता हु”,कहकर कार्तिक गाड़ी से उतरा और दूर खड़ी सोफिया की तरफ गया
“हे , तुम इतनी रात में यहाँ क्या कर रही हो ?”,कार्तिक ने सोफिया के सामने आकर कहा
“आप यहाँ ?”,सोफिया ने अनजान बनते हुए कहा
“हां घर जा रहा था अभी निकला हु मॉल से , मुझे लगा तुम उस वक्त चली गयी होगी पर तुम यहाँ…………!!”,कार्तिक ने पूछा
“वो एक्चुली मेरी ना गाड़ी ख़राब हो गयी थी और इस वक्त मेरे पास केश भी नहीं था ओनली कार्ड्स है सो लिफ्ट के लिए खड़ी थी”,सोफिया ने मासूमियत से कहा
उसने इतना मासूम चेहरा बनाकर कहा की एक बारगी तो कार्तिक भी उसके चेहरे में खो गया खूबसूरत तो वो थी ही साथ ही उसकी अदाए किसी को भी अपना दीवाना बनाने के लिए काफी थी l
“हम लोग घर ही जा रहे है , तुम चाहो तो साथ चल सकती हो”,कार्तिक ने कहा l
“थैंक्यू बट तुम लोग उस तरफ जा रहे हो और मेरा घर इस तरफ है l”,सोफिया ने कहा
“ओह्ह्ह ! तो अब तुम कैसे जाउंगी ?”,कार्तिक ने कहा
“आप जाओ मैं मैनेज कर लुंगी”,सोफिया ने जाल फेंकते हुए कहा
कार्तिक जाने लगा उसे लगा सोफिया उसे रोकेगी लेकिन सोफिया ने कुछ नहीं कहा l इतनी रात में अकेले ये कैसे जाएगी ? लिफ्ट देने वाला भी पता नहीं कैसा मिले इसको ? सोचकर कार्तिक अंदर ही अंदर परेशान हो रहा था l उसके मन में एक ख्याल आया और वह गाड़ी के पास आकर रुक गया l कुछ सोचकर उसने चंदन से कहा,”चंदू तू गाड़ी ड्राइव करेगा श्रुति और त्यागी को घर छोड़ने के बाद नंदिनी को हॉस्टल छोड़ देना l
“तुम कहा जा रहे हो ?”,नंदिनी ने पूछा
“मुझे कुछ काम है , मैं आजाऊंगा”,कहकर कार्तिक ने चंदन से आगे आने को कहा l चंदन आगे आया और गाड़ी स्टार्ट करके वहा से चला गया l नंदिनी को कार्तिक का यु जाना अच्छा नहीं लग रहा था उसने उदास होकर अपना सर श्रुति के कंधे पर टिका दिया l गाड़ी खाली सड़क पर दौड़ती चली जा रही थी वैसा ही खालीपन गाड़ी में पसरा हुआ था l
दोस्तों के जाने के बाद कार्तिक सोफिया के पास आया और कहा,”तुम चाहो तो मैं तुम्हे घर तक छोड़ सकता हु , इतनी रात में अकेले यहाँ रुकना सही नहीं होगा”
सोफिया मुस्कुरा दी उसने जो चाल चली थी वो कामयाब हो चुकी थी l वह कार्तिक के पास आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”चलो !
“मैं कैब बुक कर देता हु”,कहकर कार्तिक ने फोन निकाला
“पैदल चलते है ना , वैसे भी घर ज्यादा दूर नहीं है और इसी बहाने तुम्हे जानने का मौका मिल जाएगा”,सोफिया ने अदा के साथ कहा l
कार्तिक मुस्कुरा उठा l थोड़ा थोड़ा सोफिया की तरफ वह भी आकर्षित था इसलिए तो अपने दोस्तों को छोड़कर उसके साथ चला आया l दोनों सड़क किनारे बने फुटपाथ पर साथ साथ चलने लगे l कुछ देर ख़ामोशी के बाद कार्तिक ने कहा,”सो सोफिया तुम कॉलेज के बिच में कैसे ? मेरा मतलब सीधा सेकेण्ड ईयर”,
सोफिया – कॉल मी सोफी , जो लोग मेरे करीबी है वो मुझे इसी नाम से बुलाते है (मुस्कुराते हुए) हां तुमने पूछा कॉलेज के बिच में कैसे ? दरअसल पहले साल मैंने एक्साम्स प्राइवेट दिया था क्लास अटेंड नहीं कर पाई , फिर पापा का यहाँ ट्रांसफर हो गया उन्होंने प्रिंसिपल सर से बात करके मुझे यहाँ क्लास लेने की परमिशन दिलवा दी l बाकि एक्साम्स प्राइवेट ही होंगे l
कार्तिक – लेकिन प्राईवेट एक्साम्स क्यों ?
सोफिया – वो पहले साल बीमार थी ना तो क्लासेज अटेंड नहीं कर पाई
कार्तिक – इट्स ओके ! अच्छी लग रही हो
सोफिया – थैंक्स ! तुम्हारे दोस्त ?
कार्तिक – वो सब घर गए l चंदन उन्हें छोड़ देगा
सोफिया – तुम्हारे दोस्तों को बुरा लगेगा
कार्तिक – वो सब बहुत अच्छे है समझ जाएंगे , उन्हें एक बारगी बुरा लग भी जाये लेकिन नंदू कभी बुरा नहीं मानती
सोफिया – हम्म्म्म शी इज नाइस ( झूठ बोलती है )
कार्तिक – या , शी इज सच अ डार्लिंग ,, हमेशा हसती मुस्कुराती रहती है आज शायद थोड़ा अपसेट थी किसी बात से l नन्दू मेरी बेस्ट फ्रेंड है वो इतनी अच्छी है न की क्या बताऊ ? मुझे बदलने में उसका बहुत बड़ा हाथ है l वो हर बार इतनी आसानी से समझाती है ना कभी कभी तो लगता है जैसे वो मुझे मुझसे भी ज्यादा जानती है l मॉम तो उसे मुझसे भी ज्यादा प्यार करती है l जब भी घर आती है पूरा घर सर पर उठा लेती है l वैसे लखनऊ से है यहाँ हॉस्टल में रहती है
कार्तिक के मुंह से नंदिनी की तारीफ सुनकर सोफिया जल भून गयी उसने बात बदलते हुए कहा,”तुम्हारे घर में कौन कौन है ?
कार्तिक – मॉम , पापा , दीदी और मैं
सोफिया – स्वीट फॅमिली , कॉलेज के बाद क्या करने का सोचा है ?
कार्तिक – मुझे गिटारिस्ट बनना है
सोफिया – सीरियसली , तुम्हे गिटार बजाना आता है ? (हैरानी से)
कार्तिक – हम्म्म , पर अभी कुछ सालो से बंद है , यू नो सम फॅमिली प्रॉब्लम्स सो अब नहीं बजाता पर हां बनना मुझे वही है साथ ही पापा अपना खुद का बिजनेस करना चाहते है सो उसमे उनकी हेल्प करूंगा
सोफिया – इट्स ओके बट प्रॉमिस मी की जब भी बजाना शुरू करोगे मुझे जरूर सिखाओगे
कार्तिक – श्योर , तुम्हारी हॉबीज क्या है ?
सोफिया – हॉर्स राइडिंग , फैशन , जिमिंग
कार्तिक – स्ट्रेंज
सोफिया – इसमें स्ट्रेंज क्या है ?
कार्तिक – जिमिंग एंड हॉर्स राइडिंग लड़किया कम ही करती है सो
सोफिया – हम्म्म बट आई ऍम डिफरेंट मुझे बाकि लड़कियों से अलग दिखने का शौक है
कार्तिक – नाइस !
सोफिया – बाय द वे थैंक्स फॉर कमिंग
कार्तिक मुस्कुरा उठा l दोनों बातें करते हुए चले जा रहे थे ठंडी हवाएं चल रही थी l सोफिया को बहुत अच्छा लग रहा था कार्तिक को भी सोफिया अच्छी लगी थी l साथ साथ चलते चलते कार्तिक का हाथ सोफिया के हाथ से टकरा गया l ये अहसास गर्मियों में भी कार्तिक के जिस्म में सिहरन पैदा कर गया l उसने सोफिया की तरफ देखा सोफिया सामने देखते हुए बातें करती हुई चली जा रही थी l कार्तिक की नजरे बस उसके चेहरे पर टिक गयी वह एकटक उसे निहारता हुआ चले जा रहा था l सोफिया की बातें , बात बात पर उसका पलके झपकाना , वो दिलकश मुस्कान सब कार्तिक के दिल में बसता सा जा रहा था l
चलते चलते दोनों सोफिया के घर के सामने आकर रुके l
कार्तिक मन ही मन किस्मत को कोस रहा था उसे सोफिया के साथ कुछ और वक्त जो बिताना था l वो खुद नहीं जानता था ऐसा क्यों था पर सोफिया के साथ वक्त बिताना उसे अच्छा लग रहा था l
“कार्तिक वेट मैं अभी आती हु”,कहकर सोफिया घर के अंदर चली गयी
कार्तिक बाहर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगा कुछ देर बाद सोफिया आयी और अपनी स्कूटी की चाबी उसे देकर कहा,”मेरी वजह से तुम्हे इतनी रात को परेशानी हुई , तुम स्कूटी ले जाओ सेफ्ली घर पहुँच जाओगे”
“सोफी इसकी जरूरत नहीं है , मैं चला जाऊंगा”,कार्तिक ने कहा
“कार्तिक रख लो कल कॉलेज में ले आना , वैसे तुम चाहो तो घर भी आ सकते हो”,सोफिया ने अदा से मुस्कुराते हुए कहा
“घर ?”,कार्तिक ने कहा (अंदंर ही अंदर खुश भी था)
“हाँ , इतनी रात को कॉफी नहीं पीला सकती ना इसलिए कल सुबह आ सकते हो , स्कूटी भी ड्राप कर देना”,सोफिया ने कहा “लेकिन कॉलेज ?”,कार्तिक ने बस यु ही कहा जबकि दिल ही दिल में तो वो भी आने को तैयार हो गया था
“एक दिन बंक मार सकते हो “,सोफिया ने कार्तिक की आँखों में देखते हुए कहा
आँखों में देखने का असर था या कार्तिक की किस्मत उसने हां में गर्दन हिला दी l सोफिया से चाबी लेकर कार्तिक ने स्कूटी स्टार्ट की और जाने लगा l उसका जाने का बिल्कुल मन नहीं था उसने स्कूटी रोकी और पीछे मुड़कर सोफिया की तरफ देखा l
“कुछ कहना है”,सोफिया ने कार्तिक के चेहरे पर आये भावो को पढ़ते हुए कहा
“वो मैं…………………….!!”,कार्तिक कहते कहते रुक गया और मुस्कुराने लगा
“मेरा नंबर गाड़ी की चाबी के की-चैन पर है”,सोफिया ने कहा और मुस्कुराने लगी
कार्तिक मुस्कुराने लगा पहली बार किसी लड़की ने उसके दिल की बात उसके कहे बिना ही सुन ली l वह वहा से चला गया सोफिया भी अंदर आ गयी l कार्तिक आज बहुत खुश था l घर आते ही उसने सबसे पहला काम सोफिया को कॉल किया l उसके बाद बातें इतनी लम्बी चली की रात भर दोनों नहीं सोये सुबह के 4 बजे बात करते करते कार्तिक को नींद आ गयी l
दूसरी तरफ चंदन ने सबको घर छोड़ा और नंदिनी को हॉस्टल छोड़कर चला गया l सारी रात नंदिनी सिर्फ अपने और कार्तिक के रिश्ते के बारे में सोचती रही पर फैसला नहीं कर पाई की ये प्यार था या अभी भी दोनों दोस्त ही थे l अगली सुबह नंदिनी कॉलेज पहुंची l क्लास में बैठी वह कार्तिक का इंतजार कर रही थी पर कार्तिक नहीं आया l नंदिनी का उदास चेहरा और उदास हो गया उसने कार्तिक को फोन किया लेकिन स्विच ऑफ आ रहा था l दरअसल देर रात तक बात करते हुए कार्तिक के फोन की बैटरी डेड हो गयी और फोन बंद हो गया l सुबह भी वह देर तक सोता रहा इसलिए ना कॉलेज जा पाया ना सोफिया के घर l
कॉलेज में सीढ़ियों पर उदास बैठी नंदिनी आते जाते लोगो को देख रही थी l नंदिनी को अकेले बैठे देखकर श्रुति आकर उसके पास बैठ गयी और सामने देखते हुए कहा,”कार्तिक को मिस कर रही हो ?
“हम्म्म !!”,नंदिनी ने धीरे से कहा
“नंदिनी तुम भी जानती हो की तुम्हे कार्तिक के साथ की आदत हो चुकी है l उसके बिना थोड़ी सी ही सही पर तुम अधूरी हो l जब वो तुम्हारे साथ होता है तब कितना खुश रहती हो तुम, मुस्कराहट तुम्हारे चेहरे से हटती नहीं है l कार्तिक भी तुम्हे बहुत पसंद करता है और उसकी ये पसंद अब धीरे धीरे प्यार में बदलने लगी है l नंदिनी जिंदगी एक मौका सबको देती है उस वक्त हमे तय करना होता है की हमे क्या करना है l अगर बिना कोई देर किये सही फैसला लिया तो जिंदगी आसान हो जाती है वरना हमेशा एक खलिश रहती है”,श्रुति ने नदिनी को समझाते हुए कहा
“मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करू श्रुति ? पहले सब सही था मैं bunny साथ में खुश थे फिर अचानक से ये फीलिंग्स , थॉट्स सब बदल गए है l वो पहले से ज्यादा अच्छा लगने लगा है , उसकी बाते ज्यादा सुनने का मन करता है l कोई और उसके करीब भी आये तो गुस्सा आने लगता है”,नंदिनी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“नंदू यही तो प्यार है , अब तक तुम और कार्तिक साथ साथ थे इसलिए तुम्हे और उसे ऐसा कुछ महसूस ही नहीं हुआ l अक्सर ऐसा ही होता है जब दो लोग दोस्ती में होते है तो उन्हें अपने बिच का प्यार नजर ही नहीं आता पर जब दोनों में से कोई एक दूर हो जाये तब वो फीलिंग्स समझ आने लगती है l इस से पहले की देर हो कार्तिक से अपने दिल की बात कह दे नंदिनी”,श्रुति ने सहज भाव से कहा
“कैसे कह दू श्रुति ? मुझे खुद नहीं पता की मेरा दिल क्या चाहता है और कार्तिक , कार्तिक के दिल में क्या है ये जाने बिना ही मैं उस से कैसे कुछ कह सकती हु l मैं सिर्फ इतना जानती हु की वो सिर्फ मेरा दोस्त है, बहुत अच्छा दोस्त l इस से ज्यादा ये फीलिंग्स क्या है मुझे नहीं समझ आ रहा l”,नंदिनी ने कहा
नंदनी भले ना समझे पर श्रुति को सब समझ आ रहा था l नंदिनी गर्दन झुकाकर बैठ गयी तो श्रुति ने धीरे से कहा,”नंदिनी कार्तिक “
“कहा है ?”,नंदिनी ने जल्दी से गर्दन उठाकर इधर उधर देखते हुए कहा l
श्रुति ने नंदिनी की और देखा और कहने लगी,”सिर्फ उसके नाम से तुम्हारा ये हाल है नंदिनी , ये प्यार नहीं तो और क्या है ? चाहे तुम इसे कितना भी नजरअंदाज करो पर सच यही है l अब तुम बैठकर सोचो ये दोस्ती है या प्यार ……………. इस सवाल का जवाब किसी और के नहीं बल्कि तुम्हे अपने पास ही मिलेगा l और अगर फिर भी समझ ना आये तो अपनी आँखे बंद कर लेना , जवाब मिल जाएगा l
श्रुति उठकर वहा से चली गयी l
नंदिनी ने अपनी आँखे बंद कर ली कार्तिक का मुस्कुराता हुआ चेहरा उसकी आँखों के सामने झिलमिलाने लगा l
“हां ये सच था उसे प्यार हो गया था”
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क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya -11
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संजना किरोड़ीवाल