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Pasandida Aurat – 50

Pasandida Aurat – 50

Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

सिद्धार्थ से बात करने के अवनि को महसूस हुआ कि सिद्धार्थ उस से सच में बहुत प्यार करने वाला है। सिद्धार्थ ने जो पैसे सुरभि पर खर्च किये वो अवनि ने सिद्धार्थ को लौटा दिए। वह कमरे से बाहर आयी देखा सुरभि उदास सी बालकनी में खड़ी है तो अवनि मुस्कुराते हुए उसके पास आयी और कहा,”तुमने आज इतनी शॉपिंग की और मुझे दिखाया तक नहीं कि तुमने क्या लिया ? चलो दिखाओ मुझे”
सुरभि ने सुना तो अवनि की तरफ देखा और कहा,”तुम मुझसे नाराज नहीं हो ?”


“मैं तुम से नाराज क्यों होने लगी ? वैसे मैंने भी तुम पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा कर दिया आई ऍम सॉरी,,,,,,,,!!!”,अवनि ने सुरभि के गाल को छूकर प्यार से कहा
“इट्स ओके मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा”,सुरभि ने मुस्कुरा कर कहा
“चलो अब दिखाओ मुझे तुमने क्या क्या शॉपिंग की ?”,अवनि ने सुरभि का हाथ पकड़ा और उसे सोफे की तरफ लेकर चली आयी। अवनि खुद सोफे पर आ बैठी और सुरभि ने अपना फैशन शो शुरू कर दिया।

वह एक एक करके कपडे उठाती अंदर जाती और पहनकर अवनि के पास आती। अवनि उसे 10 में से रेटिंग दे रही थी। सुरभि ने अवनि को शॉल दिया जो वह उसके लिए लेकर आयी थी। ये सब करते करते शाम हो चुकी थी और सूरज ढल चुका था। सुरभि आखरी ड्रेस पहनकर बाहर आयी तो अवनि ने कहा,”टेन आउट ऑफ़ टेन , इसे पहने रखो हम आज रात का खाना खाने बाहर जा रहे है”
“नोट बेड वैसे आज रात के डिनर में हम लोग क्या खाने वाले है ?”,सुरभि ने अपने बालों को सही करते हुए पूछा


“वही हमारी ऑल टाइम फेवरेट “पावभाजी” मैं चेंज करके आती हूँ”,अवनि ने सोफे से उठते हुए कहा
अवनि के मुंह से पावभाजी सुनकर सुरभि को सहसा ही उस लड़के की याद आयी जिसका प्रोफाइल उसने सुबह देखा था और जो कि मुंबई से था। उसने अवनि के पीछे आते हुए कहा,”तुम्हे पावभाजी इतनी पसंद है , आई थिंक उस हिसाब से तुम्हे मुंबई में होना चाहिए था”
“क्या बोल रही है तू मैं मुंबई क्यों जाउंगी ?”,अवनि ने अपने बाल बनाते हुए कहा


“क्या पता तुम्हारी सही डेस्टिनेशन वही हो”,सुरभि ने कहा वह बस कैसे भी करके सिद्धार्थ को अवनि की जिंदगी से निकालना चाहती थी।
“मेरी सही डेस्टिनेशन मुझे मिल चुकी है वो भी इसी शहर में”,अवनि ने मुस्कुरा कर कहा
“यू मीन सिद्धार्थ ?”,अवनि ने पूछा
“हम्म्म,,,,पहले इस शहर में रहने की मेरे पास कोई वजह नहीं थी सुरभि पर अब वजह है और वो वजह है सिद्धार्थ,,,,,,,,,,अब चलो मुझे बहुत भूख लगी है”,कहते हुए अवनि ने अपना बैग उठाया और सुरभि को साथ लेकर फ्लेट से बाहर निकल गयी

पृथ्वी ने अपना ऑफिस का काम ख़त्म किया और बाहर चला आया। आज वह नकुल की बाइक लेकर आया था इसलिए उसे स्टेशन भागने की जल्दी नहीं थी। उसने पार्किंग से बाइक निकाली और उस पर आ बैठा। पृथ्वी ने बाइक स्टार्ट की और घर के लिए निकल गया। रास्तेभर उसके जहन में बस अवनि का ख्याल ही चल रहा था। वह चाहकर भी उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था। अब तक ना जाने कितनी ही लड़कियों के साथ पृथ्वी ने काम किया था , ट्रेन में कितनी ही लड़कियों से टकराया था ,

लता के कहने पर कितनी ही लड़कियों से शादी के लिए मिला था पर आज तक किसी लड़की ने उसके दिलो-दिमाग पर इतना असर नहीं किया था जितना अवनि की एक झलक ने कर दिया था। पृथ्वी पहले खुद भी इसे इत्तेफाक ही समझता था पर जैसे जैसे वह अवनि के बारे में जानता गया उनसे पाया अवनि उसके दिल के और करीब आने लगी है। यू तो पृथ्वी बहुत ही समझदार , बोल्ड और जवाब देने में माहिर था पर अवनि से बात करने से डरता था

डरता क्या था अवनि को एक मैसेज करते हुए भी उसकी उंगलिया काँपने लगती और दिल धड़कने लगता और यही वजह थी कि इतने वक्त बाद भी पृथ्वी अवनि से कोई बात नहीं कर पाया। वह उसकी नजरो में खुद को फ्लर्टी या चीप दिखाना नहीं चाहता था पर बेचारा पृथ्वी ये नहीं जानता था कि वह जितनी देरी कर रहा था अवनि उतना ही सिद्धार्थ के करीब जाती जा रही थी।

बाइक ऑफिस से काफी दूर निकल आयी थी और सहसा ही पृथ्वी उसी शिव मंदिर के सामने से गुजरा जहा एक बार वह लता के साथ आया था और मंदिर के बाहर एक बच्चे से मिला था। मंदिर के ठीक सामने से गुजरते हुए बाइक रुक गयी। पृथ्वी ने बाइक को स्टार्ट करने के लिए किक मारी लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई , पृथ्वी को जल्दी घर जाना था और नकुल से भी मिलना था लेकिन बाइक से बीच रास्ते में उसे धोखा दे दिया।

पृथ्वी ने एक दो बार और उसे स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन बाइक तो आज पृथ्वी के सब्र का इम्तिहान लेने की कसम खा चुकी थी। झल्लाकर पृथ्वी ने बाइक को स्टेण्ड पर लगाया और उतरकर एक लात उसे मारी।  
तभी बारिश होने लगी , अब तो पृथ्वी की झुंझलाहट और बढ़ गयी और उसकी नजर पड़ी सामने शिव मंदिर पर , पृथ्वी भीगते हुए मंदिर की तरफ बढ़ा और बाहर ही खड़े होकर चिल्लाया,”हर बार मेरे साथ ही ये सब करने में मजा आता है ना आपको ?

आप जान बूझकर ऐसा करते है चाहते है मैं आपके पास आउ , मैं नहीं आऊंगा , हरगिज नहीं आऊंगा,,,,,,इतने लोग आपकी पूजा करते है आपको प्रशाद चढ़ाते है आपके मंदिर आते है क्या इतना काफी नहीं है आपके लिए ,,,,, आपको लगा आज तो मैं आकर आपसे कहूंगा कि जिस लड़की का ख्याल पिछले कई महीनो से मेरे जहन में है उसे भी मेरा ख्याल आये तो मैं ऐसा नहीं कहूंगा और क्यों आएगा उसे मेरा ख्याल ?

वो तो मुझे जानती तक नहीं , वो अपनी दुनिया में खुश है अपनी उन कहानियो के साथ जिन्हे हजारो लोग पढ़ते है पर क्या वो ये जानती है उसकी कहानियो की वजह से कोई कई दिनों से सो नहीं पाया है। हाह ! वो क्यों जानेगी ? मैं भी तो बाकि सबकी तरह उसका एक फॉलोवर हूँ ना जो सोशल मिडिया पर उसे फॉलो करता हैं , वो अपने एक फॉलोवर पर ध्यान क्यों देगी ? और आपसे ये सब बाते मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योकि वो आपको मानती है ,

बहुत ज्यादा मानती है और ऐसा तो कभी नहीं होगा कि आप उसके जहन में मेरा ख्याल आने दे,,,,,,,,,,क्योकि हमारी तो आपस में बनती नहीं है,,,,,,,,,,आप क्यों मेरे लिए उसके दिल में जगह बनाएंगे,,,,,,,,,,,जा रहा था मैं अच्छा ख़ासा अपने घर लेकिन आपको मुझे परेशान करना होता है,,,,,,,,इसलिए अब ये बारिश भी शुरू कर दी,,,,,,,!!”
मंदिर के बाहर खड़ा पृथ्वी मंदिर में बैठे भगवान से ऐसे शिकायत कर रहा था जैसे वो उसकी सब बाते सुन रहे हो। आस पास से गुजरते लोग पृथ्वी को इस वक्त पागल समझ रहे थे और उसे देखकर आगे बढ़ जाते।

कुछ देर बाद बारिश और तेज हो गयी तो पृथ्वी शांत हो गया और गुस्से से मंदिर की तरफ देखने लगा। भगवान् भी पृथ्वी के मजे लेने के मूड में थे तभी तो दिसंबर के महीने में बारिश रोकने के बजाय और तेज कर दी। पृथ्वी थककर वही मंदिर की सबसे आखरी सीढ़ी पर बैठ गया और भीगने लगा। वह भगवान् की तरफ पीठ करके बैठा था लेकिन भगवान से उसकी ये नाराजगी क्यों थी वह खुद भी नहीं समझ पाया। पृथ्वी शांत बैठा ही था कि तभी वही लड़का पृथ्वी के बगल में आकर बैठा जो पृथ्वी से पिछली बार मिला था।


“भैया ! तुम भगवान से गुस्सा हो ? आई कहती है भगवान् से गुस्सा नहीं होना चाहिए वो तो बहुत अच्छे होते है”,लड़के ने कहा
“अच्छा तो फिर तुम्हारी आई से ये पूछना कि भगवान् अगर अच्छे होते है तो वो हमे इतना परेशान क्यों करते है ?”,पृथ्वी ने चिढ़कर कहा
 “ये तो मैंने आई से नहीं पूछा”,लड़के ने मासूमियत से कहा


पृथ्वी ने कुछ नहीं कहा तो लड़का बोला,”पर मेरी आई कहती है भगवान् हमेशा हमारे साथ होते है,,,,,,,वो हमेशा हमारी रक्षा करते है और अगर हम भगवान् की दी छोटी छोटी परेशानी को ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर ले तो भगवान हमे बड़ी परेशानी से बचा लेते है”
पृथ्वी लड़के को देखने लगा तो लड़का मुस्कुराया और कहा,”आपको इसलिए गुस्सा आ रहा है न कि बारिश हो रही है और बाइक बंद हो गयी”


“हम्म्म,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने धीरे से कहा
“बारिश को रोकना आपके हाथ में नहीं है लेकिन उसमें भीगना तो आपके हाथ में है ना,,,,,,,,,तो जब तक बारिश नहीं रूकती भीगने का मजा लो”,लड़के ने कहा तो पृथ्वी के जहन में एकदम से अवनि की लिखी बात आ गयी
बारिश को रोकना हमारे हाथ में नहीं है पर बारिश में खुले आसमान के नीचे अपने हाथो को फैलाकर बारिश की बूंदो को समेट लेना हमारे हाथ में है , ठीक वैसे ही हर परेशानी में कुछ अच्छा छुपा होता है बस हमे ढूंढना आना चाहिए”

 पृथ्वी मुस्कुरा उठा और लड़के का सर सहलाकर कहा,”सही कहती है तुम्हारी आई”
कहकर पृथ्वी उठा और आगे बढ़ गया वह खुले आसमान के नीचे खड़ा हो गया , उसने अपनी बाँहे फैलाई और आँखे मूँदकर गर्दन उठा ली बारिश की बुँदे उसके चेहरे और हथेलियों पर गिरने लगी। कुछ देर पहले जो गुस्सा था वो उन बूंदो के साथ बह गया और पृथ्वी का मन एकदम से हल्का हो गया। उसे अब चिढ नहीं हो रही थी , उसे अब गुस्सा नहीं आ रहा था , आँखे मूंदे फिर वह अवनि के बारे में सोचने लगा।

अवनि को भी बारिश से बहुत प्यार था इसलिए तो उसकी हर कहानी में बारिश का जिक्र होता था। कुछ देर भीगने के बाद पृथ्वी ने आँखे खोली तो सामने स्ट्रीट लाइट की पिली रौशनी में उसे दो लोग नजर आये , एक लड़का और एक लड़की दोनों एक दूसरे का हाथ थामे वहा खड़े बारिश से बचने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें देखते हुए पृथ्वी को अवनि नजर आने लगी , पृथ्वी देख रहा था कैसे वह और अवनि स्ट्रीट लाइट के नीचे जमा बारिश के पानी में बच्चो की तरह कूद रहे है।

सफ़ेद सूट , गले में दुपट्टा , बारिश में भीगे लम्बे घने बाल , होंठो पर प्यारी सी मुस्कराहट लिए अवनि कितनी अच्छी लग रही थी , वही शांत , गंभीर रहने वाला पृथ्वी उसके साथ खुलकर हंस मुस्कुरा रहा था। स्ट्रीट लाइट से दूर खड़ा पृथ्वी अपने बाँये हाथ को गाल से लगाए प्यार से अपने ख्याल को सामने हकीकत के रूप में देख रहा था। उसके होंठो पर प्यारी सी मुस्कान थी और बाल बिखरकर ललाट पर आ चुके थे। पृथ्वी उस पल को ज्यादा देर महसूस कर पाता इस से पहले बारिश रुक गयी और पृथ्वी का खुबसुरत ख्याल बारिश के साथ ही गायब हो गया।

उसने एक बार फिर मंदिर की तरफ देखा और कहा,”देखा मैंने कहा था आपसे मेरी ख़ुशी देखी नहीं जाती”
पृथ्वी अपनी बाइक की तरफ आया और एक बार फिर उसे स्टार्ट करने की कोशिश की और ये हुआ चमत्कार बारिश में इतना भीगने के बाद भी बाइक स्टार्ट हो गयी और पृथ्वी वहा से चला गया।

मंदिर के पुजारी जी जिन्होंने पहले पृथ्वी की पूरी बात सुनी थी वे बाहर आये और पृथ्वी को जाते देखकर मायूसी भरे स्वर में कहा,”कैसा अजीब लड़का है ? भगवान् से ऐसे बातें करता है जैसे कोई इंसान हो ,, पर ये नहीं जानता कि जिस भगवान् से ये दूर भाग रहा है वो भगवान् कही उसे इतना मजबूर ना कर दे कि उसे आना पड़े,,,,,,,,,!!”

सिरोही बाजार में अवनि और सुरभि पावभाजी खा रही थी। खाते खाते सुरभि ने देखा कि अवनि कुछ सोचते हुए बेवजह मुस्कुरा रही है तो उसने कहा,”अच्छा अवनि एक बात पुछु ?”
“हम्म्म पूछो”,अवनि ने कहा
“अगर सिद्धार्थ तुम्हे शादी के लिए प्रपोज करे तो तुम्हारा जवाब क्या होगा ?”,सुरभि ने धड़कते दिल के साथ पूछा

“ऑफकोर्स हाँ होगा ! जिसे हम पसंद करते है उसी से हमारी शादी हो ऐसा कौन नहीं चाहेगा ? सिद्धार्थ पूरा हस्बेंड मेटेरियल है सुरभि , वो अपनी फॅमिली को बहुत प्यार करता है , स्प्रिचुअल है , उसके पास अच्छी जॉब है , समझदार है , घर की ग्रोसरी से लेकर सब्जिया तक खुद खरीद लेता है , अपने घर की जिम्मेदारियां अकेला उठाता है , काफी इंटेलिजेंट है और लोगो की रिस्पेक्ट करता है,,,,सिद्धार्थ जैसे लड़के को कोई भी लड़की ना नहीं कहेगी”,अवनि ने कहा


सुरभि ने सुना तो उसका दिल टूट गया। अवनि सिद्धार्थ में जिन खूबियों को देख रही थी वे उसमें भले ही हो लेकिन इसके अलावा उसमे हजारों ऐसी कमिया थी जिन्हे देखते कोई भी लड़की उस से शादी करना बिल्कुल नहीं चाहेगी। सुरभि फीका सा मुस्कुराई और कहा,”हम्म्म ठीक कहा”


अवनि ने अपना ध्यान खाने पर लगा लिया और सुरभि मन ही मन खुद से कहने लगी,”इस सिद्धार्थ ने भी अवनि की जिंदगी में क्या सही टाइम पर एंट्री मारी है , डूबते हुए इंसान को अगर तिनके का सहारा भी मिले तो वो तिनके में नाव वाले गुण देखने लग जाता है और भूल जाता है कि अगर ये तिनका उसकी आँखों में आ लगे तो उसे अँधा भी कर सकता है,,,,,,,,,

महादेव सिद्धार्थ जैसे इंसान को तुम्हारे लिए नहीं चुन सकते अवनि , तुम अभी भी भरम में हो ज़रा सोचो तुम्हारे इष्ट क्या सच में तुम्हे ऐसे इंसान को सौंपेगे,,,,,,,वो कोई और है जिन्हे तुम्हारे महादेव ने चुना है अवनि और देखना तुम उस से जरूर टकराओगी”

टकराने के बारे में सोचते हुए सुरभि की आँखों के सामने बनारस का वो पल आया जब वह पृथ्वी से टकराई थी और पृथ्वी ने उसे नीचे गिरा दिया था। पृथ्वी का चेहरा याद आते ही सुरभि को अवनि की इंस्टा ID वाले उस लड़के का प्रोफाइल पिक्चर याद आया , दोनों एक ही थे और सुरभि एकदम से चिल्लाई,”अरे यार,,,,,,!!”
“क्या हुआ ?”,अवनि ने पूछा और आस पास के लोग भी सुरभि को देखने लगे


सुरभि को होश आया और उसने कहा,”अह्ह्ह्ह हहहह कुछ नहीं , वो मैं भाजी में नींबू डालना भूल गयी और ऐसे ही खा लिया”
आस पास वालो ने सुना तो मुस्कुराने लगे और अवनि ने कहा,”तुम भी न कभी कभी डरा देती हो कसम से”
“सॉरी,,,,,,वैसे मेरा हो गया तुम्हारा हो गया हो तो चले ?”,सुरभि ने अपनी प्लेट डस्टबिन में फेंकते हुए कहा उसे घर जाने की जल्दी थी ताकि वह उस प्रोफाइल को फिर से चेक कर सके।  

“अरे इतनी जल्दी , तुम्हे आइसक्रीम भी तो खानी थी”,अवनि ने भी नेपकिन से अपने हाथ पोछते हुए कहा
“इतनी ठण्ड में आइसक्रीम कौन खाता है अवनि ? बीमार पड़ जाओगी अब चलो,,,,,,,,!!”,कहते हुए सुरभि ने पावभाजी के पैसे चुकाए और अवनि का हाथ पकड़कर वहा से ले गयी।

चाय की टपरी , पनवेल
ऑफिस से आने के बाद पृथ्वी सीधा लता के घर चला आया। कपडे बदले खाना खाया और फिर नकुल की बाइक लेकर सीधा टपरी पर चला आया। नकुल हाथ में चाय का गिलास थामे टपरी के पास ही डिवाइडर पर बैठा था और पिछले 5 मिनिट से पृथ्वी उसके सामने यहाँ से वहा बस चक्कर काट रहा था। पृथ्वी को समझ नहीं आ रहा था कि वह नकुल को अवनि के बारे में कैसे बताये और कहा से शुरू करे ?


“भाई तू बताएगा प्रॉब्लम क्या है ? तब से देख रहा हूँ पिछले 5 मिनिट से सड़क नाप रहा है , नहीं चल क्या रहा है तेरे दिमाग बताएगा मुझे,,,,,,,,,!!”,नकुल ने चिढ़ते हुए कहा क्योकि पृथ्वी की खामोशी से अब तक वह भी परेशान हो चुका था।
पृथ्वी रुका और कहा,”I Like Someone”
नकुल ने सुना तो हैरानी से पृथ्वी को देखने लगा और फिर हाथ में पकड़ा चाय का गिलास साइड में रखकर उठा और पृथ्वी के सामने आकर हैरानी भरे स्वर में कहा,”तो तू ये कह रहा है कि तुझे कोई लड़की पसंद है,,,,,,,,,,,,,,

वाओ नाइस , कौन है , कहा से है , क्या करती है , नाम क्या है , रहती कहा है और दिखती कैसी है ?”
नकुल ने एक साथ कई सारे सवाल कर डाले पृथ्वी उसके साथ डिवाइडर पर आ बैठा और उसे अवनि के बारे में सब बताया बस ये नहीं बताया कि वह वही राइटर है जिसकी किताब नकुल ढूंढ रहा था वरना उसे नकुल से बहुत मार पड़ती।

नकुल ने सारी बातें सुनी और कहा,”बाकि सब तो ठीक है पर “राजस्थान” आई मीन उसके साथ वाइब कैसे मैच होगी ? रुषाली पहले भी तेरा दिल तोड़ चुकी है तो जरा सोच समझकर इन लड़कियों का कोई भरोसा नहीं होता ये कब हमारा दिल तोड़ दे”
पृथ्वी उठा और दो कदम आगे बढाकर सर्द लहजे में कहा,“स्त्री मोह नरक का द्वार है , पर अगर स्त्री राजस्थान से हो तो मोह अच्छा है”  

( क्या ईश्वर कर देंगे पृथ्वी को इतना मजबूर की उसे आना पड़ेगा उनके दरवाजे ? क्या सुरभि करेगी पृथ्वी से बात और लेगी उसकी मदद ? क्या एक बार फिर टूटने वाला है पृथ्वी का मासूम दिल ? जानने के लिए पढ़ते रहिये “पसंदीदा औरत”

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संजना किरोड़ीवाल 

Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal
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