Pasandida Aurat – 46
सिद्धार्थ को अपने सामने देखकर सुरभि के चेहरे का रंग उड़ गया उसने सपने में भी नहीं सोचा था अवनि को जिस से प्यार होगा वो लड़का सिद्धार्थ होगा। सुरभि हक्की बक्की सी खड़ी सिद्धार्थ को देख रही थी और सिद्धार्थ उसे देखते हुए मंद मंद मुस्कुरा रहा था। सुरभि होश में आयी और गुस्से में लगभग सिद्धार्थ पर चढ़ते हुए कहा,”तुम ? तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? और तुम्हे,,तुम्हे मेरा नाम कैसे पता ? don’t say that कि तुम वो लड़के हो जिस से अवनि मिलने आयी है”
सिद्धार्थ मुस्कुराया और कहा,”सुरभि , सुरभि , सुरभि तू कितनी इंटेलिजेंट हो,,,Hii i am Sidharth Mathur , अवनि ने तुम्हे मेरे बारे में बताया ही होगा”
सुरभि को झटका लगा और कुछ ज्यादा ही जोर से लगा क्योकि सिद्धार्थ से वह पहले भी एक बार नहीं तीन बार टकरा चुकी थी और तीनो ही बार सिद्धार्थ उसे बद्तमीज , एरोगेंट और फेक इंसान लगा था। सुरभि कुछ कहती इस से पहले ही अवनि वहा आ पहुंची और सुरभि के बगल में आकर कहा,”सुरभि तुम सिद्धार्थ से मिली , ये है सिद्धार्थ माथुर मैंने तुम्हे इनके बारे में बताया था ना,,,,,क्या हुआ तुम इतनी शॉक्ड क्यों हो ?”
“तुमने शायद सुरभि के सामने मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर दी इसलिए ये मुझे देखकर थोड़ा शॉक्ड है अवनि”,सुरभि से पहले सिद्धार्थ ने हँसते हुए कहा तो अवनि भी हंसी और कहा,”क्या सुरभि तुम भी , सिद्धार्थ बिल्कुल वैसा ही है जैसा मैंने तुम्हे बताया था तुम्हे इतना भी शॉक होने की जरूरत नहीं है सुरभि,,,,,,आप लोग खड़े क्यों है आईये ना वहा बैठते है”
कहकर अवनि टेबल की तरफ बढ़ गयी। सिद्धार्थ और सुरभि भी टेबल की तरफ बढ़ गया और सुरभि के बगल में चलते हुए उसकी तरफ झुककर धीरे से कहा,”Nice to meet you सुरभि जी”
सुरभि ने घूरकर सिद्धार्थ को देखा तो सिद्धार्थ आगे बढ़ गया। उसने अवनि से आगे जाकर उसके लिए कुर्सी खिसकाई और अवनि के लिए प्यार और परवाह एक साथ दिखाया। अवनि मुस्कुराते हुए उसी कुर्सी पर आ बैठी। सुरभि अवनि के सामने अभी कुछ बोलकर कोई सीन क्रिएट करना नहीं चाहती थी
उसने अपने होंठो पर एक झूठी मुस्कान चिपकाई और अवनि के सामने पड़ी खाली कुर्सी पर आ बैठी। सिद्धार्थ भी अवनि के बगल वाली कुर्सी पर आ बैठा।
“सो सुरभि ! क्या करती हो तुम ?”,सिद्धार्थ ने पूछा
सुरभि की तंद्रा टूटी और उसने सिद्धार्थ की तरफ देखकर कहा,”कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रही हूँ,,,,,,!!”
“सुरभि पढ़ने में बहुत इंटेलिजेंट है सिद्धार्थ”,अवनि ने सुरभि की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा
“वो तो इसे देखकर ही पता चल गया कि ये काफी शार्प माइंडेड है , वैसे हमारा पेट बातों से नहीं भरने वाला कुछ आर्डर करते है और खाते हुए बातें करते है”,कहकर सिद्धार्थ ने वेटर को अपनी तरफ आने का इशारा किया और सबके लिए तीन कोल्ड ड्रिंक , एक लार्ज पिज्जा और वाइट सॉस पास्ता आर्डर कर दिय”
“तुमने तीन कोल्डड्रिंक आर्डर क्यों की ? अवनि को कोल्ड ड्रिंक पसंद नहीं है,,,,,!!”,सुरभि ने सिद्धार्थ की तरफ देखकर कहा
“अवनि इज इट ट्रू ? आई मीन मेरे साथ तुमने बहुत बार पी है इन्फेक्ट मैंने जब जब आर्डर किया तुमने पीया है,,,,,,,,,don’t say वो मेरे लिए था”,सिद्धार्थ ने ऐसे हैरान होकर कहा जैसे उसे कुछ पता ही ना हो
सुरभि बस इंतजार में थी कि अवनि ना बोलेगी लेकिन अगले ही पल अवनि ने सुरभि की उम्मीद पर पानी फेर दिया और कहा,”सुरभि सच कह रही है मुझे कोल्ड़ ड्रिंक पसंद नहीं”
“तो फिर तुमने ?”,सिद्धार्थ ने उतनी ही हैरानी से कहा
“मैंने आपके लिए किया”,अवनि ने कहा
“अवनि ! this is wrong तुम्हे मेरे लिए अपनी choice बदलने की जरूरत नहीं है , मैं अभी एक ड्रिंक केंसल कर देता हूँ”,सिद्धार्थ ने कहा और वेटर को बुलाने लगा तो अवनि ने उसे रोक दिया और कहा,”इट्स ओके सिद्धार्थ ! तुम्हारे लिए इतना तो कर सकती हूँ मैं”
सिद्धार्थ ने सुना तो अवनि के हाथ को अपने हाथो में थाम लिया और कहा,”So sweet of you , i am so lucky,,,,,,,,,!!”
कहते हुए सिद्धार्थ सुरभि की तरफ देखा और अपनी बांयी भव उचका दी जैसे वह ये सब जानबूझकर कर रहा हो
अवनि की बात सुनकर सुरभि ने अपना सर झुकाया और ललाट खुजाते हुए कहा,”ये लड़की इस चिलगोजे के प्यार में पागल हो चुकी है”
“तुमने कुछ कहा ?”,सिद्धार्थ ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं कुछ नहीं,,,,,,,,,,वैसे तुम फ्लर्ट के अलावा क्या करते हो ?”,सुरभि ने जबरदस्ती मुस्कुराकर पूछा
“मैं फ्लर्ट करने में विश्वास नहीं रखता , मेरे दिल में जो होता है वो डायरेक्ट बोल देता हूँ। क्यों अवनि , वैसे मैं एक आई टी कम्पनी में मैनेजर हूँ , 10 लाख पर एनुअल”,सिद्धार्थ ने इतरा कर कहा।
“हुंह ! 10 लाख तो ऐसे बता रहा है जैसे कम्पनी का मालिक हो”,सुरभि फिर बड़बड़ाई
“अच्छा सुरभि ! अंकल आंटी कैसे है ? वो मुझे याद करते है क्या ?”,अवनि ने पूछा
“मम्मी पापा दोनों ठीक है मम्मी ने तो तुम्हे घर बुलाया और तुम्हारे लिए ड्रायफ्रूट लड्डू भी भेजे है तुम्हे पसंद है ना ?”,सुरभि ने कहा
“सो स्वीट ! मैं भी उदयपुर को बहुत मिस करती हूँ,,,,,,,,!!”,अवनि ने उदासी भरे स्वर में कहा
“तुम उदयपुर क्यों नहीं आती ? यहाँ आये हुए तुम्हे 2 महीने हो चुके अवनि , अपने घर ना सही मेरे घर आ जाओ मम्मी पापा तुम से मिलकर बहुत खुश होंगे”,सुरभि ने कहा
“अवनि उदयपुर नहीं जाएगी”,अवनि से पहले सिद्धार्थ ने गंभीर स्वर में कहा
सुरभि ने सुना तो उसे अजीब लगा , आखिर अवनि की जिंदगी के फैसले सिद्धार्थ कब से लेने लगा ?
उसने सिद्धार्थ को देखा तो सिद्धार्थ ने अवनि की तरफ देखा और प्यार से कहा,”जो जगह अवनि के चेहरे पर उदासी लेकर आये , उसकी आँखों में आँसू दे , उसे परेशान करे , उस जगह अवनि नहीं जाएगी। मैं अवनि के लिए ये शहर इतना खूबसूरत बना दूंगा कि इसे कभी उदयपुर की कमी महसूस ही नहीं होगी”
“लेकिन तुम उसे,,,,,,,,,!!”,सुरभि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा वह आगे कह पाती इस से पहले वेटर खाना ले आया।
सिद्धार्थ ने सुरभि के लिए प्लेट में पिज्जा और पास्ता परोसा और उसके सामने रखा , साथ ही कोल्ड ड्रिंक का गिलास भी रख दिया और अवनि के बगल में आ बैठा। अपने और अवनि के लिए उसने एक ही प्लेट में परोसा और दोनों साथ साथ खाने लगे। सुरभि के गले से बहुत मुश्किल से खाना नीचे उतर रहा था।
सिद्धार्थ अपने हाथ से अवनि को खिला रहा था और सुरभि बस अंदर ही अंदर गुस्से से जलते हुए उसे देख रही थी। सिद्धार्थ अवनि से प्यार जताने का , उसकी परवाह करने का एक मौका नहीं छोड़ रहा था। खाते हुए ज़रा सा पास्ता सॉस अवनि के होंठ के नीचे लग गया तो सिद्धार्थ ने उसे भी अपनी ऊँगली से हटाया और फिर खुद ही खा लिया ये देखकर अवनि शरमा गयी क्योकि सुरभि भी वहा थी और सिद्धार्थ मुस्कुराते हुए अपनी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा।
सुरभि ने देखा जो खाना सिद्धार्थ ने आर्डर किया था
अवनि वो सब पहले कभी नहीं खाती थी और कोल्ड ड्रिंक से तो अवनि को सख्त नफरत थी लेकिन सिद्धार्थ के प्यार में अवनि इतनी बदल गयी कि वह हर उस चीज को अपनी जिंदगी में शामिल करने लगी जो सिद्धार्थ को पसंद था और यही बात सुरभि को हर्ट कर रही थी। सुरभि ने बेमन से अपना खाना ख़त्म किया और फिर तीनो वहा से बाहर चले आये।
“अवनि मैं तुम दोनों को घर छोड़ दू ?”,सिद्धार्थ ने पूछा
“नो थैंक्यू ! मुझे कुछ शॉपिंग करनी है तो मैं और अवनि चले जायेंगे”,अवनि से पहले सुरभि ने कहा
“इस वक्त तो मार्किट में बहुत भीड़ मिलेगी , तुम्हे अगर शॉपिंग करनी है तो कल दोपहर में करो उस वक्त भीड़ भी नहीं होगी और ठंड भी कम होगी,,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कहा
“लेकिन मुझे,,,,,,,,,,!!”,सुरभि ने कहा
“सिद्धार्थ सही कह रहा है सुरभि , एक काम क्यों नहीं करती तुम कल सिद्धार्थ के साथ शॉपिंग पर चली जाना। ये यहाँ का पूरा मार्किट अच्छे से जानते है इनकी बार्गनिंग स्किल्स भी काफी अच्छी है”,अवनि ने सिद्धार्थ की तरफ देखकर कहा
“ओह्ह्ह कम ऑन अवनि बस करो मुझे अब शरम आ रही है। वैसे मैं कल फ्री हूँ तो मुझे सुरभि को शॉपिंग पर लेकर जाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है”,सिद्धार्थ ने कहा
“बट मुझे है,,,,,,,,,थैंक्यू !”,सुरभि ने कहा
“क्या हुआ है तुम्हे ? तुम ऐसे क्यों बात कर रही हो ?”,अवनि ने चिंतित स्वर में कहा
सुरभि अवनि को परेशान करना नहीं चाहती थी इसलिए कहा,”अह्ह्ह कुछ नहीं वो बस मेरे सर में थोड़ा दर्द हो रहा है , घर चले ?”
“और तुम्हे शॉपिंग पर जाना है , मारूंगी ना ऐसे खींच के,,,,,,,,,!!”,अवनि ने सुरभि को थप्पड़ दिखाकर झूठ मुठ का गुस्सा करके कहा
“अरे तो पहले बताना था ना , मेरी गाडी में पेन किलर रखा है तुम वो ले लेना घर पहुंचने तक ठीक हो जाएगा। अह्ह्ह अवनि तुम सुरभि को लेकर बाहर मिलो मैं गाड़ी लेकर आया”,कहते हुए सिद्धार्थ वहा से चला गया।
“तुमने उसे क्यों कहा ? हम घूमते घामते चले जाते ना घर”,सुरभि ने कहा
“सुरभि ! सिद्धार्थ मेरा बहुत ख्याल रखता है और वैसे ही परवाह उसे तुम्हारी भी है इसलिए तो उसने घर छोड़ने को कहा,,,,,,,,,अब चलो”,अवनि ने सुरभि की बांह थामकर आगे बढ़ते हुए कहा
“ओह्ह्ह अवनि ! तुम कितनी भोली हो क्या तुम्हे वो सब दिखाई नहीं दे रहा जो मैं देख पा रही हूँ , हो सकता है मैं सिद्धार्थ को लेकर गलत हूँ पर वो तुम्हारे लिए परफेक्ट मैच नहीं है अवनि,,,,,,,,,,तुम उसके साथ कितनी खुश हो पर डरती हूँ कही वो तुम्हारा दिल ना तोड़ दे,,,,,,!!”,अवनि के साथ चलते हुए सुरभि ने मन ही मन कहा
चलते चलते अवनि की नजर सफेद और पिले रंग के फूल पर पड़ी। अवनि ने खुश होकर उसे तोड़ लिया ये देखकर सुरभि ने कहा,”तुम इसका क्या करोगी ?”
“सोच रही हूँ तुम्हारे बालो में लगा दू”,अवनि ने मुस्कुरा कर कहा
“क्या ?”,सुरभि ने हैरानी से कहा
“हाहाहाहा मजाक कर रही हूँ ये सिद्धार्थ के लिए है , हमेशा लड़के ही लड़कियों को फूल देकर उन्हें स्पेशल फील करवाते है पर मैंने कभी किसी लड़की को एक लड़के को फूल देते नहीं देखा,,,,,,,,,,,सो ये सिद्धार्थ के लिए”,अवनि ने खुश होकर कहा
“लगता है तुम उसके प्यार में पागल हो गयी हो”,सुरभि ने कहा
“अहा ! ऐसा कुछ भी नहीं है , वो मेरे लिए जितने एफ्फोर्ट्स करता है उसके सामने ये कुछ भी नहीं,,,,,,,,,!!”,अवनि ने कहा तभी उनके कानो में हॉर्न की आवाज पड़ी सिद्धार्थ गाड़ी लेकर आ चुका था।
अवनि और सुरभि गाड़ी की तरफ बढ़ गए। सिद्धार्थ ने अवनि के लिए पहले ही आगे का दरवाजा खोल दिया ये देखकर सुरभि खुद ही पीछे का दरवाजा खोलकर आ बैठी। सिद्धार्थ ने अवनि से सीट बेल्ट लगाने को कहा और गाड़ी आगे बढ़ा दी।
“ये आपके लिए,,,,,,,,!!”,अवनि ने हाथ में पकड़ा सफ़ेद और पीले रंग का फूल अवनि की तरफ बढ़ा दिया।
“थैंक्यू,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कहा और फूल को अपने हाथ में पकडे गाड़ी चलाने लगा। अवनि खिड़की के बाहर देखने लगी। सर्दियों की शाम इस शहर की सबसे खूबसूरत शामें हुआ करती थी। सुरभि का ध्यान तो बस सिद्धार्थ पर था वह सिद्धार्थ को समझने की कोशिश कर रही थी कि क्या सिद्धार्थ वाकई में अच्छा इंसान है या सिर्फ अवनि के सामने अच्छा बनने का नाटक कर रहा है। अवनि का ध्यान बाहर है ये देखकर सिद्धार्थ ने हाथ में पकडे फूल को गाड़ी के डेशबोर्ड पर उछाला और अपने दोनों हाथ स्टेयरिंग पर जमा लिए,,,,,,,,,,!!”
सुरभि ने देखा तो अपने एक हाथ का मुक्का दूसरे हाथ की हथेली पर मारकर मन ही मन खुद से कहा,”मुझे पता था ये लड़का बस अवनि के दिमाग से खेल रहा है और अवनि इसके जाल में फंस चुकी है,,,,,,,,पर क्या अवनि मेरी बात का यकीन करेगी ? मैंने देखा आज वो सिद्धार्थ के साथ कितनी खुश थी अगर मैंने उसे ये सब बताया तो उसका दिल टूट जाएगा और हो सकता है वो मेरी बातो पर यकीन भी ना करे,,,,,,,मैं ऐसा क्या करू जिस से सिद्धार्थ का असली चेहरा अवनि के सामने आ जाये”
सुरभि उलझ चुकी थी सिद्धार्थ अवनि की आँखों पर अपनी अच्छाई की पट्टी इतनी मजबूती से बाँध चुका था कि वह बिना किसी सबूत के अवनि के सामने सिद्धार्थ को गलत साबित कर ही नहीं सकती थी। इसी उधेड़बुन में गाड़ी अपार्टमेंट के बाहर पहुंची।
“चले सुरभि ?”,अवनि ने पलटकर कहा
“हाँ ! हाँ चलो”,सुरभि ने कहा और जैसे ही गाडी का दरवाजा खोलने को हुई सिद्धार्थ ने अपना दाहिना हाथ सुरभि की तरफ बढाकर कहा,”बाय सुरभि ! फिर मिलेंगे”
सिद्धार्थ चाहता था सुरभि उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर उस से हाथ मिलाये लेकिन सुरभि ने अपने दोनों हाथो को जोर से आपस में जोड़ा और कहा,”बाय”
सुरभि का दिल तो किया उन हाथो के बीच सिद्धार्थ का मुँह हो लेकिन वह ऐसा नहीं कर पायी और गाड़ी से उतर गयी। सिद्धार्थ ने झेंपकर अपना हाथ पीछे कर लिया ये देखकर अवनि ने कहा,”सुरभि की तरफ से मैं आपसे माफ़ी चाहती हूँ , दरअसल वो इतनी जल्दी किसी के साथ सहज नहीं होती”
“अरे मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा , i can understand कुछ लोगो को टाइम लगता है सब तुम्हारी तरह स्वीट और इनोसेंट नहीं होते , ये तुम्हारे लिए”,सिद्धार्थ ने साइड से एक चॉकलेट बॉक्स निकालकर अवनि की तरफ बढाकर कहा
“इसकी क्या जरूरत थी ?”,अवनि ने डिब्बा लेते हुए कहा
“ताकि तुम इन्हे खाकर थोड़ी और स्वीट हो जाओ”,सिद्धार्थ ने कहा तो अवनि मुस्कुरा दी
सिद्धार्थ ने अपने होंठो को जैसे ही अवनि के गाल की तरफ बढ़ाया बाहर खड़ी सुरभि ने दरवाजा खोला और अवनि से कहा,”अब क्या तुम इसके साथ घर जाने वाली हो , चलो मुझे यहाँ बहुत ठण्ड लग रही है”
बेचारा सिद्धार्थ एक बार फिर अवनि के करीब आते आते रह गया और अवनि गाडी से उतरकर चली गयी।
“इस सुरभि का कुछ करना पड़ेगा , वरना ये मेरी लव स्टोरी के कबाब में हड्डी जरूर बनेगी”,सिद्धार्थ अवनि और सुरभि को जाते देखकर बड़बड़ाया और गाडी आगे बढ़ा दी।
अवनि के साथ चलती सुरभि ने पलटकर सिद्धार्थ की जाती हुई गाड़ी को देखा और मन ही मन कहा,”हुंह ! अवनि को महंगे रेस्टोरेंट में बैठाकर पिज्जा बर्गर खिलाने वाला नहीं बल्कि अपने हाथो से पाव भाजी बनाकर खिलाने वाले लड़के की जरुरत है,,,,तुम्हे तो मैं अवनि की जिंदगी से निकालकर रहूंगी”
( क्या अवनि सुरभि की नजर में सिद्धार्थ की अच्छी इमेज बना पायेगी ? सुरभि को अपने रास्ते से हटाने के लिए सिद्धार्थ कौनसी चाल चलेगा ? क्या सुरभि अवनि की जिंदगी से सिद्धार्थ को निकालने में कामयाब होगी ? जानने के लिए पढ़ते रहिये “पसंदीदा औरत” मेरे साथ )
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संजना किरोड़ीवाल
सिद्धार्थ ने अपने होंठो को जैसे ही अवनि के गाल की तरफ बढ़ाया बाहर खड़ी सुरभि ने दरवाजा खोला और अवनि से कहा,”अब क्या तुम इसके साथ घर जाने वाली हो , चलो मुझे यहाँ बहुत ठण्ड लग रही है”
बेचारा सिद्धार्थ एक बार फिर अवनि के करीब आते आते रह गया और अवनि गाडी से उतरकर चली गयी।
“इस सुरभि का कुछ करना पड़ेगा , वरना ये मेरी लव स्टोरी के कबाब में हड्डी जरूर बनेगी”,सिद्धार्थ अवनि और सुरभि को जाते देखकर बड़बड़ाया और गाडी आगे बढ़ा दी।
