Sanjana Kirodiwal

पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 49

Pakizah – 49

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Pakizah – 49

पाकीजा को साड़ी थमाकर भावना वहा से चली गयी l पाकीजा सीधी थी इसलिए उसने भावना की बात मान ली लेकिन भावना के मन में क्या चल रहा था ये सिर्फ भावना जानती थी l पाकीजा एक बार फिर खिड़की से बाहर झाँकने लगी और रूद्र के बारे में सोचने लगी l कल वो हमेशा हमेशा के लिए उस से दूर हो जाएगी उसके बाद सिर्फ यादे बचेगी l


“हाँ ये सच था की उसे रूद्र से प्यार होने लगा था पर वो इस सच से दूर भागना चाहती थी l नहीं चाहती थी की उसका बिता हुआ कल रूद्र के आने वाले कल को ठेस पहुंचाए l जैसे शिवेन को खो दिया वैसे रूद्र को खोना नहीं चाहती थी वो l सालो पहले जो भावनाये शिवेन के लिए थी वो रूद्र के लिए फिर से जागने लगी l उसका साथ , उसका अहसास , उसकी छुअन , उसकी ख़ामोशी , उसका प्यार सब पाकीजा को अपना सा लगने लगा था l

शिवेन उसके दिल में था लेकिन रूद्र उसकी आत्मा में बसने लगा था l पाकीजा चाहकर भी खुद को रूद्र के खयालो से आजाद नहीं कर पा रही थी”
उसकी आँख से आंसू निकल आये l खुद को बहुत ही बेबस और मजबूर महसूस करने लगी थी l रूद्र से प्यार था लेकिन कह नहीं सकती बिना ये जाने की उसके दिल में क्या है ?

और कहने का कोई फायदा भी नहीं था कल उसकी सगाई होने वाली थी अपनी ख़ुशी के लिए वह किसी लड़की का दिल कैसे तोड़ सकती है l
“काश रूद्र जी यहाँ होते ?”,पाकीजा ने मन ही मन कहा और आँखे मूंद ली l आंसू की बुँदे गालो से होकर नीचे आ गिरी l एक दर्द उसकी आँखों में उतर आया l

“पाकीजा !”,एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी l वह तेजी से पलटी सामने रूद्र खड़ा था , खाने की प्लेट लिए हुए
“तुम खाना खाने निचे नहीं आयी ? बाद में मम्मी ने बताया की तुम्हारे हाथो में मेहँदी लगी है इसलिए मैं तुम्हारे लिए खाना यही ले आया l आओ बैठो !”,रूद्र ने खाना सामने पड़ी टेबल पर रखा और खुद चेयर पर बैठ गया
पाकीजा वही खड़ी रूद्र को देखती रही उसे अभी भी लग रहा था जैसे वो कोई सपना देख रही हो l

पाकीजा को खामोश देखकर रूद्र ने कहा,”क्या हुआ ? वहा क्यों खड़ी हो ? खाना खा लो भूख लगी होगी ना “
पाकीजा आकर रूद्र के सामने बैठ गयी l रूद्र ने उस से खाने का इशारा किया l
“हम हाथ धोकर आते है”,कहकर पाकीजा जैसे ही उठने को हुई रूद्र ने उसका हाथ पकड़ा और वापस बैठा दिया पाकीजा हैरानी से उसकी और देखने लगी तो रूद्र ने कहा,”मैं खिला देता हु”
पाकीजा उसके चेहरे की तरफ देखने लगी l रूद्र के चेहरे से आज सुकून टपक रहा था ,

आँखों में किसी के लिए ढेर सारा प्यार छलक रहां था और होंठो पर प्यारी सी मुस्कान l रूद्र प्यार से पाकीजा को खाना खिलाने लगा l बाहर से वह खामोश थी लेकिन उसके अंदर एक तूफान था वह जानती थी की कल के बाद ये पल नहीं रहेंगे , आज वह रूद्र को जी भरकर देखना चाहती थी l
“thankyou !!”,रूद्र ने पाकीजा को खाना खिलाते हुए कहा l
“वो किसलिए ?”,पाकीजा ने हैरानी से पूछा l


“तुमने मुझे अपना इतना वक्त दिया ! सच कहु तो , जब तुम्हारे साथ होता हु तो लगता है सब सही है l जब तुम्हारी आंखो में देखता हु तो लगता है जिंदगी कितनी खूबसूरत है , तुम्हारे साथ होता हु तो खुश रहता हु l”,रूद्र ने खोये हुए अंदाज में कहा
“शुक्रिया तो मुझे अदा करना चाहिए आपका l आपने मुझे नयी जिंदगी दी , इतना प्यार दिया , साथ दिया , आपकी वजह से घरवालों का इतना प्यार मिला l हम तो मुस्कुराना भूल ही चुके थे पर वो आपने हमे लौटाई है सर”,पाकीजा ने कहा


“अच्छा तुम ये बताओ की तुम मुझे ये सर बोलना कब बंद करोगी “,रूद्र ने कहा
“कभी नहीं आप हमारे लिए हमेशा सर ही रहेंगे l अम्मी अब्बू के बाद अगर कोई है तो वो आप ही हो l”,पाकीजा ने कहा
“its ok पर तुम मुझे नाम से भी बुला सकती हो”,रूद्र ने निवाला उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा
“काश मैं आपसे कह पाती की हमारे यहाँ अपने होने वाले उनका नाम नहीं लिया जाता , पर आप किसी और की अमानत है तो हमे तो ये हक़ भी नहीं रहा”,पाकीजा ने मन ही मन कहा l


“क्या हुआ क्या सोचने लगी ?”,रूद्र ने कहा
“कुछ नहीं ! आपने खाना खाया ?”,पाकीजा ने नजरे चुराते हुए कहां
“हां खा लिया , आज झूठ नहीं बोलूंगा वरना कब कौन आकर मेरा भांडा फोड़ दे पता नहीं”,कहकर रूद्र हसने लगा l
पाकीजा भी मुस्कुरा उठी l पाकिजा को मुस्कुराते देखकर रूद्र के दिल को सुकून मिला वह कुछ देर पाकीजा को देखता रहा और फिर कहा,”कल सुबह मैं स्टेशन जा रहा हु तुम्हारे घर के लिए टिकेट्स बुक कारवाने l

परसो सुबह जल्दी ही यहाँ से निकल जायेंगे l पापा कह रहे थे गाड़ी ले जाने को लेकिन घर में मेहमान होंगे उस वक्त उन्हें जरूरत पड सकती है , इसलिए मैंने ट्रेन से जाने का सोचा l गाड़ी से इतना लम्बा सफर थका देगा l”
“जैसा आपको ठीक लगे “,पाकीजा ने धीरे से कहा
“तुम्हे कुछ चाहिए तो बोल देना मैं ले आऊंगा”,रूद्र ने खाने की प्लेट साइड में करते हुए कहा
“आप…………………….!!”,पाकीजा के मुंह से निकला
रूद्र का दिल धड़क उठा उसने पाकीजा की आँखो में देखते हुए कहा,”फिर से कहो ?”


“मेरा मतलब था आप परेशान मत होईये हमे कुछ नहीं चाहिए”,पाकीजा ने अपनी बात बदलते हुए कहा !!
“एक पल को लगा जैसे तुमने मुझसे मुझको ही मांग लिया हो , बस एक बार कह दो पाकीजा की तुम्हे रूद्र चाहिए l रूद्र हमेशा हमेशा के लिए तुम्हारा हो जाएगा”,रूद्र पाकीजा की आँखों में देखता हुआ सोचने लगा
“हमे बस आपकी जरूरत है पर हमारी बदकिस्मती देखिये हम आपको आपसे मांग भी नहीं सकते l

यु तो आप हमारे दिल की हर बात जान लेते है फिर ये क्यों नहीं जान पा रहे की हम सिर्फ आपके है और आपसे प्यार करने लगे है”,पाकीजा रूद्र की आँखों में देखते हुए सोचने लगी l
दोनों ख़ामोश थे पर ये खामोशियाँ बहुत कुछ कह रही थी l
खिड़की से आती तेज हवा से खिड़की के दरवाजे बजने लगे पाकीजा और रूद्र अपने ख्यालो से बाहर आये l

पाकिजा ने मुड़कर खिड़की की तरफ देखा और उठकर उसे बंद करने के लिए चली गयी l हवा से उसके बाल उड़ने लगे हवा का बहाव इतना तेज था की पाकीजा खिड़की बंद कर ही नहीं पा रही थी रूद्र ने देखा तो वह उठकर उसके पास गया और कहा,”लाओ मैं करता हु”
पाकीजा साइड हट गयी रूद्र खिड़की बंद करने लगा हवा से उसके बाल बिखर कर चेहरे पर आने लगे l

उसने खिड़की बंद की और कहा,”लगता है बहुत तेज तूफान आने वाला है”
पाकीजा वही खड़ी रूद्र को देखने लगी l कंधे से होते हुए कमर तक फैले काले घने बाल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देते थे l बालो की लटे बार बार आकर उसके गालो को सहलाने लगी l पाकीजा कंधे उचकाकर उन्हें साइड में करने की कोशिश करती और अगले पल वे फिर उसके चेहरे पर आकर अठखेलिया करने लगे l रूद्र से जब उसकी परेशानी देखी नहीं गयी तो वह ड्रेसिंग की तरफ गया और वहा से रबड़ उठा लाया l

पाकीजा के पीछे आकर उसने उसके बालो को समेटा और उन्हें बांधने लगा l पाकीजा का दिल जोरो से धड़कने लगा l रूद्र बिल्कुल उसके पीछे खड़ा था उसने पाकीजा के बालो को बांधा और उसके करीब आकर धीरे से उसके कान में कहा,”तुम्हारे बाल खुले हुए ज्यादा अच्छे लगते है”
रूद्र की गर्म सांसे वह अपनी गर्दन पर महसूस कर सकती थी l उसने अपनी आँखे बंद कर ली
रूद्र वहा से चला गया l

पाकीजा ने आँखे खोली तो रूद्र वहा नहीं था वह आकर आईने के सामने खड़ी हो गयी उसने खुद को देखा और बालो को वापस खोल दिया l एक बार फिर उसके लम्बे घने बाल कंधो से होते हुए कमर तक आ गए पाकीजा के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गयी l
दरवाजे पर खड़े रूद्र ने देखा और मुस्कुराकर वहा से चला गया l

अगली सुबह रूद्र जल्दी रेलवे स्टेशन जाने के लिए निकल गया l राजीव् भी उसके साथ आ गया l गाड़ी रूद्र चला रहा था और राजीव उसकी बगल में बैठा था राजीव ने रूद्र की तरफ देखा और कहा,”तो क्या सोचा है तुमने ?
रूद्र – किस बारे में ?
राजीव – पाकीजा के बारे में
रूद्र – मैं उसे कही नहीं जाने दूंगा (मुस्कुराते हुए)
राजीव – मतलब ?


रूद्र – आज शाम सगाई से पहले मैं पाकीजा को बता दूंगा की मैं उस से कितना प्यार करता हु l
राजीव – तो फिर स्टेशन क्यों जा रहा है ?
रूद्र – मैंने पाकीजा से वादा किया है की उसे उसके घर पहुंचाऊंगा बस ये आखरी वादा पूरा कर दू उसके बाद वो हमेशा हमेशा के लिए मेरी हो जाएगी l बस एक प्रॉब्लम है
राजीव – कौन भावना ?
रूद्र – नहीं , मैं अभी तक जान नहीं पाया हु की पाकीजा के दिल में क्या है ?


राजीव – उसके दिल में सिर्फ तू है l जिस तरह से उसकी आँखे तुझे देखती है इतने प्यार से तुझे किसी ने नहीं देखा होगा l तेरे साथ होते हुए जब उसके चेहरे पर वो प्यारी सी स्माइल आती है तब वो बहुत खूबसूरत लगती है l उसकी बातो में हमेशा तेरे लिए फ़िक्र होती है l उसे जाने से रोक ले यार वो बहुत अच्छी है
रूद्र – क्या बात है ? कही तू उसे पसंद तो नहीं करने लगा (मुस्कुराते हुए)


राजीव – वह इतनी प्यारी है किसी को भी उस से प्यार हो जाएगा l अगर तू न होता ना तो मैं अब तक उसे 100 बार i love you बोल चूका होता l (हसने लगता है)
रूद्र – ए , वो सिर्फ मेरी है
राजीव – मुझे बोलने से कुछ नहीं होगा इस से पहले की देर हो जाये जाकर बोल दे उसे , अहसास दिला उसको की तू उस से कितना प्यार करता है , बता उसे वो सब जो तू उसके लिए महसूस करता है l वो दौड़कर तेरे पास आएगी !


रूद्र – बस कुछ देर और उसके बाद मैं उसे अपने दिल की बात कह दूंगा
राजीव – ये हुई ना बात !!
रूद्र – थैंक्यू ! राजीव तुमने मेरा बहुत साथ दिया है लेकिन भावना का क्या ?
राजीव – जिस दिन भावना को समझ आएगा की उसका प्यार प्यार नहीं सिर्फ एक जिद है वो खुद इस शादी से इंकार कर देगी

कुछ देर बाद दोनों रेलवे स्टेशन पहुंचे रूद्र ने राजीव को गाड़ी में ही रुकने को कहा और खुद अंदर आकर इंक्वायरी करने लगा l अगले दिन सुबह 6 बजे के लिए रूद्र को टिकेट्स मिल गए l रूद्र टिकट लेकर जैसे ही वापस जाने लगा उसकी नजर उस सख्स पर गयी जो उसी को देख रहा था
“युवान ?”,रूद्र के मुंह से आश्चर्य से निकला
रूद्र के मुंह से अपना नाम सुनकर वह लड़का घबरा गया और तेजी से आगे बढ़ गया रूद्र भी उसके पीछे लग गया

रूद्र को अपने पीछे देखकर लड़के ने अपनी चाल और तेज कर दी l रूद्र उसके पीछे ही था वह उस लड़के से कुछ पूछ पाता लड़का पटरियों की तरफ भागा अगले ही पल सामने से आती ट्रेन ने उसके परखचे उड़ा दिए l शरीर दूर पटरियों पर जा गिरा l भीड़ जमा हो गयी लड़का मर चूका था l रूद्र को उसका फोन दिखा उसने चुपके से फोन उठाया और जेब में रखकर वहा से निकल गया l रूद्र गाड़ी में बैठा और गाड़ी अपने ऑफिस की तरफ मोड़ दी l उसने वो फोन अपने स्टाफ को दिया और उसकी सारी डिटेल निकलवाने को कहा l


राजीव को रूद्र ने इस बारे में कुछ नहीं बताया l घर आकर रूद्र पाकीजा के पास आया और उसे टिकट्स सम्हाल कर रखने को कहा l मेहमान आने लगे थे रूद्र उनमे बीजी हो गया पाकीजा भी किचन में रूद्र की मम्मी का हाथ बटाने लगी l शाम को घर के बाहर वाले गार्डन में सगाई का प्रोग्राम रखा गया l रूद्र के पापा ने बहुत अच्छा अरेंजमेंट करवाया था l उन्होंने बस कुछ खास खास लोगो को बुलाया l शाम हो गयी लेकिन रूद्र पाकीजा से बात ही नहीं कर पाया l


तैयार होकर वह गार्डन में पहुंचा जहा सभी मेहमान जमा थे l रूद्र आज बहुत ही प्यारा लग रहा था सभी की नजरे उसी पर थी लेकिन रूद्र की नजरे तो किसी और को तलाश रही थी जो वहा था ही नहीं l
रूद्र के कुछ दोस्त आये तो रूद्र उनमे बिजी हो गया l
भावना ने गुलाबी रंग का लहंगा पहना जिसमे वह बहुत अच्छी लग रही थी l वह पाकीजा के पास आयी और उसे अपनी दी हुयी साड़ी पहनने को कहा भावना का दिल रखने के लिए पाकीजा ने वह साड़ी पहन ली l

उसने कानो में वही अपनी माँ के दिए बाले पहने गले में शिवेन की दी चैन पहनी और बालो को बांधकर भावना के साथ जाने लगी l चलते चलते वह रुकी और भावना से कहा,”आप चलिए हम आते है”
भावना उसे जल्दी आने का कहकर वहा से चली गयी l पाकीजा ने खुद को आईने में देखा और बालो से क्लिप निकालकर उन्हें खुला छोड़ दिया l कुछ देर बाद पाकीजा जैसे ही बाहर गार्डन में आयी सबकी नजरे उस पर ठहर गयी l भावना की दी हुई साड़ी में वह बहुत ही प्यारी लग रही थी l

काव्या ने पाकीजा को देखा तो मुस्कुराते हुए उसे लेकर अपनी माँ के पास आ गयी रूद्र की मम्मी ने जब पाकीजा को देखा तो अपनी आँख से ऊँगली पर काजल निकालकर पाकीजा को लगाते हुए कहा,”बहुत प्यारी लग रही हो , तुम्हे किसी की नजर ना लगे”
भावना अपनी माँ और सहेलियों के साथ खड़ी थी जैसे ही उसने पाकीजा को देखा जल भून गयी और अपनी माँ से कहा,”इसे फटे पुराने कपडे भी पहना दो तब भी ये खूबसूरत लगेगी !”


“परेशान मत हो , जितना खुश होना है , मुस्कुराना है हँसना है हस लेने दो क्योकि कुछ देर बाद वो तमाशा होने वाला है जिसके बाद ये हसना तो क्या मुस्कुराना तक भूल जाएगी”,भावना की मम्मी ने भावना का कंधा दबाते हुए कहा l
भावना के होंठो पर एक रहस्य्मयी मुस्कान फ़ैल गयी l
रूद्र उस वक्त अपने दोस्तों से बातें कर रहा था l

राजीव आया उसने रूद्र को कंधो से पकड़कर पाकीजा की तरफ घुमा दिया रूद्र ने जब पाकीजा को देखा तो लगा जैसे उसका दिल बाहर आ गिरेगा साड़ी और उसपर खुले बाल रूद्र को एक बार फिर पाकीजा से प्यार हो गया l वह अपलक उसे देखे गया ना उसे कुछ सुन रहा था ना कुछ दिखाई दे रहा था बस पाकीजा थी और वो खूबसूरत शाम थी l भावना को उसने एक बार भी नहीं देखा था और पाकीजा से उसकी आँखे हटने का नाम नहीं ले रही थी l जैसे ही पाकीजा ने रूद्र को देखा तो उसका दिल धड़क उठा वैसे ही जैसे कभी शिवेन को देखकर धड़कता था l

“अटेंशन प्लीज़ ! आज बहुत खास दिन है और ऐसे खास मोके पर हमारे कूल डुड मिस्टर रूद्र प्रताप सिंह आप सबसे कुछ शेयर करना चाहते है”,राजीव ने माइक में घोषणा की
रूद्र ने सुना तो वह राजीव के पास आया और कहा,”ये सब क्या है राजीव ?”
“भूल गया तूने कहा था आज तू उसे अपने दिल की बात बता देगा”,राजीव ने माइक बंद करके फुसफुसाकर कहा
“हां लेकिन इस तरह सबके सामने ?”,रूद्र ने हैरानी से कहा


“देख रूद्र यही सही मौका है , तेरी फॅमिली , भावना , पाकीजा सब यहां मौजूद है l आज नहीं बोल पाया तो कभी नहीं बोल पायेगा l कह दे उसे अपने दिल की बात बता दे उसे की तू उस से कितना प्यार करता है l अगर आज तूने नहीं कहा ना तो मैं जाकर उसे i love you कह दूंगा l”,राजीव ने कहा l
रूद्र ने हँसते हुए राजीव को गले लगा लिया और माइक लेकर कहने लगा,”good evening एवरीवन !

राजीव ने सही कहा आज बहुत खास दिन है और इस मौके पर मैं आज कुछ कहना चाहता हु l अपनी जिंदगी में आने वाले उस सख्स के बारे में बताना चाहता हु जिस से मिलकर मुझे अहसास हुआ की जिंदगी क्या होती है ? वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है…………….मेरे लिए l उसकी आँखो में मुझे अपना खूबसूरत कल नजर आता है , उसकी मुस्कान में अपनी ख़ुशी नजर आती है l

वो ज्यादा नहीं बोलती है पर उसकी आँखे बहुत कुछ कह जाती है ll उसके लिए मेरे दिल में बहुत फीलिंग्स है जो मैं कुछ चंद शब्दों के जरिये बताना चाहता हु”

रूद्र की बातें सुनकर भावना अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी l उसे लगा रूद्र उसके बारे में ये सब बातें बोल रहा है l दूसरी तरफ खड़ी पाकीजा को लगा ये सब बातें रूद्र भावना के लिए कह रहा है आज पहली बार उसका दिल उदास हो गया पर वो ये नहीं जानती थी की रूद्र ने जो कुछ भी कहा वो उसी के लिए था l दिल उदास था फिर भी पाकीजा होंठो पर मुस्कान ले आयी और दूसरी तरफ देखने लगी l रूद्र ने आगे कहा –

“तेरी आँखों में दिखती है अपनी जन्नत मुझे
मेरे चेहरे से तेरी मोहब्बत का नूर बरसता है
मेरा दिल कहा है ये अब मुझे होश नहीं
पर तेरा दिल है जो मेरे सीने में धड़कता है “

पाकीजा ने सुना !! रूद्र के मुंह से किसी और के लिए ये सब बातें सुन नहीं पा रही थी और सुनना चाहती भी नहीं थी l वह रूद्र को किसी और का होते नहीं देख सकती थी यही सोचकर वह वापस जाने के लिए मुड़ गयी लेकिन जैसे ही रूद्र की आवाज उसके कानो में पड़ी उसके कदम रुक गए l वहा जल रही सभी लाईटे डिम हो गयी रूद्र ने गाना शुरू किया

“तुम हो पास मेरे, साथ मेरे हो तुम यूँ
जितना महसूस करूँ तुमको
उतना ही पा भी लूँ
तुम हो मेरे लिये, मेरे लिये हो तुम यूँ
ख़ुद को मैं हार गया तुमको
तुमको मैं जीता हूँ


किस तरह छीनेगा मुझसे ये जहां तुम्हें
तुम भी हो मैं, क्या फ़िकर अब हमें
तुम हो मेरे लिये, मेरे लिये हो तुम यूँ
ख़ुद को मैं हार गया तुमको, तुमको मैं जीता हूँ
तुम हो…”

पाकीजा पलटी उसकी आँखे आंसुओ से भर गयी l ये गाना एक बार शिवेन ने उसके लिए गाया था और आज रूद्र गा रहा है l रूद्र की आवाज में वही दर्द था जो कभी शिवेन की आवाज में था l पाकीजा रूद्र की तरफ देखने लगी रूद्र की नजरे भी गाते हुए पाकीजा पर ही थी l वही दर्द रूद्र की आँखों में था जो पाकीजा की आँखों में था l पाकीजा को अहसास हुआ कुछ देर पहले रूद्र ने जो कुछ भी कहा वो सब उसी के लिए था l वो जान गयी की रूद्र भी उस से प्यार करता है l

रूद्र ने गाना बंद किया सारा गार्डन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा l रूद्र चलकर पाकीजा की तरफ आने लगा ताकि उसे बता सके की वह उस से कितना प्यार करता है l लेकिन रूद्र पाकीजा के करीब पहुँचता उस से पहले ही भावना अपनी सहेलियों के साथ आ धमकी l
“यार ये साड़ी तो तेरी है ना ?

याद है उस दिन तू ये साड़ी अपनी कामवाली बाई को दे रही थी और उसने कैसे लेने से इंकार कर दिया था l ये तुमने इसे दे दी “,भावना की एक सहेली ने पाकीजा की तरफ देखकर कहा
पाकीजा ने सुना तो हैरानी से भावना की तरफ देखने लगी उसे बहुत बुरा लगा की भावना ने उसके साथ ऐसा बर्ताव किया l
“वो क्या है न स्वीटी ! मैं कपड़ो को सिर्फ एक बार पहनती हु और फिर उन्हें किसी गरीब को दान कर देती हु ,,

मुझे लगा इसे जरूरत होगी तो मैंने इसे दे दी और इसने ख़ुशी ख़ुशी पहन भी ली , पुअर गाय “,भावना ने पाकीजा का मजाक उड़ाते हुए कहा l पाकीजा की आँखों में आंसू आ गए सबके सामने भावना उसका इस तरह अपमान करेगी उसने सोचा भी नहीं था
रूद्र ने सूना तो उसका खून खौल उठा वह जैसे ही आगे बढ़ा राजीव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया l राजीव चाहता था भावना थोड़ा और बोले और अपने अच्छे बनने की पोल खुद ही खोल दे l

लेकिन रूद्र गुस्से से भावना को देख रहा था उसके सामने पाकीजा की बेइज्जती हो रही थी कैसे बर्दास्त करता वो पर राजीव ने उसे रोके रखा l काव्या को भी भावना पर बहुत गुस्सा आ रहा था
“भावना ये क्या तरिका है सबके सामने पाकीजा से बात करने का ?”.रूद्र की मम्मी ने कहा l
“आप इस मामले से दूर ही रहिये आंटी , इस लड़की के इरादे आप नहीं जानती है”,भावना ने अहम से भरकर कहा


“छोड़ ना यार भावना , वैसे भी कितना सुना चूकी है इसको”,भावना की दूसरी सहेली ने कहा
“किसे छोड़ने की बात कर रही है इसे ? तू जानती नहीं है कितनी चालाक है ये मेरे ही घर में रहकर मेरे ही पति पर डोरे डाल रही है l इसके जैसी लड़कियो को और आता ही क्या है बड़े घर के लड़के देखे नहीं की बेचारी बनकर उनसे चिपक जाती है l हुंह्ह ये है क्या मेरे सामने दो कौड़ी की……….”,भावना ने नफरत से कहा


पाकीजा की आँखों से आंसू बहने लगे l रूद्र से बर्दास्त नहीं हुआ उसने झटके से राजीव से अपना हाथ छुड़ाया और भावना का हाथ पकड़कर उसे गुस्से से साइड करते हुए कहा,”बस………………एक और शब्द नहीं कहोगी तुम इसके लिए”
“क्यों इसके बारे में सुनकर बुरा लग रहा है ? वैसे लगती क्या है ये तुम्हारी……………….रखैल ?”,भावना ने गुस्से से भरकर कहा


“तड़ाक “,एक झन्नाटेदार थप्पड़ भावना के गाल पर पड़ा जो की रूद्र ने मारा और गुस्से से कहा,”खबरदार जो पाकीजा के लिए तुमने ऐसा कुछ भी कहा मैं भूल जाऊंगा मैंने तुमसे कभी प्यार किया था”
भावना का कहा आखरी शब्द सुनकर पाकीजा का दिल टूट गया वह वहा से जैसे ही जाने लगी रूद्र ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया l उसने पाकीजा की तरफ देखा उस चेहरे पर बेइंतहा दर्द झलक रहा था l


“हाउ डेयर यू ? तुमने इसके लिए मुझे थप्पड़ मारा मुझे ? आखिर क्या लगती है ये तुम्हारी ?”,भावना ने गुस्से से भरकर रूद्र को देखते हुए कहा
“प्यार करता हु मैं इस से…………………!!”,रूद्र ने चिल्लाकर कहा l
सब ख़ामोशी से रूद्र को देखने लगे l पाकीजा ने जब सुना तो हैरानी से रूद्र को देखने लगी l रूद्र के पापा मम्मी और काव्या खड़े कभी रूद्र को देखते तो कभी भावना को l

रूद्र के पापा रूद्र को रोकने के लिए आगे बढे तो राजीव ने रोकते हुए कहा,”उसे बोलने दीजिये अंकल , आज अगर उसने नहीं कहा तो वो हमेशा हमेशा के लिए पाकीजा को खो देगा”
रूद्र के पापा वही रुक गए
“ओह्ह तो ये है तुम्हारा सच , प्यार उस से शादी मुझसे “,भावना ने ऐटिटूड से कहा

“हां करता हु मैं इस से प्यार , बहुत प्यार करता हु l इसके साथ रहके मैंने जाना की प्यार किसे कहते है ? जिंदगी किसे कहते है ? ये जिसने कभी किसी के साथ गलत करना तो दूर कभी गलत सोचा भी नहीं l और तुम ? तुम तो प्यार के लायक ही नहीं हो ?”,रूद्र ने कहा l
पाकीजा की आँखों से आंसू बहते रहे l


“माय फुट ! कल तक तुम मेरे आगे पीछे घुमते थे मिस्टर रूद्र प्रताप सिंह , और आज इस घटिया लड़की के लिए तुम मुझे ठुकरा रहे हो “,भावना ने गुस्से से कहा
भावना की बात सुनकर रूद्र को गुस्सा आ गया उसने झटके से पाकीजा का हाथ छोड़ा और भावना के पास आकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”घटिया कौन है ये मैं तुम्हे बताता हु ?


“रूद्र ! नहीं “,रूद्र की मम्मी ने आँखों में आंसू भरकर कहा l
“नहीं माँ मुझे बोलने दीजिये ! आज अगर नहीं बोला तो जिंदगीभर मुझे सब चुभता रहेगा”,रूद्र ने दर्द से तड़पकर कहा
काव्या अपनी मम्मी को वहा से साइड में ले गयी l रूद्र ने आगे कहना शुरू किया,”हाँ तो मिस भावना सच्चाई सुनने की हिम्मत है तुम में तो सुनो – हां ये सच है की मुझे तुमसे प्यार था लेकिन वो प्यार तुम्हारी सादगी से हुआ था l हमारा रिश्ता होने तक तुमने कुछ नहीं कहा और सगाई के दिन तुमने खुद से सगाई तोड़ने को कहा l

वजह ये थी की तुम किसी और को चाहती थी सगाई तोड़ने से तुम्हारी इमेज ख़राब न हो ये सोचकर मैंने सारा इल्जाम अपने ऊपर ले लिया l अपने पापा जिनसे मैं कभी कोई बात नहीं छुपाता था उनसे झूठ बोला सिर्फ तुम्हारी इज्जत के लिए और तुमने क्या किया ? ……………!! उस लड़के के कहँने पर तुमने और तुम्हारी मॉम ने मेरे खिलाफ इस्तेहार दे दिया l शहर भर में मेरी इज्जत को नीलाम कर दिया l मेरी वजह से पापा को सर झुकाना पड़ा l

लेकिन मैं चुप रहा और इसकी सजा मुझे मिली मेरे अपने पापा ने मुझे अपने आप से दूर कर दिया l एक ही घर में होते हुए भी वो अजनबियों की तरह पेश आते थे मुझसे सोचो कितना दर्द होता है जब कोई अपना ऐसा करता है l तुम्हारी शादी वाले दिन जब उस लड़के ने तुम पर गोली चलाई और बिच में मैं आ गया तब तुम्हे अहसास हुआ की मैं तुमसे प्यार करता हु लेकिन मैं गलत था l

उस दिन हॉस्पिटल जाते वक्त मेरा पर्स तुम्हे मिला और उसमे तुमने वो सच देखा जिसे कोई नहीं जानता और वो देखकर तुमने मन बदला लिया l अपने बॉयफ्रेंड को छोड़कर तुम फिर से मेरी जिंदगी में आयी लेकिन तब तक बहुत कुछ बदल चूका था l तुमने उस लड़के को तो छोड़ दिया लेकिन उसने तुम्हे नहीं छोड़ा और ब्लेकमैल करना शुरू कर दिया और उसके बाद तुमने शादी का प्लान बनाया l जब तुमने मुझसे शादी के लिए कहा था तब मैंने साफ साफ मना कर दिया था l

मेरी ना के बाद तुमने एक नया नाटक शुरू किया और पापा से कहा की तुम मेरे बच्चे की माँ बनने वाली हो………………….माँ…………………..माँ बनना तो दूर की बात है मैंने कभी तुम्हे छुआ भी नहीं था l बात एक बार फिर पापा के सम्मान पर आ चुकी थी l मैं पापा को सच बताता उस से पहले ही तुमने और तुम्हारे घरवालो ने मिलकर उनका ब्रेन वाश किया और उन्हें तुम्हारी और मेरी शादी के लिए राजी कर लिया l
उस दिन पापा ने मुझसे पहली बार बात की l

कितने दिनों बाद वो तुम्हारी वजह से और सब कुछ भूलकर मैंने शादी के लिए हाँ कर दी क्योकि मैं अपने पापा के चेहरे पर मुस्कराहट देखना चाहता था उन्हें खुश देखना चाहता था l तुम्हारी बातो और केयर से मुझे लगा तुम बदल गयी हो पर मैं गलत था , जब मैं दिल्ली था तब मैंने तुम्हे एक बार फिर उसी लड़के के साथ देखा होस्पिटल में जहा तुम अपना अबॉर्शन करवाने आयी थी l

और उस दिन पता चला की तुम्हारे बच्चे का बाप मैं नहीं कोई और है उसी पल तुम मेरी नजरो से गिर गई l लेकिन मैं फिर से पापा का दिल दुखाना नहीं चाहता था l फिर से उनकी खुशिया छीनना नहीं चाहता था l तुम्हारे इस घिनोने सच को मैंने अपने सीने में दफ़न कर लिया l”

कहते कहते रूद्र की आँखे छलक उठी l

“बस कर बेटा”,रूद्र की मम्मी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा

“नही मा आज मैं सब कहूंगा और सबको सुनना पडेगा”,कहते हुए रूद्र भावना की तरफ बढ़ा और कहा,”अब बताओ घटिया कौन है ? दो कौड़ी का कौन है ? एक लड़की होकर तुमने उस लड़की का सबके सामने अपमान किया , उसे बुरा भला कहा उसे गाली दी तुम्हे जरा भी शर्म नहीं आई l अरे तुम जानती क्या हो उसके बारे में…………………सिर्फ उसका नाम पाकीजा नहीं है बल्कि उसका दिल भी उसके नाम की तरह पाक है l

ये जानते हुए भी की मैं तुमसे नहीं उस से प्यार करता हु उसने कभी मुझे तुमसे दूर करने की कोशिश नहीं की l वो हमेशा सबकी ख़ुशी देखने वालो में से है और आज भी उसने यही किया तुम्हारी ख़ुशी के लिए उसने तुम्हारी दी साड़ी जिसे तुम भीख समझती हो उसने वो तक पहनी l

मुझे जिससे वो प्यार करती है उस इंसान को उसने हसंते हँसते तुम्हे सौंप दिया जानती हो क्यों क्योकि वो नहीं चाहती थी की तुम्हारा दिल टूटे , तुम्हे दुःख हो l पर तुम उसके इस अहसान को क्या समझोगी ? तुम किसी से प्यार नहीं कर सकती भावना , ना तुम किसी की प्रेमिका बनने के लायक हो ना ही किसी की पत्नी”

रूद्र चुप हो गया l भावना गर्दन झुकाये जमीन में गड़े जा रही थी l रूद्र पाकीजा की तरफ पलटा और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”बहुत प्यार करता हु तुमसे पाकीजा ! तुम्हारे बिना नहीं जी पाउँगा ,, ये सब बहुत पहले कह देना चाहता था तुमसे लेकिन नहीं कह पाया l पर आज सबके सामने मैं ये कबूल करता हु की हाँ मैं तुमसे प्यार करता हु ,,तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हु l

मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा , तुम्हारा ख्याल रखूंगा दुनिया के हर बुरे इंसान से तुम्हारी हिफाजत करूंगा l तुम्हारे साथ रहूंगा तो खुश रहूंगा l तुम्ही ने कहा था जिंदगी वो होती है जो जी जाती है काटी नहीं और मैं ये जिंदगी जीना चाहता हु तुम्हारे साथ l
पाकीजा कुछ नहीं कहती बस आंसुओ से भरी उन आँखों से रूद्र की आँखों को देखती रहती है


“ऐसे मत देखो पाकीजा ! मैं जानता हु तुम भी मुझसे प्यार करती हो प्लीज़ बोल दो !! मैं सिर्फ तुम्हारा हु और जिँदगीभर तुम्हारा ही रहूंगा l बस एक बार कह दो की तुम मुझे चाहती हो……………… ऐसे खामोश मत रहो पाकीजा !!”,रूद्र की आवाज में दर्द था l
पाकीजा ने अपने चेहरे से रूद्र के हाथ हटाए और कहा,”मैं आपसे प्यार नहीं करती सर ! मेरे साथ को आपने प्यार समझकर बहुत बड़ी गलती की है , मैं आपसे प्यार नहीं करती !!”

पाकीजा दौड़ती हुयी वहा से चली गयी l रूद्र बुत बना वही खड़ा जाती हुयी पाकीजा को देखता रहा l एक एक कर सभी मेहमान जाने लगे l भावना और उसकी फैमिली भी चली गयी l गार्डन में अब सिर्फ रूद्र के पापा , मम्मी , काव्या , राजीव और रूद्र थे l रूद्र के पापा ने सबको अंदर आने का इशारा किया l सभी अंदर चले गए लेकिन रूद्र वही खड़ा रहा l राजीव ने उस चलने का कहा तो उसने बाद मे आने का कहा l


“उसे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दो”,रूद्र के पापा ने राजीव से कहा l सभी अंदर आ गए l बारिश होने लगी रूद्र भीगते हुए वही खड़ा रहा पाकीजा के आखरी शब्द उसके कानो में हथोड़े की तरह वार करने लगे l रूद्र बाहर आया और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया l

रातभर वह घर नहीं आया उसका फोन भी बंद था l
सुबह रूद्र हारे हुए सिपाही की तरह घर आया l सभी बाहर बारमदे में बैठे उसी के आने का इंतजार कर रहे थे l जैसे ही रूद्र आया काव्या दौड़ती हुई उसके पास आयी और कहा ,”भैया ! पाकीजा आज सुबह ही यहाँ से चली गयी है , उसने आपके लिए ये खत छोड़ा है “


भावना ने खत रूद्र को थमा दिया रूद्र ने खत को पढ़ा उसकी आँख से बहकर आंसू खत को भिगोने लगे l उसके दिल में एक टिस उठी वह घुटनो के बल वही गिर पड़ा !!

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Sanjana Kirodiwal

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