Haan Ye Mohabbat Hai – 6
जीजू के मुंह से साले साहब सुनकर अक्षत की नींद एकदम से खुल गयी। उसने जीजू से दूर होते हुए कहा,”सॉ री जीजू वो मैं समझा मीरा है”
“हां हां साले साहब जबसे तुम्हारी शादी हुई है तबसे हर जगह तुम्हे मीरा ही नजर आती है”,जीजू ने अक्षत की टाँग खींचते हुए कहा
“क्या जीजू आप भी , अच्छा ये बताईये कब आये आप लोग ?”,अक्षत ने बेड से नीचे उतरकर टीशर्ट पहनते हुए कहा
“काफी देर पहले लेकिन तुम्हे तो कोई खबर ही नहीं है , चलो नीचे सब बैठे है हॉल में”,सोमित ने कहा तो अक्षत उनके साथ कमरे से बाहर चला आया चलते चलते जीजू ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखा , हालाँकि अक्षत इंदौर में अब एक बहुत बड़ा क्रिमिनल लॉयर था लेकिन जीजू के लिए वह आज भी उनका छोटा साला था। जीजू ने अक्षत की और देखा तो भँवे उचकाई जवाब में अक्षत ने ना में गर्दन हिलायी और मुस्कुरा दिया। जीजू ने सीढ़ियों से उतरते हुए कहा,”वैसे मुझे लगा था शादी के बाद तुम सुधर जाओगे लेकिन आदतों में कोई सुधार नहीं है साले साहब”
“कैसे ?”,अक्षत ने कहा
“टाइम देखा है अभी तक सो रहे थे”,जीजू ने कहा
“रात में देर तक जाग रहा था ना जीजू इसलिए वरना आजकल 5 बजे उठ जाता हूँ मैं”,अक्षत ने अपनी तारीफ में कहा
दोनों हॉल में चले आये अक्षत ने आकर तनु के पैर छुए और उनकी बगल में बैठते हुए कहा,”लगता है जीजू पर अब कण्ट्रोल नहीं रहा आपका”
“बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होता है”,तनु ने फुसफुसाते हुए कहा तो अक्षत और तनु दबी हंसी हसने लगे। जीजू भी आकर उनके सामने बैठ गए। काव्या ने अक्षत को देखा तो उसकी और चली आयी और कहा,”मामू”
अक्षत ने काव्या के गाल पर किस किया और कहा,”हाय मेरा बच्चा कैसा है ?”
“फर्स्ट क्लास मामू , मेरी चॉकलेट कहा है ?”,काव्या ने कहा
“शाम को निधि मौसी की सगाई है ना उसमे ढेर सारी चॉकलेट खाना तुम ठीक है”,अक्षत ने काव्या को बहलाने के लिए कहा क्योकि सुबह सुबह वहा चॉकलेट कहा से आती। काव्या ने सुना तो खुश हो गयी और वापस चीकू के साथ खेलने चली गयी। दादू अर्जुन को लेकर डॉक्टर के पास चले गए हॉल में जीजू , अक्षत , तनु थे और फिर निधि भी आकर बैठ गयी। मीरा अक्षत के लिए चाय ले आयी। उसने अक्षत को चाय दी तो जीजू ने कहा,”क्या बात है मीरा अक्षत के कहे बिना ही चाय”
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा दी। अक्षत ने चाय का घूंठ भरा और कहा,”जीजू हमारे रिश्ते में यही बात तो सबसे बेस्ट है की मुझे कब क्या चाहिए होता है ? मीरा को सब पता रहता है”
“भई ये सुनकर तो ना मुझे तेरी किस्मत से जलन हो रही है”,जीजू ने कहा
“तो जलते रहिये बाकि मीरा तो मेरी ही रहेगी”,अक्षत ने प्यार से मीरा की और देखते हुए कहा
“मीरा बेटा ज़रा यहाँ आना”,राधा के आवाज देने पर मीरा उनकी और चली गयी। राधा मीरा को लेकर अपने कमरे में आयी और एक डायरी पेन देकर उन सबके नाम लिखने को कहा जो आज शाम की सगाई में आने वाले थे। राधा एक एक करके नाम लिखवाते जा रही थी और मीरा लिखते जा रही थी एक नाम पर आकर राधा रुक गयी तो मीरा ने कहा,”क्या हुआ माँ ?”
“मीरा अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो आज शाम की सगाई में मोनालिसा के घरवालों को भी बुला ले,,,,,,,,,देखो बेटा अक्षत और तुम्हारे साथ उसने जो भी किया वो गलत था लेकिन इसमें उसके मम्मी पापा की क्या गलती है उनसे तो हमारे रिश्ते अच्छे है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आशु से पूछूँगी तो वो गुस्सा करेगा लेकिन तुम्हारी बात वो कभी नहीं टालेगा”,राधा ने कहा तो मीरा ने अपना हाथ उनके हाथ पर रखा और प्यार से कहा,”माँ आपको जैसा सही लगे आप वैसा कीजिये अक्षत जी गुस्सा नहीं होंगे हम उनसे बात करेंगे”
“थैंक्यू बेटा , अच्छा मैं उनसे कहकर इन सबको इन्वाइट करवा देती हूँ , तुम आशु से जाकर कह दो नहा ले उसके बाद शाम में गेस्ट हॉउस भी जाना है”,राधा ने कहा तो मीरा वहा से चली गयी। अक्षत नहाने चला गया जीजू भी नहाकर आ गए और अक्षत के साथ गेस्ट हॉउस के लिए निकल गए। निधि तनु के साथ पार्लर चली गयी। काव्या और चीकू नीता के साथ उसके कमरे में थे। दोपहर तक अर्जुन और दादाजी भी वापस आ गए और दादाजी के चेहरे पर आज मुस्कान कुछ ज्यादा ही थी राधा ने देखा तो उनके पास आकर कहा,”क्या बात है पापाजी आज आप बड़ा खुश नजर आ रहे है ?”
“अरे माँ होंगे क्यों नहीं ? आज डॉक्टर साहब ने दादू को हरी झंडी दिखा दी है”,अर्जुन ने पीछे से आते हुए कहा
“मतलब ?”,राधा आने हैरानी से पूछा
“मतलब ये की मेरे सारे टेस्ट नार्मल आये है , खामखा तुम लोगो ने मुझे बीमार समझकर ना जाने क्या क्या खिलाया है आज मैं सब अपनी पसंद का खाऊंगा”,दादू ने किसी बच्चे की तरह मचलते हुए कहा
“मातारानी का आशीर्वाद है पापाजी की सब ठीक है , आज शाम में पहनने के लिए आपके लिए जो कपडे आये है वो मैंने रघु से कहकर आपके कमरे में रखवा दिए है आप देख लीजियेगा”,राधा ने जल्दी जल्दी कहा और फिर रघु को कोई काम बताने चली गयी
“ये राधा भी ना दो दो बहुओ की सास बन चुकी है लेकिन इसे चैन नहीं”,दादू ने कहा तो अर्जुन हसने लगा और उनकी मेडिकल फाइल उठाये कमरे की और बढ़ गया। अक्षत और जीजू गेस्ट हॉउस पहुंचे , उन्होंने देखा विजय जी ने काफी अच्छा खर्चा किया है सगाई में। सभी लोग काम में लगे हुए थे अक्षत और जीजू घुमकर सारा बंदोबस्त देखने लगे।
उसी गेस्ट हॉउस में घूमते हुए एक आदमी के फोन पर फोन आया , वह हुडी पहने हुए था और बाकि स्टाफ से कुछ अलग लग रहा था। उसने फोन उठाया और साइड में आकर कहा,”हेलो”
“मैंने तुम्हे वहा घूमने के लिए नहीं भेजा है , काम हुआ के नहीं ?”,दूसरी और से किसी औरत की नफरत भरी आवाज आयी
“मैडम थोड़ा पेशेंस रखे , मैं अपना काम जानता हूँ और वक्त पर पूरा भी कर दूंगा बस आप बार बार मुझे फोन करके परेशान ना करे”,आदमी ने झुंझलाकर कहा
“लिस्टन मुझे किसी भी तरह का बखेड़ा नहीं चाहिए आज वो मीरा इस दुनिया से दफा हो जानी चाहिए समझे तुम”,कहकर औरत ने फोन काट दिया
“हो जाएगा आप बेफिक्र रहिये , मैं आलरेडी अपना काम कर चुका हूँ आज की शाम मीरा की आखरी शाम होगी”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया और जेब में रखकर वहा से चला गया। कोई जाते हुए उसे देख ना ले ये सोचकर उसने हुड्डी के बड़े केप को ओढ़ लिया और नीचे देखते हुए चलने लगा। चलते चलते वह सामने से आते अक्षत से टकरा गया ओर कहा,”सॉरी”
“जरा देख के”,अक्षत ने कहा तो आदमी जल्दबाजी में वहा से निकल गया। अक्षत को अजीब लगा तो उसने कहा,”जीजू ये कौन था ? स्टाफ से तो लग नहीं रहा और इतना जल्दी में क्यों था ?”
“क्या यार आशु जबसे क्रिमिनल लॉयर बने हो हर किसी को शक की नजरो से देखते हो , अब चलो मौसाजी का फोन आया था सगाई वाले हॉल का अरेजमेंट देखना है”,कहते हुए जीजू अक्षत के साथ आगे बढ़ गए। अक्षत ने पलटकर एक नजर उस आदमी पर डाली और फिर जीजू के साथ चला गया। हॉल में आकर जीजू ने देखा हॉल के बीचो बीच कपल चेयर रखा हुआ है और चारो और बाकि सबके बैठने का इंतजाम है। निधि और हनी के कपल फोटो के चार बड़े बड़े स्टेण्ड पोस्टर भी लगे हुए है। अक्षत ने देखा तो खुश हो गया ,, वह हॉल काफी खूबसूरत था। अक्षत ने जैसे ही ऊपर देखा उसकी नजर कपल चेयर से बिल्कुल ऊपर लगे झूमर पर पड़ी जो की दिखने में काफी खूबसूरत था और काफी महंगा भी लग रहा था। अक्षत ने जीजू से कहा,”जीजू ये देखिये”
“वाओ ये तो बहुत सुन्दर है यार , निधि तो ये सब देखकर खुश हो जाएगी”,जीजू ने भी झूमर को देखकर कहा
वेटर जीजू और अक्षत के लिए कोल्डड्रिंक ले आया दोनों अपना अपना ग्लास लेकर सोफे पर आ बैठे। अक्षत सामने लगे स्टेण्ड पोस्टर में निधि की तस्वीर को देखते हुए कहने लगा,”ये बेटिया कितनी जल्दी बड़ी हो जाती है ना जीजू , मैं बहुत छोटा था जब निधि का जन्म हुआ दिनभर उसे गोद में लेकर घूमता था , कितनी ही बार मैंने उसके बाल खींचे होंगे , उसे चिढ़ाया होगा और परेशान किया होगा और आज देखो वो इतनी बड़ी हो गयी है की शादी करने जा रही है”
कहते कहते अक्षत थोड़ा भावुक हो गया जैसा की हर भाई के साथ होता है। जीजू ने देखा तो कहा,”अरे ए आशु तूम तो सेंटी हो गए ,, निधि को बहुत अच्छा लड़का मिला है देखना वो उसका बहुत ख्याल रखेगा”
“हम्म्म”,अक्षत ने अपनी आँखों के किनारे साफ किये और कोल्ड ड्रिंक पीने लगा। सब इंतजाम हो चुके थे और दोपहर के खाने का वक्त भी हो चूका था जीजू और अक्षत ने वही थोड़ा बहुत खा लिया और फिर कपडे चेंज करने घर चले आये। निधि पार्लर में ही थी उसका मेकअप चल रहा था , उसकी कुछ सहेलिया भी उसके साथ थी और तनु भी। जीजू तैयार होने चले गए , दादू दादी और राधा तैयार थे इसलिए विजय जी उन्हें लेकर गेस्ट हॉउस निकल गए। अर्जुन पहले से गेस्ट हॉउस था और आने वाले मेहमानो की आव भगत कर रहा था। मीरा तैयार हो चुकी थी उसने गोल्डन मिक्स ग्रीन रंग की बहुत ही खूबसूरत साड़ी पहनी थी साथ में मैचिंग ज्वेलरी भी। वह हमेशा की तरह बहुत प्यारी लग रही थी। नीता ने चीकू और काव्या को भी तैयार कर दिया और खुद भी लहंगा पहनकर तैयार थी। जीजू भी अपना कुरता पजामा पहने हॉल में चले आये। अक्षत जो की कपडे पहनने के मामले में हमेशा चूजी रहा है उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या पहने ? बाथरूम से निकलकर वह मीरा के पास आया और कहा,”मीरा बताओ ना मैं क्या पहनू ?”
“एक मिनिट हम निकालकर देते है”,कहकर मीरा ने कबर्ड खोला और उसमे से अक्षत की फेवरेट वाइट शर्ट और साथ में सी ग्रीन सूट निकाल दिया जो की मीरा की साड़ी से मैच कर रहा था। मीरा ने अक्षत से उन्हें पहनने को कहा तो अक्षत उसके पास आया और उसका चेहरा थामकर कहा,”तुम कितनी अच्छी हो”
कहते हुए अक्षत ने जैसे ही मीरा को किस करना चाहा तो मीरा ने उसके होंठो पर ऊँगली रख दी और कहा,”तैयार होकर नीचे आ जाईये”
बेचारा अक्षत मन मारकर रह गया और साइड होकर कहा,”शादी के बाद लड़किया इतनी अनरोमांटिक क्यों हो जाती है ?”
“हम नीचे जा रहे है जल्दी आईयेगा”,कहकर मीरा अपना पर्स उठाये वहा से निचे चली गयी
अक्षत ने कपडे पहने और शीशे के सामने आकर तैयार होने लगा। जीजू मीरा और बाकि सब नीचे अक्षत का इंतजार कर रहे थे लेकिन मजाल है वो आये। अर्जुन का फोन आ रहा था उसने नीता और बाकि सबको आने को कहा।
“मीरा जाकर देखो ना देवर जी कहा बिजी है ?”,नीता ने मीरा से कहा तो वह एक बार फिर ऊपर चली आयी। जीजू ने बाकि सब से चलकर गाड़ी में बैठने को कहा। मीरा ऊपर आयी तो देखा अक्षत अपने कोट में टेम्पेररी गुलाब का छोटा फूल लगाने की कोशिश कर रहा है लेकिन लगा नहीं पा रहा है। मीरा ने देखा तो उसके पास आयी और फूल उसके हाथ से लेकर खुद लगाते हुए कहा,”सगाई आपकी बहन की आपकी नहीं जो इतना तैयार हुआ जा रहा है”
“रियली मिसेज मीरा ये कहो ना की तुम्हे जलन हो रही है , वहा सगाई में कही लड़कियों की नजर मुझपर पड़ी और मैं किसी को पसंद आ गया तो,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
“अच्छा कोशिश करके देख लीजिये”,मीरा भी कहा डरने वाली थी उसने मुस्कुराते हुए कहा
अक्षत शीशे के सामने आया और कोट सही करते हुए कहा,”सोच लो मिसेज व्यास कही पछताना ना पड़े ?”
“वो सब ठीक है अगर अब हम नीचे नहीं चले तो जीजू चले जायेंगे और उसके बाद कही हम दोनों को ना पछताना पड़े,,,,,,,,,,,,,अब चलिए”,मीरा ने अक्षत को लगभग खींचते हुए कहा
अक्षत और मीरा नीचे आये जीजू ने दोनों को बैठने को कहा गाड़ी स्टार्ट की और घर से निकल गए। घर की देखभाल के लिए विजय जी ने अपने ऑफिस के वॉचमेन को छोड़ दिया। सभी गेस्ट हॉउस पहुंचे हल्की शाम हो चुकी थी सभी अंदर आये। मीरा और नीता सबसे मिली। कुछ देर बाद निधि भी तैयार होकर आ गयी वह बहुत सुंदर लग रही थी। हनी और उसके घरवालों के आने में अभी टाइम था। नीता के घर से भी उसके मम्मी पापा और भाई भाभी आये थे , नीता और अर्जुन उनमे बिजी हो गए। कुछ देर बाद मीरा के पापा अमर प्रताप सिंह वहा आये उनके साथ उनके दो नौकर भी थे जिन्होंने शाही कपडे से ढके दो बड़े बड़े थाल लिए हुए थे। उन्हें देखते ही विजय जी उनके पास चले आये और नमस्ते किया और उन्हें अंदर आने को कहा। अमर ने नोकरो से इशारा किया तो उन्होंने वो थाल साइड में रखवा दिए उनकी शान देखकर कुछ लोगो के मुंह खुले के खुले थे। नीता अर्जुन निधि ने भी आकर उनके पैर छुए। ये सब राधा के दिए संस्कार थे जिन्हे उनके बच्चे आज भी नहीं भूले थे। अक्षत और मीरा ने देखा तो वे दोनों भी उनकी और चले आये। अक्षत और मीरा से मिलकर वे बहुत खुश हुए और मीरा के गाल को छूकर प्यार से पूछा,”कैसी हो बेटा ?”
“हम ठीक है पापा आप कैसे है ?”,मीरा ने कहा
“बस आपको देख लिया अब तबियत खुश है ,शादी के बाद आप मिलने भी नहीं आयी”,अमर जी ने शिकायत करते हुए कहा
“जल्दी ही आएंगे”,मीरा ने कहा। विजय जी अमर जी को लेकर दूसरी और चले गए जहा विजय जी के कुछ रिश्तेदार और मेहमान थे। हनी और उसके घरवाले आ चुके थे। अर्जुन , विजय जी और जीजू उनके स्वागत के लिए गए और उन्हें साथ लेकर आ गए। कोट पेण्ट में हनी बहुत ही स्मार्ट लग रहा था निधि ने देखते ही हाथ हिलाकर हाय कहा। मीरा ने देखा तो निधि का हाथ नीचे करते हुए कहा,”कंट्रोल निधि क्या कर रही हो ?”
“यार मीरा वो कितना स्मार्ट लग रहा है ना”,निधि ने खुश होकर कहा
“तुम कहो तो आज ही शादी करवा दे”,मीरा ने निधि को छेड़ते हुए कहा तो निधि शरमाँ गयी। घूमते घामते अक्षत निधि के पास आया और कहा,”आज तो तेरा लड़का चमक रहा है”
“सीधे सीधे कहो ना की आपसे ज्यादा स्मार्ट लग रहा है हनी तो आपको जलन हो रही है”,निधि ने अक्षत को चिढ़ाते हुए कहा
“अच्छा रुको अभी क्लास लेकर आता हूँ उसकी”,कहकर अक्षत हनी की और चला गया
जैसे ही अक्षत हनी की बगल में आया हनी ने कहा,”कैसे हो अक्षत भैया ?”
जीजू भी वही खड़े थे हनी की बात सुनकर उन्होंने भी कहा,”साले से सीधा अक्षत भैया वाह”
“जीजाजी अब मैं तो इन्हे साला (अक्षत ने घुरा तो हनी ने टोन चेंज कर दिया) मेरा मतलब साले साहब कह नहीं सकता उस पर तो आपका कॉपी राईट है इसलिए आज से मैं इन्हे भैया बुलाऊंगा”,हनी ने कहा
जीजू और अक्षत एक दूसरे को देखने लगे , उनसे मिलने के बाद हनी आगे बढ़ गया अक्षत जीजू की और आया तो जीजू ने अपनी कोहनी अक्षत के कंधे पर टिकाते हुए कहा,”यार ये घोंचू तो हम से भी दो कदम आगे निकला”
“डोंट वरी जीजू देख लेंगे इसे भी”,कहकर अक्षत जीजू के साथ आगे बढ़ गया
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संजना किरोड़ीवाल