Meri Aakhari Mohabbat – 14
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Meri Aakhari Mohabbat – 14
दूर खड़ा मनु सब देख रहा था पर बेबस था … थोड़ी देर बाद पाखी ने चाचू से वापस जाने की बात कही तो मनु उन्हें बस स्टैंड तक छोड़ने साथ आ गया मनु के साथ साथ बड़े चाचू भी आ गए ,, चारो गाड़ी में थे और ख़ामोशी फैली थी पाखी को दुःख था तो सिर्फ इस बात का की मनु ने उसे कुछ नहीं बताया , फिर भी वो सबके सामने हसने का नाटक कर रही थी लेकिन मनु की आँखों से कुछ छुपा नहीं था
वो देख सकता था उसकी आखो में उसके दर्द को ,, सुमि और पाखी को बस स्टैंड छोड़ दोनों वापस चले गए ,, पाखी और सुमि ने अपने शहर की बस की टिकट लिया और आकर बैठ गयी , बस अपनी रफ़्तार में चली जा रही थी पाखी खिड़की से बाहर रास्तो को पीछे जाते हुए देख रही थी और सोच रही थी काश वो भी इन रास्तो की तरह जिंदगी के सफर में पीछे जा पाती पर ये सब मुमकिन नहीं था
मनु की कही बात का मतलब पाखी को अब समझ आ रहा था मनु ने सही कहा था “ये रास्ते याद रखना” क्योकि वो जानता था वापसी का सफर पाखी को अकेले तय करना है ,, उसके हर सवाल का जवाब उसके सामने था उसने अपनी आँखे मूंद ली …
2 घंटे बाद वो अपने शहर में थी पर अपने पीछे बहुत कुछ छोड़ आयी थी शायद ,,
पाखी घर आ गयी कुछ दिन यु ही गुजर गए ,, और फिर एक शाम रीना भुआ ने पाखी को एक लड़की की तस्वीर दिखाते हुए कहा मनु की सगाई हो गयी है .. 2 महीने बाद उसकी शादी है …
पाखी जानती थी ऐसा कुछ भी होगा लेकिन उसे किसी और से पता चलेगा बस इसक उम्मीद नहीं थी ,,
उसने मनु को मेसेज किया – मुबारक हो !!
मनु ने कोई जवाब नही दिया
पाखी ने एक कविता लिखी जो उस वक्त उसके हालातो से मिलती जुलती थी
“देखो ना तुमने पाकर भी खो दिया मुझे ,
मेरे जाने से शायद कुछ नहीं बदलेगा
बस अब किसी और का नंबर तुम्हारे फोन लिस्ट में सबसे ऊपर होगा
ऐसा नहीं है की मुझे तुमसे नफरत हो गयी है
पर मेरी जगह प्यार जताने वाली अब कोई और होगी
तुम्हारा इन्तजार वैसे ही होगा जैसे पहले होता था
बस दरवाजे पर मेरी जगह कोई और होगी
तुम्हारी गाड़ी की फ्रंट सीट वैसी ही होगी
पर ना उस पर कोई पाखी होगी न कोई मनु होगा
वो जगह किसी और की होगी
और शायद तेरे दिल में भी ……
शादी मुबारक हो मनु !!
पाखी का ये आखरी मेसेज था मनु को जिसके जवाब ने पाखी की आँखों में आंसू ला दिए
“तुम चाहो तो हम दोस्त बनकर रह सकते है”
पाखी जानती थी प्यार के बाद दोस्त बनना मुमकिन नहीं है वो मनु की खुशियों के बिच अब और नही आना चाहती थी जवाब में पाखी ने लिखा “नहीं शायद अब इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी”
और हमेशा के लिए वो नंबर अपने फोन से हटा दिए ,, उसकी तस्वीरें उसके मेसेज सब हटा दिए उसका कुछ नहीं रखना चाहती थी वो अपने पास ,, मनु ने उस वक्त पाखी का साथ छोड़ा जब उसे उसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी वो रोती रही पूरी रात ,, उस रात वो सो नहीं पायी और जब सोई तो हकीकत से जुड़े एक सपने ने उसकी आँखे खोल दी
पाखी ने देखा एक लड़कियों का ग्रुप जिनके साथ पाखी गलियों से चली आ रही है उनमे से एक लड़की जो की उसको जानी पहचानी सी लग रही थी भी पाखी के साथ साथ चल रही है सभी सड़क के किनारे पर आकर खड़ी हो गयी और बस का इन्तजार करने लगी ,, तभी मनु वहा अपनी बाइक से आ पंहुचा और हाथ से इशारा किया अपने पास आने का पाखी की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था
जैसे ही वो आगे बढ़ी किसी ने हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया , पाखी ने पलटकर देखा ये वही लड़की थी जो उसे जानी पहचानी लग रही थी उसने पाखी को लगभग पीछे खींचते हुए कहा – तुम नहीं मैं , मुझे बुला रहा है वो …………और जाकर मनु के साथ बाइक पर बैठ गयी मनु पाखी की तरफ मुस्कुराते हुए उस लड़की के साथ वहां से निकल गया …..
पाखी की आँखे खुल गयी उसने महसूस किया वो पसीने से भीग चुकी है वो सपना हकीकत से भी ज्यादा डरावना था .. अब पाखी मान चुकी थी की मनु उसका कभी नहीं हो सकता …सुबह हो चुकी थी वो उठी और मनु के दिए सभी तोहफे एक बैग में डालकर पूजा के घर पहुंच गयी उसने बैग पूजा को दे दिया
पूजा – मनु को बहुत बुरा लगेगा ..
पाखी – मैं ये सब अपने पास नहीं रख सकती , अगर ये सब मेरे पास रहा तो मैं उसे कभी माफ़ नहीं कर पाऊँगी ..
कहकर पाखी वहा से चली गयी … उसके बाद उसकी मनु से कभी बात नहीं हुयी ,, पूजा के घर भी कम जाने लगी थी वो घर उसे बार बार मनु की याद दिलाता था और वो ये नहीं चाहती थी , मनु ने उसके साथ जो किया उसकी वजह पाखी नहीं जानती थी और शायद जानना भी नहीं चाहती थी …
पर उसने खुद को बदल लिया सबसे दूर कर लिया खुद को न किसी से मिलती न किसी से बात करती थी , उसके सब दोस्त फोन कर कर के परेशान हो रहे थे पर उसने सबसे कह दिया की उसे किसी से बात नहीं करनी ,वो अब पहले वाली पाखी नहीं रही थी , अपने आपको खुश दिखाने के लिए सबसे हर वक्त हसी मजाक किया करती
, सबकी मदद करती , घर से ऑफिस ऑफिस से घर पर बस यही उसका रोजाना का काम बन चुका था , हमेशा शांत रहने रहती थी पर उसके अंदर चलने वाला सिर्फ वही जानती थी , वक्त गुजर रहा था धीरे धीरे मनु की शादी के दिन भी नजदीक आ गए ,,
कार्ड भी छप चुके थे , और बटने भी लगे पर पाखी के पास कोई कार्ड नहीं आया ,, ना उसे बहन कहने वाली पूजा ने बताया ना बेटी कहँने वाले मनु के पिता ने , और ना मनु ने पर वो फिर भी खुश थी ..
और फिर शादी के एक दिन पहले पूजा ने होनी बेटी के हाथ उसकी शादी का कार्ड भी भिजवा दिया , पाखी ने कार्ड लिया उसने बिना उसे देखे कमरे की सबसे ऊपरी रोशनदान पर रख दिया क्योकि वो नहीं चाहती की मनु का नाम वो किसी और नाम के साथ पढ़े ,, जख्म जो भर चुके थे एक बार फिर ताजा हो गए लेकिन इस बार उन जख्मो को पीड़ पाखी के चेहर पर नहीं थी ,,, पाखी को पूजा के फ़ोन का इन्तजार था लेकिन उसका कोई फोन नहीं आया ..
वो पूजा जिसने 7-8 सालो में पाखी के बिना कुछ नहीं किया था आज वो ही पूजा पाखी से दूर होती जा रही थी ,, पाखी ने एक गहरी साँस ली और अपनी दोस्त काव्या को फोन किया …
हेलो
– आ गया शादी का कार्ड ?
पाखी – जी हां
– तो कब जा रही हो ?
पाखी – मैं नहीं जा रही
– काहे , अब क्यों नहीं जाना , जाओ उसे भी पता चले उसने क्या खोया है
पाखी – नहीं !! अगर मैं गयी तो मुझे देख कर वो उदास हो जाएगा , उसकी खुशियाे में रुकावट नहीं बनना मुझे
– किसी मिटटी की बनी हो तुम , वो इतना सब करके ख़ुशी ख़ुशी शादी कर रहा है और तुमको उसकी खुशियों की पडी है हम होते तो उसकी शादी में जाकर उसकी ही
पाखी ने उसकी बात काटते हुए कहा – शशशशश , इतना काफी है बाबू … और वैसे अब मेरी जिंदगी में उसके लिए कोई जगह नहीं है , नफरत करके कुछ नहीं मिलता है वो खुश अपनी जिंदगी में , मेरी जिंदगी खुशहाल मैं बना लुंगी …
– thats my girl मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु – कहकर काव्या ने फोन काट दिया ..
मनु पाखी की जिंदगी से जा चुका था , पर जाते जाते बहुत कुछ ले गया था भरोसा , प्यार , और पूजा …….. मनु की शादी के बाद पूजा भी काफी बदल चुकी थी उसने पाखी से बात करना ही बंद कर दिया , ना उसका कोई फोन आता न कोई मेसेज पर इस बार पाखी को इतना ताजुब नहीं हुआ क्योकि अब तक उसे आदत हो चुकी थी
खोने की , अब इतना दर्द इतनी तकलीफ नहीं होती थी उसे किसी के जाने से .. उसने अपने आप पर काबू पाना सिख लिया था , खुद को इतना मजबूत बना लिया की किसी के आने जाने से कोई फर्क नही पड़ता था
जिंदगी को एक नया मोड़ देना चाहती थी वो
पर कहानी यही ख़तम नहीं होती पाखी की जिंदगी में बहुत से मोड़ आने बाकि थे और फिर आखरी मोड़ आया जो उसे उसकी मंजिल तक ले गया …
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Sanjana Kirodiwal
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