Manmarjiyan – 8

Manmarjiyan – 8

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गुड्डू अवाक् सा फूफा को देखे जा रहा था। आखिर फूफा ने उस से इतनी बड़ी बात जो कह दी थी। आदर्श बाबू नशे में थे और उनके पैर लड़खड़ा रहे थे। आदर्श बाबू के दोस्त ने जब उनके मुंह से ये सब सुना तो गुड्डू से कहा,”अरे बेटा तुम इनकी बात ध्यान मत दो ये अभी होश में नहीं है,,,,,,,,,तुम इन्हे घर लेकर जाओ,,,,,!!”
“फूफा ने हमसे जे काहे कहा कि हमहू पिताजी की औलाद नाहीं है ?”,गुड्डू ने बदहवास हालत में कहा
“इह तुम्हरे घर का मामला है बेटा तुमहू घर जाके बात करो , का है कि आदर्श बाबू हमे भी इतना कुछ बताते नहीं है,,,,,,,,!!”,फूफा के दोस्त ने कहा और वहा से


चले गए। आदर्श बाबू को होश नहीं था वे नशे में कुछ भी बड़बड़ा रहे थे। गुड्डू ने उन्हें सम्हालकर बेंच पर बैठाया और सोचने लगा कि फूफा को घर लेकर कैसे जाए ? अकेले वह उन्हें बाइक पर भी नहीं ले जा सकता था। गुड्डू को कुछ समझ नहीं आ रहा था परेशान से गुड्डू ने जेब से अपना फोन निकाला और  मिश्रा जी का नंबर डॉयल करने लगा , स्क्रीन पर पिताजी नाम से नंबर चलने लगे। गुड्डू ने तुरंत फोन काटा और बड़बड़ाया,”नहीं नहीं हमे पिताजी को फ़ोन नहीं करना चाहिए , उन्हें फूफा के बारे में पता चला तो उह खामखा परेशान हो जायेंगे,,,,,,अब हम का करे ? गोलू , गोलू को फोन लगाते है,,,,,,!!”


गुड्डू ने गोलू का नंबर डॉयल किया एक दो रिंग के बाद ही गोलू ने फोन उठाकर कहा,”हाँ भैया !”
“गोलू कहा हो ?”,गुड्डू ने पूछा
“आपके घर ही आ रहे है भैया,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“गोलू घर न जाओ और यहाँ पहुंचो,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“कहा पहुंचे ?”,गोलू ने कहा
“हिया मनसुख के ठेके पर,,,,,,!”,गुड्डू ने कहा  


“का मनसुख के ठेके पर ? अरे भैया तुमहू ठेके पर का कर रहे हो ? दादी के जाने के गम मा दारू पीना सुरु कर दिए का ?”,गोलू ने कहा
“गोलू हम जितना कहे है उतना करो तुरंत हिया पहुंचो,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फ़ोन जेब में रखा और खुद में ही बड़बड़ाया,”अब जे साला गुड्डू भैया ने कौनसा काण्ड कर दिया ?”
गोलू ने बगल से गुजरते ऑटो को रोका और अंदर बैठते हुए कहा,”चौराहे वाले ठेके की तरफ लेइ ल्यो”


ऑटोवाले ने ऑटो आगे बढ़ा दिया ढाई मिनिट बाद ही गोलू मनसुख के ठेके के पास था , उसने ऑटोवाले को पैसे दिए और बेंच के पास खड़े गुड्डू के पास आकर कहा,”का हुआ भैया ? हिया काहे बुलाये ? और जे फूफा काहे झूल रहे है ? कोनो माता वाता आयी है का इन में ?”
“गोलू हमारे पास तुम्हे समझाने का बख्त नाही है , हमने यहाँ तुम्हे फूफा को उठाने के लिए बुलाया है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“फूफा को उठाने के लिए , बड़के मिश्रा जी ने हमरा प्लान लीक कर दिया का ?  लगता है उन्होंने गुड्डू भैया को भी इह सब मा शामिल कर लिया है,,,,,,,,,,,सही है इह बार का कांड हम और गुड्डू भैया मिश्रा जी के साथ मिलकर करेंगे और कुछ गड़बड़ हुई भी तो मिश्रा जी कुछो कहेंगे भी नहीं ,, क्योकि उह खुद भी तो इह मा शामिल होंगे,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू मन ही मन बात करते हुए ख़ुशी से मुस्कुराने लगा
“विद्या बालन के जैसे का मुस्कुरा रहे हो गोलू , फूफा को गोद में उठाना है पिंकिया को नाही,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने गोलू को झड़पते हुए कहा

गोलू की तंद्रा टूटी और उसने होश में आकर कहा,”अरे भैया जी ही तो आइडिआ दिया था हमने मिश्रा जी को,,,,,,,,,हमने सोचा नहीं था उह इतनी जल्दी अप्लाई करेंगे , और उनसे ज्यादा अप्लाई तो तुमहू कर दिए सीधा फूफा को धर लिए,,,,,,,!!”
“आईडीआ , अप्लाई , धर लिए , का बक रहे हो गोलू ?”,गुड्डू ने असमझ की स्तिथि में कहा  
“मतलब मिश्रा जी ने आपको हिया फूफा को उठाने के लिए नाही भेजा ?”,गोलू ने चौंकते हुए कहा


“नहीं गोलू , उह तो हम हिया से गुजर रहे थे जब फूफा को हिया बैठे देखा तो इधर चले आये , फूफा ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी और फिर उन्होंने ऐसी बात कही कि हमारे पैरो के नीचे से जमीन खिसक गयी गोलू,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने एकदम से उदास होकर कहा , उसकी आँखों में लगभग आँसू आ चुके थे।
“का कहे फूफा ?”,गोलू ने पूछा


गुड्डू ने नम आँखों के साथ गोलू को देखा और कहा,”फूफा ने कहा कि मिश्रा जी हमारे बाप नाही है”
“भक्क साला ! ऐसा कुछ नहीं है गुड्डू भैया जे फूफा ने लगता है दारू के साथ कोनो बड़का नशा किया है तबही ऐसी बात कर रहे है”,गोलू ने तुरंत गुड्डू की बात को नकारते हुए कहा


“नहीं गोलू हम सच कह रहे है फूफा ने बहुते बिस्वास के साथ कहा था , और आज सुबह घर मा भी शायद पिताजी से भी ऐसा कुछो कहे रहय तभी पिताजी को इतना गुस्सा आया,,,,,,,,,,,ए गोलू हमे जे सुनकर ना बहुते अजीब लग रहा है कि हम हम मिश्रा जी की सगी औलाद नहीं है,,,,,,,!”,गुड्डू कहते कहते रोआँसा हो गया।


गोलू बेंच लांघकर गुड्डू के सामने आया और कहा,”पगला गए हो का गुड्डू भैया , फूफा कहे और तुमहू मान लिए,,,,,,,,,,,अरे ऐसे तो गज्जू गुप्ता दिन में 10 बार कहत रहे कि हम उनकी औलाद हो ही नहीं सकते,,,,,,,,,,तो का उह हमरे पिताजी नाही है ,, जे फूफा को ना चढ़ गयी है और फिर जे तो सुबह से वैसे ही खीजे पड़े है मिश्रा जी ,, इनकी बात पर ध्यान ना दो तुमहू,,,,!!”


गोलू ने गुड्डू को समझाने की कोशिश की , गुड्डू का दिल तो गोलू की बातो में आ चुका था लेकिन दिमाग ये मानने को तैयार नहीं था। उसने गोलू को देखा और कहा,”गोलू तुम्ही कहते हो ना शराब पीया हुआ आदमी कबो झूठ नहीं बोलता,,,,,,,,,,फिर फूफा इत्ती बड़ी बात ऐसे ही थोड़े बोल देंगे,,,,,,!!”  
“सही कहे थे पिताजी एक तो साला जे हमाई जबान ना किसी दिन हमाई गर्दन कटवाकर मानेगी,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू मन भी मन खुद पर भड़का और फिर गुड्डू से कहा,”हाँ तो सही कहे थे लेकिन फूफा जैसा आदमी शराब पीने के बाद गू तक खा ले , बातें बकना तो मामूली बात है,,,,,,,!!”


“मतलब ?”,गुड्डू ने असमझ की स्तिथि में कहा
“रुको अभी दिखाते है,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फूफा के सामने आकर कहा,”अरे सलमान भाई हिया का कर रहे हो गैलेक्सी नहीं जाना क्या ? और कटरीना मैडम दिखाई नहीं दे रही आपके साथ”
गुड्डू को समझ नहीं आया गोलू क्या करना चाहता है ? उसने गोलू की तरफ देखा तो गोलू ने गुड्डू से फूफा की तरफ देखने का इशारा किया


फूफाजी एक तो नशे में थे ऊपर से गोलू की बात सुनकर खुद को सलमान खान समझ भी बैठे उन्होंने अपने हाथो को दोनों अंगूठो से ना की छूने की एक्टिंग की और कहा,”कौन शेरा ? तू यहाँ क्या कर रहा है ? अच्छा अच्छा मुझे गैलेक्सी ले जाने आया है,,,,,,,,,,चल भाई अपनी जिंदगी में तेरे सिवा है ही कौन एक कटरीना थी जिसे मैं बहुत पसंद करता था पर साला उसे भी “विक्की कौशल” ले गया। लगता है अब तो अकेले ही पूरी जिंदगी हुड हुड दबंग करना पडेगा,,,,,,,,,,,,,!!”
इतना कहकर फूफा लड़खड़ाते हुए उठे और अपनी बेल्ट पकड़कर हुड हुड दबंग का स्टेप करने लगे


गुड्डू का मुंह खुला का खुला रह गया। गोलू ने फूफा को रोका और कहा,”अरे फूफा बस पेंट निकल जाएगी,,,,,,,,,,,इज्जत उतर जाएगी बस कर बे,,,,,,,,,,!!”
गोलू ने जैसे तैसे फूफा को बेंच पर बैठाया और गुड्डू के पास आकर कहा,”देखा गुड्डू भैया ! हमने इनको सलमान कहा तो इह खुद को सलमान समझ लिए,,,,,,,,,,,अरे फूफा को सच मा चढ़ गयी है , होश में नाही है इहलिये ऐसी उल-जुलूल बात बोल दिए होंगे आपको,,,,,,,,,एक काम करते है फूफा को घर लेकर चलते है फिर मिश्रा जी से फेस टू फेस पूछ लेंगे कि जे मामला का है ?”


“नहीं गोलू फूफा को इस हालत में घर नहीं ले जा सकते , घर मा शगुन के घरवाले और बाकि दूसरे मेहमान भी है उनके सामने फूफा ने कोनो हरकत की तो पिताजी को अच्छा नहीं लगेगा , उह सबके सामने शर्मिन्दा हो जायेंगे,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“अरे मिश्रा जी की चिंता तुम नाही करो गुड्डू भैया , उनके साथ हमरा अच्छा रिश्ता बन गवा है”,गोलू ने बात तो अच्छी कही लेकिन उसके हाथो के इशारे गलत गलत थे , दरअसल गोलू ने ये बात दबी आवाज में अपने हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाकर कहा।


गुड्डू ने देखा तो थोड़ा गुस्से से कहा,”गोलू ! जे का गंदे गंदे इशारे कर रहे हो ? हमे नहीं पता तुमहू फूफा को लेकर कही भी जाओ बस घर लेकर नहीं आना , अम्मा ने हमसे कुछो सामान मंगवाया था हमहू वो लेने जा रहे है उसके बाद सीधा घर जायेंगे,,,,,,,,,,,!!”
गुड्डू इतना कहकर अपनी बाइक की तरफ बढ़ गया।
“गुड्डू भैया , गुड्डू भैया अरे इन्हे कहा लेकर जायेंगे हम,,,,,,,,,अरे सुनो तो यार,,,,,,,,,,!!”,गोलू गुड्डू को आवाज देते रह गया और गुड्डू वहा से चला गया।  

गुड्डू तो चला गया और पीछे छोड़ गया नशे में धुत्त फूफा और गोलू को , गोलू ने सुबह से अपना दिमाग इतना ज्यादा चला लिया था कि अब उसके दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया। फूफा भी नशे में धीरे धीरे नींद के आगोश में जाने लगा था।
“एक काम करते है मिश्रा जी ने हमको फूफा को उठाने का काम दिया था यही से उठा लेते है इन्हे,,,,,,,,,,,”,गोलू बड़बड़ाया लेकिन अगले ही पल उसे गुड्डू याद आया और उसने कहा,”नहीं नहीं अभी उठा लिया और फूफा दादी के तीये में घर ना पहुंचे तो गुड्डू भैया का सक सीधा हम पर जायेगा,,,,,,,,,

और फिर फूफा को अगर नशे में उठाया तो इनको का पता चलेगा हम कित्ते बड़े बदमाश है,,,,,,,,,,,,ना ना गोलू ऐसे तो साला इज्जत का फालूदा हो जाएगा,,,,,,,,,फूफा को उठाएंगे पूरा होश में ताकि फूफा भी देखे हमरा जलवा,,,,,,,,,लेकिन अभी कहा लेकर जाए इन्हे इस हालत में ? अपने घर नहीं ले जा सकते का है कि वहा पहले से यमराज बैठे है हमाये पिताजी फूफा को कही सीधा ऊपर ही ना पहुंचा दे , मिश्रा जी के घर भी नहीं ले जा सकते , अरे तो लेकर जाये तो जाये कहा ?”


अपना सर खुजाते हुए गोलू ने जैसे ही घुमा ठेके के सामने से अपना ठेला लेकर गुजर रहे बाबू गोलगप्पे वाले पर उसकी नजर पड़ी , गोलू के दिमाग की बत्ती जली और उसने बाबू को आवाज देकर रोका। बाबू रुक गया गोलू उसके पास आया तो बाबू ने कहा,”गोलू भैया माल तो खत्म हो गवा”
“अरे हमहू अपने माल के लिए आये है,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा


“आपका माल ? आप कब से ठेला लगाने लगे,,,,,,,,,,,!!”,बाबू ने हैरानी से कहा
“अरे हम इस माल की नहीं बाबू उस माल की बात कर रहे है जो हुआ फैला पड़ा है,,,,,,,,,,,,,हमरी एक ठो मदद कर दयो”,गोलू ने फूफाजी की तरफ इशारा करके कहा


“उह कौन है ? और बेंच पर ऐसे काहे पड़े है ?”,बाबू ने फूफा को देखते हुए कहा
“तुम्हाये होने वाले ससुर है , चलो चलकर आशीर्वाद लेइ ल्यो,,,,,,,,,,,,,,,अबे बाबू हेल्प करने को कहे है तुमसे जासूस की भुआ ना बनो तुम,,,,,,,,,,एक तो साला वैसे ही इत्ता टेंशन है,,,,,,,,,,अब इह बताओ करोगे हेल्प की नाही ?”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा  

“हाँ भैया बताओ ना का कर सकते है हम आपके लिए ?”,बाबू ने कहा
“आज रात के लिए फूफा को अपने घर पर रख ल्यो , अभी जे हालत मा घर लेकर गए तो बवाल हो जाएगा,,,,,,,,,कल सुबह पक्का हम उन्हें ले जायेंगे,,,,,,तब तक तुमहू सम्हाल ल्यो बाबू तुमको तुम्हरी सुखी पपड़ी की कसम”,गोलू ने बाबू को बातो में उलझाते हुए कहा


“ठीक है भैया करेंगे ,, आप कह रहे है तो जरूर मुसीबत में होंगे,,,,,,,,,वो अच्छा हुआ मेहरारू आज बिटिया को लेकर अपनी अम्मा से मिलने चली गयी कुछ दिन वही रुकेगी , वरना एक कमरे मा सबको कहा कहा रखते ? हमहू ठेला लेकर चलते है आप उनको अपने साथ रिक्शा से लेकर आईये”,बाबू ने मासूमियत से कहा


गोलू इतना खुश हुआ कि बाबू का चेहरे पकड़कर उसके गाल पर जोरदार पप्पी करके कहा,”जिओ बाबू,,,,,,,,,,एक ठो बार हमहू जे मुसीबत से निकल जाए ओह के बाद इह से बढ़िया ठेला बनवाय के दी है तुमका,,,,,,,,,,,,तुमहू चलो हमहू फूफा को लेकर आते है।”
बाबू वहा से निकल गया और गोलू भी फूफा को रिक्शा में डालकर बाबू के ठेले के पीछे चल पड़ा।

मिश्राइन का बताया सामान लेकर गुड्डू घर चला आया। बाइक साइड में लगाकर गुड्डू सामान उठाये जैसे ही अंदर आया सामने खड़े मिश्रा जी दिख गए और गुड्डू के कदम वही रुक गए। उसकी आँखों के सामने कुछ देर पहले का सीन आ गया। उसके कानो में फूफा की कही बात गुंजी “”अरे जिस पिताजी के श्रवण कुमार बने घूम रहे हो गुडडुआ एक बार जाकर ओह से जे तो पता कर लेओ कि उह तुम्हरे बाप है भी कि नाही,,,,,,,,,!!”
फूफाजी की कही बात याद आते ही गुड्डू की आँखों में बेचैनी और चेहरे पर एक दर्द दिखाई देने लगा।


“गुड्डू ! का हुआ ? वहा काहे खड़े हो ?”,मिश्रा जी की आवाज गुड्डू के कानो में पड़ी तो गुड्डू की तंद्रा टूटी और वह होश में आया। उसने हाथ में पकडे सामान को सम्हाला और आगे बढ़ते हुए कहा,”अह्ह्ह क क कुछ नहीं पिताजी , उह्ह अम्मा कुछो सामान मँगवाय रही बस वही लेकर आ रहे है”
“अरे तो इतना सब सामान अकेले काहे उठा लिए , लाओ कुछ हम ले लेते है,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गुड्डू के हाथ से आधा सामान लेकर कहा


“अरे पिताजी रहने दीजिये ना हम उठा लेंगे,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“अकेले का का उठाओगे गुडडुआ , चलो हम रखवा देते है,,,,,,,,,,!!”,कहकर मिश्रा जी आगे बढ़ गए और गुड्डू उनके पीछे चला आया।

सामान रखकर मिश्रा जी गुड्डू के पास आये और अपने कुर्ते की जेब कुछ रूपये निकालकर गुड्डू की तरफ बढ़ाकर कहा,”जे पैसे रखो ! अम्मा के दिनों में कुछो सामान लाना हो तो जरूरत पड़ेगी,,,,,,कम पड़े तो हमसे और मांग लेना,,,,,,,,,,,,खाना खाये तुमहू ?”


गुड्डू ने ना मे गर्दन हिला दी तो मिश्रा जी ने कहा,”जाओ जाकर पहिले कुछो खाय ल्यो,,,,,,,,,सुबह से भूखे हो”
मिश्रा जी इतना कहकर वहा से चले गए , गुड्डू बुझी आँखों से उन्हें जाते हुए देखता रहा और मन ही मन खुद से कहा,”फूफा झूठ कहते है , जे ही हमरे पिताजी है और हम इनके बेटे है”

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 संजना किरोड़ीवाल  

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गोलू ने गुड्डू को समझाने की कोशिश की , गुड्डू का दिल तो गोलू की बातो में आ चुका था लेकिन दिमाग ये मानने को तैयार नहीं था। उसने गोलू को देखा और कहा,”गोलू तुम्ही कहते हो ना शराब पीया हुआ आदमी कबो झूठ नहीं बोलता,,,,,,,,,,फिर फूफा इत्ती बड़ी बात ऐसे ही थोड़े बोल देंगे,,,,,,!!”  
“सही कहे थे पिताजी एक तो साला जे हमाई जबान ना किसी दिन हमाई गर्दन कटवाकर मानेगी,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू मन भी मन खुद पर भड़का और फिर गुड्डू से कहा,”हाँ तो सही कहे थे लेकिन फूफा जैसा आदमी शराब पीने के बाद गू तक खा ले , बातें बकना तो मामूली बात है,,,,,,,!!”

गोलू ने गुड्डू को समझाने की कोशिश की , गुड्डू का दिल तो गोलू की बातो में आ चुका था लेकिन दिमाग ये मानने को तैयार नहीं था। उसने गोलू को देखा और कहा,”गोलू तुम्ही कहते हो ना शराब पीया हुआ आदमी कबो झूठ नहीं बोलता,,,,,,,,,,फिर फूफा इत्ती बड़ी बात ऐसे ही थोड़े बोल देंगे,,,,,,!!”  
“सही कहे थे पिताजी एक तो साला जे हमाई जबान ना किसी दिन हमाई गर्दन कटवाकर मानेगी,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू मन भी मन खुद पर भड़का और फिर गुड्डू से कहा,”हाँ तो सही कहे थे लेकिन फूफा जैसा आदमी शराब पीने के बाद गू तक खा ले , बातें बकना तो मामूली बात है,,,,,,,!!”

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