Manmarjiyan Season 3 – 74
गोलू से बात करने के बाद मिश्रा जी ने फोन रखा और लवली को देखकर कहा,”आ रहे है तुम्हाये खास दोस्त हिया,,,,!!”
लवली बेचारा क्या ही कहता , गोलू की वजह से पहले उसने गुप्ता जी के घर में मार खायी और अब मिश्रा जी के घर में भी प्रोग्राम सेट था। लवली समझ गया कि गोलू के साथ साथ उसकी भी लंका लगेगी और ये सब हो रहा था गोलू की वजह से इसलिए मिश्रा जी और फूफा के साथ अब लवली के अंदर भी गोलू के लिए गुस्सा बढ़ने लगा।
कुछ ही देर में गोलू ख़ुशी ख़ुशी अंदर आया और मिश्रा जी के पैर छूकर कहा,”प्रणाम चचा ! हमहू सोचे नाही थे आप हमसे इत्ता पियार करते हो , हमाये लिए , हमाये लिए आपने 56 भोग बनवाया है ,जे सुनकर ही मन गदगद हो गवा”
“अरे गोलू थोड़ा सब्र रखो अभी तो मन गदगद हुआ है अभी तो तन भी गदगद होगा”,मिश्रा जी ने कहा
“क्या बात है ? बनारस जाकर सच मा बदल गए आप लेकिन ये बदलाव अच्छा लगा , कहा है हमाये 56 भोग ?”,गोलू ने लार टपकाते हुए कहा
“अभी खिलाते है,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गोलू से कहा और लवली की तरफ देखकर बोले,”ए गुड्डू ! उह्ह्ह जरा हमायी बाटा की चप्पल तो देना ज़रा”
गोलू ख़ुशी से झूम ही रहा था कि तभी उसके कान में मिश्रा जी के कहे शब्द पड़े वह हैरानी से मिश्रा जी तरफ पलटा और जैसे ही जाने को हुआ मिश्रा जी ने गोलू की गुद्दी पकड़ ली और कहा,”अरे गोलू कहा चले ? 56 भोग तो खाकर जाओ”
“अरे नहीं चच्चा ! हमाओ पेट फुल है हमहू घर से खीर पूड़ी आये है”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा
“थोड़ा हमाये हाथ से भी खा ल्यो”,मिश्रा जी ने कहा
गोलू मिश्रा जी के हाथो से छूटकर भागता इस से पहले गुड्डू वहा आ पहुंचा और चप्पल मिश्रा जी की ओर बढाकर कहा,”पिताजी इह लीजिये चप्पल मंगवाए थे आप”
गोलू ने सुना तो गुड्डू की तरफ देखा और आड़े टेढ़े मुंह बनाते हुए उसे 20-25 गालियाँ दे दी बस उन गालियों की आवाज बाहर नहीं आ रही थी तो लवली ने कहा,”का हुआ तुम्हे मुंह काहे बना रहे हो ?”
गोलू की दबी हुई आवाज बाहर निकली और उसने नफरत भरे स्वर में कहा,”गुड्डू भैया आप दोस्त नाही आस्तीन के उह्ह साँप है जो हमसे दूध पीके हमे ही काटने चले आये , साले सांप , शकुनि , बैल , पेंट शर्ट पहिनने वाले बैल , हमको मरवाने के लिए हिया बुलाए थे और तो और चप्पल लाकर दे रहे हो,,,,,,,,,आपको तो हम छोड़ेंगे नहीं गुड्डू भैया हमका साला निकलने दयो एक बार हिया से,,,,,,!!”
गोलू की बात सुनकर मिश्रा जी ने एक चाँटा तो उसके गाल पर जड़ ही दिया और उसे नीचे पटककर बाटा की चप्पल से उसके पिछवाड़े पर गिनती शुरू कर दी। गोलू को पीटते देखकर लवली घबरा गया वह जैसे ही जाने लगा गोलू ने लवली का पैर पकड़ लिया और लवली धड़ाम से नीचे आ गिरा। गोलू चिल्लाया,”46 अकेले खा चुके है अब थोड़ा गुड्डू भैया को भी खिलाईये”
मिश्रा जी ने नीचे गिरे लवली का शर्ट पकड़कर उसे उठाया और उसे भी गोलू के साथ साथ सुत दिया। मिश्राइन , शगुन , भुआ , कोमल और वेदी भी चली आयी लेकिन मिश्रा जी को गुस्से में देखकर किसी ने कुछ कहा नहीं। मिश्रा जी ने दोनों को उठाकर अपने सामने पटका और खुद तख्ते पर आ बैठे हाथ में अभी भी चप्पल थी। सामने बैठा लवली दर्द के मारे अपनी बाँह सहला रहा था , मुँह के बल गिरने से उसके गाल पर लगी थी जिसका निशान दिखाई दे रहा था। गोलू लुटा पिटा सा उकडू बैठा था।
उसके बाल बिखर चुके थे , आँखे फैलकर बड़ी हो चुकी थी , मुँह बंदर की तरह लाल हो चुका था और गोलू आँखे फाड़े फर्श को देख रहा था। उसे ऐसे देखकर मिश्रा जी ने कहा,”ऐसे उकडू काहे बैठे हो ?”
गोलू ने सूना तो मिश्रा जी की तरफ देखा और बदहवास हालत में कहा,”जोन तबियत से बाटा की चप्पल हमायी तशरीफ़ पर छापे हो दो हफ्तों तक धरती पर बैठ तक नाही पाएंगे , अरे हमको तो लगता है साला आज के बाद सोना भी उकडू ही पडेगा”
“का बात है गुड्डू के पिताजी ? आप इह दोनों को ऐसे काहे मार रहे है ?”,मिश्राइन ने हिम्मत करके पूछा मिश्रा जी कुछ कहते इस से पहले ही गोलू उठा और रोते हुए मिश्राइन के पास आकर अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा,”काहे मारा नाही चाची इह पूछो कैसे मारा है ? कहा मारा है ? यहाँ मारा , यहाँ मारा , बैठा के मारा , लेटा के मारा , आगे मारा , पीछे मारा , हमायी बॉडी का ऐसा कोई कोना नाही छोड़ा जहा ना मारा हो , अरे हमको तो मारा सो मारा गुड्डू भैया को भी मारा,,,,,,,
अरे हमको बताया भी नाही कि हमायी गलती का थी , बिना गलती बताये मारा ,, ए चाची हमका बस एक ठो बात बताओ तुमहू ,, जे मिश्रा जी को बाटा की चप्पल घर मा पहिनने के लिए दिलवाई हो या फिर हमायी सुताई करने के लिए,,,,,,,ऐसे धोया है हम लोगो को साला जैसे कोई धोबी , धोबीघाट पर लुंगी धोता है,,,,,,,हमसे कहे गोलू घर आ जाओ तुम्हाये लिए 56 भोग बनवाये है , 46 भोग हमहू अकेले खाये है चाची का बताये,,,,,,,,कैसे दानव जैसे आदमी से ब्याह कर लेइ हो तुमहू भी साला हम और गुड्डू भैया कोनो गाजर मूली है का जो कट कट कट काट दिए,,,,,,,पूछो जे से हम लोगन की गलती का है ?”
मिश्रा जी ने सुना तो गुस्से से कहा,”गलती , तुम लोगन की गलती जे है गोलू गुड्डू कि तुमहू इह धरती पर जन्म लिए , अरे एक बख्त के बाद तो डंडे की मार से बैल-गधा भी समझ जाता है कि ओह्ह को कौनसे रस्ते जाना है और कौनसे नाही पर तुम लोगन तो बैल गधे से भी बहुते नीचे हो,,,,,,,,अरे घर आये पंडित का अपमान किये रहय तुम लोग शर्म नाही आयी ?”
“नरक में भी जगह नाही मिलेगी,,,,,,,,,!!”,फूफा ने गुटखा थूककर कहा , अब तक वे इसलिए चुप थे क्योकि मुंह में विमल पान मसाला था और गुटखा खाने वाला आदमी मुंह में भरा गुटखा तभी थूकता है जब कुछ बहुत इम्पोर्टेन्ट बोलना हो
मिश्रा जी से मार खाकर गोलू एक तो पहले ही बौराया हुआ था फूफा ने जैसे ही बोला गोलू भड़क गया और तख्ते पर चढ़के फूफा की गर्दन दबोचते हुए कहा,”हमहू नरक मा जाए ना जाए आपको हुआ पहुचा कर रहेंगे,,,,,,हमको समझ आ गया जे मिश्रा जी के कान आप ही भरे है”
“गोलू छोडो इन्हे का कर रहे हो ?”,लवली ने जल्दी से गोलू को फूफा से दूर करके कहा
लवली गोलू को लेकर साइड में चला आया तो मिश्रा जी ने कहा,”बन गए गुंडे , मिल गयी कलेजे को ठंडक और इह का था बे ? आदर्श बाबू घर के दामाद है तुमहू इन पर हाथ डाल दिए , मतलब लाज शरम सब घोलगर पी चुके हो चाय मा,,,,,,,,,,!!”
“अरे तो उनसे कहिये ना बीच मा आग काहे लगा रहे है ? और हमहू नर्क मा जाए चाहे स्वर्ग मा इनको का मतलब है ?”,गोलू ने कहा
“अच्छा आर्दश बाबू ज़रा सा बीच मा बोल गए तो इतना उछल रहे हो , सुबह केशव पंडित के साथ जोन हरकत तुमहू किये हो बताओ हम कितना उछले,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गोलू को घूरकर कहा
“गुड्डू भैया हम बता रहे है जे सारी आग ना उह्ह केशव पंडित लगाए रहे है , मिश्रा जी अम्मा से पहिले ना ओह की तेहरवी रख देंगे हम याद रखना”,गोलू लवली की तरफ देखकर बड़बड़ाया
“अभी कुछ मत बोलो गोलू चुप रहो पहिले ही इत्ता सब तमाशा कर चुके हो”,लवली ने भी दबे स्वर में कहा
“जे चोंच से चोंच लड़ाना बंद करो दोनों और हमका जवाब दयो केशव पंडित के साथ बदतमीजी करने की का जरूरत पड़ी तुम दोनों को ? अरे नालायको घर आये पंडित के कपडे तक उतरवा दिए तुम लोगन का जे ही संस्कार दिए थे घरवालों ने,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गुस्से से कहा
शगुन ये सब देखकर परेशान हो रही थी साथ उसे गुड्डू और गोलू पर गुस्सा भी आ रहा था।
गुड्डू और गोलू जब भी साथ होते थे कुछ न कुछ गड़बड़ करते ही थे। मिश्राइन ने भी कुछ नहीं कहा जब उन्हें पता चला कि गुड्डू और गोलू ने केशव पंडित के साथ बदतमीजी की है , भुआ को गुड्डू पर तो दया आ रही थी साथ ही उन्हें बेचारे गोलू के लिए भी बुरा लग रहा था उन्होंने मिश्रा जी से कहा,”भाईसाहब ! जाने दीजिये ना बच्चे है,,,,,,,,,,!!”
“बच्चे ? इह दोनों बच्चे है , अरे जे कहो राजकुमारी बच्चो के बाप बनने वाले है पर हरकतों में कोनो सुधार नाही है इनके,,,,,,,!!”, मिश्रा जी ने भुआ को झिड़कते हुए कहा तो भुआ तो बेचारी पीछे हट गयी।
मिश्रा जी लवली और गोलू की तरफ पलटे और गुस्से से कठोर स्वर में कहा,”आज के बाद तुम दोनों अगर एक साथ दिखाई दिए तो हमसे बुरा कोई नाही होगा समझे,,,,,,जब तक अम्मा के दिन पुरे नाही हो जाते तुम दोनों हमका साथ दिखने नाही चाहिए समझे,,,,,,,,!!”
मिश्रा जी की बात सुनकर लवली ने राहत की साँस ली , कुछ दिन के लिए ही सही उसका गोलू से पीछा छूटेगा तो वही गोलू ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा,”जे आप का कह रहे है , अरे हमहू वादा करते है अब से नहीं करेंगे कांड,,,,,,,,,हमका अलग काहे कर रहे है ?”
“काहे उह्ह तुम्हायी बीवी है जो ओह्ह के बिना दिल नाही लगेगा तुम्हरा , तेहरवी से पहिले अगर तुम और गुड्डू एक साथ दिखाई दिए तो याद रखना जीते जी तुम दोनों की तेहरवी हम बैठाय देंगे,,,,,,,,,,,ससुरे नाक मा नकेल डाल के रखे है”,कहकर मिश्रा जी अंदर चले गए
मिश्रा जी को गुस्से में देखकर मिश्राइन लवली और गोलू के पास आयी और लवली की बांह पर मारकर,”का रे गुड्डू गोलू का है जे सब , तुम्हाये पिताजी को देखकर लग रहा है पंडित जी का कुछो जियादा ही अपमान कर दिए रहय तुम लोग,,,,,,,,एक दिन हम और तुम्हाये पिताजी घर से बाहिर का गए तुम लोगो ने इत्ता बड़ा काण्ड कर दिया”
“अरे हमहू कुछो नाही किये , जे सारा किया धरा इह गोलू का है हमहू मना किये रहय ना पड़ो इन चक्करो मा पर इह नाही सुने है अब जे के चक्कर मा हमहू भी पिट गए ना”,लवली ने खीजकर कहा
गोलू ने सुना तो हैरानी से गर्दन घुमाकर लवली को देखा,”वाह वाह वाह गुड्डू भैया वाह , का गजब दोस्ती निभाए हो हमे कब मना किया आपने ? अरे आप तो मिश्रा जी को बाटा की चप्पल लाकर दे रहे थे “जे लो पिताजी चप्पल और सूत दो गोलू को” सच बताय रहे है गुड्डू जे सब आपकी वजह से हुआ है,,,,,अरे आपके का आपके उह्ह हम,,,,,,,,,!!”
गोलू कही लवली का राज ना खोल दे सोचकर लवली ने गोलू के कंधो पर बाँह रखकर उसकी गर्दन दबाकर कहा,”हमने मिल कर किया , हमहू स्वीकार करते है अम्मा हमने और गोलू ने मिलकर जे किया और जे के लिए हम दोनों बहुत शर्मिन्दा है कल जाकर केशव पंडित से माफ़ी मांग लेंगे,,,,,,,,!!”
“माफ़ी मांगे हमायी जुत्ती , अरे एक तो ओह्ह की वजह से मिश्रा जी से मार खाये अब माफ़ी भी माँगे नहीं मांगेंगे बिल्कुल नाहीं मांगेंगे,,,,,,,,!!”,गोलू ने थोड़ा उछलकर कहा तभी मिश्रा जी ने अम्मा की बैठक की तरफ जाते हुए जैसे ही गोलू की तरफ देखा गोलू का तो सुर ही बदल गया और उसने कहा,”नहीं हम चले जायेंगे , हैं ना गुड्डू भैया , मांग लेंगे माफ़ी मांगने मा कैसी शरम,,,,,,!!”
मिश्राइन दोनों को केशव पंडित से माफ़ी मांगने का कहकर वहा से चली गयी और अपने साथ भुआ को भी ले गयी। वेदी कोमल तो पहले ही जा चुकी थी। शगुन लवली और गुड्डू के पास आयी और हताश होकर कहा,”गुड्डू जी गोलू जी मैं जानती हूँ ये सब गुड्डू जी उस हमशक्ल की वजह से हुआ है लेकिन अब आप लोग भी थोड़ा सम्हलकर रहिये,,,,,,,और ये सब हरकते बंद कीजिये”
शगुन इतना कहकर वहा से चली गयी तो लवली ने गोलू से कहा,”जे हमे इत्ता काहे सुना के गयी बे ?”
“आपकी घरवाली है आप जानो , हमे का पतो ,, आपके चक्कर में हमाये अपने घर की खीर पूड़ी से और हाथ धो बैठे,,,,,,,,हाय का तबियत से मारे है मिश्रा जी भी , साला हफ्ते भर की कसर एक साथ पूरी कर लिए”,कहते हुए गोलू वहा से चला गया
लवली तो बहुत खुश था लेकिन अपनी ख़ुशी को चेहरे पर आने नहीं दिया पर गोलू दुखी था आज से पहले मिश्रा जी ने चाहे जो किया हो पर ऐसी सजा तो कभी नहीं दी थी।
दिवार पर लटके लल्लन के दोनों आदमी ये पूरा नजारा देख रहे थे , लवली जैसा ही दिखने वाला लड़का यहाँ था और सब उसे गुड्डू गुड्डू कहकर बुला रहे थे। दोनों दिवार से नीचे उतरे और एक ने कहा,”जे लड़का तो बिल्कुल लवली जैसा दिखता है , हमे लल्लन भैया को बताना चाहिए”
“हाँ और सब जे का गुड्डू गुड्डू कहकर बुला रहे है इह का मतलब हमने जिसको पकड़ा है उह्ह लबली ही है , साला हम लोगो को पागल बना रहा है ताकि भाग जाए,,,,,,,,,,!!”,दूसरे आदमी ने कहा
दोनों गली में खड़ी गाडी की तरफ आये तभी लवली किसी काम से बाहर आया। लल्लन के आदमियों को बाहर देखकर एक पल को वह घबरा गया लेकिन फिर
अकड़कर कहा,”ए कौन हो बे तुम लोग ? और हिया दिवार के पास काहे खड़े हो ?”
दोनों आदमियों का यकीन अब तो और भी पक्का हो गया कि उनके सामने खड़ा लड़का लवली नहीं बल्कि गुड्डू है वरना लवली होता तो उन्हें देखकर भाग नहीं जाता , दोनों आदमियों में से एक ने जाकर गाडी की डिग्गी खोलते हुए कहा,”अहह कुछ नाही उह्ह हमरी गाडी खराब हो गयी उसी को सही कर रहे है , आप जाईये ना भैया”
लवली अंदर चला गया तो आदमी डिग्गी को खुला ही छोड़ आगे आया और दूसरे आदमी के पास आकर कहा,”हमको हिया से चलना चाहिए वरना कही जे लोग हमे चोर समझकर पुलिस के हवाले ना कर कर दे”
लवली अंदर आया तो अंदर एक और ही नजारा उसे देखने को मिला , आदर्श फूफा गोलू के पीछे भाग रहे थे उसे मारने के लिए , गोलू को पहले ही बहुत पड़ चुकी थी इसलिये वह खुद को बचा रहा था लेकिन भागम भाग में फूफा ने दो चार चपेड़ तो गोलू को लगा ही दी और हाथ में पकड़ा जूता भी गोलू की पीठ पर दे मारा।
गोलू लवली के सामने से बाहर की तरफ भागा। फूफा भी गोलू को पकड़ने उसके पीछे आये तो लवली ने रोककर कहा,”अरे का हुआ ? अब आप काहे ओह्ह बेचारे के पीछे पड़े है ?”
“बेचारा ! बेचारा नाही गुड्डू तुम्हरा उह्ह दोस्त एक नंबर का आवारा है , अरे हमरी राजकुमारी को हमरे खिलाफ ना जाने कौनसी पट्टी पढ़ाये है कि उह्ह हम से सीधे मुंह बात नाही कर रही और जब से आये है गोलू गाथा गाये जा रही है,,,,,,,,,,,!!!”,फूफा ने गुस्से से कहा
“अरे तो इह मा ओह्ह का मारने की का जरूरत है समझाय दयो ना बैठाकर,,,,,,!!”,लवली ने गोलू पर तरस खाते हुए कहा
“मारने की का जरूरत है ? अरे हमहू ओह्ह के 56 टुकड़े कर देंगे,,,,,,,,,,,ससुरा अंदर राजकुमारी से कह रहा है भुआ फूफा को छोड़ काहे नाही देती हमहू तुम्हरी बात अपने मंगल फूफा से चला देंगे,,,,,,,,,,,,,साला खड़े खड़े दलाल बन गवा उह्ह,,,,ओह्ह का तो हम छोड़ेंगे नाही”,फूफा ने गुस्से से उबलकर कहा
“हाँ तो गलत का कहे ? तुम से लाख गुना अच्छे है हमाये मंगल फूफा,,,,,,,,,,,राजकुमारी राजकुमार डिजर्व करती है तुम्हरे जैसा असुर नाही”,गोलू ने दरवाजे से वापस अंदर आते हुए कहा
“तुम्हायी ऐसी की तैसी हमहू आज तुमको अपना असुर वाला रूप ही दिखाते है,,,,,,,,,,रुको जरा”,कहते हुए फूफा गोलू के पीछे भागे और लवली ने अपना सर पकड़ लिया।
गोलू बाहर भागा तभी उसे एक गाड़ी दिखी जिसकी डिग्गी खुली थी। फूफा से बचने के लिए गोलू उसमे जा घुसा और डिग्गी बंद कर ली। फूफा गोलू को ढूंढते हुए आगे बढ़ गए गोलू खुश होकर जैसे ही डिग्गी का ढक्कन ऊपर किया वह बंद हो गया और गाड़ी एकदम से चल पड़ी। गोलू की ख़ुशी पलभर में गायब और वह डिग्गी के दरवाजे पर मारने लगा लेकिन गाड़ी ने स्पीड पकड़ ली और गोलू को अंदाजा भी नहीं था ये किस की गाड़ी थी और वह कहा जा रहा था ?
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संजना किरोड़ीवाल
