Manmarjiyan – S87
Manmarjiyan – S87
शगुन और गुड्डू ने मिलकर जो डांस किया था उस से सबका दिल जीत लिया। गुड्डू शगुन तो खुश थे ही साथ ही साथ गोलू और पिंकी भी उन दोनों की केमेस्ट्री देखकर खुश हो गए। गोलू तो मन ही मन महादेव से दुआ कर रहा था की बस आज कैसे भी करके गुड्डू शगुन से अपने दिल की बात कह दे। डांस के बाद शगुन गुड्डू से नजरे बचाने की कोशिश कर रही थी जिस तरह से आज गुड्डू ने शगुन के साथ डांस करते हुए अपनी आँखों से उसे ये अहसास दिलाया की शगुन के लिए उसके दिल में बहुत कुछ है उस अहसास ने शगुन का दिल धड़का दिया था। गुड्डू का उसके साथ डांस करना , उसका दुपट्टा पिन-अप करना ,उसकी कमर को अपनी उंगलियों से छूना बहुत ही रोमांटिक अंदाज में ये सब पल शगुन के मन में एक खूबसूरत अहसास पैदा कर रहे थे।
डांस के बाद सभी जयमाला के लिए स्टेज की तरफ चले आये। गोलू और पिंकी दोनों जयमाला हाथ में लिए एक दूसरे के सामने खड़े थे। गोलू और पिंकी दोनों की जिंदगी का ये सबसे खास दिन था। पिंकी गोलू को देखकर मुस्कुरा रही थी और गोलू मन ही मन खुद पर नाज कर रहा था की मोहल्ले की सबसे सुंदर लड़की से उसकी शादी होने जा रही है। शगुन वेदी के साथ खड़ी थी वह गोलू और पिंकी के लिए बहुत खुश थी। गुड्डू मनोहर के साथ खड़ा था वह शगुन के पास आया और आकर उसकी बगल में खड़े होकर कहने लगा,”तुम्हे एक बात बताये ?”
“हम्म्म्म”,शगुन ने कहा
“एक बार गोलू ने हमसे कॉलेज में कहा था की पिंकिया उसकी औकात से बाहर है और आज देखो उसी पिंकिया से उसकी शादी होने जा रही है”,गुड्डू ने मुस्कुराते हुए गोलू और पिंकी को देखकर कहा
“आप किस्मत में विश्वास रखते है”,शगुन ने पूछा
“मतलब ?”,गुड्डू ने कहा उसे शगुन की बात समझ नहीं आयी
“मतलब ये की किस्मत में जो लिखा होता है उसे कोई नहीं बदल सकता , हां कुछ चीजे मुश्किल होती है लेकिन अगर वह किस्मत में हो तो जरूर मिल जाती है”,शगुन ने कहा
“ये बात तो बहुते सही कही तुमने अच्छा हमे कैसे पता चलेगा कोई हमारी किस्मत में है या नहीं ?”,गुड्डू ने प्यार से शगुन को देखते हुए पूछा
“जिसे मिलना होता है वो मिल जाता है कौन किसकी किस्मत में है ये वक्त तय करता है इंसान नहीं”,शगुन ने कहा
“कितना अच्छा होता ना अगर इंसान अपनी किस्मत खुद लिखता”,गुड्डू ने आसभरी नजरो से शगुन को देखते हुए कहा
शगुन मुस्कुराई और कहा,”अगर ऐसा होता तो आपकी पिंकी से शादी हो चुकी होती , फिर ना मैं आपसे मिलती , ना गोलू जी की शादी होती और ना हम दोनों ऐसे यहाँ सबके बीच खड़े होकर ये टॉपिक डिस्कस कर रहे होते”
“बहुते उलझन है , अच्छा हमारा डांस कैसा लगा तुमको ?”,गुड्डू ने कहा
“शशशशशशश कितनी बातें करोगे , जयमाला देखो ना चुपचाप”,पीछे खड़ी एक आंटी ने गुड्डू से कहा तो गुड्डू पलटा और कहा,”आपकी शादी हो गयी ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,तीन बच्चे भी है मेरे”,औरत ने थोड़ा अजीब नजरो से गुड्डू को देखते हुए कहा
“हमारी नहीं हुई है , उसी में लगे है थोड़ा कॉ-आपरेट कीजिये”,गुड्डू ने धीरे से कहा जिस से शगुन को ना सुन जाए। शगुन जयमाला देखने में मग्न थी। उसे तो अपनी और गुड्डू की शादी वाली जयमाला याद आ रही थी कैसे गुड्डू उस दिन शगुन से नजरे भी नहीं मिला रहा था और उसके हाथ कैसे काँप रहे थे। गुड्डू एक बार फिर शगुन के में बगल में खड़े होकर जयमाला देखने लगा। गोलू और पिंकी दोनों ने एक दूसरे को जयमाला पहनाई। फूलो की बारिश होने लगी , सभी तालियां बजाने लगे। गुड्डू तो उस जयमाला में इतना खो गया की गोलू की जगह खुद को और पिंकी की जगह शगुन को इमेजिन करने लगा। जब गोलू ने पिंकी के साथ फोटो खिचवाने के लिए हाथो को उसके गले में डाला तो ख्यालो में खोये गुड्डू ने भी वैसा ही किया , लेकिन शगुन के गले में नहीं सामने खड़ी एक आंटी के गले में।
ख्यालो में खोये गुड्डू ने जैसे ही सामने खड़ी आंटी के गले में अपनी बाँहे डाली आंटी उछल पड़ी। गुड्डू को होश आया तो उसने कहा,”माफ़ करना चाची हम,,,,,,,,,,,,,,!!!
“अरे का माफ़ करना कोनो लाज शरम है के नहीं तुम में ? इति सुंदर बीवी तुम्हाये साथ खड़ी है और तुमहू हो के पराई औरत के गले में बाँहे डाल रहे हो”,आंटी ने गुड्डू को लताड़ते हुए कहा
“अरे अरे चाची जे हमायी बीवी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,गुड्डू ने कहना चाहा लेकिन औरत उसकी कहा सुनने वाली थी उसने गुड्डू को डाटना शुरू कर दिया। शगुन ने देखा तो बीच बचाव करते हुए कहा,”देखिये इनसे गलती हो गयी थी इन्हे लगा मैं हु तो इन्होने हाथ रख दिया होगा,,,,,,,,,,इनकी तरफ से मैं आपसे माफ़ी मांगती हूँ। प्लीज इन्हे माफ़ कर दीजिये”
“देखो बिटिया ऐसे मर्दो का ना कोई भरोसा नहीं है आज यहाँ हाथ रखा है कल कही और रखेंगे। इनसे न ज़रा बचकर ही रहना तुम”,औरत ने शगुन से कहा लेकिन गुड्डू के लिए गलत बात सुनकर शगुन को गुस्सा आ गया तो उसने गुड्डू से आगे आकर उस औरत से कहा,”ये कैसी बातें कर रही है आप ? आप इन्हे जानती भी नहीं है और कुछ भी अंट शंट बके जा रही है।”
“अरे अरे तुम तो ऐसे चढ़ रही हो जैसी इसकी बीवी हो”,औरत ने भी बहस करते हुए कहा
“हाँ हूँ मैं इनकी बीवी तो , पति है ये मेरे इस से आपको क्या दिक्कत है ? गलती हो गयी इनसे माफ़ी मांग रहे है और क्या करे आपके लिए ? और आप जो इनके लिए गलत गलत बोले जा रही है उसका क्या ? इतनी भी कोई हूर की परी नहीं है आप जो आपके गले पड़ेंगे ये ,,,,,,,,,,चलिए गुड्डू जी”,कहते हुए शगुन ने गुड्डू का हाथ पकड़ा और उसे वहा से ले गयी
शगुन ने जो कहा उस से औरत उसका मुंह देखते ही रह गयी। शगुन ने फ्लो फ्लो में कह दिया लेकिन गुड्डू उस बात से काफी खुश हो गया जब शगुन ने उसे अपना पति कहां। वह मुस्कुराते हुए शगुन के साथ चल रहा था शगुन के नाजुक पतले हाथो में गुड्डू का सख्त सा हाथ बहुत अच्छा लग रहा था। शगुन गुड्डू को लॉन में लेकर आयी और अपने सामने करके कहा,”क्या जरूरत थी उसको छूने की मैं मर गयी हूँ क्या ?”
“का,,,,,,,,,,,,,,,,,?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा तो शगुन ने अपनी जबान को सम्हालते हुए कहा,”मेरा मतलब क्यों किया आपने ऐसा ? बेवजह कितनी बकवास कर रही थी वो , दिल तो किया मुंह तोड़ दू मैं उसका। मुझे ये समझ नहीं आता दुनिया में इतने लड़के है लेकिन उन सबको छोड़कर सबकी नजर आप पर ही क्यों रहती है। गलती से हाथ लग गया तो क्या हो गया सॉरी बोला तो सही आपने लेकिन नहीं उसे तो बकवास करनी थी आपके साथ,,,,,,,,,,,,,,,अपनी पूरी जिंदगी में कभी मैंने किसी पर ऐसे गुस्सा नहीं किया लेकिन उसने तो हद ही कर दी,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे मिले दोबारा बताती हूँ मैं उसे
गुड्डू ने पास से गुजरते पानी लेकर जाते लड़के को रोका और पानी का एक ग्लास लेकर उसे जाने का इशारा कर दिया। गुड्डू ने गिलास शगुन की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”लो पानी पीओ”
शगुन गुस्से से गुड्डू को देखने लगी तो गुड्डू ने बड़े ही प्यार से कहा,”मास्टरनी ल्यो पानी पी ल्यो”
शगुन ने गुड्डू के हाथ से पानी का ग्लास लिया और पीकर गुड्डू की तरफ बढ़ा दिया। गुड्डू ने गिलास डस्टबिन में डाला और कहा,”अभी ठीक है ?”
“हम्म्म !”,शगुन ने कहा
“अब जे बताओ गलती हमने की गुस्सा तुम काहे हो रही हो ?”,गुड्डू ने शांत भाव से पूछा
“उसने आपके लिए गलत बातें कही तो मुझे अच्छा नहीं लगा”,शगुन ने कहा
“लेकिन गलत बात तो हमाये लिए कही ना तुमको अच्छा क्यों नहीं लगा ?”,गुड्डू ने पूछा
“क्योकि आप वैसे बिल्कुल नहीं है जैसा वो बता रही थी , ऐसे कोई भी अनजान आकर आपके बारे में गलत बोलेगा तो क्या मैं सुनती रहू ?”,शगुन ने कहा
“इतना भरोसा है हम पे ?”,गुड्डू ने शगुन का मन टटोलते हुए कहा
“भरोसा तो खुद से भी ज्यादा है गुड्डू जी , इतने वक्त से मैं आपके साथ हूँ मुझे कभी आपके साथ ऐसा महसूस नहीं हुआ। आप चीजों को उल्टा पुलटा कर सकते है , काम बिगाड़ सकते है लेकिन एक लड़की का फायदा उठाने का आप सोच भी नहीं सकते ,, किसी को गलत तरीके से छूना तो दूर आप किसी लड़की को गलत नजर से देखते तक नहीं है।”,शगुन ने कहा
शगुन की बातो में अपने लिए परवाह और सम्मान देखकर गुड्डू को बहुत ख़ुशी हो रही थी वह शगुन के पास आया और कहने लगा,”शगुन दुनिया हमाये बारे में का सोचती है इस से फर्क नहीं पड़ना चाहिए। हम खुद अपने बारे में का सोचते है इस से फर्क पड़ना बहुते जरुरी है। हमाये पिताजी ने हमे एक बात सिखाई थी की जिंदगी में सब करो , बस कुछो ऐसा मत करना जिस से खुद से नजरे मिलाने में शर्म आये। हम अपने पिताजी का सर कभी झुकने नहीं देंगे और ना कभी तुम्हाये इस भरोसे को टूटने देंगे। गलती से हमने अपना हाथ उनके कंधे से छू दिया जिसके लिए हमने माफ़ी भी मांग ली अब वो हमे गलत समझ रही है तो हम इसमें का कर सकते है ?”
“मैं जानती हूँ गुड्डू जी अपने जान बुझकर ऐसा नहीं होगा , खैर छोड़िये ये सब चलिए वहा चलते है गोलू जी अकेले होंगे इस वक्त आपको उनके साथ होना चाहिए”,शगुन ने कहा
“पर हमे लग रहा है तुम्हारे साथ रहने में ज्यादा फायदा है , फिर से किसी आंटी ने हमे पीटना चाहा तो तुम बचा लोगी”,गुड्डू ने कहा तो शगुन हंस पड़ी। उसे खुद पर हंसी आ रही थी की पहली बार उसने गुड्डू के लिए किसी से झगड़ा किया था। शगुन को हँसते देखकर गुड्डू को अच्छा लग रहा था। उसने स्टेज की तरफ देखा आशीर्वाद समारोह चल रहा था और वहा भीड़ भी काफी थी। गुड्डू को शगुन के साथ वक्त बिताने का मौका मिल गया तो उसने कहा,”शगुन तुम रुको हम तुम्हारे लिए कॉफी लेकर आते है”
“आप लेकर आएंगे वो भी मेरे लिए ?”,शगुन ने थोड़ा हैरानी से कहा
“अब देखो आसमाँन के चाँद सितारे तो बाकि आशिक़ लेकर चले गए , हमारे हिस्से में आयी है कॉफी तो हमने सोचा क्यों ना वो ही ले आये ?”,गुड्डू ने नजाकत से कहा तो शगुन हॅसने लगी और कहा,”ठीक है आप जो लाये वो सर आँखों पर”
गुड्डू शगुन और अपने लिए कॉफी लेने चला गया शगुन वही रूककर गुड्डू का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद एक स्मार्ट सा लड़का शगुन के पास आया और अपना हाथ शगुन की तरफ बढाकर कहा,”हाय”
“नमस्ते”,किसी अनजान लड़के से हाथ मिलाना शगुन को अच्छा नहीं लगा
“दरअसल जबसे आप आयी है मैं आप ही को देख रहा हूँ , यहाँ मौजूद लड़कियों में आप मुझे सबसे अलग लगी , अगर आप बुरा ना माने तो मैं कुछ देर आपसे बात कर सकता हूँ , दरअसल मुझे आपके बारे में थोड़ा और जानना है”,लड़के ने कहा
“आई ऍम सॉरी आप शायद गलत समझ रहे है , मैं शादीशुदा हूँ। वो जो वहा खड़े है वो मेरे पति है और मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ”,शगुन कॉफी मशीन के पास खड़े गुड्डू की तरफ इशारा करके कहा। शगुन की बात सुनकर लड़के का चेहरा उतर गया और उसने कहा,”आई ऍम सॉरी बट वो बहुत लकी है”
“थैंक्यू , एक्सक्यूज मी”,कहकर शगुन वहा से चली गयी और दूसरी तरफ आकर गुड्डू का इंतजार करने लगी
कॉफी मशीन के पास खड़ा गुड्डू कॉफी तैयार होने का इंतजार कर ही रहा था की एक लड़की गुड्डू के बगल में आकर खड़ी हो गयी। गुड्डू ने उसकी तरफ देखा तक नहीं तो लड़की को ये बात थोड़ी सी चुभ गयी। कॉफी वाले ने जैसे ही गुड्डू को कॉफी देनी चाही लड़की ने बीच में हाथ करके गुड्डू की कॉफी ले ली और कहा,”ये हम रख लेते है आप दूसरी ले लीजिये”
“भैया एक ठो कॉफी और दे दयो”,गुड्डू ने इस बार भी बिना लड़की की तरफ देखे कहा और कॉफी लेकर जाने लगा तो लड़की गुड्डू के सामने चली आयी और कहा,”हमने आपकी कॉफी ले ली और बदले में आपने हमसे कुछ भी नहीं लिया”
“हम जो मांगे दोगी ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे आप मांगकर तो देखिये जान भी दे देंगे”,लड़की ने गुड्डू को खा जाने वाली नजरो घूरते हुए कहा
“ठीक है फिर हमायी कॉफी वापस दे दो”,गुड्डू ने कहा तो लड़की उसका मुंह ताकने लगी। गुड्डू ने उसको चुप देखा तो मुंह बनाकर कहा,”हुंह एक कॉफी तो दी नहीं जा रही जान देने की बात कर रही थी , पगलेट कही की”
गुड्डू अपने और शगुन के लिए कॉफी लेकर शगुन की तरफ चला आया। उसने शगुन की तरफ कॉफी बधाई शगुन ने जैसे ही पीनी चाही गुड्डू ने एकदम से कहा”रुको”
बेचारी शगुन डरकर रुक गयी और कहा,”क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं कॉफी थोड़ी गर्म है”,कहकर गुड्डू शगुन के हाथ में पकड़ी कॉफी को फूंक मारने लगा। शगुन ने देखा तो उसे अच्छा लगा। वह कॉफी पीने लगी। अभी दोनों कॉफी पी ही रहे थे की मनोहर वहा आया और गुड्डू के हाथ से कॉफी लेते हुए कहा,”अबे यार गुड्डू बहुते सर्दी है यार , तुमसे ज्यादा हमे इस कॉफी की जरूरत है”
मनोहर ने गुड्डू की कॉफी ली तो गुड्डू ने शगुन की कॉफी ले ली।
“अरे गुड्डू जी ये जूठी है”,शगुन ने कहा
“तो तुम्हायी जूठी पिने से कुछ हो जाएगा का ?”,गुड्डू ने कहा तो मनोहर ये सुनकर मुस्कुराने लगा। उसे गुड्डू को देखकर अच्छा लग रहा था
“रौशनी दी कैसी है मनोहर भैया ?”,शगुन ने पूछा
“एकदम ठीक है उह भी आना चाहती थी पर अभी पेट से है तो घरवालो ने आने नहीं दिया”,मनोहर ने कहा
“एक मिनिट तुम दोनों एक दूसरे को कैसे जानते हो ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा तो मनोहर और शगुन एक दूसरे का मुंह देखने लगे
“अरे गोलू की हल्दी वाले दिन मिला था मैं इनसे”,मनोहर ने कहा
“हां हां वही मिले थे , वेदी ने बताया था की सामने जो रौशनी दी रहती है उनकी शादी इन्ही से हुई थी”,शगुन ने कहा
“सही है शगुन मतलब तुम तो कानपूर में घुल गयी हो पूरी की पूरी”,गुड्डू ने कहा तो शगुन ने कहा,”मैं आती हूँ”
गुड्डू और मनोहर के बीच रहकर शगुन और झूठ बोलना नहीं चाहती थी इसलिए वहा से निकल गयी। चलते चलते वह बड़बड़ाने लगी,”बस बहुत हो गया अब मुझसे ये झूठ और नहीं बोला जाएगा। आज गोलू जी की शादी के बाद घर जाकर मैं गुड्डू जी को सारी सच्चाई बता दूंगी उसके बाद जो होगा देखा जाएगा। वैसे भी सच ना बताकर अब तक सबसे ज्यादा दिल मैंने अपना ही दुखाया है , आखिर इस रिश्ते में झूठ बोलने के सिवा हम सब कर ही क्या रहे है ? मैं गुड्डू जी को सब सच बता दूंगी हो सकता है सच सुनकर उन्हें सब याद आ जाये और मुझे इस तरह बार बार सबके सामने झूठ बोलने की जरूरत ना पड़े। कहने को मैं एक टीचर हूँ जिसने अपनी जिंदगी में कभी झूठ नहीं बोला लेकिन आज सिर्फ एक रिश्ता बचाने के लिए मुझे बार बार झूठ बोलना पड़ रहा है ,, सिर्फ गुड्डू जी के लिए,,,,,,,,,,,,,,मैंने कभी सोचा नहीं था मुझे उनसे इतना प्यार हो जाएगा।”
शगुन वेदी के पास चली आयी
शगुन के जाने के बाद मनोहर ने कहा,”हां तो भाई गुड्डू कर दिया प्रपोज ?”
“कहा यार मनोहर अभी बात शुरू ही हुई थी उनसे की तुम बीच में आ गए। खैर प्रपोज तो हम आज उनको कर ही देंगे वो भी ऐसा की वो हमेशा याद् रखेंगी। अच्छा हमे एक बात बताओ”,गुड्डू ने जाती हुई शगुन को देखकर कहा
“हां पूछो”,मनोहर ने खाली कप डस्टबिन में फेंकते हुए कहा
“हम और शगुन साथ में कैसे लगते है ?”,गुड्डू ने पूछा
“गजब , कतई जहर लगते हो। तुम इतने स्मार्ट और वो भी कुछ कम नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,देखकर ही लगता है उपरवाले ने दोनों को फुर्सत से बनाया है”,मनोहर ने कहा
“कुछो अच्छा नहीं बोल सकते थे”,गुड्डू ने मुंह बनाकर कहा
“अच्छा तुम दोनों साथ में लगते हो बिल्कुल शाहरुख़ काजोल जैसे”,मनोहर ने कहा
“उनहु मजा नहीं आया कुछो अच्छा बोलो ना यार सुनते ही दिल खुश हो जाये कुछो ऐसा,,,,,,,,,,,,,,,,कैसे लगते है साथ में वो सोच के बोलो”,गुड्डू ने कहा
मनोहर थोड़ा सोचने लगा और कहा,”फिर तो फिर भैया शिव पार्वती जैसे लगते हो , तुम महादेव के जैसे भोले और सीधे और शगुन माँ पार्वती जैसे शांत और सुंदर”
“मनोहर अगर लड़की होते ना तो अभी चुम्मी दे देते तुमको , का गजब बात बोली हो यार मतलब बवाल”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
“सुनो हमारी बात”,गुड्डू जाने लगा तो मनोहर ने रोककर कहा
“हाँ कहो”,गुड्डू ने कहा
“महादेव का नाम दिया है तुमको तो रिश्ता भी उन्ही की तरफ निभाना , शगुन के मान सम्मान पर कभी आंच मत आने देना। वैसे भी कानपूर के लौंडे भले कितने भी बड़े बकैत हो मोहब्बत साले कमाल की करते है वो भी पूरी शिद्दत से”,मनोहर ने कहा
“अरे बाबू चिंता मत करो , प्यार किया है तो निभाएंगे भी जे गुड्डू मिश्रा का वादा है तुमसे”,कहकर गुड्डू वहा से चला गया
मनोहर मुस्कुराया और कहा,”तुम सच में महादेव का ही रूप हो गुड्डू , इतने भोले और साफ दिल हो की अपनी ही पत्नी से प्यार कर बैठे,,,,,,,,,,,,,,,और शगुन है दुनिया की सबसे सबसे खुशनसीब लड़की जिसे एक बार नहीं दो दो बार अपने पति का प्यार मिलेगा वो भी पुरे दिल से”
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