Manmarjiyan – S82
Manmarjiyan – S82
गुड्डू गोलू की हल्दी की रस्म में नहीं आया ये देखकर गोलू को बहुत दुःख हुआ हंसी उसके चेहरे से गायब हो गयी। गोलू को हल्दी लगाकर शगुन साइड हो गयी और वेदी के पास चली आयी। मोहल्ले की औरते ढोलक बजा रही थी। कुछ वहा सबके बीच नाच भी रही थी। गोलू की अम्मा ने शगुन को साइड में खड़े देखा तो उसका हाथ पकड़कर उसे सबके बीच ले आयी और कहा,”अरे तुम्हाये सबसे प्यारे देवर की हल्दी है तुम भी नाचो गाओ थोड़ा”
शगुन ने वेदी को आने का इशारा किया और दोनों सबके साथ मिलकर नाचने गाने लगी। गोलू ने देखा तो उठा और शगुन के ऊपर से पैसे वारकर ढोलक बजाने वाली को दे दिए। शगुन ने गोलू का हाथ पकड़ा और उसे भी नाचने का इशारा किया और धीरे से कहा,”गुड्डू जी नहीं है तो क्या हुआ हम सब है ना आपकी खुशियों में” गोलू ने सूना तो फीका सा मुस्कुरा दिया और शगुन के साथ नाचने लगा। कुछ देर बाद गोलू नहाने चला गया। कुछ रस्म थी इसलिए सभी लोग वही रुक गए। गुप्ता जी ने सबके चाय नाश्ते का इंतजाम करवा दिया था और खुद अपने साले के साथ बाकि सब काम देख रहे थे।
गोलू लगने के बाद बची हुई हल्दी को एक कटोरे में डालकर चाँदी के थाल में रखा , साथ ही तेल , मेहन्दी , फूल , कुमकुम , चावल , मौली रखी। गुप्ता जी के यहाँ रिवाज था जो हल्दी लड़के को लगती है वही हल्दी बाद में लड़के की भाभी के हाथो लड़की के यहाँ भेजी जाती है। अब गोलू की इकलौती भाभी थी शगुन , जिसे वह बहुत मानता था। गुप्ताइन ने उसे आकर कहा,”बहू जे हल्दी की थाली ना होने वाली दुल्हन के घर जाती है , और इसे लड़के की भाभी या चाची के हाथो भिजवाया जाता है। तुम्हे कोई ऐतराज ना हो तो का तुम जे थाली लेकर पिंकी के घर चली जाओगी ?”
शगुन ने सूना उसे पिंकी के घर जाना है तो वह मिश्राइन की तरफ देखने लगी। मिश्राइन ने शगुन को उलझन में देखा तो कहा,”चली जाओ बिटिया सब इतना प्यार से कह रही है”
“भाभी हम भी आपके साथ चलेंगे , हमे भी अपनी नई भाभी से मिलना है”,,गोलू के मामाजी की 15साला बिटिया ने कहा |
शगुन पिंकी के घर जाने के लिए तैयार हो गयी उसके साथ गोलू के मामा की लड़की हिना भी साथ चली आयी । हल्दी की थाली लिए शगुन बाहर आई तो गुप्ता जी की नजर शगुन पर पड़ी और वे उसके पास आये ।
“अरे बिटिया जे का ऐसे जाओगी ? रुको हमहू अभी गाड़ी मंगवाते है”,गुप्ता जी ने जेब से फोन निकालकर कहा
“नही चाचा जी पास में ही तो है मैं चली जाऊंगी”,शगुन ने कहा
“अरे नही बिटिया हमाये घर की बहू हो ऐसे अकेले जाओगी वो भी पैदल रुको , मामाजी की गाड़ी यही है लड़का ले जाएगा तुम दोनों को”,गुप्ता जी ने कहा और फिर किसी को फोन लगाया अगले ही पल गाड़ी घर के सामने खड़ी थी
गुप्ता जी ने शगुन और हिना को बैठने को कहा और लड़के से कहा,”छोटू गुड्डु की घरवाली है ध्यान से लेकर जाना और हाँ वापस भी लेकर आना है तो थोड़ा रुक जाना , इन्हें साथ लेते हुए आना”
“जी फूफाजी”,छोटू ने कहा शगुन और हिना आकर पिछली सीट पर बैठ गयी ।
कुछ देर बाद गाड़ी पिंकी के घर के सामने थी । शगुन थाली लेकर ध्यान से उतरी , पीली साड़ी में सिंपल लुक के साथ आज वह बहुत प्यारी लग रही थी । शगुन हिना के साथ अंदर आयी । घर के अंदर पिंकी की हल्दी की तैयारियां चल रही थी बस सबको हल्दी आने का इंतजार था । शगुन पहली बार पिंकी के घर आयी थी जैसे ही वह अंदर आयी सबकी नजरें उस पर जम गई । पिंकी की मम्मी ने देखा तो शगुन के पास आई और उसे अंदर लाते हुए सबसे कहा,”जे है मिश्रा जी की बहू शगुन , होने वाले दामाद जी की भाभी होने के नाते पिंकी की हल्दी लाई है”
“नाम का तुम्हरा ?”,वहां बैठी एक महिला ने शगुन से पूछा
“जी शगुन”,शगुन ने सहजता से कहा “बहुते सुंदर नाम है और तुमहू भी बहुते सुंदर हो एकदम ही चाँद जैसी बहू लायी है मिश्राईन”,महिला ने कहा तो शगुन मुस्कुरा उठी
“जे बात 100 टका सही कही चाची , मिश्रा जी के लौंडे के तो भाग खुल गए”,पास बैठी दूसरी महिला ने कहा
“लो कर लो बात मिश्रा जी का लड़का का कम है , अरे हमाये मोहल्ले का किशन कन्हैया है जिसके पीछे सारी लडकिया गोपियां बनी घूमे”,एक और महिला ने कहा
शगुन बस चुपचाप मुस्कुराते हुए सुन रही थी ।इन सब अच्छी बातों में पीछे बैठी महिला ने कहा,”पर सुनने में आया है कि मिश्रा जी के लड़के को पिंकिया भी पसन्द थी”
“जितने मुँह उतनी बातें दीदी , एक पिंकी के पीछे दो दो लड़के ही ही ही”,दूसरी ने कहा तो सभी खिलखिलाकर हंस पड़ी ।
शगुन को उनकी ये बात अच्छी नही लगी लेकिन उसने कुछ नही कहा । पिंकी को भी गुस्सा आया लेकिन उसकी मम्मी ने उसे रोक दिया और कहा,”अरे शगुन वहां क्यो खड़ी हो आओ अपनी होने वाली देवरानी को अपने हाथों से जल्दी लगाकर रस्म शुरू करो”
“जी”,कहकर शगुन पिंकी के सामने आई अपनी उंगलियों पर हल्दी ली और पिंकी कस पैर हाथ कंधे और चेहरे पर हल्दी लगा दी ।पिंकी को अच्छा लगा कि शगुन वहां उसकी जेठानी के तौर पर आई उसने कहा,”हमे अच्छा लगा तुम हिया आयी , थोड़ी देर रुकोगी हमे तुमसे कुछो जरूरी बात करनी है”
“हम्म्म्म”,शगुन ने कहा तो पिंकी ने अपने पास खड़ी अपनी कजिन सुमन से कहा,”अये सुमन भाभी को हमारे कमरे में लेकर जाओ जरा और चाय नाश्ता करवाओ हम आते है”
“आइए भाभी”,सुमन ने कहा तो शगुन उसके साथ चली गयी । हिना ने भी अपनी होने वाली भाभी को हल्दी लगाई और फिर उसके साथ सेल्फी लेने लगी । सुमन शगुन को लेकर पिंकी के कमरे में आई और उसे बैठने को कहा । शगुन वहां रखी कुर्सी पर बैठ गयी , कुछ देर बाद सुमन शगुन के लिए चाय नाश्ता ले आयी और कहा,”भाभी ये लीजिये गरमा गरम चाय और पकौड़े”
“इन सब की क्या जरूरत थी ?”,शगुन ने कहा
“अरे पहली बार आप हमारे घर आई है लीजिये ना , वैसे मानना पड़ेगा गुड्डु भैया की पसन्द को , बहुते सुंदर है आप”,सुमन ने चाय का कप शगुन की तरफ बढ़ाकर कहा
“शादी की तैयारियां कैसी चल रही है ?”,शगुन ने पूछा
“सब बढ़िया , आज से तो गाना बजाना शुरू हो जाएगा , आप तो गोलू जीजू की तरफ से आएंगे”,सुमन ने कहा
“हम्म्म्म”,शगुन ने कहा सुमन से बाते करते हुए शगुन ने चाय पी इतने में हिना आ गयी तो शगुन ने पकोड़े उसकी तरफ बढा दिए । हिना ने प्लेट से एक पकौड़ा उठाया और शगुन को खिलाते हुये कहा,”वैसे तो घर मे सबसे फेवरेट गोलू भैया है लेकिन आज से आप भी हो गयी हो”
“आप भी बहुत क्यूट हो”,शगुन ने कहा तो हिना मुस्कुरा उठी और वही बैठ गयी
पिंकी को हल्दी लग चुकी थी जल्दी जल्दी में नहाकर वह अपने कमरे में आई और सुमन से कहा,”सुमन तुम्हे ना हमारी मम्मी बुला रही है और हिना हमे ना शगुन से कुछ पर्सनल बात करनी है तुम ना जाकर तब तक जाकर हमारा घर देखो”
“पर्सनल बात…………गोलू भैया के बारे में ?”,हिना ने शरारत से कहा
“धत बेशर्म , बहुत शरारती हो तुम। जाओ जाकर घर देखो और कुछ चाहिए हो तो सुमन से कह देना”,पिंकी ने कहा
“ठीक है भाभी”,कहकर हिना वहा से चली गयी
हिना के जाने के बाद पिंकी ने कमरे का दरवाजा बंद किया और शगुन के सामने खड़ी होकर कहने लगी,”हमे बहुत अच्छा लगा तुम यहाँ आयी , हमने तुम्हारे और गुड्डू के साथ जो कुछ भी किया उसके लिए हम माफ़ी चाहते है शगुन। गुड्डू हमे पसंद था लेकिन उस से शादी करने का हम कभी सोचे ही नहीं थे। प्यार क्या होता है जे हमे गोलू के साथ रहकर पता चला। मानते है हमारी वजह से गुड्डू का बहुत दिल दुखा है और तुम्हारा भी लेकिन हम दिल से कह रहे है शगुन जे सब करके हम बहुत शर्मिन्दा है ,, हमे माफ़ कर दो”
“मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है पिंकी , गुड्डू जी का दिल दुखाया उसके लिए दिल किया तुम्हारी जान ले लू लेकिन नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती। जब शादी की पहली रात उन्होंने बताया की वो तुम्हे पसंद करते है तब दिल किया की उसी रात सब छोड़कर अपने घर वापस चली जाओ लेकिन जब रौशनी की शादी में तुमसे मिली तब अहसास हुआ की गुड्डू जी जिसे प्यार समझ रहे है दरअसल वो सिर्फ उनका वहम है। उसी वहम को दूर करने और तुम्हारे झूठ को सामने लाने के लिए मैं उनके साथ रही,,,,,,,,,,,,उनके साथ रहते हुए मैंने जाना की गुड्डू जी बहुत अच्छे इंसान है और बहुत मासूम भी , उनका दिल बहुत साफ है शायद इसलिए वो हर किसी पर भरोसा कर लेते है। तुमसे मुझे शिकायत कैसे हो सकती है ? गोलू जी से शादी का फैसला करके तुमने मेरे रास्ते आसान कर दिए अब गुड्डू जी पूरी तरह मेरे हो जायेंगे”,शगुन ने कहा
“शगुन तुम बहुत अच्छी हो , गुड्डू मुझ जैसी लड़कियों को डिजर्व ही नहीं करता है। उसके लिए तुम ही परफेक्ट हो”,पिंकी ने शगुन के हाथो को थामकर कहा
“गोलू जी तुम्हे बहुत पसंद करते है और तुम्हे बहुत चाहते भी है , गुड्डू जी के साथ तुमने जो किया सो किया गोलू जी के साथ ऐसा कुछ मत करना ,, सबसे लड़कर उन्होंने तुम्हे अपनाया है उनका साथ हमेशा देना”,शगुन ने कहा
“मैं हमेशा गोलू के साथ रहूंगी”,पिंकी ने कहा शगुन को उसकी आँखों में गोलू के प्यार और विश्वास नजर आ रहा था। कुछ देर पिंकी से बात करके शगुन वहा से जाने लगी तो पिंकी ने कहा,”हमारी शादी से गुड्डू बहुत हर्ट होगा”
“चिंता मत करो मैं सम्हाल लुंगी”,शगुन ने पलटकर कहा
“कैसे ?”,पिंकी ने शगुन की तरफ देखते हुए कहा
शगुन मुस्कुराई और कहा,”पत्नी हूँ न , सम्हाल लुंगी”
शगुन का जवाब सुनकर पिंकी भी मुस्कुरा उठी। शगुन बाहर आई और हिना के साथ वहा से घर के लिए निकल गयी। शगुन वापस गोलू के घर पहुंची तब तक गोलू नहाकर आ चुका था। उसे जब पता चला की शगुन पिंकी के घर गयी थी तो वह शगुन के पास आया और उसे साइड में लाकर कहा,”भाभी का जरूरत थी आपको पिंकी के घर जाने की ?”
“क्यों मेरी होने वाली देवरानी के घर मैं क्यों नहीं जा सकती ?”,शगुन ने सामने से सवाल किया
“ऐसी बात नहीं है भाभी , आप जानती है पिंकी ने आपको और गुड्डू भैया को कितनी बार बेइज्जत किया है और दिल दुखाया है”,गोलू ने थोड़ा उदास होकर कहा
“गोलू जी बेइज्जत करने वाले भी अपने थे और दिल दुखाने वाले भी अपने थे , वैसे भी जब किसी इंसान को अपनी गलतियों का अहसास हो जाये तो उसे माफ़ कर देना चाहिए। आप पिंकी के साथ नई जिंदगी शुरू करने जा रहे है इन सब के बारे में मत सोचिये”,शगुन ने बड़े ही प्यार से गोलू को समझाया
“अगले जन्म में हमे पिंकी मिले ना मिले पर आप जैसी भाभी माँ जरूर चाहिए , सबके इतना बुरा बर्ताव करने के बाद भी आप सबको खुश रख रही है जरूर गुड्डू भैया ने पिछले जन्म में कोई पुण्य का काम किया होगा जिसे आप मिली”,गोलू ने आँखे नम करते हुए कहा
“क्या गोलू जी अगले जन्म में भी आपके गुड्डू भैया को हम ही झेले ?”,शगुन ने शरारत से कहा तो गोलू मुस्कुराने लगा
“गुड्डू भैया का गुस्सा कम हुआ ?”,गोलू ने पूछा
“आपको लगता है इतनी जल्दी गुस्सा शांत होगा उनका”,शगुन ने कहा
“हमारी एक गलती की वजह से आज गुड्डू भैया हमसे दूर है , समझ में नहीं आ रहा उन्हें कैसे मनाये ?”,गोलू ने कहा
“गोलू जी आपको उन्हें मनाने की कोई जरूरत नहीं है , आपने हमेशा उनके लिए बहुत कुछ किया है , इस बार समझने की जरूरत गुड्डू जी को है आपको नहीं। दिल छोटा मत कीजिये जितना प्यार आप गुड्डू जी से करते है उतना ही वो आपसे भी करते है”,शगुन ने कहा तो गोलू ने हाँ में गर्दन हिला दी। सभी रस्मो के बाद मिश्राइन ने शगुन और वेदी से चलने को कहा तो गोलू ने कहा,”रुको चाची हम आप सबको घर छोड़ आते है”
“अरे बेटा तुम कहा ? एक बार हल्दी लग जाये उसके बाद घर से बाहर निकलना बंद , चलो जाओ अंदर हमे छोटू छोड़ आएगा”,मिश्राइन ने कहा
“हां हां छोटू चला जायेगा”,गोलू की अम्मा ने कहा तो छोटू ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गया। मिश्राइन आगे बैठ गयी वेदी और शगुन पीछे लेकिन छोटू की नज़रे शगुन पर टिक गयी। गोलू के घर से लेकर गुड्डू के घर तक छोटू ने ना जाने कितनी ही बार शीशे में शगुन को देखा और मन ही मन खुश हुआ। किसी काम से गुड्डू घर आया हुआ था और वापस जाने के लिए जैसे ही निकल रहा था गाड़ी आकर रुकी। मिश्राइन , शगुन और वेदी उसमे से उतरी। गुड्डू को देखकर शगुन ने जल्दी से अपना मंगलसूत्र साड़ी में छुपाया और वेदी के साथ अंदर चली गयी। शगुन के पीछे पीछे छोटू की नजर भी चली गयी जो की गुड्डू ने भांप ली। मिश्राइन ने गुड्डू को देखा तो कहा,”अरे गुड्डू आये तो अपने पिताजी के लिए टिफिन भी लेते जाओ , आओ अंदर आओ”
“आप चलिए हम आते है”,गुड्डू ने छोटू को घूरते हुए कहा। मिश्राइन के जाने के बाद गुड्डू छोटू के पास आया और कहा,”का साथ जाओगे उनके ?”
“नहीं भैया पर जे भाभी बहुते सही दिखती है ना मतलब गजब,,,,,,,,,,,,इनका नंबर मिल जाता तो,,,,,,,,,,,!!”,छोटू ने जैसे ही कहा गुड्डू ने एक थप्पड़ उसके गाल पर रसीद किया और कहा,”दूसरे गाल पर भी छापे नंबर”
छोटू ने गाल को हाथ लगाए गुड्डू की तरफ देखा और कहा,”आप कौन है जो इतना गुस्सा हो रहे है नंबर मांगने पर ?”
“गुड्डू मिश्रा नाम है हमारा और वो जो अंदर गयी है ना इसी घर में रहती है हमारे साथ,,,,,,,,,,,,,,!!!”,गुड्डू ने छोटू से कहा तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी उसे याद आया की सुबह गोलू के पापा ने शगुन को गुड्डू की पत्नी ही बताया था। उसने गाड़ी स्टार्ट की और कहा,”वो हमे ना कुछ जरुरी काम याद आ गया हम चलते है”
“दोबारा हिया दिखे ना तो 1 से लेकर 100 तक सारे नंबर छाप देंगे तुम्हाये गाल पर,,,,,,,,,,,,,,,,नंबर मांगेंगे चलो निकलो यहाँ से”,गुड्डू ने घुड़कते हुए कहा तो छोटू वहा से चला गया। उसके जाने के बाद गुड्डू अंदर जाते हुए बड़बड़ाने लगा,”का जरूरत थी गोलू के हिया साड़ी पहनकर जाने की ? उसके रिश्तेदार तो वैसे ही हरामी है सब ,, आज नंबर मांग रहे है कल पता नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,छी छी का का सोच रहे है हम भी लेकिन जे शगुन भी कमाल है हमाये लिए तो ना पहनी कभी साड़ी,,,,,,,,,,!!”
गुड्डू बड़बड़ाते चला जा ही रहा था की सामने आती शगुन से टकरा गया और कहा,”का है देखकर नहीं चल सकती ?”
“मैं तो देख कर ही चल रही हूँ आपका ध्यान कहा है पता नहीं ?”,शगुन ने भी उसी टोन में कहा
“सब के सब मिले हुए है”,बड़बड़ाते हुए गुड्डू साइड से जाने लगा तो शगुन भी उसी साइड से जाने लगी और फिर गुड्डू से टकरा गयी। अब तो गुड्डू और झुंझला उठा और कहा,”अब का है ?”
“आप इतना चिढे हुए क्यों है ? गोलू जी की हल्दी में जाने को नहीं मिला इसलिए ?”,शगुन ने गुड्डू को छेड़ते हुए कहा
“गोलू की हल्दी से ज्यादा हमे यहाँ से जाने की जल्दी है अब हटो,,,,,,,,,,,,,,(कहते हुए नजर शगुन की कमर पर चली जाती है) शगुन की पतली कमर देखकर गुड्डू ने उसकी साड़ी के पल्लू को साइड कर उसे ढकते हुए कहा,”और जे,,,,ढको इसे तुमको पता नहीं है मोहल्ले के लड़के कितने छिछोरे है”
“मोहल्ले में तो आप भी रहते है”,शगुन ने गुड्डू से कहा
“का मतलब,,,,,,,,,,,,,,मतलब हम छिछोरे है ?”,गुड्डू ने शगुन घूरते हुए कहा तो शगुन मुस्कुराने लगी और कहा,”मैंने तो ऐसा नहीं कहा”
गुड्डू ने कुछ नहीं कहा और शगुन को घूरते हुए वहा से चला गया। शगुन भी मुस्कुराते हुए दूसरी तरफ बढ़ गयी। झगडा ही सही गुड्डू ने शगुन से बात तो की , गुड्डू को छेड़ने में उसे बड़ा मजा आ रहा था।
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क्रमश – Manmarjiyan – S82
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