Manmarjiyan – 69
मनमर्जियाँ – 69
गुड्डू अपने ऑफिस के मुहूर्त के लिए घर से निकल गया। गोलू ने पहले ही सारा इंतजाम कर लिया , लोगो के बैठने की सुविधा , जलपान सब बंदोबस्त हो चुका था। रौशनी और मनोहर भी वहा आये थे गुड्डू सबसे मिला और फिर गोलू के साथ काम में लग गया। बार बार उसे वहा शगुन की कमी महसूस हो रही थी। उसे देखकर गोलू ने कहा,”आ जाएगी भैया आ जाएगी”
गुड्डू ने गोलू की और देखा तो गोलू वहा से चला गया। कुछ देर बाद पंडित जी आ गये। गुड्डू को उम्मीद तो नहीं थी की मिश्रा जी आएंगे लेकिन जैसे ही गाड़ी से मिश्रा जी उतरे गुड्डू का चेहरा ख़ुशी से खिल गया। सभी आकर बैठ गए पंडित जी ने पूजा पाठ करवाया। गुड्डू ने देखा शगुन नहीं है तो उसने मिश्राइन से पूछा,”अम्मा शगुन,,,,,,,,,,,,,!”
“शगुन की तबियत थोड़ी ख़राब थी इसलिए वह घर में ही रुक गयी”,मिश्राइन ने कहा
गुड्डू ने सूना तो उसे अच्छा नहीं लगा और एकदम से शगुन का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ गया , सुबह जो गुलाब का फूल शगुन ने उसकी शर्ट में लगाया था गुड्डू की नजर उस पर चली गयी और उसने मन ही मन कहा,”इसलिए उन्होंने हमे सुबह ही विश कर दिया”
गुड्डू को खोया हुआ देखकर मिश्राइन ने कहा,”बेटा जियादा चिंता ना करो लाजो और अम्मा है उसके साथ , अब ऐसे वक्त में तबियत खराब हो ही जाती है”
“हम्म्म !”,गुड्डू ने कहा और दूसरे कामो में लग गया। पूजा होने के बाद सबको चाय नाश्ता दिया गया। हर कोई गोलू और गुड्डू को बधाई दे रहा था और आशीर्वाद दिए जा रहा था जब मिश्रा जी की बारी आयी तो मिश्रा जी ने कहा,”गुड्डू और गोलू तुम दोनों एक नया काम शुरू करने जा रहे हो , इसमें तुम दोनों को खूब तरक्की मिले बस अब कोई काण्ड मत करना”
गुड्डू और गोलू ने एक दूसरे को देखा और फिर मिश्रा जी को। मिश्रा जी ने 1100 रूपये गुड्डू की और बढाकर कहा,”इह पहली बोहनी हमायी तरफ से , मन लगाकर काम करना”
गुड्डू को ऐसी उम्मीद नहीं थी मिश्रा जी से लेकिन वह बहुत खुश था। सब काम होते होते दोपहर हो चुकी थी , सभी लोग घर जा चुके थे मिश्रा जी भी वही से शोरूम चले गए और मिश्राइन वेदी ड्राइवर के साथ घर चली आयी। गुड्डू और गोलू दोनों ही अपने दुकान पर बचे थे। गुड्डू ने सोफे पर पसरते हुए कहा,”थक गए यार गोलू”
“भैया तुम बैठो तुम्हाये लिए ना एक ठो बढ़िया सी चाय लेकर आते है”,गोलू ने कहा
“अरे नहीं यार गोलू इति गर्मी में चाय नहीं”,गुड्डू ने कहा
“चलो फिर नारियल पानी पि लेते है”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने उठते हुए कहा,”चलो हम भी साथ ही चलते है”
दोनों बगल में ही खड़े नारियल पानी वाले के पास आये और दो नारियल देने को कहा। गुड्डू की नजर चाय की टपरी पर खड़े उस चौकीदार पर गयी जो उस रात उसके लिए चाय लेकर आया था। गुड्डू उसकी और बढ़ गया और जाकर उसके कंधे पर हाथ रखा। गुड्डू को देखकर वह आदमी जैसे ही भागने लगा गुड्डू ने अपनी टाँग आगे कर दी और वह लड़खड़ा कर गिर गया। गोलू ने देखा तो नारियल छोड़कर वह भी उस और चला आया और गुड्डू से कहा,”का हो गया भैया ?”
“गोलू इह वही आदमी है जिसने उस रात हमे चाय पिलाई थी”,गुड्डू ने कहा तो गोलू ने पकड़ के उसे दो तीन थप्पड़ जड़ते हुए कहा,”किसके कहने पर किया बे ऐसा ?” लेकिन आदमी ने कुछ नहीं कहा तो गुड्डू ने गोलू को साइड किया और एक खींचकर थप्पड़ आदमी को मारा और कहा,”बेटा नाम तो हम उगलवा लेंगे अब खुद ही बताओगे या हम ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए गुड्डू ने जैसे ही दोबारा मारने के लिए हाथ हवा में उठाया आदमी बोल पड़ा,”बताते है भैया पीटो नाही”
“हां तो बताओ फिर”,गोलू ने कहा तो आदमी ने कहा,”उह शर्मा जी की लड़की ने 500 रूपये दिए रहय हमे और चाय में कुछो मिला दिया गंगा मैया की कसम हमहू कुछ ना किये”
“शर्मा की लड़की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब पिंकिया”,गोलू ने हैरानी से कहा गुड्डू ने सूना तो उसे भी बहुत बुरा लगा की पिंकी ने ऐसी हरकत की। उसने आदमी को जाने दिया और सीधा दुकान में चला आया। गुड्डू को पहली बार पिंकी पर इतना गुस्सा आ रहा था की दिल किया अभी के अभी जाए और दो थप्पड़ लगा दे उसे। गोलू नारियल लेकर दुकान में आया और उन्हें टेबल पर रखते हुए कहा,”इह पिंकिया तो नहा धोकर तुम्हाये पीछे पड़ गयी है”
गुड्डू गुस्से से उठा और जाने लगा तो गोलू ने रोकते हुए कहा,”अरे कहा जा रहे हो इतने गुस्से में ?”
“उस पिंकी से पूछने जा रहे है की अब का चाहती है उह हमसे , हमाये साथ इतना सब करके भी उसका मन नहीं भरा जो अब ये सब करने लगी है वो”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
“अरे भैया उह भी तो यही चाहती है की तुमहू गुस्से में आकर कुछ ना कुछ कांड करो , और सुने नहीं मिश्रा जी का कहे रहय,,,,,,,,,,,थोड़ा सोच समझ कर भैया अभी सही वक्त नहीं है पिंकिया से बात करने का”,गोलू ने गुड्डू को समझाते हुए कहा
“तुम सही कह रहे हो गोलू , पर यार इह पिंकिया बहुते चरस बो रही है हमायी जिंदगी में”,गुड्डू ने कहा
“काट देंगे”,गोलू ने सोचते हुए कहा
“का काट दोगे बे ?”,गुड्डू ने हैरानी से पूछा
“हमारा मतलब नारियल , नारियल लेकर आये है तुम्हाये लिए ठंडा ठंडा उह छोड़ के काहे अपना माथा गरम कर रहे”,कहते हुए गोलू ने नारियल गुड्डू को थमा दिया। गुड्डू ने नारियल पानी लिया और पीने लगा। कुछ देर बाद ही वहा शुक्ला जी आये , उन्होंने अंदर आते हुए कहा,”अरे गुड्डू तुम्हे घर बुलाया था हमने तुम्हे आये ही नहीं”
“अरे चचा वो दुकान के काम में लगे हुए थे तो वक्त ही नहीं मिला था”,गुड्डू ने बहाना बनाते हुए कहा जबकि शुक्ला जी उनकी रिश्तेदारी में थे और गुड्डू को रिश्तेदारों से कुछ ख़ास बनती नहीं थी। गोलू ने बैठने को कहा और पास ही चाय वाले को 2 चाय भिजवाने को कहा।
“कैसे आना हुआ ?”,गुड्डू ने एकदम से सवाल कर लिया
“परसो हमारे पोते का जन्मदिन है और हम चाहते है बड़ा आयोजन करना लेकिन इस सब के टाइम किसके पास है ? बाद में पता चला की तुमहू नया काम शुरू किये हो टेंट का तो सोचा क्यों ना तुम्हे ही बोहनी करा दे ?”,शुक्ला जी ने कहा
शुक्ला जी के मुंह से टेंट का नाम सुनकर गुड्डू को मन ही मन गुस्सा आया लेकिन चुप रहा और कहा,”हां क्यों नहीं ? बताईये का करना है ?”
“बर्थडे पार्टी है तो उसका अरेंजमेंट करना है , डेकोरेशन से लेकर खाने पीने तक सब तुम्ही को देखना है ,, बताओ कितना खर्चा होगा ?”,शुक्ल जी ने कहा तो गोलू और गुड्डू ने सारी जानकारी ली और फिर बजट बता दिया 50 हजार। शुक्ला जी भी पैसे वाले थे इसलिए ख़ुशी ख़ुशी मान गए और 5000 एडवांस देकर चले गए। गुड्डू ने गोलू को गले लगाते हुए कहा,”गोलू पहला आर्डर मिल गया”
“हां भैया कुछ भी कहो मिश्रा जी का हाथ बहुते शुभ है हमाये लिए”,गोलू ने कहा
“जे बात तो है गोलू अब वो दिन दूर नहीं जब बड़े बड़े लोग हमारा इंतजार करेंगे मिलने के लिए , आलिशान घर होगा , बड़ी बडी गाड़िया ऐश ही ऐश होंगे”,गुड्डू ने ख्याली पुलाव पकाते हुए कहा।
गोलू आकर बैठा और बर्थडे पार्टी की लिस्ट बनाने लगा। दोपहर बाद गुड्डू को शगुन का ख्याल आया तो वह घर जाने लगा। गोलू ने कहा,”भैया हम भी चलते है , भाभी को दोनों साथ में बताएँगे”
“ठीक है चलो”,गुड्डू और गोलू दोनों साथ घर चले आये। मिश्रा जी उस वक्त शोरूम थे गोलू ने आकर लाजो से चाय बनाने को कहा और गुड्डू सीधा ऊपर चला आया शगुन अपने कमरे में सो रही थी। गुड्डू ने देखा शगुन सो रही है जैसे ही वह जाने के लिए पलटा उसकी उँगिलया शगुन के हाथ से छू गयी। शगुन को बुखार था गुड्डू ने उसका सर छूकर देखा जो की भट्टी की तरह तप रहा था। गुड्डू के छूने से शगुन जाग गयी और उठते हुए कहा,”आप कब आये ?”
“बस अभी थोड़ी पहले , तुम्हे तो बुखार है”,गुड्डू ने कहा
“वो बस ऐसे ही थकान की वजह से , मैं ठीक हूँ”,शगुन ने कहा जबकि वो ठीक नहीं थी
गुड्डू कुछ कहता इस से पहले ही गोलू वहा आ पहुंचा और शगुन की बगल में बैठते हुए कहा,”अरे भाभी मजा आ गया पहला दिन और पहले दिन ही हमे आर्डर मिल गया , पर हमहू आपसे बहुते नाराज है आप आयी क्यों नहीं आज वहा ?”
“सॉरी मेरी तबियत ठीक नहीं थी इसलिए और फिर माजी ने भी मना कर दिया”,शगुन ने कहा
“अरे आपको तो बुखार है , चलो चलो डॉक्टर के पास चलो आप”,गोलू ने शगुन के सर को छूकर कहा
“अरे मैं ठीक हूँ गोलू जी”,शगुन ने कहा
“गुड्डू भैया जे ऐसे ना सुनेंगी , एक ठो काम करो इन्हे उठाओ और नीचे लेकर चलो”,गोलू ने कहा तो गुड्डू शगुन को उठाने के लिए तैयार भी हो गया लेकिन शर्म के मारे शगुन ने ही पीछे हटते हुए कहा,”मैं मैं चलती हूँ”
गोलू और गुड्डू शगुन को लेकर नीचे चले आये। मिश्राइन से हॉस्पिटल जाने की बात कहकर गुड्डू शगुन के साथ वहा से निकल गया। गोलू भी मिश्रा जी की स्कूटी लेकर उनके साथ हो लिया। घर से 15 मिनिट के रस्ते पर हॉस्पिटल था गुड्डू ने बाइक रोकी और शगुन के साथ अंदर चला गया पीछे पीछे गोलू भी। रिसेप्शन पर आकर डॉक्टर के बारे में पूछा तो वहा बैठी लड़की ने मुस्कुराते हुए गुड्डू को देखकर कहा,”बड़े दिनों बाद दिखाई दिए गुड्डू”
“गुड्डू को बाद में देख लेना पहिले इह बताओ डाक्टर साहब कहा है ?”,गोलू ने गुड्डू को साइड करके लड़की से कहा तो लड़की ने मुंह बनाकर कहा,”डॉक्टर साहब राउंड पर गए है , 10 मिनिट लगेंगे बैठो”
गुड्डू और शगुन आकर वहा पड़ी कुर्सियों पर बैठ गए। शगुन को वहा बैठकर अजीब सा लग रहा था उसने कहा,”गुड्डू जी मैं ठीक हूँ घर चलते है ना प्लीज”
“थोड़ी देर में डॉक्टर आ जायेंगे तब उन्हें दिखाकर चलेंगे”,गुड्डू ने कहा तो शगुन चुपचाप बैठ गयी। गोलू वही इधर उधर चक्कर काट रहा था। कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो गुड्डू शगुन को लेकर अंदर चला गया। डॉक्टर ने शगुन का चेकअप किया और कुछ नार्मल टेस्ट लिखकर दे दिए। गुड्डू बाहर आया और शगुन को लेकर लेबोरेट्री की और चला गया। गोलू रिसेप्शन एरिया में बैठा था की उसकी नजर गेट से अंदर आती पिंकी पर चली गयी
“इह यहाँ का कर रही है ? गुड्डू भैया ने इसको यहाँ देखा तो बवाल हो जाएगा वो भड़के हुए है इन पर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्ही कुछ सोचो गोलू”,गोलू ने मन ही मन कहा लेकिन वह पिंकी को रोक पाता इस से पहले ही पिंकी डॉक्टर के चेंबर में चली गयी। गोलू पैर पटक कर रह गया और खुद से कहने लगा,”इह तो चली गयी अब हम का करे ? एक ठो काम करते है पिंकिया को रोकने से अच्छा है भैया भाभी को ही भेज देते है यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,,,जे सही रहेगा”
कहकर गोलू लेबोरेट्री की और आया और कहा,”गुड्डू भैया मिश्रा जी का फोन आया है आप दोनों को घर बुलाया है”
“काहे ? और इनके टेस्ट होने बाकि है अभी , रिपोर्ट डॉक्टर को दिखानी है”,गुड्डू ने कहा
“अरे उह हम दिखा देंगे तुमहू जियादा सवाल ना करो और जाओ निकलो पता नहीं अब कोनसा कांड सामने आया होगा तुम्हारा”,गोलू ने शगुन और गुड्डू को उठाते हुए कहा। लड़के ने शगुन का ब्लड सेम्पल लिया और फिर गुड्डू शगुन को लेकर वहा से निकल गया। गोलू ने चैन की साँस ली और जैसे ही पलटा अपने पीछे खड़ी पिंकी से टकरा गया।
“तुम यहाँ का कर रहे हो ? और वो गुड्डू यहाँ काहे आया था ?”,पिंकी ने घूरते हुए गोलू से पूछा
“उनको छोडो हमको इह बताओ तुम हिया का कर रही हो ?”,गोलू ने सवाल किया
“अनीमिया हो गया है हमको उसी की दवा लेने आये है”,पिंकी ने कहा
“काहे लौंडो का खून चूसना बंद कर दी हो का ?”,गोलू ने कहा तो पिंकी उसे घूरते हुए जाकर सामने पड़ी बेंच पर बैठ गयी। गोलू फ्री था इसलिए आकर उसकी बगल में बैठ गया और कहा,”वैसे कुछ भी कहो यार पिंकिया लगती तो तुमहू आज भी कटरीना जैसी हो बस तुम्हायी जबान थोड़ी सी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू आगे कहता उस से पहले ही पिंकी ने उसे घूरते हुए ऊँगली दिखाई तो गोलू ने अपनी ऊँगली को उसकी ऊँगली में फंसाकर नीचे करते हुए कहा,”अरे मजाक कर रहे है यार”
पिंकी ने अपनी ऊँगली उस से छुड़ाई और दूसरी और देखने लगी कुछ देर बाद उठी और रिसेप्शन पर आकर लड़की से कुछ बात करने लगी
लेबोरेट्री से आकर लड़के ने गोलू को शगुन की रिपोर्ट्स दी जो की नार्मल थी। गोलू ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया और फिर बाहर चला आया। चलते चलते गोलू के मन में ना जाने क्या आया की वह पिंकी के पास आया और कहा,”कहो तो घर छोड़ दे तुम्हे ?”
“जी नहीं शुक्रिया”,पिंकी कहकर जैसे ही मुड़ी हाथ में पकड़ी फाइल पर लिखे शगुन नाम पर उसकी नजर गयी और उसने कहा,”ये शगुन की फाइल तुम्हारे पास कैसे ?”
“आज इस पिंकिया का किस्सा हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देता हूँ”,मन ही मन सोचकर गोलू ने कहा,”तुम्हे नहीं पता , अरे शगुन भाभी प्रेग्नेंट है गुड्डू भैया बाप बनने वाले है”
पिंकी ने जैसे ही सूना उसके चेहरे का रंग उड़ गया और उसने कहा,”क्या ? ये कब हुआ ?”
“कब हुआ से का मतलब ? शादी हुई है तो बच्चा तो होगा ही ,,,,,,,,,,पर गुड्डू भैया ने तुम्हे काहे नहीं बताया ?”,गोलू ने कहा तो पिंकी अंदर ही अंदर जल भून गयी , रिसेप्शन वाली लडकी ने जब आकर पिंकी को उसके पेपर दिए तो पिंकी ने गुस्से में आकर उन्हें फाड़ डाला। गोलू पिंकी के थोड़ा पास आया और कहा,”गुस्सा काहे हो रही हो पिंकिया ? तुम चाहो तो शादी के बाद हम भी कर सकते है , उह भी जुड़वा”
“जस्ट शट अप”,कहकर पिंकी पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। गोलू ने पीछे से आवाज देकर कहा,”अरे कसम से हमने तो दोनों बच्चो का नाम भी सोच लिया है”
पिंकी ने कोई जवाब नहीं दिया और वहा से चली गयी और गोलू हँसते हुए शगुन की रिपोर्ट्स और दवाईया लेकर बाहर चला आया।
गुड्डू और शगुन घर आये लेकिन मिश्रा जी तो वहा थे ही नहीं। शगुन को आराम करने का बोलकर गुड्डू नीचे आया इतने में उसके फ़ोन पर पिंकी का फोन आया। पिंकी का नंबर देखते ही गुड्डू का गुस्सा चढ़ गया और उसने कहा,”आज तो इस पिंकी का किस्सा ही खत्म कर देंगे हम”
लेकिन गुड्डू कुछ कह पाता इस से पहले पिंकी शगुन के प्रेग्नेंट होने की बात को लेकर गुड्डू पर बरस पड़ी और फिर फोन काट दिया। गुड्डू को समझ नहीं आया की पिंकी को ये सब किसने बताया उसने दोबारा पिंकी को फोन लगाकर पूछा तो उसने गोलू का नाम बताया और कहा की आज के बाद उसे फोन ना करे। अब तो गुड्डू को पिंकी के साथ साथ गोलू पर भी गुस्सा आ रहा था उसने फोन जेब में डाला और बाइक लेकर निकल गया। बाबू गोलगप्पे वाले के पास गोलू उसे गोलगप्पे खाते दिखाई दे गया। गुड्डू ने आकर उसे पीटना शुरू दिया। दो तीन घुसे पड़ने के बाद गोलू ने पूछा,”अरे भैया का हो गया मार काहे रहे हो ?”
“पिंकिया से क्यों कहा की शगुन प्रेग्नेंट है ? अक्ल नहीं है तुम में गोलू उह सब नाटक था साले तुम पिंकिया के सामने कुछ भी बक दिए”,गुड्डू ने गुस्से से कहा
गोलू को अब समझ आया की उसने कितनी बड़ी गलती की थी , वह भूल गया था की शगुन सच में प्रेग्नेंट नहीं थी। उसने गुड्डू के पास आकर कहा,”सॉरी भैया हम भूल गए थे और उह एक्साइटमेंट के चक्कर में बोल दिए इह सब”
“तुम्हारी एक्साइटमेंट ने हमाये “L” तो लगा दिए ना गोलू अब हम का करे ?”,गुड्डू ने रोआँसा होकर कहा
गोलू गुड्डू के थोड़ा करीब आया और धीरे से कहा,”हम तो कहते है एक आध बच्चा पैदा कर लो नाटक सच हो जाएगा”
गोलू की बात सुनकर गुड्डू ने उसे घूरते हुए कहा,”साले यही पटक के पेल देंगे तुमको , हमायी जिंदगी में सबसे बड़ी चरस हमारे पिताजी नही तुम हो गोलू”
कहकर गुड्डू वहा से चला गया
क्रमश – manmarjiyan-70
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संजना किरोड़ीवाल