Main Teri Heer – 3
मुन्ना किसी मीटिंग के सिलसिले में बाहर आया था और ऐसे में गौरी भी जिद करके उसके साथ चली आयी। ऑफिस आकर मुन्ना ने गौरी को गाडी में ही रहने को कहा लेकिन गौरी ने उसकी बात को अनसुना कर दिया , गौरी किसी हादसे का शिकार होती इस से पहले ही मुन्ना ने सही समय पर पहुंचकर वहा के ऑफिसर्स को रोक लिया ये देखकर गौरी ने हैरानी से कहा,”आखिर कौन हो तुम ?”
गौरी का सवाल सुनकर मुन्ना कुछ देर के लिए खामोश हो गया और फिर उसका हाथ पकड़कर उसे साइड में लेकर आया और अपने सामने करके सहजता से कहने लगा,”हम माफ़ी चाहते है हमने तुमसे ये बात छुपाई , हम पिछले 2 साल से क्राइम ब्रांच के लिए काम कर रहे है , कुछ सीक्रेट मिशन है जिनके लिए यहाँ के चीफ ने हमे चुना,,,,,,,,,,,,,,,,,हालाँकि हम ये काम कभी नहीं करना चाहते थे लेकिन इस में हमारी फॅमिली इन्वॉल्व है और उन्हें इन सब से बाहर निकालने के लिए हमे सबसे अपनी असली पहचान छुपानी पड़ी। यही वजह थी की हम तुम्हे यहाँ लेकर नहीं आना चाहते थे। हमे माफ़ कर दो”
“क्या काशी को भी इस बारे में नहीं पता है ?”,गौरी ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों से मुन्ना को देखते हुए पूछा
“नहीं हमारे अलावा ये बात सिर्फ तुम्हे पता है”,मुन्ना ने फिर सहजता से कहा
“लेकिन जब किसी को भी नहीं पता तो फिर ये सब तुमने मुझे क्यों बताया ?”,गौरी ने हैरानी से पूछा
“क्योकि हमे तुम पर भरोसा है। सब जानते है की इस काम में बहुत रिस्क है और अगर ये बात हम घर पर बताते तो वो शायद हमे ये कभी ना करने देते,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन अभी कुछ देर पहले तुमने कितनी आराम से हमारी बात सुनी”,मुन्ना ने गौरी की आँखों से देखते हुए कहा
“हाँ क्योकि मुझे ये जानकर ख़ुशी हुई की तुम CBI ऑफिसर हो , प्राउड ऑफ़ यू”,गौरी ने मुन्ना के कंधे को थपथपाते हुए कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराया और गौरी के हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा,”हम कोई ऑफिसर नहीं है बस इनके लिए काम करते है”
“हाँ एक ही बात है,,,,,,,,,,,,,,,,तभी मैं सोचू तुम इतना बिजी क्यों रहते हो ?”,गौरी ने अपनी आँखों छोटा करते हुए कहा
मुन्ना उस से कुछ कहता इस से पहले ही एक लड़के ने आकर कहा,”सर आपको चीफ ने बुलाया है”
“गौरी तुम यही रुको हम अभी आते है”,मुन्ना ने गौरी की तरफ देखकर कहा
“मैं इंतजार करुँगी”,गौरी ने मुस्कुरा कर कहा तो मुन्ना वहा से चला गया
चीफ के ऑफिस रूम में आकर मुन्ना खाली पड़े सोफे पर आ बैठा वहा कुछ जरुरी बातें चल रही थी। 10 मिनिट के डिस्कशन के बाद बाकी लोग उठकर चले गए बस मुन्ना और चीफ बैठे थे , चीफ से बातें करते हुए मुन्ना की नजर खिड़की के बाहर खड़ी गौरी पर चली गयी वह बाहर खड़ी बहुत ही क्यूट हरकते कर रही थी। चीफ ने जब मुन्ना को मुस्कुराते देखा तो कहा,”ये लड़की तुम्हारी गर्लफ्रेंड है ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,जी हाँ ये हमारे साथ है , माफ़ करना वो थोड़ी पागल है”,मुन्ना ने गौरी की हरकतों को देख झेंपते हुए कहा
“अरे नहीं बहुत प्यारी है , ख्याल रखना इसका । जल्द ही मैं अपनी टीम के साथ बनारस आने का सोच रहा हूँ इस बार हमे कैसे भी करके उन लोगो का सच सामने लाना ही होगा”,चीफ ने कहा
मुन्ना उठा और चीफ से हाथ मिलाते हुए कहा,”इसमें हमारा पूरा सहयोग रहेगा और उम्मीद करते है ये आखरी हो”
चीफ ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा उठा , मुन्ना वहा से चला गया चीफ चाहता था मुन्ना हमेशा हमेशा के लिए उनसे जुड़ जाये लेकिन मुन्ना ने साफ़ मना कर दिया।
बाहर आकर मुन्ना ने देखा की गौरी किसी ऑफिसर के साथ सेल्फी ले रही है उसे थोड़ी जलन महसूस हुयी तो उसने चलते हुए गौरी की कमर में हाथ डाला और उसे खींचते हुए गाडी की तरफ ले गया। बेचारी गौरी सेल्फी भी नहीं ले पाई। मुन्ना ने गाडी का दरवाजा खोला और उसे बैठाकर दरवाजा बंद कर दिया। गौरी को उसने कुछ पूछने का मौका ही नहीं दिया , उसने गाडी स्टार्ट की और वहा से बाहर निकल गया।
“तुमने मुझे फोटो क्यों नहीं लेने दिया ?”,गौरी ने तुनकते हुए कहा
“तुम्हे उसके साथ फोटो क्यों चाहिए ?”,मुन्ना ने घूरते हुए कहा
“ओह्ह्ह्हह क्या तुम्हे जलन हो रही है ? बोलो बोलो ?”,गौरी ने क्यूट सा फेस बनाकर कहा
“हमे कोई जलन नहीं हो रही”,मुन्ना ने मुंह बनाते हुए कहा
“तुम्हे हो रही है बस तुम दिखाना नहीं चाहते है ना ?”,गौरी ने मुन्ना के गाल को खींचते हुए कहा
“हाँ हमे हो रही है , तुम्हे ऐसे किसी के इतना करीब नहीं जाना चाहिए”,मुन्ना ने उसके हाथ को अपने गाल से हटाकर अपने हाथ में लेते हुए कहा और सामने देखता रहा
“तो क्या मुझे तुम्हारे करीब रहना चाहिए ? शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर तो गड़बड़ हो जाएगी ना”,गौरी ने अपना दुसरा हाथ गाल से लगाकर मुन्ना की तरफ देखते हुए कहा
“क्यों गड़बड़ क्यों होगी ? क्या तुम्हे हम पर भरोसा नहीं है ? बताओ क्या हमने तुम्हारे साथ गलत किया ? अगर तुम हमारे बारे में कुछ ऐसा वैसा सोच रही हो तो हम बता रहे है की आज से पहले हमने किसी लड़की से बात भी नहीं की है”,मुन्ना ने कहा , उसे परेशान करने में गौरी को बड़ा मजा आता था इसलिए उसने कहा,”किसने कहा मुझे तुम पर भरोसा नहीं है , तुम्हारे साथ मैं तो क्या दुनिया की हर लड़की सेफ रह सकती है ,, उलटा तुम्हे लड़कियों से खतरा हो सकता है”
“वो क्यों ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“क्योकि तुम इतने अच्छे जो हो,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने उसकी बांह थामकर अपना सर उसके कंधे से टिकाते हुए कहा , मुन्ना का दिल धड़कने लगा उसे जानकर अच्छा लगा की गौरी उस पर भरोसा करती है। उसके लिए इतना काफी था वह मुस्कुराते हुए गाड़ी चलाता रहा। गौरी कुछ देर उसके कंधे से सर टिकाये रही और फिर एकदम से कहा,”ए अब हम कहा जा रहे है ?”
“घर और कहा ?”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“बिल्कुल नहीं”,गौरी ने एकदम से मुन्ना से दूर होकर कहा
“तो फिर ?”,मुन्ना ने गाडी रोककर पूछा
“तुमने कहा था तुम आज का पूरा दिन मेरे साथ बिताओगे,,,,,,,,,,,,,,,,बिताओगे ना ?”,गौरी ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“हम्म्म ठीक है बताओ कहा चलना है ?”,इस बार मुन्ना उसे ना नहीं कह पाया
“तुम बहुत अच्छे हो , तो चलो फिर”,गौरी ने कहा तो मुन्ना ने गाडी स्टार्ट की और गौरी के बताये एड्रेस पर चल पड़ा। गौरी को और क्या चाहिए था मुन्ना उसके साथ था वो भी पुरा दिन। दोनों इंदौर आ गए गौरी उसे मॉल लेकर आयी , इंदौर में मुन्ना को कोई जानता नहीं था इसलिए वह गौरी के साथ आराम से अंदर चला आया। गौरी मुन्ना को लेकर एक शॉप में आयी और अपने लिए कुछ कपडे देखने लगी , उसने कुछ कपड़े लिए और चेंजिंग रूम की तरफ चली गयी। मुन्ना बाहर पड़े सोफे पर आ बैठा उसने वंश को फोन लगाया लेकिन फोन बिजी था। कुछ देर बाद गौरी और डेनिम और उस पर शार्ट टॉप जैकेट के साथ पहनकर आयी और मुन्ना को दिखाकर इशारो में कुछ पूछा , मुन्ना को वेस्टर्न कपडे कम ही पसंद थे इसलिए उसने ना में गर्दन हिला दी। गौरी अंदर गयी और वापस आयी इस बार कपडे देखकर मुन्ना ने मैगजीन से अपना चेहरा ढक लिया गौरी समझ गयी ये भी उसे पसंद नहीं आया है। अगली बार वह कुछ और पहनकर आयी लेकिन इस बार पेण्ट औरटॉप के बीच उसकी पतली कमर नजर आ रही थी , मुन्ना ने देखा तो उस से रहा नहीं गया वह गौरी के पास आया उसके टॉप को नीचे खींचते हुए कहा,”यहाँ कपडे अच्छे नहीं है हम लोग कुछ और देखते है”
“हाँ क्या सच में ? ये इंदौर का सबसे बड़ा ब्रांडेड शोरूम है,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने हैरानी से कहा
“हमे नहीं चाहिए , चेंज करके आओ”,मुन्ना ने कहा तो गौरी चली गयी वह वापस अपने पहले वाले कपड़ो में आयी तो मुन्ना उसके साथ वहा से निकल गया गौरी को समझ नहीं आ रहा था आखिर इतने अच्छे कपडे मुन्ना ने रिजेक्ट क्यों कर दिए ? दोनों एक और शॉप में आये यहाँ से दोनों ने कुछ कपडे खरीदे जिनका बिल मुन्ना ने ही पे किया।
दोनों वही घूमने लगे , मुन्ना ने देखा मॉल में काफी भीड़ थी और कपल्स एक दूसरे का हाथ थामे , बांहो में बांहे डाले मुस्कुराते हुए घूम रहे थे
मुन्ना ने उन्हें देखकर अपने दोनों हाथो को जींस के जेब में डाल लिया ताकि गौरी सबके सामने उसका हाथ न थाम ले। गौरी बैग उठाये उसके साथ साथ चल रही थी जब उसने मुन्ना को देखा तो रुक गयी। चलते चलते मुन्ना ने अपने बगल में देखा की गौरी नहीं है वह पलटा तो पाया की पीछे कुछ दूर गौरी बैग्स जमींन पर डाले वही खड़ी है। मुन्ना उसके पास आया सभी बैग्स उठाये और कहा,”सॉरी”
गौरी मुस्कुराई और मुन्ना की बाँह थामकर आगे बढ़ गयी , लेकिन मुन्ना को थोड़ा असहज लग रहा था , इस वक्त दोनों तीसरे फ्लोर पर थे , भीड़ से बचने के लिए मुन्ना ने कहा,”लिफ्ट से चलते है”
दोनों लिफ्ट में चले आये , लिफ्ट में खड़े लड़का लड़की को देखकर गौरी ने मुन्ना की बांह छोड़ दी। मुन्ना ने राहत की साँस ली , लिफ्ट बंद होकर ऊपर जाने लगी लेकिन अगले ही पल मुन्ना ने देखा की लिफ्ट में मौजूद लड़का लड़की उसके और गौरी के सामने ही एक दूसरे को किस करने लगे है। मुन्ना और ज्यादा असहज हो गया लिफ्ट भी नहीं रोक सकता , उसने देखा गौरी आँखे फाडे उन दोनों को देख रही है तो उसने अपना हाथ उसकी आँखों पर रखा और उसे साइड कर लिया। ऊपर आकर लिफ्ट रुकी और लड़का लड़की चले गए। लिफ्ट फिर बंद हुई और नीचे जाने लगी मुन्ना गौरी से दूर हटा और हाथ बांधकर खड़ा हो गया।
“वो दोनों कितने क्यूट थे ना ?”,गौरी ने कहा
“हम्म्म्म”,मुन्ना ने कहा जबकि उसे उन दोनों की ये हरकत पसंद नहीं आयी थी। गौरी ने देखा मुन्ना उसकी तरफ देख तक नहीं रहा है तो उसने अपनी पीठ लिफ्ट की दिवार से लगाकर अपने बालो को एक तरफ करते हुए कहा,”तो तुम्हारा क्या ख्याल है ? क्या हम दोनों भी साथ में क्यूट लगेंगे ?”
लिफ्ट नीचे आ रुकी दरवाजा खुला मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा और कहा,”सोचना भी मत” और बैग उठाकर बाहर निकल गया
“ए मान मैं बस मजाक कर रही थी”,गौरी कहते हुए उसके पीछे आयी
नीचे आकर दोनों ने साथ बैठकर कॉफी पि , सेंडविच खाये और थोड़ी बातें की,,,,,,,,,,,,,,बातें ज्यादा गौरी ही कर रही थी मुन्ना बस सुन रहा था। दोपहर के 3 बजने को आये गौरी ने एक फिल्म के टिकट लिए और मुन्ना से चलने को कहा। मुन्ना को गौरी की बात माननी पड़ी इसलिए वह उसके साथ चला आया। दोनों ने साथ फिल्म देखी आधी फिल्म के बाद ही मुन्ना गौरी के कंधे पर सर रखकर सो गया। उसे फिल्मे देखना कुछ खास पसंद नहीं था। गौरी ने एक फोटो लिया और मुस्कुरा दी। फिल्म खत्म होने के बाद दोनों बाहर चले आये , हल्का अन्धेरा हो चुका था , मॉल से बाहर आकर गौरी मुन्ना को साथ लेकर वहा पड़े बेंच पर आ बैठी और अपना फोन निकालते हुए कहा,”हम दोनों ने साथ में एक भी फोटो नहीं ली चलो एक सेल्फी लेते है”
मुन्ना ने सूना तो गौरी की तरफ देखने लगा , वहा काफी सारे लोग थे जो उसे ही देख रहे थे लेकिन गौरी को ना बोलकर वह किसी तरह की मुसीबत नहीं चाहता था इसलिए धीरे से हाँ में गर्दन हिला दी। गौरी ने कैमरा ऑन किया थोड़ा सा मुन्ना के करीब आयी और अपने हाथ की दो उंगलियों से वी बनाते हुए फोन की तरफ देखा , हमेशा की तरह वो आज भी क्यूट दिख रही थी लेकिन अगले ही पल उसने देखा मुन्ना नार्मल बैठा है , बल्कि मुस्कुरा भी नहीं रहा। उसने अपनी गर्दन घुमाई और कहा,”अपने हाथ को ऐसे करो मेरी तरह , और स्माइल भी ,, मैं जानती हूँ तुम्हे सेल्फी लेना नहीं आता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,बट मेरे लिए तुम ये कर सकते हो”
मुन्ना ने झिझकते हुए अपने हाथ की दो उंगलियों से वी का निशान बनाया और फोन की तरफ देखने लगा , गौरी ने दोनों की साथ में प्यारी सी सेल्फी ली उसके बाद उसने कुछ और तस्वीरें ली जिनमे वो काफी क्यूट हरकते कर रही थी और साथ ही मुन्ना को भी वो सब करना पड़ रहा था। शाम के 7 बज चुके थे और मुन्ना सुबह से बाहर था कुछ देर बाद उसका फोन बजा और वह साइड में आकर बात करने लगा।
“मान तुम्हारे पास कुछ कैश है ?”,गौरी ने आकर कहा
मुन्ना ने अपनी जेब से अपना पर्स निकाला और गौरी की तरफ बढ़ा दिया और वापस बात करने लगा। गौरी पर्स लेकर चली गयी उसने एक बेलून वाले से एक लेम्प बैलून लिया और मुन्ना के पर्स से पैसे देने लगी। जैसे ही गौरी ने पर्स खोला उसने देखा एक तरफ मुन्ना और वंश की तस्वीर थी , गौरी मुस्कुरा उठी उसने पैसे चुकाए और बैलून ले लिया।
“गौरी , हमे अब जाना होगा , एक जरुरी काम है और हमारा जाना जरुरी है”,मुन्ना ने आकर कहा
“मैं तुम्हे नहीं रोकूंगी पर पहले तुम ये जलाओगे”,गौरी ने लेम्प बैलून को मुन्ना के सामने करके कहा
“ये क्या है ?”,मुन्ना ने पूछा
“आज 31st मार्च है आज के दिन इंदौर में विश फेस्टिवल मनाया जाता है , लोग इस जलाकर विश मांगते है और हवा में छोड़ देते है , चलो तुम भी कोई विश माँगो”,गौरी ने कहा
“हमारी विश पूरी हो चुकी है तुम माँगो”,मुन्ना ने लेम्प जलाते हुए कहा
“ठीक है फिर मैं मांगती हूँ की मैं तुम्हे ऐसे ही प्यार करती रहू और तुम मुझे कभी ना भूल पाओ”,गौरी ने उस बैलून को हवा में छोड़ते हुए कहा। हवा में उड़ता वो बैलून बाकि बैलून्स में जा मिला , गौरी और मुन्ना साथ खड़े उसे अपनी चमकती आँखों से देखते रहे
मुंबई , पुलिस स्टेशन , शाम 5 बजे
नवीन वंश के साथ पुलिस स्टेशन में था और अपनी गाडी छुड़ाने के लिए आया था। कुछ देर बहस और एक बढ़िया फाइन के साथ उसे उसकी गाड़ी की चाबी दे दी गयी। नवीन वंश के साथ बाहर आया अपनी गाड़ी निकाली और वंश को साथ लेकर घर के लिए निकल गया।
“आई ऍम सॉरी अंकल मेरी वजह से आपको फाइन भरना पड़ा पर डोंट वरी मैं आपको पे कर दूंगा”,वंश ने माफ़ी मांगते हुए कहा
“इसकी जरूरत नहीं है बस घर पर तुम्हारी आंटी को पता ना चले हम लोग पुलिस स्टेशन गए थे”,नवीन ने गाड़ी चलाते हुए कहा
“हम्म्म थैंक्यू”,वंश ने कहा
“तुम्हारा ऑडिशन कैसा रहा ?”,नवीन ने फिर सवाल किया
“अच्छा था मैं सेलेक्ट भी हो गया”,वंश ने कहा
“तुमने कुछ खाया ? तुम्हे भूख लगी होगी चलो कुछ खा लो”,कहते हुए नवीन ने एक रेस्टोरेंट के बाहर पार्किंग में अपनी गाडी लगा दी। वंश को अपनी टीशर्ट का ख्याल आया जो की चाय गिरने की वजह से गन्दी हो चुकी थी , उसे परेशान देखकर नवीन ने कहा,”क्या हुआ तुम बाहर नहीं आ रहे ?”
“वो मेरे कपडे,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने नीचे उतरकर अपनी टीशर्ट की तरफ इशारा करते हुए कहा
“अरे इट्स ओके मुंबई में वैसे भी किसी को इतनी फुर्सत नहीं है की वो हम पर ध्यान दे , चलो आओ”,नवीनं ने कहा तो वंश मुंह बनाते हुए उसके पीछे चल पड़ा और मन ही मन कहने लगा,”ये माँ ने भी ना मुझे कहा फंसा दिया , अच्छा भला मैं अपने फेसबुक वाले दोस्तो के साथ चिल कर रहा होता”
अंदर आकर नवीन ने वंश को बैठने को कहा और खुद काउंटर की तरफ चला गया। वंश बैठकर रेस्त्रो का जायजा लेने लगा तभी सामने बैठी कुछ लड़कियों पर उसकी नजर चली गयी सब उसे ही देख रही थी एक ने तो उसे देखकर अपना हाथ भी हिला दिया। वंश भी जवाब में हाथ हिला दिया लेकिन इतने में नवीन आ गया और वह सीधा बैठ गया।
“आर्डर किया है आने में थोड़ा टाइम लगेगा तुम बताओ तुमने गाडी नो एंट्री में पार्क की थी क्या ?”,नवीन ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा
“हाँ शायद वो मैं थोड़ा जल्दी में था , ऑडिशन के लिए देर हो रही थी इसलिए ध्यान नहीं दिया”,वंश ने नजरे झुकाते हुए कहा
“कोई बात नहीं आगे से ध्यान रखना , हर इंसान की जिंदगी में डिसिप्लिन बहुत जरुरी है”,नवीन ने कहा
“हम्म्म्म,,,,,,!”,वंश ने कहा और फिर मन ही मन बड़बड़ाया,”घर में कम था जो अब यहाँ भी लेक्चर सुनना पड़ रहा मुझे”
“तुमने कुछ कहा ?”,नवीन ने पूछा
“नहीं”,वंश ने कहा
“ओके तुम बैठो मैं वाशरूम होकर आता हूँ”,कहकर नवीन वहा से चला गया वंश ने चैन की साँस ली। कुछ देर बाद वेटर आया उसने आर्डर किया खाना रखा और चला गया। वंश ने सुबह से कुछ नहीं खाया था इसलिए उसे बहुत तेज भूख लगी थी वह खाने पर टूट पड़ा और खाने लगा उसने नवीन के आने का इंतजार तक नहीं किया हालाँकि नवीन के हिस्से का खाना उसने पहले ही साइड कर दिया था। नवीन आकर एक बार फिर वंश के सामने बैठ गया , वंश को बेपरवाह खाते देखकर नवीन मुस्कुरा उठा क्योकि वंश अपनी माँ जैसा बिल्कुल नहीं था।
खा-पीकर दोनों घर के लिए निकल गए। दोनों घर से काफी दूर थे इसलिए पहुँचने में एक घंटा लग गया । घर आकर वंश गाड़ी से उतरा और अपना बैग लेकर सीधा अंदर चला गया उसने देखा मुन्ना का मिस्डकॉल था तो उसने चलते चलते उसे फोन लगा दिया। नवीन गाड़ी को गैरेज में खड़ी करने चला गया।
मुन्ना ने फोन उठाते ही कहा,”कहा हो तुम ? और ये तुम्हारा फोन क्यों नहीं लग रहा ?”
“मुन्ना आज तो बड़ा पंगा हो गया”,कहते हुए वंश कमरे में जाने के लिए सीढिया चढ़ने लगा और मुन्ना को सब बाते बताने लगा , कमरे की लाइट ऑन थी और वंश ने मुन्ना से बात करते हुये आज भी ध्यान नहीं दिया की वो कमरा बाकि कमरो से अलग है। मुन्ना से बात करते हुए वह ड्रेसिंग के सामने आया और अपनी टीशर्ट निकालते हुए कहा,”और पता है उस ट्रेफिक वाली लड़की से भी ज्यादा बद्तमीज थी उसकी वो दोस्त , वो दोनों इतनी बद्तमीज थी की क्या बताऊ ? हमारे बनारस की लड़कियों ने कभी इतना एटीट्यूड नहीं दिखाया जितना वो दोनों दिखा रही थी”
”हम्म्म्म मतलब मुंबई की लड़किया हमारे वंश भैया को भारी पड़ गयी”,मुन्ना ने हँसते हुए कहा
“हाँ हाँ हंस लो तुम”,कहते हुए वंश जैसे ही पलटा सामने बाथरूम से निकलकर एक लड़की तोलिये से अपना मुंह पोछते हुए चली आ रही थी , वंश ने टीशर्ट निकाल दिया था सिर्फ जींस पहनी थी और वह अधनंगी हालत में फोन कान से लगाए खड़ा था। लड़की ने जैसे ही तौलिया हटाया वंश के मुंह से निकला,”तुम ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्हह्ह”,लड़की ने एक अनजान लड़के को ऐसी हालत में अपने कमरे में देखा तो चिल्लाई
वंश भी कुछ समझ नहीं पाया वह लड़की कोई और नहीं बल्कि वही थी जिस से आज सुबह वंश की बहस हुयी थी। नीचे नवीनं ने जब आवाज सुनी तो अपनी पत्नी के साथ ऊपर आया। वंश को ऐसे देखकर नवीन की पत्नी ने मुंह फेर लिया , लड़की नवीन के पास आयी और कहा,”पापा ये लफंगा घर तक चला आया और इसकी इतनी हिम्मत की ये ऐसी हालत में मेरे कमरे में घूम रहा है”
“पापा ?”,वंश हैरानी से बड़बड़ाया और फिर अगले ही पल समझ गया की वो लड़की कोई और नहीं बल्कि नवीन की बेटी है , उसने देखा की वह बिना टीशर्ट के खड़ा है उसने जल्दी से बिस्तर पर फेंकी अपनी टीशर्ट उठायी और पहनते हुए कहा,”आई ऍम सॉरी , मैं गलती से इस रूम में आ गया था,,,,,,,,,,,सॉरी”
कहकर वंश बाहर निकल गया लेकिन अगले ही पल वापस आया और अपना बैग और जैकेट उठाते हुए कहा,”वो मैं अपना बैग भूल गया था,,,,,,,,,,,,सॉरी”
वंश के जाने के बाद निशि ने गुस्से में कहा,”पापा कौन है ये और हमारे घर में क्या कर रहा है ?”
“नीचे आओ”,कहकर नवीन बाहर चला आया और अपनी पत्नी से कहा,”मैं तुम्हे कहा था ना की वंश के लिए गेस्ट रूम तैयार कर देना”
“सॉरी मैंने कर दिया था बस उसे कहना भूल गयी और वो ऊपर चला आया , अब आप ये सब सम्हाल लो”,कहकर नवीनं की पत्नी भी नीचे चली आयी। नवीन नीचे आया देखा वंश सर झुकाकर हॉल में खड़ा था , नवीन को देखते ही उसने कहा,”आई ऍम सॉरी अंकल मुझे नहीं पता था वो आपकी बेटी है और वो कमरा उसका है,,,,,,,,,,,,,,,,मैं शर्मिन्दा हूँ”
“तुम्हे शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है ना ही माफ़ी मांगने की जरूरत है”,नवीन ने कहा तो वंश उसकी तरफ देखने लगा इतने में निशि भी चली आयी। नवीन ने निशि को अपने पास बुलाया और कहा,”ये मेरी बेटी है निशि , कॉलेज के फाइनल ईयर में है। घर का गेस्ट रूम थोड़ा गंदा था इसलिए कल रात तुम इसी के कमरे में रुके थे। आज भी तुम उसे अपना रूम समझकर चले गए और निशि को ग़लतफ़हमी हो गयी”
निशि ने सूना तो वंश को घूरने लगी नवीन ने आगे कहना जारी रखा,”और निशि बेटा ये है वंश “सारिका मेम” का बेटा , बनारस से आया है और अब कुछ दिन यही रहेगा हमारे साथ”
“हाय”,निशि ने बेमन से मज़बूरी में वंश को हाय कहा तो वंश ने भी बेमन से हाय कह दिया जबकि निशि मन ही मन कहने लगी,”सारिका आंटी इतनी अच्छी है और ये एक नंबर का बद्तमीज”
वही वंश मन ही मन कहने लगा,”इस लड़की को 5 मिनिट झेलना मुश्किल है और नवीन अंकल चाहते है मैं यहाँ कुछ दिन रुकू नो वे , मैं आज ही अपने दोस्त के घर चला जाऊंगा”
“निशि वंश से माफ़ी माँगो”,नवीन ने एकदम से कहा
“माफ़ी पर क्यों ?”,निशि ने भी हैरानी से कहा
“तुमने कुछ देर पहले इसे लफंगा कहा , ये एक अच्छे घर से है और सारिका मेम का बेटा है ,, चलो माफ़ी माँगो”,नवीन ने थोड़ा सख्त होकर कहा तो निशि चिढ गयी और कहा,”पापा आप शायद नहीं जानते ये एक बहुत ही बद्तमीज और बेशर्म लड़का है मैं इस से माफ़ी नहीं मांगने वाली”
कहकर निशि अपने कमरे की तरफ चली गयी। नवीन ने आवाज दी लेकिन वो नहीं आयी। नवीन ने वंश की तरफ देखा और जैसे ही कुछ कहना चाहा वंश ने कहा,”नहीं अंकल मैं समझ गया अगर मैं रुकूंगा तो उसे अच्छा नहीं लगेगा , मैं यहा से चला जाता हूँ”
हालाँकि हमारे वंश बाबू तो खुद ये चाहते थे की उन्हें इस घर से छुट्टी मिले
“निशि की बात का बुरा मत मानना बेटा वो उसने गुस्से में,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
“मैं समझ सकता हूँ अंकल , लेकिन अगर मैं यहाँ रहा तो मुझे बार बार उसके कहे वर्ड्स याद आएंगे और मैं यहाँ अनकम्फर्टेबल फील करूंगा , मैं यहाँ से चला जाता हूँ , आप बस माँ को कुछ मत कहियेगा वो खामखा परेशान होंगी”,वंश ने कुछ ज्यादा ही मासूम बनते हुए कहा
नवीन को खामोश देखकर वंश ने कहा,”वो ऊपर मेरा सूटकेस है , आप ले आएंगे ,, मैं खुद चला जाता लेकिन वो फिर भड़क जाएगी”
“इसकी कोई जरूरत नहीं है ये पकड़ा अपना सूटकेस और निकलो यहाँ से”,निशि ने वंश के सूटकेस को उसके सामने रखते हुए कहा तो वंश मुस्कुरा दिया उसे मुस्कुराते देखकर निशि को झुंझलाहट हुयी और वह वापस चली गयी।
“वंश ने अपना जैकेट पहना बैग लिया और जैसे ही जाने लगा नवीन की पत्नी ने आकर टिफिन उसकी और बढाकर कहा,”इसमें मैंने तुम्हारे लिए कुछ खाना रखा है बेटा याद से खा लेना”
“थैंक्यू आंटी आप बहुत स्वीट हो , बाय आंटी बाय अंकल”,वंश ने कहा और ख़ुशी ख़ुशी अपना बैग लेकर चला गया। नवीन को निशि पर गुस्सा आ रहा था और साथ ही वंश की चिंता होने लगी
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 4
Read More – “मैं तेरी हीर” – 2
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संजना किरोड़ीवाल