Main Teri Heer – 18
काशी को किसी लड़के के साथ इस हालत में देखकर शिवम को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। वह गुस्से से भरा घर के आँगन में यहाँ से वहा घूमने लगा। शिवम् को गुस्से में देखकर सारिका , आई और बाबा भी परेशान हो गए लेकिन किसी में भी शिवम से कुछ पूछने की हिम्मत नहीं थी। कुछ देर बाद काशी दीना के साथ घर पहुंची। काशी ख़ुशी ख़ुशी अंदर चली आयी लेकिन आँगन में सबको एक साथ देखकर काशी का दिल धड़का , वह धीमी चाल चलते हुए सबके पास आयी। काशी को देखते ही शिवम् ने थोड़ा सख्त स्वर में पूछा,”इस वक्त कहा गयी थी आप ?”
“वो पापा हम , हम अपनी दोस्त के घर गए थे”,काशी ने झूठ कहा जिसे सुनकर शिवम् ने अपनी मुठ्ठिया भींच ली क्योकि वह जानता था काशी उस से झूठ बोल रही है। उसने काशी की तरफ देखा और कहा,”आप झूठ बोल रही है काशी”
काशी ने जैसे ही सुना उसका दिल धड़क उठा उसने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”नहीं पापा वो हम,,,,,,,,,,,,,!!”
“और कितना झूठ कहोगी काशी ? हमने खुद अपनी आँखों से आपको आज घाट पर किसी के साथ देखा था , एक बार भी आपने हमारे बारे में , अपनी माँ के बारे में इस परिवार की इज्जत के बारे में नहीं सोचा,,,,,,,,,,,,एक लड़के को सबके सामने गले लगाते हुए आपको शर्म नहीं आयी ?”,शिवम् ने गुस्से से कहा
सारिका ने सूना तो अपना हाथ अपने मुंह पर रख लिया। उसे यकीन नहीं हो रहा था काशी अब तक उन सबसे झूठ बोलते आयी है। सारिका काशी की तरफ आयी और उसकी बाँह पकड़कर उसे अपनी ओर करते हुए कहा,”तुम्हारे पापा जो कह रहे है वो सच है क्या काशी ? बोलो , जवाब दो क्या शिवम जी सच कह रहे है ? क्या तुम किसी लड़के से मिली थी ? बोलो काशी चुप क्यों हो ?”
“हम उस लड़के से प्यार करते है माँ ?”,काशी ने आँखों में आँसू भरकर कहा। सारिका ने सूना तो हैरानी से शिवम् की ओर देखने लगी शिवम् को भी काशी की ये बात अच्छी नहीं लगी तो उसने गुस्से से कहा,”आप किसी लड़के को पसंद करती है इसका मतलब ये नहीं है काशी की आप घाट पर खड़ी होकर सबके सामने उसे गले लगाए। आज पहली बार आपको देखकर हमारा सर शर्म से झुक गया काशी,,,,,,,,,,,,,,,आपने एक बार भी अपने परिवार की इज्जत के बारे में नहीं सोचा उस पर बेशर्मी से यहाँ हमारे सामने खड़े होकर आप झूठ बोल रही है”
“आपने भी तो माँ से प्यार किया था पापा फिर हमारा प्यार गलत कैसे हो गया ?”,काशी ने थोड़ा गुस्से से कहा जिसे सुनकर शिवम् एक पल को हैरान हुआ और अगले ही पल गुस्से से काशी की तरफ हाथ उठाते हुए कहा,”काशी क्या तुम्हे जरा भी शर्म नहीं है ?”
“शिवा,,,,,,,,,,!!”,बाबा ने शिवम् का उठा हाथ देखकर कहा तो शिवम् ने अपने हाथ को हवा में ही रोक लिया। आज पहली बार शिवम् को काशी पर गुस्सा आ रहा था। शिवम् ने अपना हाथ नीचे किया और बाबा की तरफ आकर कहा,”आपने सूना बाबा इस लड़की ने क्या कहा ? ये अब इतनी बड़ी हो गयी है की अपने ही पिता को सीखा रही है क्या सही है और क्या गलत ?”
“शिवा शांत हो बेटा , काशी अभी बच्ची है नादाँन है। शायद उस लड़के ने इसे बहलाया फुसलाया हो ,, क्या तुम उस लड़के को जानते हो ?”,बाबा ने पूछा
“हमे किसी ने नहीं बहलाया है बाबा , वो बहुत लड़का है हम दोनों एक दूसरे को चाहते है,,,,,,,,,,और आप ही बताईये इसमें गलत क्या है ?”,काशी ने कहा
शिवम् ने सूना तो गुस्से से काशी को देखा और फिर सारिका से कहा,”सरू काशी को लेकर अंदर जाओ”
“पापा लेकिन एक बार हमारी बात तो सुनिए”,काशी ने कहना चाहा तो शिवम् ने थोड़ा गुस्से से कहा,”हमे अब आपकी किसी भी बात पर भरोसा नहीं है काशी , चुपचाप अपने कमरे में जाओ”
शिवम् को गुस्सा होते देखकर काशी की आँखों में आँसू भर आये वह रोते हुए अपने कमरे में चली गयी। वंश इस वक्त घर से बाहर था इसलिए उसे इस बारे में कुछ नहीं पता था। बाबा ने शिवम् को गुस्सा होते देखा तो कहा,”शांत हो जाओ शिवा गुस्सा करने से क्या होगा ? काशी अब बड़ी हो गयी है इस उम्र में बच्चे अपना अच्छा बुरा नहीं समझते और किसी के भी मोह में पड़ जाते है। किसी से साथ बिताया थोड़ा सा वक्त भी उन्हें प्यार लगने लगता है और वो बहुत जल्द फैसले ले लेते है। गुस्सा करने के बजाय अगर तुम प्यार से काशी से बात करोगे तो हो सकता है वो खुलकर तुम्हे सब बताये”
बाबा की बात सुनकर शिवम् ने कहा,”नहीं बाबा हमे इस बात का बुरा नहीं लग रहा की काशी ने किसी को पसंद किया है बल्कि हमे दुःख इस बात का है की उसने हमसे झूठ कहा,,,,,,,,,,,,,वो हमसे झूठ बोलने लगी है बाबा और यही बात हमे बुरी लग रही है। आप बताईये क्या हमने कभी उसकी परवरिश में कोई कमी रखी ? क्या हमने कभी उस पर किसी तरह की कोई पाबंदी लगाई ? हमने उसे हर आजादी दी और उसने आज हमारा सर शर्म से झुका दिया,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हारी परेशानी हम समझ सकते है शिवा , काशी ने जो किया उह ठीक नहीं है। काशी को थोड़ा वक्त दो उसके बाद हम उस से बात करते है”,बाबा ने कहा
“नहीं बाबा काशी से इस बारे में बात करने की कोई जरूरत नहीं है , देखा ना आज आपने उसे अपने पिता और दादाजी के सामने ये कहते हुए जरा भी शर्म नहीं आयी की वह उस लड़के से प्यार करती है। वो लड़का जो भी कोई भी हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे बाबा,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर वो वाकई में काशी को पसंद करता तो वो आकर हमसे मिलता और काशी और अपने रिश्ते की बात करता। हमने फैसला कर लिया है बाबा , काशी की शादी वही होगी जहा हम तय करेंगे”,शिवम् ने कहा
“शिवा इतनी जल्दबाजी में कोई फैसला मत लो बेटा , काशी इस घर की बेटी है”,बाबा ने शिवा को समझाया
“बाबा हमने काशी की हर जिद हर ख़्वाहिश को पूरा किया है लेकिन अब नहीं , काशी ने जो किया वो गलत किया है। उसके लिए क्या सही है और क्या गलत ये हम तय करेंगे”,कहकर शिवम् वहा से चला गया।
“देखो ना कावेरी ये शिवा तो कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है , हम मानते है काशी ने गलत किया है लेकिन शिवा उसके साथ कुछ ज्यादा ही सख्ती बरत रहा है”,बाबा ने आई से कहा
“एक बिटिया का बाप होना का होता है जे हमरे शिवा को आज समझ आ रहा है। हम तो महादेव से बस एक ही प्रार्थना करेंगे की उह सब ठीक कर दे।”,आई ने हाथ जोड़कर महादेव को याद करते हुए कहा
सारिका काशी के पीछे उसके कमरे में चली आयी और कहा,”ये सब हम क्या सुन रहे है काशी ? कौन है वो लड़का और शिवम् जी से तुमने इतनी बदतमीजी से बात क्यों की ? तुम्हे क्या हुआ है काशी तुम कबसे हम सबसे झूठ बोलने लगी ? तुम्हारी वजह से शिवम् जी को कितनी ठेस पहुंची होगी क्या तुम्हे इसका अंदाजा भी है काशी ?”
“आई ऍम सॉरी माँ आई ऍम रियली हमने पापा से ऐसे बात की लेकिन हम शक्ति को बहुत चाहते है माँ। हम उस से प्यार करते है माँ और वो भी हमसे प्यार करता है। वो अच्छा इंसान है माँ”,काशी ने रोते हुए कहा
“काशी शांत हो जाओ , हम शिवम् जी से इस बारे में बात करेंगे लेकिन तब तक तुम उस लड़के से नहीं मिलोगी हमसे वादा करो”,सारिका ने कहा तो काशी परेशानी में पड़ गयी। उसे सोच में डूबा देखकर सारिका ने कहा,”शिवम् जी तुम्हारे पापा है काशी और वो तुमसे बहुत प्यार करते है , वो तुम्हारे लिए कोई गलत फैसला नहीं लेंगे। हम तुम्हारी भावनाये समझ सकते है लेकिन इस वक्त शिवम् जी से कुछ कहना सही नहीं होगा वो बहुत गुस्से में है। तुम वादा करो आज के बाद तुम उस लड़के से नहीं मिलोगी,,,,,,,,,,!!”
“हम नहीं मिलेंगे माँ लेकिन हम शक्ति के बिना नहीं रह सकते हम उस से बहुत प्यार करते है माँ”,काशी ने कहा और फिर रोने लगी। काशी को रोते देखकर सारिका को अच्छा नहीं लग रहा था। सारिका ने उसे चुप कराया और फिर कमरे से बाहर चली आयी। काशी बिस्तर पर आकर बैठ गयी जिस लहजे में आज उसने शिवम् से बात की सोचकर उसे बहुत दुःख हो रहा था।
मुंबई , नवीन का घर
निशि कॉलेज से शाम में घर आयी , घर आते ही उसने अपना बैग सोफे पर डाला और बगल में बैठते हुए किचन में काम कर रही अपनी मम्मी को आवाज दी,”मम्मा कॉफी”
“हां अभी लाई”,निशि की मम्मी ने उसे जवाब दिया। निशि ने सामने पड़ा रोमोट उठाया और टीवी ऑन किया। टीवी ऑन होते ही सबसे पहले कार्टून चैनल आया ये देखकर निशि को वंश की याद आ गयी और उसने अपनी मम्मी से फिर कहा,”मम्मा वो कार्टून घर में वापस आ गया है क्या ?”
“कौन कार्टून ?”,निशि की मम्मी ने किचन से बाहर आते हुए कहा उनके हाथ में कॉफी का मग था जो उन्होंने लाकर उसके सामने रख दिया और दूसरे सोफे पर बैठ गयी।
“अरे वही पापा की दोस्त का बेटा”,निशि ने कप उठाते हुए कहा
“कौन वंश ?”,निशि की मम्मी ने कहा
“हाँ वही खड़ूस , वो वापस आया है क्या ? देखो अगर वो आता भी है तो पापा से कहो उस हमारे घर में ना रुकने दे,,,,,,,,,,,,,वो किसी होटल में रूक सकता है या अपना खुद का फ्लैट ले सकता है”,निशि ने कॉफी पीते हुए कहा
“निशि तुम मुझे एक बताओ तुम उस लड़के से इतना चिढ़ती क्यों हो ? वो कितना स्वीट है”,निशि की मम्मी ने कहा।
“ओह्ह मम्मा प्लीज , वो एक नंबर का खड़ूस है,,,,,,,,,,मैं अपने कमरे मे जा रही हूँ”,कहते हुए निशि उठी उसने अपना बैग उठाया और कॉफी कप लिए सीढ़ियों की और बढ़ गयी।
“पता नहीं इन दोनों के बीच सब ठीक कब होगा ?”,कहते हुए निशि की मम्मी ने रिमोट उठाया और चैनल चेंज कर दिया। निशि अपने कमरे में चली आयी उसने बैग रखा और कमरे में लगे गोल झूले वाले चेयर पर बैठकर अपनी कॉफी पीने लगी। कॉफी पीते हुए वह फिर वंश के बारे में सोचने लगी। वंश से उसकी पहली मुलाकात , ऑडिशन वाली जगह पर उसका वंश को किताब की आड़ से देखना , वंश का उस से रिमोट के लिए झगड़ना,,,,,,,,,,,,,,,!! निशि एकदम से उठी और अपना सर झटकते हुए कहा,”मैं उसके बारे में इतना क्यों सोच रही हूँ ? फरगेट इट आई हॉप उस से मैं फिर कभी ना मिलू कितना खड़ूस है वो उसे देखते ही मुझे बस गुस्सा आता है”
“ये अकेले में तुम किस से बातें कर रही हो ?”,निशि की दोस्त पूर्वी ने कमरे में आते हुए कहा
“पहले तुम ये बताओ की आज तुम कॉलेज क्यों नहीं आयी ?”,निशि ने अपनी आधी पी हुई कॉफी पूर्वी की ओर बढाकर कहा
“एक्चुअली वो दीपक के साथ मेरी डेट थी”,पूर्वी ने भी निशि की जूठी कॉफी पीते हुए कहा
“तुम और तुम्हारी ये डेटस , तुम एक अच्छा लड़का देखकर शादी क्यों नहीं कर लेती ?”,निशि ने कहा
“डेट्स में जो मजा है वो शादी में कहा ? वैसे भी मैं और दीपक लिव इन में रहने वाले है”,पूर्वी ने कहा
“अच्छा है , वैसे मैंने तुम्हारे लिए नोटस बना दिए है ये लो”,निशि ने अपने बैग से कुछ पेपर्स निकालकर पूर्वी को देते हुए कहा
“थैंक्यू , अच्छा वो लड़का गया क्या ? जिसे तेरे पापा घर लाये थे”,पूर्वी ने एकदम से पूछा
“तुम उसके बारे में क्यों पूछ रही हो ?”,निशि ने पूर्वी को घूरते हुए पूछा
“क्या तुम उसे पसंद करती हो ?”,पूर्वी ने सामने से सवाल किया
“छी , नो वे , इस जन्म में तो कभी नहीं वो बहुत ही बद्तमीज है ,, लेकिन तुम उसके बारे में क्यों पूछ रही हो ?”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
“तुम्हे वो ऑडिशन याद है जिसमे मैं रिजेक्ट हो गयी थी उसमे लीड रोल उसी लड़के को मिला है”,पूर्वी ने कहा
“हाँ मुझे पता है , उसने जरूर कास्टिंग डायरेक्टर को रिश्वत दी होगी”,निशि ने कहा
“तो क्या तुम मेरा एक काम करोगी प्लीज”,पूर्वी ने कहा
“क्या ?”,निशि ने पूछा
“उस लड़के से बोलो ना की वो कास्टिंग डायरेक्टर से मेरे लिए बात करे प्लीजजज , हीरो की बात वो जल्दी सुन लेते है”,पूर्वी ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“पूर्वी तुम मुझे कुए में कूदने को कहोगी तो मैं बेशक कूद जाउंगी लेकिन उस लड़के से हेल्प बिल्कुल नहीं लुंगी”,निशि ने कुढ़ते हुए कहा
“वो इतना बुरा भी नहीं है यार , हेंडसम है , स्मार्ट है तू उसे डेट भी कर सकती है”,पूर्वी ने कहा
“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है आई थिंक,,,,,,,,,मैं उस से कोई हेल्प नहीं मांगने वाली”,निशि ने कहा तो पूर्वी मुंह लटकाकर बैठ गयी और बड़बड़ाई,”काश तुम्हे उस प्यार हो जाता फिर सब शार्ट आउट हो जाता”
“क्या बक रही हो तुम ?”,निशि ने कहा हालाँकि उसे पूर्वी की बात सुनाई नहीं दी
“मैं बस ये कह रही हूँ की प्लीज क्या तुम अपनी दोस्त के लिए इतना भी नहीं कर सकती”,पूर्वी ने कहा
“अच्छा ठीक है , लेकिन सिर्फ तुम्हारे लिए ,, जब वो वापस आएगा तब मैं उस से बात करुँगी”,निशि ने कहा
“ओह्ह्ह निशि तुम बहुत अच्छी हो थैंक्यू थैंक्यू सो मच”,पूर्वी ने निशि को साइड से गले लगाते हुए कहा।
इंदौर , मध्य-प्रदेश
शाम में गौरी अपने कोचिंग सेंटर से बाहर निकली और पैदल ही घर जाने के लिए चल पड़ी। सूरज ढल चुका था और मौसम काफी खुशनुमा था। आसमान में बदल उमड़ घुमड़ रहे थे जिससे बारिश होने की संभावना लग रही थी। ब्लू जींस और व्हाइट शर्ट के साथ गौरी ने बालो को समेटकर पोनीटेल बनाया हुआ था। पीठ पर बैग टंगा था जिसमे कुछ किताबे भरी थी। चेहरे पर उदासी थी और आँखों में खालीपन पसरा हुआ था। गौरी धीमी चाल से फुटपाथ पर चली जा रही थी
चलते चलते उसे मुन्ना के साथ बिताये पल याद आने लगे। गौरी की याद आने लगा कैसे जब वह छोटा टॉप पहनकर मुन्ना के सामने आयी थी और मुन्ना उसे खींचकर उसकी कमर ढकने की कोशिश कर रहा था। जब गौरी ने उसे सेल्फी के टाइम अपनी उंगलिया उठाने को कहा तब मुन्ना कैसे हिचकिचा रहा था और उस वक्त वह काफी क्यूट भी लग रहा था। जब मुन्ना उसे बचाने के लिए एकदम से सब ऑफिसर्स के सामने आ गया था। जब मुन्ना ने खुले आसमान के नीचे उसे अपने सीने से लगाते हुए कहा की वह भी गौरी से प्यार करता है वो पल गौरी की जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल था। चलते चलते गौरी रुक गयी और पास ही पड़ी बेंच पर आकर बैठ गयी। इन दिनों वह खुद को बिजी रख रही थी ताकि मुन्ना के बारे में कम से कम सोचे , पर ऐसा नहीं हुआ उलटा वह और ज्यादा उसे याद करने लगी थी। गौरी की आँखों में नमी उतर आयी , वह काफी देर तक खामोश बैठी रही रात हो चुकी थी , आसमान में चाँद चमकने लगा था।
गौरी ने गर्दन उठायी और चाँद को देखते हुए मन ही मन कहने लगी,”सबको लगता है की तुम मुझे हर्ट कर रहे हो , पर मुझे लगता है की इस वक्त तुम मुझसे भी ज्यादा हर्ट हो। तुम इतने अच्छे हो मुन्ना की तुम किसी को हर्ट नहीं कर सकते शायद तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो ,, आई होप की तुम ठीक हो एंड आई विश की तुम्हारी सारी प्रोब्लम्स ठीक हो जाये। तुम मुझसे बात नहीं करना चाहते लेकिन मेरा बहुत मन करता है मैं कुछ सेकेंड्स के लिए ही सही बस तुम्हारी आवाज सुन लू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे बहुत मिस करती हूँ मान एंड आई कांट स्टॉप माइसेल्फ,,,,,,,,,,,,,,,,,,इट्स सो पेनफुल”
गौरी की आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये। वह नम आँखों से चाँद को देखती रही जो दर्द उसकी आँखों में था वो अब उसके गले से होकर सीने में उतरने लगा।
बनारस , उप्र
अपने घर की छत पर खड़ा मुन्ना आसमान में चमकते चाँद को देख रहा था। उसका मन काफी भारी था और चेहरे पर उदासी थी। आँखे एकटक उस चाँद को देखे जा रही थी। मुन्ना की आँखों के सामने गौरी के साथ बिताये पल आने लगे। जब उसने काशी के कॉलेज में पहली बार गौरी को देखा था , जब घाट पर उसने पहली बार गौरी को किस किया था , जब इंदौर में गौरी उसका हाथ थामे घूम रही थी , जब उसने उस बेलून को जलाकर हमेशा साथ रहने की विश मांगी थी तब वो कितनी मासूम लग रही थी , जब मुन्ना को अनजाने में काशी के साथ देखकर वह हर्ट हुयी लेकिन फिर भी मुन्ना पर अपना विश्वास दिखाया , जब इंदौर से वापस आते वक्त उसने आख़री बार गौरी को गले लगाते हुए कहा,”हम हमेशा साथ रहेंगे”
ये सब पल उसकी आँखों से सामने किसी फिल्म की भांति चलने लगे उसे पता ही नहीं चला कब उसकी आँखों में नमी उतर आयी। मुन्ना ने नम आँखों से चाँद को देखते हुए मन ही मन कहा,”हमे माफ़ कर देना गौरी , हम तुमसे तो ये कह सकते है की हमे भूल जाओ लेकिन देखो ना हम खुद भी तुम्हे नहीं भूल पा रहे है। हम जितना तुमसे दूर जाने की कोशिश कर रहे है तुम्हारी यादें हमे उतना ही मजबूर कर रही है तुम्हे याद करने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,काश हम तुम्हे समझा पाते की हमने ऐसा फैसला क्यों किया ? हम तुम्हे अब और हर्ट करना नहीं चाहते है,,,,,,,,लेकिन हम उस दर्द को कम नहीं कर पा रहे जो हमे तुम्हारी गैरमौजूदगी से हो रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,हमे बहुत तकलीफ हो रही है लेकिन हम किसी को दिखा नहीं सकते। ऐसा हमारे साथ पहली बार हो रहा है,,,,,काश हम मिले ही ना होते !!”
कहते हुए मुन्ना की आँखों में ठहरे आँसू बह गए।
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संजना किरोड़ीवाल