Main Teri Heer – 59
गौरी की उंगलियों ने जैसे ही मुन्ना की उंगलियों को छुआ मुन्ना को एक करंट जैसा अनुभव् हुआ , होता भी क्यों नहीं गौरी पहली लड़की थी जिसे देखकर मुन्ना का दिल धड़का था वरना तो हमारे मुन्ना भैया काफी सख्त रहे है। ऋतू और प्रिया ने जब सूना की मुन्ना काशी का भाई है तो दोनों परेशान हो गयी कहा दोनों मुन्ना के सामने अपना इम्प्रेशन ज़माने वाली थी। दोनों मुन्ना से कुछ कहती इस से पहले ही मुन्ना ने कहा,”काशी हम घर जा रहे है”
“ठीक है”,काशी ने कहा तो मुन्ना अपनी बाइक लेकर वहा से चला गया। गौरी अपना बैग उठाये काशी की तरफ आयी और ऋतू से कहा,”सो ऋतू मैडम काशी के भाई से माफ़ी कब मांग रही है आप ?”
“माफ़ी किस बात की ?,,,,,,,,,,,,,कुछ हुआ है क्या ?”,काशी ने हैरानी से पूछा
“क क कुछ नहीं चलो ना अंदर चलते है मुझे वाशरूम जाना है”,ऋतू ने काशी का हाथ पकड़कर उसे अंदर ले जाते हुए कहा
काशी तीनो को लेकर अंदर चली आयी। शिवम् सारिका तो पहले ही तीनो से मिल चुके थे , आई और बाबा भी उनसे मिलकर बहुत खुश हुए। ऋतू वाशरूम चली गयी और बाकि सब हॉल में पड़े सोफों पर आ बैठी। दीना सबके लिए पानी ले आया। शिवम् , सारिका , आई , बाबा सब साथ बैठकर उनसे बातें करने लगे। कुछ देर बाद ऋतू भी चली आयी। सारिका ने दीना के हाथ सबके लिए चाय भिजवाई।
“बेटा आप सब लोग फ्रेश हो जाओ उसके बाद तैयार हो जाना घर में मेहमान आने वाले है , हम जरा बाहर के काम देख लेते है”,कहते हुए शिवम् उठा और चला गया। आई भी सारिका के पास चली गयी। ऋतू , प्रिया , काशी और गौरी ही हॉल में बचे थे।
“काशी तुम इतनी जल्दी सगाई कर रही हो , होश में तो हो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“क्या काशी की सगाई हो रही है ?”,ऋतू ने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा तो काशी ने उसके मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”अरे क्या कर रही हो ? एक काम करते है हमारे कमरे में चलते है वही बैठकर बात करेंगे”
“हम्म्म ठीक है , लेकिन तुम्हारे वंश भैया कही दिखाई नहीं दे रहे ?”,प्रिया ने कहा
“वो शायद सो रहे है”,काशी ने कहा
“अरे हम लोग इतनी दूर से उनसे मिलने आये है और वो सो रहे है ?”,प्रिया ने कहा
“उस से तुम दोनों बाद में मिल लेना पहले काशी की प्रॉब्लम सॉल्व करनी है”,गौरी ने उठते हुए कहा और सब काशी के कमरे की ओर चली गयी। कमरे में आकर काशी ने दरवाजा बंद कीया और सबको बैठने का इशारा किया सब आ बैठी तो काशी ने उन्हें लड़के के आने वाली सारी बाते बता दी बस शक्ति से मिलने वाली बात नहीं बताई क्योकि ऋतू और प्रिया को अभी इस बारे में कुछ पता नहीं था।
“यार ये क्या बात हुई तुम्हारे दादाजी अपनी ख़ुशी के लिए तुम्हारी लाइफ कैसे स्पोइल कर सकते है ?”,ऋतू ने कहा
“तुम्हे अपने पापा से साफ साफ बोल देना चाहिए की तुम्हे अभी कोई शादी नहीं करनी , अभी तुम्हारे सामने तुम्हारा पूरा करियर पड़ा है काशी”,प्रिया ने भी ऋतू की बात का समर्थन करते हुए कहा
“तुम मना कर दो , कह दो तुम्हे लड़का देखना ही नहीं है”,ऋतू ने कहा
“गाइज एक मिनिट , काशी के घर में सबसे बड़े इसके बाबा है एंड आई थिंक अंकल भी उनकी बहुत रिस्पेक्ट करते है शायद इसलिए उन्होंने ये मीटिंग फिक्स की है ,,,,,,,,,,,,,,,,,, क्यों काशी ? अंकल ने तुम पर कोई दबाव डाला है क्या ?”,गौरी ने कहा
“नहीं पापा ने तो कहा है की अगर हमे नहीं पसंद आये तो हम मना कर दे वो जबरदस्ती नहीं करेंगे”,काशी ने कहा
“फिर तो सब क्लियर है तुम आज लड़के से मिलो और बाद में मना कर देना , इस से तुम इस शादी से भी बच जाओगी और घरवाले भी खुश”,गौरी ने कहा
“हम्म्म शायद हमे लड़के से मिल लेना चाहिए”,काशी ने एक ठंडी साँस भरकर कहा
“डोंट वरी कुछ नहीं होगा हम सब तुम्हारे साथ है”,प्रिया ने उसे साइड हग करते हुए कहा
“अच्छा तुम सब तक गयी होगी ना , तुम सब नहा लो और तैयार हो जाओ”,काशी ने कहा
“हाँ ठीक है , गौरी पहले तुम और ऋतू नहा लो मैं तब तक काशी का घर देखकर आती हूँ”,प्रिया ने कहा
“ठीक है चलो”,काशी ने कहा और प्रिया को लेकर वहा से चली गयी। उसके जाते ही ऋतू ने गौरी से कहा,”वो पक्का वंश से मिलने गयी है”
“हां तो क्या हुआ तुम भी चली जाओ”,गौरी ने अपने बैग से कपडे निकालते हुए कहा
“क्यों तुम्हे नहीं मिलना ? या फिर तुम्हे काशी का दुसरा भाई पसंद आ गया”,ऋतू ने कहा
“शट-अप मैं नहाने जा रही हूँ”,कहकर गौरी बाथरूम की और चली गयी। ऋतू वही बैठकर अपना फोन चलाने लगी। काशी प्रिया को अपना घर दिखाने लगी। प्रिया को काशी का घर बहुत पसंद आया उसने देखा घर के पीछे वाले बरामदे में अचार के मर्तबान रखे थे। वह उनकी तरफ आयी और कहा,”अरे वाह ये क्या है ?”
“जे हमारा ऑफिस है बिटिया , हिया हम अचार बनावत है”,आई ने उन दोनों की तरफ आते हुए कहा
“वाओ सो कूल ना आंटी , क्या मैं थोड़ा चखकर देखू ?”,प्रिया ने लार टपकाते हुए कहा
“हाँ चखो ना बिटिया हम देते है रुको”,कहते हुए आई ने एक कटोरी में थोड़ा सा आम का अचार निकालकर प्रिया को दिया प्रिया ने चखा और कहा,”उम्मम्मम्म सो टेस्टी , काशी जाते हुए हम ये इंदौर लेकर चलेंगे”
“हां,,,,,तुम्हे और खाना है ?”,काशी ने पूछा
“नहीं इतना काफी है”,प्रिया ने कहा
“अच्छा प्रिया तुम घर देखो हम ज़रा आते है , और हां इसे अपना ही घर समझना”,काशी ने जाते हुए कहा
गौरी ऋतू के बाद प्रिया भी नहाकर तैयार हो गयी। सुबह के 10 बज रहे थे लेकिन वंश अभी तक सो रहा था। शिवम् बाहर से आया और सारिका से कहा,”वंश कहा है ?”
“वो शायद अपने कमरे में है”,सारिका ने कहा
“सरु लड़के वाले 11 बजे तक आ जायेंगे और वो सो रहा है , उसे उठाओ और कहो की तैयार होकर नीचे आये,,,,,,,,,,,,,,,,और मुन्ना आया था कहा है वो ? हमने उसे कुछ सामान लाने को कहा था”,शिवम् ने कहा
“मुन्ना कब का सामान रखकर जा चुका है , और आप इतना परेशान क्यों हो रहे है सब ठीक है”,सारिका ने कहा
“हम्म हम जरा पंडित जी को देखकर आते है”,शिवम् ने कहा और वहा से चला गया
सारिका ऊपर जाने लगी इतने में गौरी ने वहा आकर कहा,”आंटी वो मुझे ये कपडे सुखाने थे”
“बेटा पीछे आँगन में तो शायद जगह नहीं होगी एक काम करो तुम ऊपर छत पर सूखा दो , आओ हमारे साथ हम बताते है”,सारिका ने कहा और गौरी को साथ लेकर ऊपर चली आयी। ऊपर वंश के कमरे के सामने आकर सारिका ने कहा,”देखो वहा बालकनी की तरफ जगह है वहा सूखा दो”
“ठीक है आंटी”,गौरी ने कहा और चली गयी। सारिका ने वंश के कमरे का दरवाजा खटखटाया और कहा,”वंश दरवाजा खोलो , सुबह के 10 बज रहे है और तुम अभी तक सो रहे हो ,, जल्दी से उठो और नहाकर नीचे आ जाओ तुम्हारे पापा ने तुम्हे बुलाया है”
सारिका फिर से दरवाजा खटखटाती इस से पहले ही वंश ने दरवाजा खोला और सारिका से कहा,”मैं तैयार हूँ”
सारिका ने देखा वंश पहले से ही तैयार खड़ा था जींस , सफेद टीशर्ट उस पर डार्क ग्रीन जैकेट ,, वंश इन कपड़ो में बहुत अच्छा लग रहा था। सारिका ने देखा तो मुस्कुरा उठी और कहा,”अरे वाह आज तो बड़ी जल्दी तैयार हुए तुम ?”
“माँ बहन को देखने लड़के वाले आ रहे है ऐसे में लड़की के भाई को तैयार रहना पड़ता है”,वंश ने नौटंकी करते हुए कहा
“लड़के वाले काशी को देखने आ रहे है तुम्हे नहीं , अब जल्दी से नीचे आ जाओ तुम्हारे पापा बुला रहे है”,सारिका ने वापस जाते हुए कहा
“ओके माँ”,कहकर वंश अपना फोन लेने वापस कमरे में चला गया। वंश अपने फोन में देखते हुए कमरे से बाहर निकला उसे ध्यान नहीं रहा और सीढ़ियों तक आते आते वह गौरी से टकरा गया। जैसे ही उसने गौरी को अपने सामने देखा उसका दिल धड़क उठा , लेकिन अगले ही पल सुबह सुबह गौरी को अपने घर में देखकर वंश हैरान हो गया। वह खुद को सम्हाल नहीं पाया और जैसे ही सीढ़ियों की तरफ गिरने को हुआ गौरी ने उसका हाथ पकड़कर उसे गिरने से बचा लिया। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। अगले ही पल गौरी ने उसे ऊपर खींचा और कहा,”जरा सम्हलकर”
“थैंक्स,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने बिना गौरी की तरफ देखे कहा शायद अभी भी वह उस से नाराज था
“इतना रूखा सा थैंक्स,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
वंश ने एक नजर गौरी को देखा और बिना कुछ बोले वहा से नीचे चला आया।
“इसे क्या हुआ ?”,गौरी ने खुद से कहा और नीचे चली आयी। वंश निचे आया तो देखा सिर्फ गौरी ही नहीं बल्कि ऋतू और प्रिया भी आयी है उसने पलटकर सीढ़ियों की तरफ देखा गौरी चली आ रही थी। वंश मुस्कुरा और ऋतू के पास आकर जानबूझकर गौरी को सुनाते हुए कहा,”मुझे बहुत अच्छा लगा ये देखकर की तुम भी आयी हो,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन उस दिन फोन पर तो तुमने हमे पहचाना ही नहीं था”,प्रिया ने कहा
“अरे वो तो इसलिए ताकि तुम दोनों मुझसे मिलने के लिए बैचैन हो जाओ”,वंश ने कहते हुए एक नजर गौरी को देखा तो गौरी बड़बड़ाई,”फ्लर्टी कही का , आते ही शुरू हो गया”
गौरी को वहा रुकने में कोई इंट्रेस्ट नहीं था इसलिए वह जाने लगी। उसे जाते देखकर ऋतू ने कहा,”हे गौरी तुम वंश से मिली ?”
“उस से मैं बाद में मिल लूंगा पहले तुम दोनों ये बताओ की तुम दोनों ने मुझे ज्यादा मिस तो नहीं किया ना ?”,वंश ने गौरी को चिढ़ाने के लिए जान बुझकर ऐसा कहा और बेचारी गौरी चिढ भी गयी। उसने खा जाने वाली नजरो से वंश को देखा और पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। उसे जलते देखकर वंश मन ही मन खुश हो गया और ऋतू प्रिया से कहा,”तुम दोनों ने घर देखा,,,,,,,,,,,,,चलो मैं दिखाता हूँ”
“समझता क्या है अपने आप को ? उससे मैं बाद में मिल लूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,हुँह काशी का भाई नहीं होता ना तो बताती मैं उसे,,,,,,,,,,,,,फ्लर्टी”,गौरी बड़बड़ाते हुए काशी के कमरे में आयी। उसे बड़बड़ाते देखकर काशी ने कहा,”क्या हुआ तुम्हे इतनी गुस्से में क्यों हो ?”
काशी ने इतना ही पूछा था की गौरी एकदम से उसके सामने आयी और कहा,”वो तुम्हारा भाई,,,,,,,,,,,,,पता नहीं किस बात का ऐटिटूड है उस बन्दे में,,,,,,,,,,एक तो मैंने उसकी हेल्प की और वो मुझे ही ऐटिटूड दिखा रहा है। काशी क्या सच में वो तुम्हारा ही भाई है ?”
“तुम शायद वंश भैया की बात कर रही हो,,,,,,,,,,,,,गौरी वो जानबूझकर तुम्हे परेशान कर रहे है”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
“लेकिन क्यों ?,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने पूछा
“शायद वो तुम्हे पसंद करते हो,,,,,,,,!”,काशी ने कहा
“नो वे इस जन्म में तो वो और मैं एक दूसरे को पसंद कभी नहीं कर सकते”,गौरी ने कहा
“अच्छा बाबा ठीक है , इधर आओ हमे साड़ी पहननी नहीं आ रही है तुम पहना दो ना”,काशी ने कहा तो गौरी उसे साड़ी पहनाने लगी लेकिन गौरी को भी ये सब कहा आता था उसने ऐसे ही साड़ी को यहाँ वहा लपेट दिया। दरवाजे पर खड़ी राधिका ने देखा तो हसने लगी। काशी और गौरी ने एक साथ उनकी और देखा तो राधिका अंदर चली आयी और कहा,”लगता है तुम दोनों को ही साड़ी पहननी नहीं आती”
“गौरी ये हमारी राधिका भुआ है , और भुआ ये हमारी दोस्त है गौरी इंदौर में हमारे साथ ही पढ़ती है”,काशी ने कहा
“हेलो आंटी,,,,,,!”,गौरी ने मुस्कुरा कर कहा
“आंटी नहीं भुआ काशी की तरह तुम भी हमे भुआ कहकर बुला सकती हो”,राधिका ने गौरी के गाल को छूकर कहा तो गौरी मुस्कुरा दी
“भुआ देखो ना ये साड़ी,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने कहा तो राधिका उसकी तरफ आयी और कहा,”लाओ हम पहनाते है”
गौरी वही बैठकर राधिका को देखने लगी। राधिका उसे बहुत अच्छी लगी , उसकी प्यारी प्यारी बाते और उसका मुस्कुराना गौरी को अब यहाँ बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। कुछ देर बाद अंजलि कमरे में आयी और कहा,”मुबारक हो काशी हमे तो बस इसी दिन का इंतजार था”
“अब आ रही हो तुम ?”,काशी ने कहा
“अरे बाबा मम्मी पापा ने कहा की हमारे साथ चलना अकेले कैसे आते ? वैसे ये कौन है ?”,अंजलि ने गौरी की तरफ इशारा करके पूछा
“मेरा नाम गौरी है , मैं काशी की दोस्त हूँ”,गौरी ने खुद ही अपना परिचय देते हुए कहा
“आपसे मिलकर ख़ुशी हुई , आप सब भी यहाँ सगाई के लिए आये है ना शायद,,,,,,,,,,,,,हमे तो कबसे इंतजार था इस घर में किसी की शादी हो मुन्ना भैया और वंश भैया की ना सही काशी की हो रही है हम तो इसी में खुश है”,राधिका नॉन-स्टॉप बोलते गयी
“अंजलि कितना बोलती हो ना तुम,,,,,,,,,,लड़के वाले सिर्फ काशी को देखने आ रहे है अभी शादी नहीं हो रही है”,राधिका ने काशी को साड़ी पहनाते हुए कहा
“ओके ओके ठीक है,,,,,,,,,,वंश भैया कहा है ?”,राधिका ने पूछा
“वो बाहर है”,काशी ने कहा
“ठीक है हम उनसे मिलकर आते है”,कहते हुए अंजलि बाहर चली गयी
“वंश भैया की दीवानी , जब साथ होगी तो उस से झगड़ा करेगी और ऐसे दिनभर उसकी माला जपेगी”,राधिका ने कहा
गौरी ने देखा घर में सब वंश को पसंद करते है लेकिन ना जाने क्यों उसे ही आज वंश कुछ अजीब लगा। खैर काशी तैयार थी और उस बनारसी साड़ी में वह कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी। गौरी ने भी फटाफट सूट पहना गले में दुपट्टा डाला और हल्का सा मेकअप कर लिया। ऋतू प्रिया पहले से तैयार थी। काशी तैयार होकर घर के हॉल में आयी तो। अंजलि , वंश , ऋतू , प्रिया भी उसकी तरफ चले आये। सभी काशी की तारीफ करने लगे। वंश की नजर गौरी पर पड़ी तो वह उसे देखकर मन ही मन मुस्कुरा उठा और फिर एकदम से कहा,”भुआ सभी बहुत अच्छे लग रहे है एक सेल्फी लेते है”
“हां हां प्लीज”,कहते हुए ऋतू काशी के बगल में आ गयी , प्रिया दूसरी तरफ फिर गौरी और ऋतू वाली साइड अंजलि और राधिका। इतनी सारी लड़कियों में वंश अकेला लड़का था। वह अपने फोन से सेल्फी लेने के लिए थोड़ा आगे हो गया लेकिन देखा की गौरी तो दूसरी तरफ खड़ी है इसलिए बहाना बनाते हुए कहा,”मैं इधर आ जाता हूँ उस साइड ना लाइट कम है”
कहते हुए वंश गौरी के बगल में चला आया और सेल्फी लेते हुए कहा,”स्माइल”
सभी मुस्कुरा उठे हालाँकि काशी अभी शादी करना नहीं चाहती थी लेकिन सबको साथ देखकर उसे बहुत अच्छा लग रहा था।
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क्या गौरी पता कर पायेगी वंश की नाराजगी की वजह ? काशी सुनेगी अपने दिल की या बाबा की बात मानेगी ? क्या मुन्ना और गौरी के बीच बढ़ेगी नजदीकियां ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 60
Raed More – “मैं तेरी हीर” – 58
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संजना किरोड़ीवाल