Main Teri Heer – 51
Main Teri Heer – 51
मुन्ना शिवम् और मुरारी को सारी सच्चाई बता चुका था। शिवम् ने सब सच सूना तो उसका दिल टूट गया बनारस के लोगो को उस से बहुत उम्मीद थी और वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहींउतर पाया लेकिन उसे एक बात की तसल्ली थी की उसने आज फैक्ट्री की नींव नहीं रखी वरना उसके साथ साथ पुरे बनारस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता। शिवम् को मुन्ना पर आज बड़ा गर्व महसूस हो रहा था तो वही मुरारी थोड़ा उदास था उसकी राजनीती अब उसके परिवार को नुकसान पहुँचाने लगी थी और मुरारी ये कभी बर्दास्त नहीं करता। उसने अपना फोन निकाला और गुस्से से अपने पी.ए. को फोन लगाने लगा। शिवम ने देखा तो कहा,”का कर रहे हो मुरारी ?”
“पहिले हम उह्ह धोखेबाज की खबर लेते है जिसने हमारे साथ रहकर हमसे ही होशियारी की,,,,,,,,,,,,,,हमने उस पर भरोसा किया और उसने उन लोगो के साथ मिलकर जे सब किया”,मुरारी ने गुस्से से कहा
“पापा इस वक्त अपने पी.ए. को फोन करेंगे तो वह सतर्क हो जाएगा। उसे पता नहीं चलना चाहिए की आपको सब सच पता है।”,मुन्ना ने कहा तो मुरारी ने फोन वापस अपनी जेब में रख लिया और कहा,”एक बार जे सब से बाहर निकले फिर इन सबकी बारात निकालते है हम”
“मुन्ना तुमने घर में तो इस बारे में किसी को नहीं बताया ना हमारा मतलब,,,,,,,,,,,,,,,वंश से तुम्हारी अच्छी बनती है कही उसे,,,,,,,,,,,,!”,शिवम ने पूछा
“नहीं बड़े पापा हमने किसी से कुछ नहीं कहा है , वैसे भी वंश को गुस्सा जल्दी आता है इसलिए वो इन सब बातो को नहीं समझेगा। आप परेशान मत होईये केसर का खेल खत्म हो चुका है अब बस कानून उसे कड़ी से कड़ी सजा दे”,मुन्ना ने कहा
“हम्म् ! बनारस के लोगो को हमने जो उम्मीद दी है , उनसे जो वादा किया है वो हम पूरा नहीं कर पाए”,शिवम् ने हताश होकर कहा
“उसके लिए चिंता ना करो भैया , राम घाट के पास हमरी जो जमीन है उह काफी अच्छी है शुगर फैक्ट्री आप वहा बनवा सकते है रही बात परमिशन की तो वो हम पे छोड़ दो”,मुरारी ने कहा तो शिवम् ने आँखों ही आँखों में उसे शुक्रिया कहा।
कुछ देर बाद किशना आया और कहा,”आप सबको भाभी ने बुलाया है , खाना तैयार है”
“तुम चलो हम आते है”,मुरारी ने कहा तो किशना वहा से चला गया। अनु ने किशना से कहकर खाना टेबल पर लगा दिया। शिवम् मुरारी मुन्ना आकर बैठे और अनु ने उनके लिए गरमा गर्म गोभी के पराठे परोस दिए। हालाँकि शिवम् का मन अभी भी विचारो से उलझा हुआ था। मुरारी भी कही ना कही परेशान था क्योकि ये छोटी बात नहीं थी। खाना खाने के बाद शिवम् और मुरारी एक बार फिर हॉल में बैठकर बातें करने लगे की उन्हें इन सब से बाहर निकलने के लिए क्या करना होगा ? मुन्ना उठकर सीढ़ियों की तरफ जाने लगा तो मुरारी ने कहा,”मुन्ना तुम कहा चले ?”
“एक आखरी काम बाकि है पापा , आपके अकाउंट में जो पैसे है उन्हें वहा से ट्रांसफर करना होगा क्योकि आपके पास उनका कोई रेकॉर्ड नहीं है। हमे पूरा यकीन है की वो सब लोग खुद को बचाने के लिए आपका नाम जरूर लेंगे। अगर बात इनकम टैक्स वालो के पास पहुंची तो आप मुसीबत में पड़ सकते है”,मुन्ना ने थोड़ा गंभीर होकर कहा
“ठीक है मुन्ना तुम्हे जो सही लगे तुम करो”,शिवम ने कहा तो मुन्ना वहा से चला गया। मुन्ना अपने कमरे में आया और देखा उसका लेपटॉप टेबल पर नहीं है। मुन्ना ने उसे कमरे में इधर उधर ढूंढना शुरू किया लेकिन उसे लेपटॉप कही नहीं मिला। मुन्ना के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। उस लेपटॉप में सारी जानकारी थी और मुन्ना का लगभग काम हो भी चुका था। परेशान सा वह कमरे से बाहर आया और किशना को आवाज दी,”किशना भैया सुनिए ज़रा”
“हाँ मुन्ना भैया का हुआ कुछ चाहिए था आपको ?”,किशना ने नीचे से ही कहा
“जरा ऊपर आएंगे ?”,मुन्ना ने कहा तो किशना ऊपर चला आया। मुन्ना अपने कमरे में परेशान सा यहाँ वहा चक्कर लगा रहा था किशना आया तो मुन्ना ने कहा,”किशना भैया हम जब यहाँ नहीं थे तब हमारी गैर मौजूदगी में कोई यहाँ आया था क्या ?”
“नहीं मुन्ना भैया हम दिनभर घर में ही थे कोई नहीं आया था।”,किशना ने कहा
“हम्म्म ठीक है आप जाओ”,मुन्ना ने कहा और सोच में पड़ गया आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था की उसके कमरे से कोई चीज चोरी हो जाये। कोई तो था जो मुन्ना के साथ गेम खेल रहा था। लेपटॉप गायब होने के बारे में मुन्ना शिवम् और मुरारी को बताना नहीं चाहता था। वह बिस्तर पर आ बैठा और खुद से कहने लगा,”कल सुबह हमे पापा के साथ बैंक जाकर उस अमाउंट को सेटल करना होगा। किसने चुराया होगा हमारा हमारा लेपटॉप और क्यों ? उस लेपटॉप का मिलना हमारे लिए बहुत जरुरी है उसमे हमारी 3 साल की मेहनत है। आखिर किसी को उसे चुराकर क्या मिलेगा ? महादेव अब आप ही कुछ कर सकते है”
मुन्ना परेशान सा वही बिस्तर पर लेट गया।
इंदौर , मध्य प्रदेश
काशी डरे हुए स्वर में फोन पर किसी से बात कर रही थी और फिर फोन काट दिया। गौरी ने देखा तो उसके पास आयी और कहा,”क्या हुआ काशी तुम इतना डरी हुई क्यों हो ?”
“कुछ नहीं हम बस एक छोटा सा नाटक कर रहे थे”,काशी ने अपना फोन बैग में रखते हुए कहा
“कैसा नाटक ?”,गौरी ने कहा
“एक्चुअली वो मुन्ना भैया को हमसे कुछ हेल्प चाहिए थी इसलिए ये सब”,काशी ने गौरी के साथ चलते हुए कहा
“ओह्ह्ह इसलिए कल उनका फोन आया था और वो तुमसे अर्जेन्ट बात करना चाह रहे थे , सॉरी मैं तुम्हे बताना भूल गयी”,गौरी ने कहा
“इट्स ओके उन्होंने हमे फिर से फोन कर लिया था और ये भी कहा की “अपनी दोस्त से कहना बादाम खाने शुरू कर दे”,काशी ने शरारत से कहा
“हां,,,,,,,,,,,,,,,ऐसा कहा ? सच में ?”,गौरी ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
काशी हसने लगी और फिर आगे बढ़ते हुए कहा,”मजाक कर रहे है उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा”
“हम्म्म,,,,,,,,,,,तुम आजकल बहुत शरारती हो गयी काशी”,गौरी ने उसे चिकोटी काटते हुए कहा
“सॉरी,,,,,,,,,,,,,,,वैसे हमारे मुन्ना भैया से क्या बात की तुमने ? ये छोडो ये बताओ कैसे लगे वो ?”,काशी ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“अच्छे है,,,,,,,,,,,,,,और उनकी आवाज,,,,,,,,,,इम्प्रेसिव”,गौरी को अभी भी मुन्ना की आवाज याद थी
“तो तुम मिलना चाहोगी हमारे मुन्ना भैया से ?”,काशी ने अचानक कहा तो गौरी उसे हैरानी से देखने लगी। आज से पहले तो काशी ने ऐसा कुछ नहीं कहा था। गौरी कुछ देर शांत रही और फिर कहा,”हां मिल लेंगे तुम्हारे मुन्ना भैया से भी और तुम्हारे उनसे भी,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए गौरी ने शरारत से अपना कंधा काशी के कंधे से टकरा दिया। काशी ने उसे घुरा और फिर उसे मारने उसके पीछे भागने लगी। गौरी जब देखो तब काशी को परेशान जो किया करती थी। आगे आगे गौरी और पीछे काशी दोनों कॉलेज में यहाँ वहां दौड़े जा रही थी। कुछ देर बाद गौरी ने रुकते हुए कहा,”टाइम प्लीज”
“तुम हमे इतना परेशान क्यों करती हो ?”,काशी ने हाँफते हुए कहा
“अरे मेरी जान अब तू ही तो मेरी इकलौती खास दोस्त है तुझे परेशान ना करू और किसे करू बता ?”,गौरी ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“आप दोनों में से काशी गुप्ता कौन है ?”,पोस्टमेन ने पूछा
“हम है कहिये”,काशी ने उसके सामने आकर कहा तो उसने हाथ में पकड़ा लिफाफा काशी को दिया और कहा,”यहाँ साइन कर दीजिये”
काशी ने साइन किया और लेटर लेकर गौरी की तरफ चली आयी। उसने हैरानी से लेटर को उलट पलट कर देखते हुए कहा,”हमे किसने लेटर भेजा है ?”
“अरे होगा कोई तेरा आशिक़ , ला इधर दे”,कहते हुए गौरी ने उसके हाथ से लिफाफा लिया और उसमे रखा लेटर निकालकर पढ़ने लगी
“प्रिय काशी !!”
“क्या बात है लेटर शुद्ध हिंदी में लिखा है”,गौरी ने काशी को छेड़ते हुए कहा
“ए आगे पढ़ ना”,काशी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“पढ़ रही हूँ ना”,कहते हुए आगे पढ़ने लगी
“प्रिय काशी
हम जानते है हमारी तुमसे पहली मुलाकात सही नहीं रही लेकिन क्या करे जब हमने पहली बार तुम्हे देखा तो बस देखते ही रह गए और तुम हमारे मन को भा गयी। दूसरी बार हम तुमसे अस्सी घाट पर मिले उस रोज बारिश हो रही थी और तब हमने देखा की तुम बनारस की सबसे खूबसूरत लड़की हो। उस शाम हम तुम्हे दिल से अपना मान चुके थे। हमसे कुछ गलतिया भी हुई हम तुम्हे कभी ठेस पहुँचाना नहीं चाहते थे। तुमसे मिलना चाहते थे बात करना चाहते थे पर क्या करे मौका ही नहीं मिला। सोचा तुम्हे अपने दिल की बात कहेगे लेकिन तब तक तुम इंदौर जा चुकी थी। हम जानते है आखरी बार हमने तुम्हारा बहुत दिल दुखाया था लेकिन हम ये भी जानते है की हम अब तुम्हारे बिना नहीं जी पाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बनारस में रहकर तुम्हारा इंतजार करेंगे और हमे पक्का यकीन है तुम जरूर आओगी,,,,,,,,,,,,!!
तुम्हारे इंतजार में तुम्हारा रांझणा”
कहकर गौरी ने काशी की तरफ देखा और कहा,”ये रांझणा कौन है ?”
“आखरी बार हम शक्ति से मिले थे और उसने हमसे बहुत रूडली बात की थी”,काशी ने हैरानी से कहा
“इसका मतलब ये शक्ति ने लिखा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह वाओ काशी ही इज सो रोमांटिक यार”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“पर शक्ति को हमारे कॉलेज का एड्रेस किसने दिया ?”,काशी अभी भी समझ नहीं पा रही थी
“तू ना सच में पागल है ये इंटरनेट की दुनिया है यहाँ किसी का एड्रेस निकालना कौनसा मुश्किल काम है ? और हो सकता है तुमने बातो बातो में उसे बताया हो,,,,,,,,,,,,मुझे तो अब इस शक्ति से मिलना है”,गौरी ने लेटर को हवा में लहराते हुए कहा
“अच्छा ठीक है ये हमे दो”,काशी ने लेने की कोशिश की तो गौरी ने साइड से भागते हुए कहा,”मुझे पकड़ो और ले लो”
“ए गौरी रुको,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज वापस आओ,,,,,,,,,,,,,ये हमे दो,,,,,,,,,,गौरी , गौरी”,काशी ने उसके पीछे भागते हुए कहा
बनारस , उतर-प्रदेश
सुबह तक मुरारी के पास लोगो के फोन आने शुरू हो गए। कुछ मीडिआ वाले भी चले आये लेकिन मुरारी ने उनसे मिलने से मना कर दिया। मुन्ना लेपटॉप को लेकर परेशान था क्योकि सब जानकारी तो उसी में थी। कुछ बड़े लोग मुरारी से मिलने आये तो मुरारी उनके साथ लॉन में आ बैठा और बातचीत करने लगा। मुन्ना नहा-धोकर नीचे आया ताकि बैंक जाकर जल्दी से जल्दी इस मामले को सुलझा सके। मुरारी कही अकेला ना पड़ जाये सोचकर शिवम् भी चला आया। कुछ देर बाद ही 3 गाड़िया घर में आकर रुकी और उनसे में कुछ लोग उतरकर मुरारी की तरफ आये। उन्हें देखकर मुरारी ने कहा,”कौन है आप लोग ?”
“हम इनकम टेक्स डिपार्टमेंट से आये है। हमे आपके घर की तलाशी लेनी होगी”
“तुम जानते भी तुम किस से बात कर हो ? बनारस के विधायक है जे”,मुरारी के एक आदमी ने कहा
“हमे खबर मिली है की फंड के नाम पर विधायक जी ने लोगो से बहुत पैसा लिया है। हमारे पास ऑर्डर्स है इसलिए हमे को-ऑपरेट करे और क़ानूनी कार्यवाही में अपना सहयोग दे”,सीनियर ऑफिसर ने कहा
मुन्ना बैंक जा ही रहा था लेकिन गाड़िया देखकर मुरारी की तरफ चला आया।
“आपकी बात से सहमत है लेकिन क्या हम जान सकते है आपको ये खबर किसने दी ?”, शिवम् ने कहा
ऑफिसर ने अपने आदमियों की तरफ देखा और कहा,”इंपेक्टर किशोर”
लोगो के बीच से किशोर निकलकर बाहर आया उसे देखते ही मुरारी की भँवे चढ़ गयी और मुन्ना शिवम् की तरफ देखने लगा
” आखिर किसने चुराया मुन्ना का लेपटॉप और क्यों ? लेटर को लेकर दूर हो पायेगी काशी की गलतफहमी ? क्या मुरारी बचा पायेगा अपनी कुर्सी और अपना सम्मान ? जानने के लिए पढ़ते/ सुनते रहे मैं तेरी हीर”
बनारस , उतर-प्रदेश
सुबह तक मुरारी के पास लोगो के फोन आने शुरू हो गए। कुछ मीडिआ वाले भी चले आये लेकिन मुरारी ने उनसे मिलने से मना कर दिया। मुन्ना लेपटॉप को लेकर परेशान था क्योकि सब जानकारी तो उसी में थी। कुछ बड़े लोग मुरारी से मिलने आये तो मुरारी उनके साथ लॉन में आ बैठा और बातचीत करने लगा। मुन्ना नहा-धोकर नीचे आया ताकि बैंक जाकर जल्दी से जल्दी इस मामले को सुलझा सके। मुरारी कही अकेला ना पड़ जाये सोचकर शिवम् भी चला आया। कुछ देर बाद ही 3 गाड़िया घर में आकर रुकी और उनसे में कुछ लोग उतरकर मुरारी की तरफ आये। उन्हें देखकर मुरारी ने कहा,”कौन है आप लोग ?”
“हम इनकम टेक्स डिपार्टमेंट से आये है। हमे आपके घर की तलाशी लेनी होगी”
“तुम जानते भी तुम किस से बात कर हो ? बनारस के विधायक है जे”,मुरारी के एक आदमी ने कहा
“हमे खबर मिली है की फंड के नाम पर विधायक जी ने लोगो से बहुत पैसा लिया है। हमारे पास ऑर्डर्स है इसलिए हमे को-ऑपरेट करे और क़ानूनी कार्यवाही में अपना सहयोग दे”,सीनियर ऑफिसर ने कहा
मुन्ना बैंक जा ही रहा था लेकिन गाड़िया देखकर मुरारी की तरफ चला आया।
“आपकी बात से सहमत है लेकिन क्या हम जान सकते है आपको ये खबर किसने दी ?”, शिवम् ने कहा
ऑफिसर ने अपने आदमियों की तरफ देखा और कहा,”इंपेक्टर किशोर”
लोगो के बीच से किशोर निकलकर बाहर आया उसे देखते ही मुरारी की भँवे चढ़ गयी और मुन्ना शिवम् की तरफ देखने लगा बनारस , उतर-प्रदेश
सुबह तक मुरारी के पास लोगो के फोन आने शुरू हो गए। कुछ मीडिआ वाले भी चले आये लेकिन मुरारी ने उनसे मिलने से मना कर दिया। मुन्ना लेपटॉप को लेकर परेशान था क्योकि सब जानकारी तो उसी में थी। कुछ बड़े लोग मुरारी से मिलने आये तो मुरारी उनके साथ लॉन में आ बैठा और बातचीत करने लगा। मुन्ना नहा-धोकर नीचे आया ताकि बैंक जाकर जल्दी से जल्दी इस मामले को सुलझा सके। मुरारी कही अकेला ना पड़ जाये सोचकर शिवम् भी चला आया। कुछ देर बाद ही 3 गाड़िया घर में आकर रुकी और उनसे में कुछ लोग उतरकर मुरारी की तरफ आये। उन्हें देखकर मुरारी ने कहा,”कौन है आप लोग ?”
“हम इनकम टेक्स डिपार्टमेंट से आये है। हमे आपके घर की तलाशी लेनी होगी”
“तुम जानते भी तुम किस से बात कर हो ? बनारस के विधायक है जे”,मुरारी के एक आदमी ने कहा
“हमे खबर मिली है की फंड के नाम पर विधायक जी ने लोगो से बहुत पैसा लिया है। हमारे पास ऑर्डर्स है इसलिए हमे को-ऑपरेट करे और क़ानूनी कार्यवाही में अपना सहयोग दे”,सीनियर ऑफिसर ने कहा
मुन्ना बैंक जा ही रहा था लेकिन गाड़िया देखकर मुरारी की तरफ चला आया।
“आपकी बात से सहमत है लेकिन क्या हम जान सकते है आपको ये खबर किसने दी ?”, शिवम् ने कहा
ऑफिसर ने अपने आदमियों की तरफ देखा और कहा,”इंपेक्टर किशोर”
लोगो के बीच से किशोर निकलकर बाहर आया उसे देखते ही मुरारी की भँवे चढ़ गयी और मुन्ना शिवम् की तरफ देखने लगा
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 52
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संजना किरोड़ीवाल