Main Teri Heer – 40
Main Teri Heer – 40
मुन्ना बिना इलेक्शन लड़े कॉलेज का प्रेजिडेंट बन चुका था। काशी इंदौर जा चुकी थी। प्रताप ने राजन और मुन्ना के बीच हुए झगडे को खत्म कर दिया। कुल मिलाकर सब ठीक चल रहा था लेकिन कहते है की जब सब ठीक हो ना तब जरूर कुछ गड़बड़ होती है। कॉलेज में सब मुन्ना के जितने की खुशिया मना रहे थे की वंश की नजर सामने किसी पर पड़ी और वह मंच से नीचे चला आया। भीड़ से निकलकर वंश उस लड़की के सामने आ खड़ा हुआ और कहा,”कैसी हो पूजा डार्लिंग ?”
पूजा ने सामने खड़े वंश को देखा तो एकदम से उसके चेहरे का रंग उड़ गया क्योकि उसके और मुन्ना के जो पोस्टर लगे थे उनमे कही ना कही वो भी शामिल थी। वंश को देखकर पूजा ने साइड से निकलने की कोशिश की लेकिन वंश उसे पकड़कर साइड में लेकर आया और कहा,”मुन्ना के पोस्टर लगवाने में तुम्हारा भी हाथ है ना ?”
“इस बारे में मैं कुछ नहीं जानती सर , मुझसे सीनियर्स ने कहा था की मैं मानवेन्द्र सर से जाकर मिलू एक्चुअली मैं उन्हें बहुत पसंद करती हूँ और सीनियर्स ने कहा की अगर मैं उनकी बात मानुंगी तो वो सर से मेरी शिफारिश कर देंगे,,,,,,,,,,,,,इस से ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता सर’,पूजा ने डरते हुए कहा
“और तुमने बिना ये सोचे समझे की इसे से तुम्हारी इमेज भी कॉलेज में खराब होगी तुमने उनकी बात मान ली”,पीछे खड़े मुन्ना ने सहजता से कहा
“आई ऍम सॉरी सर , मुझे नहीं पता था ऐसा कुछ हो जाएगा मैं बहुत शर्मिंदा हूँ”,पूजा ने नजरे नीची करते हुए कहा
“देखो किसी को पसंद करना गलत नहीं है लेकिन उसे हासिल करने के लिए गलत रास्ता चुनना गलत है। अगर तुम मुझे पसंद करती थी तो तुम्हे आकर मुझसे सीधे कहना चाहिए था ना की ऐसी हरकत करनी चाहिए थी। तुम अभी कॉलेज में हो अपना वक्त इन चीजों में बर्बाद करने से अच्छा है तूम अपना ध्यान पढाई में लगाओ। हमारे लिए इस कॉलेज की लड़किया सिर्फ स्टूडेंट्स है हम किसी को उस नजर से नहीं देखते है , तुम्हे भी नहीं इसलिए हम नहीं चाहेंगे आगे से ऐसी कोई बात हमे सुनने या देखने को मिले”,मुन्ना ने कहा
पूजा समझ गयी की मुन्ना को उसमे जरा भी इंट्रेस्ट नहीं है लेकिन उसकी बाते सुनकर वह अभी भी इम्प्रेस थी। मुन्ना ने उसे जाने का इशारा किया तो पूजा वहा से जाने लगी और रुककर कहा,”सर !!”
“हम्म्म्म”,मुन्ना ने कहा
“आप बहुत अच्छे है सर , जिस लड़की से आपकी शादी होगी वो बहुत लकी होगी सर”,पूजा ने कहा और वहा से चली गयी
“बेचारी का दिल तोड़ दिया , व्हाई आर यू सो रुड ?”,वंश ने कहा
“सिर्फ उस एक के लिए जिसे देखकर लगे की जिंदगी में अब कोई ख्वाहिश नहीं है , वही मोहब्बत है ,, बाकि सब बाते है , वफवाह है , जरूरत है”,मुन्ना ने कहा
“सर के ऊपर से गया सब”,वंश ने मुस्कुरा कर कहा और मुन्ना के साथ वहा से चला गया। कहने को दोनों भाई थे लेकिन प्यार को लेकर दोनों की फीलिंग्स अलग-थलग और दोनों को इंतजार था उस ख़ास का जो इनकी जिंदगी में आकर इन्हे प्यार का मतलब समझाने वाली थी।
इंदौर , मध्य-प्रदेश
दोपहर के 2 बजे के आस पास शिवम् सबके साथ इंदौर पहुंचा। जैसे ही गाड़ी घर के सामने पहुंची एक बड़ा सा कार्डबोर्ड हाथो में उठाये गौरी खड़ी थी जिस पर लिखा था “वेलकम बेक टू इंदौर”
शिवम् को धुप की वजह से गौरी की सूरत तो नहीं दिखाई दी लेकिन वह कार्डबोर्ड देखकर मुस्कुरा जरूर उठा। काशी गाड़ी से नीचे उतरी और गौरी की तरफ आयी और उसे गले लगाते हुए कहा,”तुम यहाँ कैसे ?”
“कॉलेज में तुम्हारे बिना मन नहीं लग रहा था तो तुम्हारे नानु से बात की उन्होंने बताया की तुम सबके साथ घर आ रही हो , तो सोचा क्यों ना तुम्हे सरप्राइज दिया जाये”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“आई लव इट , बाकि दोनों कहा है ?”,काशी ने पूछा
“दोनों अंदर है”,गौरी ने कहा। जैसा की दोनों गाड़ी के सामने खड़े होकर ही बातें कर रही थी इसलिए शिवम् ने हॉर्न बजाया। हॉर्न की आवाज से दोनों साइड हो गयी और शिवम् गाड़ी अंदर ले आया। उसने गाडी साइड लगाई और नीचे उतरा। सारिका और अनु भी गाड़ी से नीचे उतर गयी। काशी गौरी के साथ अपने माँ पापा की तरफ चली आई। गौरी ने उनके सामने आकर काशी से कहा,”लेट मी गेस ये है तुम्हारे पापा” कहते हुए गौरी ने शिवम् के सामने अपना हाथ बढ़ाया और कहा,”हेलो अंकल मायसेल्फ गौरी शर्मा , काशी की बेस्ट फ्रेंड”
“नमस्ते बेटा”,शिवम् ने गौरी से हाथ मिलाते हुए कहा
गौरी शिवम् से हटकर अनु के सामने आयी और कहा,”हे अनु मौसी आप सोच रही होंगी मैंने आपको कैसे पहचाना ? ये काशी है ना कॉलेज में हमेशा आपकी बाते करती रहती है मेरी मौसी ऐसी मेरी मौसी ये वो,,,,,,,,,,,,,,बट सीरियसली यू आर सो क्यूट एंड आई लव योर हेयर”
“ओह्ह्ह थैंक्यू बेटा , तुम भी बहुत प्यारी हो”,अनु तो बस अपनी तारीफ सुनते ही खुश हो जाया करती थी आखिर में गौरी पहुंची सारिका के सामने वह कुछ देर प्यार भरी नजरो से सारिका को देखते रही और फिर कहा,”आह्ह आंटी यू लुक लाईक अ दिवा , वो क्या कहते है हिंदी में ?,,,,,,,,,,,,आह्ह हाँ सादगी की मूरत,,,,,,,,,,,सच में आप बहुत ब्यूटिफुल है”
सारिका ने प्यार से गौरी के गाल को छुआ और कहा,”आप हम से ज्यादा खूबसूरत है”
जवाब में गौरी मुस्कुरा दी प्रिया और ऋतू अंदर कबसे इन सबके आने का इंतजार कर रही थी। दोनों बाहर आयी और एक साथ कहा,”अरे क्या यही खड़े रहने का इरादा है ? अंदर तो आओ”
काशी ने ऋतू और प्रिया को देखा तो मुस्कुरा उठी और सारिका की बाँह थामते हुए कहा,”माँ गौरी की तरफ ये दोनों भी हमारी दोस्त है वो ऋतू है और वो प्रिया”
सारिका दोनों को देखकर मुस्कुरा दी और फिर सब अंदर चले आये। पूरा घर डेकोरेट किया हुआ था काशी ने देखा तो गौरी से कहा,”ये सब क्या है ? आज कोई फंक्शन है क्या ?”
“आई न्यू इट तुम पक्का भूल जाओगी , आज तुम्हारे नानू नानी की वेडिंग एनीवर्सरी है भूल गयी ना तुम ?”,गौरी ने काशी को घूरते हुए कहा
सारिका अनु ने सूना तो उन्हें याद आया की आज तो उनके माँ-पापा की शादी की सालगिरह है। दोनों खुश भी थी की आज इस ख़ुशी के मोके पर दोनों उनके साथ थी। सारिका ने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”आपको पता था ना शिवम् जी ?”
जवाब में शिवम् मुस्कुरा दिया। अधिराज जी और अम्बिका कमरे से बाहर आये शिवम् , सारिका और अनु को देखते ही उनकी बूढी आँखों में चमक उभर आयी। अनु बच्चो की तरह दौड़कर अधिराज जी के पास गयी और उनके गले लगकर कहा,”ओह्ह्ह डेड कितने दिनों बाद आपसे मिल रही हूँ। हैप्पी एनिवर्सरी”
“थैंक्यू बेटा”,अधिराज जी ने कहा तो अनु उनसे हटकर अम्बिका के सामने आयी और उनके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा,”हैप्पी एनिवर्सरी माँ , मैंने आपके लिए लड्डू भेजे थे कैसे लगे आपको ? देखा आप कहती थी ना की ससुराल जाकर डांट सुनने वाली हूँ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मेरे साथ उलटा मैंने सब बनाना सीख लिया आई से”
“अरे बेटा आराम से , एंड थैंक्यू सो मच और तुम्हारे बनाये लड्डू बहुत बहुत अच्छे थे”,अम्बिका ने कहा
“काशी की मौसी सच में एंटीक पीस है”,गौरी धीरे से ऋतू के कान में फुसफुसाई
“जब 20-22 की होंगी ना तब बिल्कुल तुम्हारी तरह रही होगी”,प्रिया ने कहा तो ऋतू हसने लगी। गौरी ने पहले मुंह बनाया और फिर खुद भी उनके साथ हंस पड़ी। शिवम् ने आकर अधिराज जे पैर छूने चाहे तो अधिराज जी ने रोक दिया और गले लगाते हुए कहा,”इस बार आने में बहुत वक्त लगा दिया बेटा”
“माफ़ कीजियेगा पापा काम और जिम्मेदारियों में वक्त ही नहीं मिला”,शिवम् ने कहा
सारिका भी आकर अपने माँ पापा से मिली और उन्हें विश किया। अधिराज जी ने देखा सिर्फ शिवम् , सारिका और अनु है लेकिन मुरारी कही नजर नहीं आ रहा तो उन्होंने अनु से कहा,”अनु बेटा , छोटे दामाद जी नहीं आये ?”
“पापा अब वो सिर्फ छोटे दामाद जी नहीं रहे , बनारस के बड़े विधायक हो गए हम लोगो के लिए उनके पास टाइम कहा ?”,अनु ने बेरुखी से कहा
“अनु,,,,,,,,,,,,कुछ भी बोलती हो”,कहते हुए सारिका अधिराज जी के पास आयी और उनके हाथो को अपने हाथो में लेकर प्यार से कहने लगी,”पापा आप तो जानते है ना मुरारी भैया पर अब बहुत बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां है। बस उन्ही के चलते उनका हमारे साथ आना नहीं हो पाया पर उन्होंने कहा है की वो जल्दी आपसे मिलेंगे,,,,,,,,,,,,सच्ची”
अधिराज जी मुस्कुराये और कहा,”अपने पापा को कैसे बहलाना है आप अच्छे से जानती है ना सरू”
जवाब में सारिका भी मुस्कुरा दी। इतने में गौरी अपने हाथो में किचन से एक बड़ा सा केक लेकर आयी और कहा,”हैलो हैलो अटेंशन प्लीज , इट्स सेलेब्रेशन टाइम”
गौरी ने केक सेंटर टेबल पर रखा। सभी उसके इर्द गिर्द जमा हो गए। अधिराज जी और अम्बिका जी ने केक काटा सबसे पहले दोनों ने एक दूसरे को खिलाया और फिर बाकि सब बच्चो को। सभी बहुत खुश थे काशी और ऋतू अपने फोन से सेलेब्रेशन की तस्वीरें क्लिक कर रही थी। गौरी ने म्यूजिक सिस्टम पर एक पुराना गाना लगाया जो की अधिराज जी के ही ज़माने का गाना था और एनिवर्सरी कपल से एक छोटा सा डांस करने को कहा। शिवम् सारिका , अनु , काशी और ऋतू सोफों पर आ बैठे। अधिराज जी और अम्बिका उनके सामने खड़े थे गौरी को बैठने के लिए कोई जगह नहीं मिली तो वह शिवम् की बगल में सोफे के हत्थे पर आ बैठी। शिवम ने गौरी को देखा वह शिवम् से बेखबर अधिराज जी और अम्बिका को डांस के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी। म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा – “तेरा मेरा साथ रहे , तेरा मेरा साथ रहे”
गाना अधिराज जी का पसंदीदा था और इस पर डांस करना बनता था और आज तो दिन भी खास था,,,,,,,,,,,,,,,सभी इस खास दिन को इंजॉय करने लगे।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
अस्सी घाट की सीढ़ियों पर बैठा शक्ति अपनी ही किसी सोच में गुम था। जबसे काशी बनारस से वापस गयी थी तबसे ही शक्ति का कही मन नहीं लग रहा था। कल से वह बस घाट दर घाट घूमे जा रहा था। कभी कभी शक्ति की आँखों को देखकर लगता जैसे वह कुछ ढूंढ रहा हो लेकिन क्या ये कोई नहीं जानता था ? जानता भी कैसे वह ज्यादा किसी से बात कहा करता था बस हर बात का नपा तुला जवाब दिया करता था। शक्ति की जिंदगी का एक कड़वा अतीत था उसकी आँखों के सामने उसके माँ-बाप की मौत तो वही उसका एक सुखद अतीत भी था। सोच में डूबा शक्ति कुछ साल पीछे चला गया।
अतीत -:
13 साल का शक्ति अपने पापा के साथ पास ही के गाँव से शिवरात्रि की सुबह बनारस आया था। आज बनारस में बहुत भीड़ थी और हो भी क्यों ना आज शिवरात्रि जो थी। शक्ति अपने पापा का हाथ थामे हुए था ताकि भीड़ में कही खो ना जाये। उसके पापा उसे लेकर घाट पर चले आये। दोनों ने दर्शन किये और वहा से बाहर चले आये। अस्सी घाट के बाहर आज पूरा मेला लगा हुआ था। शक्ति को तो ये सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। वही पास में ही दो आदमी करतब दिखा रहे थे शक्ति चलते चलते रुक गया और उसके पापा आगे बढ़ गए। कुछ वक्त बाद शक्ति को अहसास हुआ की वह अपने पापा से बिछड़ गया है वह भीड़ में उन्हें ढूंढने लगा लेकिन वे उसे नहीं मिले। थककर शक्ति रोने लगा और घाट की सीढ़ियों पर आकर बैठ गया। हर आने जाने वाले लोगो में वह अपने पापा को ढूंढ रहा था लेकिन वे उसे नहीं मिले। वह रोता रहा तभी एक छोटी सी लड़की आकर उसके सामने खड़ी हो गयी और कहा,”तुम क्यों रो रहे हो ?”
“हमारे पापा कही खो गए है”,छोटे शक्ति ने लड़की से रोते हुए कहा
“ओफ्फो हमारे भी पापा खो गए है”,लड़की ने अफ़सोस जताते हुए कहा और अपने गालो पर हाथ लगाकर शक्ति के बगल में बैठ गयी। शक्ति ने उसे देखा और कहा,”तुम्हे डर नहीं लग रहा ?”
“हमे डर क्यों लगेगा ये बनारस हमारा शहर है और ये घाट हमारे घर , हम तो यहाँ रोज आते है”,लड़की ने अपनी नन्हे हाथो को नचाते हुए कहा तो शक्ति रोना भूल गया और उसकी तरफ देखने लगा। लड़की ने अपनी नन्ही नन्ही उंगलियों से शक्ति के गालो पर आये आंसुओ को पोछा और कहने लगी,”तुम रोना मत तुम्हारे पापा मिल जायेंगे , हम मिलकर प्रार्थना करते है और फिर महादेव से कहेंगे की वो हमारे और तुम्हारे पापा को यहाँ भेज दे ,,, ठीक है”
शक्ति अपने पापा से बिछड़ जाने से दुखी था उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन उस लड़की की बातें ना जाने क्यों उसे सही लगी और उसने धीरे से हाँ में गर्दन हिला दी। लड़की ने अपने हाथ जोड़े और देखा शक्ति अब भी वैसे ही बैठा है। लड़की ने शक्ति के दोनों हाथो को अपने हाथो से जुड़वाया और आँखे बंद करने को कहा। शक्ति का पता नहीं पर लड़की के होंठ बूंदबुदाने लगे और शक्ति बस एकटक उसे देखता रहा।
“बेटा आप यहाँ क्या कर रही है ? चलिए घर चलते है”,कुछ दूर खड़े शिवम् ने कहा
शिवम की आवाज सुनकर लड़की ने आँखे खोली और फिर शक्ति की और देखकर मुस्कुराते हुए कहा,”देखा हमने कहा था ना महादेव हमारी मदद करेंगे। तुम्हारे पापा भी आ जायेंगे बस तुम रोना नहीं”
शक्ति ने बस हाँ में अपनी गर्दन हिला दी। शिवम् लड़की को लेकर वहा से चला गया। शक्ति उसे जाते हुए देखता रहा उसके चेहरे पर फिर उदासी के भाव आ गए। लड़की ने पलटकर शक्ति को देखा और अपने हाथ से स्माइल का सिम्बल बनाकर शक्ति को मुस्कुराते रहने का इशारा किया और वहा से चली गयी।
नन्हे शक्ति के होंठो पर मुस्कान फिर तैरने लगी। कुछ देर बाद उसके पापा उसे ढूंढते हुए वहा आ गए और शक्ति उनके साथ चला गया।
वर्तमान -:
घाट की सीढ़ियों पर बैठा शक्ति मुस्कुरा रहा था उसकी आँखों में एक चमक थी और होंठो पर मुस्कान जो बहुत ही कम देखने को मिलती थी। पास ही बैठा विष्णु ख़ामोशी से उसे देखे जा रहा था और शक्ति को इस बात का अहसास तक नहीं था की विष्णु कब आया और कब से उसके पास बैठा है
Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40 Main Teri Heer – 40
क्या गौरी जीत पायेगी शिवम् सारिका का दिल ? क्या काशी गौरी को शक्ति के बारे में बताएगी या उसे भूल जाएगी ? बचपन में शक्ति से मिलने वाली वह लड़की कौन थी गौरी या कोई और ? जानने के लिए सुनते / पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 41
Read More – “मैं तेरी हीर” – 39
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संजना किरोड़ीवाल