Main Teri Heer – 1
पिछले सीजन में आप सबने बहुत कुछ पढ़ा। काशी और शक्ति के बीच हुई गलतफहमियां , गौरी की सगाई की तैयारियां , मुरारी की रंगबाजी , शिवम् सारिका का प्यार , राजन और मुन्ना की दोस्ती , वंश और निशि की बढ़ती नजदीकियां और वंश के लिये मुन्ना का प्यार जो उसे मुंबई तक खींच लाया था।
इतना सब होने के बाद भी कहानी कुछ कुछ अधूरी लगती है इसलिए अब आगे,,,,,,,,,,,,,,,,
मुंबई , वंश का फ्लैट
मुन्ना को गले लगाए वंश ये महसूस कर सकता था कि इस दुनिया में मुन्ना से ज्यादा प्यार उसे कोई नहीं कर सकता साथ ही उसने निशि का हाथ भी पकड़ा हुआ था क्योकि धीरे धीरे ही सही निशि वंश के दिल में अपने लिये जगह बनाने लगी थी। वंश के गले लगे हुए मुन्ना ने धीरे से कहा,”छोड़ दो कलाई में बल पड़ जाएगा।”
वंश ने सुना तो एकदम से निशि का हाथ छोड़ दिया और मुन्ना से दूर होकर कहा,”तुम्हारे पीछे भी आँखे है क्या ?”
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”नहीं ! पर हम तुम्हे बहुत अच्छे से जानते है।”
कहते हुए मुन्ना वंश के थोड़ा करीब आया और धीरे से कहा जिस से निशि ना सुन सके,”पसंद करते हो ना इसे ?”
वंश शरमाते हुए अपने बालों में हाथ घुमाने लगा और कहा,”ऐसा कुछ नहीं है मुन्ना”
“चलो अच्छा है एक ही मंडप में दोनों के फेरे हो जायेंगे , बड़े पापा का खर्चा भी बच,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने निशि की तरफ पलटते हुए इतना ही कहा कि वंश ने मुन्ना का मुँह बंद करते हुए निशि से कहा,”ए निशि ! तुम अब तक यही खड़ी हो , घर जाओ अपने क्या यही रहने का इरादा है ?”
निशि को वंश से ये उम्मीद तो बिल्कुल नहीं थी इसलिए उसने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा,”मेरे इतने बुरे दिन भी नहीं आये है कि मैं यहाँ इस घर में तुम्हारे साथ रहू।”
“वाह वाह वाह , ऐटिटूड तो देखो ,, भूलो मत तुम कल इसी घर में थी , मेरे साथ,,,,,,,,!!”,वंश ने मुन्ना को साइड करके थोड़ा सा तेज आवाज में कहा
“फॉर योर काइंड इन्फॉर्मेशन मिस्टर गुप्ता मैं यहाँ तुम्हारे लिये ही थी तब तो कैसे भीगी बिल्ली बने थे मैं बीमार हूँ , मुझे डॉक्टर के पास जाना है,,,,,,,,,,,,,,,
तुम्हे डॉक्टर के पास मैं ही लेकर गयी थी समझे , और तुम्हारे लिये सूप भी मैंने ही बनाया था,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने भी माथे पर आये बालों को फूंक मारकर उड़ाते हुए गुस्से से कहा।
बेचारा मुन्ना उन दोनों का ये ड्रामा देखकर मन ही मन अपने कहे शब्दों पर अफ़सोस जता रहा था।
“सूप ? उसे तुम सूप कहती हो,,,,,,,,,,,,,हहहह गरम पानी भी उस से बेटर होता है।”,वंश ने निशि का मजाक उड़ाते हुए कहा जिस से निशि और ज्यादा चिढ गयी और वंश के पैर पर अपना पैर मारते हुए कहा,”तो खुद बना के पी लेना।”
“आह्ह्ह्ह , तुम कितनी निर्दयी हो ,, हाय मेरा पैर,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे तो मैं छोडूंगा नहीं , छिपकली कही की,,,,,,!”,वंश ने अपने पैर को देखते हुए कहा
“और तुम चिरकुट,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा और जोर से दरवाजा बंद कर वहा से चली गयी।
निशि के जाते ही वंश ने अपने सीने पर हाथ रखा और पलटते हुए कहा,”हहहह थैंक गॉड वो चली गयी , अब मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,अरे तुम यही खड़े हो मुझे लगा तुम फ्रेश होने चले गए होंगे।”
“हो गया तुम्हारा ?”,मुन्ना ने बिना किसी भाव के वंश को देखते हुए कहा
जवाब में वंश ने एक बड़ी सी स्माइल दे दी।
“ये बताओ निशि को परेशान करके तुम्हे क्या मिलता है ?”,मुन्ना ने अपने दोनों हाथो को आपस में बांधते हुए पूछा
“सुकून,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
मुन्ना एकटक वंश को देखने लगा तो वंश ने आगे कहा,”उस छिपकली को परेशान करके मुझे बड़ा मजा आता है मुन्ना , जब वो चिढ़ती है तो और भी खूबसूरत लगती है और गुस्से में तो पूछ मत,,,,,,,,,,,
उसको तंग करके मुझे बहुत अच्छा लगता है एटलीस्ट मेरे तंग करने पर उसके अंदर जो फ्रस्ट्रेशन है वो सब निकलकर बाहर आ जाती है। मैं उसको जिंदगीभर ऐसे ही तंग करने वाला हूँ , अह्ह्ह्ह कितना मजा आएगा,,,,,,,,,,,,,,!!”
फ्लो फ्लो में वंश मुन्ना के सामने अपने दिल की बात बोल गया और जब उसे अहसास हुआ तो उसने जल्दी से बात बदलते हुए कहा,”ए मुन्ना तुम कही जाना नहीं मैं फ्रेश होकर आता हूँ। तब तक तुम बैठो एंड कुछ चाहिए तो किचन से ले लेना,,,,,,,,,,,,,,मैं बस अभी आया।”
कहकर वंश वहा से अपने कमरे में भाग गया। मुन्ना हल्का सा मुस्कुराया और बालकनी की तरफ चला आया। बालकनी में आकर मुन्ना बाहर के नज़ारे देखने लगा। मौसम काफी खराब था , आसमान बादलों से घिरा हुआ था और बारिश होने के आसार थे। मुन्ना को ऐसा मौसम बहुत पसंद था। वह वही खड़े होकर उन नजारों को अपनी आँखों में भरने लगा। कुछ देर बाद ही उसका फोन बजा।
“हाँ हम मुंबई में ही है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सधे हुए स्वर में कहा
“आज शाम मिलो , तुम्हे जो जानकारी चाहिए वो तुम्हे मिल जाएगी,,,,,!!”,दूसरी तरफ से एक रौबदार आवाज आयी
“तुम चाहते तो हमे ये सब फोन पर भी बता सकते थे , फिर हमे मुंबई क्यों बुलाया ?”,मुन्ना ने पूछा
“मुझे तुमसे मिलना था , देखना चाहता था आखिर कौन हो तुम जो मेरे कहने पर मुंबई तक चले आये ?”,आदमी ने कहा
“हम्म्म , ठीक है। हमे कहा आना होगा ?”,मुन्ना ने कहा
“एड्रेस और टाइम मैं तुम्हे मैसेज कर दूंगा। तब तक मुंबई घूमो,,,,,,,,,!!”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया
“हेलो,,,,,,,,,,,,,,हेलो !”,मुन्ना ने कहा लेकिन तब तक फोन कट चुका था। मुन्ना ने नंबर दोबारा डॉयल किया लेकिन तब तक नंबर स्विच ऑफ हो चुका था।
मुन्ना के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। वह मुंबई किसी खास काम से आया था और उसे आज ही वापस निकलना था लेकिन इस आदमी से उसे अटका दिया। मुन्ना बाहर देखते हुए उस आदमी के बारे में सोचने लगा।
इंदौर , गौरी का घर
सुबह का समय था बाकि दिनों के बजाय गौरी आज जल्दी उठ गयी थी। उसकी और मुन्ना की सगाई में सिर्फ एक हफ्ता ही बचा था और गौरी अपनी सगाई को लेकर कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड थी। उसने सगाई में पहनने के लिये जो लहंगा खरीदा था उसे अपने बिस्तर पर फैलाया हुआ था और अपना बाकि सामान भी यहाँ वहा फैला रखा था। गौरी ने वाइन कलर का लहंगा खरीदा था जो कि दिखने में बहुत ही प्यारा लग रहा था। गौरी ने अपने फोन से उसका एक फोटो लिया और मुन्ना को भेज दिया।
फ्लैट की बालकनी में खड़े मुन्ना का फोन बजा उसने देखा गौरी का मैसेज है तो वह मुस्कुरा दिया और मैसेज देखा। लहंगे की फोटो देखकर मुन्ना ने लिख भेजा,”अच्छा है,,,,,,,,,,,!!”
गौरी का फोन बजा तो उसने जल्दी से मैसेज खोलकर देखा। अच्छा है पढ़कर उसका मुंह बन गया और उसने लिख भेजा “ये क्या सिर्फ अच्छा है , मुझे लगा तुम कहोगे ये बहुत ज्यादा सुन्दर है।”
मुन्ना को गौरी का मैसेज मिला इस बार वह मुस्कुराने के साथ साथ धीरे से हंसा भी और लिख भेजा,”बहुत सुन्दर तो ये तब लगेगा जब तुम इसे पहनोगी।”
गौरी ने मुन्ना का मैसेज देखा तो मुस्कुरा उठी इस बार उसने मुन्ना को जवाब नहीं दिया बल्कि सीधा उसे फोन ही लगा दिया।
दूसरी तरफ मुन्ना ने फ़ोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हम्म्म कहिये।”
“ऐसे बोलोगे तो मैं कुछ बोल नहीं पाऊँगी मान”,गौरी ने धड़कते दिल के साथ कहा क्योकि एक तो मुन्ना की आवाज और उस पर उसका इतना सादगी से बात करना किसी भी लड़की के दिल को धड़काने के लिये काफी था।
“आज तुम जल्दी उठ गयी,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी को खामोश पाकर मुन्ना ने पूछा
“तुम्हे याद होगा एक हफ्ते बाद हमारी सगाई है , तुमसे मिलने की ख़ुशी में आजकल मुझे नींद ही नहीं आती है,,,,,,,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा और जैसे ही पलटी नंदिता को अपने कमरे में पाया। नंदिता को नहीं पता था फोन के दूसरी तरफ उनका होने वाला दामाद है उन्होंने बस गौरी के आखरी शब्द सुने थे इसलिए हाथ में पकडे बैग सोफे पर रखते हुए कहा,”ये सुबह सुबह किसे झूठी कहानिया सूना रही हो तुम ? तुमने कहा तुम्हे नींद नहीं आती , बेटा जरा उनको ये भी बताओ रातभर उल्लू की तरह जागती हो तुम और उसके बाद दोपहर लंच के टाइम तुम्हारी आँखे खुलती है।
4 दिन से तुमने बिस्तर से बेडशीट नहीं बदली है , कमरे में घुसो तो ऐसे लगता है जैसे किसी कबाड़ख़ाने में आ गए हो। हर जगह तुम्हारे कपडे और मेकअप का सामान बिखरा हुआ है। बाथरूम से लेकर घर के किचन तक में तुम बस सोते रहती हो,,,,,,,,,,,,,,कभी कभी तो लगता है तुम मेरी औलाद हो ही नहीं,,,,,,,,,,,,,,अब ये फोन रखो और इस कमरे को इंसानो के रहने लायक बनाओ,,,,,,,,,,,,!!”
नंदिता की सब बातें मुन्ना तक पहुँच गयी और वह बस हँसे जा रहा था। नंदिता के मुंह से गौरी की शिकायते सुनकर मुन्ना को बड़ा मजा आता था। दूसरी तरफ बेचारी गौरी अपनी बेइज्जती पर बस रोनी सी सूरत बनाकर खड़ी थी।
“हे भगवान ! इस लड़की का मैं करू , गौरी बेटा मैंने कुछ कहा तुम से , ध्यान कहा है तुम्हारा ?”,नंदिता ने पहले बहुत प्यार से कहा और थोड़ा तेज आवाज में जिस से गौरी की तंद्रा टूटी और वह हड़बड़ा कर आगे बढ़ी जिस से उसका पैर कालीन में उलझा और वह सीधा सोफे पर रखे बैग्स पर आ गिरी जिन्हे नंदिता लेकर आयी थी।
अब गौरी सोफे पर थी तो यकीनन बैग जमीन पर होंगे,,,,,,,,,,,,,!
नंदिता ने अपना सर पीट लिया और गुस्से से कहा,”आधे घंटे के अंदर अंदर मुझे ये कमरा साफ चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह , ओह्ह्ह्ह आंटी क्या हुआ आप इतना गुस्से में क्यों है ?”,दरवाजे से अंदर आते हुए काशी ने कहा
“देखो ना काशी तुम्हारी ये दोस्त , अगले हफ्ते इसकी सगाई है और कुछ महीनो बाद शादी लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं है। तुम ही इसे समझाओ,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए नंदिता कमरे से बाहर चली गयी।
“क्या हुआ आंटी इतना गुस्से में क्यों है ?”,काशी ने गौरी की तरफ आते हुए पूछा
गौरी ने हाथ से इशारा किया और फिर सम्हलकर उठते हुए कहा,”हेलो मान,,,,,,,,,,,,,आई होप की तुमने कुछ नहीं सुना होगा।”
मुन्ना ने खुद को नार्मल किया और कहा,”तुम उन्हें इतना परेशान क्यों करती हो ?”
“अह्ह्ह तो मैं और किसे परेशान करू ?”,गौरी ने मासूमियत से कहा
“हमे करो , तुम हमे परेशान कर सकती हो”,मुन्ना ने बड़े ही प्यार से कहा
“हाहहहह क्या सच में ?”,गौरी ने कहा
“हाँ ! तुम हमे परेशान कर सकती हो तुम्हे पूरा हक़ है।”,मुन्ना ने कहा
“वो तो मैं करुँगी ही,,,,,,,,,,,,लेकिन फ़िलहाल मॉम मुझे परेशान करके चली गयी है ,, आधे घंटे में ये सब कैसे साफ होगा ? मुझे तो देखकर ही चक्कर आ रहा है।”,गौरी ने अपना सर पकड़ते हुए कहा
“डोंट वरी मेडम ये हम कर देंगे , आप हमारे भैया के साथ लगी रहिये।”,काशी ने नीचे गिरे बैग्स उठाते हुए कहा
“ओह्ह्ह काशी तुम कितनी अच्छी हो , आई लव यू,,,,,,,,!!”,गौरी कहते हुए बालकनी की तरफ चली आयी
गौरी के मुंह से काशी का नाम सुनकर मुन्ना ने कहा,”ए ! तुम हमारी बहन से काम करवा रही हो ?”
“तुम्हे बुरा लग रहा है तो तुम कर दो,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने बेपरवाही से कहा
“हाँ तो हम कर देंगे , घर पर हमारा कमरा हम खुद ही साफ करते है।”,मुन्ना ने कहा
“शादी के बाद भी तुम ही साफ करना,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“ठीक है कर देंगे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“हाह सच में ? अरे नहीं मैं बस मजाक कर रही हूँ ,, तुम्हे ये सब करने की जरूरत नहीं,,,,,,,,,,लड़के होकर तुम ये सब करोगे वो भी मेरे होते हुए , कितनी इंसल्ट होगी मेरी”,गौरी ने कहा
“कहा लिखा है लड़के ये सब नहीं करते ? जरूरत पड़ी तो हम तुम्हारे लिये सब करेंगे,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“क्या क्या करोगे ?”,गौरी ने भी उतने ही प्यार से कहा
“अपना कमरा साफ करेंगे , बिस्तर साफ करेंगे , तुम्हारे कपडे तह कर देंगे , तुम्हारे लिये खाना भी बना देंगे रोज नहीं पर कभी कभी और कभी कभी तुम बहुत ज्यादा थक जाओगी तो तुम्हारा सर भी दबा देंगे और ये सब करने में हमे ज़रा भी झिझक या शर्म महसूस नहीं होगी क्योकि ये हम तुम्हारे लिये करेंगे”,मुन्ना ने बड़े ही प्यार से कहा
गौरी तो बस उसकी बातो में खो ही गयी और कहा,”अगर ऐसा कहोगे तो मैं कल ही बनारस आ जाउंगी,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना हसने लगा और कहा,”अभी नहीं थोड़ा सब्र करो फिर हम खुद तुम्हे बनारस लेकर आएंगे पुरे हक़ से,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अच्छा सुनो मुझे तुमसे एक जरुरी बात करनी थी , तुम सगाई में क्या पहनने वाले हो ?”,गौरी ने एकदम से पूछा
“हमने अभी कुछ सोचा नहीं है,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“क्या ? सोचा नहीं है , मान अगले हफ्ते हमारी सगाई है और अभी तक तुमने कुछ सोचा नहीं,,,,,,,,,,,,,,अच्छा छोडो मैंने तुम्हारे लिये कुछ सोचा है। तुम मेरे लहंगे से मैचिंग का सूट पहनना और उसके साथ बो ,, आई नो तुम उसमे काफी हेंडसम लगोगे,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने खुश होकर कहा
मुन्ना गौरी की बात का जवाब देता इस से पहले ही वंश ने आकर कहा,”मुन्ना,,,,,,,,,,,,,!!”
“गौरी ! हम तुम्हे बाद में फोन करते है , अभी हमे जाना होगा,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हाँ हाँ चलेगा लेकिन तुम सूट और बो भूलना मत,,,,,,,,,,,,,,सगाई में तुम वही पहनने वाले हो,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“हम्म्म ठीक है हम सोचकर बताएँगे,,,,,,,,,,,!”,कहकर मुन्ना ने फोन काट दिया
“क्या सोचकर बताने वाले हो तुम ?”,वंश ने बालकनी में आकर मुन्ना के बगल में खड़े होकर कहा
“गौरी चाहती है सगाई में हम उसके लहंगे से मैच करता सूट पहने,,,,,,,,,,,,,,,,बो के साथ”,मुन्ना ने थोड़ा रूककर कहा
“हाउ बोरिंग,,,,,,,,,,,,उसमे तुम जोकर लगोगे,,,,,,,,,,!!”,वंश ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा
“आई नो लेकिन ये बात उसने कौन समझायेगा ?”,मुन्ना ने भी सामने देखते हुए कहा
“तुम ये सब नहीं पहनोगे , मैं तुम्हारा भाई हूँ मैं डिसाइड करूंगा तुम सगाई में क्या पहनने वाले हो।”,वंश ने मुन्ना की तरफ पलटकर कहा
“वो सब बाद में देखंगे , हम आज आज यही रुकेंगे कल सुबह बनारस जायेंगे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“सच ? ओह्ह्ह मुन्ना थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,,,,अब चलो मेरे साथ,,,,,,,!!”,वंश ने मुन्ना के गले लगते हुए कहा
“कहा ?’,मुन्ना ने पूछा
वंश ने आँखों में चमक भरते हुए कहा,”मेरे सपनो की दुनिया में,,,,,,,,,!!”
कुछ देर बाद दोनों भाई फ्लेट से बाहर निकल गए,,,,,!!
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