Main Teri Heer – 7
विधायक ऑफिस के मुरारी ने चौहान साहब को ऐसा कुछ कह दिया जिस से चौहान साहब चिढ गए। हालाँकि चौहान साहब पहली बार बनारस आये थे इसलिए मुरारी के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी उन्हें लगा जैसे बाकि विधायक चुपचाप उनकी बात मान लेते है मुरारी भी वैसे ही उनकी हर बात सुनेगा लेकिन यहाँ थोड़ा उल्टा था मुरारी जिसने मर्दो में शिवम् के अलावा किसी के बाप की नहीं सुनी वो भला चौहान साहब से क्या ही डरता ? चौहान साहब अपनी गाड़ी में आ बैठे और वहा से निकल गए।
मुरारी घर जाने के लिये अपनी गाड़ी की तरफ आया तो विधायक ऑफिस के कुछ लोग मुरारी के पास चले आये जो मुरारी के अच्छे दोस्त भी थे। उन्हें देखकर मुरारी मुस्कुरा उठा और आँखों से चश्मा हटाकर कुर्ते में टांग लिया।
“तो का सोचे हो मिश्रा जी इस साल फिर से इलेक्शन मा खड़े हो रहे हो कि नाही ?”,मुरारी के दोस्त यादव जी ने पूछा
“अरे नहीं यादव जी , बहुते मुश्किल से जे राजनीती के चक्कर से निकले है अब फिर से इस दलदल में घुसना,,,,,,,,,,,,,,,ना हमसे ना हो पायेगा।”,मुरारी ने कहा
“अरे मिश्रा समझो बात को इस साल युवा नेता के लिये इलेक्शन होने वाले है,,,,,,,,,,,,,!!”,दूसरे आदमी ने कहा
“तुमको हम कहा से 26 साल के बांके नौजवान लगते है बे ? आधार कार्ड मा इतनी उम्र हो चुकी है हमरी की पेंसन लेने जाये तो सरकार कल से ही देना शुरू कर देंगी , अब जे इलेक्शन लड़ने की उम्र ना रही है हमारी,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“अरे तो मुरारी तुम नहीं तो कोई और सही , अपने बेटे को काहे नहीं खड़ा कर देते इलेक्शन मा ? राजनीती का ज्ञान तो तुमको है ही और हम सुने है अपने लौंडे से कि तुम्हरा बेटा कॉलेज मा 5 साल “युवा नेता” रहा है। हम तो कह रहे है मुरारी राजनीती ना किसी को बिरासत में नाही मिलती पर तुम ससुरे लकी हो जो तुमको अपने चाचा से और तुम्हे बेटे को अब तुम से मिल सकती है।”,यादव जी ने कहा
मुरारी ने सुना तो कुछ देर के लिये सोच में पड़ गया आखिर यादव जी ने जो कहा वो था तो सही ही और फिर मुरारी ने भले ही राजनीती छोड़ दी हो लेकिन आज भी उसके दिल में कही ना कही इसका असर बाकि था।
अगले ही पल मुरारी को मुन्ना का ख्याल आया जिसे राजनीती से सख्त नफरत थी , मुन्ना कभी इस राजनीती में नहीं आयेगा ये बात मुरारी जानता था इसलिए फीका सा मुस्कुराया और कहा,”मतलब राजनीती में हमरे चचा पेले गए उसके बाद हम पेले गए और तुम सब चाहते हो हमरे मुन्ना भी पेले जाये,,,,,,,,,,,,जे तो मुमकिन ना है ,, का है कि मुन्ना और राजनीती का साँप और नेवले जैसा रिश्ता है दोनों एक साथ नहीं रह सकते ,, मुन्ना अगर राजनीती में आया तो उह जे सब को जड़ से खत्म कर देगा वरना राजनीती उसको खत्म कर देगी।
हमरा मुन्ना बहुते सीधा-साधा लड़का है उसको भैया जे राजनीती से दूर ही रहने दो,,,,,,,,,!!”
“तुम कहते हो तो ठीक है मिश्रा फिर भी मैंने जो कहा ज़रा सोचना उसके बारे में,,,,,,,,,,,,,!!”,यादव जी ने कहा
“अरे विधायक जी सुने है मुन्ना की सादी कर रहे है आप ?”,साथ खड़े एक आदमी ने कहा
“अरे सादी नहीं सगाई , आने वाले बुधवार को है हम तो कहते है आप सब भी चलिए मुन्ना की सगाई में इंदौर,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने खुश होकर कहा
“इंदौर ? मिश्रा जी बनारस में का लड़कियों की कमी थी जो इति दूर रिश्ता किया है अपने लड़के का ?”,आदमी ने कहा
“अरे उह का है हमरा बेटा हमसे भले पूरा डिफरेंट हो लेकिन एक मामले में हम से दुइ कदम आगे है और उह है मोहब्बत,,,,,,,,,,,,,,,,अब भैया मोहब्बत के चक्कर में मुन्ना के बाप बम्बई तक जा सकते है तो इंदौर का चीज है,,,,,,,,,,,,,,,अभी हमहू चलते है सगाई के बहुत से काम बाकि पड़े है ,, और हाँ याद रखियेगा आना है आपको”,मुरारी ने हाथ जोड़कर कहा
सभी हँसते मुस्कुराते मुरारी को नमस्ते कर वहा से चले गए। मुरारी भी ख़ुशी ख़ुशी जाने के लिये जैसे ही पलटा अपने पीछे खड़ी उर्वशी से टकराया। घबराकर मुरारी ने अपना हाथ सीने पर रख लिया , बेचारे मुरारी का कलेजा बाहर आते आते बचा।
स्लीवलेस ब्लाउज पर लाल रंग की साड़ी , आँखों में गहरा काजल , होंठो पर लाली , कानों में झुमके , गले में सोने की बारीक़ चैन , और परफ्यूम की आती भीनी भीनी खुशबु जो किसी को भी मदहोश करने के लिये काफी थी लेकिन आज पहली बार हमारे मुरारी भैया ने यहाँ होश से काम लिया क्योकि डेढ़ लाख वाले हार का थप्पड़ उसे आज भी याद था।
मुरारी ने पीछे हटते हुए कहा,”अरे ! आप हिया का कर रही है ?”
उर्वशी ने मुरारी के सवाल का जवाब नहीं दिया उलटा उसके करीब आकर कहा,”आप सबको किसी सगाई में आने के लिये इन्वाइट कर रहे थे ? क्या मुझे नहीं करेंगे ? क्या मैं आपकी कुछ नहीं लगती ?”
बेचारा मुरारी , आखिर था तो एक मर्द ही ना अपनी भावनाओ पर कितना कंट्रोल कर पाता इसलिए कहा,”अरे नहीं नहीं ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,आप भी तो अपनी ही,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट,,,,,,,!!”
कहते हुए मुरारी का फोन बजा उसने अपनी बात बीच में रोककर जेब से फोन निकाला और स्क्रीन को देखा तो आगे के शब्द गले में ही अटक गए और मुरारी एकदम से अपनी रंगबाज दुनिया से बाहर आया और उर्वशी से कहा,”अपनी कौन अपनी ? तुमने का हमको राखी बाँधी है ? मान ना मान मैं तेरा मेहमान , अरे हमने तुम्हरी थोड़ी सी मदद का कर दी तुमहू तो फॅमिली बनने का सोच रही,,,,,,,,,देखो ऐसा है बहिन हमरा रास्ता छोड़ो और कोनो ढंग का आदमी देख के सादी कर ल्यो”
कहते हुए मुरारी ने उर्वशी को साइड किया और गाड़ी में बैठकर वहा से निकल गया
“इसे क्या हो गया ? कुछ भी हो मिश्रा जी पता तो मैं लगाकर रहूंगी आखिर आपके घर में ऐसी कौनसी खिचड़ी पक रही है जिसे ये उर्वशी नहीं खा सकती”,उर्वशी ने अपने बालों की चोटी को घुमाते हुए कहा और वहा से चली गयी
मुरारी विधायक ऑफिस से काफी दूर निकल आया तो एक बार फिर उसका फोन बजा जो कि अनु का ही था। जीप में बैठे बैठे मुरारी ने फोन उठाकर कान से लगाया कि मुरारी को एक बार फिर ब्रेक लगाना पड़ा और इस बार भी सामने वही आदमी था जिस से मुरारी सुबह मिला था। मुरारी नीचे उतरा और कहा,”अबे ! बैल बुद्धि हर बार तुमको हमरी ही जीप मिलती है का सामने आने के लिये,,,,,,,,,,,!!”
“मुरारी ! कहा हो तुम ? एक फोन उठाने में इतना वक्त लगता है क्या ? कही तुम फिर से अपनी रंगबाजी के चक्कर में तो नहीं पड़े हो ?”,दूसरी तरफ से अनु ने फोन पर कहा
एक तो मुरारी आदमी पर वैसे ही झुंझलाया हुआ था ऊपर से अनु का शक करना आग में घी डालने का काम कर गया मुरारी ने आदमी को छोड़ा और अनु पर भड़कते हुए कहा,”अरे कौनसी रंगबाजी कर लेंगे जे उम्र मा हम ? सुबह तुम्हरे सामने ही तो बिधायक ऑफिस गए थे न तो वही से लौट रहे है वापस,,,,,,,,,,,अब गाड़ी चला रहे है तो फोन उठाने में लग गया थोड़ा बख्त इह का मतलब जे थोड़ी है साला हमहू दिनभर रंगबाजी ही करते है,,,,,,,,,,,
इतना सक तो साला तुमहू जवानी में न की हो हम पर जो अधेड़ उम्र मा कर रही हो और तुमको का लगता है मिश्राइन की बनारस की सारी लड़किया सज सवंर कर हमरे लिये खड़ी होंगी कि कब मुरारी मिश्रा आये और उनसे बतियाये,,,,,,,,,,,अरे जितनी हमारी उम्र है न जे हिसाब से बनारस की सब लड़किया हुई हमारी बेटी जैसी अब का उनसे नैन लड़ाएंगे हम,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अच्छा और जो तुम्हारी उम्र की है वो,,,,,,,,,,,,?”,अनु ने गुस्से से पूछा
“वो , वो , वो,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी की जबान लड़खड़ाई अब अपने ही पासवर्ड को भला बहन कैसे बोल देता मुरारी
“देखा जवाब नहीं है ना तुम्हारे पास,,,,,,,,,,,नहीं तुम करो रंगबाजी मुरारी लेकिन ध्यान रखना मुन्ना की सगाई और तुम्हरे तिये का फंक्शन साथ रखी है हम,,,,,,,!!”,अनु ने बिदकते हुए कहा
“अरे का अंट शंट बके जा रही हो अनु , तुम हो कहा जे बताओ हम पहुँचते है,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“जहन्नुम में,,,,,,,,!!”,अनु ने गुस्से से कहा और फोन पटक दिया
“ठीक है तुम वही रुको हम अभी आते है,,,,,,,,,,,,आते का पहुँचते है गोली की रफ़्तार से,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और फोन काटकर जेब में रख लिया। वह वापस गाड़ी की तरफ जाने लगा और फिर पलटकर आदमी से कहा,”सुनो बे तपड़झंटुस , हिया आव”
“जी विधायक जी,,,,,,,,!”,आदमी ख़ुशी ख़ुशी हाथ जोड़ते हुए मुरारी के पास आया तो मुरारी पहले तो उसे देखकर मुस्कुराया फिर उसकी गर्दन दबोचते हुए कहा,”साले सुबह से तुम्ही मिल रहे हो हमे ,
तुम्ही हो हमरी विवेक ओबोरॉय जैसी जिंदगी के सलमान खान,,,,,,,,,,,,,,,,,साले अगली बार गाड़ी के सामने आये ना तो इतना पेलेंगे पहिचान नहीं पाओगे खुद को”
“माफ़ कर दीजिये हम बस आपको सुक्रिया कहने आये थे”,आदमी ने मरे हुए स्वर में कहा तो मुरारी ने उसकी गर्दन छोड़ दी
आदमी ने खुद को सम्हाला और खांसते हुए कहा,”सुबह जो 500 रूपये हमको दिए रहय , हम फाउंडेशन खरीद के मेहरारू को दिए तब से बहुते चहक रही है। हमने सारी बात बताई तो बोली आपको थेंकु बोल दे,,,,,,,,,!!”
“तुम्हरे फाउंडेशन के चक्कर में साला हमरा पौडर बिखेर के बैठी है हमरी मेहरारू,,,,,,,,,,,,,एक बात बताओ जे का ऐसा कोनो उपाय है जिस से जे मेहरारू जो है उह हमेशा खुश रहे ?”,मुरारी ने आदमी के कंधे पर हाथ रखकर कहा
“है न , बिना कोई सवाल किये इनकी हाँ में हाँ मिलाय दयो जे खुश है,,,,,,!!”,आदमी ने मुरारी की तरफ देखकर कहा
“अबे सीधे सीधे काहे नहीं कहते “खुदखुशी कर ल्यो” जॉन तरह लड़की से हमहू ब्याह रचाहए है उनकी हाँ में हाँ मिलाने का मतबल है अपनी ही चिता खुद सजाना”,मुरारी ने कहा
“हम समझे नहीं,,,,,,,,!!”,आदमी ने सर खुजाते हुए कहा
“कभो बम्बइ गए हो ?”,मुरारी ने जीप में बैठते हुए कहा
“नहीं बनारस से बाहिर जाने का सोभाग्या कबो प्राप्त नहीं हुआ ?”,आदमी ने मसुमियत से कहा
“तो फिर तुम हमरा दुःख ना समझ सकी हो,,,,,,,,,,,,साइड हटो वरना सीधा हरिद्वार के दर्शन करवा देंगे”,कहते हुए मुरारी ने आदमी को झिड़क दिया और वहा से चला गया
“दी मुझे नहीं लगता मुन्ना को इनमे से कुछ भी पसंद आयेगा”,अनु ने थककर सोफे पर बैठते हुए कहा
“अनु तुम उसकी पसंद के विपरीत कपडे चुनोगी तो उसे कैसे पसंद आएंगे ?”,सारिका ने सहजता से कहा
“ठीक है फिर आप ही कुछ पसंद कीजिये”,अनु ने कहा
सारिका उठी और सेल्समेन के पास आकर उसे कुछ कलेक्शन के बारे में बताया तो सेल्समेन ने खुश होकर कहा,”मिल जायेंगे मेम , आप बैठिये मैं अभी लेकर आता हूँ।”
अनु और सारिका को ढूंढते हुए आई भी वहा चली आयी और कहा,”अरे तुम दोनों हिया काहे चली आयी ?”
“आई वो अनु को मुन्ना के लिये कपडे देखने थे इसलिये वो मदद के लिये हमे साथ ले आयी”,सारिका ने पलटकर कहा
“सही किया वैसे जे फैशन की देवी पर हमको जियादा भरोसा नहीं है , का पता सगाई के दिन हमरे मुन्ना को का बना दे फैशन के नाम पर,,,,,,,,,,,!”,आई ने अनु के बगल में बैठते हुए कहा
“आई मेरी पसंद इतनी अजीब है क्या ?”,अनु ने आई की तरफ देखकर मासूमियत से कहा
“उह तो बिटिया जे दिन सोचना था जब तुम हमरे मुरारिया को पसंद की,,,,,,,,!!”,आई ने अनु की तंग खींचते हुए कहा
आई के मुंह से मुरारी का नाम सुनकर अनु को एकदम से फोन वाली बात याद आ गयी और उसने मन ही मन कहा,”आपके मुरारी अब वो पहले वाले मुरारी कहा रहे है आई,,,,,,,,,,!!”
अनु को खोया देखकर आई ने कहा,”का हुआ ? अरे कहा खो गयी हम तो बस मजाक कर रहे थे ,, हमरा मुरारी और उनकी मैग्गी जैसा तो पुरे बनारस में कोनो नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”
अनु ने सुना तो आई को साइड हग किया और कहा,”आप दिन दिन बहुत नॉटी होती जा रही है।”
“आई , अनु ये ड्रेस कैसा है ?”,सारिका ने हाथ में पकडे कपड़ो की तरफ इशारा करके कहा
आई ने देखा तो आँखे ख़ुशी से चमक उठी लेकिन अनु के चेहरे पर 12 बजे थे उसने उठते हुए कहा,”दी , सीरियसली आपने मुन्ना के लिये ये पसंद किया है ? आप चाहती है इतने सारे डिजाइनर कपडे छोड़कर मुन्ना ये पहने,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह दी मुझे लगता है अभी आपकी तबियत ठीक नहीं है
हम लोग एक काम करेंगे मुन्ना को ही भेज देंगे कपडे लेने,,,,,,,,,,,भैया इन्हे रख दीजिये,,,,,,,,,और दी आप चलो मेरे साथ”
कहते हुए अनु सारिका और आई को वहा से ले गयी।
सारिका ने बेचारगी से आई को देखा तो आई ने पलकें झपका दी। सारिका समझ गयी कि अनु के सामने बहस करना या जिद करना बेकार है इसलिए तीनो बाकि शॉपिंग करने लगी।
तैयार होकर निशि जैसे ही नीचे आयी हॉल में बैठे नवीन ने कहा,”कहा जा रही हो ?”
“वो कोचिंग क्लास से मैसेज आया था कुछ जरूरी नोटस है वही लेने जा रही हूँ डेड”,निशि ने कहा
“कही जाने की जरूरत नहीं है , पता चले नोटस के बहाने फिर किसी के घर रुक जाओ”,नवीन ने थोड़ा कठोरता से कहा
“डेड,,,,,,,,,,!!”,निशि ने आँखों में आँसू भरकर कहा
“व्हाट डेड ? हमारी बात अभी पूरी नहीं हुई है निशि,,,,,,,,,,क्या तुम्हे अपने झूठ बोले जाने का ज़रा भी अफ़सोस है , बिल्कुल नहीं उलटा तुम आराम से बाहर जा रही हो,,,,,,,,,,,कही नहीं जाओगी तुम,,,,,,,,,,एंड इट्स माय आर्डर”,नवीन ने निशि की तरफ देखकर कहा
निशि की आँखों से आँसू गिरते गिरते बचे और उसने मन ही मन उबलते हुए कहा,”ये सब ना उस वंश की वजह से हुआ है , ना वो ये सब ड्रामे करता , ना मैं उसके घर रूकती , ना मुझे डेड से झूठ बोलना पड़ता और ना डेड मुझसे नाराज होते,,,,,,,,,,,,,,,उसे तो मैं छोडूंगी नहीं”
निशि ये सब सोच ही रही थी कि तभी बेल बजी और उसकी तंद्रा टूटी। बेल लगातार बजती रही तो किचन में काम करती मेघना ने कहा,”क्या कर रही हो निशि दरवाजा खोलो ना , कितनी देर से बेल बज रही है”
निशि हड़बड़ाई और दरवाजे की तरफ आकर जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़े वंश को देखकर उसका मुंह खुला का खुला रह गया।
अभी अभी वह वंश को कोस रही थी और अगले ही पल वंश उसके सामने खड़ा था। निशि को हैरान परेशान देखकर वंश ने कहा,”लगता है तुम मेरे ही बारे में सोच रही थी , ओह्ह्ह मेरे बारे में सोचना बंद करो वरना तुम्हे मुझसे प्यार हो जाएगा”
वंश की आवाज से निशि की तंद्रा टूटी और उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए। उसने वंश को खा जाने वाली नजरो से देखा और कहा,”प्यार और तुम से ,,,,,,माय फूट”
वंश कुछ कहता इस से पहले ही निशि ने जोर से दरवाजा उसके मुंह पर बंद कर दिया और अंदर चली आयी लेकिन अगले ही पल बेल बजी और निशि ने हाथ में पकड़ी बुक अपने ललाट पर मार ली।
Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7
Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7 Main Teri Heer – 7
Continue With Part Main Teri Heer – 6 ( Love Story )
Read Previous Part Here Main Teri Heer – 6 ( Love Story )
Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल