Sanjana Kirodiwal

Main Teri Heer – 63

Main Teri Heer – 63

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

वंश निशि को साथ लेकर घर के लिए निकल गया। निशि ने उसका जैकेट पहना था लेकिन उसे अभी भी ठण्ड लग रही थी। वंश कुछ गुनगुनाते हुए बाइक चला रहा था निशि ने सुना तो कहा,”तुम चाहो तो जोर से गए सकते हो , वैसे तुम इतना बुरा भी नहीं गाते,,,,,,,,,,,!!”
“हाह किसने कहा मैं बुरा गाता हूँ , मैं बहुत अच्छा गाता हूँ,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“अच्छा तो फिर गाकर सुनाओ , कोई गाना तुम्हारा फेवरेट होगा ना तुम वो गाओ”,निशि ने एकदम से वंश के कंधे पर हाथ मारकर कहा।


वंश ने ब्रेक लगाया निशि लगभग उस पर आ गिरी तो वंश ने कहा,”ए तुम मुझे आर्डर दे रही हो क्या ?”
“नहीं मैं तो बस तुम से गाना गाने की रिक्वेस्ट कर रही हूँ,,,,,,,,,,,,,प्लीज गाओ ना”,निशि ने मासूम बनते हुए कहा तो वंश पिघल गया और बाइक स्टार्ट करके कहा,”रिक्वेस्ट है तो फिर ठीक है , मुझे वैसे भी किसी के आर्डर मानना पसंद नहीं सिवाय मुन्ना के,,,,,,,,,!!”


“हम्म्म मैं जानती हूँ तुम मुन्ना भैया से बहुत प्यार करते हो , अच्छा अब बताओ तुम्हारा फेवरेट गाना कौनसा है ? क्यों ना तुम मुझे वही गाकर सुनाओ”,निशि ने खुश होकर कहा
“मेरा फेवरेट गाना “ये जमी रुक जाये आसमा झुक जाये” है लेकिन ये मैं नहीं गाऊंगा,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“हैं ये क्या बात हुई , इतना प्यारा गाना है तुम क्यों नहीं जाओगे और अभी कुछ देर पहले तुम यही गाना गुनगुना रहे थे ना,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा


“हाँ लेकिन मैं नहीं गाऊंगा तुम चाहो तो मैं तुम्हे कुछ और सुना सकता हूँ,,,,,,,,,लेकिन ये नहीं,,,,,,,,,!!”,वंश ने सीरियस होकर कहा
“पर क्यों ? एक मिनिट क्या इस गाने से तुम्हारा कोई पास्ट जुड़ा है ? अह्ह्ह्ह इसका मतलब तुम्हारा पहले भी कही चक्कर चल चुका है , इसलिए तुम ये गाना नहीं गए रहे ना ,कही तुम्हे उसकी याद आने लगे,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने अपनी तरफ से कोई कहानी बनाकर कहा


वंश ने सुना तो अजीब सा मुंह बनाया और कहा,”नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है , और मेरा किसी से कोई चक्कर नहीं चल रहा इन्फेक्ट मेरा तुम से भी कोई चक्कर नहीं चल रहा है,,,,,,!!”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा


“तो फिर तुम मुझे ये गाना क्यों नहीं सुना सकते ? ऐसा क्या है इस गाने में ?”,निशि ने भी लगभग चिढ़ते हुए कहा
वंश मुस्कुराया जो कि निशि को बाइक के मिरर में साफ़ दिखाई दे रहा था उसने कहा,”क्योकि मैं ये गाना उस लड़की के लिए गाना चाहता हूँ जिस से मुझे प्यार होगा,,,,,,,,,,,!!”
“मतलब तुम्हे अभी तक मुझसे प्यार नहीं हुआ ?”,निशि ने एकदम से कहा
“क्या ?”,वंश ने चौंककर कहा


“अह्ह्ह्ह मेरा मतलब क्या तुम्हे अभी तक किसी से प्यार नहीं हुआ है ?”,निशि ने तुरंत अपनी बात बदलकर कहा
“नहीं , इन्फेक्ट अटेचमेंट बहुत हुए है लेकिन ऐसा वाला प्यार किसी से नहीं हुआ जिसके लिए मैं ये गाना गा सकू , और तुम चाहती हो मैं ये गाना तुम्हारे लिए गाऊ ,, कभी नहीं , मेरा पहला किस आलरेडी तुम बर्बाद कर चुकी हूँ अब ये फीलिंग मैं बिल्कुल बर्बाद करना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,ये मैं सिर्फ और सिर्फ उसके लिए गाऊंगा जो मेरे दिल पर राज करेगी,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मुंह बनाकर कहा


निशि ने सुना तो बेचारी मायूस हो गयी लेकिन वंश की बात सुनकर उसे बहुत गुस्सा भी आया। उस गुस्से को कहा उतारे इसलिए उसने वंश की पीठ पर मुक्का जड़ दिया।
“आअह्ह्ह्हह ! मारा क्यों ?”,वंश ने कहा
“तुम रोंग साइड जा रहे हो,,,,,,,!!”,निशि ने कहा


वंश ने बाइक रोकी और देखा कि निशि से बातें करते हुए वह गलत साइड चला आया है यानि घर से उलटा और पहले से भी ज्यादा दूर। उसने बाइक स्टार्ट की लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई , वंश ने एक दो बार कोशिश की लेकिन बाइक तो जैसे जाम ही हो चुकी थी। वंश ने निशि से नीचे उतरने को कहा और खुद भी उतर गया उसने एक दो बार और कोशिश की लेकिन बाइक स्टार्ट नहीं हुई।


“इस बाइक को भी अभी बंद होना था,,,,,,,,,,,,,,,ये तुम्हारी वजह से हुआ है।”,वंश ने निशि को देखकर कहा
“मेरी वजह से ? ओह्ह्ह रियली ,, तुम्हे अपनी गलतिया दुसरो पर डालने के अलावा कुछ आता नहीं है क्या ? बाइक तुम चला रहे थे मैं नहीं,,,,,,,,!!”,निशि ने तनते हुए कहा।
“हाँ मेरी गलती है , इतनी रात में मैं तुम्हारे साथ बाहर आया ,, मैं भूल गया था ना कि मैं निशि को नहीं बल्कि द प्रॉब्लम को अपने साथ लेकर जा रहा हूँ,,,,,,,,,,,इस तरफ तो कोई ऑटो भी नहीं आता,,,,,,,,!!”,वंश ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“मैं घर पर फोन करके किसी को बुला लेती हूँ,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि ने जैसे ही अपना फोन निकाला वंश ने उसके हाथ से फोन लेकर कहा,”क्या कर रही हो ? तुम चाहती हो इतनी रात में घरवाले हमे यहाँ एक साथ देखे,,,,,,,,,,,,,,,मेरे माँ पापा कूल है उन्हें मैं समझा दूंगा लेकिन तुम्हारे उस हिटलर बाप को कौन समझायेगा ?”
“क्या ? तुमने फिर मेरे पापा को हिटलर कहा तुम्हे तो मैं,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि जैसे ही वंश की तरफ बढ़ी उसका पैर उलझा , वह गिरती इस से पहले वंश ने उसे अपनी मजबूत बांहो में थाम लिया।

निशि घबराई हुई सी उसकी आँखों में देखने लगी। जैसे ही वंश की आँखे निशि की आँखों से मिली उसका दिल धड़कने लगा। वह निशि को अपनी बांहो में थामे बस एकटक उसे देखता रहा।

“अरे अरे बिटिया आराम से,,,,,,,,,,,,,,,,,,जे ल्यो हो गवा कल्याण”,मुरारी ने कहा जब आगे बैठी गौरी की स्कूटी हिलते डुलते एकदम से सड़क के बीचो बीच रुक गयी। गौरी ने स्कूटी को फिर से स्टार्ट किया लेकिन नहीं हुई।
मुरारी नीचे उतरा , गौरी भी नीचे उतरी और स्कूटी स्टार्ट की लेकिन एक बार स्कूटी बंद हुई तो फिर चालू नहीं हो पायी। गुस्से में आकर गौरी ने टायर को जोर से एक लात मारी और कहा,”हाह ! इसे भी अभी बंद होना था,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने देखा तो गौरी को रोकते हुए कहा,”अरे का कर रही हो ? हटो हमे देखने दो,,,,,,,,,,,ल्यो इह मा तो पेट्रोल ही नाही है”,मुरारी ने चेक करते हुए कहा


गौरी ने सुना तो झेंपते हुए कहा,”अह्ह्ह लगता है मैं भरवाना भूल गयी , बट डोंट वरी यही पास ही में पेट्रोल पम्प है हम लोग वहा चलते है”
मुरारी ने देखा गौरी उस बंद पड़ी स्कूटी को पैदल ही घसीटना चाह रही है तो उसने कहा,”लाओ जे हम लेकर चलते है”
“अरे नहीं नहीं मैं आपको कैसे बोल सकती हूँ ? मैं लेकर चलती हूँ ना,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा


“कोई बात नहीं हमे आदत है , जब तुम्हारी उम्र के थे तब कितनी ही बार अपनी बंद कटरीना को घर लेकर आये है,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने स्कूटी के दोनों हेंडल पकड़ कर गौरी के साथ चलते हुए कहा
“कैटरीना ? कैटरीना आपके साथ रहती थी ,, इसलिए बेचारा सलमान खान अभी तक कंवारा है,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा

“अरे ! अरे उह कटरीना नहीं ,, हम हमरी बाइक की बात कर रहे है ओह्ह का नाम कटरीना है,,,,,,,,,,,,!”,मुरारी ने कहा गौरी झेंप गयी और कहा,”सॉरी मैं तो कुछ और ही समझ रही थी।”
“कोई बात नहीं , कटरीना बहुते साल हमरे साथ रही , अभी भी घर में है बस अब कम चलाते है उसे,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट उह वंशवा है का ? पर जे इति रात में हिया का कर रहा है और उह भी लड़की के साथ,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी को अपनी बाइक के बारे में बताते बताते मुरारी की नजर एकदम से वंश पर पड़ी।

वंश भी अपनी बाइक और निशि के साथ उसी रास्ते पर खड़ा था जहा से गौरी और मुरारी गुजर रहे थे लेकिन हल्का अन्धेरा होने की वजह से मुरारी निशि का चेहरा देख नहीं पाया पर लड़की के साथ खड़ा लड़का उसे थोड़ा थोड़ा वंश लगा।


गौरी ने मुरारी के मुंह से वंश का नाम सुना तो इधर उधर देखा कुछ ही दूर खड़े निशि और वंश उसे दिखाई दिए तो वह भी हैरान रह गयी लेकिन मुरारी के सामने अनजान बनते हुए कहा,”अरे ! नहीं नहीं अंकल वो वंश कैसे हो सकता है ? वंश तो घर में घोड़े बेचकर सो रहा है मैं खुद देखकर आयी हूँ , आप चलिए ना यहाँ से , वैसे भी ये चोर उच्चक्कों का इलाका है यहाँ ज्यादा रुकना सेफ नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी मुरारी को लेकर जल्दी से जल्दी वहा से निकलना चाहती थी ताकि मुरारी वंश और निशि को साथ ना देखे।

“ओह्ह्ह शिट गौरी और मुरारी चाचा यहाँ क्या कर रहे है ? गौरी को तो मैं एक्सप्लेन कर दूंगा लेकिन मुरारी चाचा ने हम दोनों को साथ देख लिया वो भी इतनी रात में तो मेरी पिपटी बजा देंगे और पुरे खानदान के सामने मेरे पर्चे छाप देंगे,,,,,,,,,,,,,,क्या करू क्या करू ? भाग भी नहीं सकता अगर भागा और उन्होंने मुझे देख लिया तो ,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने परेशानी भरे स्वर में कहा


निशि ने वंश के मुंह से मुरारी का नाम सुना तो पलटकर देखा सामने से मुरारी को आते देखकर वह वंश की तरफ पलटी और कहा,”मुरारी अंकल यहाँ क्या कर रहे है ?”
“मेरी बारात में आये है ?”,वंश ने झुंझलाकर कहा
“हैं,,,,,,,,,?”,निशि ने कहा


“अरे मुझे क्या पता होगा ? मैं भी तो तुम्हारे साथ यही हूँ,,,,,,,,,,,,,और आये भी है तो यहाँ क्यों आये है ? अगर उन्होंने हम दोनों को साथ देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी”,वंश ने कहा
“अगर पापा को पता चल गया तो वो तो मुझे मार ही डालेंगे,,,,,,,,,,,,,,प्लीज मुझे छुपा लो”,निशि ने पैर पटकते हुए कहा


“लेकिन मैं क्या करू ? कहा छुपाऊ ?”,वंश ने भी इधर उधर देखते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं था वहा जहा वंश निशि के साथ छुप सके , निशि ने देखा मुरारी और गौरी करीब आते जा रहे है तो उसने वंश से कहा,”प्लीज कुछ भी करो लेकिन मुझे छुपाओ,,,,,,,,,,,,!!”
“अब तो इनसे बचने का एक ही तरीका है,,,,,,,,,,!!”,वंश ने सोचते हुए कहा
“क्या ?”,निशि ने पूछा
“आई ऍम सॉरी”,वंश ने कहा


“मतलब ?”,निशि ने कहा और वह आगे कुछ कह पाती इस से पहले वंश ने निशि के करीब आकर उसके चेहरे को अपने दोनों हाथो में थामा पर अपने होंठो को निशि के होंठो पर रख दिया जिसे से उन दोनों का आधा चेहरा कवर हो गया। निशि कुछ समझ ही नहीं पायी उसकी धड़कने जैसे कुछ पल के लिए रुक गयी। वह आँखे फाडे वंश को देख रही थी और वंश अपनी आँखे मूंदे मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि मुरारी उसे निशि के साथ ना देखे।

मुरारी और गौरी जैसे ही उन दोनों के सामने से गुजरे मुरारी ये नजारा देखकर शरमा गया और दूसरी तरफ देखते हुए कहा,”आजकल के लड़के लड़कियों में ज़रा भी शर्म नहीं है,,,,,,,,,,,गौरी बिटिया चलो हिया से,,,,,,,,,!!”
गौरी मुरारी के साथ आगे बढ़ गयी और कहा,”देखा अंकल मैंने कहा था ना ये अपना वंश हो ही नहीं सकता,,,,,,,,!!”
“सही कहा,,,,,,,,,,चलो चलते है”,मुरारी ने कहा और गौरी के साथ आगे बढ़ गया।


मुरारी के जाने के बाद वंश ने धीरे से अपनी आँखे खोली और देखा गौरी और मुरारी वहा से जा चुके है तो वह निशि से दूर हटा और कहा,”अच्छा हुआ वो लोग चले गए,,,,,,,,,,,,!!”
निशि अभी भी समझने की कोशिश कर रही थी उसके साथ क्या हुआ ? वंश के नाजुक होंठो का अहसास उसे अभी भी महसूस हो रहा था। वंश ने निशि के चेहरे के सामने हाथ हिलाया तो निशि की तंद्रा टूटी , उसे याद आया वंश ने आज उसे फिर किस किया है तो उसने वंश को मारते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह तुमने मुझे आज फिर किस किया,,,,,,,,,,,,,,,ये दूसरी बार था,,,,,,,,,,,,तुम ऐसा कैसे कर सकते हो ?”


“अरे लेकिन मैं और क्या करता ? तुमने ही कहा मुझे छुपाओ और उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैंने,,,,,,,,,,,,,,,मैंने पहले ही तुम्हे सॉरी बोला था”,वंश ने निशि से बचते हुए कहा
“हाह ! मतलब सॉरी बोलकर तुम मेरे साथ कुछ भी कर लोगे,,,,,,,,!!”,निशि ने गुस्से से कहा
“निशि ! क्या बोल रही हो ? मानता हूँ मैं तुम्हे परेशान करता हूँ लेकिन मैं तुम्हारे बारे में इतना गलत भी नहीं सोचता,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी मैंने बस,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी”,वंश ने गंभीरता से कहा


निशि को अहसास हुआ कि गुस्से गुस्से में वह कुछ ज्यादा ही बोल गयी।
निशि को खामोश देखकर वंश ने कहा,”यहाँ से चलते है शायद आगे कोई हेल्प मिल जाये,,,,,,,!!”
निशि ने कुछ नहीं कहा बस हामी में गर्दन हिला दी और वंश के साथ साथ चल पड़ी। दोनों ख़ामोशी से चले जा रहे थे

कबीर हॉस्पिटल से घर आ चुका था और पहले से ठीक था लेकिन हाथ में प्लास्टर बंधा था और सर पर भी कुछ पट्टिया बंधी थी। वह अपने कमरे में बिस्तर पर लेटा आराम कर रहा था कि तभी बाहर का शोर सुनकर उसकी आँख खुली। कबीर ने समझने की कोशिश की और फिर उसके चेहरे पर मायूसी के भाव तैर गए क्योकि पिछले कई सालो से ये तमाशा वह रोज देखते आ रहा था।


कबीर उठकर बैठ गया , कुछ देर बाद कबीर की माँ कमरे में आयी उनका उतरा हुआ चेहरा देखकर कबीर समझ गया और कहा,”आज पापा फिर शराब पीकर आये है ना माँ ?”
“कबीर , तुम तो जानते हो ना उनका काम ही ऐसा है बड़े बड़े लोगो के साथ उठना बैठना है”,कबीर की माँ ने अंदर आते हुए कहा
“माँ आप कब तक पापा की गलतियों पर यू ही पर्दा डालते रहोगी ?”,कबीर ने उदास होकर कहा


कबीर की माँ उसके पास आयी और बगल में बैठते हुए कहा,”ऐसा नहीं है कबीर , मुझे अब इन सबकी आदत हो चुकी है,,,,,,,,,मैं चाहु भी तो इस बात का विरोध नहीं कर सकती,,,,,,,,,,,मैंने इसी को अपनी नियति मान लिया है। तुम्हारे पापा क्या करते है क्या नहीं मुझे इस से कोई मतलब नहीं मुझे बस तुम्हारे भविष्य की चिंता है।”


“धोखे और बेईमानी की दौलत से मैं अपना भविष्य नहीं बनाना चाहता माँ , आप जानती भी है पापा,,,,,,,,,,,,!!”,कबीर ने जैसे ही कहा उसकी माँ ने उसके मुंह पर हाथ रखकर उसे आगे बोलने से रोक दिया और कहा,”नहीं कबीर इस राज को राज ही रहने दो , अगर उन्हें पता चला कि तुम उनका सच जानते हो तो कही वो,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं मैं तुम्हे खोना नहीं चाहती , मेरे पास तुम्हारे सिवा कोई नहीं है ,, तुम तुम कसम खाओ मेरे सर की कि तुम कभी उनसे ये सवाल नहीं करोगे,,,,,,,,,,,,कसम खाओ , तुम्हे मेरी कसम है कबीर , तुम कभी अपने पापा और उनके काम के बीच नहीं आओगे,,,,,,,,,,,,!!”


कबीर ने सुना तो हामी में अपनी गर्दन हिला दी और अपना सर उनकी गोद में रखकर लेट गया। वे कबीर का सहलाने लगी और कबीर गहरी सोच में डूब गया।

आखिर वो क्या राज था जो कबीर और उसकी माँ विक्रम के बारे में जानते थे ?

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