Main Teri Heer – 15
मुरारी अपने दोस्तों की बातो में आ गया और रामभद्रा के साथ मंडल की तरफ बढ़ गया। रामभद्रा ने सबसे आगे वाली टिकट ली थी इसलिए मुरारी के साथ सबसे आगे आकर बैठ गया। अभी बिजली का डांस शुरू नहीं हुआ था बल्कि बनारस का ही कोई कलाकार गीत गा रहा था। आस पास बैठे लोगो ने मुरारी को वहा देखा तो सब उसे नमस्ते कहने लगे। कुछ लोग हैरान भी थे कि मुरारी यहाँ क्या कर रहा है ?
कुछ देर बाद लाइट्स डीम हुई और एक बहुत ही सुन्दर सी लड़की लहँगा चोली पहने स्टेज पर आयी और उसे देखते ही सब बिजली बिजली चिल्लाने लगे।
मुरारी पहली बार बिजली को देख रहा था। मोहन ठंडाई ले आया और मुरारी के बगल में बैठते हुए कहा,”जे लो मुरारी भैया , सम्हालो अपना ठंडाई और देखो बिजली का डांस,,,,,,,!!”
अगले ही पल गाना बजने लगा और शुरू हुआ बिजली का डांस , बिजली नाचते हुए मुरारी के ठीक सामने आयी और उसे इशारे करते हुए गाने के बोल दोहराई
कैसे गाड़ पैबा…. हा…आ
कैसे गाड़ पैबा , मोहब्बत के झंडा…. मिसिर जी
मिसिर जी तू त बारा बड़ी ठंढा…2
रामभद्रा और मोहन ने सुना तो ख़ुशी से झूम उठे लेकिन मुरारी ने कहा,”अबे जे हमका देख के काहे गाए रही हैं , लौंडे तो बहुत है हिया”
“अरे मिश्रा का पता बिजली का दिल आ गवा हो तुम्हरे ऊपर,,,,,,,,, पर कुछ भी कहो यार का लगती है”,रामभद्रा ने कहा
बिजली हँसते मुस्कुराते आँखों से मुरारी को इशारे कर रही थी लेकिन जब मुरारी ने कोई भाव नहीं दिया तो बिजली ने मुंह बनाते हुए गाने के आगे के बोल दोहराये
जाके बबुआ बन जा….. हा…..ऐ
जाके बबुआ बन जा बनारस में पंडा….मिसिर जी
मिसिर जी तू त बारा बड़ी ठंढा…2″
मुरारी ने सुना तो अपनी बाँयी भंव चढ़ाकर बिजली को देखा , बिजली का ध्यान भी पूरी भीड़ को छोड़कर मुरारी पर ही था इसलिए उसने मुरारी से साथ आकर डांस करने का इशारा किया। मुरारी ने नजरे हटा ली तो बिजली ने डांस करते हुए हाथ से लानत भरा इशारा किया और डांस में व्यस्त हो गयी।
मुरारी को अपनी इज्जत और अपना नाम दोनों प्यारे थे ऐसे कैसे वह सबके बीच जाकर बिजली के साथ डांस कर लेता आखिर उसको घर भी तो जाना था। मुरारी ने ठंडाई वाला गिलास उठाया और एक साँस में पूरी पी गया।
“अरे अरे मुरारी भैया आराम से , भांग मिली है इसमें का कर रहे है एक साथ चढ़ जायेगी,,,,,,,,,!!”,मोहन ने कहा लेकिन तब तक मुरारी गिलास खाली कर चुका था और कहा,”अरे पहले कबो चढ़ी है हमका जो आज चढ़ जायेगी,,,,,,,,,,और साले रामभद्रा तुम , तुम जे का तमाशा दिखाने ले आये हो हमका ? अरे कोनो ढंग का कलाकार है कि नहीं हिया,,,,,,,,,,,,,!!”
आखरी शब्द मुरारी ने थोड़ा तेज आवाज में कहे जो कि बिजली और उसके ग्रुप वालो के कानों में पड़े। बिजली ने अपना डांस रोक दिया और म्यूजिक बंद करने का इशारा किया।
बिजली ने माइक अपने हाथ में लिया और मुरारी की तरफ मुखातिब होकर कहा,”ए बाबू ! जे पिरोगराम मा का कमी लागि तोहे ?”
मुरारी को भांग थोड़ी थोड़ी चढ़ने लगी थी इसलिए उठा और कहा,”अरे जे कोनो पिरोगराम है ? बनारस के लौंडो को बिगाड़ने का बंदोबस्त है जे सब,,,,,,,,अरे जे कोई गाना है मिसिर जी तू ता बारा बारी ठंढा,,,,,,,,,,,,अरे गाने तो उह होते है जो दिल को सुकून और कानो को ठंडक पहुंचाये”
“अच्छा ऐसा है तो आज जाओ हिया और सुनाय दयो,,,,,,,,,,,हमहू भी तो देखी बनारस के मिश्राओ में कितना दम है”,बिजली ने गुस्से से फुंफकारते हुए कहा
मुरारी ने सुना तो कहा,”अरे हमहू साला कोनो से डरते है का ?”
कहते हुए मुरारी जैसे ही जाने लगा रामभद्रा ने उसे रोक लिया और कहा,”अरे जाने दो ना मुरारी लड़की है,,,,,,,,,,,,,,खामखा तमाशा हो जायेगा हिया।”
“का हुआ मिसिर जी , जवानी ठंडा गयी,,,,,,,,,अरे रहने दो जे उमर मा गाना बजाना तुमरे बस का नहीं है , जाकर गंगा किनारे भजन करो तुम”,बिजली ने मुरारी का मजाक उड़ाते हुए कहा तो मोहन और रामभद्रा को छोड़कर मंडल में बैठे बाकि सभी लोग हसने लगे। अब तो मुरारी का गुस्सा सातवे आसमान पर था उसने रामभद्रा को साइड कर वही से स्टेज पर चढ़ते हुए कहा,”अरे भाड़ मा गयी बिधायकी साला इह तो सबके सामने हमरा मजाक बनाय रही है।”
“मुरारी,,,,,,,,,,!!”,रामभद्रा ने कहा लेकिन तब तक मुरारी स्टेज पर चढ़ चुका था। मुरारी ने बिजली के हाथ से माइक लिया और कहा,”जे बिजली रानी लगता है पहली बार बनारस आयी है इहलिये हमरे बारे में कुछो नाही जानती है ,, का रे बनारसियों दिखाय दे मैडम को हमरा भौकाल ?”
मुरारी ने जैसे ही कहा मंडल में बैठे लड़के जोर जोर से हूटिंग करने लगे और सब मुरारी के लिये ताली बजाने लगे।
बिजली ने देखा उस से ज्यादा फैन फॉलोइंग तो मुरारी की है बनारस में,,,,,,,,,,,,उसका मुंह बन गया लेकिन मुरारी को चेलेंज कर चुकी थी इसलिए पीछे नहीं हट सकती थी।
मुरारी ने भंव चढ़ाकर एक नजर बिजली को देखा और कहा,”आओ,,,,,,,,,,,दिखाते है तुमको असली बनारस,,,,,,,,,,,,,!!!”
मुरारी ने माइक लड़के को थमाया और खुद स्टेज पर आ बैठा , लड़के से इशारा किया तो वह तुरंत माइक और हारमोनिया मुरारी के सामने रख गया। मुरारी ने हारमोनियम पर कोई धुन बजायी जिसे सुनकर ही मंडल में जमा लोगो के चेहरे खिल उठे। अब देखो मौज मस्ती वाले गाने भले ही कितने भी अच्छे क्यों ना हो ? सुकून तो अच्छे गानो से ही मिलता है।
मुरारी ने हारमोनियम सुर ताल छेड़ते हुए कहा,”के देखो बाबू जे है बनारस , हिया लौंडा दिनभर भले ही शहर की चमक धमक मा घूम ले साम को लौटकर आना अपनी महबूबा के पास ही है ,, और जब महबूबा लौंडे से मिलती है तो उह कहती है कि,,,,,,,,,,,,,
हम्म्म्म सोलहू सिंगार कइनी तोहरे ला, साँवरिया
एक बार देखबऽ त हो जइबऽ बाँवरिया
हो, सजना, साँवर थोड़े, थोड़े गोर लागेलऽ
हो, सजना, साँवर थोड़े, थोड़े गोर लागेलऽ
जइसन सोचले रहनी, ओहुसे बेजोड़ लागेलऽ
जइसन सोचले रहनी, ओहुसे बेजोड़ लागेलऽ”
“वाह वाह मिश्रा छा गए तुमहू तो,,,,,,,,,,,,,!!”,रामभद्रा ने अपनी उंगलियों को होंठो से लगाकर मुरारी की तरफ एक चुम्मा उछालते हुए कहा।
मंडल के लोग भी मुरारी का गाना सुनकर ख़ुशी से झूम उठे और सबसे ज्यादा खुश थे बनारस के 20-22 वाले लौंडे जिनको नया नया प्यार हुआ था। बिजली ने सुना तो वह भी हैरान थी क्योकि मुरारी इतना अच्छा जो गा रहा था। मुरारी भांग के नशे में पूरा मदहोश झूमते हुए गाना गा रहा था।
गंगा आरती के बाद शिवम् सारिका को लेकर घाट किनारे खड़ी नाव के पास लेकर आया। सारिका ने देखा सामने चप्पू वाली एक छोटी नाव है जिसमे केवट बैठा था। शिवम् को देखते ही केवट वहा आया और कहा,”अरे शिवम् भैया बहुते देर कर दी आने में,,,,,,,,,,,आईये हम कब से राह देख रहे आपकी”
शिवम् सारिका की तरफ पलटा और उसका हाथ पकड़कर नाव में चला आया।
सारिका ने अंदर आकर देखा पूरी नाव में गुलाब की पत्तिया बिछी है , केवट ने वही घाट पर घूम रहे लड़के को आवाज दी,”ए बबुआ तनिक हिया आब”
लड़का नाव पर चला आया। नाव इतनी मजबूत थी कि 7-8 लोगो का वजन एक साथ उठा ले। केवट ने लड़के से कुछ कहा और खुद पतवार लेकर नाव को आगे बढ़ाने लगा। सारिका और शिवम् नाव के एक तरफ बैठे थे। सारिका बस समझने की कोशिश कर रही थी आखिर शिवम् करने क्या जा रहा है ?
लड़के ने नाव के किनारे पर सजाये इलेक्ट्रिक दियो को जलाना शुरू कर दिया। गंगा के पानी में तैरती नाव और उसमे जलते वो दिये बहुत सुन्दर लग रहे थे सारिका मुस्कुराते हुए उन्हें देखने लगी। शिवम् ने देखा नाव पर जलते दियो की चमक सारिका की आँखों मे झिलमिला रही थी। अपना काम खत्म कर लड़का आदमी के साथ बैठकर नाव खेने में उनकी मदद करने लगा। शिवम ने अपना हाथ सारिका के हाथ पर रखा और कहा,”सरु ! पसंद आया ?”
“शिवम् जी , ये सब बहुत सुन्दर है , हम हमेशा से बनारस को ऐसे देखना चाहते थे लेकिन कभी आपसे कह नहीं पाये और आज आपने हमारे कहे बिना ही हमारी ये इच्छा पूरी कर दी,,,,,,,,,,,,समझ नहीं आ रहा आपका शुक्रिया कैसे करे ?”,सारिका ने चहकते हुए कहा
“जिंदगी भर हमारे साथ रखकर,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने प्यार से कहा तो सारिका मुस्कुरा दी।
शिवम् ने सारिका के हाथ को अपने होंठो से छुआ और कहा,”पता है सरु आज ही के दिन हम आपसे बनारस में पहली बार मिले थे,,,,,,,,,,,,,14 सालों के इंतजार के बाद वो दिन हमारी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था जिसे हम कभी भूल नहीं पायेंगें,,,,,,,,,,,अगर कोई हम से पूछे बनारस ने हमे क्या दिया तो हमारे होंठो पर पहला नाम होगा आपका,,,,,,,,,,,,बनारस ने आपके रूप में हमे सब दे दिया।”
शिवम् के मुंह से इतनी प्यारी बातें सुनकर सारिका का दिल किया वह अभी आगे बढ़कर उसके सीने से लग जाये लेकिन वह ऐसा नहीं कर पायी। नाव कुछ दूर निकल आयी। माँ गंगा के पानी पर तैरती वह नाव कुछ अलग ही नजर आ रही थी। जैसे ही नाव घाट पर बने शिव मंदिर के सामने से गुजरी शिवम् ने कहा,”क्या आपको ये मंदिर याद है ? यहाँ दो अनजान लोगो ने साथ में महादेव से एक दूसरे का साथ माँगा था,,,,,,,,!!”
“और वो दो अनजान हम थे,,,,,!!”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा क्योकि उसे ये मंदिर याद था जब 14 साल बाद बनारस आने पर गंगा स्नान के बाद वह शिवम् के साथ पहली बार इस मंदिर में गयी थी।
“हाँ और आपका दुपट्टा हमारे हाथ के कड़े में उलझ गया था , हमने साथ साथ मंदिर की परिक्रमा की थी। हमारी शादी तो उसी दिन हो चुकी थी बस पुख्ता होने में समय लग गया,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
सारिका को अपना एक्सीडेंट और उसके बाद शिवम् से दूर रहना याद आ गया और वह एकदम से उदास हो गयी
नाव आगे बढ़ चुकी थी। सारिका को उदास देखकर शिवम् ने घाट की सीढ़ियों की तरफ इशारा करके कहा,”और वो सीढिया याद है ? उस रात मुरारी ने गलती से जब आपको भाँग पीला दी थी तब वहा बैठकर कितनी नौटंकी की थी आपने,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ उसके लिये हम आज भी शर्मिन्दा है हमे ऐसा नहीं करना चाहिए था,,,,,,,,,!!”,सारिका ने मासूमियत से कहा
“लेकिन उस वक्त आप लग बड़ी प्यारी रही थी , भांग के नशे में ही सही लेकिन उस दिन हमने आपका एक बहुत ही प्यारा रूप देखा था और उसी रात हमे पता चला आप जिस मोहब्बत को ढूंढ रही है वो हम ही है,,,,,,,,,,,,,,ये जानने के बाद उस रात हमारे पाँव बनारस की जमीन पर नहीं टिक रहे थे सरु,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
सारिका ने अपने दूसरे हाथ से शिवम् की बांह थामकर अपना सर उसके कंधे से लगाते हुए कहा,”टिकते भी कैसे उस रात 14 साल का इंतजार जो खत्म हुआ था , और हम कितने बदनसीब थे कि आप हमारी आँखों के सामने थे और हम आपको पहचान ही नहीं पाये”
“श्श्श्श खबरदार जो दोबारा ये शब्द अपने लिये इस्तेमाल किया , हम नाराज हो जायेंगे,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर कहा
सारिका ने शिवम् के कंधे से सर हटाकर अपनी ठुड्डी उसकी बाँह से लगायी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”तो हम आपको मना लेंगे”
“अच्छा , वो कैसे ?”,शिवम् ने पूछा आज उसकी आँखों में सारिका के लिये बस बेइंतहा मोहब्बत नजर आ रही थी
सारिका ने एक बार फिर अपना सर शिवम् के कंधे से लगा लिया और उसका हाथ अपने नाजुक ( अब कोई फेमिनिज़म का ससुर ये नहीं कहेगा कि सारिका का हाथ नाजुक क्यों लिखा है मैंने ,, वेसलीन लगाती है वो अपने हाथो में इसलिये नाजुक है तुम भी लगाया करो )
और उसका हाथ अपने नाजुक हाथो में थामकर गाने लगी
“हम तुम कितने पास है कितने , दूर है चाँद सितारे
सच पूछो तो मन को झूठे लगते है ये सारे
मगर सच्चे लगते है , ये धरती ये नदिया ये रैना और,,,,,,,,!!”
“और ?”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर पूछा तो सारिका ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”और तुम,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे वाह भौजी , आप तो बहुते बढ़िया गाती है”,केवट ने खुश होकर कहा तो सारिका मुस्कुरा दी और उसके बाद शिवम् और सारिका साथ साथ गाने लगे
“बड़े अच्छे लगते है , ये धरती , ये नदिया , ये रैना और तुम,,,,,,,,,,,,!!”
मुंबई , नवीन का घर
वंश और निशि को उनके हाल पर छोड़कर मुन्ना नीचे चला आया उसने घडी में वक्त देखा शाम के 7 बज रहे थे। जिस आदमी ने मुन्ना को मिलने बुलाया था उसने 9 बजे का समय दिया था। मुन्ना के पास सिर्फ 2 घंटे थे और उसे वंश के फ्लेट पर भी जाना था। हॉल में बैठकर मुन्ना वंश का इंतजार करने लगा। मेघना ने मुन्ना को अकेले बैठे देखा तो उसके लिये कॉफी और सेंडविच ले आयी और उसके सामने रखते हुए कहा,”तुम शायद यहाँ बोर हो गए हो ? निशि और वंश कहा है ?”
“अह्ह्ह नहीं ऐसा कुछ नहीं है , वो दोनों ऊपर है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म मैं उनके लिये भी कॉफी और स्नेक्स ले आती हूँ , तुम कॉफी लो ना”,मेघना ने जाते हुए कहा
“जी शुक्रिया,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और कप उठाकर कॉफी पीने लगा। मुन्ना ने अपना फोन निकाला और देखा गौरी का कोई मैसेज नहीं था ना ही कोई फोन। मुन्ना ने फोन में रखा और खुद से कहा,”शायद उसे हमारी बात का बुरा लग गया , हमे गौरी के साथ इतनी कठोरता से पेश नहीं आना चाहिए।
उसे क्या पहनना है क्या नहीं ये फैसला करने वाले हम कौन होते है ? और वैसे भी उसने सिर्फ हमारे लिये ये सब किया,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी हमे तुमसे इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए थी”
वंश मुंह धोकर और अपना हुलिया सुधार कर वापस कमरे में आया और वहा कुर्सी पर रखे निशि के तौलिये से अपना मुँह पोछते हुए कहा,”हम्म्म बताओ क्या करना होगा मुझे ?”
“सबसे पहले तो मुझे परेशान करना बंद करो तुम,,,,,,,,,,!!”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
वंश निशि की आँखों में देखते हुए उसके क़रीब आया और कहा,”मैंने अगर परेशान करना बंद किया न निशि शर्मा तो मेरी आवाज सुनने के लिये तरस जाओगी तुम,,,,,,,,!!”
वंश का यू आँखों में देखना निशि का दिल धडकाने के लिये काफी था वह एकटक वंश की आँखों में देखते रही और आगे कुछ बोल ही नहीं पायी। वह बस सोच रही थी कि आखिर वंश उसके दिल की बात इतनी आसानी से कैसे जान लेता था ?”
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संजना किरोड़ीवाल