Main Teri Heer – 12
मुन्ना बनारस जाने से पहले वंश और निशि के बीच की सभी गलतफहमियां दूर करना चाहता था और आज शाम की पार्टी से अच्छा मौका भला और क्या हो सकता था ? यही सोचकर मुन्ना निशि से मिलने ऊपर उसके कमरे के सामने आया। दरवाजा खुला था लेकिन मुन्ना अंदर जाने में हिचकिचा रहा था। उसने देखा निशि उसकी तरफ पीठ किये खड़ी थी उसने मुन्ना को नहीं देखा और वह अपने आप में ही बड़बड़ाये जा रही थी।
“समझता क्या है वो अपने आप को हाँ,,,,,,,,,,,मैं जितना इस लड़के को समझने की कोशिश करती हूँ ये लड़का उतना ही मेरी समझ से बाहर होते जा रहा है। हाँ माना कि थोड़ा क्यूट है इसका मतलब ये नहीं है कि वो मुझे नखरे दिखाए और मैं देखू,,,,,,,,,,हाह ! अभी वो मुझे जानता नहीं है,,,,,,,,,,,उसके जैसे लड़के मुंबई में मेरे आगे पीछे घूमते है , एक आवाज दूंगी तो 10 आएंगे,,,,,,,,!!”
“लेकिन उन 10 में तुम्हारा चिरकुट नहीं होगा,,,,,,,!!”,दरवाजे पर खड़े मुन्ना ने कहा
निशि ने मुन्ना की आवाज सुनी तो जल्दी से पलटी और मुन्ना को वहा देखकर कहा,”अरे ! मुन्ना भैया आप,,,,,,,,,,आप बाहर क्यों खड़े है ? अंदर आईये ना,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना अंदर चला आया बेचारी निशि मन ही मन ये सोचकर परेशान हो रही थी कि कही मुन्ना ने सब सुन तो नहीं लिया जो उसने वंश के लिये कहा था। उसने मुन्ना की तरफ देखा और झिझकते हुए कहा,”आई हॉप कि आपने कुछ नहीं सुना ?”
“हमने सब सुन लिया है,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से कहा जिसे सुनकर निशि के चेहरे पर चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये लेकिन अगले ही पल मुन्ना ने अपने हाथ बांधे और आगे कहा,”और तुम चाहो तो हमारे सामने वंश को लेकर सब बोल सकती हो हम किसी से नहीं कहेंगे”
“हाँ , क्या आप सच कह रहे है ?”,निशि ने हैरानी से पूछा
“हाँ क्योकि हम जानते है वंश आजकल कुछ ज्यादा ही बद्तमीज और चिढ़चिढ़ा हो गया है।”,मुन्ना ने वहा पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
निशि भी मुन्ना के सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और अपनी आँखों को बड़ी करते हुए कहा,”पता है मुन्ना भैया बनारस में वो जैसा था वैसा मुंबई में तो बिल्कुल नहीं है। उसका कुछ समझ नहीं आता कभी बहुत स्वीट हो जायेगा और कभी ऐसे बिहेव करेगा कि दिल करता है उसका सर फोड़ दू मैं,,,,,,,,,,,,वो सच में बहुत अन्नोयिंग है।”
“अगर ऐसा है तो फिर तुम उसकी परवाह क्यों करती हो ?”,मुन्ना ने पूछा
मुन्ना के इस सवाल पर निशि खामोश हो गयी ये तो आज तक वह भी नहीं समझ पायी कि वह वंश की परवाह कैसे करने लगी ? निशि को खामोश देखकर मुन्ना ने कहने लगा,”हम जानते है तुम और वंश दोनों एक दूसरे के बिल्कुल ऑपोसिट हो , लेकिन इसके बाद भी तुम दोनों एक दूसरे की परवाह करना नहीं छोड़ते इसे हम क्या समझे निशि ? वंश ने तुम्हारे साथ जो बदतमीजी की उसके लिये वो तुम से माफ़ी मांगेगा और आज के बाद वो ऐसी बदतमीजी नहीं करेगा पर क्या इस बार तुम सिर्फ हमारे कहने पर उसे माफ़ कर दोगी ?”
मुन्ना की बात सुनकर निशि ने उसकी तरफ देखा और कहा,”अरे नहीं मुन्ना भैया ! आप क्यों उसके लिये माफ़ी मांग रहे है,,,,,,,,,,लेकिन उसने मुझे बहुत परेशान किया है और हर्ट भी , इस बार मैं उसे माफ़ नहीं करुँगी ,,,,,,,,,,,,,,,, मैं उसके जैसा बद्तमीज इंसान अपनी जिंदगी में नहीं देखा”
“हाँ हां तुम्हारे मुंह से तो गुलाब के फूल झड़ते है ना , मुझसे भी ज्यादा बद्तमीज तो तुम हो,,,,,,,,,!!”,वंश ने कमरे में आते हुए कहा जो कि बाहर खड़ा निशि और मुन्ना की बातें सुन रहा था
“तुम्हारे लिये फूल नहीं पत्थर झड़ेंगे वो भी मेरे हाथो,,,,,,,,,,,,,देखा मुन्ना भैया कितना चिपड़ इंसान है ये ,, बाहर छुपकर हमारी बातें सुन रहा था।”,निशि ने बिस्तर से उठकर वंश के सामने आते हुए कहा
“मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारी टे टे सुनने का वो तो गौरी मुन्ना से बात करना चाहती थी इसलिए मैं यहाँ आया हूँ,,,,,,,,,,,,,ए मुन्ना ये लो गौरी विडिओ कॉल पर है”,वंश ने मुन्ना का फोन उसकी तरफ बढाकर कहा जिसे मुन्ना नीचे हॉल में भूल आया था।
मुन्ना फोन लेकर साइड में चला आया , स्क्रीन पर गौरी कही नजर नहीं आ रही थी इसलिए मुन्ना ने कहा,”गौरी ! आर यू देयर ?”
“एक मिनिट मान , आई हेव अ सरप्राइज फॉर यू,,,,,,,,,,,बस एक मिनिट दो”,फोन से गौरी की आवाज आयी
मुन्ना इंतजार करने लगा और उधर वंश और निशि आमने सामने खड़े एक दूसरे को घूरे जा रहे थे। निशि ने वंश को देखकर मन ही मन कहा,”हाह ! कितना अंतर है दोनों भाईयो में , मुन्ना भैया कितने डिसेंट है , शांत , पोलाइट और परफेक्ट,,,,,,,,,,
हर लड़की का सपना होता है मुन्ना भैया जैसा लाइफ पार्टनर उन्हें मिले और दुसरा ये चिरकुट,,,,,,बद्तमीज , बेशर्म और एक नंबर का खड़ूस इंसान जिसे ना लड़कियों से बात करने की तमीज है ना ही किसी के एफ्फोर्ट्स की कदर,,,,,,,,,,,,,,हकीकत तो क्या कोई लड़की इसे सपने में भी अपना लाइफ पार्टनर ना बनाये”
वही निशि के सामने खड़ा वंश मन ही मन कह रहा था,”एक बार तुम मेरी सीरीज में आ जाओ छिपकली उसके बाद देखना , एक्टिंग के बहाने ही सही अगर मैंने तुम्हारा जीना हराम नहीं किया तो मेरा नाम भी वंश गुप्ता नहीं ,
, क्या कह रही थी मुन्ना से दिल करता है तुम मेरा सर फोड़ दो,,,,,,,,,,इतना परेशान करूंगा ना तुम्हे कि मेरा सर फोड़ने से पहले तुम अपना सर दिवार पर दे मारोगी,,,,,,,,,,,,वैसे तुम्हे देखते ही मैं इतना वाइल्ड क्यों हो जाता हूँ ?”
निशि ने देखा वंश उसे घूरे जी जा रहा है तो उसने वंश को साइड किया और ड्रेसिंग टेबल की तरफ चली गयी।
मुन्ना को फोन पर बिजी देखकर वंश भी निशि के पीछे आया और निशि ने जैसे ही सामने देखा उसे शीशे में अपने साथ खड़ा वंश नजर आया। निशि पलटकर वंश को देखा तो वंश ने अपने बालों में हाथ घुमाते हुए कहा,”क्या ? क्या देख रही हो ? कभी हेंडसम लड़का नहीं देखा क्या ?”
निशि ने सुना तो मन ही मन झल्लाते हुए वापस सामने देखने लगी लेकिन शीशे में भी उसे वंश ही नजर आ रहा था। वंश निशि के थोड़ा सा करीब आया और शीशे में देखते हुए कहा,”वैसे साथ में सही तो लगते है हम दोनों,,,,,,,,,,,,!!”
निशि ने सुना तो उसका दिल धड़कने लगा , वह वंश को समझ नहीं पा रही थी। शीशे में देखते हुए जैसे ही उसकी नजरे वंश से मिली वह उसकी आँखों में खोकर रह गयी और वंश मुस्कुराते हुए उसे देखता रहा
गौरी ने मुन्ना को इंतजार करने को कहा और फिर एकदम से स्क्रीन पर दिखाई दी जिसे देखकर मुन्ना गिरते गिरते बचा।
“कैसी लग रही हूँ मैं ?”,गौरी ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
मुन्ना ने खुद को सम्हाला फोन भी उसके हाथ से गिरते गिरते बचा। गौरी ने बहुत ही छोटी ब्लेक ड्रेस पहनी थी जो कि घुटनो से बहुत ऊपर थी और ना उस ड्रेस में बाजु थी ना ही गला बस दो पतली डोरी के सहारे वो ड्रेस गौरी के कंधो पर टिकी हुई थी।
मुन्ना ने गौरी को इस रूप में देखा तो नजरे चुराते हुए कहा,”गौरी ये सब क्या है ? तुमने ऐसे कपडे क्यों पहने है ? क्या तुम इन्हे खरीदने वाली हो ?”
“ऑफकोर्स मान , ये ड्रेस हमारे हनीमून के लिये है,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“शादी के बाद हनीमून सुना था लेकिन सगाई के बाद हनीमून,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना भाभी कुछ ज्यादा ही मॉर्डन नहीं हो गयी है।”,वंश ने शीशे के सामने से हटकर मुन्ना की तरफ आते हुए कहा
“शट अप,,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने वंश से कहा और फिर गौरी से कहा,”और तुम ! अभी के अभी उतारो इसे,,,,,,,!!”
“तुम्हारे सामने,,,,,,,,,,? ये सब में अभी टाइम है मान,,,,,,,!”,गौरी ने शरमाने की एक्टिंग करते हुए कहा तो मुन्ना ने फोन अपने सर पर दे मारा और कहा,”ओह्ह्ह गौरी ! हमारे कहने का मतलब है चेंज करके आओ”
“लेकिन ये कितना अच्छा लग रहा है , तुम देखो ना कितना सही तो है,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मचलते हुए कहा
“जरा मैं भी तो देखू,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश जैसे ही मुन्ना की तरफ आया मुन्ना ने फोन साइड में किया और कहा,”तुम गौरी को इस हाल में नहीं देख सकते”
“बस क्या मुन्ना,,,,,,,मैं क्यों नहीं देख सकता ?”,वंश ने कहा
“क्योकि इस वक्त उसने जो पहना है वो सिर्फ हम देख सकते है और कोई नहीं”,मुन्ना ने कहा और फोन लेकर साइड में चला गया
“ऐसा तो क्या ही पहना होगा गौरी ने जो मैं नहीं देख सकता,,,,,,,,,,,!!”,वंश बड़बड़ाया
“आई विश तुम्हे किसी की प्रायवेसी के बारे में थोड़ा ज्ञान होता,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को ताना मारते हुए कहा और कमरे से बाहर चली गयी।
इंदौर , VKI मॉल
चेंजिंग रूम में खड़ी गौरी मायूस सी शक्ल बनाकर शीशे में खुद को देखे जा रही थी। कुछ देर पहले ही उसने मुन्ना से बात की और मुन्ना ने उसे तुरंत ड्रेस बदलने को कहा जिसे सुनकर गौरी का आधा मूड ही खराब हो गया। उसने बेमन से ड्रेस चेंज की और चेंजिंग रूम से बाहर आयी। काशी बाहर उसका इन्तजार कर रही थी और शक्ति शोरूम के बाहर फोन पर किसी से बात कर रहा था।
“क्या हुआ तुमने ये ड्रेस ट्राय क्यों नहीं किया ?”,काशी ने कहा
गौरी ने उस ड्रेस को साइड में रखा और काशी की तरफ पलटकर कहा,”काशी ! मुझे एक बात बताओ तुम्हारा ये भाई कौनसी दुनिया आया है लाईक गर्लफ्रेंड जब ऐसे हॉट ड्रेसेज पहने तो लड़को को बहुत पसंद आती है लेकिन मान ने कहा मैं इसे चेंज करके आउ,,,,,,,,,,,,,,वो इतना अजीब क्यों है ?”
काशी ने सुना तो मुस्कुराई और कहा,”वो इसलिये क्योकि तुम उनकी गर्लफ्रेंड नहीं बल्कि उनकी होने वाली वाइफ हो,,,,,,,,,,और वैसे भी हमारे मुन्ना भैया बहुत सीधे है उन्हें ऐसे कपडे बिल्कुल पसंद नहीं है।”
“ओह्ह्ह काशी इतना भी नहीं होता ,, मुझे लगा मुझे इस ड्रेस में देखकर वो मेरा दीवाना हो जायेगा लेकिन ऐसा तो कुछ नहीं हुआ”,गौरी ने मायूसी से कहा
“क्या तुम चाहती हो मुन्ना भैया सच में तुम्हारे दीवाने हो जाये ?”,काशी ने पूछा
“हाँ , मैं चाहती हूँ सगाई के लिये जब वो इंदौर आये तो मुझे देखकर बस उसकी आँखे मुझ पर टिक जाये”,गौरी ने ख्यालो में खोये हुए कहा
काशी ने सुना तो अपने सर पर एक चपत मारकर कहा,”और इसलिये तुम्हे ये हॉट छोटी ड्रेस चूज की , गौरी तुम ना सच में गधी हो ,, अरे जिस इंसान को तुम्हारी सादगी पसंद है उसे तुम्हारा ये दिखावा भला कैसे पसंद आयेगा ?”
“तो अब मैं क्या करू ?”,गौरी ने मासूमियत से कहा
“वो सब तुम हम पर छोड़ दो,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कुछ सोचते हुए कहा
गौरी मुस्कुरायी और फिर काशी के साथ वहा से जाने लगी तो काशी ने कहा,”अरे वो ड्रेस तो उठा लो,,,,,,,!!”
“वो क्यों चाहिए ?”,गौरी ने हैरानी से पूछा
“हमारी गर्ल्स ट्रिप पर पहनना,,,,,,,,,,,मुन्ना भैया को नहीं पसंद ये सोचकर तुम अपना मन मत मारो,,,,,,,,,,,तुम्हारी सगाई के बाद एक ट्रिप तो बनता है ना”,काशी ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह काशी तुम बहुत अच्छी हो , मैं ये ले लेती हूँ”,कहते हुए गौरी ने वो ब्लेक ड्रेस उठाया और काशी के साथ आगे बढ़ गयी
शाम के 7 बज रहे थे मुरारी अपने कमरे में शीशे के सामने खड़ा तैयार हो रहा था। अनु किसी काम से कमरे में आयी तो मुरारी को तैयार होते देखकर कहा,”तुम कही जा रहे हो क्या मुरारी ?”
“हाँ ज़रा घाट होकर आ रहे है , कुछ दोस्त आने वाले है उन्ही से एक मुलाकात है छोटी सी बस,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने परफ्यूम लगाते हुए कहा
अनु उसके पास आयी और मुरारी को ऊपर से नीचे तक घूरकर देखते हुए कहा,”जे कौन सा दोस्त है तुम्हारा जिसके लिये परफ्यूम से नहाया जा रहा है ?”
मुरारी ने अनु की तरफ देखा। कुछ देर शांत रहा और फिर एकदम से अपने बालो को बिगाड़ लिया। कुर्ते की बाजू जिन्हे फोल्ड किया था उन्हें सीधा कर लिया , कुर्ते के खुले बटन भी गले तक बंद कर लिये इतना कि मुरारी का गला ही घुट जाये। हाथ में पहनी घडी को निकालकर ड्रेसिंग पर रख दिया और कुर्ते को सलवटों में करते हुए कहा,”अब ठीक है ? और तुम्हरी इजाजत हो तो हम जाए”
अनु ने मुरारी को देखा और कहा,”ऐसे जाओगे ?”
“अरे गंगा मैया,,,,,,,,,,का करे हम तुम्हरा ? साला थोड़ा सा ढंग से जाओ तो तुमको पसंद नाही , अब बिगाड़ कर रहे है तो भी तुमको हजम नहीं हो रहा,,,,,,,,,तुम्ही बताओ का करे हम ?”,मुरारी ने बिदकते हुए कहा
“मेरा मतलब ऐसे जाओगे घाट पर तो पूर्व विधायक की बनारस में क्या इज्जत रह जायेगी,,,,,,,,,,,थोड़ा भौकाल दिखना भी तो जरुरी है ना।”,कहते हुए अनु ने मुरारी के कुर्ते की बाजुओं को फोल्ड किया ,
उसके कुर्ते के ऊपर के तीन बटन खोले , बालो को बनाया और फिर उसकी मुछो को सेट करने लगी। अनु को प्यार से ये सब करते देखकर मुरारी का गुस्सा गायब हो गया और उसने पिघलते हुए कहा,”जब इतनी परवाह है हमाये भौकाल की तो फिर थोड़ी देर पहिले आँखे काहे दिखाय रही थी हमको ?”
अनु ने मुरारी के गले में अपनी बाँहे डाली और मुस्कुरा कर कहा,”वो तो मैं चेक कर रही थी कि मेरी आँखों का खौफ बचा है या खत्म हो गया”
मुरारी ने सुना तो उसने अपनी बांहो को अनु की कमर में डालकर उसे अपने करीब किया और कहा,”इसी बात पर कुछो मीठा हो जाये,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ बिल्कुल,,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा तो मुरारी का दिल धड़क उठा और मन में एक गुदगुदी सी होने लगी लेकिन अगले ही पल अनु ने कहा,”घाट से वापस आते हुए मीठा पान ले आईयेगा मेरे लिये,,,,,,,,,!!”
बेचारा मुरारी अनु से कुछ कहता इस से पहले ही अनु उस से दूर हटी और कमरे से बाहर चली गयी। मुरारी ने शीशे में खुद को देखा और कहा,”पता नहीं हमे जे मीठा कबो नसीब होगा,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल