Love You जिंदगी – 50
Love You Zindagi – 50

नैना , शीतल और रुचिका तीनो अपनी जिंदगी के अहम् पड़ाव से गुजर रही थी। रुचिका ने जहा सब छोड़कर मोंटी का साथ दिया वही शीतल ने राज को माफ़ कर दिया और राज भी उसे सार्थक के साथ खुश रहने की दुआ देकर हमेशा हमेशा के लिए उस की जिंदगी से चला गया। अवि नैना के साथ उसकी कीमोथेरपी में था तो वही नैना गुजरते दिन के साथ अपना कॉफिडेंस खोते जा रही थी।
शीतल सोसायटी लीडर बन चुकी थी और अपना फर्ज अच्छे से निभा रही थी साथ ही वह अपनी कत्थक क्लास के लिए भी जा रही थी। मिसेज शर्मा तो इस बात से ही सोसायटी के लोगो में फुले नहीं समा रही थी कि उनकी बहू सोसायटी लीडर थी। सोसायटी मीटिंग के बाद मिसेज आहूजा कई दिनों तक अपने फ्लेट से बाहर ही नहीं निकली , ना वे किसी से ज्यादा बात करती थी ना ही नीचे आती बस दिनभर अपने फ्लेट में रहती और खुद को घर के कामो में बिजी रखती। बिट्टू और मिस्टर शर्मा ने भी उनसे बात करना कम कर दिया था।
मिसेज आहूजा अंदर ही अंदर पश्चाताप की आग में जल रही थी उन्होंने शीतल को बदनाम करने के चक्कर में अपनी ही बेटी को दांव पर लगा दिया और ये ख्याल बार बार उनके मन को कचोट रहा था। सार्थक अपने नए घर में काम करवाने को लेकर बिजी था और मिस्टर शर्मा वही अपना रोज का ऑफिस आना जाना,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल और बच्चो की मेहनत के बाद आशीर्वाद अपार्टमेंट अब पहले से ज्यादा अच्छा लगने लगा था।
वही शीतल की समझदारी की वजह से अब सोसायटी के लोगो में आपस में कोई द्वेष भाव नहीं बचा था सब एक दूसरे के साथ हँसते मुस्कुराते और तकलीफ में एक दूसरे की मदद करते नजर आते थे।
1 महीने बाद
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
“शीतल बेटा देखना जरा कोई सामान रह तो नहीं गया है। वैसे भी नए घर से बार बार यहाँ वापस आना नहीं हो पायेगा,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने हॉल में रखे सामान को जमाते हुए कहा
सार्थक दो लड़को के साथ अंदर आया और वहा रखे सामान में से तीनो ने थोड़ा थोड़ा सामान उठाया और लेकर बाहर चले गए। शीतल अपने हाथो में कुछ बैग कमरे से बाहर आयी और उन्हें हॉल में रखते हुए कहा,”मैंने सब सामान रख लिया है मम्मी,,,,,,,,आपका सब सामान भी मैंने उन बॉक्स में पैक कर दिया है।”
“चलो अच्छा है बस अब अच्छे से शिफ्टिंग हो जाये,,,,,,,,,,मुझे तो अब भी यकीन नहीं हो रहा कि हम लोग अपने घर में जा रहे है”,मिसेज शर्मा ने भावुक होकर कहा तो शीतल उनके पास चली आयी और घुटनो पर मिसेज शर्मा के सामने आ बैठी,,,,,,!! शीतल ने उनको हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”ये सच है , आप अपने घर में जा रही है वो घर जिसका सपना आपने और पापा ने एक साथ देखा था। आपने मेरे और सार्थक के लिए बहुत किया है मम्मी अब हमारी बारी है,,,,,,,,,,नए घर की बालकनी इस घर से बहुत बड़ी है , वहा 24 घंटे पानी आता है
आपको वहा पानी के लिए परेशान नहीं होना पडेगा , और आपको वहा मिसेज आहूजा जैसे पडोसी भी नहीं मिलेंगे क्योंकी वहा किसी को किसी से कोई मतलब नहीं होता सब अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीते है”
शीतल की बाते सुनकर मिसेज शर्मा मुस्कुराई और कहा,”मुझे बस तुम सब का साथ चाहिए और कुछ नहीं,,,,,,,,,,!!”
“तो फिर मैं आपसे कुछ मांगू ?”,शीतल ने आसभरे स्वर में कहा
“हाँ कहो”,मिसेज शर्मा ने कहा आज वे बहुत खुश थी
शीतल ने उनके हाथो को थोड़ा मजबूती से थामा और कहा,”नए घर में शिफ्ट होने के बाद क्या मैं और सार्थक नैना से मिलने चंडीगढ़ जा सकते है ? नैना बहुत बीमार है और ऐसे में उसके दोस्त और अपने उसके साथ होंगे तो उसे अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,प्लीज माँ सिर्फ कुछ दिन”
शीतल की बात सुनकर मिसेज शर्मा कुछ देर खामोश रही और कहा,”ठीक है लेकिन एक शर्त पर,,,,,,,,!!”
शर्त का नाम लेकर मिसेज शर्मा ने शीतल को उलझन में डाल दिया , शीतल उनके चेहरे की तरफ देखने लगी तो मिसेज शर्मा ने आगे कहा,”ठीक होने के बाद नैना को दिल्ली बुलाना अपने नए घर में ,, तभी मैं तुम्हे जाने की परमिशन दूंगी,,,,,,,,,,,,!!”
शीतल ने सुना तो ख़ुशी से मिसेज शर्मा के गले आ लगी और कहा,”थैंक्यू सो मच मम्मी,,,,,,,,मैं नैना को हमारे नए घर में जरूर इन्वाइट करुँगी,,,,,,,!!”
मिसेज शर्मा ने शीतल का सर सहलाया और मुस्कुरा दी।
दोनों एक दूसरे से नए घर की ख़ुशी जाहिर कर ही रहे थे कि तभी मिसेज गुप्ता , मिसेज बंसल और मिसेज तिवारी के साथ वहा आयी। उन्हें दरवाजे पर देखकर मिसेज शर्मा ने उन्हें अंदर आने को कहा। शीतल सबके लिए पानी लेने चली गयी। मिसेज शर्मा ने उन्हें बैठने को कहा। तीनो सोफे पर आ बैठी।
मिसेज शर्मा के घर से लगभग सारा सामान नए घर के लिए जा चुका था।
बस सोफे सेट और कुछ सामान हॉल में रखा था। खाली घर को देखकर मिसेज गुप्ता ने कहा,”फाइनली आप अपने घर में जा रही है मिसेज शर्मा,,,,,,,,,,,कोन्ग्रेचुलेशन,,,,,,,,सोसायटी वाले आपको और आपके परिवार को बहुत मिस करने वाले है”
“थैंक्यू मिसेज गुप्ता ! मैं भी आशीर्वाद अपार्टमेंट को बहुत मिस करने वाली हूँ , आखिर इस सोसायटी में आप सबके साथ इतना वक्त जो बिताया है,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने मुस्कुरा कर कहा
“मिसेज शर्मा आपकी बहू आपके लिए बहुत लकी है , शादी को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ और देखिये सार्थक का बिजनेस , नया घर और बची खुची कसर शीतल बहु ने पूरी कर दी इस सोसायटी की लीडर बनकर,,,,,वरना सबकी किस्मत आप जैसी कहा होती है मिसेज शर्मा”,मिसेज बंसल ने कहा
“हाँ मिसेज शर्मा , मिसेज बंसल ने सही कहा वरना मिसेज आहूजा ने तो ठान लिया था आपको नीचा दिखाने का लेकिन देखो अब खुद ही इतने दिन से घर से बाहर नहीं निकली है,,,,,,,,,!!”,मिसेज तिवारी ने कहा
“अरे हारने के बाद मुंह छुपाकर बैठी है , सोसायटी में तो लोग ये तक कह रहे है कि उनका कुमार नंदन से अफेयर है,,,,,,,,तभी तो लास्ट मोमेंट पर उन्हें टिकट मिला था,,,,,,!!”,मिसेज गुप्ता ने दबी आवाज में कहा और फिर तीनो खी खी करके हंसने लगी
किचन में खड़ी शीतल को ये सब सुनकर बिल्कुल अच्छा नहीं लगा , हालाँकि मिसेज आहूजा ने उसे नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी फिर भी शीतल को उनसे हमदर्दी थी क्योकि उस दिन के बाद से शीतल ने मिसेज शर्मा को सोसायटी में नहीं देखा था।
शीतल सबके लिए पानी लेकर बाहर आयी। उसने सबको पानी दिया और जैसे ही जाने लगी मिसेज गुप्ता ने कहा,”अरे शीतल ! तुम तो आज से नए घर में शिफ्ट हो रही हो फिर तुम्हारी जगह कौन लेने वाला है ?”
“अरे मिसेज गुप्ता इसका फैसला तो शीतल ने कर लिया होगा ना,,,,,,वैसे भी सब जानते है सोसायटी में कुछ लोग ही है जो जिम्मेदारी समझते है और उनमे आप सबसे ऊपर आती है , मेरे ख्याल से तो ये जिम्मेदारी आपको ही मिलनी चाहिए क्यों मिसेज शर्मा,,,,,,,,!!”,मिसेज तिवारी ने कहा
“क्या फर्क पड़ता है मिसेज तिवारी , वैसे भी मैं अपने परिवार के साथ ये सोसायटी छोड़कर जा रही हूँ तो शीतल के बाद कोई भी लीडर बने क्या फर्क पड़ता है”,मिसेज शर्मा ने टका सा जवाब दे दिया जिसे सुनकर मिसेज गुप्ता और मिसेज तिवारी का मुंह बन गया।
“मिसेज तिवारी आपने बिल्कुल सही कहा मैंने फैसला कर लिया है और बहुत सही फैसला किया है , आज जाने से पहले मैं सबके सामने वो नाम अनाउंस करुँगी,,,,,,,,आखिर सोसायटी वाले भी तो जाने कि सोसायटी को बेहतर तरीके से कौन सम्हाल सकता हैं ? क्यों गुप्ता आंटी मैंने सही कहा न ?”,शीतल ने आखिर में मिसेज गुप्ता की तरफ देखकर कहा
मिसेज गुप्ता ने शीतल को देखा और खिंसिया कर कहा,”हाँ हाँ शीतल मुझे तुम पर पूरा यकीन है तुम कभी कोई गलत फैसला कर ही नहीं सकती,,,,,,,,!!”
“आप लोग कुछ और लेंगी ?”,शीतल ने एकदम से पूछा
“अह्ह्ह्ह नहीं बस ये काफी है,,,,,,,!!”,मिसेज बंसल ने कहा
“तो फिर आपको यहाँ से चलना चाहिए क्या है ना जिस सोफे पर आप बैठी है उसे लेकर जाना है,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
मिसेज गुप्ता , तिवारी और बंसल को ये शीतल की रिक्वेस्ट कम और ताना ज्यादा लगा। तीनो वहा से उठी और मुंह बनाकर चली गयी। मिसेज शर्मा ने उन्हें जाते देखा और कहा,”ये लोग कभी बाज नहीं आएँगी,,,,,,,,,!!”
“मम्मी ये लोग हमे नए घर की मुबारकबाद देने नहीं बल्कि अपना उल्लू सीधा करने आयी थी,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा और फिर मिसेज शर्मा के साथ मिलकर हंस पड़ी
सब सामान शिफ्ट हो चुका था। सार्थक नीचे गाड़ी के पास खड़ा शीतल और मिसेज शर्मा का इंतजार कर रहा था। उसने शीतल को फोन किया और नीचे आने को कहा। शीतल और मिसेज शर्मा ने अपना अपना पर्स उठाया और शीतल ने मिसेज शर्मा की तरफ हाथ बढाकर कहा,”चले मम्मी ?”
मिसेज शर्मा ने शीतल का हाथ थामा और आगे बढ़ गयी। दरवाजे के पास आकर दोनों रुकी और पलटकर एक साथ खाली घर को देखा , उस घर से जुडी सभी यादे किसी फिल्म की तरह उनकी आँखों के सामने चलने लगी। दोनों नम आँखों के साथ मुस्कुराई और वहा से चली गयी
शीतल मिसेज शर्मा के साथ नीचे चली आयी। उसने देखा सोसायटी के लोग उनसे मिलने के लिए खड़े थे। शीतल और मिसेज शर्मा सबसे मिली , आज किसी के चेहरे पर शिकायत या जलन के भाव नहीं थे उलटा कुछ लोग शीतल और मिसेज शर्मा के जाने की बात सुनकर उदास जरूर थे। शीतल अपने योग वाले ग्रुप से मिली तो उनमे से एक बुजुर्ग ने कहा,”शीतल बेटा तुम चली जाओगी तो सुबह सुबह हमे योग कौन करवाएगा ?”
“उसकी चिंता आप मत कीजिये बीते एक महीने में सब इतना ट्रेंड हो गए है कि मेरी कमी महसूस नहीं होगी,,,,,,,,,,!”,शीतल ने मुस्कुरा कर कहा और बच्चो के पास चली आयी। वह नीचे बैठी और कहा,”और तुम सब पौधे लगाना मत भूलना,,,,,,,,,!!”
“हाँ आंटी हम रोज पौधे लगाएंगे,,,,,,,,,,,!!”,बच्चो ने एक साथ कहा तो शीतल एक बच्चे का सर सहलाकर वापस बाकि सबकी तरफ चली आयी।
शीतल ने देखा वहा सब मौजूद थे बस मिसेज आहूजा नहीं थी। शीतल की नजरे भीड़ में उन्हें ही ढूंढ रही थी।
“शीतल बेटा चले ? सार्थक इंतजार कर रहा है”,मिसेज शर्मा ने कहा तो शीतल ने हामी में गर्दन हिला दी। मिसेज गुप्ता , मिसेज बंसल और मिसेज तिवारी इस इंतजार में थी कि शीतल अपने बाद किसे लीडर के लिए चुनने वाली है।
“शीतल,,,,,,,,,,,,,!!”,एक जानी पहचानी आवाज शीतल और मिसेज शर्मा के कानो में पड़ी। भीड़ में से निकलकर मिसेज आहूजा शीतल के सामने आयी और कहा,”तुम जा रही हो ?”
“हाँ मिसेज आहूजा , मैं अपने परिवार के साथ अपने घर जा रही हूँ”,शीतल ने कहा
मिसेज आहूजा ने वहा खड़े लोगो को देखा ये वही लोग थे जिनके साथ मिलकर मिसेज आहूजा ने कई बार शीतल और मिसेज शर्मा को नीचा दिखाया था लेकिन आज मिसेज आहूजा की आँखों में नमी थी।
वहा खड़े लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे इस बात की परवाह ना करते हुए मिसेज आहूजा ने आगे बढ़कर शीतल के हाथो को थामा और कहने लगी,”मुझे माफ़ कर दो शीतल,,,,,,,,,,,,,!!”
मिसेज आहूजा के मुंह से माफ़ी शब्द सुनकर सब हैरान रह गए , सब जानते थे कि मिसेज आहूजा शीतल से कितनी नफरत करती थी। मिसेज आहूजा ने आगे कहा,”मैं जानती हूँ मैंने अब तक तुम्हारे साथ जो किया वो माफ़ी लायक तो नहीं है लेकिन मैं जानती हूँ तुम्हारा दिल मुझसे बहुत बड़ा है तुम मुझे माफ़ कर दोगी
मैंने हमेशा तुम्हे भला बुरा कहा , तुम्हे किया परेशान किया , तुम्हे नीचा दिखाया , मैं बहुत बुरी इंसान हूँ शीतल और आखरी वक्त में भी मैंने तुम्हे हर्ट किया लेकिन तुमने मेरे घर की,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मिसेज आहूजा आगे कुछ कहती इस से पहले शीतल ने कहा,”बस मिसेज आहूजा आपको मुझसे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है , आपको अपनी गलतियों का अहसास है मेरे लिए इतना काफी है,,,,,,,,,,,,,जो कुछ भी हुआ उसे एक बुरा सपना समझकर भूल जाईये,,,,,,,!!”
मिसेज आहूजा ने सुना तो उनकी आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क गए। शीतल ने उन्हें गले लगाया और दूर होकर कहा,”मैं चलती हूँ मिसेज आहूजा,,,,,,,,,,!!”
“अपना ख्याल रखना और मै दुआ करुँगी तुम्हारे नए घर में तुम्हारी कोई पडोसी ना हो,,,,,,,,,और मुझ जैसी तो बिल्कुल ना हो”,मिसेज आहूजा ने अपने आँसू पोछते हुए कहा
“ये मिसेज शर्मा की बहू इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती है ? मिसेज आहूजा ने इसे कितना बेइज्जत किया और इसने कितनी आसानी से इन्हे माफ़ कर दिया,,,,,!!”,मिसेज गुप्ता ने पास खड़ी मिसेज बंसल से कहा
“वो छोड़िये मिसेज गुप्ता यही सही मौका है शीतल से सोसायटी लीडर का नाम पूछिए,,,,,,,मिसेज आहूजा भी यही खड़ी है उनके सामने जब शीतल आपका नाम लेगी तो मिसेज आहूजा का चेहरा देखने लायक होगा और आपका बदला भी पूरा हो जायेगा”,मिसेज बंसल ने आग लगाते हुए कहा
मिसेज शर्मा आगे आयी और शीतल से कहा,”शीतल जाने से पहले सोसायटी लीडर का नाम तो बता दो,,,,,,,,,,आखिर तुम्हारे जाने के बाद ये सोसायटी एक अच्छा और जिम्मेदार लीडर डिजर्व करती है”
शीतल ने सुना तो मुस्कुराई और कहा,”मेरे बाद जो इस सोसायटी की जिम्मेदारी सम्हालेंगी वो है मिसेज आहूजा,,,,,,,,,,,!!”
शीतल की बात सुनकर मिसेज आहूजा हैरानी से उसे देखने लगी और मिसेज गुप्ता के चेहरे का रंग ही उड़ गया। वहा मौजूद कुछ लोग मिसेज आहूजा का नाम सुनकर खुश हुए तो कुछ का चेहरा उतर गया। मिसेज गुप्ता फटी आँखों से शीतल को देखते रही। मिसेज आहूजा ने शीतल को देखा और कहा,”तुमने मेरा नाम क्यों लिया ? मैं , मैं सोसायटी की लीडर कैसे बन सकती हूँ ?”
शीतल ने एक नजर मिसेज आहूजा को देखा और कहा,”100 झूठे दोस्तों से अच्छा 1 सच्चा दुश्मन होता है मिसेज आहूजा”
मिसेज गुप्ता ने सुना तो शर्मिंदगी से अपना सर झुकाकर वहा से चली गयी।
शीतल ने अपने हाथ में पकड़ा लीडर पास मिसेज आहूजा की साड़ी पर लगाया और कहा,”अपना ख्याल रखना”
मिसेज आहूजा ने आगे बढ़कर शीतल को गले लगाया। उनके मन में शीतल को लेकर जो गुस्सा जो नफरत थी वो खत्म हो चुकी थी। कुछ देर बाद मिसेज
शर्मा और शीतल वहा से चले गए।
उनके जाने के बाद सोसायटी के लोग भी इधर उधर हो गए। कुछ ही दूर मिस्टर शर्मा और बिट्टू खड़े थे उन्होंने सब सुना और मिसेज आहूजा के पास चले आये। मिसेज आहूजा ने जैसे ही उन्हें कुछ कहना चाहा मिस्टर आहूजा ने उन्हें साइड हग किया और धीरे से कहा,”मुझे माफ़ कर दो,,,,,,,,!!”
बिट्टू भी अपनी मम्मी के गले आ लगी , पुरे एक महीने बाद मिसेज आहूजा आज मुस्कुराई थी लेकिन नम आँखों के साथ और ये मुस्कराहट उन्हें वापस शीतल ने लौटाई थी।
बीकानेर , मोंटी का पुराना ऑफिस
पिछले एक महीने में मोंटी और रुचिका ने खूब मेहनत की और उनकी मेहनत की वजह से मोंटी का वडा पाव का बिजनेस चल पड़ा। अब तो बीकानेर में मोंटी के हाथ का वादा पाव खाने लोग दूर दूर से आने लगे। उसके हाथो का टेस्ट ऐसा था कि लोग उसके दीवाने होने लगे। मोंटी ने पैसे खूब कमाए लेकिन वह अपने काम में इतना बिजी हो गया कि ना घर जा पाया ना नैना से मिल पाया , हाँ नैना का हाल चाल पूछने के लिए अवि से कभी कभार उसकी बात जरूर हो जाया करती थी।
एक रात सारा माल खत्म होने के बाद मोंटी और रुचिका कार्ट पर सामान जमा रहे थे कि तभी मोंटी का पुराना बॉस वहा आया। उन्हें वहा देखकर रुचिका को थोड़ी हैरानी हुई लेकिन मोंटी को कोई फर्क नहीं पड़ा उसे लगा हमेशा की तरह उसका पुराना बॉस आज भी उसे ताने मारने आया होगा।
मोंटी अपने बॉस के सामने आया और कहा,”माल खत्म हो गया है सर , आपने आने में देर कर दी,,,,,,,,,,,,,!!”
“मानव मैं यहाँ तुम्हारा वड़ा पाव खाने नहीं बल्कि तुम्हारे लिए एक ऑफर लेकर आया हूँ,,,,!”,बॉस ने कहा
“कैसा ऑफर ?”,मोंटी ने पूछा
बॉस ने अपना गला साफ किया और कहा,”तुम जो ये वड़ा पाव का ठेला चला रहे हो इस से कितना कमा लेते होंगे , क्यों ना तुम अपना ये वड़ा पाव का काम हमारी कम्पनी की केंटीन में शुरू कर दो,,,,,,,,,,मैं कम्पनी के सीओ से बात करके तुम्हे सैलरी भी दिलवा दूंगा,,,,,,,,!!”
मोंटी ने सुना और हल्का सा मुस्कुराया , उसने अपने बॉस की तरफ देखा और कहा,”सर मेरे पास भी आपके लिए एक ऑफर है,,,,,,,,,!!”
“क्या ?”,बॉस ने कहा
मोंटी थोड़ा सा अपने बॉस के नजदीक आया और धीमे स्वर में लेकिन कठोरता से कहा,”अपने ऑफर की बत्ती बनाइये और उसे अपनी,,,,,,,,,,,,! “
कहते हुए मोंटी पीछे हटा और थोड़ा जोर से कहा,”अपने सीओ की नौकरी छोड़िये और मेरे साथ आकर वड़ा तलिये , उस से दुगुनी सैलरी मैं आपको दूंगा”
“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है मानव , तुम एक अच्छा खासा ऑफर ठुकरा रहे हो,,,,,,,,,रहो तुम इसी फुटपाथ पर,,,,,,,,,,!!”,बॉस ने चिढ़ते हुए कहा और वहा से चला गया।
बॉस के जाने बाद रुचिका मोंटी के पास आयी और कहा,”तुम्हे अपने बॉस से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी,,,,,,!!”
“अरे छोडो उसे इस वीकेंड हम चंडीगढ़ जा रहे है नैना से मिलने,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा तो रुचिका को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ वह मोंटी के सामने आयी और कहा,”क्या तुम सच कह रहे हो मोंटी ?”
“हाँ बाबा,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा तो रुचिका उसके गले आ लगी और कहा,”ओह्ह्ह मोंटी थैंक्यू सो मच , मैं शीतल को भी फोन करके बता देती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”
मोंटी मुस्कुरा उठा और फिर दोनों घर के लिए निकल गए।
चंडीगढ़ , अवि का घर
बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी नैना खुद को एकटक देखे जा थी। 4 कीमो के बाद नैना काफी कमजोर हो चुकी थी , चेहरा मुरझा चुका था , आँखों के नीचे काले घेरे दिखाई देने लगे थे , सर के लगभग सभी बाल झड़ चुके थे। उसने सामने रखा ट्रिमर उठाया और अपने सर पर बचे बाकि बालो को भी हटा दिया। नैना के सर पर अब कोई बाल थे। बीते वक्त की यादें नैना की आँखों के सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगी जब उसके बाल लम्बे घने और जुड़े में बंधे रहते थे और लटें उसके चेहरे पर झूलते रहती थी।
नैना ने अपना मुंह धोया और साथ ही अपने सर को भी पानी से गीला किया और तौलिये से पोछने लगी। धीरे धीरे उसके अंदर जीने की भावना खत्म होते जा रही थी। वह बाहर आयी और बिस्तर पर आकर बैठ गयी। अवि उसके जूस लेकर आया था उसने जैसे नैना को ऐसे सर मुंडे देखा तो गिलास रखकर उसके पास आया और कहा,”नैना ये तुमने क्या किया ? तुमने अपने क्यों हटा दिए ?”
“मेरी बीमारी इन्हे हटाए इस से पहले मैंने ही इन्हे हटा दिया,,,,,,,,,,,तुम सच्चाई को झुठला नहीं सकते पडोसी,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बुझे स्वर में कहा
“ओह्ह्ह नैना ऐसा कुछ नहीं है,,,,,,धीरे धीरे तुम ठीक हो रही हो और कल ही विहान ने कहा था कि अब तुम्हारे ठीक होने के 50 परसेंट चांस बढ़ चुके है,,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना को समझाते हुए कहा
नैना ने अवि को देखा और कहा,”और बाकि फिफ्टी परसेंट का क्या पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,आई फील की मेरे अंदर अब जीने की भावना धीरे धीरे कम होते जा रही है,,,,,,,,,,,मुझे अब इस दुनिया से चले जाना चाहिए,,,,,,,,,,मैं अब और दर्द नहीं सह सकती”
अवि ने सुना तो उसे लगा जैसे कोई उसके सीने में खंजर भोंक रहा है वह नैना के मुंह से ऐसे शब्द सुनने के लिए तैयार नहीं था। उसने नैना का चेहरा अपने हाथो में थाम लिया और अपना सर उसके सर से लगा लिया
वह कुछ बोल पाने की स्तिथि में नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल


Sab acha ho raha hai 🥰🥰
Plz naina ko bhi thik kar do
Mujse naina ki takleef nahi dekhi jati aur avi ka dard bhi 😔😔
Avi aur naina ka part bhi dheere dheere se acha kr dijiye…
Abhi toh humein bhi naina aur padosi ki happy couple vale moments dekhne hai…..😇
Nice part
Naina aur padosi ki life bhi sahi track pe le aao 🙏 please…..