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Love You जिंदगी – 92

Love You Zindagi – 92

नैना ने सबके सामने अवि के लिए अपनी फ़ीलिंग्स जाहिर कर दी जिसे अवि ने भी सुन लिया। नैना को हमेशा से इन रिश्तो से दूर भागना था लेकिन इस बार वह ऐसा नहीं कर पाई अवि की आँखों का जादू आख़िरकार उस पर चल ही गया। अवि की बांहो में कैद नैना खामोशी से उसकी धड़कनो को महसूस कर रही थी। अवि ने उसे खुद से दूर किया और कहा,”सोचा नहीं था तुम इतना बोलती भी हो !”
अवि की बात सुनकर नैना अपने होंठ को दांतो तले दबा लिया वह क्या कहे उसे कुछ समझ नहीं आया। अवि उसका हाथ पकड़कर अंदर ले आया और रुचिका से कहा,”सी रुचिका तुम्हारी सख्त दोस्त की मेरे सामने आवाज नहीं निकल रही है”
“अच्छा है चुप रहती है तब कितनी अच्छी लगती है ये”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“लेकिन तुम यहाँ कैसे आज तो तुम्हारे नए ऑफिस का इनोग्रेशन था ना , फिर यहाँ इस वक्त ?’,शीतल ने सवाल किया तो रुचिका और मोंटी एक दूसरे की और देखकर मुस्कुराने लगे। अवि ने शीतल की और देखा और कहा,”मुझे एक कॉल आया था की नैना का एक्सीडेंट हुआ है और मैं चला आया , लेकिन वो किया किसने था पता नहीं ?”
“मैंने !”,मोंटी ने कहा
“तुमने !,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसा मजाक क्यों किया ?”,अवि ने हैरानी से पूछा
“एक्चुअली मैं देखना चाहता था की नैना से प्यार करने का तुम में कितना गट्स है , एंड यू प्रूव देट ,, मेरे एक फेक कॉल पर भी तुम सबकुछ छोड़कर चले आये सिर्फ नैना के लिये ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नैना से इम्पोर्टेन्ट जिंदगी में शायद कोई नहीं है”,मोंटी ने कहा
“नैना से भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट मेरी लाइफ में एक शख्स है पर वो है मेरी मॉम”,अवि ने कहा
“और दोनों में से किसी एक को चुनना पड़े तो ?”,मोंटी ने सवाल किया तो नैना ने कहा,”ये सब क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!” मोंटी ने नैना के सामने हाथ आगे करके उसे रोक दिया और अवि से कहा,”बोलो दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो ? चुनोगे नैना को !”
“मैं अपनी मॉम को चुनूंगा, उनके लिए मैं नैना को छोड़ सकता हूँ सोचने की भी जरूरत नहीं है लेकिन नैना के लिए उनको नहीं ,,, मेरी मॉम हमेशा मेरी फर्स्ट प्रायोरिटी रहेगी !”,अवि ने विश्वास के साथ कहा मोंटी उसके जवाब से इम्प्रेस हुए बिना ना रह सका और कहा,”रेस्पेक्ट मैन वेलकम टू फॅमिली !”
कहते हुए मोंटी ने हाथ बढ़ाया तो अवि ने भी हाथ मिलाकर दोस्ती की शुरुआत की ! नैना , रुचिका और शीतल तीनो की जिंदगी में प्यार आ चुका था सभी बहुत खुश थे कुछ देर बाद सार्थक भी वहा चला आया और जब उसे नैना और अवि के बारे में पता चला तो उसने ख़ुशी से नैना को गले ही लगा लिया। सभी बैठकर बातें करने लगे कुछ देर बाद अवि ने कहा,”मैं एक कॉल करके आता हूँ !”
अवि बालकनी में आया और सौंदर्या को फ़ोन मिलाया – हेलो मॉम
सौंदर्या – अवि कहा है तू ? वहा सब ठीक है ना ? और नैना नैना कैसी है ?
अवि – या मॉम सब ठीक है , अच्छा सुनो आपको कुछ बताना है
सौंदर्या – हां कहो ना
अवि – नैना ने हां कह दी है
सौंदर्या ने जैसे ही सूना अवि को जवाब नहीं बल्कि जोर जोर से चिल्लाकर सारे घरवालों को नैना की हां के बारे में बता दिया। दूसरी और अवि ने अपना सर पीट लिया और कहा,”मॉम , मॉम , मॉम आपने सबको बता दिया ?
सौंदर्या – अरे इतनी ख़ुशी की बात है भला क्यों नहीं बताउंगी ?
अवि – आपके पेट में कोई बात नहीं टिकती है ना
सौंदर्या – बिल्कुल , कल शाम को ही मैं सोसायटी की किटी पार्टी में जा रही हूँ ,, अब देखना मिसेज माथुर और मिसेज भट्ट के तो ये न्यूज सुनकर ही तोते उड़ जायेंगे !”
अवि – आप नैना की तरह बात क्यों करने लगी है ? लाइक तोते उड़ना ? क्या है ये एंड किसी से कुछ नहीं कहना है अभी उसकी फैमिली में बहुत प्रॉब्लम चल रहा है वो सही होने के बाद मैं खुद उसे लेकर घर आऊंगा तब आप भले सबसे मिलवा देना !”
सौंदर्या – हां ओके लेकिन रिश्ता लेकर तो मैं और तेरे डेड ही जायेंगे उसके घर
अवि – हां हां बिल्कुल अभी मैं फोन रखु एक दो दिन यही हूँ , डेड नाराज तो नहीं है ना
सौंदर्या – नहीं मैंने उन्हें बता दिया था नैना के बारे इसलिए उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा
अवि – ओके देन , कल कॉल करता हूँ आपको
सौंदर्या – बाय एंड नैना को मेरा हाय बोलना , लव यू
अवि – लव यू मॉम , बाय !

अवि ने फोन काट दिया और जेब में रखकर जैसे ही पलटा पीछे नैना को खड़े पाया। नैना ने अपने हाथ में पकड़ा कप अवि को पकड़ाकर कहा,”चाय है पी लोगे ना ?”
“तुम पिलाओगी तो क्यों नहीं पिऊंगा ?”,कहते हुए अवि ने उसके हाथ से कप लिया और पीने लगा नैना उसके बगल में आकर खड़े हो गयी और अपनी चाय पीते हुए कहा,”सो आगे क्या करना है ?”
“करना क्या है मेरे पेरेंट्स से तो तुम मिल ही चुकी हो , अब तुम्हारे डेड को हमारे बारे में बताना है उसके बाद शादी , बच्चे , जॉब अ हैप्पी लाइफ”,अवि ने कहा
“सपनो की दुनिया से बाहर आओ शहजादे , मैं हमारे बारे में नहीं उस मुसीबत के बारे में बात कर रही हूँ जो डेड ने अनजाने में मेरे सर पर डाली है ! मेरा बॉस अनुराग”,नैना ने अवि को अर्श से फर्श पर ला पटका ! अवि ने महसूस किया नैना में कोई बदलाव् नहीं है वह अब भी पहले जैसी है , भले उसने अवि के सामने अपना प्यार कन्फेस कर लिया हो उसकी बाते और उसका ऐटिटूड वैसा ही था ! अवि मुस्कुराने लगा और कहा,”तुम कभी नहीं बदल सकती !”
“मुझे बदलना भी नहीं है मैं ऐसे ही ठीक हूँ ,, मुझे टेंशन सिर्फ अनुराग की नहीं है और भी बहुत बवाल है मेरी जिंदगी में !”,नैना ने कहा
“आज से तुम्हारी सारी टेंशन मेरी , बताओ क्या हुआ है ?”,अवि ने नैना को भरोसा दिलाते हुए कहा
“है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो सुनो पहले तो उस घोंचू की मेरी जिंदगी से निकालना है बिना डेड को हर्ट किये , उसके बाद सार्थक के डेड को मनाना है इसकी और शीतल की शादी के लिए , उसके बाद रूचि और मोंटी की शादी करवानी है , उसके बाद मेरा जॉब कन्फर्म करना है वो भी उसी घोंचू की कम्पनी में जो की मुझे नहीं लगता पॉसीबल है ! अभी के लिए इतना ही बाकि टेंशन में तुम्हे बाद में दूंगी !”,नैना ने कहा तो अवि का मुंह खुला का खुला रह गया नैना ने उसके सामने हाथ हिलाया तो अवि ने कहा,”तुम चलती फिरती टेंशन की दुकान हो नैना मतलब प्रॉब्लम तुम्हारे पास नहीं आती है तुम प्रॉब्लम के पास जाती हो ,,!”
“मालूम है , तुम मेरी हेल्प करोगे या नहीं ?”,नैना ने घूरते हुए कहा
“एक शर्त पर !”,अवि ने कहा
“मंजूर है !”,नैना ने बिना सुने ही कह दिया
“सुन तो नहीं !”,अवि ने कहा
“अरे पडोसी आई नो तुम कुछ अच्छा ही करने को बोलोगे , सो डन !”,नैना ने कहा
“तुम क्या हमेशा मुझे इस नाम से बुलाओगी ?”,अवि ने पूछा
“देखो बॉस ये बाबू शोना जादू टोना कुच्चू पुछु जानू मानु मुझसे नहीं होगा , पडोसी बोलने में जो मजा है वो इन सब में कहा , नई ,,,, चलो काम पर लग जाओ”,नैना ने अपनी चाय खत्म करके कहा बेचारा अवि चाय खत्म करके अंदर चला आया और आकर सबके साथ बैठ गया। सार्थक और शीतल साथ बैठे थे , मोंटी निचे जमीन बैठा था रुचिका उसके पीछे सोफे पर बैठे उसके बालो में अपनी उंगलिया घुमा रही थी और
अवि अकेला बैठा था चाहता था नैना आकर उसकी बगल में बैठे लेकिन नैना तो उन सबसे दूर बैठकर फोन में ना जाने क्या ढूंढने में लगी थी ? जैसे ही उसकी नजर अवि पर गयी अवि ने उसे आकर बैठने का इशारा किया तो नैना उठी और सार्थक को शीतल के पास से उठाकर अवि के पास बैठने का इशारा किया और खुद शीतल के पास बैठते हुए बोली,”बाबू ये ज्यादा नजदीकियां ना या तो मुंह फुला है या फिर पेट !”
नैना की बात सुनकर अवि साइड में देखने लगा और सोचने लगा,”इसके साथ रहके लाइफ इंट्रेस्टिंग होने वाली है लेकिन कई ज्यादा थ्रिलिंग भी”
“खाने का क्या प्रोग्राम है ?”,मोंटी ने पूछा
“आज सब साथ में है बाहर चलते है ना”,रुचिका ने कहा
“गुड़ आईडिया ! मेट्रो क्रू एक नया रस्ट्रोरेन्ट खुला है वहा का खाना बहुत अच्छा है एंड टेस्टी भी है !”,सार्थक ने कहा
“ओके देन वही चलते है”,रुचिका ने कहा तो सबने अपनी सहमति दे दी अवि के पास अपने फ्लेट की चाबी थी इसलिए वह उठा और चेंज करने चला गया। सार्थक भी निचे चला आया बाकि चारो लोग तैयार होने चले गए। आधे घंटे बाद सभी निचे मिले गनीमत था शर्मा जी अपार्टमेंट में नहीं थे शहर से बाहर गए हुए थे वरना तो वे सार्थक को इन लोगो के साथ जाने ही नहीं देते। जाने वाले 6 लोग थे और बाइक तीन थी , नैना ने सार्थक शीतल , मोंटी और रूचि को निकलने से कहा और खुद अवि के साथ वही रुक गयी।
“अब हम लोग कैसे जायेंगे ?”,अवि ने सवाल किया
“मेरे पास जुगाड़ है”,नैना ने कहा
“कैसा जुगाड़ ?”,अवि ने कहा
“रुको अभी दिखाती हूँ !,कहकर नैना सामने खेल रहे अपार्टमेंट के बच्चो के पास गयी और उनसे बात करके वापस आयी कुछ देर में चिंटू अपनी साईकिल लेकर आया और नैना को देकर चला गया। अवि ने देखा तो हैरानी से कहा,”हम इसपे जायेंगे ?”
“हां !”,नैना ने साइकिल पर बैठते हुए कहा
“आर यू सीरियस ? ये बच्चो की साइकिल है “,अवि ने कहा
“ओह्ह कम ऑन पडोसी वो लोग हमसे आगे निकल जायेंगे , बैठो ना यार !”,नैना ने कहा तो अवि आकर उसके पीछे बैठ गया उसे अजीब लग रहा था लेकिन जब उसने नैना जैसी लड़की को चुना ही है तो ये सब तो होना जायज है , अवि के बैठते ही नैना ने साईकिल आगे दौड़ा दी अवि के हाथ नैना की कमर से जा लगे। नैना अपनी धुन में साईकिल चलाते जा रही थी और अवि ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहा था की नैना बस सही सलामत रेस्त्रो तक पहुँच जाये। अभी थोड़ी दूर ही चले थे की नैना ने साईकिल गलत सड़क की और मोड़ दी , पूरी रोड सुनसान थी वहा से बस इक्का दुक्का गाड़िया गुजर रही थी। अवि ने देखा तो कहा,”हम शायद गलत जा रहे है ?”
“नहीं पडोसी ये शॉर्टकट है , इस रस्ते से हम लोग जल्दी पहुंचेंगे !”,नैना ने कहा
“वैसे सुनसान सड़क है , तुम और मैं अकेले ऐसे में अगर बारिश हो जाये तो कितना अच्छा हो ना !”,अवि ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा
“दिल्ली में बारिश होना कोनसी मुश्किल बात है , वो तो कभी भी बरस सकती है”,नैना ने कहा और फिर आगे जाकर साईकिल रोककर कहा,”मैं थक गयी तुम चलाओ मैं पीछे बैठूंगी”
“ओके !”,अवि ने कहा और खुद आगे आकर बैठ गया और नैना उसके पीछे अवि ने चलाना शुरू किया दोनों बाते करते हुए आगे बढ़ रहे थे। अवि से नैना का प्यार का रिश्ता बाद में था और दोस्ती का रिश्ता पहले था , वह हँसते खिलखिलाते ना जाने कितनी सारी बाते शेयर कर रही थी और अवि बस सुनकर मुस्कुरा रहा था। नैना के साथ उसकी ये रोड ट्रिप सबसे खूबसूरत थी जिसमे सिर्फ वह था , नैना थी और खूबसूरत अहसास थे जो उन्हें एक दूसरे के और करीब ला रहे थे। कुछ ही दूर चले थे की बारिश की टिप टिप शुरू हो गयी और साईकिल रोककर उन्हें एक छपर के निचे रुकना पड़ा। दोनों बचते बचाते छप्पर के निचे पहुंचे ,, दोनों थोड़ा थोड़ा भीग चुके थे और नैना अपने हाथो को झाड़ रही थी। ऐसा करते हुए वह बहुत ही मासूम लग रही थी अवि ने देखा तो बस देखता ही रह गया। नैना की नजर अवि के बालो पर पड़ी तो वह भीगे बालों को अपनी उंगलियो से सही करने लगी , नैना से ये उम्मीद अवि को नहीं थी पर उसे अच्छा लग रहा था की नैना को उसकी परवाह है , वह बस उसे देखता रहा ,, नैना उसकी बगल में खड़ी होकर सामने देखते हुए कहने लगी,”इस बारिश को भी अभी शुरू होना था , कम्बख्त इस से बर्दास्त नहीं हुआ ना मेरा खुश होना जलनखोर कही की”
“किस से बात कर रही हो ?”,अवि ने कहा
“बारिश से !”,नैना ने कहा
“पागल हो , बारिश बोलती सुनती थोड़ी है !”,अवि ने नैना का मजाक उड़ाते हुए कहा
नैना ने मुंह बना लिया तो अवि मुस्कुराने लगा और कहा,”तुम कभी बारिश में भीगी हो ?”
“नहीं मुझे जुखाम हो जाता है , डेड ने हमेशा से मना किया है भीगने से”,नैना ने कहा
“हम्म्म्म , मैं तो बहुत भीगता हूँ , एक्चुअली जब चंडीगढ़ में बारिश होती है न तो मैं अपनी बाइक लेकर दोस्तों के साथ निकल जाता हूँ घूमने , बहुत मजा आता है”,अवि ने कहा तो नैना सोच में डूब गयी उसे खोया हुआ देखकर अवि ने कहा,”भीगना है ?”
“हम्म्म्म पर डेड,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा
“उन्हें कौन बताएगा ? यहाँ सिर्फ तुम हो मैं हूँ और बारिश है”,अवि ने कहा तो नैना मुस्कुरा दी और अवि के साथ बारिश में भीगने चली गयी दोनों भूल गए की उन्हें रेस्टोरेंट भी जाना हैं , जेब में रखे दोनों के फोन भी भीग चुके थे इसलिए उन पर फोन लगना मुश्किल था। बेपरवाह से दोनों बारिश में भीग रहे थे नैना को बहुत अच्छा लग रहा था और भीगते हुए नैना एकदम से अवि से जा टकराई , अवि का हाथ उसकी कमर पर था और वह बस नैना की आँखों में देखे जा रहा था , बारिश का पानी दोनों की पलकों से होते हुए गालो और होंठो को भीगा रहा था। अवि की नजरे नैना के होंठो पर ठहर गयी और नैना बस उसकी आँखों में देखते रही। दोनों खामोश तभी बिजली कड़की और नैना डरकर अवि के सीने से लग गयी , अवि का दिल सामान्य से तेज था , लेकिन आज नैना पर उसका पूरा हक़ था उसने नैना को अपने हाथो में समेट लिया दोनों बारिश में भीगते रहे और कुछ देर बाद जब बारिश रुकी तो नैना उस से दूर हुई और कहा,”चलते है !”
“घर चले , ऐसे हालत में रेस्त्रो तो जा नहीं पाएंगे !”
“ऐसी हालत में घर भी नहीं जा पाएंगे , इस से अच्छे है रेस्त्रो ही चलते है रास्ते में सुख जायेंगे”,नैना ने कहा तो अवि ने साईकिल उठायी और बैठकर नैना से बैठने का इशारा किया। नैना उसके पीछे आ बैठी और अवि उसे लेकर आगे बढ़ गया। कुछ ही दूर वह सड़क मैन रोड से मिल गयी तब तक अवि और नैना लगभग आधे सुख चुके थे। रेस्टो पहुंचे तब तक पुरे से थोड़ा कम सुख चुके थे। बाकि चारो बाहर ही उनका वेट कर रहे थे नैना और अवि को लेकर अंदर आये उन्होंने एक अलग बड़ा टेबल बुक किया 6 कुर्सियों के साथ और आकर बैठ गए। भीगने की वजह से नैना को ठण्ड लग रही थी और ये बात अवि ने नोटिस कर ली थी वह नैना के पास आकर बैठा और बिना किसी को पता चले टेबल के निचे से नैना के हाथ को अपने हाथ में लिया और अपने दोनों हाथो के बिच रखकर रगड़ते हुए उसे गर्मी देने लगा , नैना को थोड़ा आराम मिला ,,,,,,,,,,,!!
अवि और नैना को साथ देखकर रुचिका बहुत खुश थी , रुचिका को अपनी और घूरते पाकर नैना उठी और कहा,”मैं वाशरूम होकर आती हूँ !”
नैना के जाते ही रुचिका आकर अवि की बगल में बैठी और कहा,”ए अवि रास्ते में तुम दोनों के बिच कुछ हुआ क्या ?”
रुचिका के सवाल में जो शरारत थी अवि उसे भांप गया और उसने कहा,”तुम्हे लगता है ऐसा कुछ होगा , उसके सामने प्यार से बात करो ना तो वो काटने को दौड़ती है”
“मजाक मत करो , दोनों अकेले थे बारिश भी हो रही थी ,, कुछ तो हुआ ही होगा ना ,,, कोई स्पेशल मोमेंट”,रुचिका ने कहा तो अवि की आँखों के आगे बारिश वाला सीन आ गया और वह मुस्कुरा उठा रुचिका समझ गयी उसने सामने रखा पेस्ट्री उठाया और कहा,”जाओ नैना को अपने हाथ से खिलाकर आओ , ऐसा करने से प्यार बढ़ता है !”
“आर यू स्योर ?”,अवि ने प्लेट लेकर कहा
“अरे बाबा हां , रिलेशनशिप में ऐसा होता है ! अब जाओ भी”,रुचिका ने कहा तो अवि उठकर सामने से आती नैना के पास चला आया तो नैना ने कहा,”क्या है ?”
अवि ने पेस्ट्री उठाकर नैना की और बढ़ाते हुए कहा,”वो एक दूसरे को अपने हाथ से खिलाओ तो प्यार बढ़ता है”
नैना जिसके मूड स्विंग्स से अवि वाकिफ भी था उसने अवि का हाथ साइड में किया और कहा,”ये बकचोदी ना मेरे साथ नहीं चलेगी !”
बेचारा अवि उसका तो सारा रोमांस ही मर गया , नैना वहा से चली गयी अवि ने रुचिका की और देखा तो रुचिका ने गर्दन उचकाई अवि ने मासूम सा चेहरा बनाकर हाथ में पकड़ी पेस्ट्री को खुद ही खा लिया !!

क्रमश Love You Zindagi – 93

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संजना किरोड़ीवाल

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