Love You Zindagi – 74
नैना की डायरी पढ़कर अवि ने जाना की नैना जैसा दिखती थी उस कई ज्यादा फीलिंग्स उसके मन में थी। जैसे जैसे अवि नैना को जानता जा रहा था नैना के लिए उसका प्यार बढ़ता जा रहा था। नैना अवि को लेकर ऊपर छत पर आयी। सुहावनी धुप में अवि को छत पर अच्छा लग रहा था नैना ने छत दिखाते हुए कहा,”और ये है हमारे घर की छत जहा से लखनऊ बहुत खूबसूरत दिखता है”
“लखनऊ के लोग लखनऊ से भी ज्यादा खूबसूरत है”,अवि ने नैना को देखते हुए कहा
“अरे वाह लखनऊ आते ही तुम्हारा तो अंदाज ही बदल गया”,नैना ने कहा। नैना की बात सुनकर अवि मुस्कुराने लगा और फिर घूमते हुए लखनऊ की खूबसूरती को निहारने लगा। सच में लखनऊ दिल्ली से भी ज्यादा खूबसूरत था। मौसम भी अच्छा था अवि ने अपना फोन निकालकर नैना को देते हुए कहा,”मेरी कुछ फोटो क्लिक कर दो ना।”
“ओके !”,नैना ने कहा और अवि की फोटो क्लिक करने लगी। अभी दो फोटो ही क्लिक किये थे की अवि का फोन बज उठा स्क्रीन पर किसी “हनी” का नाम देखकर नैना को थोड़ा अजीब लगा उसने फ़ोन अवि की और बढाकर कहा,”किसी हनी का फोन है”
“तुम्हारे एक्स मैनेजर की बेटी है , इस टाइम फोन क्यों किया है ?”,अवि ने कहा
“फ़ोन स्पीकर पर डालो !”,नैना ने अवि को घूरते हुए कहा
अवि ने फोन रिसीव किया और स्पीकर पर डालकर कहा,”हेलो !
“हेलो सर कहा हो ? आई रियली मिस्ड यू ,,,,,,,,,,,,,आपने फोटोग्राफी वाला कोर्स भी खत्म नहीं किया। प्लीज सर कब आओगे आप ? मुझे आपसे मिलना है आई मिस यू वॉइस”, दूसरी तरफ से हनी ने कहा
नैना ने सूना तो उसे अच्छा नहीं लगा और वह वहा से जाने लगी अवि ने देखा तो उसने तुरंत फोन कट किया और नैना के पीछे आते हुए कहा,”नैना नैना !”
नैना ने कोई जवाब नहीं दिया तो अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और अपनी और करके कहा,”नैना क्या हुआ ? तुम ऐसे क्यों चली आयी ?”
“तुम बात करो ना अपनी हनी से !”,नैना ने चिढ़ते हुए कहा
“तुम्हे जलन हो रही है ?”,अवि ने धीरे से कहा
“मुझे क्यों जलन होगी तुम हनी से बात करो चाहे मनी से ,,, मुझे निचे काम है।”,कहकर नैना वहा से चली गयी
अवि को अच्छा नहीं लगा लेकिन एक ख़ुशी थी की नैना के दिल में उसके लिए कुछ तो था अवि ने फोन जेब में रखा और निचे चला आया। कुछ देर टीवी देखने के बाद आराधना ने खाना लगा दिया सभी खाना खाने आये नैना नहीं आयी तो अवि ने पूछ लिया,”नैना नहीं खा रही ?”
“उसने थोड़ी पहले ही स्नेक्स खाये थे अब शायद मेरे कमरे में सो रही है”,आराधना ने अवि की प्लेट में खाना परोसते हुए कहा
“अरे बेटा नैना की कुछ आदतें खराब है , खाने और सोने में कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं करती। तुम खाओ वो बाद में खा लेगी”,विपिन जी ने कहा
अवि ने कुछ नहीं कहा बस चुपचाप खाने लगा खाना खाकर वह वापस गेस्ट रूम में आया दयाल काका अवि के धुले हुए कपडे वहा रखकर चले गए। अवि ने अपने कपडे पहने और कुछ देर बाद आकर विपिन जी से कहा,”अंकल जी अब मुझे चलना चाहिए !”
“देखो बेटा मैं जाने के लिए तो नहीं कहूंगा पर हां समझ सकता हूँ तुम्हारा काम और घर भी है सो ,, लेकिन कुछ दिन और रुकते तो लखनऊ घुमा देता मैं तुम्हे”,विपिन जी ने कहा
“डोंट वरी बहुत जल्द मैं अपने मॉम डेड के साथ आऊंगा तब सब साथ चलेंगे। थैंक्यू सो मच इतने प्यार और अपने पन के लिए”,अवि ने कहा
“ये लो कर दिया ना एक पल में पराया , बेटा तुम बहुत अच्छे हो और अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा ही होता है”,आराधना ने प्यार से कहा और फिर एक बॉक्स अवि की और बढ़ा दिया
“इसमें क्या है आंटी ?”,अवि ने पूछा
“छोटा सा तोहफा है हमारी तरफ से रख लो”,विपिन ने कहा
अवि ने बॉक्स खोलकर देखा उसमे एक बहुत प्यारी सी वाच थी उसने झिझकते हुए कहा,”लेकिन मैं ये कैसे ?”
“अरे बेटा प्यार समझ के रख लो”,विपिन जी ने कहा
“लगता है तुम्हे पसंद नहीं आयी।”,आराधना ने कहा
अवि ने सूना तो उसने उनके सामने ही बॉक्स से घडी निकालकर पहन ली और कहा,”आप दोनों बहुत स्वीट हो !”
“चलो मैं तुम्हे एयरपोर्ट तक छोड़ देता हूँ , वैसे भी मुझे बाहर थोड़ा काम है।”,विपिन जी ने कहा
“स्योर अंकल , मैं अपना फोन लेकर आता हूँ”,कहकर अवि वापस गेस्ट रूम में आया और चार्जिंग में लगा अपना फोन निकालकर जेब में रख लिया। नैना से मिले बिना ही उसे जाना पड़ रहा था अवि को अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन ऐसे आराधना और विपिन जी के सामने वह डायरेक्ट जाकर भी नैना से नहीं मिल सकता था। उदास मन से वह कमरे से बाहर आया और फिर विपिन जी के साथ वहा से निकल गया। विपिन जी ने गाड़ी निकाली और अवि को साथ लेकर चले गए। अवि चुपचाप गुमसुम सा बैठा था उसे उदास देखकर विपिन जी ने कहा,”क्या हुआ कहा खोये हो ?”
“कुछ नहीं अंकल बस ऐसे ही”,अवि ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा
विपिन जी ने गाड़ी में रखी सिगरेट उठायी और जलाकर मुंह में रख ली एक कश लगाकर अवि की और बढ़ा दिया। अवि को बार बार नैना के पापा के सामने सिगरेट पीना अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए उसने मना कर दिया।
“लगता है कुछ ज्यादा ही अपसेट हो , अच्छा वो तुम्हारी दोस्त उसे अपने लव के बारे में बताया ?”,विपिन जी ने अवि के साथ सहज होते हुए कहा
“बताया था लेकिन वो ये सब में बिलीव नहीं करती है।”,अवि ने कहा
“अरे तो फिर छोडो उसे”,विपिन जी ने कहा तो अवि हैरानी से उनकी और देखने लगा
“मेरा मतलब उसे छोडो उसके बाप को पटाओ”,विपिन जी ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा
“ये कैसी बाते कर रहे है आप ?”,अवि ने कहा
“अरे मेरा मतलब ,, लड़किया जो होती है ना वो इमोशनली अपने पापा से बहुत ज्यादा अटैच होती है। जिस लड़की को तुम पसंद करते हो अगर वो नहीं मान रही तो उसके पापा को मनाओ , एक बार बाप मान गया तो बेटी तो अपने आप मान जाएगी”,विपिन जी ने कहा
“वाह क्या आईडिया है लेकिन ये मैं आप पर कैसे आजमा सकता हूँ ?”,अवि बड़बड़ाया
“कुछ कहा तुमने ?”,विपिन जी ने पूछा
“नहीं नहीं अंकल अच्छा आईडीया है ट्राय करेंगे”,अवि ने कहा
“जरूर करना और मेरी कोई हेल्प चाहिए तो बताना”,विपिन जी ने कहा तो अवि उनके भोलेपन पर मुस्कुराने लगा। सच में विपिन जी बहुत ही सीधे और सुलझे हुए इंसान थे तभी तो अवि के साथ इतना सहज थे बस अवि ही उनसे कह नहीं पा रहा था की जिसे वह चाहता है वो लड़की कोई और नहीं नैना ही है बस उसे सही वक्त का इंतजार था। विपिन जी की बातो से अवि के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी तो वे कहने लगे,”अवि देखो मैं अभी जो कहूंगा तुम्हे थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन जब भी मैं तुम्हे देखता हूँ , तुमसे बात करता हूँ तो मुझे तुम में अपना बेटा नजर आता है। आज अगर मेरा और आराधना का कोई बेटा होता वो तुम्हारी तरह ही होता उस से भी मैं ऐसे ही बात कर रहा होता , उसके साथ अपने लाइफ एक्सपीरियंस शेयर कर रहा होता।”
“आप ये सब मेरे साथ शेयर कर सकते है अंकल”,अवि ने कहा
“जानता हूँ इसलिए तो तुमसे ये सब कहा , तुम्हारी उम्र में बहुत से लड़के रोज देखता हूँ मैं सब बिजी है किसी के पास किसी के लिए वक्त ही नहीं है , सब अपने फोन , सोशल मिडिया , पार्टी , स्मोकिंग ड्रिंकिंग में बिजी है,,,,,,,,,,,,,पर तुम अलग हो। हमेशा ऐसे ही रहना बेटा डोंट चेंज योर पर्सनालिटी”,विपिन जी ने कहा
“नैना भी यही कहती है”,अवि ने खोये हुए स्वर में कहा
“हां कभी कभी नैना अच्छी बातें कर लेती है , बस उसके गुस्से से थोड़ा डर लगता है , उसके लिए ऐसा लड़का चाहता हूँ जो मेरे बाद उसे सम्हाल सके !”,विपिन जी ने कहा
“आप एक बहुत अच्छे डेड हो अंकल , आपसे ज्यादा प्यार नैना को कोई नहीं कर सकता”,अवि ने मुस्कुरा कर कहा तो विपिन जी भी मुस्कुराने लगे। कुछ देर बाद गाड़ी एयरपोर्ट के बाहर पहुंची। विपिन जी और अवि निचे उतरे तो विपिन जी ने कहा,”मै टिकिट करवा देता हूँ”
“अरे नहीं अंकल मैं मैनेज कर लूंगा , आपने इतना किया काफी है”,अवि ने कहा
“ओके , चंडीगढ़ पहुंचकर फोन जरूर कर देना”,विपिन जी ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा
“अगर आप बुरा ना माने तो आपको हग कर सकता हूँ”,अवि ने कहा
“अरे यार ये भी कोई पूछने की बात है , यहाँ आओ”,कहते हुए विपिन जी ने अवि को गले लगा लिया। अवि को बहुत अच्छा महसूस हुआ और फिर वह वहा से चला गया ! विपिन जी भी अपने काम से वहा से निकल गए !
जयपुर , रुचिका का घर
“मम्मी ये क्या है ? पापा ने इतने सारे लड़को के फोटोज मुझे क्यों दिए है ?”,रुचिका ने किचन में आकर अपनी मम्मी आशा से कहा
“फोटोज देखो , फोटो के साथ में लड़के का बायोडाटा भी है इनमे से जो पसंद आये वो बताना है अपने पापा को”,आशा ने हाथ धोते हुए कहा
“मम्मा लेकिन अभी मुझे शादी नहीं करनी है”,रुचिका ने कहा
“क्यों नहीं करनी बेटा ? उम्र तो यही सही है और फिर शरीर भी भारी है तुम्हारा बाद में अच्छे रिश्ते मिलने में दिक्कत आएगी”,आशा ने रुचिका के साथ किचन से बाहर आते हुए कहा
“अगर तुम्हे कोई पसंद हो तो तुम बता सकती हो”,अपने कमरे से बाहर आते हुए मिस्टर शर्मा ने कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है पापा बस मुझे अभी शादी नहीं करनी है”,कहते हुए रुचिका ने सभी फोटोज को टी टेबल पर रखा और ऊपर अपने कमरे में चली गयी। मिस्टर शर्मा ने आशा की और देखा तो उन्होंने कहा,”मैं बात करती हूँ उस से।”
“दिल्ली जाकर दिमाग ख़राब हो गया है इस लड़की का , भाईसाहब ने शादी डॉट कॉम से इतने अच्छे रिश्ते भेजे है उनको एकदम से ना कैसे कह सकते है ? तुम उस से बात करो आशा , हो सकता है तुम्हे कुछ बताये”,मिस्टर शर्मा ने कहा
“हम्म्म आप परेशान मत होईये !”,आशा ने कहा
रुचिका परेशान सी ऊपर आकर बेड बैठ जाती है और सोचने लगती है,”ये क्या हो गया है रूचि ? ऐसे बिहेव क्यों कर रही है ? शादी तो एक दिन करनी ही है ना तुझे फिर चाहे वो लड़का घरवालो की पसंद का क्यों ना हो ?
परेशान सी रुचिका उठी और मिरर के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी। इस वक्त वह खुद अपनी फीलिंग्स को नहीं समझ पा रही थी , सचिन से उसे अब कोई अटेचमेंट नहीं था पर जिस से (मोंटी) था उसे वह समझ नहीं पा रही थी। मोंटी की तरफ से उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला था आज तक और रुचिका यही नहीं समझ पा रही थी की उसका इंतजार करे या फिर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाये। शीशे के सामने से हटकर रुचिका खिड़की के पास आकर खड़ी हो गयी उसकी नजर निचे खेलते बच्चो पर चली गयी उनमे एक लड़की थी जिसने बिल्कुल नैना की तरह बाल बनाये हुए थे। रुचिका को नैना की याद आ गयी उसने मन ही मन खुद से कहा,”अगर नैना यहाँ होती तो सब ठीक कर देती”
इंदौर , शीतल का घर
“भाभी मैं मंदिर जा रही हूँ आप चलेगी ?”,शीतल ने अपनी भाभी साक्षी से पूछा
“हां शीतल मैं भी चलती हूँ आते हुए मार्किट भी चलेंगे थोड़ा किचन का सामान लेना है”,साक्षी ने कहा
“हां भाभी ठीक है , मैं बाहर हु आप आ जाईये !”,कहकर शीतल बाहर चली आयी। कुछ देर बाद साक्षी आयी और दोनों मंदिर के लिए चली गयी ! मंदिर आकर शीतल को बहुत अच्छा लग रहा था। उसका मन भी शांत था आज पहली बार वो साक्षी से भी थोड़ी बहुत बातें कर रही थी। सीढिया उतरकर दोनों जैसे ही निचे आयी सामने बाइक पर बैठा राज मिल गया। शीतल ने उसे इग्नोर किया और आगे बढ़ गयी थोड़ी दूर चलकर राज ने बाइक शीतल के सामने लाकर खड़ी कर दी। शीतल ने साइड से निकलना चाहा तो राज ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”इतनी नाराजगी ?”
“मेरा हाथ छोडो !”,शीतल ने धीरे से कहा
“शीतल बहुत हो गया नाटक , बाइक पर बैठो और चलो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है”,राज ने कहा
“मैंने कहा हाथ छोडो मेरा”,शीतल ने गुस्से से राज को घूरते हुए कहा
“अच्छा तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे आंखे दिखा रही है , चुपचाप बैठो और चलो मेरे साथ”,राज ने कहा
“ए वो बोल रही है ना हाथ छोड़ने को ,, देखो यहाँ तमाशा मत करो”,इस बार साक्षी ने कहा
“तेरे से पूछा मैने चल निकल”,कहते हुए राज ने साक्षी को साइड किया तो शीतल ने खींचकर एक थप्पड़ मारते हुए कहा,”खबरदार जो उन्हें हाथ भी लगाया मुझसे बुरा कोई नहीं होगा , समझता क्या है तू अपने आप ? एक औरत की इज्जत करना आता ही कहा है तुम्हे ,, लगता है उस दिन मैंने जो कहा वो तुमने ठीक से सूना नहीं था ,, नहीं सूना तो अब सुन कोई रिश्ता नहीं है तुम्हारा और मेरा , आज के बाद अगर मुझे या मेरी फॅमिली को परेशान किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। समझा तू”
शीतल की आवाज से वहा लोग इक्कठा होने लगे और ये देखकर राज वहा से चला गया। शीतल ने साक्षी को सम्हाला और कहा,”भाभी आप ठीक हो ?”
“हां शीतल मैं बिल्कुल ठीक हु और मैं बहुत खुश हूँ आज पहली बार तुमने गलत का साथ नहीं दिया”,साक्षी ने आँखों में आंसू भरकर कहा तो शीतल उनके गले लगकर कहने लगी,”सही गलत की पहचान करना सीख रही हूँ भाभी और ये सब बदलाव नैना की वजह से है , वो नहीं होती तो शायद इस मायाजाल से मैं कभी निकल ही नहीं पाती”
“कौन नैना ?”,साक्षी ने पूछा
शीतल मुस्कुराई और कहा,”है एक लड़की जिसने जिंदगी जीना सिखाया है , जल्दी ही उस से मिलवाउंगी आप सबको !”
क्रमश – Love You जिंदगी – 75
Read More –
Follow Me On – facebook
Follow Me On – instagram
संजना किरोड़ीवाल !