Telegram Group Join Now

Love You जिंदगी – 46

Love You Zindagi – 46

Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

नैना के सामने एक नयी मुसीबत खड़ी थी और उसका कैसे निकालना था ये नैना को कुछ समझ नहीं आ रहा था। विपिन जी ने गाड़ी का हॉर्न बजाया नैना ने सामने खड़े स्कूबी का सर सहलाया और आकर गाड़ी में बैठ गयी ! विपिन जी ने दयाल को घर का ख्याल रखने के लिए कहा और वहा से निकल गए ! आराधना तो सुमि से मिलने का सोचकर ही खुश हो रही थी।

पीछे बैठी नैना अंदर ही अंदर इस नयी मुसीबत से निपटने का प्लान बना रही थी की तभी उसके फोन पर एक मैसेज आया नैना ने मैसेज खोलकर देखा रूचि का था – नैना कुछ सोचा है तुमने दिल्ली के बारे में ?”
नैना – अबे साली साइड में बैठकर मैसेज क्यों कर रही है ?
रूचि – बेटा तेरे पिताजी के सामने तो ये सब बाते होने से रही , वो सब छोडो आगे का क्या प्लान है ?
नैना – कुछ समझ नहीं आ रहा यार , दिल्ली पहुँचते ही अपनी बेंड बजेगी


रूचि – यार मैनेजर से झगड़ा नहीं करना चाहिए था कम से कम घर तो था
नैना – हां सही है उसकी हरामीगिरि सहते
रूचि – तो अब क्या करेंगे ?
नैना – रिलेक्स मैं करती हूँ कुछ
रूचि – हम्म्म


विपिन जी ने देखा नैना और रुचिका फोन में लगी है तो उन्होंने कहाँ,”बेटाजी हम सब यहाँ है और आप दोनों फ़ोन में लगी हो , ये गलत है। नैना ने सूना तो फोन साइड में रखकर कहा,”सॉरी डेड वो फ्रेंड का मैसेज था।
“इट्स ओके बेटा लेकिन जब फॅमिली के साथ हो तो थोड़ा इन सब से दूर रहना सही रहता है।”,विपिन जी ने कहा तो नैना को अपनी गलती का अहसास हुआ उसने आगे होकर विपिन जी को हग किया और कहा,”सॉरी डेड”
“इट्स ओके !”,विपिन जी मुस्कुरा दिए


“डेड आप लोग कितने दिन रुकोगे वहा ?”,नैना ने पूछा
“दो दिन है ना आरु ?’,विपिन जी आराधना से पूछा
“हां बस सुमि से मिलना है और थोड़ा दिल्ली घूम लेंगे बस”,आराधना ने कहा
“अंकल आंटी आप लोग जितने दिन चाहे रुक सकते है , आपका ही घर है”,शीतल ने कहा


नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी ! शीतल दरअसल भूल गयी थी की दिल्ली में उनके रहने को अब कोई जगह बची है। जब उसे याद आया तो उसने रुचिका से धीरे से सॉरी कहा ! शाम 5 बजे गाड़ी लखनऊ से बाहर निकल गयी थी और हाइवे पर दौड़ रही थी। शीतल सर शीशे से लगाकर सो रही थी और रुचिका उसके कंधे पर सर लगाकर सो रही थी बस एक नैना थी जिसके दिमाग में ये चल रहा था की दिल्ली में जुगाड़ कैसे करे ?

उसे सार्थक का ख्याल आया आगे एक रेस्टोरेंट देखकर नैना ने विपिन जी से थोड़ी देर रुकने को कहा। विपिन जी ने गाड़ी साइड में लगा दी सभी चाय नाश्ता करने निचे उतरे। शीतल रुचिका और आराधना वाशरूम की और चले गए विपिन जी आर्डर देने चले गए नैना के पास यही सही मौका था उसने सार्थक को फोन लगाया
सार्थक – हे नैना , कैसी हो ?
नैना – ये सब बाद में पूछना पहले मेरी बात सुन , मुझे दिल्ली में घर चाहिए अभी तू अरेंज कर सकता है ?


सार्थक – घर ? नैना तुम जानती हो ना दिल्ली में एक रूम मिलना कितना मुश्किल है और तुम्हे घर चाहिए वैसे हुआ क्या ?
नैना – मॉम डेड हम लोगो के साथ दिल्ली आ रहे है उन्हें फ्लैट वाली बात नहीं पता है , दो दिन यही रुकेंगे उन्हें पता चला मेरा मैनेजर से झगड़ा हुआ है और हम लोगो के पास रहने को जगह नहीं है तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी ,, प्लीज यार अरेंज करना होगा कैसे भी वरना जॉब , दिल्ली सब छूट जाना है मेरा


सार्थक – अच्छा ठीक है कब तक पहुंचोगे तुम लोग मैं अपने दोस्तों से बात करके देखता हूँ
नैना – में बी कल सुबह तक , पहुंचने को तो रात में ही पहुँच जायेंगे लेकिन मैं जान बूझकर लंबा रुट लेने वाली हूँ ताकि तुम्हे टाइम मिल सके
सार्थक – ओके ठीक है मैं करता हूँ कुछ
नैना – थैंक्स , चल मैं रखती हूँ और कॉल मत करना मैसेज करना
सार्थक – ओके


नैना ने फोन काटा और आकर रुचिका शीतल के पास बैठ गयी। सार्थक से बात करके उसे थोड़ी राहत मिली और वो विश करने लगी की बस सार्थक को कोई घर मिल जाये। हल्के फुल्के चाय नाश्ते के बाद सभी वापस गाड़ी में आ बैठे। नैना का मूड थोड़ा अच्छा था इसलिए उसने विपिन जी से गाने चलाने को कहा गाना बजने लगा – ये दिल ना होता बेचारा , कदम ना होते आवारा जो खूबसूरत कोई अपना हमसफ़र होता”


नैना ने सूना तो वह और विपिन जी भी साथ साथ गुनगुनाने लगे शीतल और रुचिका नैना को खुश देखकर समझी की प्रॉब्लम सॉल्व हो गयी और वे दोनों भी गुनगुनाने लगी। सभी यहाँ वहा की बातें करते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे। रात 9 बजे खाना खाने के लिए विपिन जी ने गाड़ी रोकी और सभी निचे उतरे , वो एक बहुत शानदार ढाबा था विपिन जी ने सबके लिए खाना आर्डर किया और सबके बिच आ बैठे। नैना ने वहा से थोड़ा साइड में जाकर सार्थक को फोन लगाया और कहा – सार्थक क्या हुआ ?


सार्थक – नैना तुम लकी हो अभी कुछ देर पहले ही एक घर मिला है अच्छा है लेकिन किराया 12000 है
नैना – अरे चलेगा तुम डन कर दो और एड्रेस मुझे मैसेज कर देना
सार्थक – ओके टेक केयर
नैना – थैंक्स ब्रो तूने बचा लिया , बाय

नैना अब खुश थी वह चहकते हुए सबके बिच आयी और चुपके से शीतला रुचिका को सब ओके होने का इशारा किया। रुचिका और शीतल की भी पपरेशानी दूर हो गयी। खाना आने में अभी वक्त था तो विपिन जी ने नैना से कहा,”अच्छा नैना ये आशीर्वाद अपार्टमेंट दिल्ली में कहा है ?”
“आप क्यों पूछ रहे है डेड ?”,नैना ने बेपरवाही से पूछा


“क्यों पूछ रहा हूँ मतलब ? तुम लोग वही तो रहते हो ,, तुमने बताया था की ऑफिस की तरफ से फ्लेट मिला है तुम्हे , भूल गयी”,विपिन जी ने कहा तो नैना की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। वह खांसने लगी तो रुचिका ने उसे पानी दिया नैना ने पानी पिया तो विपिन जी ने कहा,”नैना तुम कुछ छुपा तो नही रही मुझसे ?”
“नहीं नहीं डेड ऐसा तो कुछ भी नहीं है”,नैना ने कहा और उठी खड़ी हुई जैसे ही जाने लगी आराधना ने पूछ लिया,”कहा ?”


“मॉम वाशरूम , मैं वाशरूम होकर आती हूँ”,कहते हुए नैना वहा से चली गयी और साइड में आकर खुद से ही बातें करने लगी,”शिट , शिट , शिट नैना तू इतनी बड़ी ढक्कन कैसे हो सकती है ? मतलब तूने ही तो डेड को सब बताया था फोन पर दिल्ली के बारे में और अब तू ही ऐसे स्टुपिड प्लान बना रही है ,, अगर उन्हें फ्लैट के बजाय नए घर लेकर गयी तो उन्हें शक हो जाएगा ,,, शिट ,, क्या करू ? क्या करू ? सार्थक सार्थक को फोन करती हूँ !”


नैना ने सार्थक को फोन लगाया नैना कुछ कह पाती इस से पहले ही सार्थक बोल पड़ा,”हे नैना तुम्हारा काम हो गया , मेरे दोस्त ने आज ही एक घर खाली किया है वो तुम्हे सुबह मिल जाएगा”
“केंसल कर दे”,नैना ने एकदम से कहा
“क्या ? कैंसल क्यों ? व्हाट हेपन अब क्या हुआ ?’,सार्थक ने पूछा


“अबे पिताजी को आशीर्वाद अपार्टमनेंट ही आना है , मेरे भाई कैंसल कर दे पहले से इतनी भसड़ है कम से कम तू तो रहम खा”,नैना ने दुखी होकर कहा
“तो अब फ्लैट का क्या ?”,सार्थक को कुछ समझ नहीं आया
“एक काम कर तू चला जा और अपने उस झंडू दोस्त को भी लेजा , अबे रख फोन !”,कहते हुए नैना ने गुस्से में फोन काट दिया और सर ऊपर करके फोन सर से लगा लिया।

वहा से गुजरते एक आदमी ने पूछ लिया,”क्या हुआ मैडम परेशान दिख रही है आप ?”
एक तो नैना पहले से गुस्सा थी उस पर उस आदमी का बिना वजह वहा रुकना उसे और गुस्सा दिला गया उसने सामने देखते हुए कहा,”हां हूँ परेशान , डॉक्टर हो तुम ? बाबा हो कोई , इलाज है तुम्हारे पास ,, जिंदगी के “L” लगे पड़े है आ जाओ कर दो सही ,, जान ना पहचान तुम्हे यहाँ ज्ञान पेलना है ,, हां हां तुम्हारा ही घर है बताओ क्या करू ? नहीं बोलो ना , का समझ रखा है बे ? मतलब दो मिनिट कोई शांति से खड़ा भी नहीं रह सकता ,, !!


नैना को बिफरता देखकर आदमी ने खिसकने में ही अपनी भलाई समझी।
“कूल नैना कूल डेड के सामने ऐसे नहीं जा सकते , लेकिन फ्लैट उसका क्या करू ? सुबह होते ही डेड को सब पता चल जाएगा। ओह्ह्ह गॉड अब मैं क्या करुं ?कुछ सोच नैना कुछ सोच मेरे बच्चे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आईडीया अपार्टमेंट के मालिक से बात करती हु शायद कोई फ्लेट खाली हो “,नैना ने खुद से कहा और एक बार फिर सार्थक को फोन लगाया


सार्थक – अब क्या है ?
नैना – सार्थक बेटे ऐसे गुस्सा नहीं करते , वो निकल गया मुंह् से सुन ना
सार्थक – हम्म्म इट्स ओके बताओ
नैना – अपार्टमेंट में जो फ्लेट बुक करता है उसके नंबर चाहिए
सार्थक – हम्म्म मेरे पास नहीं है शायद पापा के पास हो मैं मेसेज करता हूँ तुम्हे
नैना – या थैंक्स


फोन काटकर नैना वापस उन लोगो के बिच आयी तो उसे देखते ही आराधना ने कहा,”अरे बेटा कहा थी इतनी देर खाना कब का आ चुका चलो बैठो।
“हां मॉम वो जुगाड़ करना था ना।”,नैना के मुंह से निकल गया
“डेड जुगाड़ कैसा जुगाड़ ? मैंने कहा जुखाम , जुखाम हो गया है मुझे इसलिए गरमपानी लेने गई थी”,नैना ने मुश्किल से बात सम्हाली


“लो गर्मागर्म खाना खाओ सब जुखाम निकल जाएगा तुम्हारा , शीतल बेटा रूचि बेटा आप लोग भी शुरू करो”,कहकर विपिन जी ने सबको परोसना शुरू किया सबने खाना खाया कुछ देर वही सुस्ताने के लिए बैठ गए नैना के फोन पर मेसेज आया नैना ने देखा सार्थक ने उसे एक नंबर भेजा है वह उठकर जाने लगी तो विपिन जी ने पूछ लिया,”अब कहा बेटा ?”


“डेड वाशरूम !”,कहकर नैना निकल गयी ताकि वे लोग और सवाल जवाब ना करे
नैना ने जल्दी जल्दी में सार्थक के भेजे नंबर पर फोन लगाया दो चार रिंग के बाद किसी ने फोन उठाया तो नैना ने कहा,”हेलो शर्मा जी वो मुझे एक फ्लैट बुक करना था , देखिये बहुत अर्जेन्ट है और फ्लैट हमे सुबह ही चाहिए”


“सॉरी जी मैडम फ्लैट तो सारे बुक है और एक आखरी फ्लैट बचा था वो भी आज सुबह एक फॅमिली ने ले लिया जी ,, सॉरी !”,कहकर शर्मा जी ने फोन काट दिया नैना ने गुस्से में फोन फेंकने का सोचा लेकिन बाद में रुक गयी और अपने सर को अपने दोनों हाथो से लगा लिया ! नैना ने एक गहरी साँस ली और फिर सार्थक का नंबर लगाया

लेकिन इस बार फोन तो उठा लेकिन उधर से कोई आवाज नहीं आयी और नैना ने कहा,”सार्थक आई डोंट नो तू कैसे करेगा ? लेकिन मुझे सुबह आशीर्वाद में फ्लैट चाहिए डेड आ रहे है उन्हें पता चला हम लोग वह नहीं रहते तो लग जाने है मेरे , भाई प्लीज तू सम्हाल ले मैं तेरी शीतल से शादी करा दूंगी भाई बस तू दो दिन डेड को सम्हाल लेना ,, अभी मैं जा रही डेड बुला रहे है l बाय”

नैना वापस चली आयी विपिन जी ने चलने को कहा तो सभी गाड़ी की और बढ़ गए विपिन जी आगे जाने लगे तो नैना ने कहा,”डेड आप थक गए होंगे ना , आप पीछे बैठो मॉम और शीतल के साथ रूचि तू आगे आजा , ड्राइव मैं कर लुंगी”
“आर यू स्योर बेटाजी ?”,विपिन जी ने कहा
“अरे हां डेड आप पीछे आराम से बैठो !”,कहकर नैना ने गाड़ी का दरवाजा खोला और खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठी रूचि उसकी बगल वाली सीट पर बैठ गयी ,

आराधना और विपिन जी पीछे शीतल के साथ आ बैठे नैना ने गाड़ी स्टार्ट की तभी उसका फोन बजा नैना ने जल्दी से देखा सार्थक का मेसेज था – तुम आराम से बेफिक्र होकर दिल्ली आओ मैं सब सम्हाल लूंगा
नैना के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी अब उसका मन थोड़ा शांत था उसने फोन गाडी के डेशबोर्ड पर रखा और गाड़ी को आगे !

खुली सड़क पर गाड़ी दौड़े जा रही थी नैना अब ठीक थी उसकी समस्या का हल मिल चुका था उसने म्युजिक सिस्टम ऑन कर दिया और गाना बजने लगा – ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाये , मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए !!”


विपिन जी ने सूना तो बोल उठे,”अरे क्या बात है नैना आज तुम ये गाने सुन रही हो
नैना मुस्कुराई और कहा,”दिनभर कितने भी कानफाड़ गाने सुनो डेड शाम होते ही सुकून इन गानो से मिलता है ,, लेटस इंजॉय द ड्राइव !” कहकर नैना ने स्पीड थोड़ी बढ़ा दी क्योकि अभी उसे बहुत लंबा सफर तय करना था !!

Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46

Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46Love You Zindagi – 46

क्रमश – love-you-zindagi-47

Follow Me On – instagram

संजना किरोड़ीवाल

Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी ! शीतल दरअसल भूल गयी थी की दिल्ली में उनके रहने को अब कोई जगह बची है। जब उसे याद आया तो उसने रुचिका से धीरे से सॉरी कहा ! शाम 5 बजे गाड़ी लखनऊ से बाहर निकल गयी थी और हाइवे पर दौड़ रही थी। शीतल सर शीशे से लगाकर सो रही थी और रुचिका उसके कंधे पर सर लगाकर सो रही थी बस एक नैना थी जिसके दिमाग में ये चल रहा था की दिल्ली में जुगाड़ कैसे करे ?

नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी ! शीतल दरअसल भूल गयी थी की दिल्ली में उनके रहने को अब कोई जगह बची है। जब उसे याद आया तो उसने रुचिका से धीरे से सॉरी कहा ! शाम 5 बजे गाड़ी लखनऊ से बाहर निकल गयी थी और हाइवे पर दौड़ रही थी। शीतल सर शीशे से लगाकर सो रही थी और रुचिका उसके कंधे पर सर लगाकर सो रही थी बस एक नैना थी जिसके दिमाग में ये चल रहा था की दिल्ली में जुगाड़ कैसे करे ? नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी !

शीतल दरअसल भूल गयी थी की दिल्ली में उनके रहने को अब कोई जगह बची है। जब उसे याद आया तो उसने रुचिका से धीरे से सॉरी कहा ! शाम 5 बजे गाड़ी लखनऊ से बाहर निकल गयी थी और हाइवे पर दौड़ रही थी। शीतल सर शीशे से लगाकर सो रही थी और रुचिका उसके कंधे पर सर लगाकर सो रही थी बस एक नैना थी जिसके दिमाग में ये चल रहा था की दिल्ली में जुगाड़ कैसे करे ? नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी !

नैना और रुचिका ने सुना तो अपना सर पिट लिया रुचिका ने तो उसकी कमर पर कोहनी भी मार दी ! शीतल दरअसल भूल गयी थी की दिल्ली में उनके रहने को अब कोई जगह बची है। जब उसे याद आया तो उसने रुचिका से धीरे से सॉरी कहा ! शाम 5 बजे गाड़ी लखनऊ से बाहर निकल गयी थी और हाइवे पर दौड़ रही थी। शीतल सर शीशे से लगाकर सो रही थी और रुचिका उसके कंधे पर सर लगाकर सो रही थी बस एक नैना थी जिसके दिमाग में ये चल रहा था की दिल्ली में जुगाड़ कैसे करे ?

24 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Exit mobile version