Love You Zindagi – 30
नैना हॉस्पिटल से सीधा ऑफिस चली आई और चुपचाप अपना काम करने लगी ! रुचिका ने नैना को देखा तो पीछे से उसके गले में बाँहे डालते हुए कहा,”थैंक्यू सो मच नैना , तुमने तो आज मुझे बचा ही लिया !”
“मैंने बचा लिया , अरे तुम खुद सही थी और अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा ही होता है लेकिन आज के बाद दुसरो से ज्यादा पहले खुद पर भरोसा रखना !”,नैना ने रुचिका को समझाया !
“मैं ख्याल रखूंगी नैना !”,रुचिका ने खुश होकर कहा और उसके बाद सभी अपने अपने कामो में लग गए ! शाम को नैना रुचिका और शीतल तीनो घर के लिए निकल रहे थे की रुचिका के फोन पर सचिन का फोन आया ! रुचिका ने फोन काट दिया और बंद करके अपने बैग में रखकर दोनों के साथ ऑफिस से बाहर निकल गयी !
सचिन उस रात के बाद जब सुबह घर पहुंचा तो उसे पता चला की उसकी मंगेतर ने रिश्ता तोड़ दिया है ! सचिन के पापा को जब सच्चाई पता चली तो उन्होंने उसे खींचकर दो चार थप्पड़ रसीद किये और सुबह सुबह ही वहा से अपने शहर के लिए निकल गए ! सचिन अकेला पड़ गया उसने निरंजन सर को फोन लगाया लेकिन उनका फोन भी बंद था ! सचिन दिनभर घर में पड़ा रहा बीती रात उसके साथ क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं था ? बस ये याद था की नैना वहा आयी थी ! सचिन ने अपना ऑफिस का बैग खोला उसमे वो पेन ड्राइव ना पाकर सचिन बोखला गया और यहाँ वहा ढूंढने लगा ! उसे अपना भविष्य , अपनी नौकरी और अपनी इज्जत खतरे में नजर आ रही थी ! सिर्फ रुचिका ही थी जो उसे इस मुसीबत से निकाल सकती थी और ये सोचकर ही उसने रुचिका को फोन मिलाया लेकिन रुचिका ने उस से बात तक नहीं की ! शाम को सचिन अपने घर में परेशान सा यहाँ से वहा घूम रहा था ! दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी सचिन ने जल्दी से जाकर दरवाजा खोला तो सामने रुचिका को पाया ! उसके पीछे खड़ी थी शीतल और बगल में खड़ी थी नैना जो की बड़े ही जहर अंदाज से सचिन को घूर रही थी ! रुचिका को देखते ही सचिन ने अपना रंग बदल लिया और कहने लगा,”रुचिका , रुचिका अच्छा हुआ तुम आ गयी ! ये नैना इसने मेरे साथ धोखा किया है , मैं मानता हूँ मैंने तुम्हारा दिल तोड़ा लेकिन मैं बहक गया था रुचिका !”
“सटाक !”, झन्नाटेदार थप्पड़ रुचिका ने मारा ! सचिन के होश ही उड़ गए उसे रुचिका से ये उम्मीद नहीं थी वह हक्का बक्का रह गया रुचिका ने उसकी कॉलर पकड़ी और कहा,”तुम्हारे जैसे घटिया इंसान पर भरोसा करके पहले ही मैं बहुत बड़ी गलती कर चुकी हूँ , लेकिन अब नहीं !! आज के बाद अपनी ये गन्दी शक्ल मुझे मत दिखाना !”
“रुचिका मेरी बात तो सुनो !”,सचिन ने कहा
चुप कर मा####### , आईन्दा से अगर तूने मुझसे बात करने की कोशिश भी की तो तेरी वो हालत करुँगी की तू सोच भी नहीं पायेगा !”,रुचिका ने पहली बार सचिन को सीधी गाली दी ! नैना ने सूना तो रुचिका को साइड में करते हुए कहा,”ना ना मेरे बच्चे गाली नहीं , गाली सूट नहीं करती है तुम पर !” कहकर सचिन की और पलटी और कहा,”सुन बे ! लपड़झंटुस आज के बाद अगर रूचि के आस पास भी दिखाई दिया या खुद को ज्यादा होशियार समझने की कोशिश की तो याद रखना कल रात की तेरी सारी रंगबाजी मेरे फोन में सेव है !! इसे अकेले समझने की भूल कभी मत करना !”
कहते हुए नैना शीतल और रुचिका को लेकर वहा से चली गयी ! जैसे ही तीनो बाहर आयी रुचिका उदास हो गयी उसे उदास देखकर नैना ने कहा,”चलो चलकर कुछ खाते है , बहुत भूख लगी है !”
तीनो एक ढाबे पर पहुंची बाहर पड़ी बेच पर आ बैठी लड़का आर्डर लेने आया तो नैना ने तीनो के लिए पराठे आर्डर कर दिए ! रुचिका नैना और शीतल के बिल्कुल सामने उदास होकर बैठी थी और फिर रोने लगी ! उसे रोते देखकर शीतल ने उठना चाहा तो नैना ने उसे रोक लिया ! शीतल को अजीब लगा तो उसने नैना से कहा,”यार वो रो रही है !”
“रोने दे तकलीफ हुई है बेचारी को ,, जो कचरा फीलिंग्स मन में है उनको बाहर निकलने दे !”,नैना ने बेपरवाही से कहा तो शीतल चुप चाप रुचिका को देखने लगी ! कुछ देर आंसू बहाने के बाद रुचिका चुप हो गयी तो नैना ने पानी की बोतल उसकी और बढ़ा दी रुचिका ने पानी पीया और फिर बचे हुए पानी से मुंह धो लिया ! मुंह साफ करके उसने बोतल वापस नैना की और बढ़ा दी ! नैना ने बोतल साइड में रखते हुए कहा,”कैसा लग रहा है अब ?”
“हम्म्म अब ठीक लग रहा है , मैं कितनी बड़ी पागल थी यार !”,रुचिका ने कहा
“हां वो तो हो ही , प्यार के नाम पर साला कोई भी चू#या बना सकता है तुमको !”,नैना ने कहा तो शीतल को थोड़ा बुरा लग गया और उसने कहा,”यार सब एक जैसे नहीं होते है ,, और तुमको प्यार से प्रॉब्लम क्या है ?”
“मुझे प्रॉब्लम प्यार से नहीं है बल्कि सचिन जैसे हरामी लौंडो से है जिन्होंने इसे खेल बना रखा है ! साला क्यों किसी के प्यार के लिए कोई लड़का या लड़की खुद को बदले , क्यों अपना कैरेक्टर छोड़े ? जो जैसा है उसे वैसा एक्सेप्ट करने में इनकी गा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, खैर जाने दो बहस करना बेकार है !”,नैना कहते कहते रुक गयी और ध्यान दूसरी और लगा लिया देखा दो छोटी छोटी लड़किया कुछ ही दूर खड़ी आसभरी नजरो से सामने खाना खाते हुए उन लड़को की और देख रही थी ! उनके चेहरे से पता चल रहा था की वे दोनों भूखी थी ! नैना उठी और उनके पास आकर कहा,”भूख लगी है !”
दोनों लड़कियों ने पहले एक दूसरे की और देखा और फिर अपनी गर्दन झुका दी ! नैना समझ गयी उसने उन दोनों को बैठने को कहा ओर लड़के को बुलाकर उनके लिए पराठे और दही लाने को कहा ! जब तक पराठे आये नैना वही बैठकर उनसे बाते करती रही शीतल और रुचिका बैठकर नैना और उन बच्चियों को देख रही थी ! नैना ने उन्हें खाने को कहा और वापस अपनी जगह लौट आयी ! रुचिका ने उसके बैठते ही कहा,”अब ये कौनसा रूप था तुम्हारा नैना ?”
“ये भी प्यार ही है , अब बाबू शोना वाला तो सीन तो अपने साथ है नहीं सो ऐसे लोगो पर दिखा देती हु ! प्यार होना जरुरी है अब इसपे किसी का कॉपी राईट तो है नहीं की सिर्फ बाबू शोना को ही मिलेगा !”,नैना ने एक टुकड़ा तोड़कर खाते हुए कहा !
“तुम और तुम्हारी बातें दोनों ही अजीब हो , लेकिन अच्छी हो !”,रुचिका ने कहा
“गाली वाली जबान को तारीफ का स्वाद मत लगा टेस्ट ख़राब हो जाएगा ,, अच्छा सुनो अगले हफ्ते वीकेंड पर तुम दोनों मेरे घर चल रही हो मैंने पापा से बोल दिया है !”,नैना लगभग आर्डर देते हुए कहा
“हां बिल्कुल मुझे भी दर्शन करने है उनके जिन्होंने तुम्हे जन्म दिया है !”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“जहर बेटा जहर अभी मेरे पिताजी से ना मिली हो तुम , और मेरी मम्मा वो कतई मक्खन है !”,नैना ने कहा मुस्कुरा उठी और कहा,”फिर तो मुझे भी मिलना है उन दोनों से कुछ दिन के लिए ही सही मम्मी पापा का प्यार मिल जाएगा !”
“कुछ दिन क्यों ? तुम जब चाहो उन्हें मिलने जा सकती हो !”,नैना ने कहा तो शीतल ने उसे साइड हग किया और फिर तीनो पराठो पर हाथ साफ करने लगे !
पराठे खाने के बाद तीनो घर के लिए निकल गयी ! अपार्टमेंट पहुंचकर नैना सीधा नहाने चली गयी और रुचिका सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगी ! रात के खाने के बाद तीनो ने नैना के लेपटॉप पर फिल्म देखने का प्लान बनाया ! रुचिका और शीतल रोमांटिक फिल्म देखना चाहती थी जबकि नैना को इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं था ! काफी मिन्नतों के बाद नैना “मोहब्बते” देखने को तैयार हुई और 10 मिनिट बाद ही सो गयी ! रुचिका और शीतल ने एक दूसरे को देखा और फिर खुद से ही कहा,”इस लड़की का कुछ नहीं हो सकता !” फिल्म देखते हुए उन्हें कब नींद आयी पता ही नहीं चला !
अगले दिन जैसे ही तीनो ऑफिस पहुंची तो देखा ऑफिस में अफरा तफरी का माहौल है ! किसी से पूछने पर पता चला की ऑफिस में बड़े साहब आ रहे है ! रुचिका शीतल बाकि स्टाफ के साथ डिसकस करने लगी और नैना अपने केबिन में आकर अपना काम करने लगी ! उसे जैसे इस बात से कोई खास फर्क ना पड़ा हो ! कुछ देर बाद ही कम्पनी के मालिक अपने बेटे के साथ वहा पहुंचे ! उनके साथ चार लोग और थे जो उनका सामान उठाये चल रहे थे ! उनके आते ही सारा स्टाफ उनके सम्मान में खड़ा हो गया ! “महेंद्र मित्तल” इस कम्पनी के मालिक थे और उनके साथ खड़ा था उनका छोटा बेटा अनुराग मित्तल ! उनके आने से ऑफिस में सन्नाटा छा गया कुछ देर बाद महेंद्र जी आगे आये और कहा,”मैं पूछता हूँ आखिर इस ऑफिस में हो क्या रहा है ? निरंजन कहा है ?”
“सर निरंजन सर हॉस्पिटल में है !”,एक स्टाफ ने आगे आकर नजरे झुकाये कहा
“हॉस्पिटल में है ? लेकिन क्यों क्या हुआ उसे ?”,महेंद्र ने कड़कती आवाज में कहा , लेकिन किसी को नहीं पता था की निरंजन सर हॉस्पिटल क्यों है ? सबको खामोश देखकर महेंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा,”जवाब दो !”
“मैं बताती हूँ !”,भीड़ के पीछे से नैना की आवाज आयी ! सबकी नजर नैना पर चली गयी तो नैना आगे आकर खड़ी हो गयी ना उसने ओरो की तरह नजरे झुकाई ना ही हाथ बांधकर खड़ी हुई ! अनुराग की नजर जैसे ही नैना पर गयी उसका दिल धड़क उठा जिस लड़की को उसने चाय की दुकान पर देखा था , उस रात सड़क पर जिस से डांट सुनी थी वो लड़की कोई और नहीं नैना ही थी ! ये जानकर की नैना इसी ऑफिस की है अनुराग तो मन ही ख़ुशी से भर गया लेकिन अपने जज्बातो को काबू में रखा ! नैना को देखकर महेंद्र जी की भँवे चढ़ी और फिर उन्होंने कहा,”कहो !”
नैना ने एक नजर वहा खड़ी रुचिका को देखा और फिर कहने लगी,”सॉरी टू से सर , लेकिन आपका मैनेजर एक नंबर का घटिया , बेहूदा और लीचड़ आदमी है सर ! यहाँ काम करने वाली लड़किया उसके लिए स्टाफ नहीं बल्कि अपनी गन्दी नजर सेकने का सामान है ! लड़कियों को उसने अपने बाप की जागीर समझ रखा है ,, जॉब प्रोफाइल , प्रमोशन्स के नाम पर उन्हें परेशान करना उसकी आदत है सर ! मेरी साथ दोस्त के साथ भी ऐसा करने का सोचा तो मैंने उसका ट्रीटमेंट कर दिया ! फ़िलहाल वो हॉस्पिटल मे है !”
नैना की बातें सुनकर महेंद्र ने कहा,”निरंजन पिछले 10 सालो से यहाँ काम कर रहा है आज तक किसी ने उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की ! मैं कैसे मान लू उसने ये सब किया है और तुम सच कह रही हो ?”
“मत ,मानिये आपके मानने या ना मानने से मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ता ! 20000 की नौकरी के लिए तलवे चाटना , जी हुजूरी करना और गलत होने पर चुप रहना मुझे नहीं आता ! कम्पनी आपकी है और हम सब यहाँ काम करने वाले वर्कर्स इसका मतलब ये नहीं है की हमारी कोई सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं है ! मैनेजर जैसे आदमी को काम पर रखकर आप अपनी कम्पनी का नाम डुबो ही रहे है !”,नैना ने महेंद्र की आँखों में देखते हुए कहा
“ये क्या बकवास कर रही हो तुम ?”,महेंद्र ने थोड़ी ऊँची आवाज में कहा तो नैना ने अपनी जेब से पेन ड्राइव निकाली और महेंद्र की और बढाकर कहा,”इसमें उनके खिलाफ सारे सबूत है सर , एक बार देख लीजिये !”
महेंद्र ने पास खड़े लड़के से देखने को कहा उसने नैना के हाथ से पेन ड्राइव ली और लगाकर देखा तो दंग रह गया और कुछ देर बाद महेंद्र से कहा,”सर इसमें कम्पनी के सारे प्राइवेट डाटा मौजूद है ! अगर ये बाहर दूसरी कम्पनी के पास चली जाये तो आपको करोडो का नुकसान हो सकता है !”
लड़के की बात सुनकर महेंद्र सकते में आ गया और नैना की और देखकर कहा,”तुम्हे ये कहा से मिली ?”
“सर मुझे ये कहा से मिली ये इम्पोर्टेन्ट नहीं है , कम्पनी के प्राइवेट डाटा ऑफिस में काम करने वाले एक लड़के के पास कैसे आये ये इम्पोर्टेन्ट है ?”,कहकर नैना ने शुरू से लेकर अब तक की सारी बातें सबके सामने महेंद्र जी को बता दी ! उन्होंने सुनी तो उन्हें एक धक्का सा लगा ! उन्होंने मैनेजर के भरोसे कुछ दिन के लिए कम्पनी छोड़ी और उसने इतना बड़ा धोखा किया ! महेंद्र जी की खामोश देखकर नैना ने कहा,”मैनेजर जैसे लोग अपने मतलब के लिए एक दिन खुद को भी नोच लेंगे ! अब आप फैसला कर लीजिये अगर वो वापस इस कम्पनी में आते है या नहीं !”
नैना के बोलने से बाकि लड़कियों की भी हिम्मत बढ़ी और सबने आगे आकर मैनेजर के बारे में शिकायत करनी शुरू कर दी ! महेंद्र जी ने सूना तो उन्हें मैनेजर पर बहुत गुस्सा आया और उन्होंने अनुराग से कहा,”अनुराग इसी वक्त मेरे केबिन में आओ !”
“जी पापा !”,कहकर अनुराग वह पेन ड्राइव लेकर उनके पीछे पीछे चला गया ! जाते-जाते उसने नैना को पलटकर देखा और चला गया ! ऑफिस के सारे लोग नैना को घेरकर खड़े हो गए ! बेचारी नैना बस उनकी बातें सुनती रही और फिर सबको साइड करके चली गयी ! केंटीन में आकर नैना ने चाय देने को कहा !
“और कुछ भी दू दीदी ?”,लड़के ने चाय छानते हुए कहा !
“जहर है ?”,नैना ने भँवे चढ़ाकर पूछा तो लड़के ने मासूमियत से कहा,”वो तो नहीं है !”
“तो फिर पूछ क्यों रहा है ? चुपचाप चाय दो”,नैना ने कहा उसके दिमाग में बार बार अनुराग का चेहरा आ रहा था और वो मन ही मन सोच रही थी,”कही तो देखा है उसे , पर कहा ?”
“दीदी आपकी चाय !”,लड़के ने नैना के सामने चाय का कप रखते हुए कहा ! नैना चाय लेकर वही खड़े होकर पिने लगी !!
अनुराग अपने पापा के केबिन में आया साथ में महेंद्र जी का पी.ए. भी था !
“अनुराग अभी के अभी निरंजन और सचिन का रिजाइन लेटर तैयार करो ! मैं उन्हें आज के बाद मेरे ऑफिस में नहीं देखना चाहता ! और वो लड़की क्या नाम है उसका हां वो लड़की नैना उसे अभी के अभी मेरे केबिन में भेजो !”,महेंद्र जी ने कहा
“जी पापा !”,कहकर अनुराग वहा से चला गया !
अनुराग के जाने के बाद उनका पी.ए. उनके पास आया और कहा,”सर हो सकता है उस लड़की को कोई ग़लतफ़हमी हुई हो और निरंजन जी से अनजाने में कोई गलती हुई हो !’
“नहीं कपिल ! जिस बेबाकी से उस लड़की ने अपनी बात सबके सामने रखी मुझे नहीं लगता उसने कुछ भी झूठ कहा , बल्कि मुझे तो निरंजन पर गुस्सा आ रहा है वो इतनी नीच हरकत कैसे कर सकता है ?ये हमारी कम्पनी की इमेज का सवाल है !”,महेंद्र जी ने कहा
कुछ देर बाद नैना उनके केबिन में आयी और कहा,”यस सर आपने बुलाया !”
“हां नैना ! थैंक्यू कम्पनी के लिए तुमने बहुत अच्छा कदम उठाया , ये डाटा बहुत इम्पोर्टेन्ट था नैना अगर गलती से बाहर चला जाता तो कम्पनी बहुत बड़े लॉस में चली जाती !”,महेंद्र जी ने कहा
“सर थैंक्यू की जरूरत नहीं है , मैंने वही किया जो मुझे सही लगा ! हम लड़किया अपना घर अपने पेरेंट्स छोड़कर जॉब के लिए अपने शहर से इतनी दूर आते है सेफ्टी जरुरी है सर ,, अगर बड़ी कम्पनियो में ये सब होता है तो छोटी जगह तो हम लड़किया काम कर ही नहीं पायेगी !”,नैना ने कहा
“आई अंडरस्टैंड , मैं आज ही पूरी देख रेख के साथ नया मैनेजर अपॉइंट करता हूँ , इस ऑफिस में काम करने वाली सभी लड़कियों की सेफ्टी की जिम्मेदारी इस ऑफिस की होगी !”,महेंद्र जी कहा !
“थैंक्यू सर !”,नैना मुस्कुरा दी और जाने लगी तो महेंद्र जी ने कहा,”नैना !”
“यस सर !”,नैना ने पलटकर कहा
“तुम बहुत अच्छी लड़की हो , बेबाक हो , स्ट्रांग हो बस थोड़ा सा अपनी लैंग्वेज पर ध्यान दो तो , इस ऑफिस के लिए अच्छा रहेगा !”,महेंद्र जी ने कहा
नैना मुस्कुराई और अपने दोनों हाथ बांधकर कहा,”सर मैं किसी इंसान के लिए खुद को नहीं बदल सकती ये तो फिर भी एक जॉब है ! अपने इस ऐटिटूड की वजह मैंने अब तक बहुत सी जॉब छोड़ी है या यु मान लीजिये निकाल दी गयी लेकिन मैं अपने इस ऐटिटूड के साथ खुश हूँ सर ! अपना कैरेक्टर बदलकर जीने से अच्छा है मै अपने ऐटिटूड के साथ खुश रहू ! लोगो के मुताबिक जिंदगी जीना मैंने कभी नहीं सीखा सर मुझे जो सही लगता है मैं वही करती हूँ ! चलती हूँ !” कहकर नैना वहा से चली गयी ! महेंद्र जी मुस्कुराते हुए बस नैना को जाते हुए देखते रहे !
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संजना किरोड़ीवाल !!