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Love You जिंदगी – 26

Love You Zindagi

Love-You-Zindagi - 37 - Sanjana-Kirodiwal

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 26

रुचिका ने तनाव में आकर अपने हाथ की नस काट ली , उसे लगा शायद यही एक रास्ता हो जिस से वह अपने दुःखो से निजात पा सके ! रुचिका निचे फर्श पर जा गिरी उसके हाथ से खून रिसने लगा और धीरे धीरे दर्द से गुजरते हुए वह बेहोश हो गयी ! नैना अपार्टमेंट से 1 किलोमीटर दूर किसी रेस्त्रो में थी उसने जल्दी से बिल के पैसे रखे और तुरंत उठकर भागी , बाहर आकर ऑटोवाले का इंतजार किया लेकिन उस वक्त कोई भी ऑटोवाला उस रुट पर जाने को तैयार नहीं था !
नैना परेशान सी यहाँ वहा टहलते हुए ऑटोवाले का इंतजार करने लगी लेकिन निराशा ही हाथ लगी ! किसी अनहोनी के डर से उसका मन घबरा रहा था ! नैना को शीतल का ख्याल आया उसने शीतल को फोन लगाया लेकिन फोन बिजी आ रहा था ये सुनकर नैना और ज्यादा खीज गयी ! उसने अपना जोर से झटका और फोन जेब में रख कर पैदल ही चल पड़ी उसे इस वक्त सिर्फ रुचिका की फ़िक्र थी वह बस जल्द से जल्द रुचिका के पास पहुंचना चाहती थी ! कुछ देर बाद नैना अपार्टमेंट में पहुंची उसने जल्दी से आकर धड़कते दिल के
साथ दरवाजा खोला और अंदर आयी ! रुचिका को फर्श पर गिरा देखकर नैना ने उसे सम्हाला और उसके हाथ से बहते खून को देखा , रुचिका की सांसे अभी तक चल रही थी नैना को थोड़ी तसल्ल्ली मिली उस ने हिम्मत से काम लिया और रुचिका के हाथ पर लगे कट पर एक रुमाल कसकर बांध दिया जिस से खून का बहना बंद हो गया ! नैना उठी और सोचने लगी की कैसे रुचिका को हॉस्पिटल पहुंचाए ? वह बालकनी में आयी निचे शुभ उसे अपनी बाइक पर बैठा दिख गया नैना ने उसे ऊपर आने का इशारा किया ! शुभ की तो जैसे किस्मत ही चमक गयी वह भागते हुए लिफ्ट के पास आया लेकिन लिफ्ट तो बिजी थी ! खुशी और एक्साइटमेंट के चलते वह सीढ़ियों से ही नैना के फ्लेट के सामने आ खड़ा हुआ ! उसने अपने बाल सँवारे , मुंह से हथेली पर फूंक मारकर सांसो की महक महसूस की और बेल बजा दी ! अगले ही पल नैना ने दरवाजा खोला शुभ को सामने देखकर नैना ने गर्दन बाहर निकाली इधर उधर देखा और शुभ की टीशर्ट पकड़कर अंदर खिंच लिया और दरवाजा बंद कर दिया ! शुभ को तो अपनी आँखों पर भरोसा ही नहीं हुआ की नैना खुद उसे अपने फ्लेट में लेकर आयी है उसने अंदर आकर कहा,”तो कैसे करना है ?”
“क्या कैसे करना है ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“हमारा रिलेशनशिप”,शुभ ने कहा
“साले एक कंटाप धरेंगे कान के निचे सारी रंगबाजी निकल जाएगी तुम्हारी”,नैना ने शुभ को घूरते हुए कहा
“तो फिर मुझे ऊपर क्यों बुलाया है ?”,अब चौकने की बारी शुभ की थी जो की नैना के इशारे को ऑफर समझकर ऊपर आया था !
“हेल्प के लिए बुलाया ,, ज्यादा हवा में ना सोचो बेटा चलकर मेरी मदद करो !”,कहकर नैना उसे खींचते हुए रुचिका के पास लेकर आयी जो बेहोश पड़ी थी ! शुभ ने देखा तो डरकर पीछे हट गया और कहा,”इसे क्या हुआ है ? और ये खून ?”
“मेरे पास अभी तुम्हारे सवालो का कोई जवाब नहीं है , अभी जल्द से जल्द हमे रूचि को हॉस्पिटल पहुँचाना है !”,नैना ने कहा
“मैं मैं मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला हूँ !”,शुभ ने डरते हुए कहा ! नैना समझ गयी शुभ इतनी आसानी से हामी नहीं भरेगा वह शुभ के थोड़ा पास आयी और उसकी आँखों में देखते हुए अपनी ऊँगली को उसके गाल पर फिराते हुए कहा,”शुभू इतनी सी भी बात नहीं मानोगे मेरी , मुझे लगा तुम माचो मेन हो तुम ये कर पाओगे लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज बेबी रुचिका का हॉस्पिटल पहुंचना बहुत जरुरी है !”
बेचारा शुभ नैना के छूने भर से ही पिघल गया उस पर नैना का उसे बेबी बोलना तो जैसे शुभ के दिल में ही उतर गया ! उसने नैना की बात मान ली ! दोनों ने मिलकर रुचिका को उठाया उसके एक तरफ शुभ था दूसरी और नैना दोनों उसे लेकर लिफ्ट के अंदर आये और निचे चले आये ! अँधेरा हो चुका था और नैना नहीं चाहती थी किसी की भी नजर रुचिका पर पड़े वरना सवालो की बारिश शुरू हो जाएगी ! इन सब सवालो से बचने के लिए नैना ने शुभ की जेब में रखा काला चश्मा रुचिका को पहना दिया और लेकर आगे बढ़ गयी ! दोनों कुछ ही कदम चले थे की सामने से आती मिसेज शर्मा और मिसेज मेहता मिल गयी !
“लग गयी लंका”,नैना बुदबुदाई उसे पता था ये दोनों अपार्टमेंट में खबरी है और अगर गलती से भी सच पता चला तो हंगामा हो जाएगा ! नैना ने चुपचाप शुभ को चलते रहने को कहा ! नैना ने बचकर निकलने की कोशिश की लेकिन दोनों आ धमकी और मिसेज मेहता ने कहा,”अरे नैना ये रुचिका को क्या हुआ ? कहा लेकर जा रहे हो इसे ?”
“होस,,,,,,,,,,,,,!”,शुभ ने इतना ही कहा के नैना बोल पड़ी,”हैंगओवर हो गया है आंटी , ख़ुशी ख़ुशी में ज्यादा पि ली थी न इसलिए तो बाहर खुली हवा में घुमाने ले जा रहे है !”
नैना की बात सुनकर दोनों हैरानी से एक दूसरे को देखने लगी ! शुभ भी असमझ सा नैना को देखने लगा तो नैना ने उसे चलने का इशारा किया ! दोनों रुचिका को लेकर शुभ की बाइक के पास आये शुभ ने बाइक स्टार्ट की और नैना रुचिका को लेकर उसके पीछे आ बैठी उसने शुभ से सीधा हॉस्पिटल चलने को कहा !
“क्या जमाना आ गया है बहनजी , लड़किया भी अब शराब लगी है”,मिसेज शर्मा ने कहा
“अरे इन लड़कियों के बारे में तो पूरा अपार्टमेंट बात करता है , कभी शराब कभी कुछ कभी कुछ ,, और ये जो अभी अभी गयी है , ये तो बड़ी मुंहफट लड़की है !”,मिसेज मेहता ने कहा
“छोड़िये हमे क्या ? सब माँ-बाप की छूट का नतीजा है बहन जी !”,मिसेज शर्मा ने कहा और दोनों बातें करते हुए आगे बढ़ गयी !

शुभ अपनी बाइक पर नैना और रुचिका को लिए हॉस्पिटल की और दौड़े जा रहा था ! नैना बार बार रुचिका की नब्ज चेक कर रही थी उसके दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी भले बाहर से वह खुद को कितना भी कूल दिखाए ! बाइक चलाते हुए शुभ की नजर साइड मिरर में दिखते नैना के परेशान चेहरे पर गयी तो उसने कहा,”परेशान मत हो नैना , बस पहुंचने वाले है !”
“हम्म्म !”,नैना ने कहा
“अच्छा तुमने आंटी से झूठ क्यों कहा की रुचिका ने शराब पि है !”,शुभ ने कहा
“अगर मैं ये कहती इसने अपने हाथ की नस काट ली है और अब मैं इसे हॉस्पिटल लेकर जा रही हूँ तो वे लोग 100 तरह की बाते सोच लेती ! दिल्ली में रहकर शराब पीना बड़ी बात नहीं है , रुचिका शराब पीती है सुनकर ज्यादा से ज्यादा वे लोग इसे बुरी लड़की समझ लेंगे , लेकिन उन्हें पता चलता इसने अपने हाथ की नस काट ली है तो वे लोग इसके साथ साथ इसके माँ बाप के कैरेक्टर पर भी ऊँगली उठाते ,, इसने ऐसा किया इसके पीछे की असली वजह कोई नहीं जानता पर ऐसा करने की 100 गलत वजह वे लोग हमे दे देते इसलिए थोड़ा सा झूठ कहा !”,नैना ने कहा
नैना की बात सुनकर शुभ खामोश हो गया जितना बोल्ड और बेबाक वह नैना को समझता था उस से कई ज्यादा नैना समझदार भी थी ! परेशानियों को कैसे हेंडल किया जाता है ये उसे अच्छी तरह आता था और आज तो नैना शुभ के दिल में अपनी जगह बना ही चुकी थी ! शुभ ख़ुशी ख़ुशी बाइक चलाता रहा ! कुछ देर बाद तीनो सिटी हॉस्पिटल के बाहर पहुंचे नैना ने सामने खड़े मेल नर्स को आवाज दी दो लोग दौड़ते हुए आये उन्होंने रुचिका को सम्हाला और स्ट्रेक्चर पर लेटाया ! नैना और शुभ भी उनके पीछे पीछे अंदर चले आये ! रुचिका को इमर्जेन्सी वार्ड ले गए नैना और शुभ बाहर ही रुक गए ! नैना परेशान सी फोन होंठो से लगाए सोच में डूबी थी तभी फोन बजा फोन शीतल का था नैना ने फोन उठाया और उसे तुरंत हॉस्पिटल आने को कहा ! नैना को परेशान देखकर शुभ उसके पास आया और कहा,”नैना टेंशन मत लो मैं हूँ ना यहाँ तुम्हारे साथ !”
“थैंक्स !”,नैना ने कहा
“ये क्या नैना थैंक्स बोलके एकदम से पराया कर दिया तुमने तो (शुभ आप से तुम पर आ चूका था)”,शुभ ने क्यूट बनते हुए कहा
“तो तू कोनसा मेरे मामा का लड़का है , पराया ही तो है !”,नैना ने शुभ की क्यूटनेस एक पल में धराशायी कर दी ! बेचारा शुभ अवाक् खड़ा नैना को देखते हुए मन ही मन खुद से कहने लगा,”क्यों नैना आखिर क्यों ? इतनी सख्त क्यों हो तुम ? कभी तो किसी के सामने पिघल जाओ !” लेकिन नैना से वह ये बात बोल नहीं पाया ! शुभ चुपचाप जाकर पास पड़ी बेंच पर बैठ गया नैना ने रिसेप्शन पर रुचिका का फॉर्म फिल किया और पेरेंट्स की जगह अपने साइन करके दे दिए ! नैना वापस आयी तब तक शीतल और सार्थक भी वहा आ पहुंचे ! शीतल नैना के पास आयी और कहा,”रुचिका कहा है ? ठीक है ना वो ?”
“अंदर है , डॉक्टर्स देख रहे है !”,नैना ने कहा
“क्या हुआ उसे ? सब ठीक तो है ना ?”,शीतल की आवाज में डर और घबराहट साफ नजर आ रही थी !
“उसने अपने हाथ की नस काट ली है !”,नैना ने कहा
“व्हाट ? जाने से पहले मैं उसे सही सलामत छोड़ कर गयी थी फिर उसने ऐसा क्यों किया ?”,शीतल को जैसे यकीन ही नहीं हुआ हो !
“क्या तुम नहीं जानती उसने ऐसा कदम क्यों उठाया ? ये जो भसड़ तुम लोगो ने अपनी जिंदगी में मचा रखी है ये तो एक दिन होना ही था !”,नैना ने गुस्से से शीतल को देखते हुए कहा ! नैना की आँखों में गुस्सा उसे साफ नजर आ रहा था उसने अपनी नजरे झुका ली तो नैना ने कहा,”मुझसे उसकी बात नहीं होती है तुमसे होती थी , एटलीस्ट तुम तो उसे पूछ सकती थी ना की उसे क्या प्रॉब्लम है ? तो शायद आज वो यहाँ नहीं होती !”
“नैना इसमें शीतल की कोई गलती नहीं है”,सार्थक ने कहा तो नैना ने अपना हाथ उसके सामने करके उसे आगे बोलने से रोक दिया और कहा,”हम सबकी लापरवाही की वजह से वो इस हालत में है ,!!
नैना का गुस्सा और बेचैनी देखकर सबने चुप रहना ही बेहतर समझा ! सार्थक शुभ के पास आकर बैठ गया और शीतल वही खड़ी एमेंर्जेंसी के दरवाजे को देखने लगी , उसे अब रुचिका के लिए बुरा लग रहा था की काश वह आज रुचिका के साथ ही रूकती !
कुछ देर बाद शीतल का फोन बजा ! फोन रुचिका की मम्मी का था शीतल ने नैना की तरफ देखा तो नैना ने आकर उस से फोन लिया और फोन उठाकर कहा,”नमस्ते आंटी !”
“नमस्ते बेटा , रूचि कहा है ? फोन नहीं उठा रही है ,, मुझे टेंशन होने लगी तो मैंने तुम्हे फोन मिलाया ठीक है ना वो ?”,उनकी आवाज से घबराहट और परवाह साफ झलक रही थी ! नैना ने एक नजर शीतल की और देखा और कहा,”अरे आंटी रिलेक्स ! आज ऑफिस काम बहुत था तो रुचिका पुरे दिन उसी में बिजी थी , फिर शाम को हम सब लोग घूमने निकल गए अब बाहर इस पांडा ने इतना खाया की घर आते ही सो गयी ,, यही सो रही है आंटी पास में आप कहो तो बात करवाऊ ?”
“अरे नहीं नहीं बेटा , सोने दो उसे ! शाम से ही मन काफी बैचैन था इसलिए फोन कर लिया पर अब तुमने बताया की वो ठीक है बस ये जान लिया काफी है ! जब वो उठे तो उसे कहना मुझसे एक बार बात कर ले !”,रुचिका की मम्मी ने प्यार से कहा
“जी जी आंटी !”,नैना ने मुश्किल से कहा उस से आगे बोला ही नहीं गया , शब्द वही गले में अटक गए और आँख में आंसू भर आये !
“ठीक है बेटा , आप लोग भी अपना ख्याल रखना !”,कहकर रुचिका की मम्मी ने फोन काट दिया !
नैना ने मुश्किल से अपनी आँखों में भर आये आंसुओ को रोका और फोन शीतल की और बढ़ा दिया ! उसकी आँखे शीतल से बच नहीं पाई थी शीतल उसके पास आयी और उसके हाथ को छूकर कहा,”सॉरी नैना !”
नैना ने कुछ नहीं कहा बस फीका सा मुस्कुरा दी ! सभी रुचिका के ठीक होने की दुआ करने लगे ! कुछ देर बाद डॉक्टर आया तो नैना और शीतल उनके पास आयी तो उन्होंने कहा,”वह अभी खतरे से बाहर है लेकिन खून ज्यादा बह गया है इसलिए आप में से किसी को उन्हें ब्लड देना होगा !”
डॉक्टर ने कहा तो नैना और शीतल एक दूसरे की तरफ देखने लगे दोनों ही रुचिका को खून नहीं दे सकती थी क्योकि दोनों का ब्लड ग्रुप रुचिका से मैच नहीं हो रहा था ! शीतल ने पलटकर सार्थक को देखा तो सार्थक उनके पास चला आया लेकिन उसके साथ भी यही परेशानी थी सार्थक का ब्लड ग्रुप भी अलग निकला ! नैना सोच में डूबी ही थी की तभी उसकी नजर बेंच पर बैठे शुभ पर गयी !
“शुभ और रुचिका का ब्लड ग्र्रुप सेम है !”,सार्थक ने अचानक से याद करके कहा , नैना मुस्कुराई और शुभ के पास चली आयी शुभ बेंच पर बैठा बैठा चाय में बिस्किट डुबोकर खा रहा था ! नैना को अपने सामने देखकर वह उठ खड़ा हुआ और कहा,”अब क्यों आयी हो ?”
नैना समझ गयी उसे फिर से शुभ को मक्खन लगाना पडेगा इसलिए उसने ना चाहते हुए भी अपनी जहर जबान को मीठा करके कहा,”शुभू , सॉरी वो गुस्से में निकल गया मुंह से ,, तुम तो जानते ही हो ना तुम कितने अच्छे इंसान हो ! तुमने मेरी हेल्प की यहाँ तक आने में और एक थैंक्यू तक एक्स्पेक्ट नहीं किया तुम्हारी इसी बात पर मैं तो फ्लेट हो गयी !”
नैना के मुंह से तारीफ सुनकर शुभ कुछ देर पहले की अपनी इंसल्ट भूल गया और कहा,”सच में ! बताओ क्या करना है ?”
“ज्यादा नहीं शुभू बस थोड़ा सा ब्लड डोनेट करना है”,नैना ने एक बार फिर उसके गाल को छूकर कहा तो शुभ के सारे तार झनझना उठे और उसने कहा,”तुम्हारे लिए तो मैं जान दे सकता हूँ नैना खून क्या चीज है ? प्यार में इतनी छोटी सी क़ुरबानी तो बांये हाथ का खेल है !”
“ओह्ह शुभू तुम कितने अच्छे हो !”,कहकर नैना उसे इमरजेंसी के गेट तक छोड़ आयी ! शुभ भी नैना के प्यार में ख़ुशी ख़ुशी चला गया लेकिन अगले ही मिनिट वह चिल्लाते हुए बाहर आया और कहा,”अरे वो इतनी बड़ी सुई मेरे हाथ में घुसाने की बात कर रहे है ! मुझे नहीं देना कोई खून वुन मुझे बक्श दो नैना !”
नैना शुभ के पास आयी और कहा,”अरे शुभ कुछ नहीं होता मामूली सी सुई है , ज़रा सी देर की बात है बस !”
“नैना तुम जो कहोगी मैं करूँगा बस मुझे ये सब करने को मत कहो प्लीज ! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ ,, मम्मी मुझे मेरी मम्मी के पास जाना है !”,शुभ ने लगभग रोते हुए कहा
“मेरे साथ आओ !”,कहकर नैना ने शुभ का हाथ पकड़ा और उसे अंदर लेकर चली गयी सार्थक और शीतल बाहर ही रुक गए ! अंदर आकर शुभ फिर से नैना से मिन्नते करने लगा नैना ने उसे बैठने का इशारा किया ! नर्स ने जब नीडल लगाने को कोशिश की वो फिर चिल्लाने लगा ! नैना का अब दिमाग गर्म होने लगा था उसने शुभ को समझाया , बहुत समझाया लेकिन जब शुभ ने नहीं सूना तो नैना ने अपना हाथ टाइट करके शुभ के कान से ठीक आधा इंच निचे गर्दन पर दे मारा ! 10 सेकेण्ड बाद ही शुभ बेहोश होकर बेड पर जा गिरा ये देखकर नर्स घबरा गयी ! नर्स को घबराता देखकर नैना ने नर्स से कहा,”डोंट वरी सिर्फ बेहोश हुआ है , सुबह तक होश आ जाएगा इसे ! आप अपना काम कीजिये !”
“लेकिन आप इसे ब्लड देने के लिए समझा भी तो सकती थी”,नर्स ने डरते डरते कहा
“वो क्या है चू#या आदमी को कितना भी समझाओ उसे समझ नहीं आता है , करके दिखाना पड़ता है !”,नैना ने अपनी बांयी भंव चढ़ाकर कहा और बाहर चली गयी ! !

(नैना ने जो शुभ की गर्दन पर ट्राय किया है कृपया उसे किसी पर बिल्कुल ट्राय ना करे , ये सिर्फ कहानी की मांग थी )

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संजना किरोड़ीवाल !

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