Love You zindagi – 15
नैना चुपचाप फ्लेट में चली आयी उसने धीरे से कमरे का दरवाजा खोलकर देखा शीतल सो रही थी ! नैना ने दरवाजा वापस बंद किया शीतल का फोन साइलेंट करके टेबल पर रखा और खुद खाना बनाने की कोशिश करने लगी ! नैना को कुकिंग नहीं आती थी लेकिन शीतल ऐसे हाल में थी और रुचिका भी बाहर थी तो नैना ने खुद ही बनाने का सोचा , लेकिन मैग्गी के अलावा उसे कुछ आता भी नहीं था ! नैना ने फोन उठाया और बाहर से खाना आर्डर कर दिया ! शाम के 7 बजे रुचिका आयी उसके हाथ में कुछ बैग्स थे उसने वो सब सोफे पर रखे और उनके साइड में बैठते हुए कहा,”आज तो बहुत मजा आया मुझे !”
“रुचि ये कोई टाइम है आने का ? तुम्हे पता भी है आज क्या हुआ ?”,नैना ने कहा
“क्या हुआ ? शीतल कहा है ? शायद राज के साथ बाहर गयी होगी !”,रुचिका ने खुद ही अपने सवाल का जवाब देते हुए कहा
“शीतल सो रही है !”,कहते हुए नैना उसके पास आकर बैठी और सारी बात रुचिका को भी बता दी रुचिका ने सूना तो उसे बहुत बुरा लगा लेकिन फिर उसने कहा,”देखो नैना , शीतल और राज का रिलेशनशिप बहुत कॉम्प्लिकेटेड है , वो दोनों पिछले 5 साल से रिलेशनशिप में है ऐसे में ये सब मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है यार ! तुम इतना परेशान मत हो कल सुबह शीतल से बात करेंगे !”
“परेशानी की बात है रूचि , वो हरामखोर इसे उंगलियों पर नचा रहा है और ये नाच रही है ! ऐसा क्या है उस लौंडे लपाटे में जो ये इतनी मरी जा रही है उसके पीछे ! सेल्फ रिस्पेक्ट नाम की भी कोई चीज होती है यार ,, मैं ये सब बर्दास्त नहीं कर सकती !”,नैना ने गुस्से से कहा !
“नैना शांत हो जाओ कल बात करेंगे ना शीतल से , अच्छा ये बताओ खाने में क्या है बहुत भूख लगी है यार !”,रुचिका ने कहा
“मैंने बाहर से आर्डर किया है थोड़ी देर में आ जायेगा !”,नैना ने कहा
“ठीक है तब तक मैं फ्रेश होकर आती हु !”,कहकर रुचिका चली गयी , नैना के दिमाग में अभी भी शीतल और राज चल रहे थे ! कुछ देर बाद रुचिका आयी और वही सोफे पर बैठकर अपना फोन देखने लगी ! नैना भी ख़ामोशी से आँखे बंद किये सर सोफे से लगाए बैठी थी कुछ देर बाद डोरबैल बजी नैना उठी और दरवाजा खोला तो सामने खाना हाथ में लिए डिलीवरी बॉय खड़ा था नैना ने उसे से खाना लिया और दरवाजा बंद करके अंदर चली आयी ! उसने अपने , शीतल और रूचि के लिए खाना लगाया और जैसे ही शीतल को जगाने जाने लगी रुचिका ने कहा,”उसे आराम करने दे वो बाद में उठकर खा लेगी !”
“हम्म्म्म ठीक है !”,कहकर नैना ने शीतल की प्लेट को ढककर रख दिया और खुद अपनी प्लेट में खाना लेकर खाने लगी !
अवि उन दो किताबो को लेकर अपने फ्लेट में आया ! अपने लिए कॉफी बनायी और उनमे से एक किताब लेकर बालकनी में आकर पढ़ने बैठ गया ! किताब के नाम ने ही उसे काफी इम्प्रेस किया “मेरी माया” अवि ने पढ़ा और मन ही मन कहा अगर नैना पर कोई किताब लिखी जाये तो वह भी ऐसे ही होगी ना “मेरी नैना” ! खैर अवि ने पढ़ना शुरू किया पढ़ने में वह इतना खो चुका था की उसे कॉफी का ध्यान ही नहीं रहा जब वह ठंडी हो गयी तो अवि ने उसे साइड में रख दिया और इत्मीनान से किताब को पढ़ने लगा !
सार्थक का दिल टूट चुका था लेकिन इस वक्त उसे अपने टूटे दिल से ज्यादा शीतल की परवाह थी पहली बार उसने शीतल की आँखों में आंसू देखे थे और यही आंसू उसे बार बार परेशान कर रहे थे ! वह शीतल से बात करना चाहता था उस से मिलना चाहता था उसे अपनी सारी फीलिंग्स बताना चाहता था लेकिन नहीं
बता पाया ! सार्थक को सोच में डूबा देखकर उसकी मम्मी उसके पास आयी और कहा,”क्या बात है बेटा ? इतने परेशान क्यों हो ?”
“कुछ नहीं मम्मा वो बस ऐसे ही !”,सार्थक ने बात को टाल दिया !
उसकी मम्मी कमरे में बिखरे कपड़ो को समेटकर अलमारी में रखने लगी और कहा,”इतना बड़ा हो गया है तू लेकिन अभी भी अपना कोई काम नहीं करता है !” सार्थक ने कोई जवाब नहीं दिया तो उसकी मम्मी ने दूसरी बात छेड़ते हुए कहा,”अच्छा वो तीसरे फ्लोर पर जो लड़किया रहती है ना , उनमे से जो एक लड़की है जो बहुत मुंहफट है क्या नाम है उसका ?”
“नैना”,सार्थक के मुंह से निकला !
“तू उसे कैसे जानता है ?”,मम्मी ने सार्थक की और देखकर कहा जिससे सार्थक झेंप गया और कहा,”ऐसे ही वो लायब्रेरी आयी थी आज इसलिए नाम देखा उसका रजिस्टर में !”
“हैं ? वो लायब्रेरी आयी थी उसे देखकर लगता नहीं है वो किताबे पढ़ती होगी ! कुछ दिन पहले ही उसने मिसेज शर्मा को ऐसा जवाब दिया था की सारी किट्टी पार्टी में उसके ही चर्चे थे ! पर देखो जैसी भी है , है तो वो लड़की ही ,, मुझे तो उनमे से वो सांवली सी लड़की है ना वह बड़ी प्यारी लगती है ! कितनी संस्कारी है , किसी से ज्यादा बात नहीं करती है , नीची नजरे करके चलती है , और बोलती इतना प्यारा है !”,सार्थक की मम्मी ने कहा
सार्थक ने अपनी मम्मी के मुंह से शीतल की तारीफ सुनी तो उसे थोड़ा अच्छा लगा !
सार्थक की मम्मी कुछ देर बाद वहा से चली गयी ! सार्थक को अपने ही घर में जब बेचैनी महसूस होने लगी तो वह ऊपर टैरेस पर चला आया ! खुली हवा में उसे थोड़ा अच्छा लग रहा था ! कुछ देर बाद वहा अवि भी चला आया सार्थक को वहा देखकर अवि ने कहा,”हे ! हाय”
“हेलो सर !”,सार्थक ने अवि को वहा देखकर कहा
अवि उसके पास आया और कहा,”अरे यार सर मत बुलाओ , मेरा नाम अवि चौधरी है तुम मुझे नाम से बुला सकते हो !”
“मैं जानता हु आपका नाम , मेरा नाम सार्थक है !”,सार्थक ने कहा
“नाइस नेम !”,अवि ने कहा और उसकी बगल में ही खड़े होकर खाली पड़े आसमान को देखने लगा ! सार्थक को कुछ समझ नहीं आ रहा था उस वक्त अवि से क्या बात करे लेकिन वह जानना चाहता था की अवि शीतल के बारे में क्या सोचता है ? क्योकि उसके हिसाब से तो अवि का उन किताबो को चूमना यही जता रहा था की अवि के मन में कुछ तो है ! सार्थक ने कहा,”तो आपने पढ़ी वो किताबे ?”
“अरे यार अमेजिंग बुक है ! मैं तो खो गया था उसमे , पर उन किताबो से भी ज्यादा अमेजिंग है वो लड़की जिसने उन्हें लिया था !”,अवि ने एक्साइटेड होकर कहा
“जिसका डर था वही हुआ”,सार्थक ने मन ही मन कहा और फिर कहा,”आप जानते हो उन्हें ?”
“नहीं ज्यादा नहीं जानता पर मेरे सामने वाले फ्लेट में ही रहती है वो , कभी कभी इत्तेफाक से मुलाकात हो जाती है !”,अवि ने मुस्कुराते हुए कहा
“तो आप पसंद करते हो उन्हें ?”,सार्थक ने डरते डरते कहा
“एक्चुअली पसंद करने लगा हु उसे , वो वैसी ही है जैसी लड़की मैं चाहता था अपने लिए !”,अवि ने कहा तो सार्थक का दिल एक बार फिर टूट गया ! जिंदगी में पहली बार कोई लड़की पसंद आयी थी उसे उसके पीछे भी इतने लोग है सोचकर सार्थक उदास हो गया ! अवि को खुश देखकर भी उसे बुरा लग रहा था क्योकि जिस तरह उसका दिल टुटा था वैसे ही अवि का दिल भी टूटने वाला था ये जानकर की वह पहले से किसी के साथ रिलेशनशिप में है ! दोनों कुछ देर वही खड़े रहे और फिर अवि वहा से चला गया ! एक ही दिन में सार्थक का दो बार दिल टूट चुका था ! देर रात वह सीढ़ियों से होते हुए निचे आ रहा था की उसकी नजर फ्लेट के दरवाजे पर गयी जो की बंद था ,, सार्थक का मन किया की जाकर एक बार शीतल को देख ले लेकिन अगले ही पल उसकी आँखो के सामने राज और फिर अवि का चेहरा घूम गया !
खाना खाने के बाद नैना कुछ देर बालकनी में चली आयी ! रुचिका अपने फोन में बिजी हो गयी , हमेशा मस्त रहने वाली नैना आज उदास थी घडी में देखा जिसमे रात के 9:30 बज रहे थे ! नैना अकेले काफी देर वहा खड़ी रही और उसके बाद सोने चली गयी ! कुछ देर बाद नींद ने उसे अपने आगोश में ले लिया ! कुछ देर बाद रुचिका भी सोने चली आयी लेकिन दो लोग थे जो जग रहे थे एक सार्थक अपने टूटे दिल के साथ और दूसरा अवि नैना की सोच में डूबा ,, हां ये सच था की पिछले कुछ दिनों से वह नैना को पसंद करने लगा था और उसके लिए महसूस करने लगा था लेकिन नैना से अभी उसकी ठीक से बात नहीं हुई थी और अवि इसी का इंतजार कर रहा था ! देर रात तक वह नैना की खींची तस्वीरों को देखता रहा और उसके बाद उन्हें अपने रूम की दिवार पर लगा लिया !! अवि सोने चला गया लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर !
सुबह नैना जल्दी उठ गयी ! उसने दूध का पैकेट लेने के लिए दरवाजा खोला तो उसे सामने अपने दरवाजे पर खड़ा अवि दिख गया शायद वह नैना का ही इंतजार कर रहा था ! नैना को देखते ही उसने कहा,”हाय ! गुड मॉर्निग”
नैना ने कोई जवाब नहीं दिया उसने दूध का पैकेट उठाया और अंदर चली गयी ! बेचारा अवि पिछले 2 घंटे से बस इसलिए खड़ा था ताकि नैना दरवाजा खोले और वह उसे देख सके बात कर सके लेकिन नैना ने उसे कोई भाव नहीं दिया ! अवि चुपचाप अपने कमरे में आकर बिस्तर पर गिर गया ! नैना अंदर आयी दूध का पैकेट फाड़ा और अपने लिए चाय बनाई ! रुचिका और शीतल अभी तक सो रही थी इसलिए उसने उन्हें जगाया ! चाय पिने के बाद उसका मूड कुछ ठीक था ! वह उठकर नहाने चली गयी ! नहाने के बाद नैना ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगी जब तक वह बाहर आयी रुचिका उठकर सबके लिए नाश्ता बना चुकी थी ! नाश्ता करते हुए नैना ने रुचिका से कहा,”शीतल उठी नहीं अभी तक ?”
“उठ गयी , नहाने गयी है !”,रुचिका ने खाते हुए कहा !
नाश्ता करने के बाद रुचिका बैग जमाने में लग गयी नैना फोन पर किसी से बात कर रही थी की तभी शीतल गुस्से में कमरे से आयी उसे देखकर नैना ने फोन काटकर जेब में रख लिया वह कुछ कहती इस से पहले ही शीतल ने एक थप्पड़ नैना के गाल पर रसीद कर दिया ! नैना को कुछ समझ नहीं आया रुचिका भी हैरान थी की शीतल ने कहना शुरू किया,”समझती क्या हो तुम खुद को , तुम्हे कोई हक़ नहीं है मेरे और राज के रिश्ते के बारे में कुछ बोलने का ! मेरा रिश्ता है मैं कर लुंगी सही ,, किसने कहा तुमसे मेरे फ़ोन से उसे फोन करके उसे इतना सब बोलने के लिए ?? ,,, माना की तुम कूल हो , किसी से नहीं डरती लेकिन तुम्हे कोई हक़ नहीं है मेरी लाइफ में दखलंदाजी करने का !”
नैना ख़ामोशी से सब सुने जा रही थी ! शीतल ने राज का सारा गुस्सा नैना पर निकाला रुचिका ने उसे रोकने की कोशिश की तो शीतल ने उसे भी हाथ दिखाकर बिच में पड़ने से रोक दिया ! रुचिका ने कुछ नहीं कहा शीतल को पहली बार उसने इतने गुस्से में देखा था और अब उसे भी लग रहा था की नैना ने राज को फोन करके बहुत बड़ी गलती कर दी है ! शीतल ने नैना की तरफ देखा और कहने लगी,”हां तुम्हारी तरह नहीं हु , मेरी सोच मेरा रहन सहन सब अलग है तुमसे लेकिन मैं उस से प्यार करती हु और तुमने उसे ,, क्या जरूरत थी नैना ये सब करने की ?”
“जरुरी था लेकिन अभी तुम्हे समझ नहीं आएगा ! मुझे तुम्हारे थप्पड़ मारने का कोई दुःख नहीं है लेकिन अभी भी तुम्हारी आँखों पर विश्वास की जो पट्टी बंधी है उसे देखकर बुरा लग रहा है !”,नैना ने शांति से कहा
“लिस्टन नैना , आज के बाद मेरे और राज के बिच आने की जरूरत नहीं है , मेरी लाइफ है मैं खुद देख लुंगी !”,शीतल ने कहा तो नैना उसके थोड़ा करीब आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”भाड़ में जाओ”
नैना ने वहा से अपना बैग उठाया और जाने लगी तो रुचिका ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन नैना नहीं रुकी और वहा से चली गयी ! रुचिका शीतल के पास आयी और उसे समझाते हुए कहा,”तुम्हे उस पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था शीतल !”
“तो मैं और क्या करती ? तुम्हे नहीं पता है उसने क्या किया है ? उसने मेरे फोन से राज को फोन करके उल्टा सीधा कहा है , वो सिर्फ उसे कुछ दिन से जानती है ओर मैं 5 साल से इतनी जल्दी रिश्ता टूटता है क्या किसी से ?”,कहते हुए शीतल रोने लगी ! रुचिका ने उसे सम्हाला और कुछ देर बाद दोनों ऑफिस के लिए निकल गयी !
क्रमश
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संजना किरोड़ीवाल !!