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Love You जिंदगी – 11

Love You Zindagi - 11
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Love You Zindagi – 11

नैना वापस अपने केबिन में आयी और अपना काम करने लगी ! उसे वहा देखकर शीतल को थोड़ा सुकून मिला और वह भी ख़ुशी ख़ुशी अपने काम में लग गयी ! लंच के बाद बॉस की तरफ से उन्हें एक नया प्रोजेक्ट मिला जिसे लेकर बाकि 6 लोग थोड़ा परेशान थे क्योकि पहले की प्रोजेक्ट्स ही अधूरे थे उस पर ये नया प्रोजेक्ट , लेकिन नैना आराम से बैठी थी !
“यार ऑलरेडी इतना काम है हम लोगो के पास उस पर बॉस को ये फाइल 1 हफ्ते में कम्प्लीट चाहिए !”,अमित ने कहा
“मेरे पास तो सेल्स के हजारो एंट्री है उन्हें कम्प्लीट करना है , ये नया प्रोजेक्ट तुम सब ही देखो”,केशव् ने कहा और अपना काम करने लगा ! सब चुपचाप बैठकर सोच में दुब गए तो नैना ने टेबल सेंटर में किया और और सबको उसके चारो और बैठने को कहा ! सभी बैठ गए तो नैना ने एक चार्ट और मार्कर उठाया और टेबल पर सबके बिच रखकर उन्हे मिलकर समझाने लगी ! सभी नैना की बात बड़े ध्यान से सुनने लगे ! जिस प्रोजेक्ट को लेकर सब परेशान थे , उसे कम समय में कैसे ख़त्म करना है नैना ने 10 मिनिट में समझा दिया ! सभी हैरान थे केशव तो ख़ुशी से उछल पड़ा और कहा,”यार नैना तुम तो सच में जीनियस हो यार , इतनी आसानी से तुमने समझा दिया !”
“इसमें जीनियस जैसा कुछ नहीं तुम लोगो को बस अपने काम से प्यार होना चाहिए , उसके बाद अपने काम से जुडी हर चीज आसान लगती है !”,नैना ने कहा
“तुम सच में बहुत शार्प माइंडेड हो यार फिर तुम इस नौकरी में क्यों हो ? मेरा मतलब अब तक तो तुम्हे खुद की कम्पनी स्टार्ट कर लेनी चाहिए चाहिए !”,विशाल ने नैना से इम्प्रेस होकर कहा
“ऐसा कुछ नहीं है यार , मुझसे ये सब चीजे हेंडल नहीं होती है ! किसी भी कम्पनी को चलाने के लिए जरूरत होती है पेशेंस की और वो मुझमे बिल्कुल नहीं है ! अलग अलग नौकरी करने से जो एक्सपीरियंस मिलते है वो खुद की कम्पनी में कहा !”,नैना ने कहा !
“तुम यार सबसे अलग हो , मतलब जो तरीका हम सबके सोचने का है तुम उस से दो कदम आगे का सोचती हो और तुम्हारी यही पर्सनालिटी तुम्हे सबसे अलग बनाती है”,अमित ने कहा
नैना मुस्कुरा दी , तीनो लड़के जो नैना को देखने से भी डरते थे आज उसकी तारीफ कर रहे थे ! ख़ुशी चुपचाप सब सुन रही थी और फिर नैना के पास आकर कहा,”आई ऍम सॉरी नैना !”
“सॉरी किसलिए ?”,नैना ने कहा
“मैंने तुम्हे गलत समझा सॉरी यार , फ्रेंड्स ?”,कहते हुए ख़ुशी ने नैना की और हाथ बढ़ा दिया ! नैना कुछ देर उसे देखती रही और फिर हाथ मिलाते हुए कहा,”फ्रेंड्स !”
ख़ुशी की दोस्ती होते देख तीनो लड़को ने भी हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा,”नैना हम भी फ्रेंड्स बन जाते है !”
नैना ने तीनो के हाथो को साइड करके कहा,”काम पर ध्यान दो !”
बेचारे लड़के अपना सा मुंह लेकर अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठ गए , ख़ुशी हसने लगी , रुचिका ने नैना को हग करते हुए कहा,”आई ऍम सो हैप्पी।, तुम टेंशन में होती हो तो बिल्कुल अच्छी नहीं लगती !”
“मैं खुद टेंशन हु लोगो के लिए टेंशन मेरा क्या बिगाड़ लेगी , अच्छा वो अकाउंट्स वाली फाइल दे दो मैं अकाउंट्स डिपार्टमेंट से क्लीयर करवा देती हु !”,नैना ने कहा ! रुचिका ने उसे फाइल दी नैना चली गयी बाकि सभी अपने अपने कामो में लग गए ! काम करते करते शाम हो चुकी थी घर जाने में अभी दो घंटे बाकि थे , तभी सचिन आया और रुचिका को बाहर आने का कहा ! सचिन को वहा देखकर रुचिका का चेहरा खिल गया वह जल्दी से अपना काम छोड़कर बाहर आयी और सचिन से कहा,”तुम यहाँ ? आई नो मुझे मिस कर रहे थे !”
“रुचिका सुनो ! मुझे तुम्हारी थोड़ी सी हेल्प चाहिए !”,सचिन ने कहा
“बोलो ना क्या हेल्प चाहिए ?”,सचिन ने कहा
“एक्चुअली मेरी ये अकाउंट्स की फाइल है जो तुम्हारी दोस्त देकर आयी थी , इसे कल सुबह ही सबमिट करना है एंड मेरे पास पहले से बहुत काम है तो मैं सोच रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सचिन कहते कहते रुक गया
“इसमें इतना सोचना क्या है ? वैसे ये मेरा काम नहीं है पर तुम्हारे लिए मैं ये कर दूंगी !”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“थैंक्स ए लोट रुचिका !”,सचिन ने कहा और फाइल देकर जाने लगा तो रुचिका ने कहा,”सचिन !”
“हां !”,सचिन ने पलटकर कहा
“इस संडे फ्री हो तो घूमने चले ?”,रुचिका ने कहा
“सॉरी रुचिका एक्चुअली वो इस संडे मेरे मम्मी पापा आ रहे है तो बाहर नहीं जा पाऊंगा , फिर कभी चलते है !”,सचिन ने कहा
“इट्स ओके !”,रुचिका ने कहा
“और हां प्लीज ये फाइल कम्प्लीट कर देना !”,सचिन ने कहा और चला गया !
रुचिका के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी एक ही ऑफिस में होने के बाद भी वह सचिन से बहुत कम मिल पाती थी लेकिन वह खुश थी की सचिन उसकी जिंदगी में है ! फाइल लेकर वह अंदर आयी और अपना काम छोड़कर सचिन का काम करने लगी ! शाम को घर जाने का वक्त हुआ तो अपना अपना काम बंद कर सभी एक एक करके चले गए ! नैना और शीतल ने भी अपना बैग उठाया और देखा रुचिका अभी भी काम करने में लगी है तो नैना ने कहा,”ओह्ह पांडा घर नहीं जाना आज ?”
“नैना शीतल मुझे थोड़ा काम है , तुम दोनों चलो मैं काम खत्म करके आती हु !”,रुचिका ने कहा
“तुम ओवर टाइम करने का सोच रही हो तुम ?”,शीतल ने कहा
“नहीं यार कल ये फाइल सबमिट करनी है बस वही कर रही हु , तुम लोग चलो मैं आ जाउंगी !”,रुचिका ने कहा
“आर यू स्योर ?”,नैना ने कहा
“हां बाबा , सचिन यही है उसने कहा है वो ड्राप कर देगा मुझे”,रुचिका ने कहा
“ओह्ह्ह तो ये बात है मैडम लॉन्ग ड्राइव जाना चाहती है , पहले बता देती तो हम लोग इतने सवाल नहीं करते ,, खैर अपना ख्याल रखना और जल्दी आना !”,कहकर नैना और शीतल दोनों वहा से निकल गयी ! ऑफिस में कुछ लोग थे जो ओवर टाइम करते थे इसलिए रुचिका को वहा रुकने में कोई खास परेशानी नहीं हुई , वह अपना काम करती रही ! नैना और शीतल ऑफिस से बाहर आयी तो शीतल ने इधर उधर नजर दौड़ाते हुए कहा,”तुमने कैब बुक नहीं की ?”
नैना ने जेब से बाइक की चाबी निकाली और ऊँगली से घुमाते हुए कहा,”जब पास में गाड़ी हो तो कैब क्यों बुक करना ? तुम यही रुको मैं गाड़ी लेकर आती हु !”
कुछ देर बाद नैना बाइक लेकर आयी और शीतल के सामने रोककर कहा,”बैठो !”
“ये तुम्हे कहा से मिली ?”,शीतल ने पीछे बैठते हुए कहा
“अपार्टमेंट में ही एक लड़के से मिली , मुझे बाइक्स बहुत पसंद है और बात बुलेट की हो तो चलाना बनता है !”,कहते हुए नैना ने बाइक आगे बढ़ा दी !
“तुम बाइक भी चला लेती हो ?”,शीतल ने उसे बाइक चलाते देख पूछा
“इसमें कोनसी बड़ी बात है , चला लेती हु !”,नैना ने कहा
“नैना तुम सच में बहुत अमेजिंग हो , जो काम करने में लड़किया हिचकिचाती है वो सब तुम कितने इंजॉय के साथ करती हो !”,शीतल ने कहा
“हम्म्म्म !”,नैना ने कहा और बाइक की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी ! शाम का मौसम था और दिल्ली की सड़को पर ठंडी हवा के थपेड़ो से गुजरते हुए शीतल को बहुत अच्छा लग रहा था ! नैना भी खुश थी कितने दिनों बाद उसे बाइक चलाने को मिली थी उसने शीतल से कहा,”सेलेरी मिलते ही सबसे पहले मैं बाइक लुंगी !”
“तुम्हे पैसे बचाने चाहिए नैना कल को तुम्हारे काम आएंगे , ऑफिस आने के लिए हमे ऑटो मिल जाता है !”,शीतल ने कहा
“और ये पैसे बचाकर मैं क्या करुँगी ?”,नैना ने सवाल किया
“कल को जब तुम्हारी शादी होगी तो तुम्हारे काम आएंगे ! इन पैसो से तुम अपने पापा की हेल्प कर सकती हो !”,शीतल ने समझाया
“तुम्हारे कहने का मतलब है अपनी मेहनत के पैसे मैं अपनी शादी में रिश्तेदारों को खाना खिलाने में खर्च करू ?”,नैना ने फिर सवाल किया !
“हां ऐसा ही कुछ !”,शीतल उसके सवालो में उलझ गयी !
“अजी ! घंटा ,, शादी मेरी , पैसा मेरा मजे रिश्तेदार ले बिल्कुल नहीं ,, और वैसे भी मेरे पापा के पास बहुत पैसा है वो मुझसे कभी मेरी सेलेरी नहीं लेते है !”,नैना ने कहा
“सॉरी मैंने तो बस ऐसे ही बोला था !”,शीतल ने डरते हुए कहा।
“अरे इट्स ओके , अभी शादी के बारे में सोचा नहीं है जब होगी देख लेंगे , अभी जो जिंदगी मिली है पहले उसे तो ढंग से जी ले ! पता है हम इंसान क्या करते है ? हमेशा बचाने के पीछे भागते है और बचाने के चक्कर में हम उन्हें खर्च करना ही भूल जाते है , और जब खर्च करते है तब तक उम्र निकल जाती है ! इसलिए मैडम शीतल इस वक्त जहा हो वहा का मजा लो क्या पता कल कैसा हो ?”,नैना ने कहा
“उफ़ तुम्हे समझना बहुत मुश्किल है नैना तुम्हे नॉवेल्स नहीं पसंद लेकिन बातें तुम्हारी बिल्कुल वैसी ही है !”,शीतल ने कहा
“दुनियादारी समझने के लिए दुनिया को देखना पड़ता है , सारा ज्ञान किताबो में नहीं मिलता है मैडम !”,नैना ने कहा
“आपके चरण कहा है देवी ?”,शीतल ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“मेरे पास ही है लेकिन तुम्हारी जगह मेरे चरणों में नहीं मेरे दिल में है बालिके !”,नैना ने कहा तो शीतल हंस पड़ी
“अच्छा तो ये सख्त सी नैना बजाज रोमांटिक बाते भी करती है !”,शीतल ने कहा
“छी ! रोमांटिक और तुम्हारे साथ बिल्कुल भी नहीं ! इतने बुरे दिन भी नहीं आये है की लड़कियों पर लाइन मारू !”,नैना ने कहा
“अच्छा एक बात बताओ तुम्हे कभी प्यार नहीं हुआ ?”,शीतल ने सवाल नहीं किया
“अहम्म्म्म नहीं , क्रश हुआ है बहुत बार स्कूल कॉलेज में लेकिन प्यार नहीं !”,नैना ने कहा
“अच्छा तुम्हारे लिए प्यार क्या है ?”,शीतल ने कहा
“ऐसा इंसान जो आपको बिना बदले प्यार करे , उसे अगर आपकी अच्छाइयों से प्यार हो तो उसे आपकी बुराईया भी एक्सेप्ट करने में भी कोई ऐतराज ना हो ! मुझसे अगर कोई प्यार करता है तो भले वो मुझे पाकर खुश नो हो पर मुझे खोने के टाइम उसकी आँखों में आंसू होने चाहिए ! हम हंस सबके सामने सकते है लेकिन रोते सिर्फ उसी के सामने है जिस से हम प्यार करते है , जिसे हम खोना नहीं चाहते !”,नैना ने कहा
“मिला ऐसा कोई ?”,शीतल ने उसका मन टटोलते हुए कहा
“मेरे पास तो बचपन से है , मेरे पैदा होने से पहले !”,नैना ने कहा
“कौन ?”,शीतल ने कहा
“मेरे मम्मी पापा , उन्हें ये नैना बहुत पसंद है उन्होंने हमेशा मुझे फ्रीडम दी कभी बदलने की कोशिश नहीं की , मेरे पापा कहते है लाइफ में जो करना चाहती हो वो सब करो बस इतना याद रखना कभी हमारी आँखों में देखो तो नजरे फक्र से उठी रहनी चाहिए बजाय शर्म से झुकने के !”,नैना ने कहा
“सच कहा है उन्होंने और बहुत तुम किस्मतवाली हो जिसे इतना प्यार करने वाले माँ पापा मिले !”,शीतल ने कहा
“कभी लखनऊ चलना मेरे साथ तुम और रूचि तब मिलवाउंगी उनसे , वे दोनों बहुत मस्त है अपनी जिंदगी को एन्जॉय करते है !”,नैना ने कहा
“हम्म जरूर !”,शीतल ने कहा इसके बाद दोनों के बिच एक ख़ामोशी छा गयी , बाइक आकर ट्रफिक में रुकी ! दिल्ली का ट्रेफिक इतना की 5 मिनिट के रस्ते पर कभी कभी 20 तो कभी कभी आधा घंटा भी लग जाता है ! नैना बाइक को रोककर ट्रफिक क्लियर होने का इंतजार कर रही थी उसके आगे और पीछे काफी गाड़िया बाइक्स थी ! नैना को दिल्ली में सब पसंद था बस ये ट्रैफिक नहीं , उसे गुस्सा आने लगता था इतनी भीड़ देखकर तभी पीछे से लहराते हुए एक बाइक आकर उसकी बगल में रुकी जिसपर 19-20 साल का एक लड़का था ! नैना ने कोई ध्यान नहीं दिया शीतल भी सामने देखते हुए ट्रेफिक के क्लियर होने का इंतजार करने लगी ! साइड में बाइक पर बैठे लड़के की नजर नैना और शीतल पर गयी तो उसने सिटी बजायी शीतल तो ये सुनकर मन ही मन प्रार्थना करने लगी की नैना कोई रियेक्ट ना करे और भगवान् ने उसकी सुन ली नैना ने लड़के की और देखा तक नहीं ! सिटी पर रिएक्शन ना पाकर लड़के ने भी दूसरी और ध्यान लगाया उसे शायद जाने की जल्दी थी इसलिए उसने बार बार हॉर्न बजाना शुरू कर दिया ! नैना ने खुद को काबू में रखा की वह उसे कुछ ना कहे पर जब लगातार बजाता रहा तो नैना ने कहा,”अबे क्या उड़ के जाओगे ,, हॉर्न की क्यों लेनी कर रखी है तुमने दिखता नहीं ट्रेफिक है ,, साले एक बार फिर हॉर्न बजाया न तो इसे तोड़ के तुम्हारी,,,,,,,,,,,,,,(आगे बोलने से पहले खुद को सम्हाल लेती है और आराम से कहती है ),,,,,,,,,,,,,,,ट्रेफिक में हो शांति से खड़े रहो , सबको जल्दी है जाने की तुम इकलौते नहीं हो ! समझे ?”
नैना की बात सुनकर लड़का घबरा गया और कहा,”सम समझ गया दीदी !”
शीतल को हंसी आ गयी लेकिन उसने चेहरा घुमा लिया ! 10 मिनिट बाद ही ट्रेफिक क्लियर हुआ और नैना आगे बढ़ गयी ! अपार्टमेंट पहुंची तब तक शाम के 6 बज चुके थे ! शुभ अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहा था जैसे ही उसे नैना को देखा नैना के पास चला आया सार्थक भी उसके पीछे पीछे चला आया ! नैना ने बाइक साइड में रोकी और चाबी लेकर शुभ के पास आकर चाबी उसे देते हुए कहा,”थैंक्यू सो मच !”
“अरे अरे इसमें थैंक्यू कैसा ? आप भी ना शर्मिंदा कर रही है !”,शुभ ने शरमाते हुए कहा !
“लड़कियों की तरह शर्माना बंद करो , वो रही तुम्हारी बाइक , पेट्रोल फूल करवा दिया है !”, नैना ने कहा
“अरे नैना जी इसकी क्या जरूरत थी , आपसे ये सब थोड़े ले सकता हु मैं”,शुभ के गाल लाल हो रहे थे
नैना जिसे ये चिकनी चुपड़ी बाते कम ही समझ आती थी उसने बायीं आंख की भँवे चढ़ाकर कहा,”क्यों रिश्तेदार लगते हो मेरे ?”
“ह ह न न नहीं , मैं तो बस ऐसे ही !”,शुभ एकदम से हक्का बक्का रह गया ! सार्थक को अंदर ही अंदर ये सब सुनकर हंसी आ रही थी पर वो चुपचाप खड़ा शीतल को देखता रहा ! नैना को ऐसे देख शीतल ने कहा,”चलो नैना चलते है !”
नैना ने शुभ के गाल को थपथपाया और कहा,”कायदे में रहो बाबू फायदे में रहोगे !”
नैना के जाते ही शुभ ने अपने गाल पर हाथ रखा और कहा,”चलो किसी बहाने ही सही उसने छुआ तो सही !”
“थू ! वो अभी अभी इतना सब बोल के गयी है और तू सपने देख रहा है !”,सार्थक ने कहा
“अरे क्या फर्क पड़ता है ? वो तो हमारी अपनी है !”,शुभ ने बेशर्मी से कहा
“वाह बेटा वाह क्या बात है , उसके तेवर नहीं देखे तुमने दो मिनिट और रूकती ना तो तेरी बैंड बजा देती , वो तेरे लेवल से बहुत ऊपर है लेकिन भाई कुछ भी बोल जहर है ये लड़की !”,सार्थक भी नैना की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया !!

रुचिका सचिन के काम में लगी थी ! जब तक फाइल कम्प्लीट हुई 8 बज चुके थे ,, काम खत्म कर वह जैसे ही ऑफिस से बाहर आयी उसने इधर उधर देखा सचिन कही नहीं था ! “उसने तो यही मिलने को बोला था , फोन करती हु”,सोचकर रुचिका ने सचिन को फोन लगाया तो दो रिंग के बाद सचिन ने फोन उठाकर कहा,”रुचिका सॉरी , मुझे निकलना पड़ा वो कुछ काम आ गया था , तुम एक काम करो कैब करके घर चली जाओ मैं कल ऑफिस में तुमसे मिलता हु !”
“सचिन मेरी बात तो सुनो,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने कहा
“कल मिलता हु ना यार ,,,,, अच्छा ठीक है बाय,,,,,,,,,,,बाय,,,,,,,,,,,मैं रखता हु !”,कहकर सचिन ने रुचिका की बात सुनने से पहले ही फोन काट दिया !
रुचिका को बहुत बुरा लगा उस वक्त सचिन का इस तरह गैर-जिम्मेदार होना रुचिका को अच्छा नहीं लगा ! उसने फोन कब बुक करने का सोचा लेकिन इस वक्त उस रुट पर कोई आने को तैयार नहीं था ! ऑफिस में भी ऐसा कोई नहीं था जिस पर रुचिका भरोसा कर सके ! कैब ना मिलने पर रुचिका रोड पर आयी और ऑटो वाले को रोकने की नाकाम कोशिश करने लगी ! 8:30 बज चुके थे अब तो रुचिका को थोड़ा थोड़ा डर भी लगने लगा था उसने नैना को फ़ोन करने का सोचा लेकिन उसे याद आया आज शाम ही नैना ने अपना फोन तोड़ा है और जैसे ही फोन निकाला एक बाइक आकर उसके सामने रुकी ! रुचिका डरकर पीछे हटी बाइक पर बैठे लड़के ने हेलमेट उतारा तो उसे देखकर रुचिका की जान में जान आयी और उसने हैरानी से कहा,”तुम ?
“हां मैं , क्यों कोई और आने वाला था क्या ?”,बाइक पर बैठे सचिन ने कहा
“यू स्टुपिड ! तुमने तो मुझे डरा ही दिया !”,रुचिका ने सचिन के कंधे पर हल्का सा पंच मारते हुए कहा
“अरे मैं तो देख रहा था की तुम कितनी ब्रेव हो , अच्छा बाबा सॉरी अब चलो बैठो !”,सचिन ने बाइक स्टार्ट करते हुए कहा
रुचिका अपना गुस्सा भूलकर सचिन के पीछे बाइक पर आ बैठी ! सचिन आगे बढ़ गया रुचिका पहली बार उसके साथ बाइक पर बैठी थी उसे बहुत ख़ुशी हो रही थी और ये पल उसकी जिंदगी में अब तक का सबसे खूबसूरत पल था ! थोड़ी झिझक के साथ आखिर उसने सचिन की कमर पर अपना हाथ रख ही लिया !!

क्रमश

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