Love You Zindagi – 32
नैना अवि के साथ अपने कमरे में चली आयी और फिर बैठकर शीतल सार्थक की ग़लतफ़हमी दूर करने के लिए प्लान बनाने लगी। शीतल अपने कमरे मे थी और घर वापस जाने के लिए सामान की पैकिंग कर रही थी। उदासी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी और जहन में चल रही थी राज और सार्थक की कही बातें। राज और सार्थक शीतल के लिए चक्की के दो पाटों की तरह बन चुके थे जिनके बीच शीतल पिसते जा रही थी। कपडे रखते रखते एकदम से उसके कानो में सार्थक के कहे शब्द गूंज उठे “प्यार , परवाह , फ्रीडम सब दिया तुम्हे और बदले में तुमने क्या दिया ?,,,,,,,,,,धोखा ! मुझे तो ये सोचकर ही तकलीफ हो रही है कि मैंने तुमसे प्यार किया” ये बात याद आते ही शीतल की आँखों में आँसू भर आये और उसके हाथ में सार्थक की टीशर्ट थी जिसे हाथो में थामे वह बिस्तर पर बैठ गयी और सोच में डूब गयी। शीतल समझ नहीं पा रही थी क्या सही था और क्या गलत ? सार्थक का उस पर भरोसा न करना और राज का उसकी जिंदगी में आना दोनों ही उसके लिए तकलीफ देह थे। शीतल ख़ामोशी से बैठी सामने दिवार को तकते रही
कुछ देर बाद सार्थक कमरे में आया शीतल का उतरा हुआ चेहरा देखकर उसे मन ही मन बहुत दुःख हुआ। वह शीतल की तरफ चला आया और देखा शीतल बैग पैक कर रही है तो सार्थक ने बिस्तर पर रखे कपड़ो से अपना शर्ट उठाकर समेटते हुए कहा,”तुम चाहो तो हम लोग यहाँ कुछ दिन और रुक सकते है”
सार्थक को वहा पाकर शीतल उठी और हाथ में पकड़ी टीशर्ट को नीचे रखकर जाने लगी तो सार्थक ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”मुझे तुम से कुछ बात करनी है शीतल”
“पर मुझे नहीं करनी,,,,,,,,,,!”,कहते हुए शीतल ने आहिस्ता से सार्थक के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और कमरे से बाहर चली गयी। सार्थक समझ गया कि कल रात उसने शीतल को बहुत हर्ट किया है। सार्थक चुपचाप बिस्तर की तरफ आया और अपने कपडे समेटकर बैग में रखने लगा। धीरे धीरे उसे अहसास हो रहा था कि अपने एक शक की वजह से उसने सब खराब कर लिया , ये गोआ ट्रिप , अवि नैना के साथ रिश्ते और अपने और शीतल के बीच का प्यार,,,,,,,,,,,,सार्थक अपने ही ख्यालो में उलझने लगा और फिर कपडे छोड़कर कमरे से बाहर निकल गया। उसे शीतल को हर हाल में मनाना था
मोंटी और रुचिका पूल में थे रुचिका ने मोंटी को माफ़ कर दिया साथ ही उसे माला से दूर रहने को भी कहा मोंटी ने अपनी शादीशुदा जिंदगी को बचाने के लिए इन सब झमेलों से दूर रहना ही ठीक समझा। रुचिका और मोंटी पूल से बाहर आकर बैठ गए। रुचिका खुश थी कि वापस जाने से पहले उसके और मोंटी के बीच सब सही था वही मोंटी खुश था कि रुचिका के साथ साथ अवि नैना भी अब उस से नाराज नहीं थे। दोनों पूल में पैर लटकाकर बैठे थे कुछ देर बाद रुचिका ने कहा,”मुझे अवि को थैंक्यू बोलना है”
“अवि को ?”,मोंटी ने हैरानी से कहा
“हाँ अगर वो नहीं होता तो मैं तुम्हे कभी माफ़ नहीं करती,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो सच में बहुत स्वीट है यार मोंटी उसने कितनी आसानी से मुझे प्यार का मतलब समझा दिया। उसे एक बार तो थैंक्यू बोलना बनता है”,रुचिका ने मोंटी की तरफ देखकर कहा
“हाँ स्वीट तो है वो , वैसे मुझे भी उस से सॉरी बोलना है”,मोंटी ने कहा
“सॉरी क्यों ?”,इस बार रुचिका ने हैरानी से कहा
“मैंने अवि को चिढ़ाने के लिए नैना के साथ जान बुझकर फ्लर्ट किया , अवि को तंग किया और मेरी ही वजह से उन दोनों के बीच मिसअंडरस्टेंडिंग हुई,,,,,,,,,,,,,,मुझे उसे सॉरी कहना चाहिए”,मोंटी ने उदास होकर कहा
“बिल्कुल कहना चाहिए , तुम्हे पता है अवि इतना अच्छा है कि वह कभी किसी बात का बुरा नहीं मानता , जब वो दिल्ली में था हम लोगो के साथ तब भी उसने हम लोगो को बहुत सपोर्ट किया और हमेशा ख्याल रखा। वो और नैना मेरे फेवरेट कपल है तुम्हे उनके बीच मिसअंडरस्टेंडिंग पैदा नहीं करनी चाहिए थी मोंटी”,रुचिका ने मोंटी को समझाते हुए कहा
“ये सब मैंने नैना के लिए किया”,मोंटी ने एकदम से कहा
“नैना के लिए,,,,,,,,,,,,?”,रुचिका ने असमझ की स्तिथि में कहा
“हाँ यार तूने देखा शादी के बाद भी नैना में कोई बदलाव नहीं है वो अब भी अवि के साथ वैसे ही रहती है जैसे दिल्ली में थी। मुझे नैना के करीब जाते देखकर अवि को बुरा लगेगा और वो नैना से झगड़ा करेगा तो हो सकता है गुस्से में आकर नैना भी अवि के सामने अपनी फीलिंग शेयर कर दे और उसके बाद दोनों की मैरिड लाइफ में एक नयापन देखने को मिले,,,,,,,,,,,,,,,बस यही सोचकर मैंने,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन सब गड़बड़ हो गया उलटा उनके चक्कर में मेरे लग गए”,मोंटी ने रुचिका को सच्चाई बताते हुए कहा।
“नैना के दोस्त हो ना तुम इसलिए ऐसे उलटे सीधे प्लान बनाते हो।”,रुचिका ने मोंटी की बांह पर मुक्का मारते हुए कहा
“दोस्त हूँ तभी तो उसकी रग रग से वाकिफ हूँ रूचि,,,,,,,,,,,,,,नैना हम सब जैसी नहीं है हम सब अपना गुस्सा , अपनी ख़ुशी , खुन्नस , प्यार सब जाहिर कर देते है लेकिन वो लड़की फीलिंग्स इतनी आसानी से शेयर नहीं करती है। उसे समझने के लिए उसके साथ रहने वालो को उसमे उतरना पडेगा। सीधे शब्दों में कहू तो उसे वो जाहिर करना ही नहीं आता जो वो महसूस करती है। कभी कभी उसकी बहुत परवाह होती है यार रूचि सोचता हूँ क्या वो जिंदगीभर ऐसे ही रहेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,उसे अवि के लिए पिघलना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना प्यार , अपनी परवाह , अपना फीलिंग्स सब खुलकर जाहिर करनी चाहिए ,, उसे अपनी जिंदगी को जीना चाहिए यार,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने थोड़ा इमोशनल होकर कहा
रुचिका ने देखा तो उसे साइड हग करते हुए कहा,”ऐसा जरूर होगा देखना एक दिन नैना को अवि से इतना प्यार हो जाएगा कि वो उस से दूर जाने के ख्याल से भी घबराएगी। वो अवि के लिए अपनी फीलिंग्स भी जाहिर करेगी और अपना प्यार भी,,,,,,,,,,,बस सही वक्त पर”,
“थैंक्यू रूचि तुम बहुत अच्छी हो,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने रुचिका के माथे पर किस करके कहा तो रुचिका मुस्कुरा उठी। रिसोर्ट के बाहर खड़ी माला ने जब ये देखा तो मुंह बनाया और पैर पटकते हुए वहा से चली गयी।
माला अभी तक गोआ में ही थी और मोंटी के लिए वह नैना को चेलेंज भी दे चुकी थी। रुचिका और मोंटी को साथ देखकर माला जलभुन गयी और वहा से चली गयी। माला होटल चली आयी और अपने कमरे में आकर यहां वहा चक्कर काटते हुए बड़बड़ाने लगी,”हुंह आखिर ऐसा क्या है उस रुचिका में जो मोंटी उसके पीछे पागल है ? मैं उस रुचिका से ज्यादा सुंदर हूँ , स्मार्ट हूँ , मेरे पास दुनिया के सारे ऐशो आराम है जो मैं मोंटी को दे सकती हूँ। उस रुचिका को तो मैं तुम्हारी जिंदगी से निकालकर ही दम लुंगी मोंटी लेकिन उस लड़की का क्या जिसने मुझे चेलेंज किया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या नाम था उसका ?,,,,,,,,,,,,,हाँ नैना उस नैना की अकड़ तो मैं निकलूंगी , मुझे माला को चेलेंज किया उसकी औकात क्या है ? यू उसकी नाक के नीचे से ले जाउंगी मैं मोंटी को और फिर यहाँ से कही दूर हम दोनों अपनी नयी दुनिया बसायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,प्यार भरी दुनिया जहा सिर्फ मैं और मोंटी होंगे”
माला की बुरी नियत उसकी आँखों और बातो से साफ झलक रही थी। मोंटी को पाने का जूनून उसके सर धीरे धीरे चढ़ने लगा था जिसमे नैना की बातो ने आग में घी का काम किया।
माला बीकानेर आयी तो एक ऑफिस मीटिंग के लिए थी लेकिन पहली ही मुलाकात में मोंटी उसे भा गया उस वक्त माला नहीं जानती थी कि मोंटी शादीशुदा है और वह बार बार किसी ना किसी बहाने मोंटी से नजदीकियां बढ़ाने के मोके ढूंढने लगी और एक सबसे बड़ा मौका उसे मिला गोआ में,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन माला की बुरी किस्मत की गोआ आकर उसका सामना रुचिका से हुआ और उसका दिल टूट गया लेकिन मोंटी को पाने की लालसा इतनी थी कि माला रुचिका और मोंटी की शादीशुदा जिंदगी बर्बाद करने को भी तैयार हो गयी।
माला कमरे में घूमते हुए ये सब सोच ही रही थी कि उसका फोन बजा और माला की तंद्रा टूटी
माला ने फोन देखा मोंटी के बॉस का था उसने फोन उठाकर कान से लगाया और कहा,”हेलो”
“हेलो माला जी ! आई होप वहा सब ठीक है , आप मानव से मिली क्या कहा उसने ? वो डील करेगा न ? देखिये अब सब आप पर है वो लड़का बहुत दिमाग वाला है लेकिन उस से काम कैसे लेना है ये मैं आप पर छोड़ता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी के बॉस ने कहा जो कि किसी डील के लिए माला के साथ मिला हुआ था
“हाँ मैं उस से मिली वो अपने दोस्तों के साथ है इसलिए उस से ज्यादा बात नहीं हो पायी वैसे भी आज शाम मैं बीकानेर वापस आ रही हूँ तो वही आकर उस से डील के बारे में बात करते है”,माला ने कहा
“अरे तो फिर देर कैसी मानव भी तो आज शाम में ही आ रहा है उसी के साथ आ जाईये आप और फ्लाइट में डील के बारे में भी बात कर लेना”,मोंटी के बॉस ने कहा
“हाँ लेकिन मैं उसके साथ कैसे ? ये थोड़ा अनकम्फर्टेबल रहेगा”,माला ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा
“अरे माला जी अब क्या ये भी मुझे समझाना पडेगा , आप खूबसूरत है हसीन है मोंटी से दो मीठी बाते कीजिये , इम्प्रेस कीजिये , मर्दो को और क्या चाहिए ? देखना वो लट्टू बनकर आपके पीछे घूमेगा”,मोंटी के बॉस ने बेशर्मी से कहा
“वो तो तब ना जब वो अपनी बीवी का पल्लू छोड़ेगा”,माला बड़बड़ाई
“कुछ कहा आपने ?”,बॉस ने पूछा
“नहीं कुछ नहीं , मैं बीकानेर आकर ही उस डील के बारे में बात करुँगी। मुझे शाम में निकलना है इसलिए अभी मुझे पैकिंग करनी होगी,,,,,,,,,,,,,,,,मैं आपसे बाद में बात करती हूँ”,माला ने कहा
“हां हां जरूर माला जी , बस वो डील के बारे में जरा ख्याल रखना”.बॉस ने खी खी करते हुए कहा और फिर फोन रख दिया
माला ने एक गहरी साँस ली और फोन रख दिया , उसे शाम में ही वापस जाना था इसलिए वह अपना बैग पैक करने लगी।
सुबह के नाश्ते के लिए नैना ने रिसोर्ट के कुक को मना कर दिया। जब सब नाश्ते के लिए आये तो नैना ने कहा,”आज का नाश्ता हम लोग बाहर करेंगे”
“बाहर क्यों ?”,मोंटी ने पूछा
“गाईज हम लोग सिर्फ कुछ घंटो के लिए यहाँ है तो क्या हम सब पहले की तरह बिहेव नहीं कर सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई नो चीजे जिस हिसाब से बिगड़ी है ये थोड़ा मुश्किल है लेकिन दिखावे के लिए ही सही क्यों ना एक बार फिर इन पलों को जी लिया जाए”,नैना ने सबके इर्द गिर्द घूमते हुए कहा
“नैना बिल्कुल सही कह रही है , सारे झगड़ो और बुरी यादो को भूलकर हम सबको ये आखरी दिन इंजॉय करना चाहिए”,रुचिका ने भी नैना के समर्थन में कहा
“मैं रेडी हूँ नाश्ते के लिए हम लोग बीच साइड जायेंगे”,मोंटी ने कहा
“जहा नैना जाएगी वहा मैं जाऊंगा”,अवि ने कहा
“ओह्ह्ह्हह्हह”,मोंटी और रुचिका ने साथ में कहा तो अवि झेंप गया और दूसरी तरफ देखने लगा।
सार्थक और शीतल दोनों ही चुप थे उन्हें खामोश देखकर नैना ने कहा,”तुम दोनों कुछ कहोगे या मैं तुम्हारी हाँ समझू ?”
“ठीक है मैं चलूँगा”,सार्थक ने बुझे स्वर में कहा उसे लगा सब उस से नाराज होंगे पर जैसे ही उसने कहा मोंटी ने उसे साइड हग करते हुए कहा,”ये हुई ना बात , आज गोआ में हमारा आखरी दिन है इसलिए आज हम दबा के पिएंगे”
“तुम सब जाओ मेरा मन नहीं है , मैं यही रुक जाती हूँ”,शीतल ने जैसे ही कहा सब उसकी तरफ देखने लगे। सार्थक ने सूना तो उसका फिर से मुंह उतर गया।
“शीतल क्या हुआ है तुम बड़ी अपसेट दिख रही हो ?”,रुचिका ने पूछा जिसे शीतल और सार्थक के झगडे के बारे में कुछ नहीं पता था ना ही राज के बारे में नैना ने सूना तो शीतल के पास आयी उसका हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”मैं जानती हूँ इसे क्या हुआ है मैं अभी इसका मूड ठीक करके लाती हूँ तब तक तुम सब रेडी होकर आओ”
एक बार फिर सभी अपने अपने कमरों की तरफ बढ़ गए। नैना शीतल को लेकर साइड में आयी और उसे अपने सामने खड़े कर दिया। नैना ने शीतल का हाथ छोड़ दिया शीतल ख़ामोशी से उसके सामने खड़ी थी उसका चेहरा बता रहा था कि वह अंदर ही अंदर बहुत परेशान है , और आँखे बता रही थी कि बीती रात उसने बहुत आँसू बहाये है। नैना कुछ देर शीतल को देखते रही और फिर सहजता से कहा,”क्या तुम जिंदगीभर ऐसे ही रहना चाहती हो ? डरकर गिल्ट में”
नैना की बात सुनकर शीतल बुझी आँखों से उसे देखने लगी।
“शीतल हर बार तुम्हे राज से बचाने मैं नहीं आउंगी , ना ही तुम्हे सही साबित करने आउंगी बल्कि अपने हक के लिए तुम्हे खुद लड़ना होगा। तुम जिंदगीभर इस डर में नहीं जी सकती कि कोई राज जैसा घटिया इंसान तुम्हे बर्बाद कर देगा। तुम जिंदगीभर इस गिल्ट में भी नहीं जी सकती की सार्थक से तुमने ये सब छुपाया। जो हुआ उसे एक्सेप्ट करो और आगे बढ़ो,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज आज के बाद तुम्हे तंग नहीं करेगा अगर करता भी है तो थोड़ी हिम्मत दिखाओ और जवाब दो उसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक औरत कितनी ताकतवर हो सकती है ये मत भूलो तुम। जिंदगी बार बार नहीं मिलती है शीतल और ये वक्त भी बार बार नहीं आएगा इसे बर्बाद मत करो। सार्थक से अनजाने में जो गलती हुई है उसके लिए वो शर्मिन्दा है और तुम्हे भी उसे एक मौका देना चाहिए। अगर तुम पहले ही उसे राज के बारे में बता देती तो ये सब नहीं होता न,,,,,,,,,,,,,,,,खैर जो हुआ उसे भूल जाओ और जाने से पहले यहाँ की कुछ अच्छी यादे अपने साथ लेकर जाओ ताकि कड़वी यादे और बातें भूलने में आसानी हो।”
नैना ने शीतल को समझाने की कोशिश की लेकिन बीती रात जो कुछ भी घटा उस से शीतल बाहर नहीं निकल पा रही थी इसलिए कहा,”तुम कूल हो ना नैना इसलिए तुम्हारे लिए ये सब कहना आसान है लेकिन मैं तुम्हारी तरह कूल नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,मैं इमोशनल हूँ और हर छोटी बात मुझे इफ़ेक्ट करती है। सार्थक ने जो कहा मैं उसे भूल नहीं पा रही ना ही वो सब भूल पा रही हूँ जो राज ने किया। मैं दो पाटो के बीच हूँ नैना और बस पीसते चली जा रही हूँ।
मैं राज से बार बार सामना नहीं कर सकती नैना वो मेरी जिंदगी का सबसे कड़वा अहसास है जिसे मैं कभी भूल नहीं सकती,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगा सार्थक का साथ और उसका प्यार पाकर मैं ये सब भूल जाउंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ मैं सार्थक को कभी ये यकीन नहीं दिला पाऊँगी कि मेरा राज से कोई रिश्ता नहीं है। सार्थक के मन में ये बात हमेशा रहेगी और यही बात मुझे बार बार परेशान कर रही है नैना। मैं सार्थक को अब और तकलीफ देना नहीं चाहती मैं उसकी जिंदगी से चली जाउंगी हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते शीतल रो पड़ी
“बढ़िया आइडिआ है कैसे जाना चाहोगी ? ट्रेन से या बस से ?”,नैना ने बिना किसी भाव के शीतल की तरफ देखते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने भीगी आँखों से नैना की तरफ देखकर हैरानी से कहा
“भूसा भरा है क्या तुम सब के दिमाग में या शादी के बाद दिमाग को ताला लगा के चाबी कही फेंक दी हो। तुम्हारे सार्थक को छोड़ने से तुम कौनसा सही कहलाओगी उलटा लोग तुम पर उंगलिया उठाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,,खुद सार्थक भी क्योकि उसे तो यही लगेगा ना कि राज के लिए तुमने उसे छोड़ा है तब क्या वो माफ़ करेगा तुम्हे ? और वो क्यों क्या तब तुम खुद को माफ़ कर पाओगी ?”
नैना की बात सुनकर शीतल सोच में पड़ गयी पहली बार नैना ने शीतल को उसी की भाषा में समझाया।
“ऐसा नहीं होगा नैना , मेरे ऐसा करने से कम से कम सार्थक तो खुश रहेगा , उसके इमोशंस हर्ट नहीं होंगे”,शीतल ने कहा
नैना ने सूना तो उसे गुस्सा आया लेकिन उसने खुद को कंट्रोल में रखते हुए कहा,”अपने इमोशंस की ना बत्ती बनाकर साइड में रखो तुम , साला हिंदी लव स्टोरी पढ़ पढ़ कर ना तुम सबका दिमाग खराब हो गया। सबको बस फीलिंग्स , इमोशंस की पड़ी है प्रेक्टिकल कोई सोचना ही नहीं चाहता। दो लोगो के बीच बात बिगड़े तो उस बात को छोड़ा जाता है इंसान को नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इतनी बात समझ नहीं आ रही तुमको छोटी बच्ची हो क्या ?
मुझे तुम्हारी तरह ये समाज दुनियादारी की बातें समझ नहीं आती है शीतल मैं अपनी भाषा में बस ये कहूँगी की ये जिंदगी है और ये हम इंसानो को कब कौनसा रंग दिखा दे ये कोई नहीं जानता ? हर चीज हर बात को इमोशंस और फीलिंग्स से जोड़कर देखना भी एक तरह की बेवकूफी है। ये सब कहानियो और फिल्मो में होता है कि जो तुम्हारा है वो तुम्हारे पास लौट आएगा,,,,,,,,,,,,,,,नहीं मेरी जान , कभी कभी हमे अपनी ही चीज को दुनिया से छीनकर लाना पड़ता है इसलिए प्रेक्टिकल सोचो और सिचुएशन को एक्सेप्ट करो। सार्थक और तुम्हारे बीच फ़िलहाल कुछ ठीक नहीं है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सब खत्म करना पड़े,,,,,,,,,,,,,,,,,,और ये टीवी ड्रामा तुम आशीर्वाद अपार्टमेंट की आंटियो के सामने करना यहाँ मेरे सामने नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं अंदर जा रही हूँ अगर वाकई में तुम मुझे कुछ मानती हो तो हमारे साथ चलोगी वरना यही हमारी दोस्ती खत्म,,,,,,,,,,,,,,,,मैं सबके साथ बाहर तुम्हारा इंतजार करुँगी”
कहते हुए नैना वहा से चली गयी
“नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,नैना”,शीतल ने कहा लेकिन नैना ने पलटकर नहीं देखा और चली गयी
कुछ देर बाद सार्थक , अवि , मोंटी , रुचिका और नैना तैयार होकर रिसोर्ट के बाहर चले आये। नैना ने देखा शीतल वहा नहीं है तो थोड़ा उदास हो गयी और कहा,”चलो गाईज लेट हो रहा है , वो शायद नहीं आएगी”
“सामने देखो”,अवि ने नैना को कंधो से पकड़कर घुमाते हुए कहा नैना ने देखा सफ़ेद रंग का सूट पहने हरा दुपट्टा लगाए शीतल चली आ रही है ,शीतल को देखकर नैना की मुस्कान वापस लौट आयी।
Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32Love You Zindagi – 32
क्रमश – Love You Zindagi – 33
Read More – Love You जिंदगी – 31
Follow Me On – instagram | facebook | youtube
संजना किरोड़ीवाल