Love You Zindagi – 28
सार्थक ने जैसे ही कहा शीतल की धड़कने बढ़ गयी। अभी अभी उसने सार्थक से झूठ कहा और वह पकड़ी भी गयी। शीतल पलटी और सार्थक के सामने आकर कहा,”सार्थक मैं तुम्हे समझाती हूँ”
“क्या समझाओगी तुम ?”,सार्थक ने गुस्से से पीछे हटकर कहा जिस से शीतल थोड़ा सहम गयी। डर और घबराहट के भाव उसके चेहरे से साफ़ नजर आ रहे थे। वह कुछ कहती इस से पहले ही सार्थक बोल पड़ा,”क्या समझाओगी तुम मुझे हाँ ? शादी के बाद भी तुम अपने एक्स से चोरी छुपे मिलने जा रही हो ये या फिर ये कि अभी भी तुम्हारे दिल में फीलिंग्स है। क्या समझाओगी तुम ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम मुझसे इस तरह से बाते छुपाने लगोगी और मुझसे झूठ कहोगी,,,,,,,,,,,,,,आखिर क्यों गयी थी तुम राज से मिलने ? क्या अब भी तुम्हारे और उसके बीच रिश्ता कायम है ? अगर है तो बताओ मैं तुम दोनों के बीच से हट जाता हूँ पर कम से कम इस तरह झूठ बोलकर मेरे प्यार और इस रिश्ते का ऐसे मजाक मत बनाओ।
आखिर क्या कमी रखी मैंने ? प्यार , परवाह , फ्रीडम सब दिया तुम्हे और बदले में तुमने क्या दिया ?,,,,,,,,,,धोखा ! मुझे तो ये सोचकर ही तकलीफ हो रही है कि मैंने तुमसे प्यार किया,,,,,,,,,,,,,,,तुमने ऐसा क्यों किया शीतल ? आखिर क्यों ?”
आखरी शब्द कहते हुए सार्थक चिल्ला उठा और उसकी चिल्लाहट के साथ ही शीतल की आँखों में भरे आँसू बह गए। वह सार्थक के पास आयी और कहने लगी,”तुम जो सोच रहे हो वैसा कुछ भी नहीं है सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं राज से मिलने गयी थी लेकिन सब खत्म करने और ये सब बताकर मैं तुम्हे परेशान करना नहीं चाहती थी। राज को लेकर तुम्हे इंसिक्योरिटी थी वो और बढे इसलिए मैंने तुमसे ये सब बाते छुपाई”
“लेकिन क्यों ? क्या मुझे जानने का हक़ नहीं है तुम्हारी जिंदगी में क्या चल रहा है ? ये मेसेज झूठे हो सकते है ? राज का दिल्ली में मिलना इत्तेफाक हो सकता है लेकिन अभी अभी तुम उस से मिलकर आ रही हो ये झूठ नहीं है शीतल। जब तुम दोनों के बीच कुछ है ही नहीं तो तुम उस से मिलने गयी ही क्यों वो भी अकेले इतनी रात में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या राज के लिए तुम्हारा प्यार फिर से जाग गया है ?”,सार्थक ने चुभते हुए शब्दों के साथ कहा
“सार्थक,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने सूना तो हैरानी से सार्थक की तरफ देखा
“मैं सोच भी नहीं सकता शीतल कि तुम ऐसा करोगी , तुम राज से मिली तुमने मुझे धोखा दिया और ना जाने कितनी ही बार दिया होगा। तुम लड़किया कभी एक लड़के के साथ जिंदगी बिता ही नहीं सकती।”,सार्थक गुस्से और तकलीफ में अब गलत बातें कहने लगा था जो कि किसी भी लड़की के लिए बर्दास्त से बाहर थी लेकिन शीतल आँसू बहाते हुए उसकी बातें सुनते रही वह कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योकि सार्थक की बातें इस वक्त उसे चुभ रही थी
शीतल को खामोश देखकर सार्थक उसके पास आया और उसकी बाँह पकड़कर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मिलकर आयी हो ना उस से ? क्या कहा उसने यही ना कि वो अब भी तुम से प्यार करता है ? तुम्हारा इंतजार कर रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,तो चले जाना था उसके साथ , चले जाना था हमेशा हमेशा के लिए,,,,,,,,,,,आखिर कब तक तुम मुझसे प्यार करने का मेरे साथ खुश रहने का दिखावा करती चली जाती उसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
सार्थक के हाथ की पकड़ शीतल की बांह पर मजबूत थी जिस से शीतल को तकलीफ होने लगी और उसने नम आँखों के साथ कहा
,”मुझे तकलीफ हो रही है सार्थक”
“उस से भी ज्यादा तकलीफ मुझे ये जानकर हो रही है कि तुमने मुझसे सच छुपाया”,सार्थक ने शीतल की बांह छोड़कर पीछे हटते हुए कहा और आगे कहने लगा,”तुम्हारे लिए मैंने सब छोड़ दिया , अपनी फॅमिली , अपने दोस्त , सोसायटी सबके खिलाफ गया लेकिन तुम्हे नहीं छोड़ा। तुम्हे हर ख़ुशी देने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत करता हूँ ताकि तुम्हे कभी किसी चीज की अपने माँ-बाप और घर की कमी महसूस ना हो। ऐसा क्या है जो वो राज तुम्हे दे सकता है लेकिन मैं नहीं ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो उसी दिन सब समझ जाना चाहिए था जिस दिन मैंने राज को अपार्टमेंट के बाहर देखा था। वो बालकनी , वो कत्थक क्लास , तुम्हारा बचपन का सपना सब झूठ था ताकि तुम राज के वहा होने की बात को इग्नोर कर सको। मैं तुम पर बहुत भरोसा करता था शीतल लेकिन तुमने तो मेरे उस भरोसे को ही तोड़ दिया।”
“ऐसा कुछ नहीं है सार्थक मैंने तुम्हे कोई धोखा नहीं दिया है , मैं तुम्हे धोखा देने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकती। राज सिर्फ और सिर्फ मेरा काला अतीत है और तुमसे मिलने के बाद मैंने कभी भी नहीं चाहा की वो मेरी जिंदगी में वापस आये,,,,,,,,,,,,,,,,तुम एक बार मेरी बात सुन लो मैं तुम्हे सब बताती हूँ ये क्यों हुआ ? प्लीज मेरा यकीन करो मैं सच कह रही हूँ”,शीतल ने रोते हुए कहा
“इतना सब होने के बाद भी तुम कह रही हो मैं तुम पर यकीन करू ? सही कहा था उस दिन उसने कि मेरी जिंदगी से निकलकर उसके बिस्तर में जाने में तुम्हे ज्यादा वक्त नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक इतना ही कह पाया कि उसके पीछे खड़ी नैना ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ किया और खींचकर एक घुसा उसके मुंह पर मारते हुए गुस्से से कहा,”अगर एक शब्द और बोला ना तो तेरा मुंह तोड़ देना है मैंने”
“नैना ! ये क्या कर रही हो तुम ?”,अवि ने नैना को सम्हालते हुए कहा
“एक मिनिट पडोसी”,नैना ने अवि से खुद को छुड़ाते हुए कहा और सार्थक के पास चली आयी तो सार्थक ने कहा,”तुम जानती नहीं हो नैना इसने क्या किया है ? धोखा दिया है इसने मुझे , मुझसे झूठ कहा है ? ये उस राज से मिलने गयी थी वो राज जो कभी इसका अतीत रह चुका है। इसने एक बार भी हमारे रिश्ते के बारे में हमारी शादी के बारे में नहीं सोचा और ये चली गयी उस से मिलने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझ पर हाथ उठाने से पहले पूछो अपनी दोस्त से आखिर ऐसी क्या मुसीबत आ गयी जो इसे राज से मिलने जाना पड़ा वो भी इस वक्त ऐसे अकेले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल तुम्हारी दोस्त है इसका मतलब ये नहीं है कि सही है , इसने जो किया है वो गलत है और रहेगा”
कहते हुए सार्थक एकदम से चिल्ला दिया तो नैना ने खुद को नार्मल रखते हुए कहा,”किसी के बारे में कुछ भी राय बनाने से पहले एक बार उस की बात सुन तो ले , उसे अपनी सफाई में कहने का कुछ तो मौका दे तू पहले ही जानवरो जैसा बिहेव किये जा रहा है”
“हाँ हूँ मैं जानवर , पागल हो गया हूँ मैं ये रोज रोज का तमाशा देख कर जब इसे राज के साथ ही रहना है तो इसने मुझसे शादी क्यों की ? मैं खुश था ना अकेले अपनी जिंदगी में फिर इसने मुझ पर भरोसा क्यों दिखाया ?”,सार्थक ने गुस्से से कहा शीतल बस सब सुनकर रोये जा रही थी।
अवि को ये सब देखकर बुरा लग रहा था लेकिन इस वक्त सार्थक के सामने वह शीतल से कुछ ना कहकर सार्थक के पास आया और कहा,”सार्थक होश में आओ गुस्से में तुम कुछ भी बोले जा रहे हो। शीतल ऐसी लड़की नहीं है तुम दोनों के बीच कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हुई है उसे बैठकर दूर कर लो”
“कोई मिस अंडरस्टेंडिंग नहीं है अवि भाई मैंने खुद राज के मेसेज शीतल के फोन में देखे है। आप मुझे सलाह दे रहे है लेकिन आपकी तो खुद की शादी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक ने नैना की तरफ देखा और चुप हो गया। नैना बस ख़ामोशी से उसे ही घूरे जा रही थी।
“वो हमारा पर्सनल मेटर है सार्थक उसे इन सब के बीच ना लाओ तो ही बेहतर है। तुम इस वक्त गुस्से में हो इसलिए तुम्हे कुछ समझ नहीं आ रहा,,,,,,,!!”,अवि ने कहा लेकिन सार्थक ने उसकी बात पूरी भी नहीं होने दी और कहा,”मुझे सब समझ भी आ रहा है और दिखाई भी दे रहा है , अपनी वाइफ को किसी और के साथ देखना आपके लिए नार्मल होगा मेरे लिए नहीं है”
सार्थक की बात सुनकर अवि ने अपने दाँत भींच लिए और मुट्ठिया कस गयी नैना ने देखा तो वह अवि के आगे आयी और सार्थक का कंधा थपथपाया। सार्थक ने जैसे ही नैना की तरफ देखा नैना ने फिर एक घुसा सार्थक को मारा और कहा,”अगर तूने और बकवास की तो मैं भूल जाउंगी तू मेरा दोस्त है , मेरे पीछे खड़ा ये आदमी मेरा पति है और तुम्हे कोई हक़ नहीं है इस से इस तरह बात करने का,,,,,,,,,,,,,,,,,समझा तू”
“नैना तू नहीं जानती है शीतल ने क्या किया है इसने मुझे धोखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,सार्थक ने उठते हुए जैसे ही कहना चाहा नैना ने चिल्लाकर कहा,”चुप कर जा चूतिये,,,,,,,,,,,,,,,!!”
नैना को गुस्से में देखकर सार्थक खामोश हो गया , शीतल भी चुप हो गयी और अवि ने अपना हाथ पीछे करके बंद मुट्ठी की उंगलिया खोलते हुए मन ही मन कहा,”एक,,,,,,,,,,,,,,,दो,,,,,,,,,,,,,,,,तीन,,,,,,,,,!!”
अवि के हाथ की तीसरी ऊँगली खुलते ही नैना सार्थक पर बिफर पड़ी,”एक नंबर का ढक्कन है तू धेलेभर की अक्कल नहीं है तुझ में जो मुंह में आ रहा है बोले जा रहा है। धोखा दिया है,,,,,,,,,,,धोखा दिया है,,,,,,,,,,,,,क्या धोखा दिए इसने तुझे हाँ,,,,,,नहीं बता मुझे क्या धोखा दिया ? वो राज से मिली सच है लेकिन क्यों मिली ये जानने की कोशिश भी की तूने ?,,,,,,,,,,,,,,,, वो किस प्रॉब्लम से गुजर रही है इसका अहसास भी है तुम्हे , वो राज से मिलने नहीं बल्कि सब खत्म करने गयी थी , मैं पडोसी शीतल हम सब थे वहा और अगर तू होता तो तू भी अपनी आँखों से देखता कैसे शीतल ने आज दूसरी बार उसे तमाचा मारा वो भी तेरे जैसे इंसान के लिए,,,,,,,,,,,,,,,वो तुझसे प्यार करती है , तुझ पर भरोसा करती है , तेरे साथ जिंदगी बिताना चाहती है इसलिए वो आज तेरे साथ है ना की अपनी जरूरत और स्वार्थ के लिए,,,,,,,,,,,,,,,तू एक बार उस से पूछता तो वो तुझे ऐसे ही बता देती लेकिन तेरी इंसिक्योरिटी देखकर उसने तुझसे ये सब छुपाया क्यों की ये जानती थी कि तू इसे फिर गलत समझेगा ।
कहकर नैना खामोश हो गयी उसकी सांसे तेजी से चल रही थी उसने एक गहरी साँस ली और आगे कहने लगी,”तुम साले लौंडो की ना यही प्रॉब्लम है बस जो देखा उसे सच मान लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,कभी कभी कहानी कुछ और होती है लेकिन नहीं तुम लोगो को कुछ समझना नहीं होता। अगर दिमाग में कुछ चल रहा है तो सीधा जाकर पूछ लो ना लेकिन पहले ख़ामोशी से सब देखेंगे और फिर कंजरो की तरह जो मुंह में आएगा बकेंगे। एक लड़की तुम से प्यार करती है , तुम्हारे साथ रिलेशनशिप में है , तुम से शादी की है तो क्या खरीद लिया है क्या तुमने उसे ? ये कहा का रूल है एक लड़की शादी के बाद किसी से मिल नहीं सकती , उसके दोस्त नहीं हो सकते , वो किसी से बात नहीं कर सकती,,,,,,,,,,,,,,,खुद के दिमाग में गोबर भरा है और उसकी छींटे दुसरो पर भी मारने है”,सार्थक से कहते हुए नैना ने अवि की तरफ देखा तो अवि दूसरी तरफ देखने लगा क्योकि सार्थक की बातो में आकर ही उसने नैना और मोंटी पर शक किया। नैना वापस सार्थक की तरफ पलटी और कहा,”कौनसी दुनिया में जी रहे हो बे तुम लोग ? अच्छी खासी जिंदगी में क्यों चरस बोनी है तुम्हे ? तुम्हारे रिश्ते में अगर तुम दोनों ही एक दूसरे पर भरोसा नहीं करोगे तो फिर समाज और मोहल्ले वालो की क्या गलती वो तो बहती गंगा में हाथ धोयेंगे ना। राज और शीतल का जो पास्ट था वो था लेकिन उस पास्ट को लेकर तू बार बार इस लड़की को जज नहीं कर सकता समझा,,,,,,,,,,,,,,,,तू भी जानता है तुझे अपनाने के लिए इसने कितनी परेशानिया उठायी है और आज जब इसे तेरी जरूरत है तो साले तू उलटे सवाल कर रहा है तेरी ऐसी की,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए नैना जैसे ही सार्थक की तरफ जाने लगी अवि ने उसे रोकते हुए कहा,”नैना नैना कूल डाउन बच्चे बस हो गया वो समझ जाएगा”
“क्या समझ जायेगा यार पडोसी दूध पीता बच्चा है क्या वो ? साला ये है इनका प्यार , ये इनकी रिलेशनशिप इस से अच्छा ये लोग सिंगल रहते। ऐसे प्यार का क्या फायदा पडोसी जहा हर रोज आपको अपना प्यार साबित करना पड़े , जहा आपको एक दूसरे से बातें छुपानी पड़े , जहा इतनी इंसिक्योरिटी हो इस से अच्छा है ना ये प्यार वाला चुतियापा करो ही मत रहो अकेले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए नैना थोड़ी भावुक हो गयी सार्थक ने शीतल के साथ जो बर्ताव किया उस से नैना को बहुत बुरा लग रहा था तकलीफ हो रही थी।
“नैना रिलेक्स इसमें सार्थक की भी कोई गलती नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा। नैना का मन इस वक्त बहुत बैचैन था और वह बेचैनी उसकी आँखों में आँसू बनकर उभर आयी लेकिन नैना ने उन्हें अपनी आँखों में रोकते हुए कहा,”यार पडोसी वो लड़की दोस्त है मेरी , उसके साथ बहुत वक्त बिताया है मैंने ये चूतिया 4 महीने की शादी में इस लड़की को ऐसे जज नहीं कर सकता समझ रहे हो ना तुम। इसे कोई हक़ नहीं है किसी भी लड़की के बारे में इस तरह से बात करने का,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है गलत लग रहा है बुरा लग रहा है तो आकर एक दूसरे से बात करो ना , ख़ामोशी हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन नहीं होती है काश ये लोग समझ पाए,,,,,,,,,,,,,,,,!”
“वो समझ जायेंगे नैना,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना को विश्वास दिलाते हुए कहा। नैना ने अवि के हाथो को अपने चेहरे से नीचे किया और कहा,”वो नहीं समझेंगे , वो क्या कोई नहीं समझेगा ये मर्द होने का ईगो है ना तुम लोगो के अंदर ये तुम्हारे अच्छे ख़ासे रिलेशन की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहते कहते नैना रुकी क्योकि वह अवि के सामने कुछ गलत बोलना नहीं चाहती थी और एकदम से सार्थक की तरफ पलटकर कहा,”और भाई तू , तू मेरी बात कान खोलकर सुन ले एक लड़का लड़की भी दोस्त हो सकते है , मोंटी मेरे साथ फ्रेंक है इसका मतलब ये नहीं है कि वो अपनी लिमिट्स नहीं जानता,,,,,,,,,,,,,,,,,वो जानता है और समझता भी है लेकिन तुम लोगो ने इन चीजों को लेकर एक अलग ही धारणा बना ली,,,,,,,,,,,,ऐसे तो साले तुम में और मोहल्ले की आंटियो में क्या फर्क रह गया है फिर ? मुझे लगता था उस अपार्टमेंट में तू एक ठीक बंदा है लेकिन तू भी,,,,,,,,,,,,,,,,,तुझसे ये उम्मीद नहीं थी सार्थक”
सार्थक को अपनी गलती का अहसास हुआ वह नैना के पास आया और कहा,”आई ऍम सॉरी नैना मेरा दिमाग खराब हो गया था , मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी। तुम्हे हर्ट करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। मुझे माफ़,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अगर माफ़ी ही मांगनी है तो जाकर शीतल से माँग अगर उसने तुझे माफ़ कर दिया तो समझ लेना नैना ने भी तुम्हे माफ़ कर दिया”,कहकर नैना अवि का हाथ थामकर वहा से चली गयी।
सार्थक शीतल के सामने आया और कहा,”शीतल , शीतल आई ऍम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक अपनी बात भी पूरी नहीं कर पाया की शीतल वहा से चली गयी और सार्थक समझ गया की शीतल अब इतनी जल्दी उसे माफ़ नहीं करेगी। वह अपना सर पकड़कर वही बैठ गया
नैना अवि के साथ एक बार फिर रिसोर्ट से बाहर चली आयी। उसका सर टेंशन से फटा जा रहा था। परेशानी में वह इधर उधर चक्कर काटने लगी और फिर अपने बालों को नोचते हुए कहा,”आहहह ये लोग इतने बेवकूफ कैसे हो सकते है ?”
“शांत हो जाओ नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने सहजता से कहा
नैना एक तो गुस्से में थी ऊपर से अवि के कहने से और चिढ गयी और उसके सामने आकर कहा,”क्या शांत हो जाओ ? पडोसी तुमने देखा ना वो कैसे बकवास कर रहा था दिल तो किया रख के दू उसे,,,,,,,,,,!!”
“तुम आलरेडी उसे दो घुसे मार चुकी हो,,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना को घूरते हुए कहा
“तुम्हे लगता है दो घुसे उसके लिए काफी होंगे , जब तक उसकी तबियत से सुताई नहीं होगी उसको अक्कल नहीं आएगी , आज साला राज है कल कोई और आ जाएगा , शीतल कब तक खुद को उसके सामने सही साबित करेगी,,,,,,,,,,,,,,,और क्यों करेगी ? अगर किसी को सामने से चूल मची है दुसरो की जिंदगी में घुसने की तो वो तो उसकी गलती है ना,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने देखा ना पडोसी वो कैसे चिल्ला रहा था उस पर वो देखकर ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम आज तक मुझ पर ऐसे नहीं चिल्लाये”,कहते हुए नैना थोड़ा नरम पड़ गयी और अवि की तरफ देखने लगी
“नैना मैं तुम से नाराज हो सकता हूँ , तुम से झगड़ सकता हूँ लेकिन तुम पर चिल्लाने की सोच भी नहीं सकता क्योकि तुम अपनी जगह सही होती हो”,अवि ने नैना की तरफ देखकर कहा
“i need a hug”नैना ने उदासीभरे स्वर में कहा
“कम”,अवि ने कहा तो नैना उसके गले आ लगी और आँखे मूँद ली अवि ने उसका सर सहलाते हुए कहा,”इतना गुस्सा तुम्हारी सेहत के लिए ठीक नहीं है नैना”
“मुझे कुछ नहीं हुआ है पडोसी मैं ठीक हूँ”,कहते हुए नैना ने अपने हाथ से अपना नाक पोछा और हाथ पर लगे निशान को देखकर उसकी उदासी और बढ़ गयी।
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संजना किरोड़ीवाल