Love You Zindagi – 2
अवि के शॉर्ट्स को फाड़ने के बाद नैना कमरे से बाहर चली आयी। नींद तो उसकी उड़ ही चुकी थी इसलिए अब उसे चाय की तलब होने लगी। टीशर्ट और प्लाजो पहने नैना नीचे आयी। चौधरी साहब भी जॉगिंग से वापस आ चुके थे। घर में चौधरी साहब का काफी रूतबा था अवि तो उनसे बहुत डरता था लेकिन नैना की उनसे खूब बनती थी। नैना अवि के पापा को डेड कहकर ही बुलाती थी और हमेशा उनके साथ फ्रेंक रहती वही चौधरी साहब भी नैना को अपनी बेटी की तरह ही मानते थे। अवि को भले वो दो बातें सूना दे लेकिन नैना को कभी कुछ नहीं कहते और यही वजह थी की नैना और चौधरी साहब का रिश्ता घर में सबसे अच्छा था।
“डेड आपकी चाय”,नैना ने चौधरी साहब के सामने चाय का कप रखते हुए कहा
“अरे नैना आज तुम जल्दी उठ गयी ?”,चौधरी साहब ने चाय का कप उठाते हुए कहा
“हाँ डेड , अपने लिए चाय बना रही थी फिर आपको आते देखा तो सोचा आपके लिए भी बना दू”,नैना ने वही पास पड़े काउच पर बैठते हुए कहा
“ये सही किया वैसे भी जब से तुम इस घर में आयी हो , मुझे भी चाय की लत लग गयी है”,चौधरी साहब ने कहा
“लेकिन ये लत बहुत खराब है”,पीछे से सौंदर्या ने आते हुए कहा जो की किसी इम्पोर्टेन्ट केस के चलते अभी अभी हॉस्पिटल से आ रही थी। उनके एक हाथ में पर्स था दूसरे में सफ़ेद रंग का एप्रिन।
“गुड मॉर्निंग आंटी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई मीन मॉम”,नैना ने कहा शादी के तीन महीने बाद भी नैना के मुंह से सौंदर्या के लिए कभी कभी आंटी शब्द निकल जाता।
“गुड मॉर्निंग नैना,,,,,,,,,,,,,,आज तुम बड़ी जल्दी उठ गयी , तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ?”,सौंदर्या जी ने कुर्सी पर अपने एप्रिन और पर्स को रख सोफे पर बैठते हुए कहा।
“जैसा आपका बेटा है उस हिसाब से मेरी तबियत क्या मेरा मूड , मेरी जिंदगी सब झंड होने वाला है”,नैना बड़बड़ायी
“अकेले में क्या बड़बड़ा रही हो ?”,सौंदर्या ने कहा
“कुछ नहीं , आप चाय लेंगी ?”,नैना ने पूछा
“नहीं थैंक्यू मुझे कॉफी चाहिए मैं भोला से कह देती हु वो बना देगा”,सौंदर्या ने कहा और फिर घर के नौकर भोला को आवाज देकर बुलाया। भोला आया तो सौंदर्या जी ने उसे 1 कप कॉफी लाने को कहा और फिर नैना की तरफ देखकर कहा,”अच्छा नैना सुनो !”
“हाँ”,नैना ने चाय पीते हुए कहा
“अवि कह रहा था तुम जॉब करना चाहती हो ?”,सौंदर्या जी ने पूछा
“जॉब नहीं मम्मा बस लाइफ में थोड़ा सा चेंज चाहिए था तो सोचा पार्ट टाइम कुछ कर लेती हूँ इस से मन भी लगा रहेगा”,नैना ने अपनी चाय खत्म कर कप टेबल पर रखते हुए कहा
“पार्ट टाइम क्यों बेटा ? तुम चाहो तो फुल टाइम अवि के साथ उसके ऑफिस में काम कर सकती हो”,इस बार चौधरी साहब ने कहा
“उस से बचने के लिए ही तो मुझे जॉब करनी है,,,,,,,,,,!!”,नैना फिर बड़बड़ाई
“तुम फिर कुछ बड़बड़ा रही हो , तुम ठीक हो ना ?”,सौंदर्या जी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो नैना ने बड़ी स्माइल के साथ कहा,”मैं बिल्कुल ठीक हूँ मॉम , अगर आप लोग नहीं चाहते तो मैं जॉब का आइडिआ स्किप कर देती हूँ”
“नहीं नैना तुम्हारे जॉब करने से इस घर में किसी को कोई ऐतराज नहीं है , बस चौधरी खानदान की बहू किसी दूसरे के यहाँ काम करे मुझे थोड़ा अच्छा नहीं लगेगा”,चौधरी साहब ने कहा और अपनी चाय खत्म करके वहा से चले गए।
नैना के पास कोई जवाब नहीं था ऐसा नही था की नैना पर किसी तरह की पाबंदिया थी लेकिन अब वो किसी के घर की बहू थी और उसे अब बहुत सोचकर फैसले लेने होते थे। नैना को सोच में डूबा देखकर सौंदर्या ने कहा,”नैना तुम एक काम क्यों नहीं करती , मेरे सोशल ग्रुप में मेंबर क्यों नहीं बन जाती , आई ऍम स्योर तुम्हे बहुत मजा आएगा,,,,,,,,,,,,,,तुम एक काम करो आज शाम तुम मेरे साथ चलो तुम्हे बहुत मजा आएगा”
“लेकिन मैं,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहना चाहा लेकिन सौंदर्या जी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”अरे तुम एक बार चलो तो सही , तुम्हे अच्छा लगे तो ज्वाइन कर लेना वरना कोई बात नहीं,,,,,,,,,,,,,,आज शाम में चलते है , ओके”
कहकर सौंदर्या जी उठी और अपना एप्रिन और पर्स लेकर वहा से चली गयी
“मॉम,,,,,,,,,,,,मॉम , मुझे आपकी किटी पार्टी में कोई इंट्रेस्ट नहीं है”,नैना ने सौंदर्या जी के पीछे आते हुए कहा
“नैना बेटा वो किटी पार्टी नहीं है वो चंडीगढ़ का एक बहुत अच्छा क्लब है। उसमे काफी अच्छी एक्टिविटीज होती है तुम एक बार चलो तो सही तुम्हे बहुत मजा आने वाला है सच में”,कहकर सौंदर्या जी वहा से चली गयी
नैना के चेहरे से बची खुची स्माइल भी गायब हो गयी वह सीढ़ी की रेलिंग से झूलते हुए बड़बड़ाई,”आह्ह्ह्ह ये माँ बेटा मिल के मेरी जिंदगी के L लगाने पर तुले हुए है। अवि के डेड चाहते है मैं अवि के साथ काम करू,,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब घर के साथ साथ मैं उसे ऑफिस में भी झेलू,,,,,,,,,,,,,कभी नहीं और अवि की मॉम चाहती है मैं उनकी किटी पार्टी ज्वाइन करू,,,,,,,,,,सीरियसली ब्रो क्या सच में मेरी जिंदगी इतनी झंड हो गयी है कि अब मुझे आंटियो के बीच जाना होगा,,,,,,,,,,!!”
“ये अकेले में किस से बातें कर रही हो तुम ?”,अवि ने सीढ़ियों से उतरते हुए कहा
अवि को अचानक से वहा देखकर नैना ने रेलिंग छोड़ दी और वह नीचे गिर गयी अवि ने देखा तो तुरंत उसे सम्हाला और उसकी परवाह जताते हुए कहा,”ध्यान कहा रहता है तुम्हारा , तुम्हे लगी तो नहीं ना दिखाओ मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में नैना अपने मामले में तुम लापरवाह हो। अभी लग जाती तुम्हे,,,,,,,,,,,,सबका ख्याल रख सकती हो लेकिन खुद का नहीं,,,,,,,,,,,पता नहीं ये बचपना कब जाएगा तुम्हारा और ये रेलिंग से लटककर तुम किस से बात कर रही थी ?,,,,,,,,,,,,,,,वैसे यहाँ तो कोई नहीं है पागल लड़की खुद में ही बड़बड़ा रही होगी,,,,,,,,,,,,,हेलो मैं तुमसे बात कर रहा हु इतनी चुप क्यों हो ?तुम्हे ज्यादा लगी क्या ?”
नैना ख़ामोशी से अवि की तरफ देखते हुए उसकी बातें सुने जा रही थी और फिर एकदम से कहा,”तुम मुझसे नाराज नहीं हो ?”
“मैं तुमसे नाराज क्यों होने लगा ?”,अवि ने नैना की टीशर्ट को सही करते हुए कहा
“वो कल रात जो हमारे बीच हुआ और सुबह जो मैंने किया उसके लिए,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपनी बड़ी बड़ी आँखे मिचमिचाते हुए कहा
“नैना रात गयी बात गयी,,,,,,,,,,,,,,,रही सुबह वाली बात तो आई रियलाइज की मैंने थोड़ा ज्यादा ओवर-रिएक्ट किया”,अवि ने बड़े प्यार से नैना के बालों को सही करते हुए कहा
“है ना ! वो तो मुझे मालूम ही था पडोसी,,,,,,,,,,,,,बाय द वे तुमने अपनी मॉम को मेरे जॉब करने के बारे में क्यों बताया ?”,नैना ने पहले मुस्कुरा के कहा और फिर एकदम से सीरियस हो गयी
“नैना तुम जानती हो ना मैं उनसे कुछ नहीं छुपाता , मैंने बस उनसे नार्मल बात की थी,,,,,,,,,,,क्यों क्या हुआ उन्होंने मना किया क्या ?”,अवि ने पूछा
“नहीं वो आज शाम अपने साथ मुझे किसी किटी पार्टी में लेकर जाना चाहती है”,नैना ने उदासीभरे स्वर में कहा
“वाओ ! मॉम मुझे कभी वहा लेकर नहीं गयी लेकिन तुम्हे ले जा रही यही इसका मतलब समझती हो ?”,अवि ने सरप्राइज होते हुए कहा
“इसका मतलब है कि मेरे दिमाग का दही होने वाला है”,नैना ने उठते हुए कहा और वहा से चली गयी।
“हे भगवान इस लड़की को थोड़ा सा,,,,,,,,,,,बस थोड़ा सा नार्मल बना दो बाकि मैं सम्हाल लूंगा”,कहते हुए अवि उठा और चला गया।
JM प्राइवेट कम्पनी , बीकानेर
मोंटी अपना बैग सम्हाले ऑफिस में आया और अपने केबिन में आकर बैग टेबल पर रखा। वह जल्दी जल्दी में आया था इसलिए हांफ रहा था उस पर राजस्थान की गर्मी ने उसका बुरा हाल कर दिया था। उसने टेबल पर रखी पानी की बोतल लेकर ढक्कन खोला और जैसे ही पीने लगा ऑफिस बॉय ने आकर कहा,”सर आपको बॉस ने बुलाया है”
बेचारा मोंटी उसने जल्दी से दो घूंठ गले से नीचे उतारे और बोतल बंद करके बैग से प्रेजेंटेशन फाइल निकाली जो की कम्प्लीट नहीं थी। मोंटी फाइल लेकर बॉस के केबिन में आया तो देखा वहा क्लाइंट पहले से बैठे है। मोंटी ने उन्हें गुड मॉर्निंग कहा और अपने बॉस के बगल में खड़े हो गया। बॉस ने घूरकर मोंटी को देखा तो मौंटी ने आँखों ही आँखों में उनसे माफ़ी मांगी।
“जेंटलमेंट ये रही प्रोजेक्ट फाइल आप इसे देख सकते है”,बॉस ने मोंटी की लायी फाइल को अपने सामने बैठ क्लाइंट्स के सामने खिसकाते हुए कहा
“ये फाइल तो अधूरी है अगर इन्होने देखा तो तुरंत ये डील केंसल कर देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,मैं क्या करू क्या करू ? कुछ सोच मोंटी,,,,,,,,,,,!!”,मन ही मन खुद से कहते हुए मोंटी की नजर एकदम से फाइल से कुछ दूर रखे पानी के गिलास पर चली गयी मोंटी ने सबसे नजरे बचाकर उस गिलास को गिरा दिया और पूरा का पूरा पानी फाइल पर जा गिरा।
“मानव ये क्या किया तुमने ? तुमने सारा पानी फाइल पर गिरा दिया , सारी मेहनत बर्बाद कर दी अब मैं इन्हे प्रेजेंटेशन कैसे बताऊंगा ?”,मोंटी के बॉस ने गुस्सा होते हुए कहा
“सर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,चिंता मत कीजिये सर मैं हूँ ना,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मौंटी ने रूम में रखे सफ़ेद बोर्ड को अपनी तरफ किया और स्केच पेन उठाकर कहा,”मैं इन्हे प्रेजेंटशन का लाइव डेमो दे दूंगा”
“आर यू किडिंग विथ अस ? इतनी बड़ी प्रेजन्टेशन तुम लाइव कैसे समझाओगे ? तुम्हे शायद अपने टाइम की वेल्यू ना हो लेकिन मुझे है। तुम्हारा ये आइडिआ बेकार है”,क्लाइंट ने कहा
“मुझे सिर्फ आप लोगो से 10 मिनिट चाहिए अगर 10 मिनिट में मैं ये नहीं समझा पाया तो आप ये डील केंसल कर देना”,मोंटी ने कॉन्फिडेंस से कहा
“ये मेरी कम्पनी बंद करवा के मानेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,बॉस बड़बड़ाया और घूरकर मोंटी को देखा
दोनों क्लाइंट ने आपस में बात की और फिर मोंटी को एक मौका दिया।
चूँकि प्रेजेंटेशन बनाने का काम मोंटी को ही मिला था और सारा आइडिआ उसके दिमाग में था ही उसने शार्ट में सब समझाना शुरू किया। शुरू के 2-4 मिनिट में क्लाइंट को लगा की मोंटी नहीं कर पायेगा वे बार बार घडी देख रहे थे लेकिन मोंटी ने 9 मिनिट में ही उनसे सब समझा दिया। क्लाइंट मोंटी से काफी इम्प्रेस थे और बॉस ने भी राहत की साँस ली की आखिरी पल में मोंटी ने सब सम्हाल लिया। क्लाइंट्स ने उस डील को फाइनल किया और बॉस से हाथ मिलाकर चले गए। उन्हें जाने के बाद मोंटी ने एक गहरी साँस ली और टेबल पर रखा दुसरा पानी का ग्लास उठाया और एक साँस में पी गया।
“लास्ट मोमेंट पर तुमने लाज रख ली , गुड जॉब”,बॉस ने मोंटी से खुश होकर कहा
“थैंक्यू बॉस क्या अब मैं जा सकता हूँ ?”,मोंटी ने पूछा
“यस प्लीज गो”,बॉस ने कहा तो मोंटी वहा से निकलकर अपनी चेयर पर आ बैठा। उसने अपनी टाई ढीली की और सर पीछे करके सुस्ताने लगा
“हे मानव तुम आज फिर लेट आये लगता है भाभी ने आने नहीं दिया”,मोंटी के बगल वाले डेस्क पर बैठे उसके कलीग ने उसे छेड़ते हुए कहा
“वो क्यों नहीं आने देगी मुझे ?”,मोंटी ने एकदम से उसकी तरफ गर्दन घुमाकर कहा
“अरे नयी नयी शादी हुई है तुम्हारी,,,,,,,,,,,,,,,,,सुबह सुबह रोमांस थोड़ा ज्यादा हो जाता होगा ऐसे में भाभी को छोड़कर आने का मन नहीं करता होगा”,कलीग ने दबी आवाज में मुस्कुराते हुए कहा
“तुम्हे दुसरो को लव लाइफ में बड़ा इंट्रेस्ट है , चुपचाप काम करो अपना”,मोंटी ने उखड़े स्वर में कहा और कुर्सी आगे खिसका ली लेकिन कलीग का कहा “रोमांस” शब्द उसके दिमाग में घूमने लगा और मोंटी को याद आया कि ये रोमांस बस शादी के एक महीने तक ही था उसके बाद से उसकी लाइफ बस शॉपिंग , खाना और घर के इर्द गिर्द ही घूम रही थी। मोंटी की शक्ल उतर गयी और वह बेमन से काम करने लगा।
लंच टाइम में सभी अपना अपना टिफिन लेकर केंटीन की ओर जाने लगे तो गौतम ( मोंटी का दोस्त ) ने कहा,”हे मोंटी चल लंच टाइम हो गया है”
“तू जा यार आज मैं लंच लेकर नहीं आया”,मोंटी ने अपना काम करते हुए कहा
“अरे तो कोई बात नहीं मेरे वाले से खा लेना , वैसे भी मैं इतना नहीं खा पाऊंगा,,,,,,,,,,चल चल काम बाद में कर लेना”,गौतम ने कहा तो मोंटी ने अपना लेपटॉप बंद किया और उसके साथ केंटीन चला आया।
केंटीन मे ऑफिस के दूसरे लोग भी थे। मोंटी गौतम के साथ आ बैठा , उसने अपने लिए सेंडविच आर्डर कर दिए। गौतम ने टिफिन खोला और एक एक करके खाना मोंटी के सामने रखने लगा जिसमे दाल , चावल , सब्जी , चपाती और एक रस्से वाली सब्जी के साथ कुछ सलाद था। खाने की खुशबु मोंटी के नाक से टकराई उसे याद आया कि ऐसा खाना खाये ही उसे कितने दिन हो गए है। महीने में 15 दिन तो वो रुचिका के साथ बाहर खाना खाता था बाकि घर में भी सब नार्मल ही बनता था क्योकि रुचिका को खाना बनाना नहीं आता था , ऐसे में कभी नूडल्स कभी ओट्स से ही काम चलाते। मोंटी को खाने की तरफ देखते पाकर गौतम ने कहा,”क्या हुआ शुरू कर ?”
“हम्म्म्म”,कहते हुए मोंटी ने एक निवाला तोड़ा और खाया तो महसूस हुआ की खाना वाकई में बहुत लजीज था। उसने गौतम की तरफ देखकर कहा,”खाना बहुत टेस्टी है”
“थैंक्स,,,,,,,,,,,,,,मेरी वाइफ ने बनाया हैं वो बहुत अच्छा खाना बनाती है”,गौतम ने खुश होकर कहा
“तेरी लव मैरिज थी न ?”,मोंटी ने खाते हुए पूछा
“अरे नहीं अरेंज , लेकिन अरेंज मैरिज भी मुझे इतनी अच्छी लड़की मिलेगी मैंने सोचा नहीं था,,,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सो लकी”,गौतम ने कहा
मोंटी ने सूना तो फीका सा मुस्कुरा दिया और गौतम से बात करते हुए खाना खाने लगा।
आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मंदिर में मिसेज आहूजा की बात सुनकर शीतल सीधे अपने फ्लेट में चली आयी। शीतल को मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता शुरू से ही पसंद नहीं थी क्योकि वे दोनों पुरे अपार्टमेंट में बस गॉसिप करती रहती थी। सार्थक नाश्ता करके अपने ऑफिस चला गया। मिस्टर शर्मा भी अपने ऑफिस चले गए। शीतल ने हॉल में रखे बर्तन उठाये और उन्हें लेकर किचन में चली आयी। उसने बर्तन सिंक में रखे और धोने लगी। बर्तन धोते हुए शीतल की आँखों के सामने सुबह वाले पल आ गए जब सार्थक अपना लव बाईट दिखाकर उसे परेशान कर रहा था। सहसा ही शीतल के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। उसके हाथ रुक गए और चेहरा खिल उठा। शीतल को ध्यान ही नहीं रहा सार्थक की मम्मी पिछले कुछ वक्त से उसे ही देख रही थी। शीतल की नजर जब उन पड़ी तो उसने बर्तन धोने में अपना ध्यान लगाते हुए कहा,”आप कब आयी ?”
“जब तुम कही खोयी हुई थी और मुस्कुरा रही थी। सार्थक के बारे में सोच रही थी,,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक की मम्मी ने शीतल के पास आकर कहा तो शीतल मुस्कुरा उठी और कहा,”हाँ माँ आप सबने इतना प्यार दिया है कि मुस्कराहट मेरे चेहरे से हटने का नाम नहीं लेती। मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो मुझे सार्थक जैसा पति और आप जैसी माँ मिली”
“तो फिर बदले में तुम्हे भी कुछ देना चाहिए”,मिसेज शर्मा ने कहा
“माँ आप बेझिझक कह सकती है आपको मुझसे कुछ मांगने की जरूरत नहीं है , सब आपका ही है”,शीतल ने हाथ पोछते हुए कहा
“तो फिर जल्दी से एक पोता मेरी गोद में दे दो। इस घर में नन्हा मेहमान आएगा तो तुम्हारी और सार्थक की जिंदगी में खुशिया दुगुनी हो जाएगी”,मिसेज शर्मा ने कहा।
“इतनी जल्दी ? अभी शादी को वक्त ही कितना हुआ है माँ और फिर सार्थक भी अपनी जॉब शिफ्ट करना चाह रहा है। बच्चे के आने से खर्चा और जिम्मेदारियां दोनों बढ़ जाएगी”,शीतल ने झिझकते हुए कहा
“हाँ बेटा लेकिन एक छोटे से बच्चे का कितना खर्चा बढ़ेगा , शर्मा जी की इनकम इतनी है ही कि हम सब अच्छे से रह ही रहे है और रही बात जिम्मेदारी की तो तुम्हे तो बस बच्चा पैदा करना है उसके बाद उसका पालन पोषण मैं कर लुंगी। घर तो तुमने इतने अच्छे से सम्हाल ही लिया है उसे मैं सम्हाल लुंगी”,मिसेज शर्मा ने तो जिद ही पकड़ ली
“लेकिन माँ,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहना चाहा तो मिसेज शर्मा उसके पास आयी और उसके पर हाथ रखते हुए कहा,”देखो बेटा शादी के बाद जितनी जल्दी बच्चा हो उतना ही सही है वरना बाद में समाज में लोग तरह तरह की बातें बनाने लगते है।”
“हम्म्म्म”,शीतल बस इतना ही कह पायी लेकिन उसका मन अंदर ही अंदर उसे परेशान कर रहा था वह सोचने पर मजबूर हो गयी “क्या अब उसे समाज के हिसाब से चलना पड़ेगा ?”
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संजना किरोड़ीवाल