Love You Zindagi – 52
अवि के गाने ने नैना को बैचैन कर दिया तो वह वहा से निकल कर आगे बढ़ गयी। शीतल और रुचिका भी उसके पीछे पीछे चली आयी। रोड के उस पार नैना चाय की दुकान पर आकर खड़ी हो गयी और चायवाले से कहा,”एक चाय पिलाओ दादा”
“अभी देते है दीदी , बैठो”,चायवाले ने पतीले में करछी घुमाते हुए कहा
“नैना तुम वहा से क्यों चली आयी ?”,रुचिका ने आते ही सवाल दाग दिया।
“ऐसे ही चाय पीने का मन हो रहा था।”,नैना ने बेंच पर पसरते हुए कहा
“अच्छा तो चाय तो तुम घर जाकर भी पी सकती थी , तुम इसलिए चली आयी ना क्योकि अवि था वहा”,रुचिका ने कहा जबकि शीतल खामोश खड़ी थी
“मुझे क्या फर्क पड़ता है उसके होने या ना होने से ?”,नैना ने बेपरवाही से कहा तो रुचिका थोड़ा खीज गयी और कहने लगी,”हां तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता , तुम्हे फर्क पडेगा भी नहीं क्योकि तुम तो पत्थर दिल हो। वो बंदा तुम्हे दिल से चाहता है लेकिन नहीं तुम्हे उसकी कोई कदर ही नहीं है।”
चायवाले ने नैना को चाय का कप पकड़ा दिया तो नैना ने उसे रुचिका की और बढाकर कहा,”चाय पिओगी ?”
“नो थैंक्यू ! तुम पिओ और कम पड़े तो और पी लेना”,रुचिका ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी। नैना को कोई फर्क नहीं पड़ा वह चाय को फूंक मारकर पीने लगी। शीतल बेचारी इस दुविधा में थी नैना के पास रुके या फिर रुचिका के पीछे जाए उसे परेशान देखकर नैना ने कहा,”शीतू तू उसके साथ जा आज मीटर गर्म है उसका सम्हाल उसको”
“हम्म्म और तुम , तुम यहाँ कब तक रहोगी ? नैना घर चलो बैठकर बात करते है।”,शीतल ने कहा
“रुचिका अकेली है जाओ उसके साथ मैं वही मिलती हूँ”,नैना ने कहा और चाय सुड़कने लगी। शीतल रुचिका के पीछे चली आयी और उसे आवाज लगाते हुए कहा,”रूचि रूचि सुनो ना , अरे नैना ने बस मजाक में कहा , सुनो तो सही”
“वो मजाक करे या सीरियस रहे लेकिन इस बार वो बहुत गलत कर रही है शीतल , अवि के लिए उसके दिल में क्या जरा सी भी फीलिंग्स नहीं है ? यार हम सबको उस बन्दे का प्यार दिखता है लेकिन इसे नहीं , इतना भी क्या सख्त होना ? हां मानती हूँ की प्यार के मामले में मेरी पहली चॉइस ख़राब थी इसका मतलब ये नहीं है की मैं प्यार पर भरोसा करना ही छोड़ दू। ये खूबसूरत है , बोल्ड है , लड़के इसके आगे पीछे घूमते है इसलिए ये इतना भाव खा रही है।”,रुचिका ने पलटकर गुस्से से कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है रूचि तू तो जानती है ना उसे वो शुरू से ही ऐसी है। हो सकता अवि के लिए उसके दिल में कुछ भी ना हो और हम सब मिलकर जबरदस्ती उसे इस रिलेशन में धकेल रहे हो। नैना हर बात साफ मुंह पर बोल देती है तो अगर ऐसा कुछ होता तो वह जरूर बताती यार”,शीतल ने कहा
“ग्रेट ! अब तुम भी उसकी तरफदारी करने लगी , सही है करो तुम सब अपने मन की लेकिन मुझे अब उस से कोई बात करनी ही नहीं है”,कहकर रुचिका वहा से चली गयी। शीतल ने रोकना चाहा लेकिन नहीं रोका क्योकि इस वक्त किसी को भी समझाना दिवार पर अपना सर फोड़ने जैसा ही था। रुचिका घर चली गयी शीतल वापस नैना के पास आयी और उसे अपने साथ घर ले आयी।
अपार्टमेंट में आयी तो सामने मिसेज शर्मा और मिसेज गुप्ता मिल गयी , नैना ने साइड से निकलना चाहा तो मिसेज गुप्ता ने कहा,”आजकल की लड़कियों में लाज शर्म तो है नहीं , एक लड़के ने रहने के लिए अपना घर क्या ऑफर किया ये सब तो कुंडली मारकर बैठ गयी है।
नैना ने सूना तो उसे गुस्सा आया लेकिन शीतल ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया। नैना को खामोश देखकर मिसेज शर्मा ने कहा,”और नहीं तो क्या मैं पूछती हूँ क्या रिश्ता है उस लड़के से इनका जो एक ही घर में सब साथ साथ रह रहे है ?”
“अरे बहन जी होगा कोई रिश्ता हमे उस से क्या ?”,मिसेज गुप्ता ने कहा और इस बार नैना अपना गुस्सा नहीं रोक पायी उसने शीतल का हाथ झटका और उन दोनों के सामने आकर बोलना शुरू किया,”सही कहा आपने आंटी कुंडली मारकर ही बैठे है हम लोग , क्योकि हम तीनो लड़किया तो है नहीं बल्कि नागिन नजर आती है आप सबको। आपकी जिंदगी में सब शांति से चल रहा है लेकिन नई आपको तोचुल मची है दुसरो की जिंदगी में भसड़ मचाने की , आप लोग दुसरो की जिंदगी में इतना घुस चुके हो की खुद की जिंदगी में क्या हो रहा है दिखाई नहीं देता ? रिश्ते की बात तो आप लोग मत ही करो क्योकि रिश्ता कैसा भी हो आप सबकी को तो बदलने से रहा फिर भी बता दू रुचि का वो अच्छा दोस्त बन चुका है , शीतल उसे भाई समझती है और रही मेरी बात तो आंटी आज तक मैं खुद नहीं समझ पाई हु की उस से मेरा कोई रिश्ता है भी या नहीं लेकिन जब भी कुछ होगा मैं आप दोनों को जरूर बताउंगी लेकीन तब तक अपना गटर जैसा मुंह बंद ही रखिये। इस उम्र में ऐसी बातें करते हुए शोभा नहीं देता आप लोगो को ,, या तो आप दोनों कतई बेशर्म है जो मुझसे इतनी बातें सुनने के बाद भी हर बार कुछ नया लेकर आ जाती है या फिर आपको इन सब में मजा आने लगा है। खैर आप लोगो से अब कुछ क्या ही कहना ? चल शीतल”
कहकर नैना आगे बढ़ गयी दोनों औरते मुंह बनाकर वहा से चली गयी लेकिन उनकी कही एक बात जाकर नैना के दिमाग में लगी। लिफ्ट में आकर नैना बड़बड़ाने लगी,”जब देखो तब मुंह उठाके आ जाती है लेक्चर देने , खुद के बच्चे कहा झक मार रहे है कुछ नहीं पता लेकिन दुसरो की जिंदगी में भसड़ मचानी है। खुद मदद करेंगे नहीं कोई दुसरा करेगा तो वो भी इनसे बर्दास्त नहीं होगा ,, मतलब कोई बुरा है तो बुरा क्यों है ? और साला अच्छा है तो अच्छा क्यों है ? ये किसी चीज से संतुष्ट नहीं है। रिश्तेदार और पडोसी ये दो ऐसे रिश्ते है जो दिखाते है की वो आपका अच्छा सोचते है लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है। साले चू#ये इतने लगता है दुनिया में बस यही समझदार है जबकि सबसे बड़े चू#ये यही होते है”
“नैना बस करो यार इतना मत सोचो इन लोगो के बारे में , हम लोग जानते है इन दिनों हम किन परेशानियों से गुजरे है”,शीतल ने उसे हग करते हुए कहा
शीतल के गले लगाने से नैना को थोड़ा सुकून मिला। लिफ्ट ऊपर आकर रुकी नैना और शीतल बाहर आये और अपने फ्लैट की और बढ़ गए चलते चलते नैना की नजर पुराने फ्लैट पर चली गयी। उसने नजरे घुमा ली और अंदर चली आयी रुचिका नहीं आयी थी वह बाहर ही थी। नैना ने फ्रेश होकर कपडे बदल लिए शीतल भी हाथ मुंह धोकर आ गयी और नैना से कहा,”चाय पिओगी ?”
“पीला दो वैसे भी तुम्हारे हाथ की चाय पिए बहुत दिन हो गये।”,कहते हुए नैना सोफे पर आ बैठी और वहा पड़ी एक छोटी बॉल को जमीन पर मारकर खेलने लगी। शीतल को उसमे बचपना साफ दिखाई दे रहा था। शीतल मुस्कुराते हुए उसके लिए चाय बनाने लगी तभी फोन बजा फोन राज का था और एक बार फिर वह बिना किसी बात के शीतल पर गुस्सा कर रहा था। शीतल हां हूँ जवाब दे रही थी नैना उठी और शीतल के हाथ से फोन लेकर कहा,”अबे ओह्ह चू#ये ! दिन रात इसे टॉर्चर करने के अलावा तेरी जिंदगी में और कोई काम है की नहीं ,, अबे प्यार करती है तुझसे इज्जत करना सीख वरना किसी दिन ऐसी लात पड़ेगी आयोडेक्स भी काम नहीं आएगी। फोन रख”
“नैना ये क्या किया तुमने ?”,शीतल ने मायूस होकर कहा
“देख शीतल तू चाहे मुझे 100 गालिया दे , चाहे तो दस जूते मार ले लेकिन इस बंदे से पीछा छुड़ा ले ,, ये हरामी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब ये तेरे लायक नहीं है”,नैना ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“नैना मुझे इन सब की आदत हो चुकी है”,शीतल ने चाय कप में छानते हुए कहा
“आदत बदली भी जा सकती है , छोड़ी भी जा सकती है”,नैना ने कहा
“ओके तो क्या तुम अवि से प्यार कर सकती हो ?”,शीतल ने कहा
“व्हाट ? मतलब , आर यू सीरियस ? तुम्हे और रूचि को दौरे पड़ते है क्या ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“जवाब दो।”,शीतल ने कहा
“आई डोंट नो , समझ गयी मैं तुम उसे नहीं छोड़ोगी। गुड़ ग्रेट”,कहते हुए नैना अपनी चाय लेकर बालकनी में चली आयी और चाय पीते हुए खुद से ही कहने लगी,”ये क्या हो गया है तुझे नैना ? क्यों सबके साथ ऐसे बिहेव कर रही है ? सबको हर्ट कर रही है अपनी बातो से अपने बिहेव से !! जस्ट रिलेक्स योर माइंड एंड स्टार्ट योर लाइफ इन गुड वे।”
नैना को बडबाते देखकर शीतल ने कहा,”अब अकेले में खुद से क्या बात कर रही हो ?”
नैना मुस्कुरा दी और ना में गर्दन हिलाकर चाय पिने लगी
चाय पीकर नैना वही खड़ी रही और बाहर देखती रही। अँधेरा होने से पहले रुचिका लौट आयी जैसे ही वह अंदर आयी नैना ने उसे हग करते हुए कहा,”हाय मेरा पांडा कहा गया था ?”
“जहनुम में”,रुचिका ने नाराज होकर कहा
“जहनुम बंद था क्या ?”,नैना ने कहा तो शीतल हसने लगी और रुचिका से कहा,”अरे यार अब मान भी जा , दोस्तों से भी कोई गुस्सा होता है क्य ?”
“हम्म्म तुम कहती हो तो ठीक है , लेकिन इस नैना से तो मैं नाराज ही हूँ”,रुचिका ने मुंह फुलाकर कहा
नैना रुचिका को मनाने का हर तरिका जानती थी इसलिए कहने लगी,”वैसे सामने वाले पारीक जी दुकान पर बड़े टेस्टी मोमोज मिलते है सोच रही हूँ मैं तो डिनर आज उधर ही कर लू। दिल्ली की सबसे फेमस डिश है मोमोज उस पर चीज मोमोज तो अहंमम सोचकर ही मुंह में पानी आ रहा है।”
रुचिका ने सूना तो उसके मुंह में भी पानी आ गया और उसने कहा,”अगर किसी को माफ़ी चाहिए तो मोमोज खिला दे।”
नैना ने उसके कंधे पर मुक्का मारकर कहा,”मुझे मालूम था मोटी लौंडो से भी पहले तुम खाने के नाम से पिघल जाती हो , रुको मैं लेकर आती हूँ”
नैना निचे चली आयी और दुकान पर आकर दो प्लेट मोमोज पैक करवा लिए। उसने सिर्फ शीतल और रुचिका के लिए लिया और वापस चली आयी। शाम हो चुकी थी मौसम काफी अच्छा था , सुबह के बजाय अब नैना का मूड कुछ ठीक था। चलते चलते लिफ्ट के सामने आयी तो लिफ्ट बंद मिली नैना सीढ़ियों की और चल पड़ी बाहर से अवि आया उसने भी लिफ्ट बंद देखी तो सीढ़ियों की और बढ़ गया। नैना आगे चल रही थी और अवि पीछे। दोनों चुपचाप आगे बढ़ रहे थे को 2nd फ्लोर पर नैना का पैर फिसला और जैसे ही वह गिरने को हुई अवि ने उसे गिरने से बचा लिया नैना उसकी आँखों में देखने लगी अवि का हाथ नैना की पीठ पर था और दुसरा सीढ़ियों की रेलिंग को पकडे था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे नैना बस एक टक उसकी आँखो में देखे जा रही थी और फिर बुदबुदाई,”तुम्हारी आँखे फिर जादू कर रही है”
“क्या ?”,अवि ने चौंककर कहा
“तुम फिर मेरी मदद कर रहे हो , मेरे पास आ रहे हो , मेरी आँखों में देखकर जादू कर रहे हो ताकि मैं खामोश हो जाऊ लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा ,, मैं मैं अबसे तुम्हारी आँखों में देखूंगी ही नहीं,,,,,,,,,,,!”,नैना एक साँस में बोलती चली गयी अवि ने अपने हाथ से उसका मुंह बंद करके धीरे से कहा,”तुम पागल वागल हो क्या ? तुम्हारी हेल्प करने का मुझे कोई शौक नहीं है गिरने वाली थी इसलिए बचा लिया”
“हां तो गिर जाने देते”,नैना ने अकड़कर कहा
“व्हाई नॉट”,कहते हुए अवि ने उसे छोड़ दिया और नैना निचे जा गिरी और उसके मुंह से निकला,”आउच !” लेकिन अवि ने कोई ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गया नैना ने उठने की कोशिश की लेकिन वापस गिर पड़ी
नैना के पैर में मोच आ गयी थी दर्द हो रहा था वह ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। ऊपर आकर अवि ने पीछे पलटकर देखा नैना नहीं आयी है तो वह वापस निचे चला आया और देखा नैना जमीन पर ही बैठी है। अवि को देखते ही नैना ने मदद की उम्मीद से उसे देखा अवि ने ना में गर्दन हिलाई तो नैना ने कहा,”अब क्या है मैं खुद से हेल्प मांग रही हूँ तब भी नहीं कर रहे तुम ?’
अवि निचे आया और नैना की और अपना हाथ बढ़ा दिया नैना ने उसके हाथ को थामा और उठ खड़ी हुई लेकिन चलना उसके लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा था अवि ने जब देखा की वह चलने की स्तिथि में नहीं है तो उसने उसे गोद में उठाया और सीढिया चढ़ने लगा। इस बार नैना ने कोई ऐतराज नहीं किया वह बस अवि के चेहरे को देखती रही और अवि सामने देखते हुए चलता रहा उसने एक बार भी नैना की तरफ नहीं देखा , उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। फ्लैट के सामने आकर अवि ने नैना से बेल बजाने का इशारा किया नैना ने बेल बजायी तो दरवाजा शीतल ने खोला लेकिन जैसे ही उसने अवि की गोद में नैना को देखा अवाक् रह गयी। अवि ने कुछ नहीं कहा नैना को उठाये वह आगे बढ़ गया। कमरे से रुचिका आयी उसने भी देखा तो उसे तो अपनी आँखों पर यक़ीन नहीं हुआ वह शीतल के पास आयी और कहा,”ये तो मोमोज लेने गयी थी लेकिन रोमांटिक पोज लेके आयी है।”
क्रमश – Love You जिंदगी – 53
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संजना किरोड़ीवाल !