Love You Zindagi – 49
अवि को खाना देकर नैना वापस आयी उसने देखा आराधना शीतल के बालों में तेल लगा रही है तो आराधना की बगल में बैठते हुए कहा,”क्या बात है मेरे बालों में तो कभी नहीं लगाया ये सब ?”
“आंटी इस जलनखोर को ना जलन हो रही है हमारा प्यार देखकर”,शीतल ने कहा
“हुंह्ह बिल्कुल नहीं मुझे क्यों जलन होगी ? चाहो तो मॉम को अपने साथ ले जाओ मेरे पास मेरे डेड है”,नैना ने कहा
“बेटा ज़रा एक बार अपने प्यारे डेड से भी पूछ लो वो मेरे बिना रह लेंगे”,आराधना ने नैना की खिंचाई करते हुए कहा
“अरे बिल्कुल रह लेंगे , है ना डेड”,नैना ने विपिन जी की और देखकर कहा तो देखा वो रुचिका के साथ चेस खेलने में बिजी है और नैना की बात पर ध्यान ही नहीं दिया। नैना ने मुंह बना लिया और आराधना की गोद में सर रखकर कहा,”डेड क्या मैं खुद भी आपके बिना नहीं रह सकती ना मॉम”
“हां हां बेटा जी मक्खन लगा लो बस तुम , अच्छा सुनो वो सुमि आंटी से मिली थी ना मैं आज”,आराधना जी ने कहा
“कौन सुमि आंटी ?”,नैना ने कहा
“बेटा सुमि आंटी जिनके घर गए थे आज”,आराधना ने कहा।
“क्या हुआ उनको ?”,नैना ने बेफिक्री से कहा
“उन्हें क्या होगा ? तू मेरी बात सुन उन्होंने ना एक बहुत अच्छा लड़का बताया है तेरे लिए नोएडा से है और खुद का बिजनेस है लड़के का”,आराधना ने कहा तो नैना एकदम से उठकर बैठ गयी और चौंककर कहा,”आर यू सीरियस मॉम ? मैं सिर्फ 24 की हूँ और इतनी जल्दी शादी वो भी आपकी किसी सुमि आंटी के बताये लड़के से नो नेवर , मुझे अभी कोई शादी वादी नहीं करनी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा अच्छा इसलिए आप लोग दिल्ली आये थे ताकि ये सब कर सके।”
“नैना बात तो सुनो और कौनसा बात करने से तुम्हारी शादी हो गयी ,, 24 शादी के लिए सही उम्र है मैंने और तेरे पापा ने भी तो की थी”,आराधना ने कहा
“हां तो जरुरी है ये खानदानी टॉर्चर जिंदगीभर चले , मुझे कोई शादी वादी नहीं करनी है।”,नैना ने बिफरते हुए कहा और जाने लगी
“अच्छा ठीक है अरेंज मत करो , तुम्हे कोई पसंद है तो तुम बता दो ,,, मैं और तेरे डेड तो लव मैरिज के लिए भी एग्री है”,आराधना ने कहा तो नैना रुकी और वापस आकर कहा,”भेजा ख़राब नहीं है मेरा , और जिसे डेड पसंद करेंगे वही मेरी पसंद होगा। अब इस से ज्यादा इस टॉपिक पर मुझे कोई बात नहीं करनी”
कहते हुए नैना वहा से चली गयी।
“शीतल मैंने उसे कुछ गलत कहा क्या ?”,आराधना ने शीतल से कहा
“नहीं आंटी आपने कुछ गलत नहीं कहा , लेकिन नैना को शादी के लिए तैयार होने में बहुत वक्त लगने वाला है ये मैं कह सकती हूँ”,शीतल ने कहा
“तो फिर उसे कोई पसंद है ? मेरा मतलब तुम दोनों तो उसकी दोस्त हो तुम्हे तो बताया होगा कभी”,आराधना ने कहा
शीतल ने आराधना का हाथ अपने हाथो में लिया और प्यार से कहने लगी,”नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है , नैना बाकि लड़कियों से थोड़ी अलग है उसे ये प्यार , रिश्ते , पसंद , नापसंद कुछ जल्दी समझ नहीं आते है पर जिस दिन समझ आने लगे वह इन सब चीजों को सम्हालना सिख जाएगी। आप देखना उसकी जिदंगी में बहुत जल्दी कोई ऐसा आएगा जो उसे सम्हाल लेगा”
“यही तो मैं कहता हूँ इस से लेकिन ये मेरी सुनती नहीं है”,विपिन जी ने पीछे से आकर आराधना के कंधो पर हाथ रखकर कहा तो आराधना ने उनके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा,”लेकिन मुझे उसकी बहुत परवाह होती है , दिन दिन उसका गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।”
“तुम खामखा परेशान हो रही हो और बेचारी शीतल को भी कर रही हो , शीतल बेटा आप सोने जाओ तुम्हारी आंटी का रोज का है ये”,विपिन जी ने शीतल से कहा तो शीतल उठी और आराधना को हग करके कहा,”डोंट वरी आंटी हम सब है ना नैना के साथ , गुड़ नाईट अंकल”,कहकर शीतल वहा से चली गयी और रुचिका को भी अपने साथ ले गयी रूम में आयी तो देखा नैना सो चुकी थी। शीतल ने उसे चददर ओढ़ाया और खुद भी उसकी बगल में आकर लेट गयी। रुचिका भी बगल में लेट गयी रुचिका और नैना को नींद आ चुकी थी लेकिन शीतल सोच में डूबी थी। आराधना की नैना के लिए जो फ़िक्र थी क्या उसके पीछे कोई राज था ? नैना ऐसी क्यों थी ये शीतल भी आज तक नहीं समझ पायी थी ,, शीतल देर तक इन्ही सब बातों में उलझी रही और फिर सो गयी।
“आराधना बच्चो के सामने ये सब बातें मत किया करो। नैना को जब शादी करनी होगी वो कर लेगी उसे इतनी जल्दी इन सब जिम्मेदारियों में बांधने की क्या जरूरत है ?”,विपिन जी प्यार से आराधना को समझाने लगे
“ऐसी बात नहीं है , मैं माँ हूँ उसकी मुझे भी उसकी परवाह होती है। मैं जानती हूँ वो अपनी जिंदगी में बहुत खुश है लेकिन एक दिन तो उसे इन जिम्मेदारियों को समझना होगा ना , किसी रिश्तेदार से उसकी नहीं बनती है , लड़को में सिर्फ उसका दोस्त मोंटी है और लड़कियों में शीतल और रूचि ,, ऐसा ही रहा तो वो शादी के लिए हां कैसे करेगी ? और कैसे एडजस्ट करेगी अपनी नयी जिंदगी में ? सुमि को देखो अपनी बड़ी बेटी की शादी करने जा रही है दिसम्बर में और छोटी बेटी के लिए लड़का देख रही है।”,आराधना ने परेशान होते हुए कहा
“ओह्ह्ह अच्छा तो ये ज्ञान आपको वहा से मिला है , नैना सही कहती ये रिश्तेदार सारी भसड़ की जड़ है”,विपिन जी बड़बड़ाये तो आराधना ने कहा,”क्या कहा आपने ?’
“कुछ नहीं मैं कह रहा था तुम जाकर आराम करो मैं थोड़ा छत पर टहल कर आता हूँ”,विपिन जी ने उठते हुए कहा और बाहर निकल गए।
ऊपर छत पर आये यु तो नैना से विपिन जी कभी कोई बात नहीं छुपाये थे सिवाय एक बात के की वे कभी कभार मन होने पर सिगरेट पि लिया करते थे।
आज भी अपनी इसी तलब की वजह से वो छत पर चले आये थे , अब निचे नैना के सामने तो उनकी हिम्मत नहीं होती थी। घूमते हुए विपिन जी छत की दीवार के पास पहुंचे तो देखा उनकी और पीठ किये अवि खड़ा था। वे अवि के पास आये और देखा अवि बड़े ही इत्मीनान से सिगरेट पि रहा था उसे विपिन जी के वहा आने का पता भी नहीं चला। अवि सिगरेट उंगलियों में दबाये जैसे ही पलटा विपिन जी को देखकर घबरा गया और सिगरेट फेंक दी।
“अरे अरे इट्स ओके , तुम्हारी उम्र में लड़के ये सब करते है कुछ सरे आम तो कुछ तुम्हारी तरह छुपकर”,विपिन जी ने मजाकिया अंदाज में कहा
“सॉरी अंकल , वो मैं रोज नहीं पीता बस कभी कभार”,अवि ने असहज होते हुए कहा
“और है ?”,विपिन जी ने सीधा सवाल किया
“अंकल आप खिंचाई कर रहे है मेरी ?”,अवि ने पूछा
“अरे यार ! तुम भी ना , दरअसल मैं भी पी लेता हूँ लेकिन कभी कभार ,, निचे तुम्हारी आंटी है इसलिए ऊपर आना पड़ा लेकिन सिगरेट है नहीं ,, तुम्हारे पास है तो दो”,विपिन जी ने कहा। अवि ने जेब से सिगरेट का डिब्बा निकालकर उनकी और बढ़ा दिया विपिन जी ने सिगरेट ली और मुंह में रख ली अवि ने लाइटर जलाया और सिगरेट सुलगा दी। लाइटर और सिगरेट का डिब्बा वापस अपनी जेब में रख लिया और विपिन से कहा,”आंटी को पता नहीं है आप स्मोक करते है ?’
“आराधना को पता है लेकिन नैना को नहीं पता , उसे ये सब अच्छा नहीं लगता इसलिए मैं उसके सामने कभी नहीं पीता ,, हालाँकि वो कभी मना नहीं करेगी शी इज सच अ डार्लिंग लेकिन फिर भी मैं उसे हर्ट करना नहीं चाहता”,विपिन जी ने सिगरेट के कश लगाते हुए कहा
“आप नैना से बहुत प्यार करते है ना”,अवि ने कहा तो विपिन जी मुस्कुराने लगे और दिवार से पीठ लगाकर अवि की बगल में खड़े होकर कहने लगे,”दुनिया का कोई भी बाप ये नहीं बता सकता की वो अपनी बेटी से कितना प्यार करता है ! उनका प्यार असीम होता है अन्नत होता है। नैना सिर्फ मेरी बेटी ही नहीं है बल्कि मेरे और आराधना के जीने की वजह भी है। मैंने उसे कभी किसी चीज के लिए ना नहीं कहा है शायद मेरे इसी लाड प्यार ने उसे थोड़ा जिद्दी बना दिया है , गुस्सा बहुत आता है उसे लेकिन चाहता हूँ की उसके लिए ऐसा लड़का ढूँढू जो उसे उसकी खूबियों के नहीं बल्कि उसकी कमियों के साथ अपनाये। एक बार अगर उसके गुस्से को समझ गए तो फिर वो बहुत अच्छी है।”,विपिन जी ने भावुकता के साथ कहा
“आप बहुत अच्छे डेड है , शी इज लकी”,अवि ने मुस्कुरा कर कहा तो विपिन जी ने आधी बची सिगरेट अवि की और बढ़ा दी जिसे देखकर अवि ने हिचकिचाते हुए कहा,”सर मैं आपके सामने कैसे ?”
“अरे इट्स ओके , जिंदगी में हमेशा एक ऐसे इंसान से दोस्ती जरूर रखो जो या तो उम्र में आपसे छोटा हो या बड़ा , जो बड़ा होगा उसे आपके साथ रहकर कभी अपनी बढ़ती उम्र का अहसास नहीं होगा और जो आपसे छोटा होगा उसे आपसे सिखने को मिलेगा”,विपिन जी ने कहा
“वाओ सर ग्रेट थॉट्स”,अवि ने कहा और सिगरेट वापस विपिन जी को थमा दी
“सो बेटा सिगरेट ही पीते हो या कोई और नशा भी ?”,विपिन जी ने अवि को टटोलते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं अंकल बस सिगरेट वो भी कभी कभार , ड्रिंक को तो कभी हाथ भी नहीं लगाया है मैंने मेरी मॉम को बिल्कुल पसंद नहीं है। उन्हें तो सिगरेट के बारे में भी नहीं पता है।”,अवि ने कहा
“गुड़ ! नशा बहुत बुरी चीज है बेटा , पैसा , जवानी और सेहत सब ख़राब करता है। खैर रात बहुत हो चुकी मैं निचे जाता हूँ और हां तुम भी निचे जाओ ठंड है , सुबह नाश्ता करना हो तो आ जाना लेकिन नैना के जाने के बाद वरना उसका भरोसा नहीं नाश्ते के साथ साथ तुम्हे उसके ताने भी सुनने को मिल जाये।”,विपिन जी ने कहा
“इट्स ओके अंकल , गुड़ नाईट”,अवि ने कहा और चला गया। विपिन जी कुछ देर वही रुके और फिर निचे चले आये
अगली सुबह नैना उठी और वाशबेसिन के सामने आकर ब्रश करने लगी। बेल बजी तो नैना ब्रश करते करते ही दरवाजा खोलने आयी जैसे ही दरवाजा खोला सामने सार्थक को देखकर कहा,”तुम सुबह सुबह यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“कितनी सेल्फिश हो न तुम”,सार्थक ने नाराज होकर कहा
“मैंने क्या किया ?”,नैना ने ब्रश करते करते कहा
“कहने को दोस्त हो लेकिन अपने मॉम डेड से भी नहीं मिलवाया , यहाँ तक को छोले भटूरे भी नहीं खिलाये।”,सार्थक ने कहा
“अबे यार !! तुझे क्या लगता है हम लोग मॉम डेड के सामने यहाँ पिकनिक मना रहे है , एक तो घर का टेंशन उस पर वो पडोसी वो आ धमका यहा वो तो अच्छा है डेड को शक नहीं हुआ उस पर वरना मेरी तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा
“कैसा शक बेटा ?”,पीछे खड़े विपिन जी ने कहा तो ब्रश नैना के मुंह में ही जम गया। विपिन जी नैना के पास आये और सामने खड़े सार्थक को देखकर कहा,”ये कौन है ?”
“सार्थक है डेड यही अपार्टमेंट में रहता है”,नैना ने मुश्किल से कहा
“ओके लेकिन तुम किसी शक की बात कर रही थी कैसा शक ?”,विपिन जी ने फिर सवाल किया और बाहर निकलकर सामने सीढ़ियों पर पड़ा पेपर उठाकर वापस लौटे ही थे की इतने में रुचिका वहा आयी और सार्थक को देखकर कहा,”हाय तू कब आया ?”
रुचिका ने देखा भी नहीं की विपिन जी वहा खड़े है बेचारा सार्थक क्या कहे ? उसने इशारे इशारे में रुचिका को चुप रहने को कहा तो विपिन जी वापस अंदर चले आये। उनके जाते ही नैना ने सार्थक से कहा,”तू जा यहाँ से बाद में बात करते है।”
सार्थक चला गया तो रुचिका मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर उसे बाय कह रही थी , विपिन की नजर फिर उन दोनों पर चली गयी नैना ने जल्दी जल्दी ब्रश किया और उनके पास आयी और जैसे ही कुछ कहने लगी विपिन जी उसे साइड में लेकर गए और कहा,”,आई नो आई नो वो लड़का रुचिका से मिलने आया होगा , उन दोनों के बिच कुछ , प्यार व्यार”
“डेड ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“अरे आई नो होता है , इसलिए तुम उसे अंदर आने से रोक रही थी ,, कही तुम्हारी मम्मी ने देखा होता तो उनके सवाल जवाब चालू हो जाते , पर बेटा ऐसे लड़को का घर आना सही नहीं है यू नो सोसायटी थोड़ा ध्यान रखो”,विपिन जी ने कहा और चले गए
“हैं ??????????????????”,नैना पहले से इतनी उलझन में थी और विपिन जी उसे एक और उलझन में डालकर चले गए। उन्हें लगा रुचिका और सार्थक का कुछ रिलेशन था और ये उलझन अब कहा तक चलनी थी नैना भी नहीं जानती थी ? खैर नाश्ता करके तीनो ऑफिस के लिए निकल गयी ऑफिस आकर नैना अपना ध्यान काम में लगाने लगी लेकिन उसका दिमाग बाकि सब बातो में इतना उलझा था की उसने अपना सर टेबल से लगा लिया और सो गयी ! किसी काम से अवि नैना के ऑफिस के बगल वाले कॉम्प्लेक्स में आया हुआ था। रात को विपिन जी से हुई बातचीत के बाद अवि बहुत खुश था शीतल नैना रुचिका में उसकी अभी तक सबसे अच्छी रुचिका से ही बनती थी इसलिए वह रुचिका से ये सब शेयर करना चाहता था उसने रुचिका को केंटीन में मिलने को कहा ! रुचिका केंटीन आयी तो अवि उसे वही बैठा मिल गया रुचिका ने उसके सामने बैठते हुए कहा,”हां बताओ क्या हुआ ?”
अवि ने बीती रात की सारी बातें रुचिका को बता दी तो रुचिका ने अपना सर पीट लिया और कहा,”और तुम खुश होकर ये सब मुझे बता रहे हो।”
“नैना के डेड से मेरी अच्छी बनने लगी है , वो मुझे पसंद करते है”,अवि ने खुश होकर कहा
“स्टुपिड तुम उनके सामने उनके साथ स्मोक कर रहे थे कौनसा बाप अपनी बेटी ऐसे लड़के को देगा जो उनके सामने सिगरेट पीता हो ?”,रुचिका ने कहा तो अवि को समझ आया की उसने बीती रात कितनी बड़ी गलती की है उसने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा,”अब क्या होगा ?”
“होना क्या है नैना की शादी में चन्ना मेरेया गाना क्योकि तुमने तो अपनी लंका अपने हाथो खुद ही लगा ली”,कहकर रुचिका उठकर वहा से चली गयी केंटीन वाले ने रेडिओ चला दिया और उसमे चल रहे गाने ने अवि के दुःख को और बढ़ा दिया “तेरे तो ‘L’ लग गए”
क्रमश – Love You जिंदगी – 50
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संजना किरोड़ीवाल