Kitni mohabbat hai – 62
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
कितनी मोहब्बत है – 62
जीजू ने अक्षत को माफ़ कर दिया ! सभी मिलकर पिज़्ज़ा का लुफ्त उठाने लगे ! अक्षत जीजू से देर रात बाते करता रहा उन्हें समझाता रहा की वो जो कुछ भी कर रहा है सिर्फ मीरा के लिए कर रहा है , जीजू ने भी उसकी भावनाओ को समझा और फिर देर रात सभी सोने चले गयी ! अगली सुबह अक्षत उठा और कॉलेज के लिए निकल गया ! जैसे ही क्लास में पहुंचा इशिका वहा पहले से ही अक्षत का इंतजार कर रही थी !
“गुड़ मॉर्निंग !”,इशिका ने इतराते हुए कहा
“गुड़ मॉर्निंग !”,अक्षत ने बिना उसकी और ध्यान दिए कहा और अपनी सीट पर आ बैठा वह अपने डॉट्स क्लियर कर रहा था और इशिका उसकी बगल में बैठे उसे निहारे जा रही थी ! अक्षत को महसूस हुआ तो उसने इशिका से कहा,”ऐसे क्यों देख रही हो ?”
“बस ऐसे ही”,इशिका ने प्यार से कहा
“मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है कोई मुझे इस तरह घूरे , पढाई में ध्यान लगाओ !”,अक्षत ने कहा और वापस नजरे अपनी बुक पर गड़ा ली ! इशिका को अक्षत का जवाब काफी रुड लगा वह मुँह बनाकर बैठ गयी पर अक्षत को इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ा ! कॉलेज आने का उसका एक ही मोटिव था पढाई और इसके अलावा अक्षत बाकि कामो में कोई दिलचस्पी नहीं लेता था ! लास्ट पीरियड में कोई टीचर नहीं आया तो अक्षत ने अपना बैग उठाया और क्लास के बाहर निकल आया , कॉरिडोर से होते हुए अक्षत जब जा रहा था तो उसके कानो में गिटार की आवाज पड़ी अक्षत ने गर्दन घुमाई थी देखा कुछ लड़के पास वाली क्लास में बेंचो पर बैठकर गिटार बजा रहे है लेकिन धुन एक भी सही नहीं थी ! अक्षत के पांव उस और बढ़ गए वह अंदर आया तो सब उसकी और देखने लगे जिस लड़के ने गिटार पकड़ा हुआ था अक्षत ने उस से कहा,”क्या मैं ये बजा सकता हु ?”
“स्योर !”,लड़के ने गिटार निकालकर अक्षत की और बढ़ा दिया !
अक्षत ने अपना बैग साइड में रखा और गिटार लेकर वही पर पड़ी कुर्सी पर बैठ गया , उसकी पर्सनालिटी पर वह सुट भी कर रहा था सभी अक्षत की और देखने लगे ! अक्षत ने “प्यार तो होना ही था” फिल्म की धुन बजानी शुरू की ! वो धुन इतनी प्यारी थी सब ख़ामोशी से सुन रहे थे अक्षत जब रुका तो सारे एक साथ बोल पड़े,”प्लीज कुछ सूना दो ना , प्लीज !”
अक्षत मुस्कुयारा और कहा,”ओके !” उसने अपनी आँखे मूंद ली मीरा का चेहरा उसकी आँखों के सामने तैरने लगा था और एक बार फिर उसकी उंगलिया गिटार के तारो को झनझनाने लगी और वह गुनगुनाने लगा – उसकी खुशबु अगर अपनी सांसो में हो , उसका सपना अगर अपनी आँखों में हो !
जब ना दिल के बहलने की सूरत लगे , जब कोई जिंदगी की जरूरत लगे
और जीना भी दुस्वार होने लगे
बोल दो गर तुम्हे प्यार होने लगे , होने लगे , होने लगे !!
प्यार तो होना ही था , प्यार तो होना ही था !!”
“वूहहह , ऑसम ब्रो , तुम लॉ कॉलेज में क्या कर रहे हो ? तुम्हे तो गिटारिस्ट होना चाहिए”,लड़को में से एक ने कहा
अक्षत ने गिटार निकाला और लड़के की और बढाकर कहा,”नहीं मैं ऐसे ही ठीक हु !”
“लेकिन भाई तुझे देखकर लगता नहीं तू ये सब कर लेता है , मतलब इतना अच्छा गिटार बजाना कहा से सीखा ?”,दूसरे लड़के ने कहा
अक्षत ने अपना बैग उठाया और कंधे पर टांगते हुए कहा,”जिंदगी एक बार मिलती है और मैं सब कुछ ट्राय करना चाहता हु !”
अक्षत वहा से चला गया लड़के उसे देखते रह गए लेकिन खिड़की के पास खड़ी इशिका ने जब उसे गाते हुए और गिटार बजाते सूना तो अक्षत पर फ़िदा ही हो गयी ! अक्षत कॉलेज से रेस्त्रो चला आया और अपने काम में लग गया !!
वक्त गुजरता रहा मीरा बच्चो के साथ तो अक्षत अपने कॉलेज और रेस्त्रो में बिजी रहने लगा !दिन , हफ्ते , महीने गुजरने लगे होली के वक्त राधा ने अक्षत को फोन किया और घर आने को कहा तो अक्षत ने मना कर दिया !
“तुझे हम सबकी याद भी नहीं आती ना आशु ?”,राधा ने भावुक होकर कहा
“ऐसी बात नहीं है माँ , वहा आऊंगा तो मीरा से मिलने का दिल करेगा और आप जानती है मैं उस से नहीं मिल सकता ! बस इसलिए नहीं आ रहा !”,अक्षत ने उदास होकर कहा
“इतना प्यार करता है उस से ?”,राधा ने कहा
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने कहा
“अपनी माँ से भी ज्यादा ?”,राधा ने कहा
“आपसे थोड़ा कम !”,अक्षत ने कहा
“कैसा है तू ? ठीक से खाना तो खाता है ना सोमित जी ने बताया बहुत मेहनत करता है तू वहा , अपना ख्याल तो रखता है ना !”,राधा ने चिंता जताते हुए कहा ये सब कहते हुए उसकी आँखों में नमी थी
“मैं ठीक हु माँ , दी और जीजू बहुत ख्याल रखते है मेरा ! जल्दी ही सबसे मिलने आऊंगा !”,अक्षत ने कहा
“मैं इंतजार करुँगी बेटा !”,राधा ने कहा !
अक्षत ने बाकि घरवालों से बात की और फोन काट दिया , 6 महीने बीत चुके थे अक्षत और मीरा ने इन 6 महीनो में एक दूसरे को ना देखा ना सुना बस याद करते रहे और अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहे , इन दूरियों का असर ये हुआ की उनकी मोहब्बत और ज्यादा बढ़ गयी , दोनों एक दूसरे के प्रति और ज्यादा वफादार और ईमानदार हो गए , दोनों बस एक दूसरे के लिए जिए जा रहे थे ! मीरा अब अपने काम को लेकर पहले से और ज्यादा गंभीर हो गयी थी , अमर का उस पर विश्वास बढ़ चुका था इसलिए अब मीरा उनके साथ कई बार उनके ऑफिस की मीटिंग्स में भी चली जाया करती थी लेकिन इन 6 महीनो में उसने कभी अमर को पापा कहकर नहीं पुकारा , उनके बिच जो गलतफहमियां थी वो सब दूर हो रही थी लेकिन एक कसक मीरा के मन में अभी भी थी जिसके चलते वह अमर से ज्यादा बाते नहीं कर पाती थी ! पर मीरा अपने काम से खुश थी उसने उन बच्चो के लिए बहुत कुछ किया और 4 बच्चो को पढ़ने के लिए वहा से बाहर भेजा ! अपने पैसो का वह सही इस्तेमाल कर रही है ये देखकर उसे बहुत ख़ुशी मिल रही थी !!
जुलाई का महीना चल रहा था भयंकर गर्मी मीरा अपने केबिन में थी। बच्चे और वहा का स्टाफ सुस्ता रहा था ! मीरा पानी लेने बाहर आयी तो उसकी नजर बरामदे में बैठी वहा रहने वाली लड़की पर गयी जो की उन को सलाईयो पर लपेटे जा रही और उधेड़े जा रही थी ! मीरा उसके पास आयी और बगल में बैठते हुए कहा,”ये आप क्या बना रही है ?”
“स्कार्फ !”,लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा
“कैसे ?”,मीरा ने कहा
“इस ऊँन और सलाईयो से , मुझे इस से स्वेटर , जुराब और मफलर बनाना भी आता है !”,लड़की ने कहा
“क्या आप हमे भी सिखाएंगी ?”,मीरा ने कहा
“हां , ये सलाई पकड़ो और ऊन को ऐसे लपेटते जाओ !”,लड़की ने सिखाते हुए कहा
मीरा को वो बहुत दिलचस्प लगा तो वह उसके पास बैठकर सिखने लगी लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था , जितना वह बुनती उतना ही वापस उधेड़ देती ! ये देखकर लड़की ने हसते हुए कहा,”अरे दीदी आप एक दिन में थोड़े सीखेंगी , रोज थोड़ा थोड़ा सीखेंगी तो आ जाएगा !”
मीरा भी अपनी बेवकूफी पर मुस्कुराने लगी और कहा,”हां ये बात भी सही है , तो कल से आप मुझे रोज सीखाना !”
मीरा कुछ देर बाद वापस अपने ऑफिस में चली आयी और अपने काम में लग गयी ! उधर गर्मियों में अक्षत की हालत ख़राब लेकिन वह हार मानने वालो में से नहीं था !! मीरा ने लड़की से सीखते हुए अक्षत के लिए अपने हाथो से स्वेटर बुनना शुरू किया ! अगस्त के महीने में अमर मीरा को अजमेर लेकर गए और उसी वक्त अक्षत दो दिन के लिए घर आया ! इतने महीनो बाद उसे घर आकर काफी अच्छा लग रहा था ! अक्षत मीरा से मिलना भी चाहता था लेकिन उसे अमर की शर्त याद आ गयी तो वह दो दिन घर से बाहर गया ही नहीं और परिवार वालो के साथ ही वक्त बिताया !
दो दिन बाद अक्षत वापस दिल्ली चला आया और फिर से पढाई और काम में लग गया ! कुछ महीने और निकले , संडे की शाम अक्षत काव्या के साथ बाहर सोसायटी में घूम रहा था की तभी उसके नाम से एक पार्सल आया अक्षत को बड़ी हैरानी हुई क्योकि इतने दिनों में उसके लिए किसी ने कुछ भेजा नहीं था अक्षत ने सिग्नेचर करके पार्सल ले लिया , उसने पार्सल देखा जिस पर भेजने वाले का कोई नाम पता नहीं था ! अक्षत उसे और काव्या को लेकर घर चला आया ! तनु ने उसके हाथ में पार्सल देखा तो पूछा,”ये किसने भेजा है ?”
“पता नहीं देखता हु क्या है इसमें ?”,अक्षत ने पार्सल खोलते हुए कहा
तनु और जीजू भी उसके पास आकर बैठ गए अक्षत ने पार्सल खोला तो उसमे सफ़ेद रंग का बहुत ही खूबसूरत हाथ से बना हुआ स्वेटर था जिसके बांयी तरफ लाल रंग से एक छोटा सा दिल बना हुआ था ! अक्षत उसे बार बार छूकर देखने लगा तो जीजू ने उसके हाथ से लेकर कहा,”स्वेटर तो बहुत अच्छा है पर भेजा किसने है ?”
“हां सोमित इसे देखकर तो यही लग रहा है जैसे किसी ने इसे खुद बनाया हो !”,तनु ने कहा
अक्षत अभी भी उसे देखकर , छूकर महसूस करने की कोशिश कर था और फिर एकदम से बोल पड़ा,”ये मीरा ने भेजा है !”
“क्या ? पर उसे यहाँ का एड्रेस कैसे मालूम ?”,जीजू ने हैरानी से कहा
“हां और उसने तुम्हारे नाप का स्वेटर बिना तुम्हारे नाप के बनाया कैसे होगा ?”,तनु ने कहा
“वो सब जानती है दी , एंट्रेस के टाइम जब मैं यहाँ था तो उसे यहाँ के बारे में बताया था मैंने”,अक्षत ने थोड़ा उदास होकर कहा
“लेकिन तेरे नाप का कैसे पता उसे ?”,जीजू से कहा
“आपने कभी दी को हग नहीं किया है क्या ?”,अक्षत ने कहा
“किया है ना !”,जीजू ने कहा और अगले ही पल उन्हें समझ आ गया अक्षत क्या कहना चाहता था ? वो मुस्कुराने लगे लेकिन अक्षत किसी सोच में डूब गया और देखते ही देखते उसकी आँखों में नमी उभर आयी जीजू ने देखा तो कहा,”मीरा ने तुम्हारे लिए ये अपने हाथ से बनाकर भेजा ये जानकर तुम खुश नहीं हो ?” अक्षत ने नम आँखों के साथ जीजू की और देखा और फिर गर्दन झुकाकर कहने लगा,”बहुत खुश हु , इतना खुश हु की दिल कर रहा है अभी उसके पास चला जाऊ ,, इसे बनाने में उसे महीनो लगे होंगे और इसे बनाते हुए वो हमेशा मुझे याद करती रही होगी , उस वक्त उसे कितनी तकलीफ हुई होगी !! जानता हु वो बहुत प्यार करती है लेकिन जताने का एक मौका नहीं छोड़ेगी !”
जीजू ने उसको अपने गले लगाते हुए कहा,”ये वक्त बहुत मुश्किल है तुम दोनों के लिए लेकिन ये प्यार के छोटे छोटे पल ही तुम्हे आगे बढ़ने की हिम्मत देंगे , सिर्फ मीरा ही नहीं तुम भी उस से बहुत प्यार करते हो तभी तो पहचान लिया की ये उसने भेजा है ! अब जल्दी से इसे पहनकर दिखाओ !”
अक्षत उठा और जैकेट निकालकर स्वेटर पहन लिया , वो बिल्कुल अक्षत के नाप का ही था और अक्षत पर बहुत जच भी रहा था ! जीजू और तनु ने देखा तो जीजू बोल पड़े,”अरे गजब , कल से यही पहनकर जाना कॉलेज !”
अक्षत उसे वापस उतारने लगा तो जीजू ने कहा,”पहने रखो , मीरा ना सही उसका अहसास तो है ना इसमें !”
“दी जीजू आजकल कुछ ज्यादा ही रोमांटिक होने लगे है , नजर रखिये इन पर !”,अक्षत ने कहा और वहा से चला गया !
तनु उसकी बातो पर हसने लगी किचन की और बढ़ गयी !!
अगले दिन से अक्षत वही स्वेटर पहनकर कॉलेज जाने लगा ! उसे पहनने के बाद उसे एक अलग ही ख़ुशी का अहसास होता था ! एग्जाम्स शुरू होने वाले थे ऐसे में अक्षत अपनी पढाई को लेकर और सचेत हो गया उसके पेपर अच्छे गए अक्षत में कॉन्फिडेंस बढ़ गया ! अभी उसे 2 साल और निकालने थे और दुसरा साल भी उतना ही अच्छा निकला ! इन दो सालो में इशिका अक्षत को चाहने लगी थी वह हर वकत अक्षत के बारे में सोचती , उसके करीब रहती , उस से बात करने के बहाने ढूंढती रहती थी लेकिन अक्षत सिर्फ उस से एक सामान्य दोस्त की तरह ही पेश आता था ! उसने अपनी तरफ से कभी इशिका को ये नहीं दिखाया की उसे इशिका में थोड़ी सी भी दिलचस्पी है ! इशिका ने भी इन दो सालो में अक्षत से कुछ कहा नहीं वह बस उसके कहने के इंतजार में थी ! दो सालो में अर्जुन की शादीशुदा जिंदगी में एक नया मोड़ आया और नीता के प्रेग्नेंट की खबर अक्षत जीजू और तनु को मिली ! तीनो बहुत खुश हुए अक्षत ने नीता से एक घंटे तक बात की और उस पुरे टाइम में वह सिर्फ नीता को , अपना ख्याल रखने , बेबी का ख्याल रखने , क्या खाना है क्या नहीं खाना ये सब बताता रहा ,, अर्जुन और नीता दोनों उसकी बाते सुनते रहे और हँसते रहे !! अक्षत की जिंदगी में सब अच्छा हो रहा था , उसे कोई डर नहीं था क्योकि मीरा उसकी थी , घर में नन्हा मेहमान आने वाला था और सभी खुश थे , उसने दो सालो में अपनी मेहनत जीजू को उनके आधे से ज्यादा पैसे लौटा भी दिए थे ! अक्षत दो साल से उसी रेस्त्रो में था चेतन भी उस से बहुत प्रभावित था , उसकी मेहनत और लगन देखकर चेतन ने उसकी सेलेरी भी बढ़ा दी !! एक शाम अक्षत वहा रेस्त्रो में काम कर रहा था वहा किसी कम्पनी की टीम के 6 लोग बैठकर किसी प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कस कर रहे थे ! वे काफी देर से वहा बैठे थे और सारे आपस में लगभग बहस कर रहे थे !
अक्षत उनका आर्डर रखने आया तो उन लोगो की कुछ बाते उसके कानो में पड़ी उसे वो प्रोजेक्ट बड़ा इंट्रेस्टिंग लगा और वह कुछ ही दूर खड़ा होकर बड़े गौर से सब देख सुन रहा था ! जब टीम सदस्य किसी फैसले पर नहीं पहुंचे तो उनमे से एक ने कहा,”अब ये कैसे पॉसिबल है ?”
“इट्स नॉट पॉसिबल !”,दूसरे ने कहा
“इट्स पॉसिबल !”,पास ही खड़े अक्षत ने कहा तो सबकी नजर उस पर चली गयी !
“कैसे ?”,उनमे से एक ने कहा जो की शायद सबका सीनियर था
“आई विल एक्सप्लेन !”,अक्षत कहते हुए उनकी और आया तो वहा बैठे दूसरे क्लिग ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा,”लो अब एक वेटर बताएगा की काम कैसे करना है ?” उसकी बात सुनकर बाकि चार दबी सी हंसी हसने लगे ! सीनियर ने उन सबको घुरा तो सारे चुप हो गए ! अक्षत वहा आया तो सीनियर ने उसे एक चेयर ऑफर की और बैठने को कहा अक्षत वहा बैठा उसने प्रोजेक्ट देखा और फिर कहने लगा,”आपके प्रोजेक्ट के हिसाब से इसका फ्रंट नार्थ साइड में होना चाहिए जबकि नार्थ साइड में वर्किंग प्लेस और मेन रोड बना हुआ है जहा प्रेजेंट टाइम में ट्रेफिक की समस्या बहुत है ऐसे में फ्रंट का वहा होना सही नहीं है ! आपके मॉल का फ्रंट एरिया ईस्ट साइड में इसलिए नहीं हो सकता क्योकि उसके एक तरफ स्कूल है और दूसरी तरफ हॉस्पिटल ,, वहा का पार्किंग एरिया इतना तंग है की दो गाड़ी एक साथ वहा से नहीं गुजर सकती है अगर कल को कोई दुर्घटना होती है तो मॉल में मौजूद लोगो को वहा से निकलने में 1 घंटा लग जाएगा और उनके साथ साथ स्कूल के बच्चो और हॉस्पिटल के लोगो को भी नुकसान पहुँच सकता है ! अब बची दो साइड वेस्ट और साऊथ , वेस्ट साइड में कच्ची बस्ती है और वहा से रास्ता बनाने के लिए आपको उन सबको हटाना पडेगा जो की मुमकिन नहीं है क्योकि अगर वो वहा से हटेंगे जायेंगे कहा ,, लास्ट ऑप्शन बचता है साऊथ लेकिन वो साइड भी प्रोब्लमेटिक है पर उसका सोलुशन है ग्राउंड फ्लोर पर आपको खाली स्पेस रखना होगा जहा पार्किंग एरिया बनाया जा सकता है जिस से आने जाने वाले लोगो को कोई परेशानी नहीं होगी ! उसके बाद आप अपना काम कर सकते है”
“पर सर इस से हमे काफी नुकसान होगा”,एक आदमी ने कहा
“लेकिन ये सब करके आप हजारो लोगो की जान और उनका कीमती वक्त बचा सकते है”,अक्षत ने कहा
“सर आप कहा एक वेटर की बात सुन रहे है , ये प्रोजेक्ट पूरी तरह फ्लॉप है !”,आदमी ने खीजते हुए कहा
अक्षत अपनी कुर्सी से उठा और कहने लगा,”Yes I am a waiter and I have no shame in doing my job .
I graduated from Indore University and have been the topper of my college, currently I am a law college student and doing part time job here due to my responsibilities , मैं अपनी जिंदगी में एक सफल इंसान बनना चाहता हु लेकिन उसके लिए मैं गलत रास्ता नहीं चुन सकता , हां मैं एक वेटर हु और मुझे नहीं लगता कोई भी काम छोटा होता है ,, हर सफल इंसान को कही ना कही से तो शुरुआत करनी ही होती है ! मैंने इनको तरिका बताया है जिससे इनका कुछ नुकसान होगा लेकिन भविष्य में बड़े नुकसान से बच जायेंगे आगे इनकी मर्जी !”
सारे मुंह फाडे अक्षत को देखने लगे कहकर अक्षत वहा से चला गया ! सीनियर के अलावा बाकि चार लोगो ने अक्षत की बात में सहमति जतायी एक असमत था तो सीनियर ने उस से कहा,”कुछ बिजनेस सिर्फ अपने फायदे के लिए नहीं बल्कि लोगो की भलाई के लिए भी किये जा सकते है ! आई थिंक ही इज राईट !”
सीनियर के फैसले को सबको मानना पड़ा कुछ देर बाद सभी उठकर बाहर निकल गए सिनियर ने काउंटर पर बिल पे किया और अपनी जेब से एक कार्ड निकालकर अक्षत को देते हुए कहा,”अगर तुम्हे वक्त हो तो कल शाम मुझसे मेरे ऑफिस में आकर मिलो !”
अक्षत कार्ड को देखता रहा जिसपर लिखा था ‘मिस्टर राघव बजाज’ साथ में किसी मल्टीनेशनल कपनी का नाम भी था ! अक्षत ने चेतन की और देखा और कहा,”जब ये इतना बड़ा आदमी है तो फिर यहाँ क्यों आया था ?”
“इन्हे मैं काफी सालो से जानता हु ये बहुत बड़े इंसान है लेकिन हमेशा जमीन से जुड़े रहना पसंद करते है ! उन्होंने तुम्हे अपना कार्ड दिया मतलब तुम बहुत लकी हो ! मुझे लगता है तुम्हे उनसे मिलना चाहिए !”
“हम्म्म्म !”,अक्षत ने कहा और कार्ड जेब में रख लिया ! रात में अक्षत घर पहुंचा और जीजू को सब बताया तो उन्होंने भी यही सलाह दी की अक्षत को राधव से मिलना चाहिए बाकि उसकी किस्मत आगे उसे कहा लेकर जाती है ! अक्षत खाना खाकर सोने चला गया ! सुबह उठा और कॉलेज जाने के लिए निकला कॉलेज वाले रास्ते पर ही उसे अपनी गाड़ी में इशिका मिल गयी उसने अक्षत को लिफ्ट देनी चाही लेकिन अक्षत ने साफ मना कर दिया और कहा की वो पैदल ही आएगा ! अक्षत आगे बढ़ गया इशिका को अच्छा नहीं लगा उसके साथ बैठी उसकी दोस्त ने कहा,”यार तू उसे बोल क्यों नहीं देती की तू उस से प्यार करती है , पिछले दो सालो से तू उसे पसंद करती है अब तुझे बोल देना चाहिए जब तक कुछ कहेगी वो कैसे समझेगा ?”
“आई थिंक यू आर राईट , मैं आज ही उसे अपने दिल की सारी बाते बोल दूंगी !”,इशिका ने मुस्कुराते हुए कहा !
कॉलेज आने के बाद क्लास ली जब अक्षत जाने लगा तो इशिका ने कहा,”अक्षत आज शाम 5 बजे मुझसे ‘सी कैफे’ मिल सकते हो प्लीज !”
“किसलिए ?”,अक्षत ने कहा
“तुम मिलो वही बताती हु प्लीज 5 बजे मैं इंतजार करुँगी !”,इशिका ने कहा और वहा से चली गयी ! अक्षत को आज राघव से भी मिलना था और इशिका भी उस से मिलने का बोलकर चली गयी , आज वह रेस्त्रो ना जाकर सीधा राघव के ऑफिस चला आया राघव ने उसे अपनी कम्पनी ने अडवाइजर के तौर पर नौकरी ऑफर की , अक्षत को बहुत ख़ुशी हुई उसने राघव की बात मान ली ! रेस्त्रो में अक्षत से मिलकर राघव बहुत इम्प्रेस हुआ था और जब उसने खुद अपने प्रोजेक्ट के बारे में रिसर्च की तो पाया की अक्षत ने जो कहा वो सही था और बस उसी वक्त उसने अक्षत को अपने साथ जोड़ने का मन बना लिया ! काफी देर वह अक्षत से डिस्कस करता रहा और उसे अपने काम और बाकि चीजों के बारे में समझाता रहा ये सब देखकर अक्षत भी इम्प्रेस था की इतना सब होने के बाद भी राघव में घमंड नाम की चीज नहीं थी ! अक्षत वहा से फ्री होकर रेस्त्रो आया और चेतन को बताया चेतन को अक्षत के जाने का थोड़ा दुःख भी हुआ लेकिन वह अक्षत को आगे बढ़ते देखना चाहता था इसलिए ख़ुशी ख़ुशी उसे जाने दिया ! अक्षत ने कुछ वक्त चेतन के साथ बिताया और घडी में देखा जो की शाम के 4:30 बजा रही थी अक्षत वहा से निकला और इशिका की बताई जगह पहुंचा , ये कैफे किसी मॉल के आखरी माले की टेरेस पर बना था ! ये एक ओपन कैफे था जो की बहुत ही खूबसूरत था अक्षत वहा पहुंचा इधर उधर देखा तो लास्ट टेबल के पास खड़ी इशिका दिखाई दी अक्षत उसकी और आया तो इशिका पीठ करके खड़ी हो गयी ! अक्षत ने आकर कहा,”तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया ?
इशिका ख़ुशी से अक्षत की और पलटी और उसके सामने घुटनो पर बैठकर कहा,”आई लव यू अक्षत , मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हु !”
अक्षत ने सूना पर उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं आये उसने सहजता से इशिका की और अपना हाथ बढ़ाया और कहा,”उठो !”
इशिका मुस्कुराते हुए उठकर उसके पास आयी , अक्षत ने एक नजर उसके मुस्कुराते चेहरे की और देखा और कहने लगा,”आई रिस्पेक्ट योर फीलिंग्स , लेकिन जैसा तुम सोचती हो वैसा कुछ नहीं है ! तुम मेरी एक अच्छी दोस्त हो और इस से ज्यादा मैं तुमसे और कोई रिश्ता नहीं रख सकता !”
इशिका ने जैसे ही सूना उसके होठो की मुस्कान गायब हो गयी और उसका दिल टूट गया उसने बेचैनी से कहा,”व्हाई अक्षत आखिर मुझमे क्या कमी है ? तुम जैसा कहोगे मैं वैसी बनने के लिए तैयार हु !”
“तुम में कोई कमी नहीं है , यू आर परफेक्ट आफ्टरऑल तुम्हे मुझसे अच्छा लड़का मिलेगा !”,अक्षत ने कहा
“मुझे कोई और नहीं चाहिए आई लव यू एंड आई जेनुअलि फीलिंग फॉर यू देन व्हाई यू से नो ?”,इशिका ने कहा
“क्योकि मैं शादीशुदा हु”,अक्षत ने एकदम से कहा जिस से इशिका को बहुत बड़ा धक्का लगा और वह अवाक् सी अक्षत को देखते हुए बोली,”व्हाट ?”
अक्षत ने एक गहरी साँस ली और कहा,”हां ये सच है , मैं शादीशुदा हु , मेरी उस से शादी नहीं हुई है लेकिन मैंने उस से वादा किया है की मैं जिंदगीभर उसी का रहूंगा”
“मैं कुछ समझी नहीं !”,इशिका ने हैरानी भरे शब्दों में कहा ! अक्षत उसे मीरा के बारे में बताने लगा शुरू से लेकर आखिर तक उसने काम शब्दों में इशिका को सब बता दिया जैसे जैसे इशिका सुनते जा रही थी वैसे वैसे उसका दिल टूटता जा रहा था लेकिन अक्षत की आँखों में मीरा के लिए प्यार उसे साफ दिखाई दे रहा था ! मीरा के बारे में बताकर अक्षत चुप हो गया और इशिका के और देखने लगा इशिका ने कुछ नहीं कहा तो अक्षत कहने लगा,”अपनी फॅमिली , अपनी कम्फर्ट जिंदगी छोड़कर मैं यहाँ सिर्फ उसके लिए आया हु , वो मुझसे बहुत प्यार करती है और मैं भी , उसकी जगह मैं किसी और को दे ही नहीं सकता मैं किसी और लड़की के करीब नहीं जा सकता , अगर किसी को देख भी लू तो उसमें मुझे मीरा ही नजर आती है ,, पिछले दो सालो से वो मेरा इंतजार कर रही है , दो सालो से उस से मिला तक नहीं हु , ना उसे देखा है ना उसकी आवाज सुनी है बस इस उम्मीद के साथ दोनों जी रहे है की कभी तो हम सारी शर्तो को पूरा करके एक दूसरे से मिलेंगे !! वो कैसी है ? किस हाल में है कुछ नहीं जानता एक एक दिन मेरे लिए एक साल जैसा है , ऐसा कोई पल नहीं गुजरा है जब मैंने उसे याद ना किया हो या उसके बारे में ना सोचा हो ! She is a part of life मैं उसके बिना आने वाली जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता , मीरा है तो अक्षत है और अक्षत है तो मीरा है !! मैं उस से बहुत चाहता हु इशिका उसने मेरे लिए बहुत दुःख सहा है इसे और कॉम्प्लिकेटेड मत बनाओ !!”
कहते हुए अक्षत की आँखे नम हो गयी ! इशिका ने ये सब सुना तो मीरा के लिए अक्षत का पवित्र प्यार देखकर उसकी भी आँखे भर आयी ! उसने अक्षत के पास आकर कहा,”वो बहुत लकी है अक्षत , आजकल लोग कुछ दिन दूर होते ही सब भूल जाते लेकिन तुम तो मीरा को खुद में बसा चुके हो तुम दोनों को मैं तो क्या कोई भी अलग नहीं कर सकता !! आई ऍम सो हैप्पी फॉर यू एंड बेस्ट ऑफ़ लक”
“थैंक्यू इशिका”,अक्षत ने कहा और जाने लगा तो इशिका ने भर्राये गले से कहा,”अक्षत , क्या मैं एक बार तुम्हारे गले लग सकती हु प्लीज ?”
अक्षत ने खुद आगे बढकर उसे गले लगाया और कहा,”तुम बहुत अच्छी लड़की हो इशिका , यू डिजर्व समवन बेटर जिसके प्यार के लिए तुम्हे कभी घुटनो पर बैठने की जरूरत नहीं पड़ेगी !”
अक्षत वहा से चला गया शाम हो चुकी थी और हल्का अँधेरा भी होने लगा था , इशिका का दिल टूट चुका था पर वह अक्षत के लिए खुश थी , अक्षत के इंकार के बाद भी उसे अक्षत पर कोई गुस्सा नहीं था ! कुछ ही देर बाद उसका फोन बजा फोन उसकी दोस्त का था इशिका ने जैसे ही फोन उठाया उसने चहक कर कहा,”बता दी अक्षत को अपने दिल की बात , क्या कहा उसने ?”
“उसकी जिंदगी में कोई है !”,इशिका ने उदासी भरी आवाज में कहा
“तो अब तू क्या करेगी इशिका ?”,दोस्त ने चिंता जताते हुए कहा !
इशिका ने एक ठंडी आह भरी और कहा,”दुआ करुँगी की वो दोनों मिल जाये , और उनके बिच कभी कोई इशिका न आये !!”
क्रमश – kitni-mohabbat-hai-63
Read More – kitni-mohabbat-hai-61
Follow Me On – facebook
संजना किरोड़ीवाल