Kitni Mohabbat Hai – 55
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni Mohabbat Hai – 55
मीरा अपने कमरे में चली आयी , उसके पीछे पीछे अक्षत आया और निधि से कहा,”निधि मुझे मीरा से कुछ बात करनी है , क्या तुम कुछ देर के लिए बाहर जाओगी !”
“ओके भाई !”,निधि ने कहा और कमरे से बाहर चली गयी !
अक्षत मीरा के पास आया और उसका चेहरा अपने हाथो में थामकर कहा,”अब बताओ क्या बात है ? जब तक मैं तुम्हारे परेशान होने की वजह जान नहीं लेता तब तक मैं कोई फैसला कैसे कर सकता हु ? ऐसा नहीं है की मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहता या फिर तुम्हे धोखा दूंगा ,, पर शादी जैसा फैसला इतनी जल्दी लेना भी ठीक नहीं है ! अब बताओ क्या हुआ ?”
अक्षत ने भरोसा जताया तो मीरा ने उसे सारी बाते बता दी वो सब जानकर अक्षत भी एक पल के लिए थोड़ा परेशान हुआ पर अगले ही पल उसने मीरा को बेड पर बैठाते हुए कहा,”बस इतनी सी बात , अगर ऐसा है तो चलो कर लेते है शादी पर उसके बाद क्या मीरा ? जिंदगी में ऐसी बहुत सी सिचुएशन तुम्हारे सामने आएगी उनका सामना कैसे करोगी तूम ? मीरा तुम एक समझदार और होनहार लड़की हो तुम्हे सिचुएशन को हेंडल करना आना चाहिए !” मीरा को अक्षत की बाते अब कुछ कुछ समझ आ रही थी ! अक्षत ने बड़े प्यार से उसका हाथ अपने हाथो में लिया और कहा,”तुम्हे मुझ पर भरोसा है न मीरा ?”
मीरा अक्षत के गले आ लगी और कहने लगी,”हमे माफ़ कर दीजिये , हम डर गए थे ,, हम आपसे इतना प्यार करते है की आपको छोड़कर नहीं जा सकते ! हमे कुछ समझ नहीं आ रहा था और उस वजह से हमने आपसे ना जाने क्या कुछ बोल दिया , हमे माफ़ कर दीजिये !!’
अक्षत ने मीरा का सर सहलाते हुए कहा,”तुम गलत नहीं हो मीरा , मुझे खोने के डर से तुमने वो सब कहा और मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा मैं बस इतना चाहता हु तुम अपनी जिंदगी का कोई भी फैसला लो तो वो मजबूती से लो मज़बूरी में नहीं ,, तुम मेरी कमजोरी हो मीरा लेकिन मैं तुम्हारी ताकत बनना चाहता हु !”
मीरा अक्षत से दूर हुई और नजरे झुकाकर कहने लगी,”हमने हमेशा वो खोया है जो हमारे सबसे करीब रहा है , अपना परिवार , अपनी माँ बस अब आपको नहीं खोना चाहते ! हमे किसी से कुछ नहीं चाहिए बस आप चाहिए”
“मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु मीरा , तो बताओ कब करे शादी ?”,अक्षत ने शरारत से कहा
मीरा ने उसकी और देखा और उसके कंधे पर सर टिकाते हुए कहा,”हमे शर्मिंदा मत कीजिये !”
“नहीं मैं सीरियस हु बताओ , तुम कहो तो अभी जाकर पापा से बात कर लेता हु !”,अक्षत ने उठते हुए कहा
मीरा ने उसे रोक लिया और कहा,”अक्षत जी , अभी नहीं पहले आप अपने सपने को पूरा कीजिये हम इंतजार करेंगे !” अक्षत एक बार फिर उसके सामने आ बैठा और कहा,”देखो मीरा मैं तुमसे प्यार करता हु और हमेशा करता रहूंगा , हम एक दूसरे के है हमे ये किसी को जताने की जरूरत नहीं है !! हमारे रिश्ते में प्यार के साथ साथ भरोसा होना जरुरी है !”
“हमे आप पर भरोसा है , पर अपनी किस्मत पर नहीं !”,मीरा ने कहा
“बदल दूंगा , उस हर किस्मत को बदल दूंगा जिसमे हमारा बिछड़ना लिखा है !”,अक्षत ने आँखों में विश्वास भरके कहा !!
मीरा बस उसकी आँखों में देखती रही !! कुछ देर बाद अक्षत अपने रूम में चला आया , मीरा की बाते सुनकर अब अक्षत को भी थोड़ा सा डर होने लगा था उसने किसी से इस बारे में बात नहीं की क्योकि वह किसी को परेशान नहीं करना चाहता था बल्कि अपने ही स्तर पर इसे क्लियर करना चाहता था ! देर रात अक्षत सोने चला गया , सुबह देर से उठा क्योकि संडे था और आज शाम उसे किसी मीटिंग के लिए बाहर जाना था ! अक्षत नहाकर निचे आया घर के सभी लोग वही थे ! आज विजय अक्षत को कुछ ज्यादा ही घूर रहे थे और फिर कहा,”अक्षत ! जी पापा
“नाश्ते के बाद मुझसे हॉल में मिलो तुमसे कुछ बात करनी है ठीक है
अक्षत ने कह तो दिया लेकिन मन ही मन सोच रहा था की पापा को आखिर उस से क्या बात करनी होगी ? नाश्ते के बाद अक्षत हॉल में चला आया , अक्षत के साथ साथ बाकि सब घरवाले भी चले आये , मीरा डायनिंग के पास ही थी तो विजय ने कहा,”मीरा तुम भी आ जाओ !!”
अब तो अक्षत के साथ साथ मीरा को भी टेंशन होने लगी थी की आखिर विजय ऐसी क्या बात करना चाहते है ?
“हां तो अक्षत कैसा चल रहा है तुम्हारा ऑफिस का काम ?”,विजय ने सहजता से सवाल किया
“ठीक चल रहा है पापा”,अक्षत ने कहा
“विजय बात क्या है ? सबको इकट्ठा क्यों किया है तुमने ?”,दादू ने बात की गंभीरता को समझते हुए कहा !
विजय जी उठे और एक नजर अक्षत को देखा और फिर कहने लगे,”जो लड़का सुबह देर से उठता था , रात में घर से बाहर रहता था , किसी की बात नहीं सुनता था , गुस्सा करता था , यहाँ तक के उसके पास अपने परिवार के लिए भी वक्त नहीं हुआ करता था आजकल उस लड़के में काफी बदलाव देख रहा हु मैं पापा , (अक्षत ने सूना तो मीरा की और तो कभी राधा की और देखता) वो अपनी जिम्मेदारियां समझने लगा है , खुद में काफी बदलाव कर चुका है तो मैं सोच रहा था क्यों ना उसकी जिंदगी में जिम्मेदारियां थोड़ी और बढ़ाई जाये !”
“तुम किसकी बात कर रहे हो ? और कैसी जिम्मेदारियां ?”,दादी माँ ने कहा
“माँ मैं अक्षत की शादी की बात कर रहा हु , जनाब आजकल ऑफिस जाने लगे है और काम भी बहुत अच्छा कर रहे है तो मैं सोच रहा था क्यों न इसकी शादी कर दी जाये ?”,विजय ने अक्षत की और देखकर कहा
विजय की बाते सुनकर राधा मन ही मन मुस्कुरा रही थी ! अक्षत ने सूना तो अचानक से कहा,”पापा इतनी जल्दी शादी , मेरा मतलब अभी तो मेरा रिजल्ट बाकि है !”
“हा तो क्या हुआ पढाई शादी के बाद भी जारी रख सकते हो !”,विजय ने कहा
“शादी वो भी आशु की , अभी इसकी उम्र ही क्या है 24 का तो हुआ है , अभी कुछ दिन पहले ही घर में अर्जुन की शादी हुई है !”,दादू ने कहा
“वो सब ठीक है , लड़की कहा है ? फिर से कही मोना जैसी लड़की तो नहीं ढूंढ आये तुम ?”,दादी माँ ने कहा
“लड़की हमारे घर में ही है !”,विजय ने कहा
“कौन ?”,दादू , दादी और निधि ने एक साथ कहा जबकि मीरा और अक्षत का दिल धड़क रहा था ! विजय मीरा की और आये और कहा,”मीरा , मैं जिस लड़की की बात कर रहा हु वो लड़की मीरा है ! अक्षत के लिए मैंने इसे चुना है !”
जैसे ही विजय ने मीरा का नाम लिया निधि , राधा , दादू और दादी सभी खुश हो गए और मीरा अक्षत हैरानी से विजय की और देखने लगे ! उन्हें इस तरह हैरान देखकर विजय कहने लगा,”तुम दोनों को क्या लगता है ? मुझे कुछ दिखाई नहीं देता , तुम दोनों का एक दूसरे की परवाह करना , एक दूसरे के लिए परेशान होना , इसमें आये सारे बदलाव और इसके गुस्से के कम होने के पीछे की वजह मैंने मीरा को ही पाया ! और तो और ऑफिस में दिनभर में 20-25 बार इसके मुंह से मीरा का नाम सुनने को मिल जाता है सबको और जाकर मुझे महसूस हुआ की दोनों एक दूसरे के लिए ही बने है ! अब जब दोनों में इतना प्यार है ही तो शादी कर देनी चाहिए पर अक्षत को देखकर लग नहीं रहा वो शादी के लिए तैयार है”
“मैं तो तैयार ही हु पापा “,अक्षत ने तपाक से कहा तो विजय के साथ साथ सभी हंस पड़े और मीरा ने शरमा कर अपनी पलके झुका ली ! विजय उसके पास आया और सर पर हाथ रखते हुए कहा,”अक्षत के लिए तुमसे बेहतर कोई हो ही नहीं सकती बेटा , अब तुम हमेशा के लिए इस घर में रह सकती हो इस घर की छोटी बहु बनकर !”
मीरा ने विजय के पांव छूने चाहे तो विजय ने उसे सीने से लगाकर कहा,”बेटियों से पैर नहीं छुआते !”
मीरा की आँखों से आंसू निकल आये ये सोचकर की एक वो पिता थे जो बचपन में उसे मारना चाहते थे और एक विजय है जो उसे बेटी का दर्जा दे रहे थे ! राधा ने देखा तो मीरा के पास चली आई और उसके आंसू पोछते हुए कहा,”क्या आप भी बच्ची को रुला दिया”
“अरे ये तो विदाई के आंसू है”, निधि ने छेड़ते हुए कहा अक्षत को अब भी यकीन नहीं हो रहा था की विजय खुद उसकी और मीरा की शादी करवाने को तैयार है उसे हैरान परेशान देखकर विजय उसके पास आये और कहा,”क्या बात है तू खुश नहीं है ?”
“पापा ये सब आपको कैसे पता ? मेरा मतलब मीरा और मेरे रिश्ते के बारे में”,अक्षत ने डरते डरते कहा
“तुम्हारे जैसी औलाद पैदा करके इस घर में छोड़ चुका हु , इतनी सी बात नहीं समझूंगा की तुम्हारी आँखों में आजकल किसका चेहरा घूम रहा है !”,विजय ने अक्षत को ताना मारते हुए कहा !
अक्षत झेंप गया और दादू की तरफ देखने लगा तो दादू ने दूसरा ताना मारते हुए कहा,”बाप बाप होता है बेटा !”
अक्षत ने वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी जाने लगा तो राधा ने कहा,”तुम कहा चले ? इधर आओ !”
अक्षत उनकी और आया तो राधा ने मीरा का हाथ अक्षत के हाथो में रखकर कहा,”आज से इसका ख्याल अब तुम्हे रखना है , और मीरा अगर ये तुम्हे परेशान करे ना तो इसकी शिकायत तुम इनसे कर सकती हो”
“जी आंटी !”,मीरा ने धीरे से कहा
“आंटी नहीं मम्मी जी की आदत डाल लो छोटी भाभी”,निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा और भाग गयी मीरा भी उसके पीछे दौड़ पड़ी ! उनके जाने के बाद विजय ने अक्षत से गंभीर होकर कहा,”देखो अक्षत मीरा का हम लोगो के सिवा कोई नहीं है , उसे किसी चीज की कमी महसूस ना हो !!”
“मैं ख्याल रखूंगा पापा !”,अक्षत ने कहा !
विजय ने अक्षत को गले लगाया और फिर किसी काम से बाहर चले गए ! अक्षत बहुत खुश था उसे मीरा मिल चुकी थी अब कोई परेशानी कोई टेंशन नहीं थी उसने जीजू को फोन किया और सारी बाते बता दी जीजू ने सूना तो ख़ुशी से उछल पड़े ! तनु ने भी अक्षत से बात की और उसे बधाईया दी ! ऊपर निधि मीरा को परेशान कर रही थी ! पर दोनों इस रिश्ते से बहुत खुश थी शाम को अर्जुन और नीता भी घर आ गए निधि ने जब उन्हें इस बारे में बताया तो दोनों की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा ! अर्जुन अक्षत से मिला और उसे गले लगाकर कहा,”कॉन्ग्रैचुलेशन मेरे भाई , मैं तुम दोनों के लिए आज बहुत खुश हु”
“थैंक्यू भाई एंड लव यू आप सबके सपोर्ट से ही आज मैं मीरा के साथ हु !”,अक्षत ने कहा
साल की आखरी शाम थी वो तो अर्जुन और नीता ने प्लान बनाया की आने वाले साल को सेलेब्रेट करते है ! अर्जुन को नीता का आईडिया पसंद आया तो उसने मंजूरी दे दी ! नीता ने निधि और मीरा की मदद से ऊपर छत पर डेकोरेशन किया ! निधि जैसे ही लाइटिंग लगाने लगी मीरा ने कहा,”निधि कुछ नया ट्राय करते है न , वहा स्टोर रूम में दीपक रखे है पानी के इस टोकरे में दिए जलाते है ! अच्छा लगेगा !”
“गुड़ आईडीया मीरा !”,नीता ने कहा
निधि और मीरा दीपक ले आयी और उनमे बत्तिया लगाने लगी जब सब तैयारी हो गयी तो नीता से उनके साथ निचे चली आयी और उन्हें भी तैयार होने को कहा , निधि ने जींस और कुरता पहना और मीरा ने अनारकली सूट साथ में उसने बजने वाली पायल भी पहन ली राधा ने उसके लिए खरीदी थी ! सभी तैयार होने में लगे थे निधि को अभी वो दियो की सजवाट भी करनी थी इसलिए वह मीरा को साथ लेकर ऊपर चली आयी , शाम के 7 बज रहे थे और लगभग सभी तैयारियां हो चुकी थी ! मीरा और निधि ऊपर आयी तो निधि पानी से भरे उस बड़े से बर्तन के पास आयी , मीरा जैसे ही आने लगी उसे महसूस हुआ उसके सूट की डोरी खुली हुई है उसने निधि से कहा,”निधि तुम जलाओ हम ये डोरी बांध ले फिर आते है !”
“ठीक है”,कहते हुए निधि ने मोमबत्ती जलाई और एक एक करके दीपक जलाने लगी ! मीरा डोरी बांधने की कोशिश करने लगी लेकिन उसका सूट इतना फिटिंग में था की वो ठीक से हाथ भी नहीं मोड़ पा रही थी , ना ही उस डोरी को बांध पा रही थी ! अक्षत फोन पर बात करते हुए ऊपर पहुंचा जैसे ही उसकी नजर मीरा पर पड़ी वह फोन पर बात करना भूल गया और मीरा की और बढ़ा मीरा उसकी और पीठ करके खड़ी थी और अभी भी डोरी बांधने की नाकाम कोशिश कर रही थी अक्षत ने आकर उसके हाथ से डोरी ली और बांधते हुए कहने लगा,”अब तुम मुझे इन सब कामो के लिए पुरे हक़ से कह सकती हो मीरू” जैसे जैसे अक्षत की उंगलिया मीरा की पीठ को छूती जा रही थी एक सिहरन उसके जिस्म में दौड़ रही थी उसने बेचैनी से पलटकर अक्षत से कहा,”मीरा से मीरु ?”
“हां अब काव्या की तरह मैं भी तुम्हे इसी नाम बुलाऊंगा !”,अक्षत ने मीरा की आँखों में देखते हुए कहा मीरा भी उसकी आँखों में देखने लगी ! वहा पानी के बर्तन के पास बैठी निधि दोनों को देख रही थी और फिर उठकर उनके पास आयी उसने मोमबत्ती और माचिस मीरा को देकर कहा,”बाकि के दिए तुम दोनों जला लेना मैं निचे जा रही हु !”
निधि चली गयी तो अक्षत और मीरा पानी के उस बर्तन के पास चले आये और दोनों आमने सामने बैठकर दिए जलाने लगे ! मीरा का चेहरा उन दियो की की रौशनी में और भी जगमगा रहा था ! अक्षत बस एकटक उसे देखता रहा मीरा ने अक्षत को ऐसे अपनी और देखते हुए पाया को पूछ बैठी,”आप ऐसे क्यों देख रहे है ?”
“यकीन करने की कोशिश कर रहा हु , की ये जो मेरे सामने बैठी है क्या सच में ये मेरी होने वाली है !”,अक्षत ने बड़े प्यार से मीरा को देखते हुए कहा
“अच्छा तो अभी दिला देते है यकीन”,कहते हुए मीरा ने अपनी हथेली में पानी भरा और अक्षत पर उछाल दिया , ठंड में ठंडा पानी गिरने से अक्षत एक पल को सिहर उठा और कहा,”मीरा की बच्ची ,
कहते हुए अक्षत उसकी और लपका लेकिन मीरा उठकर भागने लगी , वो उसे चिढ़ाते हुए आगे और अक्षत उसके पीछे , उसके पैरो में पहनी पायलो के घुंघरू की आवाज गूंज रही थी ! अक्षत ने भागते हुए उसका हाथ पकड़ा और अपनी और खींचकर कहा,”मुझे बचकर जाना इतना भी आसान नहीं है”
मीरा की कमर पर अक्षत का हाथ था और दूसरे हाथ में उसने मीरा के एक हाथ को कसकर पकड़ा हुआ था बेचारी मीरा ऐसे में क्या करती , उसकी सांसे तो अक्षत की नजदीकियों से ही रुक जाया करती थी ! उसने धीरे से कहा,”छोड़िये कोई आ जाएगा !”
“आने दो !”,अक्षत ने उसका
“किसी ने देखा तो क्या सोचेंगे ?”,मीरा ने कहा
“देखने दो !”,अक्षत की आँखे अभी भी मीरा की आँखों में ही देख रही थी !
मीरा उस से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी अक्षत ने उसे अपने हाथो में उठाया और दिवार पर बैठा दिया , मीरा को समझ भी नहीं आ रहा था की अक्षत क्या करने वाला है ? अक्षत ने मीरा से अपना दुपट्टा देने को कहा , मीरा ने दुपट्टा उसकी और बढ़ा दिया अक्षत ने दुपट्टा लेकर मीरा सर पर ओढ़ा दिया ,
मीरा बस हैरानी से अक्षत को देख रही थी , अक्षत ने अपने कान में पहनी बाली निकाली और मीरा के नाक में पहना दी , मीरा बहुत प्यारी लग रही थी अक्षत तो बस उसे देखता ही रह गया ! उसने अपने फोन में मीरा की तस्वीर ली और दिखाते हुए कहा,”इसलिए मैं तुम्हे पसंद करता हु !”
मीरा ने देखा वो उस नोजपिन में बहूत अच्छी लग रही थी ! उसने अक्षत की और देखा और कहा,”इसमें क्या खास है ?”
“इस तस्वीर में जो लड़की है वो खास है , एक ऐसी लड़की जिसे किसी शश्रृंगार की जरूरत नहीं है !”,अक्षत ने कहा
“क्योकि उसके लिए आपका प्यार ही सबसे बड़ा श्रृंगार है”,मीरा ने कहा और नाक से बाली निकालकर अक्षत के कान में पहनाने लगी तो अक्षत ने उसे रोकते हुए कहा,”तुम रखो ना , तुम पर अच्छी लगती है “
“आप पहने या हम एक ही बात है ,, पर ये आप पर ज्यादा अच्छी लगती है सडु !”,मीरा ने कहते हुए बाली अक्षत के कण में वापस पहना दी और उसके गाल को अपने होंठो से छू दिया ! दुपट्टा सर से खिसककर गले में आ गया ! अक्षत तो अभी भी अपना हाथ अपने गाल से लगाए मीरा की छुअन को महसूस कर रहा था ! अर्जुन नीता और निधि भी ऊपर चले आये , उन्हें देखकर मीरा जल्दी से दिवार से निचे उतरी लेकिन पांव पूरा जमीन पर नहीं टिक पाया और वह निचे जमीन पर आ गिरी साथ में अक्षत को भी ले गिरी ! उन दोनों के गिरने से निधि अर्जुन और नीता तीनो हसने लगे ! मीरा और अक्षत भी हंस पड़े , चारो बाते करते हुए समय काट रहे थे वो पल सबके लिए बहुत खूबसूरत था , 10 बजे बाद विजय , राधा , दादू और दादी भी ऊपर चले आये ,, रघु ने सबके लिए खाने के इंतजाम ऊपर ही कर दिया था ! 12 बजने में काफी वक्त था इसलिए सभी मस्ती करने लगे , छत के बीचोबीच आग जलाई गयी और सभी उसके चारो और बैठ गए , हालाँकि ठण्ड काफी थी लेकिन आग की वजह से थोड़ी राहत थी ! सभी अपने अपने अच्छे वक्त के बारे में बाते कर रहे थे ! मीरा और अक्षत एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे और बस एक दूसरे को देख रहे थे , उन्हें न कुछ सुनाई दे रहा था न एक दूसरे के अलावा कुछ दिखाई दे रहा था ! वो अपनी ही दुनिया में खोये हुए थे ! जैसे ही 12 बजे सबने एक साथ नया साल सेलेब्रेट किया , आने वाले साल के लिए एक दूसरे को बधाईया दी ओर सभी खुशिया मना रहे थे और इस बिच निधि कही गायब थी !
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,निधि ने दबी आवाज में बालकनी में लटके हनी से कहा
“तुम्हे हैप्पी न्यू ईयर बोलने आया था”,हनी ने लटके लटके ही कहा
“डफर वो तो फोन पर भी बोल सकते थे ना , यहाँ इतनी रात में ऐसे क्यों आये हो ? घर में किसी ने देख लिया तो मेरी वाट लग जाएगी !”,निधि ने पलटकर बार बार पीछे देखते हुए कहा
“अरे किसी ने नहीं देखा , सब उधर बिजी है !”,हनी ने कहा
“हैप्पी न्यू ईयर बोल दिया ना अब जाओ यहाँ से इस से पहले माँ पापा देख ले ! प्लीज़”,निधि ने डरते हुए कहा
हनी ऊपर आया और कहा,”ऐसे कैसे चला जाऊ ? अभी तक तुमने मुझे विश भी नहीं किया !”
“ओह्ह्ह गॉड ओके हनी हैप्पी न्यू ईयर , आई विश तुम्हारी हर विश पूरी हो”,निधि ने कहा
“थैंक्यू !”,हनी ने मुस्कुराते हुए कहा
“अब जाओ !”,निधि अभी भी बार बार मुड़कर देख रही थी !
“तुम ना एक नंबर की फट्टू हो ,मैं यहाँ तुमसे मिलने आया हु और तुम बार बार उधर देख रही हो”,हनी ने कहा
“तो इतनी रात में क्यों आये हो ?”,निधि ने बेचारा सा मुंह बनाकर कहा
“ताकि मैं अपने नए साल की शुरुआत तुम्हे देखकर कर सकू !”,हनी ने बड़े प्यार से निधि की आँखों में देखते हुए कहा हनी के इस बात पर निधि खामोश हो गयी ! दोनों खामोश खड़े एक दूसरे की आँखों में देखते रहे तभी निधि के कानो में विजय की आवाज पड़ी ,”निधि , कहा हो तुम ?”
विजय की आवाज सुनकर वह हड़बड़ा गयी और हनी से कहा,”जल्दी जाओ यहाँ से , जाओ जाओ प्लीज प्लीज पापा ने देख लिया तो गुस्सा करेंगे ! “
हनी बालकनी से लटककर नीचे वाले फ्लोर पर आया और फिर निचे गार्डन में कूद गया ! निधि वहा खड़े उसे जाते हुए देख रही थी तभी पीछे से विजय ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”यहाँ क्यों खड़ी हो बेटा ? चलो वहा सब तुम्हे बुला रहे है !”
निधि ने चैन की साँस ली विजय ने हनी को नहीं देखा था वह उनके साथ बाकि सबके बिच चली आयी !
क्रमश – kitni-mohabbat-hai-56
Read More – kitni-mohabbat-hai-54
Follow Me On – facebook
For More Notification Follow Me On My Telegram Channel – SKstory or sanjana kirodiwal
संजना किरोड़ीवाल