Kitni mohabbat hai – 38
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohabbat hai – 38
अक्षत ने जब देखा मीरा को डराने धमकाने वाला सख्स कोई और नहीं बल्कि शुभ ही है तो उसका दिल टूट गया ! आँखे फटी की फ़टी रह गयी , जिसे वह अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता था , भाई मानता था उसी ने उसके साथ इतना घटियापन किया ! मीरा भी हैरान थी की उसे बहन कहने वाला शुभ इतना कैसे गिर सकता है ?
अक्षत ने निचे गिरे शुभ की कॉलर पकड़ कर उठाया और एक घुसा मारते हुए कहा,”क्यों किया ये सब ? भाई मानता था तुझे अगर तुझे कुछ चाहिए भी था तो आकर मुझसे कहता , उसके साथ ये सब क्यों किया ?
शुभ सोफे पर जा गिरा उसके मुंह से खून आने लगा था ! मीरा वही सीढ़ियों के पास डर से काँप रही थी उसे तो अब भी यकीन नहीं हो रहा था की इन सबके पीछे शुभ था ! अक्षत ने शुभ को तीन चार थप्पड़ जड़ दिए लेकिन शुभ ने अपने बचाव में कुछ नहीं कहा वह चुपचाप मार खाता रहा अक्षत इस वक्त बहुत गुस्से में था उसने शुभ की कॉलर पकड़ ली और उसकी आँखों में देखते हुए कहने लगा,”तूने कहा था मेरे जाने के बाद तू ध्यान रखेगा उसका , और तूने क्या किया ? एक बार नहीं सोचा की जब तेरा सच मेरे सामने आएगा तो मुझपे क्या बीतेगी ? दोस्ती जैसे रिश्ते की धज्जिया उड़ा दी तूने शुभ”
“तो और मैं क्या करता ?”,शुभ ने अक्षत को पीछे धकेलते हुए कहा !
अक्षत हैरानी से उसे देख रहा था शुभ ने होंठो पर आया खून पोछा और कहा,”चाहने लगा था मैं उसे , जब तेरे घर में उसे पहली बार देखा तो देखते ही प्यार हो गया उस से लेकिन जब पता चला तू उसे पसंद करता है तो पीछे हटना पड़ा मुझे !! मैं जानता था तेरे और मोना के बिच कोई रिश्ता नहीं है !! उस शाम भोपाल से आने के बाद जब तूने मुझे मीरा का सच बताया तो मैं हैरान था ! अगले दिन जब तेरे रूम में उसकी प्रॉपर्टी के पेपर्स देखे तो लालच आ गया मुझे और मैंने दिल्ली जाने का प्लान केंसल कर दिया ! तुझे दिल्ली भेजकर मीरा का भरोसा जितने के लिए खुद को उसका भाई बना दिया !! वो पेपर्स मुझे किसी भी तरह से हासिल करने थे इसलिए मैंने मीरा को डराना शुरू कर दिया , वो पार्सल मैंने ही भेजा था , कॉलेज की क्लास में मेसेज लिखने वाला भी मैं था , यूनिवर्सिटी में आवाज बदलकर धमकाने वाला भी मैं ही था !! आज मेरा प्लान सक्सेज हो जाता लेकिन उस से पहले तू आ गया ! तू कॉलेज टाइम से मेरा दुश्मन रहा है , मैं तबसे नफरत करता हु तुझसे ,, याद है कॉलेज की हर लड़की तुझपे मरती थी और तेरी वजह से कोई लड़की मुझे भाव नहीं देती थी ! तुझे हमेशा सब परफेक्ट मिला है , पैसा , नाम , फेम , और अब मीरा जैसी अमीरजादी , कैसे हाथ से जाने देता मैं इसे ?”
“चंद पैसो के लिए तूने ये सब किया की उसे किडनेप तक करवाने की कोशिश की”,अक्षत ने शुभ को एक घुसा और दे मारा !
“मैंने मीरा का किडनेप नहीं करवाया !”,शुभ ने सम्हलते हुए कहा
अक्षत ने उसे उठाया और दो तीन घुसे और दे मारे अब तक शुभ अधमरा हो चुका था , उसने दर्द से कराहते हुए कहा,”मेरा भरोसा कर अक्षत मैंने सिर्फ इसे डराने के लिए वो सब किया जिस से ये वापस भोपाल चली जाये और मैं अपने प्लान में सक्सेज हो जाऊ लेकिन मैंने किडनेपिंग नहीं की !”
“भरोसा , तेरी किसी बात पर भरोसा नहीं है मुझे !”,अक्षत ने गुस्से से कहा !
मीरा की आँखों से आंसू बहते जा रहे थे , डर से उसके होंठ कांप रहे थे , उसे यकीन नहीं हुआ की उसके साथ ऐसे लोग भी थे जो उसे लेकर इतना घटिया सोचते थे ! शुभ किसी तरह उठा और कहा,”मैं सच बोल रहा हु अक्षत मीरा को किडनेप मैंने नहीं किया है !”
“तूने नहीं किया तो फिर किसने किया वो सब ?”,अक्षत ने चीखकर कहा
“इसने !”,पीछे से इंपेक्टर की दमदार आवाज अक्षत के कानो में पड़ी ! अक्षत ने पीछे मुड़कर देखा इंस्पेक्टर अपने कुछ कॉन्स्टेबल और विनीत के साथ खड़ा था ! उसे देखकर मीरा और अक्षत एक बार फिर हैरान थे ! इंस्पेक्टर विनीत को लेकर अंदर आया और अक्षत के सामने आकर कहने कहा,”विजय जी के कंप्लेंट करने के बाद मैंने मीरा के बारे में छानबीन की , घर के आस पास से ऐसा कुछ पता नहीं चला ! उसके बाद मैं अपनी टीम के साथ कॉलेज गया वहा पूछताछ करने पर पता चला की विनीत मीरा को बहुत चाहता था और उसे पाने के सपने देख रहा था जबकि मीरा ने उसमे कभी इंट्रेस्ट नहीं दिखाया !! उसके बाद विनीत के दोस्तों से पता चला की एक बार मीरा को लेकर तुम्हारे और उसके बिच झगड़ा हुआ था उसके बाद से ही विनीत ने कॉलेज आना बंद कर दिया ! किडनेपिंग वाली शाम इसके फोन की लोकेशन भी हमे उसी जगह से मिली !! अब आगे की कहानी ये खुद बताएगा”
कहते हुए इंपेक्टर ने विनीत का कॉलर पकड़कर उसे आगे कर दिया !!
विनीत ने एक नजर दूर खड़ी मीरा को देखा और कहने लगा,”कॉलेज के पहले दिन से ही मैं मीरा को चाहता था लेकिन वो मुझे भाव नहीं देती थी ! क्या नहीं किया मैंने उसे पाने के लिए लेकिन उसका दिल कभी पिघला ही नहीं !! एक दिन हिम्मत करके मैंने इसे प्रपोज किया तो इसने मुझे मना कर दिया बस तबसे ही मैं इसे पाने के लिए और बैचैन हो गया ताकि इसे इसकी औकात याद दिला सकू ! पर मैं नहीं जानता था ये जिसे पसंद करती है वो अक्षत है अक्षत और मेरे बिच कॉलेज में हाथपाई हुई और उस दिन मैंने कसम खा ली की मैं इस मीरा को सबक सीखाकर रहूंगा !! एग्जाम्स टाइम में मुझे पता चला की अक्षत यहाँ नहीं है दिल्ली में है और फिर नोटिस बोर्ड पर मैंने एग्जाम सेंटर के चेंज होने की खबर पढ़ी यही सही मौका था !! मीरा अकेले होगी जानकर मैं वहा पहुंचा लेकिन उसके साथ अक्षत का भाई था , जब मीरा अंदर थी तब मैंने किसी बहाने से अर्जुन की गाड़ी पंचर कर दी और जान बूझकर उस से लिफ्ट मांगी !! अर्जुन गाड़ी ठीक कराने चला गया तब मैंने दुकानवाले को पैसे देकर मीरा को गलत साइड जाने का बोलने को कहा ! मीरा अर्जुन को ढूंढते हुए वहा पहुंची जहा मेरे आदमी पहले से मौजूद थे वे उसे उठाकर मेरे दोस्त के गैराज में ले आये !! उस रात मीरा का मैं बहुत बुरा हश्र करने वाला था लेकिन ये बहुत तेज निकली और वहा से भागने में कामयाब हो गयी !! मेरे आदमियों ने इसका पीछा भी किया लेकिन तभी इसका एक्सीडेंट हो गया ! मैं फस ना जाऊ इसलिए मैं वहा से चुपचाप निकल गया !! मुझे लगा उस एक्सीडेंट के बाद मीरा नहीं बची होगी लेकिन आज ही पता चला की वो जिन्दा है ,,
“और तुम एक बार फिर से बेवकूफी करने यहाँ आ पहुंचे !”,इस्पेक्टर ने कहा
“हां मुझे पता चला की अक्षत और उसके घरवाले बाहर है और मीरा घर पर अकेली है ! इस से अच्छा मौका नहीं मिलता पर जैसे ही मैं दरवाजे पर आया मैंने अक्षत और शुभ की बाते सुनी मुझे लगा जो कुछ हुआ उसका सारा इल्जाम शुभ पर आएगा और मैं बच जाऊंगा !”,विनीत ने कहा
“तुम्हे लगता है की पुलिस बेवकूफ है , पहले दिन से ही तुम पर पूरा शक था लेकिन सबूत ना होने की वजह से चुप था मैं और देखो ओवरकॉन्फिडेन्स में आकर आज तुमने खुद ही सारा सच उगल दिया ! गिरफ्तार कर लो इसे इसकी आशिक़ी जेल में उतारेंगे !”,इंपेक्टर ने अपने एक साथ से कहा और फिर शुभ की और आकर कहा,”तुम्हे क्या लगा तुम ये सब करोगे और बच जाओगे , बहुत लम्बे जाने वाले हो दोनों”
विनीत के साथ साथ इंपेक्टर ने शुभ को भी गिरफ्तार करवा दिया और उन्हें ले जाने के लिए कहा ! इंस्पेक्टर अक्षत के पास आया और कहा,”घबराने की जरूरत नहीं है मिस्टर अक्षत वो दोनों अब मेरी कस्टडी में है , मीरा को इस वक्त आपकी जरूरत है टेक केयर ऑफ़ हर !”
इंस्पेक्टर वहा से चला गया अक्षत ने देखा सीढ़ियों के पास खड़ी मीरा डर से काँप रही थी अक्षत उसके पास आया और उसके आंसू पोछे अक्षत को इस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह मीरा से क्या कहे ? उसने मीरा को पहली बार इतना डरा हुआ देखा था उसने कुछ नहीं किया और आगे बढ़कर मीरा आ सर अपने सीने से लगाते हुए कहा,”कुछ नहीं हुआ है मीरा , मैं हु ना मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा !!”
अक्षत की बात सुनकर मीरा फूटफूट कर रोने लगी आज से पहले इतना दुःख उसे कभी नहीं हुआ था उसने अक्षत को कसकर पकड़ लिया उसे रोता देखकर अक्षत को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था उसके हाथ मीरा को छूने से घबरा रहे थे उसने अपने हाथ मीरा से दूर रखे वह नहीं चाहता था की गलती से भी मीरा अब हर्ट हो !! अक्षत मीरा को लेकर डायनिंग के पास आया उसे बैठाया और ग्लास में पानी निकालकर खुद उसे अपने हाथ से पिलाया ! उसका फोन बजा अक्षत ने फोन उठाया तो उधर से अर्जुन ने कहा,”आशु कहा है तू ? यहाँ सब तुझे बुला रहे है , रस्म बाकि है ऐसे में कहा चला गया तू ?’
“भाई वो मैं “,अक्षत ने बोलना चाहा लेकिन उस से पहले ही अर्जुन बोल पड़ा
“बाकि सब बाद में पापा बहुत नाराज हो रहे है , तू जहा भी है जल्दी से आजा !”,कहकर अर्जुन ने फोन काट दिया !
अक्षत ने फोन जेब में रखा और देखा मीरा अब चुप थी लेकिन दर्द उसके चेहरे से साफ झलक रहा था अक्षत घुटनो के बल उसके सामने बैठ गया और मीरा के दोनों हाथ अपने हाथ में लेकर कहने लगा,”मैं समझ सकता हु इस वक्त तुम्हारे मन पर क्या गुजर रही है ? शुभ ने तुम्हारे साथ जो किया उसके लिए मैं उसे कभी माफ़ नहीं करूंगा मीरा ! तुम्हे किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है मीरा मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु ,, आज भाई का शगुन है घरवालों को ये सब बताकर मैं उनकी खुशिया उनसे नहीं छीनना चाहता ,, मुझे माफ़ कर दो मीरा मैंने गलत इंसान को तुम्हारा ख्याल रखने के लिए कहा !
मीरा ने देखा ये कहते हुए अक्षत की आँखों में नमी उतर आयी वह अक्षत की और देखती रही और फिर कहा,”इन सब में आपकी कोई गलती नहीं है , हम ऐसा ही नसीब लेकर पैदा हुए थे , बचपन में पापा ने साथ छोड़ दिया , फिर माँ चली गयी और अब देखिये सब हमारे दुश्मन बने बैठे है !! हमने किसी का क्या बिगाड़ा है !”
“तुमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा , कुछ गलत लोग जिंदगी में आते है इसका मतलब ये नहीं है की सब गलत है !! तुम बहुत अच्छी इंसान हो मीरा और बस इसलिए हर कोई तुम्हे आजमा रहा है ! जो हुआ उसे एक बुरा सपना समझकर भूल जाओ आने वाला वक्त बहुत खूबसूरत होगा !”,अक्षत ने प्यार से कहा ! मीरा खामोश हो गयी तो अक्षत ने कहा,”चलो उठो , तुम भी मेरे साथ चलो भाभी के घर अब मैं तुम्हे यहाँ अकेले नहीं छोड़ सकता !”
“अक्षत जी हम !”,मीरा ने कहना चाहा तो अक्षत ने बिच में टोकते हुए कहा
“चुप , बिल्कुल चुप , उठो मुंह धो और तैयार होकर आओ”,अक्षत ने कहा !
मीरा उठकर चली गयी फ्रेश होकर उसने दुसरा सूट पहना और दुपट्टा लेकर निचे आ गयी , कंधे पर दुपट्टा रखते हुए वह उसे पिन अप करने की कोशिश कर रही थी लेकिन हाथ की चोट की वजह से नहीं कर पा रही थी अक्षत उसके पास आया और कहा,”मैं कर देता हु !”
अक्षत ने मीरा के दुपट्टे को पिन अप किया , उसके बाल बनाये और उसे लेकर बाहर आ गया ! रघु को घर पर रुकने का कहकर अक्षत मीरा के साथ वहा से निकल गया ! रास्ते भर मीरा चुप ही थी उसके मन में कई बाते यहाँ से वहा उलझ रही थी अक्षत ने उसे सोच में डूबा देखा तो उसका हाथ उठाकर गेयर पर रख दिया और फिर अपना हाथ उसके हाथ पर रखकर गाड़ी के गेयर बदलता रहा !! मीरा ने कोई आपत्ति नहीं जताई , मन ही मन अक्षत शुभ और विनीत को लेकर बहुत गुस्सा भी था लेकिन मीरा के सामने दिखाना नहीं चाहता था ! गाड़ी नीता के घर के सामने पहुंची अक्षत ने गाड़ी साइड में लगाई और मीरा के साथ अंदर चला आया ! अक्षत के साथ मीरा को आया देखकर राधा बहुत खुश हुई वह उनके पास आई और अक्षत से कहा,”आशु तेरे पापा नाराज हो रहे है , रस्म का वक्त हो गया है”
“बस माँ जा रहा हु !”,कहकर अक्षत वहा से चला गया राधा ने मीरा के गाल को छूकर कहा,”तुम ठीक हो ना मीरा ?”
“जी आंटी “,मीरा ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा !
“आओ सब अंदर है , नीता तो तुम्हारे बारे में सुबह से पूछ रही थी की तुम क्यों नहीं आई ? चलो चलकर मिल लो उस से !”,राधा ने कहा और मीरा का हाथ पकड़कर उसे अंदर ले आयी ! हॉल में नीता को चुनरी देने की रस्म की जा रही थी ! अक्षत ने अपने हाथो से नीता को चुनरी दी और मीठा खिलाया ! सभी बहुत खुश थे , सबको खुश देखकर मीरा भी एक बार के लिए सब भूल गयी ! उसके बाद नीता अंदर चली आई और अपने साथ मीरा को भी ले आयी ,, उधर हॉल में पंडित जी अर्जुन के साथ कुछ रस्म पूरी कर रहे थे !
नीता मीरा को लेकर अपने कमरे में आयी जहा उसकी कुछ बहने और सहेलिया भी थी ! उसने सबको मीरा से मिलवाया और फिर सबको बाहर जाकर खाना खाने को कहा , कमरे में सिर्फ नीता और मीरा ही थे नीता ने मीरा से बैठने को कहा ! कुछ देर बाद एक लड़का जूस ले आया और रखकर चला गया नीता ने मीरा को ग्लास दिया और खुद भी उसके पास बैठकर कहने लगी,”पता है मीरा मैंने सोचा भी नहीं था ये सब इतना जल्दी होगा ! एक हफ्ते बाद शादी है और फिर मैं हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से चली जाउंगी !”
“एक ना एक दिन सबको जाना पड़ता है नीता जी !”,मीरा ने कहा
“फिर नीता जी , भाभी कहने की आदत डाल लो मीरा”,नीता ने हँसते हुए कहा
“जी , आपकी तैयारिया हो गयी !”,मीरा ने कहा
“कहा हुई अभी तो बहुत कुछ बाकि है , लहंगा भी पसंद नहीं किया है , एक मिनिट तुम्हे दिखाती हु तुम बताओ कोनसा सही रहेगा ?”,कहकर नीता उठी और अपना फ़ोन लेकर आयी ! उसने मीरा को चार लहंगो की पिक्स दिखाई मीरा को रेड और गोल्डन मिक्स एक लहंगा अच्छा लगा तो उसने नीता को बता दिया नीता को भी वही पसंद आ रहा था ! उसने बाद नीता ने ज्वेलरी और चूड़ा भी देखा सब मीरा की पसंद का ही था ! सब होने के बाद नीता ने मीरा को साइड से हग करते हुए कहा,”थैंक्यू मीरा , तुम बहुत अच्छी हो पता है मैं दो दिन से ये सबको लेकर परेशान थी और तुमने मेरा काम आसान कर दिया थैंक्स अगेन !!”
“इसमें थैंक्यू की क्या बात है ? हमारे दोस्त की होने वाली वाइफ शादी के दिन सबसे सुन्दर लगनी जरुरी है !”,मीरा ने कहा
“ओह्ह्ह मीरा तम बहुत स्वीट हो , अच्छा ये बताओ अब तबियत कैसी है तुम्हारी ? मम्मीजी ने बताया था कुछ हादसा हुआ तुम्हारे साथ”,नीता ने चिंतित होकर कहा !
“हम ठीक है”,मीरा ने कहा जबकि हादसे का नाम सुनकर अंदर ही अंदर फिर से सहम गयी थी वो !
नीता उस से बाते करती रही अक्षत को बाहर मीरा दिखाई नहीं दी तो उसने राधा से पूछा और नीता के कमरे के बाहर आकर रुक गया दरवाजा बंद था इसलिए अक्षत की अंदर जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी नीता से अभी उसकी इतनी बाते नहीं होती थी !! उसने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से आवाज आयी,” दरवाजा खुला है , आजाओ !
अक्षत अंदर आया तो नीता ने मुस्कुराते हुए कहा,”अरे देवर जी आप , आईये ना ! “
“सॉरी भाभी वो मीरा कही दिखी नहीं इसलिए , मैं यहाँ !”,अक्षत आगे बोल ही नहीं पाया
“आपकी मीरा कही नहीं जाएँगी , थोड़ा वक्त इनके साथ मुझे भी बिताने दो !”,नीता ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा
“क्या भाभी आप भी ?”,अक्षत झेंप गया और दूसरी तरफ देखने लगा !!
“अच्छा देवर जी यहाँ आईये , देखिये मीरा ने और मैंने शादी के लिए ये लहंगा पसंद किया है , देखकर बताईये कैसा है ?”,नीता ने अपना फोन अक्षत की और बढ़ाते हुए कहा ! अक्षत ने देखा और कहा,”हम्म्म अच्छा है , बहुत सुंदर लगने वाले हो आप इसमें !”
“तो फिर आपके लिए भी बुक करवा दू “,नीता ने कहा
“मैं ये सब थोड़े पहनूंगा !”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“अरे बुद्धू आपके लिए मतलब आपकी होने वाली उनके लिए , कहो तो करवा दे !”,नीता ने कहा
“अभी उसमे वक्त है !”,कहते हुए अक्षत की नजर मीरा पर जा टिकी जो की उसी की और देख रही थी ! दोनों की नजरे मिली और फिर दोनों इधर उधर देखने लगे ! नीता सब देखकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी !! कुछ देर बाद उसने अक्षत से कहा,”अच्छा सुनिए मैं थोड़ी बिजी हु क्या आप मीरा के साथ जाकर इसे खाना खिला देंगे !”
“हां भाभी , आप भी चलिए”,अक्षत ने कहा
“नहीं मुझे कबाब में हड्डी नहीं बनना”,नीता ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा तो अक्षत समझ गया और मुस्कुराने लगा
मीरा उठकर अक्षत के साथ चल पड़ी अक्षत दरवाजे तक आया और वापस नीता के पास आकर कहा,”भाई ने बताया आपको ये सब ?”
“आपके चेहरे पर लिखा है देवर जी की आपको उनसे कितनी मोहब्बत है”,नीता ने मुस्कुराते हुए कहा
“मीरा कैसी लगी आपको ?”,अक्षत ने पूछा
“परफेक्ट है आपके लिए मिस्टर कॉम्प्लिकेटेड !”,नीता ने मुस्कुराते हुए कहा
अक्षत नीता के गले लगा और कहा,”थैंक्यू भाभी , लव यू !”
“उस से कब कह रहे हो ?”,नीता ने धीरे से कहा
“बहुत जल्द !”,अक्षत ने कहा और चला आया गेट के पास मीरा उसका इंतजार कर रही थी उसने आते ही मीरा से कहा,”चले !”
दोनों वहा से निकलकर बाहर हॉल में आ गए जहा मेहमानो के लिए खाने का बंदोबस्त किया हुआ था !! निधि भी मीरा के पास चली आयी और कहा,”तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा , पता है अक्षत भाई पहले बहुत अपसेट थे अब खुश है !!”
मीरा मुस्कुरा दी तो निधि उसे लेकर खाने की टेबल पर आ बैठी जहा अर्जुन पहले से बैठा था ! मीरा को देखते ही वह भी खुश हो गया और कहा,”तुम्हे ही मिस कर रहा था , आज मेरे होने वाले ससुर ने बहुत अच्छा लंच रखा है , तुम नहीं आती ना तो मिस कर देती !”
मीरा मुस्कुराई और कहा,”हमने तो सूना था जैसे जैसे शादी के दिन नजदीक आते है , भूख लगनी बंद हो जाती है लेकिन यहाँ तो सब उल्टा हो रहा है , है ना निधि !”
अर्जुन हसने लगा ! मीरा उसकी बगल में आकर बैठ गयी तीनो बाते करने लगे अक्षत भी आकर शामिल हो गया एक सीट अभी भी खाली थी तो अक्षत ने पूछा,”कोई और भी आने वाला है क्या ?”
“साला !”,अर्जुन ने कहा
“भाई गाली दे रहे हो आप ?”,अक्षत ने घूरते हुए कहा
“अरे गाली नहीं दे रहा रहा मेरा मतलब है मेरे साले साहब , नीता का कजिन आ रहा है ! लो आ गया !”,अर्जुन ने इशारा करके कहा तो मीरा , निधि और अक्षत तीनो की गर्दन उस और चली गयी ! कजिन और कोई नहीं बल्कि हनी था ! हनी आकर निधि की बगल में बैठ गया और कहा,”सॉरी गाईज , मैंने ज्यादा इंतजार तो नहीं करवाया ना आप सबको !”
“अरे नहीं नहीं , सभी बस अभी आये है !”,अर्जुन ने कहा और सभी खाना खाने लगे ! निधि और हनी बिच बिच में एक दूसरे को देख लेते ! अक्षत की नजर मीरा पर थी ! खाना खाने के बाद सभी कुछ देर वहा रुके और फ्री घर चले आये ! एक हफ्ते बाद घर में शादी थी इसलिए विजय और राधा बैठकर कार्यक्रम की लिस्ट बनाने लगे ! अर्जुन अपने दोस्तों की लिस्ट बना रहा था साथ ही अपने निजी कामो की निधि अपनी किसी दोस्त को साथ मार्किट चली गयी उसने मीरा से कहा लेकिन मीरा का मन नहीं था तो वह अपने कमरे में चली आयी !! मीरा का मन अभी भी शुभ और विनीत को लेकर उलझा हुआ था उसने शुभ को अपना भाई माना और बदले में उसने उसके लिए ये भावना रखी ! दूसरी तरफ अक्षत अपने कमरे में अपने हाथो में अपना चेहरा छिपाकर बैठा था उसकी आँखों में आंसू थे और सीने में आग ! शुभ जिसे वह अपना भाई मानता था , जिस से वह अपनी हर बात शेयर करता था , उसी शुभ ने उसे धोका दिया !! अक्षत उठा और बाथरूम में आकर मुंह धोया वापस कमरे में आया लेकिन मन अभी भी बैचैन था उसने ड्रावर खोला और उसमे रखी सिगरेट निकाल कर जला ली ! अक्षत जैसे ही सिगरेट को अपने होंठो के पास लेकर आया उसे मीरा की याद आ गयी और उसने बिना पिए ही उसे बुझाकर डस्टबिन में फेंक दिया ! अक्षत बिस्तर पर लेट गया दिमाग में सेंकडो ख्याल आ जा रहे थे ! उसे अपनी कोई फ़िक्र नहीं थी फ़िक्र थी तो बस मीरा की अक्षत उसे किसी भी हाल में अब अकेले नहीं छोड़ना चाहता था !! शाम को मीरा कमरे से बाहर आयी देखा अक्षत के कमरे का दरवाजा बंद है तो वह निचे लॉन में चली आयी और सीढ़ियों पर आकर बैठ गयी ! उसके चेहरे से साफ झलक रहा था की मन ही मन वह किसी उलझन में है अक्षत अपनी बालकनी पर आया मीरा को निचे अकेले बैठे देखा तो खुद भी निचे चला आया ! किचन में आकर उसने आज पहली बार खुद मीरा के लिए चाय बनाई और लेकर बाहर आया लॉन में आकर वह कुछ दूरी पर बैठ गया और कप मीरा की और खिसकाते हुए कहा,”क्या सोच रही हो ?”
“कुछ नहीं , बस सोच रहे थे आप कितना ख्याल रखते हो हमारा ! हमे हर परेशानी से बचा लेते हो , हमारे लिए लोगो को पिट देते है पर “,मीरा ने बात अधूरी छोड़ दी !
“पर ?”,अक्षत ने कहा
“पर आप हमारी कही बात नहीं मानते !”,मीरा ने अक्षत की और देखकर कहा
“बताओ क्या मानना है !”,अक्षत ने कहा
“हम जो कहेंगे , करोगे आप ?”,मीरा ने कहा
“हम्म !”,अक्षत ने कहा
मीरा ने अपना हाथ अक्षत की और बढाकर कहा,”हाथ रखकर कहिये तभी मानेंगे !”
अक्षत सोच में पड़ गया और फिर अपना हाथ मीरा के हाथ पर रखते हुए कहा,”कहो क्या बात है !”
“दो दिन बाद आपकी एंट्रेस की एग्जाम है , आप दिल्ली चले जाईये !”,मीरा ने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा ! मीरा की बात सुनकर अक्षत ने जैसे ही अपना हाथ उसके हाथ से हटाना चाहा मीरा ने अपना दूसरा हाथ रखकर उसे ऐसा करने से रोक लिया और कहने लगी,”वो आपका सपना है और हम नहीं चाहते हमारी वजह से वो अधूरा रहे !! जब तक आप साथ है हमे कुछ नहीं होगा लेकिन अगर आप दिल्ली नहीं गए तो हमे जिंदगीभर ये बात खलती रहेगी की सिर्फ हमारी वजह से आपने अपना सपना पूरा नहीं किया ! दिल्ली चले जाईये अक्षत जी , घर में सब चाहते है आप अपनी एंट्रेस एग्जाम दे बस आपके गुस्से की वजह से कोई आपसे कह नहीं रहा ! हम जानते है अभी भी आपको बहुत गुस्सा आ रहा होगा लेकिन हम मजबूर है ऐसा करने के लिए , अब आप वादा कर चुके है “
अक्षत ख़ामोशी से मीरा की बात सुनता रहा मीरा ने धीरे से अक्षत का हाथ छोड़ दिया अक्षत ने देखा चाय ठंडी हो रही थी तो उसने कहा,”चाय ठंडी हो रही है !” मीरा ने अक्षत की और देखा और कहा,”आप जायेंगे ना !”
“ठीक है लेकिन सिर्फ इस बार तुम्हारी बात मान रहा हु , आगे से ऐसी कोई बात नहीं मानूंगा !”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म्म पक्का !”,मीरा ने खुश होकर कहा और चाय का कप उठाकर पिने लगी ! अक्षत ने बहुत अच्छी चाय बनाई थी पर इस से भी ज्यादा ख़ुशी मीरा को इस बात की थी की अक्षत दिल्ली जा रहा है ! मीरा मुस्कुराते हुए चाय पि रही थी और अक्षत उसे देखकर सोचने लगा,”कितनी पागल हो ना तुम मीरा , इतने बड़े दर्द के बाद भी तुम मेरे सपनो के बारे में सोच रही हो ! कैसे कर लेती हो ये सब ? मैं दिल्ली जाऊंगा अपने सपने के लिए नहीं बल्कि तुमसे किये वादे के लिए ,, मैं चाहता हु जिंदगीभर मैं तुम्हे तुम्हारे मांगने से पहले वो सब दे दू जो तुम्हे चाहिए !”
दोनों कुछ देर वही बैठे रहे फिर राधा ने दोनों को अंदर बुला लिया ! अंदर आकर मीरा दादू के पास आकर बैठ गयी और उनकी मदद करने लगी वे अपने दोस्तों की लिस्ट बना रहे थे और अक्षत ऊपर अपने कमरे में चला गया अपनी पैकिंग करने !! अगली सुबह उसने अपना पीठ पर टांगने वाला बैग उठाया और निचे आया तो , सभी घरवाले हॉल में ही बैठे थे अक्षत को तैयार देखकर दादू ने कहा,”हां भई कहा की तैयारी हो रही है ?”
“दिल्ली जा रहा हु दादू , एंट्रेस है ना कल”,अक्षत ने कहा
“ये चमत्कार कैसे हुआ ?”,राधा ने कहा
“वो दादू के बगल में जो लड़की बैठी है ना , अपनी मासूम सी शक्ल बनाकर किसी से कुछ भी करवा सकती है !”,अक्षत ने कहा तो सब हसने लगे !
“अच्छा वो सब ठीक है , जाएगा कैसे ?”,अर्जुन ने अपनी हाथ घड़ी बांधते हुए कहा
“फ्लाइट से जा रहा हु , ट्रेन से गया तो टाइम से नहीं पहुँच पाऊंगा !”,अक्षत ने कहा !
“अच्छा चल मैं छोड़ देता हु , वैसे भी मैं किसी काम से बाहर जा रहा हु !”,अर्जुन ने कहा तो अक्षत मीरा की और देखने लगा , अर्जुन समझ गया उसके दिल का हाल तो उसने मीरा से कहा,”मीरा तुम भी चलो वैसे भी घर पर इतने दिनों से बोर हो गयी होगी ना !”
अक्षत मुस्कुरा उठा और दादू दादी राधा के पैर छूकर बाहर निकल गया ! बहार आकर उसने पीछे से अर्जुन को हग करते हुए कहा,”थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू सो मच भाई !”
“हाँ हाँ ठीक है ज्यादा मक्खन मत लगा , और सुन एंट्रेस होते ही जल्दी से चले आना जीजाजी और दी को भी साथ लाना है !”,अर्जुन ने साइड हग करते हुए कहा ! अक्षत मुस्कुराया और कहा,”सबको ले आऊंगा यार !”
दोनों आकर गाडी में बैठे कुछ देर बाद मीरा और निधि भी चली आई ! चारो एयरपोर्ट पहुंचे अक्षत ने एक दिन पहले ही टिकट बुक करवा रखी थी इसलिए उसे ज्यादा परेशानी नहीं हुई फ्लाईट में थोड़ा वक्त था इसलिए चारो वहा खड़े होकर कॉफी पि रहे थे ! जब अक्षत के जाने का वक्त हुआ तो उसने मीरा के पास आकर कहा,”मीरा Can i kiss you ?”
“क्या ?”, हैरानी से मीरा की आँखे फ़ैल गयी !
“i said , can i kiss you ?”,अक्षत ने कहा
मीरा ख़ामोशी से अक्षत को देखती रही उसकी धड़कने सामन्य से तेज थी अक्षत सबके सामने उस से ऐसी बात बोल रहा था ! मीरा को खामोश देखकर अक्षत थोड़ा आगे बढ़ा और मीरा के ललाट को अपने होठो से छूकर कहा,”टेक केयर !” अक्षत चला गया पर अपने पीछे छोड़ गया वो अहसास जो मीरा की रूह तक को छू गया !!
क्रमश – kitni-mohabbat-hai-39
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संजना किरोड़ीवाल