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कितनी मोहब्बत है – 26

Kitni Mohabbat Hai - 67

Kitni Mohabbat Hai - 67

Kitni mohabbat hai – 26

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

Kitni mohabbat hai – 26

अक्षत अपने दोनों कान पकडे मीरा के सामने खड़ा था ! कुछ देर पहले जब वह मीरा पर चिल्लाया था तब मीरा की आँखों में आंसू उभर आये थे लेकिन अब अक्षत को देखकर वह मुस्कुरा रही थी उसने अक्षत के हाथ निचे किये और कहा,”कुछ नहीं हो सकता आपका”
“तुम चाहो तो बहुत कुछ हो सकता है !”,अक्षत ने शरारत से मीरा की आँखों में झांकते हुए कहा ! अक्षत की इस बात से मीरा ने नजरे चुरा ली और जाने लगी तो अक्षत ने कहा,”चलो ना मीरा , प्लीज !
“ठीक है चलिए !”,मीरा ने वापस आते हुए कहा !
“अरे अभी तो तुम नाराज थी अब मान भी गयी !”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“अपनों से कैसी नाराजगी ?”,मीरा ने प्यार से उसकी आँखों में झांकते हुए कहा !
अक्षत का मन किया मीरा की इस बात पर अपना दिल निकालकर रख दे ! पर उसने ऐसा कुछ नहीं किया और मुस्कुराता हुआ गाड़ी की तरफ बढ़ गया ! मीरा भी आकर बैठ गयी अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और दोनों घर से निकल गए ! दोनों बहुत खुश थे पर खामोश थे एक दूसरे को अच्छे से जानते भी थे और एक दूसरे को चाहते भी थे लेकिन ये खामोशियाँ ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही थी ! कुछ दूर चले थे की अक्षत ने ही बात की शुरुआत करते हुए कहा,”तुम्हे तुम्हारा एडमिट कार्ड मिल गया ?
“जी !
“तुम क्या हमेशा ऐसे ही बात करती हो ? जी , हम , हां जी “
“जी , बचपन से ही
“मत किया करो”
“क्यों नहीं करे ?
अक्षत मुस्कुराया और कहा,”जी , हाँ जी कहकर बात करने वाली लड़किया वाइफ मेटेरियल होती है !”
“अच्छा जी , लेकिन इसमें गलत क्या है ? किसी को रिस्पेक्ट देना अच्छी बात है
“हां तुम्हारा बस चले तो तुम तो दुनिया की हर चीज को रिस्पेक्ट दो ! है ना
“आप मजाक उड़ा रहे है , हमारा
“ह्म्म्मम्म , हां”
अक्षत ने कहा तो मीरा खीजकर दूसरी और देखने लगी ! अक्षत को बहुत हंसी आ रही थी रही सही में उसने ये कसर गाना चला कर पूरी कर दी ! म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा,”कुछ खास है , कुछ पास है !! कुछ अजनबी अहसास है
कुछ दूरिया नजदीकियां , कुछ हंस पड़ी तन्हाईया
क्या ये खुमार है , क्या ऐतबार है
शायद ये प्यार है प्यार है शायद !!
क्या ये बहार है , क्या इंतजार है
शायद ये प्यार है प्यार है शायद !!
गाना बहुत खूबसूरत था , शाम का मौसम और उस पर मीरा अक्षत का साथ ! गाना सुनते ही मीरा का गुस्सा छू मंतर हो गया उसने अक्षत की और पलटकर कहा,”आप ऐसे गाने भी सुनते है ?”
“ऐसे गाने मतलब ?”,अक्षत ने सामने देखते हुए पूछा !
“मतलब इस तरह के रोमांटिक गाने सुनते हमने आपको कभी नहीं देखा !”,मीरा ने हिचकिचाते हुए कहा !
“तुम्हारा मतलब मैं रोमांटिक नहीं हु !”,अक्षत ने मीरा को घूरकर देखते हुए कहा
“हम्म्म्म , नहीं मतलब आप थोड़े स,,,,,,”,कहते कहते मीरा रुक गई तो अक्षत ने कहा,”तुम्हारे कहने का मतलब है मैं सडु हु !”
“नहीं नहीं नहीं नहीं , हमारा वो मतलब नहीं है !”,मीरा ने जल्दी से कहा
“मुझे सब पता है , ये जो मन ही मन में तुम मुझे सडु कहकर बुलाती हो ना सब समझता हु मैं ! पर तुम्हारे ये सुनकर बुरा नहीं लगता”,अक्षत कहते कहते फिर मुस्कुरा उठा !
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस प्यार से अक्षत को देखते हुए सोचने लगी,”आप इतने बुरे भी नहीं हो जितना खुद को दिखाते हो !”
“कुछ कहा तुमने ?”,अक्षत ने उसकी और देखकर कहा
“न न नहीं , नहीं तो !”,मीरा हड़बड़ा गयी लगा शायद अक्षत ने उसकी बात सुन ली हो ! अक्षत ने फिर अपना ध्यान स्टेयरिंग पर जमा लिया ! गाड़ी मार्किट पहुंची अक्षत ने गाड़ी को साइड में लगाया और दोनों निचे उतरकर माल में चले आये ! भीड़ से वह जगह खचाखच भरी हुई थी ये देखकर मीरा का दिल घबरा रहा था ! अक्षत ने देखा तो उसका हाथ पकड़कर पलके झुकाकर अहसास दिलाया की वह उसके साथ है ! दोनों वहा से निकलकर ऊपर चले आये ! एक शॉप से अक्षत ने अपने लिए कुछ जींस और शर्ट्स देखे कुछ पसंद नहीं आ रहा था उसे , आता भी कैसे वो खुद इतना कॉम्प्लिकेटेड था तो उसकी पसंद भी उतनी ही कॉम्प्लिकेटेड होनी थी ! एक घंटे तब जब कुछ पसंद नहीं आया और उसके सामने कपड़ो का ढेर लग गया
अक्षत को कुछ पसंद नहीं आया तो मीरा उसके पास आयी और कहा,”ऐसे तो आपको कुछ पसंद नहीं आएगा ! रुकिए हम देखते है !”
मीरा ने लड़के से कपडे दिखाने को कहा उसने एक हल्के आसमानी रंग का शर्ट उठाया और अक्षत से लगाकर देखते हुए कहा,”परफेक्ट !!
“भैया ये कर दीजिये !”, मीरा ने वह शर्ट लड़के को दे दी ! अक्षत ख़ामोशी से देखता रहा मीरा ने 10 मिनिट में अक्षत के लिए 4 जोड़ी कपडे सेलेक्ट कर दिए ! दुकान वाला लड़का और अक्षत दोनों कभी मीरा को देखते तो कभी एक दूसरे को !! लड़की होकर वो इतनी जल्दी सेलेक्शन कर रही थी जबकि अक्षत पिछले एक घंटे से कुछ नहीं देख पाया था ! अक्षत को हक्का बक्का देखकर मीरा उसके पास आयी और कहा,”जिंदगी में अगर हर चीज अपनी पसंद की देखोगे तो पिचई रह जाओगे , इसलिए कुछ चीजे दुसरो के पसंद की भी होनी चाहिए !”
“तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है !”,अक्षत ने कहा !
“जानते है”,कहकर मीरा वहा से साइड में चली गयी ! दुकान वाला लड़का अक्षत के पास आया और कहा,”भैया सच में उनकी पंसद बहुत यूनीक है , पर कैसे ?”
अक्षत मुस्कुराते हुए लड़के की और पलटा और कहा,”मुझे देख लो , मैं भी उनकी पसंद में से ही एक हु !”
“अच्छा तो वो आपकी गर्लफ्रेंड है !”,लड़के ने अक्षत के साथ सहज होते हुए कहा
“भाभी है तुम्हारी , अब चलकर बिल बनाओ”,अक्षत ने मीरा की और देखते हुए कहा दूर खड़ी कपडे देखने में बिजी थी ! लड़के ने बिल बनाकर अक्षत को थमा दिया और साथ ही कपड़ो के बैग्स भी ! मीरा और अक्षत बाहर आ गए तब तक हल्का अन्धेरा हो चुका था ! अक्षत ने बैग पिछली सीट पर रखे ओर मीरा के पास आकर कहा,”यहा पास में ही एक पावभाजी वाला है वो बहुत अच्छी पावभाजी बनाता है , चले खाने !!”
“ठीक है !”,मीरा ने कहा !
दोनों पैदल ही चल पड़े ! चलते चलते दोनों पावभाजी वाले के पास पहुंचे अक्षत ने लड़के से दो प्लेट लगाने को कहा और पास रखी बेंच पर आकर मीरा के साथ बैठ गया ! बैठे बैठे अक्षत की नजर मीरा पर चली गयी उसका गोरा रंग चमचमाती लाईटो की रौशनी में और भी खूबसूरत लग रहा था , उसकी आँखे किसी दिए की लौ जैसे लग रही थी जो बार बार पलको की ओट में छुप जाती ! उसके बाल हवा में उड़कर बार बार उसकी आँखो और उसके गालो को छू रहा था ! वो अपनी खाली आँखों से सामने सड़क पर दौड़ती गाड़ियों को एकटक देख रही थी ! अक्षत ने मीरा के सामने हाथ हिलाते हुए कहा,”कहा खोयी हो ?”
“कही नहीं इन भागते लोगो को देख रहे है ! आखिर सब इतना जल्दी में क्यों रहते है ?”,मीरा ने अपनी नजरे अक्षत पर जमाते हुए कहा
“वो इसलिए ताकि कुछ छूट ना जाये और वो जिंदगी का एक एक पल जी सके !”,अक्षत ने कहा
“लेकिन कुछ ना कुछ तो छुटेगा ही ना , भागने से हम जिंदगी का वो सुख नहीं ले सकते जो कुछ छोड़कर ले सकते है ! सारी चीजों को साथ लेकर चलेंगे तो चल नहीं पाएंगे !”,मीरा ने कहा
“तुम्हे तो प्रोफ़ेसर होना चाहिए !”,अक्षत ने मीरा का मजाक उड़ाते हुए कहा
“इसमें प्रोफ़ेसर वाली कोनसी बात है ? हमे ऐसा लगता है इसलिए हमने कहा”,मीरा ज़रा सा खीज गयी ! तब तक लड़का उन दोनों के लिए प्लेट्स ले आया और उनके सामने रखकर चला गया ! दोनों चुपचाप खाने लगे ! पावभाजी सच में टेस्टी थी मीरा बड़े चाव से खा रही थी और अक्षत बस प्यार से उसे खाते हुए देख रहा था ! खाते खाते मीरा की नजर अक्षत पर गयी तो उसने पाया वो उसे ही देख रहा है ! मीरा थोड़ा झेंप गयी और धीरे धीरे खाने लगी उसकी इस हरकत पर अक्षत मुस्कुराये बिना ना रह सका !
पावभाजी खाने के बाद दोनों उठे ! अक्षत ने बिल चुकाया और मीरा के साथ साथ फुटपाथ पर चल पड़ा ! चलते चलते मीरा ने कहा,”पावभाजी अच्छी थी !”
“हां ठीक थी , और कुछ खाना है !”,अक्षत ने पूछा
“नहीं !”,मीरा ने कहा
“अच्छा तुमसे एक बात पुछु ?”,अक्षत ने कहा
“जी !
“तुम्हे कैसा लड़का चाहिए ?
“मतलब ?
“मतलब शादी के लिए तुम्हे कैसा लड़का चाहिए ?
“हमे !
“हां तुम्हे ही , अब मैं तो लड़के से शादी कर नहीं पाउँगा न (मजाक उडाता है तो मीरा झेंप गयी )
“वैरी फनी , हमे ऐसा लड़का चाहिए जो शांत रहने वाला हो , जिन्हे गुस्सा ना आये , जो सब्र करना जानते हो , स्मोकिंग/ड्रिंकिंग न करते हो , रिश्तो की इज्जत करना जानते हो ! स्मार्ट ना हो तब भी चलेगा बस वो दिल के अच्छे हो !”
“फिर तो मेरा कुछ नहीं हो सकता , एक ही तो क्वालिटी थी वो भी नहीं चाहिए इसको”,अक्षत ने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा
” कुछ कहा आपने ?”,मीरा ने अक्षत को बड़बड़ाते हुए देखकर कहा
“नहीं , अच्छी लिस्ट बनाई है तुमने !”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म्म !”,मीरा ने कहा
दोनों चलते हुए गाड़ी के पास आये और बैठ गए ! अक्षत ने गाड़ी निकाली और दोनों वहा से निकल गए ! एक शॉप के सामने आकर उसने गाड़ी रोकी और मीरा से वही गाड़ी में बैठने को कहा ! मीरा वही रुक गयी और गाड़ी में रखी किताब पढ़ने लगी अक्षत शॉप में गया और कुछ सामान लेने लगा ! मीरा किताब पढ़ते हुए बोर होने लगी तो उसने किताब वापस डेशबोर्ड पर रख दी ! वह गाड़ी से उतरी और बाहर टहलने लगी ! अँधेरा काफी हो चुका था उसने हाथ पर बंधी घडी में देखा जो की रात के 8 बजा रही थी ! मीरा ने पीठ गाड़ी से लगा ली और सामने दुकान में खड़े अक्षत को देखने लगी !! बस दो राते और उसके बाद वह अक्षत को नहीं देख पायेगी ! मीरा के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी और आँखों में ख्वाब दस्तक देने लगे !! अक्षत इस सब से बेखबर सामान लेने में बीजी था ! ठंडी हवाएं चल रही थी जिस से मीरा को अब ठण्ड का अहसास होने लगा था उसने दोनों हाथो को आपस में समेट लिया और वही खड़ी रही ! कुछ देर बाद अक्षत आया मीरा को बाहर देखकर उसने अपना जैकेट निकाला और उसकी और बढाकर कहा,”मैंने मना किया था ना बाहर निकलने से , कितनी ठंडी है यहाँ !”
“अरे हम ठीक है , बल्कि हमे तो अच्छा लग रहा है !”,मीरा ने कहा
“अभी अच्छा लग रहा है , बाद में बीमार हो जाओगी ! पहनो इसे , अभी मैं हु इसलिए पूछ रहा हु एक बार दिल्ली चला गया ना तो कोई पूछेगा भी नहीं !”,अक्षत ने कहा तो मीरा का चेहरा उदासी से घिर गया ! उसे उदास देखकर अक्षत फिर से उसके पास आया और कहा,”क्या हुआ।?”
“दिल्ली जाना जरुरी है !”,मीरा इस वक्त अपने मन के जज्बातो को काबू नहीं कर पाई !
अक्षत थोड़ा मीरा के करीब आया और कहा,”नहीं जरुरी नहीं है , लेकिन जिस तरह के सपने मैं देख रहा हु वो यहाँ पुरे नहीं हो सकते मीरा !!”
“आपके सपने जरूर पुरे होंगे , हम प्रार्थना करेंगे आपको वो सब मिले जो आप चाहते है !”,मीरा मुस्कुरा दी !
“जो मुझे चाहिए वो तो मेरे सामने ही है !”,अक्षत ने मन ही मन मीरा को देखते हुए कहा ! दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे कुछ देर बाद पास से गुजरती गाड़ी के हॉर्न से दोनों का ध्यान टूटा तो अक्षत वहा से हट गया और जाकर ड्राइवर सीट पर बैठ गया ! मीरा भी चुपचाप आकर बैठ गयी !अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और दोनों घर के लिए निकल गए ! रास्ते भर मीरा ख़ामोशी से अक्षत को देखती रही ! वक्त कितनी जल्दी गुजर रहा था ये मीरा से बेहतर कोई नहीं जान सकता था ! अक्षत के लिए उसने मन में प्यार के अंकुर कब के फुट चुके थे बस अब तो उनका पनपना बाकि था ! अक्षत के साथ का पल उसके सबसे खूबसूरत पलो में से था ! दोनों में एक चीज एक जैसी थी और वो थी उनकी चुप्पी दोनों ही बहुत कम बातें किया करते थे ! अक्षत ने देखा तबसे दोनों खामोश है तो उसने गाना चला दिया – मैं रहु या ना रहु , तुम मुझमे कही बाकि रहना ! मुझे नींद आये जो आखरी तुम ख्वाबो में आते रहना ! बस इतना है तुमसे कहना , बस इतना है तुमसे कहना ! !

कहने को वो सिर्फ गाना था पर जाते जाते अक्षत मीरा को अपने प्यार का अहसास दिला रहा था ! खुलकर अभी कुछ कह नहीं सकता था इसलिए गानो का सहारा लिया ! मीरा ने नजरे घुमा ली और खिड़की के बाहर देखने लगी , ये गाना सुनते हुए अक्षत को देखने की हिम्मत उसमे नहीं थी ! दोनों घर पहुंचे तब तक रात के 9 बज चुके थे ! अक्षत ने गाड़ी पार्किंग में लगायी और सामान लेकर मीरा के साथ अंदर चला आया ! विजय खाना खाकर अपने कमरे में जा चुके थे ! दादा दादी भी टहलने निकल गए , सोफे पर बैठा अर्जुन लेपटॉप में कुछ काम कर रहा था मीरा और अक्षत को साथ देखकर वह मुस्कुराया और कहा,’इतनी रात में कहा से आ रहे हो दोनों ?”
“मार्किट गया था , परसो सुबह दिल्ली के लिए निकलना है तो कुछ शॉपिंग करनी थी !”, अक्षत ने कहा
मीरा वहा से चली गयी तो अर्जुन ने अक्षत को अपने पास बुलाया और धीरे से कहा,”कबसे चल रहा है ये सब ?”
“क्या कबसे चल रहा है ?”,अक्षत ने अनजान बनते हुए कहा और अर्जुन की बगल में सोफे पर आ बैठा
“मुझे सब दिख रहा है बेटा , जो नजदीकियां बढ़ रही है तुम्हारी हमारी दोस्त के साथ , मामला कुछ ठीक नहीं लग रहा !”,अर्जुन ने उसे छेड़ते हुए कहा
“आप अपनी वाली पर ध्यान दो ना !”,अक्षत ने चिढ़ते हुए कहा
“उस पर तो है ही मैं सोच रहा था क्यों ना तुम हां कर दो तो एक ही मंडप में दोनों शादी हो जाये , पापा के पैसे भी बच जायेंगे”,अर्जुन ने कहा
“बड़ी फ़िक्र हो रही है आपको पापा के पैसो की , भाभी बचत करना सीखा रही है ?”,अक्षत ने अर्जुन की टांग खींचते हुए कहा !
“ये सही है जब जवाब ना देना हो ना तो बात को घुमा दो !”,अर्जुन ने मुंह बनाकर कहा
“मैं जा रहा हु अपने कमरे में !”,अक्षत ने उठते हुए कहा और चला गया !
“अक्षत !”,अर्जुन ने जाते हुए अक्षत को आवाज लगाई
“ह्म्म्मम्म”,अक्षत ने पलटकर कहा
“साथ में अच्छे लगते हो दोनों !”,अर्जुन ने मुस्कुराकर कहा
“थैंक्स !”,अक्षत ने कहा और चला गया ! ऊपर अपने कमरे में आकर उसने अपना सामान साइड में रखा और हाथ मुंह धोने बाथरूम में चला गया !! जब बाहर आया तो देखा उसका फोन बज रहा है अक्षत ने फोन देखा तो मोना का कॉल था ! उसने उठाया और कहा – हेलो !
“कहा हो तुम ? कबसे तुम्हे कॉल कर रही हु , कोई रिस्पॉन्स नहीं तुम्हारा !
“थोड़ा बिजी था !
“कहा ?
“परसो दिल्ली जा रहा हु , उसी के लिए कुछ तैयारी करनी थी
“व्हाट ? दिल्ली , क्यों ?
“अपनी पढाई के लिए दिल्ली में एक महीने इंटर्नशिप है उसके बाद 2 साल डिग्री में लगेंगे !
“और तुम मुझे अब बता रहे हो ? (गुस्से से)
“इसमें बताने या ना बताने वाली कोनसी बात है ? मोना इट्स माय ओन डिसीजन मुझे कब क्या करना है इसके लिए तुम्हे बताना या तुम्हारी परमिशन लेना मैं जरुरी नहीं समझता ! (अपने गुस्से को रोकते हुए)
“ओह्ह्ह रियली ! मतलब मेरी कोई इम्पोर्टेंस नहीं है , ग्रेट होगी भी क्यों आजकल तुम्हारा ध्यान कही और जो लगने लगा है ,, लिस्टन मिस्टर अक्षत अगर तुमने मुझे धोखा देने की कोशिश भी की तो याद रखना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा
“तुमसे बुरा कोई हो भी नहीं सकता (मन ही मन कहता है ) अगर तुम्हे ये सब बकवास करनी है तो मैं फोन रखता हु मुझे और भी काम है !
“अच्छा बेबी सॉरी लिस्टन ना , तुम एक महीने के लिए दिल्ली जा रहे हो तुमसे मिल भी नहीं पाऊँगी ,, 5 मिनिट मिल सकती हु तुमसे !
“इस वक्त मैं नहीं आ सकता
“ओहके कल , प्लीज ना मत कहना कल शाम मिलते है ना ,, वैसे भी इन दिनों मैं हम एक दूसरे से ठीक से बात भी नहीं कर पाए है !! प्लीज़
“मोना (अक्षत उस से बिल्कुल मिलना नहीं चाहता था )
“प्लीज ना बेबी , आई ऍम सो सॉरी मैंने तुमसे गुस्से में बात की पर मैं क्या करू ? आई ऍम सो पजेसिव फॉर यू ना !
“इट्स ओके
“तो कल शाम हम मिल रहे है ना
“हम्म्म
“ओह्ह बेबी थैंक्यू थैंक्यू सो मच , आई लव यू !
“मैं रखता हु , बाय
मोना से बात करने के बाद अक्षत थोड़ा अपसेट हो गया और बिस्तर पर बैठकर सोचने लगा,”मीरा को पसंद करता हु लेकिन मोना को ये बात कैसे समझाऊ ? उसे कुछ बताया भी तो उसे कोई फर्क नहीं पडेगा उलटा वो मीरा को ही कोई नुकसान ना पहुंचा दे ! लेकिन मुझे जल्दी ही ये सब ख़त्म करना पडेगा ! मोना को ये अहसास दिलाना होगा की मैं उसके साथ खुश नहीं हु ना ही वो मेरे साथ खुश रह पायेगी !! मेरे लिए मीरा परफेक्ट है कैसे वो मेरे कहने से पहले ही मेरी हर बात समझ जाती है , मेरी हर बात चुपचाप सुन लेती है कभी शिकायत भी नहीं करती , सबका कितना ख्याल रखती है और मेरा तो कुछ ज्यादा ही ,, वो रोकती भी है तो किसी अच्छे के लिए ही !! मेरी पसंद ना पसंद सब पता है उसे उसके साथ वक्त का पता ही नहीं चलता है !! उसके साथ जो सुकून है वो कही नहीं है !!”
अक्षत सोचता रहा ! मीरा उसके जहन में घूमती रही और तभी उसके दरवाजे पर नोक हुआ !
अक्षत उठा और दरवाजा खोला तो हैरान था जिसके बारे में वह सोच रहा था वही उसके सामने खड़ी थी , हां मीरा उसके सामने खड़ी थी उसने धीरे से कहा,”आंटी ने आपको खाना खाने के लिए निचे बुलाया है !”
“मुझे भूख नहीं है !”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म्म , थोड़ा सा खा लीजिये !”,मीरा ने रिक्वेस्ट की
“नहीं , तुम जाओ !!”,अक्षत ने कहा तो मीरा वहा से चली गयी ! जैसे जैसे वक्त बीत रहा था अक्षत का जाना भी मुश्किल हो रहा था ! वहा जाकर वह मीरा से नहीं मिल पायेगा , ना देख पाएगा दिल्ली जाकर वह सबसे ज्यादा अगर कुछ मिस करने वाला है तो वह है मीरा ! मीरा ने निचे आकर खाना खाया और सबके जाने के बाद चुपके से एक प्लेट में खाना लेकर ऊपर चली आयी अक्षत बालकनी में खड़ा बाहर की और देख रहा था ! मीरा ने प्लेट टेबल पर रखा और अक्षत के पास चली आयी ! उसने अक्षत को चुप देखा तो कहने लगी,”आपका पेट क्या हवा खाकर भर जाता है ?”
“मतलब ?”,अक्षत ने चौंककर कहा
“मतलब जबसे आये है तबसे यही खड़े है , तो हमे लगा हवा खा रहे होंगे !”,मीरा ने कहा
“अगर ये जोक था तो बहुत ख़राब जोक था”,अक्षत ने कहा
“हमे जोक करना नहीं आता !! खाना लेकर आये है आपके लिए , चलकर खा लीजिये”,मीरा ने कहा
“तुम इतनी अच्छी क्यों हो यार ?”,अक्षत एकदम से मुस्कुरा उठा !
“हमने क्या किया ?”,मीरा ने हैरानी से पूछा
“मतलब तुम्हे मैं कुछ भी कह दू तुम्हे फर्क नहीं पड़ता है ना ! मेरे मना करने पर भी तुम खाना ले आयी “,अक्षत ने कहा
“अभी खिला रहे है ना इसलिए आपके इतने नखरे है , जब चले जायेंगे यहाँ से कोई नहीं पूछेगा !”,मीरा ने थाली से ढक्कन हटाते हुए कहा !
मीरा की ये बात सुनकर अक्षत को एक चुभन हुई वह आकर उसके सामने बैठा और बेचैन होकर कहा,”तुम चली जाओगी !”
“हां एक ना एक दिन तो हमे यहाँ से जाना ही होगा ना ! वैसे भी इस बार फाइनल्स है इसके बाद हम अपने लिए कोई नौकरी ढूंढ लेंगे और रहने के लिए जगह भी”,मीरा ने प्लेट अक्षत की और बढाकर कहा !
अक्षत को लगा जैसे किसी ने एक झटके में उसकी जान निकाल ली हो ! वह ख़ामोशी से बैठा खाने की प्लेट को देखता रहा मीरा उठी और कहा,”आप खाइये हम चलते है !”
“मीरा !”,अक्षत ने भर्राये गले से कहा
“जी !”,मीरा रुकी
“कुछ देर और रुकोगी यहाँ , जब तक मैं खाना खाऊ !”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म ठीक है !”,कहते हुए मीरा अक्षत के सामने बैठ गयी , अक्षत बुझे मन से खाने लगा निवाला उसके गले से निचे नहीं उतर रहा था , जहन में बस एक ही बात चल रही थी और वो था मीरा के जाने की बात !! अक्षत ने जैसे तैसे खाना गले से निचे उतारा ! मीरा ने बर्तन उठाये और जाने लगी तो अक्षत ने कहा,”दिल्ली में तुम्हारे हाथ की चाय को बहुत मिस करूंगा”
मीरा मुस्कुराते हुए पलटी और कहा,”सिर्फ चाय को , हमे नहीं !”
अक्षत ने मन ही मन में कहा,”तुम्हे भी !!” और एक बार फिर दोनों एक दूसरे दूसरे की आँखों में खो गए !!

क्रमश – Kitni mohabbat hai – 27

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संजना किरोड़ीवाल

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