Sanjana Kirodiwal

“हाँ ये मोहब्बत है” – 35

Haan Ye Mohabbat Hai – 35

heart a broken heart a broken

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 35

अक्षत जीजू को गले लगाए हुए था तभी अर्जुन वहा मीरा के साथ आया और कहा,”देखा मीरा मैंने कहा था ना इन दोनों का कुछ के बीच कुछ ना कुछ चल रहा है”
अर्जुन की बात सुनकर जीजू अक्षत से दूर हटे और कहा,”छी छी कैसी बातें करता है ये लड़का ? मैं तो बस इसे चीयर अप कर रहा था”


“जीजू बाहर ठण्ड है आप सब अंदर चलिए”,मीरा ने अक्षत की तरफ देखकर कहा हालाँकि वह उस से नाराज नहीं थी लेकिन कुछ देर पहले अक्षत जो उस पर चिल्लाया था उसके बाद मीरा ने उसे फ़िलहाल बात करना ठीक नहीं समझा।


“चलिए साले साहब”,जीजू ने उठते हुए कहा तो अक्षत भी उनके साथ उठ गया। चारो अंदर जाने लगे चलते चलते हुए जीजू ने अक्षत को मीरा से सॉरी बोलने का इशारा किया तो अक्षत ने अपना गला साफ किया और कहा,”मीरा’
“जी”,मीरा ने पलटकर कहा। जीजू ने अर्जुन को चलने का इशारा किया और दोनों घर के अंदर चले गए। मीरा और अक्षत दरवाजे के बाहर खड़े थे। अक्षत ने मीरा की तरफ देखा और कहा,”आई ऍम सॉरी मुझे तुम पर इस तरह से चिल्लाना नहीं चाहिए था”


“इट्स ओके , अंदर आ जाईये खाना लग चुका है”,मीरा ने बिना किसी भाव के कहा और वहा से चली गयी। अक्षत समझ गया की मीरा को हर्ट हुआ है वह बुझे मन से अंदर चला आया। हाथ मुंह धोकर अक्षत खाना खाने के लिए डायनिंग के पास आ बैठा। विजय जी , दादू पहले से वहा मौजूद थे। अर्जुन और सोमित जीजू भी आ बैठे। विजय जी ने अक्षत की तरफ देखा और कहा,”पापा बता रहे थे की आज शाम में एक आदमी तुमसे मिलने आया था और तुम उस पर गुस्सा हो रहे थे , कौन था वो ?”


“VS कम्पनी के MD मिस्टर सिंघानिया , जिस विक्की सिंघानिया के खिलाफ मैं केस लड़ रहा हूँ उसके पापा”,अक्षत ने कहा
“VS कम्पनी तो इंदौर में नंबर वन पर है , तो क्या उस लड़की का रे,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अर्जुन ने इतना ही कहा था की अक्षत ने सामने से आती राधा को देखकर उसकी बात काटते हुए कहा,”भाई खाना खाइये , ये बातें करने के लिए ये सही जगह नहीं है आप देख सकते है यहा चीकू और काव्या भी मौजूद है”


“आशु ठीक कह रहा है अर्जुन इस बारे में बाद में बात करेंगे , पहले सब चुपचाप खाना खाओ”,विजय जी ने कहा तो सब ख़ामोशी से खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद काव्या और चीकू हॉल में दादू के पास बैठकर अपना होमवर्क करने लगे और अमायरा भी वही बैठी दादू से बातें करते रही। मीरा , तनु , नीता और राधा खाना खा रहे थे। दादी माँ अपने कमरे में थी।

विजय जी ने अक्षत , अर्जुन और सोमित जीजू से अपने कमरे में आने को कहा। तीनो थोड़ी देर बाद विजय जी के कमरे में चले आये। विजय जी ने उन्हें बैठने का इशारा किया और फिर अक्षत की तरफ मुखातिब होकर कहा,”हाँ आशु अब बताओ की मिस्टर सिंघानिया यहाँ क्यों आये थे ?”


“पापा कुछ दिन पहले जो रेप हुआ था उस केस को अब मैं देख रहा हूँ। उस लड़की के साथ गलत करने वाला लड़का सिंघानिया जी का बेटा है। दो दिन बाद फिर से सुनवाई है और सिंघानिया जी चाहते है मैं ये केस छोड़ दू और उनके बेटे को बचा लू। इसी के लिए वो मुझे रिश्वत देने आये थे”,अक्षत ने कम शब्दों में अपनी बात विजय जी के सामने रख दी
“कैसे पिता है वो ये जानते हुए भी की उनके बेटे ने इतनी शर्मनाक हरकत की है वे उसे बचाना चाहते है ?”,विजय जी ने दुखभरे स्वर में कहा


“दुनिया का कोई भी बाप ये करेगा पापा , सिंघानिया जी भी अपने बेटे के मोह में सही गलत नहीं समझ पा रहे है”,अर्जुन ने दार्शनिक अंदाज में कहा
“एक पिता अपने बच्चो के लिए सब कर सकते है लेकिन गलत को सही साबित नहीं कर सकते अर्जुन , उस लड़के ने एक लड़की की जिंदगी खराब की है , क्या तुम्हे नहीं लगता उसे इंसाफ मिलना चाहिए ?”,विजय जी ने अर्जुन की तरफ देखकर कहा  
“सॉरी पापा मैं बस प्रेक्टिकल सोचकर बोल रहा था”,अर्जुन ने कहा


“भाई इट्स ओके , पापा मैं नहीं जानता ये लड़ाई कहा तक है पर मुझे छवि को इंसाफ दिलाने के लिए उनसे लड़ना पडेगा”,अक्षत ने कहा
“लेकिन उसके लिए तुम खुद को और अपने परिवार को खतरे में नहीं डाल सकते आशु ? गौतम सिंघानिया एक बहुत बड़ा आदमी है तुम्हे इस केस से हटाने के लिए वो कुछ भी करेगा”,इस बार सोमित जीजू ने कहा
“जानता हूँ जीजू लेकिंन मैं अपने परिवार पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आने दूंगा। दो दिन बाद फिर से सुनवाई है मैं कोशिश करूंगा इस बार विक्की सिंघानिया का जुर्म सबूत के साथ पेश कर सकू।

जब तक मैं उस लड़की को इंसाफ नहीं दिला देता मैं चैन से नहीं बैठूंगा जीजू ,,,,,,,,,,,,,,और आज सिंघानिया जी की हरकत ने ये साबित कर दिया की विक्की सिंघानिया दोषी है”,अक्षत ने कठोरता के साथ कहा
“मुझे तुम पर पूरा भरोसा है बेटा तुम जरूर सफल होंगे और हम लोगो की चिंता करने की तुम्हे जरा भी जरूरत नहीं है हम सब तुम्हारे साथ है”,विजय जी ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो अक्षत की आँखों में ख़ुशी के आँसू झिलमिलाने लगे।

ऐसा बहुत कम होता था जब विजय जी अक्षत की किसी बात पर सहमति जताते थे या उसकी पीठ थपथपाते थे। विजय जी की बात सुनकर अक्षत की हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी उसे अब अच्छा लग रहा था।
“मुझे अपने भाई पर पूरा भरोसा है”,अर्जुन ने भी अक्षत के कंधो पर हाथ रखते हुए कहा


“ये केस तो तू जीत जाएगा उस केस का क्या ? मीरा की अदालत में माफ़ी मंजूर हुयी या नहीं ?”,जीजू ने कहा तो अक्षत को याद आया की मीरा उस से नाराज है उसने विजय जी की तरफ देखा और अपना सर खुजाते हुए कहा,”पापा क्या मैं जा सकता हूँ ?”
“हाँ जाओ और जाकर मनाओ अपनी मीरा को”,विजय जी ने कहा तो अर्जुन और जीजू मुस्कुराने लगे और अक्षत वहा से चला गया।

अक्षत ने देखा मीरा हॉल में नहीं थी वह ऊपर चला आया। अक्षत ने कमरे में देखा मीरा कमरे में भी नहीं थी। अक्षत ने बालकनी में देखा , काव्या के कमरे में देखा और नीचे चला आया। नीचे किचन में भी नीता और तनु थी। अक्षत जैसे ही किचन में आया नीता ने पूछा,”देवर जी कुछ चाहिए आपको ?”
“हाँ वो मी,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं भाभी कुछ नहीं”,अक्षत ने कहा और वहा से चला गया। मीरा अक्षत को कही दिखाई नहीं दे रही थी। अक्षत घर के बाहर लॉन में आया मीरा वहा भी नहीं थी। रघु अपने कमरे की तरफ जा रहा था उसने उसे रोककर पूछा,”रघु मीरा को देखा क्या ?”


“नहीं भैया हम तो अभी अभी अंदर से आये है”,रघु ने कहा तो अक्षत ने उसे जाने का इशारा कर दिया .अक्षत अंदर जाने लगा तभी उसके जहन में जीजू की कही बात कोंध गयी “लेकिन उसके लिए तुम खुद को और अपने परिवार को खतरे में नहीं डाल सकते आशु ?” अक्षत को जैसे ही ये बात याद आयी उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। वह परेशान सा अंदर आया और सब जगह मीरा को ढूंढने लगा। उसे परेशान देखकर दादू ने कहा,”अरे आशु क्या हुआ ? किसे ढूंढ रहा है तू ?”


“दादू मीरा कही दिखाई नहीं दे रही”,अक्षत ने कहा
“मैंने थोड़ी देर पहले उसे छत पर,,,,,,,,,,,,,,,,,”,दादू ने कहा तो अक्षत बिना पूरी बात सुने ही जल्दी से भाग गया। अक्षत सीढिया चढ़ते हुए हैरान परेशान सा छत पर आया तो देखा मीरा दिवार के पास अकेले खड़ी है। अक्षत की जान में जान आयी उसने एक गहरी साँस ली और मीरा के पास चला आया। मीरा किसी सोच में डूबी हुई थी उसे अक्षत के आने का पता भी नहीं चला। अक्षत मीरा के बगल में आकर खड़ा हो गया।

मार्च का महीना था और हल्की ठण्ड भी थी। अक्षत मीरा के बगल में खड़ा उसके चेहरे की तरफ देखता रहा। मीरा वापस नीचे जाने के लिए जैसे ही पलटी अक्षत को वहा देखकर हैरानी से कहा,”आप यहाँ ?”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा बस मीरा का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और गले लगा लिया। अक्षत ने अपनी आँखे मूंद ली मीरा ने महसूस किया इस वक्त अक्षत की धड़कने सामान्य से तेज थी उसने धीरे से कहा,”अक्षत जी”
“मैं डर गया था मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब तुम पुरे घर में कही दिखाई नहीं दी तो मैं बैचैन हो गया।”,अक्षत ने काँपते स्वर में कहा


“अक्षत जी हम आपको परेशान करने के लिए यहाँ नहीं आये थे , बस मन थोड़ा बैचैन था इसलिए खुले आसमान के नीचे चले आये। हमारी माँ कहती थी जब भी मन परेशान हो तो कुछ देर बैठकर ख़ामोशी से खुले आसमन को देखना चाहिए इस से आपकी परेशानिया कुछ हद तक कम हो जाती है”,मीरा ने अक्षत की पीठ सहलाते हुए कहा। कुछ देर बाद अक्षत मीरा से दूर हुआ और उसके हाथो को थामकर नजरे  झुकाकर कहने लगा,”तुम्हारी इस परेशानी की वजह भी मैं ही हूँ मीरा , मुझे तुम पर इस तरह चिल्लाना नहीं चाहिए था

लेकिन उस वक्त मैं थोड़ा गुस्से में था। तुम्हे मेरा गुस्सा पसंद नहीं है इसलिए मैंने तुम्हे अंदर जाने को कहा। अभी जिन हालातो से मैं गुजर रहा हूँ उनमे मुझे सबसे ज्यादा तुम्हारे साथ की जरूरत है मीरा , मेरा गुस्सा तेज है मैं कोशिश करता हूँ कि मैं शांत रहू लेकिन लोगो की गलत बातें मुझे मजबूर कर देती है। मैं सब बर्दास्त कर सकता हूँ मीरा लेकिन कोई मेरी फॅमिली को नुकसान पहुँचाने की बात करे तो मैं खुद को नहीं रोक पाता। उस लड़की को इंसाफ दिलाना मेरे लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट है ,

हर वक्त उसका चेहरा मेरी आँखों के सामने घूमता है मीरा , उसके आँसू मुझे सोने नहीं देते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस घटिया लड़के की वजह से उसने कितनी तकलीफ सही है ये मैंने देखा है मीरा। अदालत में सबके सामने कितनी ही बार उसके जख्मो को कुरेदा जाता है ये सिर्फ मैं जानता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,

मैं उसे ऐसे हारते हुए नहीं देख सकता मीरा”
अक्षत की बातो से अब छवि के लिए दुःख छलकने लगा था मीरा ने अक्षत का चेहरा उठाया और अपने हाथो में लेकर कहा,”हमे आप पर भरोसा है , आप बहुत स्ट्रांग है और हम जानते है आप इस सिचुएशन को भी सम्हाल लेंगे। हम हमेशा आपके साथ है अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“मैंने तुम्हे भी हर्ट किया तुम भी तो मुझसे नाराज होगी न”,अक्षत ने कहा
“किसने कहा हम आपसे नाराज है ? वो तो हम बस नाराज होने की थोड़ी एक्टिंग कर रहे थे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम आपसे कभी नाराज नहीं रह सकते अक्षत जी”,मीरा ने बड़े ही प्यार से कहा
“मैं सच में बहुत कठोर हूँ ना मीरा ?”,अक्षत ने कहा
“कठोर नहीं आप थोड़े से सडू जरूर है”,मीरा ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा


“ये तुम इसलिए बोल रही हो क्योकि तुमने सिर्फ मेरा प्यार देखा है मेरा गुस्सा नहीं”,अक्षत ने अपने दोनों हाथो को बांधकर दिवार से पीठ लगाते हुए कहा
“हमे आपके गुस्से से भी प्यार है,,,,,,,,,,,,,,,,,इन्फेक्ट हमे आपकी सादगी , आपकी हॉटनेस , आपकी चिड़चिड़ाहट , आपके नखरो से भी प्यार है”,मीरा ने भी अक्षत की तरह खड़े होकर कहा तो अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”तुम पागल हो”
“आपसे थोड़ी कम”,मीरा ने भी मुस्कुराते हुए कहा


“पर तुम मेरे लिए बहुत अजीज हो मीरा , बहुत खास जिसे मैं कभी खोना नहीं चाहता”,अक्षत ने कहते हुए अपना सर धीरे से मीरा के कंधे पर रख दिया
अक्षत का सर मीरा के कंधे पर था और मीरा अपने हाथ से धीरे धीरे उसके गाल को थपथपा रही थी। ये नजारा देखने में काफी खूबसूरत था और आज कई दिनों बाद अक्षत ने मीरा के कंधे पर अपना सर ऐसे रखा था। काफी देर तक दोनों ख़ामोशी से वहा खड़े खुले आसमान में चमकते चाँद को देखते रहे। मीरा को अमायरा का ख्याल आया तो वह अक्षत के साथ नीचे चली आयी।

 अगली सुबह अक्षत जल्दी घर से निकल गया। कोर्ट ना जाकर वह छवि दीक्षित केस से जुडी जरुरी जानकारी जुटाने लगा। जहा से छवि का किडनेप हुआ था अक्षत वहा पहुंचा। होली का दिन होने के कारण वहा की अधिकांश दुकाने बंद थी बस मेडिकल स्टोर खुला था। अक्षत ने मेडिकल स्टोर वाले से बातचीत की लेकिन कुछ खास जानकारी हासिल नहीं हुई।

अक्षत वहा से चला आया उसने उस जगह को ध्यान से देखा और खुद से ही अंदाजा लगाने लगा तभी उसकी नजर पास ही की बिल्डिंग के बाहर लगे सिक्योरिटी कैमरे पर गयी। अक्षत उस घर में चला आया और वहा रहने वाले आदमी को अपना परिचय देकर उस से वारदात वाले दिन की फुटेज दिखाने की रिक्वेस्ट की।
आदमी ने उसे फुटेज दिखाए जिसमे एक वेन छवि को अगवा करके ले जा रही थी लेकिन वे लोग कौन थे ये कुछ पता नहीं चल रहा था। कुछ देर बाद अक्षत वहा से चला गया।

अक्षत छवि की दोस्तों से मिला , माधवी जी और छवि से भी बात की लेकिन ऐसा कोई पॉइंट उसे नहीं मिल पा रहा था जो विक्की सिंघानिया का सच सामने ले आये। अक्षत ने कुमार से मिलने की कोशिश की लेकिन कुमार शहर में नहीं था वह विक्की की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही शहर से बाहर चला गया। पूरा दिन गुजर गया लेकिन अक्षत के हाथ कोई सबूत नहीं लगा। इंस्पेक्टर कदम्ब भी अक्षत की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहा था। अक्षत ने छवि की डॉक्टर से भी बात की लेकिन उनसे भी उन्हें कुछ खास जानकारी हासिल नहीं हुई

सिवाय इसके की छवि का रेप हुआ था पर वो किसने किया ये अब एक रहस्य बन चुका था। आमतौर पर पुलिस वारदात की जगह से रेपिस्ट के सीमेन सेम्पल सबूत के तौर पर जमा करती है लेकिन जब पुलिस ने फार्महाउस की जाँच ली तो वहा ऐसा कोई सबूत नहीं मिला सिवाय विक्की के फुटप्रिंट्स और टूटी हुयी घडी के। अक्षत और इसंपेक्टर कदम्ब दोनों ही परेशान थे क्योकि 24 घंटे बीत चुके थे और उनके पास सिर्फ 24 घण्टे और बचे थे।

अगले दिन अक्षत कोर्ट पहुंचा। अक्षत के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं था जिस से ये साबित होता हो की विक्की सिंघानिया ने ही छवि का रेप किया है। अक्षत ने ठंडे दिमाग से सोचा और एक बार फिर शुरू से केस को स्टडी करना शुरू किया। छवि का VS कम्पनी ज्वाइन करना , विक्की से मिलना , उस नौकरी को छोड़ना , छवि का किडनेप होना और उसका रेप होना इन सब घटनाओ में एक तो ऐसा पॉइंट था जो अक्षत मिस कर रहा था। अक्षत ने अपने दिमाग पर जोर डाला तो उसे याद आया

की छवि ने VS कम्पनी में काम करने वाले अपने सीनियर को विक्की की हरकतों के बारे में बताया था। दूसरा पॉइंट अक्षत जो मिस कर रहा था वो था विक्की के दोस्त की कम्पनी में छवि का इंटरव्यू देने जाना और उसे विक्की का धमकाना। जैसे ही अक्षत को ये सब याद आया अक्षत ने एकदम से अपना कोट उठाया और वहा से चला गया। विक्की सिंघानिया केस के बाद से ही VS कम्पनी बंद थी और सारे एम्प्लॉय अपने घर में थे। अक्षत छवि के सीनियर वैभव के घर आया। दरवाजा वैभव की पत्नी ने खोला अक्षत को सामने देखकर उसने कहा,”आप कौन है ? और यहाँ कैसे ?”


“भारती कौन है ?”,वैभव ने दरवाजे पर आकर कहा जैसे ही उसने अक्षत को देखा दरवाजा बंद करना चाहा लेकिन अक्षत ने दरवाजे पर हाथ रखकर उसे रोकते हुए कहा,”मिस्टर वैभव 2 मिनिट मेरी बात सुन लीजिये प्लीज”
“देखिये मैं आपके आगे हाथ जोड़ता हूँ प्लीज मुझे और मेरी फॅमिली को इन सब में मत घसीटिये”,वैभव ने कहा
“जिस लड़की के साथ रेप हुआ है वो भी किसी की फॅमिली का हिस्सा है”,अक्षत ने कठोरता से कहा तो वैभव का हाथ दरवाजे से हट गया।


“मिस्टर वैभव प्लीज आप मेरी और उस लड़की की आखरी उम्मीद है प्लीज”,अक्षत ने कहा तो वैभव ने उसे अंदर आने दिया। अक्षत अंदर आकर बैठा वैभव की पत्नी अंदर चली गयी कुछ देर बाद वह दो कप चाय लेकर आयी उसने एक कप वैभव को दिया और दुसरा अक्षत की तरफ बढ़ा दिया।


“थेंक्यू”,अक्षत ने सहजता से कहा। वैभव की पत्नी वहा से चली गयी तो अक्षत ने वैभव से बात की और उसे कोर्ट में गवाही देने के लिए राजी कर लिया। वैभव अक्षत को दरवाजे तक छोड़ने आया और कहा,”अगर मेरी गवाही से छवि को इंसाफ मिलता है तो मैं ये जरूर करूंगा मिस्टर व्यास , मेरा जमीर जगाने के लिए थेंक्स”
“मैं कल आपका इंतजार करूंगा”,अक्षत ने कहा और वैभव से हाथ मिलाकर चला गया

वैभव को तो अक्षत ने गवाही के लिए जैसे तैसे मना लिया लेकिन विक्की के दोस्त को मनाना थोड़ा मुश्किल था। अक्षत परेशान सा इस बारे में सोच रहा था जब चित्रा ने देखा तो कहा,”सर क्या मैं आपकी कुछ हेल्प कर सकती हूँ ?”
“तुम इस केस में मेरी क्या हेल्प कर सकती हो ?”,अक्षत ने पूछा
चित्रा मुस्कुराई और कहा,”सर वकालत का एक उसूल है किसी को समझने के लिए उसके जैसा बनकर सोचना पड़ता है”


“मतलब ?”,अक्षत चित्रा की बातो में उलझते हुए कहा तो चित्रा ने उसे एक तरकीब बताई जो की थोड़ी अजीब थी लेकिन उसे सुनकर अक्षत ने कहा,”तुम्हे लगता है ये काम करेगा ?”
“फेल होने के डर से हम कोशिश करना तो नहीं छोड़ सकते ना सर”,चित्रा ने कहा
“हम्म्म कब करना होगा ?”,अक्षत ने पूछा


“हमे ये आज रात ही करना होगा सर कल 2 बजे अगली सुनवाई है उस से पहले”,चित्रा ने कहा तो अक्षत कुछ देर सोचता रहा और फिर अपना फोन निकालकर नंबर डॉयल करके कान से लगा लिया। कुछ देर बाद किसी ने फोन उठाया तो अक्षत ने कहा,”हेलो मीरा आज मैं तुम्हे लेने नहीं आ पाऊंगा तुम प्लीज ड्राइवर के साथ घर चली जाना”
अक्षत ने फोन काटकर जैसे ही जेब में रखा चित्रा ने अपनी आँखे मिचकाते हुए कहा,”गर्लफ्रेंड ?”
“नन ऑफ़ योर बिजनेस , काम पर ध्यान दो”,कहते हुए अक्षत वहा से चला गया लेकिन चित्रा को उसकी बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगा।

Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35

Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35Haan Ye Mohabbat Hai – 35

क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 36

Read More – “हाँ ये मोहब्बत है” – 34

Follow Me On – facebook

संजना किरोड़ीवाल 

sanjana kirodiwal books sanjana kirodiwal ranjhana season 2 sanjana kirodiwal kitni mohabbat hai sanjana kirodiwal manmarjiyan season 3 sanjana kirodiwal manmarjiyan season 1

Haan Ye Mohabbat Hai
Exit mobile version