Haan Ye Mohabbat Hai – 32
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Haan Ye Mohabbat Hai – 32
उसी शाम सिंघानिया जी के घर में उनके ऑफिस रूम में बैठे कुछ लोग बातें कर रहे थे। विक्की अपने कमरे में सो रहा था। पिछले कुछ दिनों में उसने जो कुछ भी झेला था उसके बाद उसे नींद की सख्त जरूरत थी। सिंघानिया जी ने पास खड़े रॉबिन को इशारा किया तो उसने सभी के ग्लासों में शराब उड़ेल दी।
“मणिशंकर मुझे तो लगा था कही तुम अपने तर्क से ये केस उलझा ना दो लेकिन सही वक्त पर मुझे वो विडिओ मिल गया और मैंने केस को गिरने से बचा लिया”,चोपड़ा जी ने शराब का एक घूंठ भरते हुए कहा
“अरे चोपड़ा जी , सिंघानिया जी हमारे अन्नदाता है भला इनकी परोसी हुई थाली को मैं कैसे इंकार करता ?”,मणिशंकर ने कहा
“वो सब तो ठीक है लेकिन कोर्ट ने अभी तक विक्की की बेगुनाही पर पूरी तरह से मंजूरी नहीं दी है। उसे अगली सुनवाई तक सिर्फ अंतरिम जमानत पर बाहर निकाला है। आगे भी इस केस को आप ही देखने वाले है”,चोपड़ा जी ने कहा
“चिंता करने की जरूरत नहीं है , जब तक छवि दीक्षित ठीक नहीं हो जाती और उसके ब्यान मजिस्ट्रेट के सामने फिर से नहीं हो जाते तब तक विक्की सेफ है , बस ध्यान रहे की ये बिना कोर्ट की परमिशन के शहर से बाहर ना जाये”,मणिशंकर ने शराब का घूंठ भरते हुए कहा
“हाँ लेकिन उस महिला संगठन मोर्चे और लोगो का क्या ? वो भड़के हुए है विक्की पर”,चोपड़ा जी ने कहा
“वो लोग कुछ दिन चिल्लायेंगे , सड़को पर मोर्चे निकालेंगे , मोमबत्तिया जलाएंगे और फिर एक दिन भूल जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर तक उस लड़की के साथ कोई खड़ा नहीं रहेगा। जैसे आज विक्की को जमानत मिली है
वैसे एक दिन उसे कोर्ट से बाइज्जत बरी भी कर दिया जाएगा और ये काम आप दोनों का है”,सिंघानिया जी ने बहुत ही गंभीरता से कहा
“अरे आप चिंता मत कीजिये सिंघानिया जी विक्की को कुछ नहीं होगा”,चोपड़ा जी ने सिंघानिया जी को आश्वासन देते हुए कहा।
विक्की को इंटरिम बेल मिलने की बात सुनकर अक्षत कोर्ट रूम से बाहर निकल गया। उसे समझ आ रहा था की बाकि रेप केसेज की तरह इस केस को भी दबा दिया जाएगा और आरोपी छूट जाएगा। छवि दीक्षित केस को कोर्ट ने आगे बढ़ा दिया है जब ये खबर कोर्ट के बाहर खड़े लोगो को पता चली तो काफी हंगामा हुआ। मिडिया इस बारे में बात करना चाहती थी लेकिन किसी को अंदर नहीं आने दिया। कमल जैसे ही माधवी को लेकर कोर्ट के बाहर आये मिडिया वालो ने उन्हें घेर लिया और उन पर सवालों की बौछार कर दी
“कोर्ट ने विक्की को जमानत पर रिहा कर दिया है इस बारे में आपका क्या कहना है ?”
“क्या विक्की सिंघानिया निर्दोष है ?”
“छवि दीक्षित के बयान को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया आपको कैसा लग रहा है ?”
“क्या आप इस केस को आगे तक लड़ना चाहेगी ?”
“छवि दीक्षित इस वक्त कहा है ? क्या वो इस बारे में जानती है ?”
“मैडम जवाब दीजिये क्या विक्की सिंघानिया इस आरोप से बच जाएगा ?”
इतने सारे सवाल एक साथ सुनकर माधवी के सब्र का बांध टूट गया और उसने तेज आवाज में कहा,”कोर्ट के ना मानने से विक्की सिंघानिया बेगुनाह साबित नहीं हो जाता। उसने मेरी बेटी के साथ जो किया है वो बहुत शर्मनाक और घिनोना था। अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए मैं ये केस अपनी आखरी साँस तक लड़ूंगी। कोर्ट ने मेरी बेटी के बयान नामंजूर किये है लेकिन बहुत जल्द पुरे सबूत के साथ मैं फिर लौटूंगी। मैं अपनी बेटी के गुनाहगारो को सजा दिलवाकर रहूंगी ये एक माँ का वादा है”
कहते हुए माधवी जी रो पड़ी। जैसे तैसे करके कमल उन्हें वहा से ले गया। छवि को जब पता चला की कोर्ट ने इस केस को आगे बढ़ा दिया है और विक्की को जमानत पर छोड़ दिया है तो उसका दिल और होंसला दोनों टूट गए। वो घंटो बिस्तर पर पड़ी आँसू बहाती रही। माधवी ने जब देखा तो उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर कहा,”नहीं बेटा ये वक्त आँसू बहाने का नहीं है , ईश्वर तुम्हारे साथ है तुम्हे इंसाफ के लिए लड़ना होगा। मैं तुम्हारे साथ हूँ जब तक तुम्हे इंसाफ नहीं मिल जाता मैं चैन से नहीं बैठूंगी”
माधवी की बाते सुनकर छवि फफक कर रो पड़ी। उसका इलाज चल रहा था लेकिन अभी वह इस हालत में नहीं थी की कोर्ट जाकर अपने लिए इंसाफ मांग सके। माधवी उसके पास बैठी रही और उसका सर सहलाते रही। हंसती खेलती छवि की जिंदगी अचानक से ऐसा मोड़ लेगी उसने कभी सोचा नहीं था।
कोर्ट बंद होने का समय हो गया। सभी जा चुके थे कुछ देर बाद चपरासी ने आकर कहा तो अक्षत की तंद्रा टूटी। उसने अपना बैग उठाया और केबिन बंद कर बाहर निकल गया। अक्षत ने अपनी गाड़ी निकाली और घर जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ा दी। रास्तेभर अक्षत छवि के बारे में सोचता रहा। कोर्ट ने भी उसके साथ नाइंसाफी की है अक्षत जानता था। उसे बहुत बुरा लग रहा था कि वह इस केस में कुछ नहीं कर पा रहा।
छवि के लिए जो वकील पुलिस प्रसाशन की तरफ से हायर हुआ था और वह वकील सिंघानिया जी का ही खास आदमी था जो उनके पक्ष में लड़ रहा था लेकिन छवि के साथ होने का दिखावा भी कर रहा था। मणिशंकर और चोपड़ा जी दोनों ही अक्षत से सीनियर लॉयर थे और अक्षत उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकता था लेकिन छवि के साथ होते अन्याय को देख नहीं पा रहा था। गुस्से में अक्षत ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी उसकी आँखों के सामने छवि , छवि की माँ के आँसू , कोर्ट रूम , कटघरे में खड़ा विक्की और लोग घूमने लगे।
हाई वे पर आकर एकदम से अक्षत ने गाड़ी को ब्रेक लगाया। उसने महसूस किया उसका दिल बहुत जोरो से धड़क रहा है। उसने गाड़ी को साइड में लगाया और गाड़ी से उतरकर बाहर आया। इस वक्त वह हाई वे के उसी पूल के पास खड़ा था जिसके नीचे पुलिस को छवि मिली थी। अक्षत कुछ देर वही खड़ा इन सबके बारे में सोचता रहा। फोन बजने से अक्षत की तंद्रा टूटी। अक्षत ने फोन देखा स्क्रीन पर मीरा का नंबर देखकर अक्षत ने फोन उठाया और कहा,”हाँ मीरा”
“आप घर कब तक आएंगे ?”,मीरा ने पूछा
“बस थोड़ी देर में पहुँच जाऊंगा , तुम्हे कुछ चाहिए ?”,अक्षत ने पूछा
“नहीं बस मन थोड़ा घबरा रहा था इसलिए आपको फोन किया , हम इंतजार करेंगे”,मीरा ने कहा
“हम्म मैं आता हूँ”,कहकर अक्षत ने फोन काट दिया। अक्षत इस वक्त काफी परेशान था जो कुछ भी हो रहा था वो अक्षत को खुद से जुड़ा हुआ महसूस होने लगा। ऐसा क्यों था वह खुद भी नहीं जानता था उसने अपने बालों में से हाथ निकाले एक गहरी साँस ली और वहा से चला गया।
अक्षत घर पहुंचा तब तक सभी घरवाले खाना खा चुके थे। अक्षत कपडे बदलकर आया और डायनिंग के पास पड़ी कुर्सी खिसकाकर बैठ गया। अमायरा ने अक्षत को चुप चुप देखा तो उसके पास चली आयी और उसकी बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”पापा , का हुआ ?”
अमायरा की आवाज सुनकर अक्षत की तंद्रा फिर टूटी और उसने अमायरा की तरफ देखकर कहा,”कुछ नहीं बेटा बस ऐसे ही , तुम बताओ तुमने खाना खाया ?”
“हम्म्म , पापा आपका सर डुख रहा है ?”,अमायरा ने अटकते हुए पूछा
अक्षत ने सूना तो अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और झुककर उसके सर को चूमते हुए कहा,”पापा बिल्कुल ठीक है , पापा तुम्हारी तरह स्ट्रांग है ना”
“मेरे पापा बहुत बहुत बहुत स्टॉन्ग है”,अमायरा ने बड़े ही प्यार से अक्षत की बाँह थामकर अपना सर उसकी बाँह से लगाते हुए कहा। अक्षत ने उसका सर सहलाया इतने में मीरा खाना ले आयी और अक्षत के सामने प्लेट रखते हुए कहा,”आज आपने आने में देर की”
“हाँ वो थोड़ा सा बिजी था , तुमने खाना खाया ?”,अक्षत ने पूछा
“आप खाइये हम खा लेंगे”,मीरा ने कहा
“बैठो मैं अकेले इतना नहीं खा पाऊंगा”,अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़कर उसे बैठाते हुए कहा तो मीरा अमायरा के बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। अक्षत चुपचाप खाना खाने लगा। मीरा खाना खाते हुए बस उसके चेहरे को देखे जा रही थी। अक्षत के चेहरे पर आये परेशानी के भाव मीरा साफ देख पा रही थी। खाना खाने के बाद अक्षत ऊपर कमरे में चला आया। बिस्तर पर बैठा वह दिवार से सर लगाए किसी सोच में डूबा था। मीरा निचे थी।
अमायरा कमरे में आयी और अक्षत की गोद में आकर उसने अपना सर अक्षत के सीने पर रखा और लेट गयी। अक्षत उसकी पीठ थपथपाते हुए सुलाने लगा। थोड़ी देर में ही अमायरा को नींद आ गयी। मीरा कमरे में आयी तो उसने अमायरा को सोते देखकर कहा,”अक्षत जी लाईये हम इसे सुला देते है”
अक्षत ने हाथ से मीरा को रुकने का इशारा किया और धीरे से अपनी गोद में सोई अमायरा को बगल में लेटा दिया।
उसने उसे अच्छे से कम्बल ओढ़ा दी। अक्षत उठा और बाथरूम की तरफ चला गया। वापस आया तो देखा मीरा खिड़की के पास बैठी है। उसने अक्षत को अपने पास आने का इशारा किया। अक्षत मीरा के पास चला आया मीरा ने उसे नीचे बैठने के इशारा किया और खुद उसके बालो में तेल लगाने लगी। अक्षत को थोड़ा आराम मिला तो उसने कहा,”मीरा मुझे तुमसे कुछ बात करनी है”
“कहिये ना हम तो हमेशा आपकी बात सुनने के लिए फ्री है”,मीरा ने माहौल को थोड़ा लाइट करने के लिए कहा
अक्षत मीरा की तरफ पलटा और कोर्ट रूम में हुयी सारी बात मीरा को बता दी। मीरा ने सूना तो कहा,”ये तो बहुत गलत हुआ अक्षत जी , इस वक्त उस लड़की पर क्या गुजर रही होगी ? आपके कोर्ट वाले ऐसा फैसला कैसे सूना सकते है ? एक लड़की के साथ गलत हुआ है इसके लिए उस लड़की को क्या अब सबूत भी पेश करने होंगे ?”
“मीरा कानून दलील और सबूत के बल पर चलता है इमोशंस पर नहीं। छवि के साथ जो हुआ उसे साबित करने के लिए सबूत जरुरी है उस लड़की का दर्द नहीं,,,,,,,,,,आज कोर्ट रूम में मैं उस लड़की के लिए कुछ नहीं कर पाया बस सबके साथ खड़ा तमाशा देखता रहा”,अक्षत ने बुझे मन से कहा
“आप अब भी बहुत कुछ कर सकते है अक्षत जी , हमे कानून की ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन आप चाहे तो अपनी तरफ से छवि के लिए चुपचाप इस केस को इन्वेस्टीगेट कर सकते है। विक्की सिंघानिया पैसे वाला है उसके पापा उसे बचाने के लिए किसी भी हद तक जायेंगे इसलिए इस केस में किसी पर भरोसा करना भी आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। आपको अकेले ही सब करना होगा,,,,,,,,,,,,,और हमे यकीन है आप ये कर लेंगे”,मीरा ने विश्वास भरे स्वर में कहा
अक्षत ने उसके हाथो को थामते हुए कहा,”ये तो मैंने सोचा ही नहीं था मीरा , थैंक्स”
“हाँ मिस्टर सडु आजकल आप ज्यादा ही टेंशन लेने लगे है इसलिए कभी कभी आपके दिमाग में ऐसी बाते नहीं आती लेकिन हम है ना हम हमेशा आपके साथ है आपको गाइड करने के लिए”,मीरा ने शरारत से कहा तो अक्षत मुस्कुराने लगा
मीरा से बात करने के बाद अक्षत का मन काफी हल्का हो चुका था कुछ देर बाद अक्षत ने मीरा से सोने को कहा और खुद अपनी स्टडी टेबल पर आ बैठा और छवि दीक्षित केस की जानकारी हासिल करने लगा।
देखते ही देखते 2 हफ्ते गुजर गए। छवि की तबियत में भी काफी सुधार था। कुछ मेडिसीन और सुझाव के साथ डॉक्टर ने उसे घर जाने की परमिशन भी दे दी।
इंस्पेक्टर कदम्ब को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने एक बार फिर छवि के बयानों के आधार पर रिपोर्ट बनाई और कोर्ट में आवेदन पेश किया। छवि का मेडिकल पहले ही हो चुका था जिसमे ये साबित हो चुका था की उसके साथ दुष्कर्म हुआ है।
मेडिकल रिपोर्ट के साथ साथ छवि और उसके घरवालों का बयान भी दर्ज किया गया। दो दिन बाद ही छवि मजिस्ट्रेट के सामने बयानों के लिए हाजिर हुई। अपने साथ हुए हादसे को बताते हुए वह ना जाने कितनी ही बार कमजोर पड़ी और रोने लगी। उसके बयान दर्ज हुये और कोर्ट की तरफ से एक बार फिर विक्की सिंघानिया के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ और इंस्पेकटर कदम्ब ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इंस्पेक्टर कदम्ब की रिपोर्ट और सबूत इस बार इतने पुख्ता थे की कोर्ट ने विक्की की जमानत को भी ख़ारिज कर दिया और 2 दिन बाद ही इस केस की पहली सुनवाई रखी गयी। छवि के साथ उसकी माँ और मामा कमल था। कोर्ट और पुलिस स्टेशन में हुई सभी खानापूर्ति के बाद छवि घर आ गयी। आसपास के लोग उसे अजीब नजरो से देख रहे थे। पड़ोसियों ने तो उनके घर आना भी बंद कर दिया था।
छवि अंदर ही अंदर से पूरी तरह टूटने लगी थी लेकिन उसे इंसाफ के लिए लड़ना था। चूँकि मणिशंकर सिंघानिया जी का आदमी था लेकिन छवि का वकील होने के नाते वह इस केस से पीछे भी नहीं हट सकता था। सुनवाई से एक रात पहले मणिशंकर घर जा रहा था तभी एक गाड़ी ने तेजी से उसे टक्कर मारी , गनीमत था मणिशंकर की जान नहीं गयी और वह बेहोश हो गया। मणिशंकर का एक्सीडेंट हुआ है इसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
अगली सुबह छवि कोर्टरूम में अपनी माँ और मामा के साथ बैठी हुई थी। सिंघानिया जी और उनके मैनेजर भी वहा मौजूद थे। सिंघानिया जी ने एक नजर छवि को देखा और फिर सामने देखने लगे। विक्की कटघरे में खड़ा था उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे।
छवि बात बार परेशान सी कोर्ट रूम के दरवाजे को देख रही थी उसका वकील अभी तक नहीं आया था। छवि के चेहरे पर परेशानी के भाव देखकर कमल जी उठे और कहा,”मैं अभी उन्हें फोन करके आता हूँ”
छवि बेचैनी से अपने हाथो की उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी। कोर्ट रूम में जमा भीड़ की नजरे उसी पर थी , उसका मन बहुत घबरा रहा था। कमल जी ने बाहर आकर मणिशंकर को फोन लगाया लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था। कमल जी परेशानी से कोर्ट रूम के दरवाजे पर आये छवि को देखकर उन्होंने ना में गर्दन हिला दी तो छवि के चेहरे पर मायूसी छाने लगी।
कुछ देर बाद जज साहब आये तो सभी अपनी अपनी जगह खड़े हो गए। जज साहब ने हथोड़ा टेबल पर मारते हुए सबसे बैठने का इशारा किया और कहा,”आज की कार्यवाही शुरू की जाये”
“माय लार्ड आज की कार्यवाही तो तब शुरू होगी जब मेरे साथी वकील यहाँ मौजूद होंगे”,चोपड़ा जी ने अपनी जगह खड़े होकर कहा
जज साहब ने देखा की छवि के वकील वहा मौजूद नहीं है तो उन्होंने कहा,”मिस छवि आपके वकील कहा है ?”
छवि की आँखो में आँसू भर आये उसके पास जज साहब के सवालो का कोई जवाब नहीं था। जज साहब ने कुछ देर इंतजार किया और कहा,”मिस छवि अगर 10 मिनिट में आपके वकील यहा नहीं पहुँचते है तो मुझे इस केस को यही स्थगित करना होगा”
10 मिनिट के लिए जज साहब अपनी कुर्सी से उठकर चले गए। सिंघानिया जी ने चोपड़ा जी की तरफ देखा और मुस्कुरा उठे।
जज साहब की बात सुनकर कोर्ट में मौजूद लोगो के बीच खुसर फुसर होने लगी। छवि की आँखों में आँसू भरे हुए थे वह बाहर आयी और अपने मामा से पूछा,”
मामाजी क्या हुआ ? वकील साहब कहा है वो आएंगे या नहीं ?”
“उनका फोन बंद आ रहा है बेटा”,कमल जी ने बुझे मन से कहा तो छवि ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया। परेशानी और तकलीफ के भाव उसके चेहरे पर उभर आये। वकील का ना आना इस बात की तरफ साफ साफ इशारा कर रहा था की विक्की सिंघानिया आसानी से बच जाएगा। 10 मिनिट खत्म हो गए लेकिन मणिशंकर नहीं आया।
जज साहब आकर एक बार फिर अपनी कुर्सी पर बैठे और अदालत शुरू हुई। मणिशंकर को वहा ना पाकर चोपड़ा जी अपनी कुर्सी से उठकर आगे आये और कहा,”माय लार्ड मेरे साथी वकील अभी तक अदालत में पेश नहीं हुए है ये आपका और इस कोर्ट रूम का अपमान है , खामखा अदालत और हम सब का वक्त जाया किया जा रहा है। मैं अदालत से दरख्वास्त करना चाहूंगा कि इस केस को बंद कर दिया जाये और मेरे क्लाइंट मिस्टर विक्की सिंघानिया को बाइज्जत बरी किया जाये , देट्स ऑल माय लार्ड”
“मिस छवि आप कटघरे में आकर अपनी बात रख सकती है”,जज साहब ने छवि के साथ नरमी बरतते हुए कहा
छवि कटघरे में आयी उसकी आँखों में आँसू भरे हुए थे , विक्की को देखते ही उसे वो मनहूस शाम याद गयी उसने अपना सर झुका लिया उसके पास कहने के लिए शब्द नहीं थे। जज साहब ने देखा तो कहने लगे,”वादी के वकील का अदालत में मौजूद ना होना उनके गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाती है लिहाजा ये अदालत,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ऑब्जेक्शन माय लार्ड”,एक तेज और स्पष्ट आवाज कोर्ट रूम में गुंजी और सभी की नजरे दरवाजे पर खड़े “अक्षत व्यास” पर चली गयी। अक्षत अपने असिस्टेंट सचिन के साथ कोर्ट रूम में आया और जज साहब के सामने खड़े होकर सर झुकाते हुए कहा,”अदालत की कार्यवाही में रुकावट डालने के लिए मैं सबसे पहले आपसे माफ़ी चाहता हूँ माय लार्ड”
“आप अपनी बात रख सकते है”,जज साहब ने अक्षत की माफ़ी स्वीकार करते हुए कहा
“थैंक्यू माय लार्ड”,अक्षत ने मुस्कुरा कर कहा। अक्षत को वहा देखते ही सिंघानिया जी और चोपड़ा जी के चेहरे पर हैरानी और परेशानी के भाव झिलमिलाने लगे। अक्षत ने सचिन के हाथ से पेपर लेकर जज साहब को पेश करते हुए कहा,”माय लार्ड ये छवि दीक्षित के वकील मणिशंकर शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट है जिनका कल रात एक छोटा सा एक्सीडेंट हुआ और इस वक्त वे हॉस्पिटल में है। यही कारण है माय लार्ड की आज की सुनवाई में वे अदालत में पेश नहीं हो पाए। छवि दीक्षित केस बहुत ही इम्पोर्टेन्ट केस है जिस से कई लोगो की उम्मीद जुडी हुई है। मैं अदालत से ये दरख्वास्त करना चाहूंगी की अदालत मुझे इस केस को लड़ने की मंजूरी दे”
“मिस्टर अक्षत व्यास चलती कार्यवाही में वाकई बदले नहीं जा सकते , इसके लिए वकील का NOC जरुरी होता है”,चोपड़ा जी ने कहा
“मैं जानता था आप ये बात जरूर कहेंगे इसलिए मैं NOC साथ लेकर आया हूँ”,कहते हुए अक्षत ने NOC लेटर जिस पर एडवोकेट मणिशंकर के साइन थे साथ ही केस की मंजूरी भी थी जज साहब के सामने पेश कर दी। जज साहब ने NOC और मेडिकल रिपोर्ट देखी और कहा,”एडवोकेट मणिशंकर की गंभीर हालत देखते हुए आप इस केस को आगे ले जा सकते है मिस्टर अक्षत व्यास”
“थैंक्यू माय लार्ड”,अक्षत ने कहा
जज साहब की बात सुनकर चोपड़ा जी के माथे पर पसीने की बुँदे झिलमिलाने लगी और अक्षत को वहा देखकर छवि ने अपनी माँ के हाथ को थाम लिया। कोर्ट रूम में एक गहरा सन्नाटा छा गया।
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