Haan Ye Mohabbat Hai – 28
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Haan Ye Mohabbat Hai – 28
जीजू और विजय जी साथ साथ सबके बीच डांस कर करते हुये बहुत ही प्यारे लग रहे थे। डांस करते हुए विजय जी की नजर बगल वाले घर की छत पर खड़ी अपनी पड़ोसन पर चली गयी और उन्हें देखकर विजय जी ने गाना शुरू कर दिया
“देखे है ऊपर से , झाँके नहीं अंदर सजनिया
देखे है ऊपर से , झाँके नहीं अंदर सजनिया”
विजय जी को गाते नाचते देखकर दादू से भी रहा नहीं गया वे भी गाते हुए चले आये
“उम्र चढ़ी है , दिल तो जवां है
हाँ उम्र चढ़ी है भैया , दिल तो जवां है”
सोमित जीजू ने अपना घूँघट उठाया और विजय जी गले पड़ते हुए कहा
“बाँहो में भरके मुझे , जरा झनका दे पैंजनिया
बाँहो में भरके मुझे , जरा झनका दे पैंजनिया”
ये सब देखकर अर्जुन कहा पीछे रहने वाला था वह अक्षत के बगल में आया और अमायरा को अपने कंधे पर बैठाकर नाचने गाने लगा
“साँची कहे है कबीरा अवध में , होली खेले रघुवीरा”
बस फिर क्या था सभी घरवाले , रिश्तेदार , मेहमान सब शामिल हो गए और नाचने गाने लगे। दादू के चेहरे की चेहरे की ख़ुशी तो आज देखते ही बन रही थी। मस्ती में मग्न नाचते हुए दादू ने विजय जी को गले लगा लिया ये देखकर विजय जी की आँखों में आँसू झिलमिलाने लगे। इस बार की होली दादू यादगार चाहते थे और विजय जी के कारण वो सच में यादगार ही हो गयी।
होली खेलने के बाद सभी अपना अपना ग्रुप बनाकर लॉन में आ बैठे और सुस्ताने लगे। विजय जी को भांग की वजह से सर में दर्द होने लगा था इसलिए वो अंदर चले गए। अर्जुन , सोमित जीजू , अक्षत , हनी , नीता , तनु और मीरा एक तरफ बैठे थे। निधि नक्ष को सुलाने अंदर गयी थी। काव्या और अमायरा वही पास में बैठी जूस पी रही थी।
“अरे ये चीकू कहा है ?”,अर्जुन ने इधर उधर देखते हुए पूछा
“वो देखो वहा अपनी चिक्की के साथ बैठा है”,सोमित जीजू ने कहा तो सभी ने उनके हाथ की दिशा में देखा। चीकू अपनी ही हमउम्र लड़की के साथ बैठकर स्नेक्स खा रहा था। साथ ही जूस भी पी रहा था और अपने ग्लास से उसे भी पीला रहा था।
“ये चीकू तो बड़ा तेज निकला भाई , पहले ही अपने लिए लड़की ढूंढ ली”,अक्षत ने कहा
अक्षत की बात सुनकर सभी हसने लगे।
सिंघानिया जी ने अपने घर में होली की एक बड़ी सी पार्टी रखी जिसमे इंदौर के सभी बड़े बिजनेसमैन और उनकी फॅमिली शामिल हुए। विक्की के कुछ कॉलेज फ्रेंड्स और कुमार भी इस पार्टी में आया था। होली खेलने के बाद विक्की हाथ में ड्रिंक का गिलास लिए साइड में चला आया और टेबल के पास पड़ी कुर्सी खिसकाकर बैठ गया। कुमार ने विक्की को अकेले बैठे देखा तो उसके पास चला आया और कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा,”तेरे डेड ने अचानक से ये पार्टी क्यों रखी है ?”
“वो मुझे लंदन भेजना चाहते है , बस इसलिए मेरे जाने से पहले उन्होंने ये बड़ी पार्टी ऑर्गनाइज की है”,विक्की ने घूंठ भरते हुए कहा
“व्हाट तू लंदन जा रहा है ? तेरी पढाई बीच में छोड़कर , अभी तो अपना कॉलेज भी पूरा नहीं हुआ है”,कुमार ने हैरानी से कहा
“बिल्कुल मैं जा रहा हूँ एटलीस्ट वहा रहकर मैं अपनी लाइफ अपने हिसाब से जी सकता हूँ , रही बात कॉलेज की तो मेरे बाप के पास इतना पैसा है की इस जन्म में तो मैं आराम से बैठकर खर्च कर सकता हूँ”,विक्की ने कहा
“हम्म्म्म , अच्छा उस रात बार में वो जो आदमी मिला था वो कौन था ? वो तुझसे कुछ कह रहा था शायद , तुम दोनों के बीच क्या बात हुई ?”,कुमार ने एकदम से पूछ लिया तो विक्की उसे देखने लगा और कुछ देर बाद कहा,”मैं तुम्हे हर बात बताना जरुरी नहीं समझता , वैसे भी तू मेरा दोस्त है मेरा बाप नहीं”
“सॉरी मेरा वो मतलब नहीं था बस तुझसे ये कहना चाहता हूँ की थोड़ा सम्हलकर , ऐसे इतनी जल्दी किसी पर भरोसा मत कर तू प्रॉब्लम में फंस जाएगा”,कुमार ने विक्की को समझाने की कोशिश की
विक्की कुछ कहता इस से पहले ही उसका फोन बजा। स्क्रीन पर नंबर देखकर विक्की मुस्कुरा उठा। वह उठा और कुछ दूर जाकर बात करने लगा। कुछ देर बाद वह वहा से चला गया। अपने कमरे में आकर विक्की उस शाम उस आदमी का दिया कार्ड ढूंढने लगा। उसने टेबल पर रखे उस कार्ड को उठाया और वो नंबर डॉयल किया। दो रिंग जाने के बाद दूसरी तरफ से किसी ने फोन उठाया और कहा,”काम हुआ ?”
“तुम्हे कैसे पता ये मेरा नंबर है ?”,विक्की ने हैरानी से कहा
“मैंने जो पूछा उसका जवाब दो काम हुआ या नहीं ?”,आदमी ने थोड़ा कठोर होकर कहा
“हाँ हो गया , तुमने जो जो कहा था वो सब रेडी है”,विक्की ने कहा
“ठीक है आज शाम 5 बजे वो सब लेकर इंदौर के बाहर वाले अपने फार्म हॉउस पर मिलो”,आदमी ने कहा और फोन काट दिया
विक्की ने अपना फोन रखा और शीशे के सामने आकर खुद को देखते हुए बड़ी ही नफरत और गुस्से के साथ कहा,”मिस छवि दीक्षित मुझे थप्पड़ मारा था ना तुमने उस थप्पड़ की गूंज अब तुम सुनोगी , वो हाल करूंगा ना तुम्हारा की जिंदगीभर मुझे याद रखोगी”
विक्की नहाने चला गया शावर के नीचे नहाते हुए उसकी आँखों के सामने बार बार छवि आ रही थी। वो एक एक बेइज्जती किसी रील की तरह विक्की की आँखों में चल रही थी और उन्हें याद करते हुए छवि की लिए उसका गुस्सा और नफरत दोनों बढ़ते जा रहे थे।
होली का दिन था लेकिन माधवी जी के घर में कोई रौनक नहीं थी सुबह सुबह ही मकान मालिक उन्हें किराये के लिए सुनाकर गया था। पिछले दो दिन से माधवी जी की तबियत भी काफी खराब थी। मकानमालिक के जाने के बाद उन्होंने ज्यादा ही टेंशन ले ली और उनकी तबियत बिगड़ने लगी। छवि ने उन्हें अंदर कमरे में लेटने को कहा और टेबल पर रखी उनकी दवाईया देखी तो पाया की दवाईया खत्म हो चुकी है। उसने अपने गले में दुपट्टा डाला और अपना बैग उठाते हुए कहा,”माँ आप यही रुको मैं अभी आपके लिए दवा लेकर आती हूँ”
“बेटा आज होली है आज पूरा शहर बंद होगा , तू यही रह मेरे पास मैं ठीक हूँ”,माधवी जी ने खाँसते हुए कहा
“माँ मेडिकल स्टोर खुले मिल जायेंगे , आप चिंता मत कीजिये मैं अभी जाकर ले आती हूँ”,कहते हुए छवि वहा से चली गयी। कॉलोनी से निकलकर आगे मेन रोड के चौराहे पर मेडिकल शॉप थी छवि वहा चली आयी। उसने माधवी जी के लिए दवा ली और पैसे देकर वहा से वापस जाने लगी। शॉप से निकलकर छवि जैसे ही रोड पर आयी एक वेन आकर उसके सामने रुकी।
घबराहट के मारे छवि का दिल तेजी से धड़कने लगा। वह कुछ समझ पाती इस से पहले ही वेन का दरवाजा खुला और किसी ने उसे अंदर खींच लिया। दवाईयों की थैली और बैग नीचे सड़क पर जा गिरा। वह चिल्लाती इस से पहले ही वेन का दरवाजा बंद हुआ और वेन तेजी से वहा से निकल गयी।
शाम 5 बजे विक्की एक नयी चमचमाती गाडी लेकर इंदौर से बाहर अपने फार्म हॉउस पर पहुंचा। जैसे ही वह गाड़ी लेकर अंदर आया उसने देखा बार वाला आदमी वहा पहले से मौजूद है। विक्की ने गाड़ी साइड में लगायी और नीचे उतरकर आदमी के पास आकर कहा,”तुम थोड़े अजीब हो , इतना वक्त पर कौन आता है ?”
“मेरे लिए मेरी जिंदगी का 1-1 मिनिट इम्पोर्टेंट है क्योकि मैंने बहुत सा वक्त दीवारों को देखकर काटा है।”,आदमी ने कहा
“मैं समझा नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर तुम्हे जो चाहिए था वो मैं ले आया हूँ”,विक्की ने अपनी आँखों से चश्मा हटाते हुए कहा
“तुमने अपना वादा निभाया तो मैंने भी तुम्हारा काम कर दिया , लड़की अंदर है”,आदमी ने कहते हुए सिगरेट जलाकर मुंह में रख ली और वहा पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। विक्की के होंठो पर जहरीली मुस्कान तैर गयी। वह अंदर आया और कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर आया तो देखा जमीन पर छवि पड़ी है उसके हाथ पैर रस्सी से बंधे थे और मुंह पर भी टेप चिपकाई हुई थी।
उसके बाल बिखरे हुए थे और आँखे आँसुओ से भरी हुयी थी। विक्की को देखते ही उसकी आँखों में डर के भाव उतर आये और वह खुद को छुड़ाने के लिए छटपटाने लगी। विक्की उसके पास आया और बैठते हुए कहा,”चचचचचच क्या हालत हो गयी है ना तुम्हारी लेकिन तुम्हे ऐसे देखकर मुझे बड़ा सुकून मिल रहा है। मुझसे दुश्मनी लेने वाले का मैं यही हाल करता हूँ। उस दिन अगर तुमने ऑफिस में तमाशा नहीं किया होता तो आज तुम यहाँ नहीं होती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अब तुम सिर्फ मेरी नफरत देखोगी”
विक्की की बात सुनकर छवि रोने लगी वह बहुत मजबूत लड़की थी लेकिन इस वक्त जिन हालातों में थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह बोलना चाहती थी लेकिन मुंह पर पट्टी लगी होने के कारण नहीं बोल पायी और छटपटाने लगी। विक्की ने देखा तो उसके मुंह से पट्टी हटाई। पट्टी हटाते ही छवि ने रोते हुए कहा,”प्लीज मुझे यहाँ से जाने दो , प्लीज मुझे जाने दो,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा उसके लिए मैं तुमसे माफ़ी मांगती हूँ,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी , प्लीज मुझे माफ़ कर दो”
“वाओ कितना अच्छा लग रहा है तुम्हे सॉरी बोलते देखकर,,,,,,,,,,,,,,,पर तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हे इतनी आसानी से माफ़ कर दूंगा ? अभी तो तुम्हे बहुत कुछ सहना है ,, तुम्हारी जिंदगी अगर मैंने नर्क नहीं बना दी तो मेरा नाम विक्की सिंघानिया नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,जब तुम ऐसे फटे हाल अपने घर जाओगी तो लोग क्या सोचेंगे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या वो ये सोचेंगे की तुम्हारा रेप हुआ है ? या ये सोचेंगे की तुम रातभर अपने बॉयफ्रेंड के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,
विक्की ने इतना ही कहा की छवि रोते हुए कहने लगी,”प्लीज प्लीज प्लीज ऐसा कुछ मत करो,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे जाने दो , मुझे जाने दो प्लीज तुम जो कहोगे मैं करने के लिए तैयार हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,तुम जितनी बार कहोगे मैं तुमसे माफ़ी मांगने के लिए तैयार हूँ,,,,,,,,,,,बस मुझे जाने दो प्लीज मैं तुम्हारे सामने हाथ जोड़ती हूँ प्लीज”
“अरे अरे क्या हुआ तुम्हे बुरा लग रहा है क्या ? मुझे भी लगा था जब सबके सामने तुमने मुझे थप्पड़ मारा था , जब तुम्हरी वजह से उस शाम मेरे डेड ने मुझे दुसरा थप्पड़ मारा था। मेरे डेड ने आज तक कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया था लेकिन उस दिन तुम्हारी वजह से उन्होंने मुझ पर हाथ उठाया , गुस्सा किया सिर्फ तुम्हारी वजह से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पिछले कितने ही दिनों से वो सब मेरे जहन में घूमता रहा है और उसके साथ ही बढ़ती रही तुम्हारे लिए मेरी नफरत,,,,,,,,,,,,,,,,नफरत करता हूँ मैं तुमसे,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ नफरत”,कहते हुए विक्की के चेहरे पर नफरत के भाव उभर आये जिन्हे देखकर छवि की आँखों से आँसू फिर बहने लगे
उसने अपनी आँखे मूँद ली आंसुओ की बुँदे उसके गालों से होकर नीचे आ गिरी और उसने रोते हुए कहा,”मुझे माफ़ कर दो प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे जाने दो , मेरी माँ बीमार है उन्हें दवा की जरूरत है,,,,,,,,,,,,,प्लीज मुझे जाने दो मैने जो किया उसके लिए मैं तुमसे माफ़ी मांगती हूँ,,,,,,,,,,, तुम मुझे वो थप्पड़ वापस मार सकते हो , बस मुझे जाने दो प्लीज”
विक्की ने सूना तो छवि के सामने आ बैठा और कहा,”मैं तुम्हे थप्पड़ मारना चाहता हूँ”
छवि ने जैसे ही सूना वह विक्की की तरफ देखने लगी और कहा,”तुम तुम जितने चाहो उतने थप्पड़ मार लो , बस मुझे यहाँ से जाने दो”
विक्की ने खींचकर एक थप्पड़ छवि के गाल पर मारा लेकिन छवि के मुंह से एक सिसकी तक नहीं निकली बस उसकी आँखों से आँसू बहते रहे। विक्की ने छवि की तरफ देखा और गुस्से से कहा,”ये थप्पड़ वो जो तुमने मुझे ऑफिस में सबके सामने मारा”
विक्की ने छवि को दूसरा थप्पड़ मारा और कहा,”ये दुसरा थप्पड़ जो मेरे डेड ने मुझे तुम्हारी वजह से मारा”
छवि ने इस बार भी ख़ामोशी से थप्पड़ खा लिया , रोने की वजह से उसकी सिसकिया बंध गयी लेकिन विक्की को उस पर जरा भी दया नहीं आयी और उसने खींचकर तीसरा थप्पड़ छवि के गाल पर जड़ दिया। इस बार छवि रो पड़ी , थप्पड़ की मार इतनी तेज थी की छवि का गाल लाल हो गया।
“ये तीसरा थप्पड़ इसलिए ताकि तुम जिंदगीभर ये याद रखो की विक्की सिंघानिया से बदतमीजी करने का हश्र क्या होता है”,विक्की ने छवि के मुंह को पकड़कर नफरत भरे स्वर में कहा
“अब मुझे जाने दो प्लीज”,छवि ने रोते हुए कहा
विक्की ने उसके मुंह को छोड़ा और उठते हुए कहा,”ए तुमने कही मुझे शरीफ तो नहीं समझ लिया , तुमने ये कैसे सोच लिया मैं तुम्हे इतनी आसानी से जाने दूंगा कही तुमने बाहर जाकर पुलिस को सब बता दिया तो”
विक्की ने झूठ मुठ का डरने का नाटक किया
“मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी प्लीज मुझे जाने दो,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए छवि फिर रोने लगी तो विक्की हंस पड़ा और कहा,”तुम आराम से चीख चीख कर रो सकती हो यहाँ सुनने वाला कोई नहीं है,,,,,,,,,,,,,,बायययययययय”
विक्की ने कमरे का दरवाजा बंद किया और वहा से चला गया। छवि रोने लगी उसे समझ नहीं आ रहा था ऐसे हालातो में वह क्या करे ? वह रोते रोते वही फर्श पर लेट गयी विक्की उसके साथ क्या करने वाला है ये तो वह खुद भी नहीं जानती थी लेकिन किसी अनहोनी के डर से उसका दिल तेजी से धड़कने लगा था।
विक्की बाहर आया देखा वह आदमी अभी भी बाहर ही बैठा था। विक्की खुश होकर उसके पास आया तो आदमी उठा और विक्की की तरफ पलटकर कहा,”तुम चाहते तो उस लड़की के साथ एन्जॉय कर सकते थे पर तुमने उसे सिर्फ थप्पड़ मारा क्यों ?”
“लड़की के साथ सोने का मजा लड़की की रजामंदी में है जबरदस्ती में नहीं”,विक्की ने कहा आदमी ने सूना तो हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”जाने से पहले एक आखरी ड्रिंक हो जाये ?”
“व्हाई नोट ?”,विक्की ने कहा तो आदमी ने सामने टेबल पर रखे ग्लास को उठाकर विक्की की तरफ बढ़ा दिया जिसमे पहले से शराब थी। विक्की ने चियर्स किया और एक साँस में अपनी ड्रिंक गटक गया जो की थोड़ी कड़वी थी। आदमी ने भी अपनी ड्रिंक खत्म की और विक्की से हाथ मिलाते हुए कहा,”ये हमारी आखरी मुलाक़ात है , आज के बाद हम कभी नहीं मिलेंगे और ना ही एक दूसरे को जानते है , भूल जाना हम कभी मिले भी थे”
“ओके”,विक्की ने भी हाथ मिलाते हुए कहा और अपने जेब से 50 हजार रुपयों की गड्डी निकालकर आदमी की तरफ बढ़ा दी। आदमी ने पैसे लिए और वहा से जाने लगा तो विक्की ने कहा,”तुमने अपना नाम नहीं बताया ?”
आदमी पलटा और कहा,”नाम जानकर क्या करोगे ? वैसे भी मुझे रिश्ते बनाना पसंद नहीं,,,,,,,,,,,,,,गुड बाय”
विक्की उसे देखता रहा और आदमी वहा से चला गया , विक्की आकर कुर्सी पर बैठ गया और ड्रिंक पीते हुए लंदन जाने के बारे में सोचने लगा।
अगले दिन इंदौर शहर में मिडिया और पुलिस में हड़कंप मच गया। एक 23-24 साला लड़की नंग-धड़ंग हालत में ब्रिज के बगल वाले कचरे के ढेर में पड़ी थी। सुबह वहा से गुजर रहे कुछ लोगो ने लड़की को देखा तो पुलिस को खबर दी। पुलिस मोके पर पहुंची। लड़की की हालत देखकर ही समझ आ रहा था की उसके साथ ज्यादती हुयी है। पुलिस ने उस जगह को चारो तरफ से घेर लिया साथ ही मिडिया की भीड़ जमा हो गयी।
महिला पुलिसकर्मी ने लड़की के शरीर को ढका , लड़की की सांसे अभी भी चल रही थी। कुछ देर बाद वहा एम्बुलेंस आयी और लड़की को तुरंत हॉस्पिटल भेजा गया। एम्बुलेंस के जाते ही मिडिया ने पुलिस को घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी
“सर ये लड़की कौन है ? और यहाँ इस हालत में कैसे ?
“क्या उसका रेप हुआ है ? जिस हालत में वो थी उसे देखकर यही कहा जा सकता है की किसी ने उसके साथ ज्यादती करके उसे यहाँ फेंक दिया , इस बारे में आप क्या कहेंगे सर ?”
“सर क्या इंदौर में लड़किया और महिलाये सुरक्षित है ? सरेआम एक लड़की का इस हालत में मिलना , इस बारे में आप क्या कहेंगे ?”
“पुलिस का अगला कदम क्या होगा ?
पुलिस अफसर ने कोई जवाब नहीं दिया उसने कॉन्स्टेबल से मीडिआ वालो को हटाने को कहा और जीप में बैठकर सिटी हॉस्पिटल के लिए निकल गए।
एम्बुलेंस हॉस्पिटल आकर रुकी और यहाँ भी मीडिआ वालो ने उन्हें घेर लिया। जैसे तैसे करके लड़की को अंदर ले जाया गया और मीडिया वालो को बाहर ही रोक दिया गया इसी के साथ मीडिआ वालो में उस सनसनाती खबर को लेकर होड़ सी मच गयी। कोई अपने चैनल के लिए लाइव न्यूज़ बनाने लगा तो कुछ मीडियकर्मी इस बात का अंदाजा लगाने लगे की आखिर वो लड़की थी कौन ?
देखते ही देखते ये खबर शहर में आग की तरह फैलने लगी।
लड़की की हालत देखते हुए उसे तुरंत ऑपरेशन थियेटर में लाया गया। उसका ट्रीटमेंट शुरू हुआ। 2 घंटे बाद डॉक्टर बाहर आयी। इंस्पेक्टर ने उनसे लड़की के बारे में पूछा तो डॉक्टर ने कहा,”किसी ने उसका रेप किया है इंस्पेक्टर , किसी ने बहुत ही निर्दयता से उसे नोचा है , उसके शरीर पर चोट के कई निशान है। उसकी कंडीशन अभी बहुत खराब है और वो होश में नहीं है। ईश्वर उसे ये सब सहने की हिम्मत दे”
कहते हुए डॉक्टर वहा से चली गयी। इंस्पेक्टर ने जब सूना तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उसने कॉन्स्टेबल से कहा,”24 घंटे के अंदर कितनी मिसिंग रिपोर्ट दर्ज हुयी है , उनका पता लगाओ। उनमे किसी लड़की को लेकर मिसिंग रिपोर्ट है या नहीं पता करो”
“ओके सर”,कहकर कॉन्स्टेबल वहा से चला गया। इंस्पेक्टर कुछ देर वहा रुका वह एक बार फिर डॉक्टर से मिला और फिर वहा से निकल गया। वो लड़की कौन थी इस बारे में अब तक कोई नहीं जान पाया था ?
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