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“हाँ ये मोहब्बत है” – 20

Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 20

Haan Ye Mohabbat Hai – 20

मीरा ने अक्षत को अपने हाथो से लिखा खत दिया। अक्षत ने उस खत को खोला और पढ़ने लगा
“हैप्पी वेलेंटाइन्स डे
आपको ऐसा क्यों लगता है की अपना प्यार जाहिर करने के लिए ये एक दिन काफी होता है ?
जबकि हम साल के 365 दिन अपना प्यार जाहिर कर सकते है
कभी सुबहा आपको जल्दी जगाकर तो कभी आपको देर तक सोने देकर
कभी आपसे अपने लिए चाय बनवाकर तो कभी आपके लिए अपने हाथो से कॉफी बनाकर


कभी सोशल मिडिया पर लिखी आपकी कविताओं को पढ़कर तो
कभी उन कविताओं को आपके सामने गुनगुनाकर
कभी गुस्सा आने से आप पर चिल्लाकर तो कभी प्यार से आपको सॉरी कहकर
कभी आप से रूठकर तो कभी आपको मनाकर
कभी आपको बिना बताये आपके पर्स से पैसे लेकर तो


कभी आपकी तंगहाली में अपना ATM आपको देकर
हमने कहा ना हम साल के 365 दिन अपना प्यार जाहिर कर सकते है
कभी प्रेमिका बन आपके कांधे पर सर टीकाकर तो
कभी दोस्त की तरहा आपके सामने आँसू बहाकर  
कभी माँ जैसी दिखेंगे सलाह देते हुए , तो कभी गलतियों पर आँखे दिखाकर
कभी आपके सामने दुनिया जहाँ की बातें करके तो कभी ख़ामोशी से आपको तक कर  


कभी आपकी पसंद का खाना बनाकर तो कभी बाहर खाने की जिद कर
कभी बेहद आपको परेशान करके तो कभी आपकी हर बात मानकर
कभी आपकी छोटी छोटी बातों को याद रखकर तो कभी आपका बर्थडे भूल कर  
हमारा यकीन कीजिये हम साल के 365 दिन अपना प्यार जाहिर कर सकते है  
क्या अब भी आपको लगता है की अपना प्यार जाहिर करने के लिए ये एक दिन काफी होता है ?

उस खत को पढ़ते हुए अक्षत मुस्कुराने लगा , मुस्कुराते हुए वह बिल्कुल 17-18 साल का कॉलेज जाने वाला लड़का लग रहा था जिसे अपनी प्रेमिका का पहला खत मिला हो। अक्षत चाहकर भी अपनी मुस्कराहट को रोक नहीं पा रहा था। उस के मन में तितलियाँ सी उड़ रही थी और गाल चमक रहे थे। मीरा ने देखा तो वह उसके पास आयी और कहा,”आप इतना क्यों मुस्कुरा रहे है ? दिखाईये कही हमसे कोई गलती तो नहीं हुयी”


मीरा ने अक्षत के हाथ से खत लेना चाहा लेकिन अक्षत ने हाथ ऊपर करते हुए कहा,”नहीं इसे मैं अपने पास रखूंगा हमेशा , सम्हाल कर”
“मतलब आपको पसंद आया ?”,मीरा ने अक्षत की आँखों में झांकते हुए पूछा
“क्या तुम मेरे चेहरे की ख़ुशी देखकर अंदाजा नहीं लगा सकती , ये बहुत अच्छा है मीरा सही कहा है तुमने “अपना प्यार जाहिर करने के लिए ये एक दिन काफी होता नहीं होता है” आज मैं बहुत खुश हूँ और मैं तुमसे ये कहना चाहता हूँ की “यू आर द मोस्ट ब्यूटीफुल गर्ल इन दिस वर्ल्ड , आई लव यू मीरा”


“आई लव यू टू”,कहते हुए मीरा ने अक्षत के होंठो को अपने होंठो से छुआ और जाने लगी। अक्षत ने उसकी कलाई पकड़ी और उसे जाने से रोक लिया। दोनों के दिल इस समय एक ही लय में धड़क रहे थे। अक्षत ने एक गहरी साँस ली और कहा,”मीरा तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी ना ?”


“हमे लगता है इस संसार में आप हमारे बिना और हम आपके बिना अधूरे है अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,,,,,हम हमेशा आपके नाम से जाने जायेंगे और आप हमारे,,,,,,,,,,,,,,,मोहब्बत में इतना हक़ तो आप हमे दे सकते है ना ?”,मीरा ने कहा अक्षत ने सूना तो फिर मुस्कुरा उठा और मीरा की तरफ पलटकर कहा,”मैं पहले ही तुम्हे अपने सारे हक़ दे चुका हूँ मीरा,,,,,,,,,,,,,, बस मैं कभी तुम्हे ये नहीं बता पाऊंगा की मुझे तुमसे कितनी मोहब्बत है”


मीरा ने अक्षत के हाथ को अपने दोनों हाथो में थामा और उसकी आँखो में देखते हुए बड़े ही प्यार से कहा,”आपको कुछ कहने की जरूरत नहीं है अक्षत जी , अगर इतनी मोहब्बत के बाद हम आपकी ख़ामोशी ना समझ पाए तो फिर कैसी मोहब्बत ?”
अक्षत ने सूना तो बस ख़ामोशी से मीरा के मासूम चेहरे की तरफ देखने लगा। नीचे हॉल में बजते गाने की कुछ लाइन्स उन दोनों के कानो में पड़ रही थी जो की उनके रिश्ते को सार्थक कर रही थी


“किस्मत से हमे आप हमदम मिल गए , जैसे कि दुआ को अल्फाज मिल गए
सोचा जो नहीं वो हासिल हो गया , चाहू और क्या जो खुदा दे अब मुझे”
मीरा की तरफ जब अक्षत भी नीचे नहीं आया तो चीकू ऊपर चला आया कमरे का दरवाजा खुला इसलिए चीकू सीधे ही अंदर चला आया पर जब उसने अक्षत और मीरा को पास खड़े देखा तो अपनी आँखों पर हाथ रखते हुए पलट गया और बड़बड़ाया,”मम्मा ने कहा था ऐसे किसी को देखना बेड मैनर्स होता है”


चीकू को वहा देखकर अक्षत की तंद्रा टूटी तो उसने मीरा से दूर होकर चीकू के पास आकर कहा,”अरे चीकू मैं बस आने ही वाला था”
“चाचू जल्दी चलिए”,चीकू ने कहा तो मीरा कमरे से बाहर निकल गयी। उसके पीछे पीछे अक्षत और चीकू भी चल पड़े। चलते चलते चीकू ने धीरे से कहा,”चाचू आपसे एक बात पुछु ?”


“हम्म्म पूछो”,अक्षत ने चलते हुए कहा
“क्या चाची आपकी गर्लफ्रेंड है ?”,चीकू ने एकदम से पूछा
अक्षत ने सूना तो रुका और झुककर चीकू से दबी आवाज में कहा,”हाँ , लेकिन ये सीक्रेट है और अब ये सीक्रेट तुम्हारे और मेरे बीच है। अगर तुम इस सीक्रेट को सेफ रखोगे तो तुम्हे भी मीरा जैसी गर्लफ्रेंड मिलेगी”
चीकू ने सूना तो खुश हो गया और अक्षत को हाई फाइव देते हुए कहा,”ओके”


चीकू की मासूमियत देखकर अक्षत हसने लगा अक्षत ने चीकू को उठाया और नीचे चला आया। नीचे आकर मीरा ने देखा हॉल एरिया बहुत सुन्दर सजा हुआ है साथ ही रंग बिरंगी लाइट्स और टेबल पर रखा केक जिसके पास काव्या और अमायरा खड़ी थी। अक्षत मीरा और चीकू भी टेबल की तरफ चले आये। घर में उनके अलावा रघु था इसलिए अक्षत ने उसे भी बुला लिया। अक्षत ने रघु को अपना फोन दिया और फोटोज खींचने को कहा।

अक्षत , मीरा , काव्या , चीकू और अमायरा ने एक साथ उस प्लास्टिक वाले चाकू को पकड़ा और साथ साथ केक काटा। रघु भी ख़ुशी ख़ुशी उन सबकी तस्वीरें ले रहा था। अक्षत ने अपने हाथो से मीरा और बाकि सबको केक खिलाया और फिर रघु की तरफ आकर उसे भी खिलाना चाहा तो रघु ने कहा,”अरे अक्षत बाबा मैं खा लूंगा”
“अरे रघु भैया खाइये ना”,अक्षत ने कहा तो रघु ने खा लिया और फिर अक्षत का फोन उसकी तरफ बढ़ा दिया।

काव्या ने म्यूजिक लगा दिया और अक्षत को डांस करने को कहा तो अक्षत मीरा को साथ लेकर आया और उसका हाथ पकड़कर डांस करने लगा। उन्हें साथ देखकर अमायरा काफी खुश हो गयी उसने अक्षत मीरा की तरफ देखा और अपने हाथ को होंठो पर रखकर उन्हें एक फ्लयिंग किस दे दिया।

अक्षत मीरा ने देखा तो दोनों ख़ुशी से मुस्कुरा उठे। अक्षत ने अमायरा को गोद में उठाया और उसके साथ डांस करने लगा। चीकू मीरा के साथ डांस करने लगा और काव्या उन सबके साथ ख़ुश थी। रघु बाहर से आये खाने को डायनिंग टेबल पर लगाने लगा।

हॉल की खिड़की के बाहर खड़े काले कोट वाले शख्स ने अक्षत और मीरा को देखा और नफरत भरे स्वर में कहा,”जितनी खुशिया मनानी है मना लो अक्षत मीरा क्योकि इसके बाद मैं तुम दोनों को खून के आँसू रुलाने वाला हूँ”
कहते हुए उस शख्स ने अपने कोट के केप को सर पर ओढ़ा और नाक तक खींच लिया जिस से उसका चेहरा किसी को दिखाई ना दे। कोट वाला आदमी वहा से चला गया।

डांस करते हुए अक्षत की नजर एकदम से खिड़की की तरफ चली गयी लेकिन वहा कोई नहीं था। अक्षत को उस तरफ देखते पाकर मीरा ने कहा,”क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं चलो चलकर सब खाना खाते है”,अक्षत ने कहा तो मीरा ने चीकू और काव्या को साथ लेकर डायनिंग की तरफ चली आयी। रघु अपना खाना लेकर अपने कमरे में जा चुका था। अक्षत ने सबके लिए खाना परोसा। अमायरा टेबल पर आ बैठी और कहा,”पापा मैं खिलाऊ ?”


“अच्छा आज हमारी प्रिंसेज हमे अपने हाथो से खिलाएगी”,अक्षत ने बड़े ही प्यार से पूछा तो अमायरा ने हाँ में गर्दन हिला दी। अक्षत ने प्लेट अमायरा की तरफ खिसका दी तो अमायरा ने प्लेट में रखे पुलाव को अपनी उंगलियों में भरा और अक्षत को खिला दिया। अमायरा खुद को गंदा करते हुए अक्षत को खाना खिला रही थी और अक्षत भी मजे से खा रहा था। मीरा बस मुस्कुराते हुए बाप बेटी का प्यार देख रही थी और फिर उसने अपने फोन से एक प्यारा सा फोटो ले लिया जिसमे अमायरा अक्षत के होंठो पर लगा खाना साफ कर रही थी।

सनशाइन होटल के लॉन में फॅमिली टेबल लग चुका था और उसके इर्द गिर्द व्यास फॅमिली थी। सभी चुपचाप एक दूसरे की शक्लें देख रहे थे। अर्जुन और जीजू साथ साथ बैठे थे इसलिए अर्जुन ने धीमी आवाज में कहा,”ऐसा लग रहा है हम लोग बच्चो की पेरेंट्स मीटिंग में बैठे है”
“हाँ मुझे भी यही लग रहा है , साले साहब ने हमारे साथ अच्छा नहीं किया”,सोमित जीजू बच्चो की तरफ मुंह बनाते हुए कहा


“पापा अब गुस्सा थूक दीजिये और खाना इंजॉय कीजिये , हम सब यहाँ है ये बस इत्तेफाक है हम में से कोई भी जानबुझकर आपकी डेट खराब क्यों करना चाहेगा ?”,विजय जी ने दादू से कहा तो दादू कुछ देर खामोश रहे और फिर पास खड़े वेटर से खाना परोसने को कहा।
विजय ने देखा तो मुस्कुरा उठे , बाकि सब घरवाले भी ख़ुशी ख़ुशी खाना खाने लगे। अपनी डेट से ज्यादा ख़ुशी उन सबको इस बात की थी की सब साथ थे सिवाय अक्षत-मीरा और बच्चो के।


“आशु और मीरा भी यहाँ होते तो कितना अच्छा होता , पर वो लोग क्यों नहीं आये ?”,दादू ने कहा
“उन दोनों को अपना प्यार जाहिर करने के लिए किसी प्रेम दिवस की जरूरत नहीं है पापा”,विजय जी ने अर्जुन और जीजू की तरफ देखते हुए कहा तो दोनों एक साथ दूसरी तरफ देखने लगे। सबने खाना खाया और फिर अपने अपने साथी के साथ होटल से बाहर चले आये। हनी और निधि अपनी गाड़ी से आये थे इसलिए दोनों नक्ष के साथ वहा से निकल गए।

अर्जुन नीता अपनी गाड़ी में आये थे इसलिए वे भी चले गए। जीजू ने भी अपनी गाड़ी खरीद ली थी इसलिए वे तनु के साथ अपनी गाड़ी से चले गए। दादू-दादी , विजय जी और राधा बच गए और उनके सामने खड़ी थी विजय जी की गाड़ी , दादू ने आने के लिए कैब बुक की थी इसलिए उन्होंने विजय जी की तरफ देखा तो विजय जी ने कहा,”अगर आपको लिफ्ट चाहिए तो मैं दे सकता हूँ”
“नालायक तू मुझे लिफ्ट देगा अपने बाप को”,दादू ने विजय जी का कान पकड़ते हुए कहा


“अरे अरे पापा मैं तो बस मजाक कर रहा था , अरे मेरा कान छोड़िये सब देख रहे है”,विजय जी ने कहा तो दादू ने उनका कान छोड़ दिया और जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गए। विजय जी ने देखा तो मुस्कुरा उठे। उन्होंने दादी माँ और राधा से बैठने को कहा और खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठे। विजय जी ने गाड़ी स्टार्ट की और घर के लिए निकल गए।

खाना खाने के बाद मीरा ने चीकू और काव्या को उनके कमरे में सुला दिया। अक्षत ने रघु की मदद से घर पहले जैसा कर दिया , देखकर ऐसा लग रहा था जैसे यहाँ कुछ हुआ ही ना हो। काम खत्म होने के बाद अक्षत ऊपर अपने कमरे में चला आया देखा मीरा अमायरा को सुला रही है। मीरा ने कुछ कहना चाहा तो अक्षत ने अपने होंठो पर ऊँगली रखकर मीरा को चुप रहने का इशारा किया उसने टेबल पर रखा अपना लेपटॉप और चश्मा उठाया और कमरे से बाहर चला गया।

अमायरा को सुलाते हुए मीरा भी उसके बगल में लेट गयी और कुछ देर बाद उसे नींद आ गयी। अक्षत नीचे हॉल में चला आया और अपना काम करने लगा। रात के 11.00 बज रहे थे। अर्जुन , जीजू और विजय जी की गाड़ी आकर घर में रुकी। हनी निधि के साथ अपने घर चला गया था। सभी गाड़ी से नीचे उतरे अर्जुन और जीजू गाड़ी के पास खड़े एक दूसरे से बहस कर रहे थे विजय जी ने सूना तो कहा,”किस बात पर झगड़ रहे है आप दोनों ?”
“अर्जुन कह रहा है की आज जो हुआ उसके पीछे साले साहब का हाथ है”,जीजू ने कहा


“अच्छा मतलब गलती खुद करो और इल्जाम उस पर डाल दो”,विजय जी ने अर्जुन को घूरते हुए कहा
“मेरी बात का यकीन नहीं है तो अंदर चलकर देख लेते है , जरूर वो घर में पार्टी कर रहा होगा ,, चलिए अभी दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा”,अर्जुन अपनी बात पर डटा रहा
“बात तो इसकी भी ठीक है चलकर देख लेते है”,जीजू ने अर्जुन की साइड लेते हुए कहा। विजय उन दोनों को साथ लेकर अंदर आये। जीजू और अर्जुन ने अक्षत को सोफे पर बैठे अपने लेपटॉप में काम करते देखा तो हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे।

जीजू तो मौका देखते ही अपने कमरे की तरफ चले गए। अर्जुन ने भी चुपचाप जाने का सोचा तो विजय जी ने उसे रोका और अक्षत की तरफ इशारा करके कहा,”तुम्हारे हिसाब से इसे पार्टी ही कहते होंगे , नई बेटा”
“अरे पापा मैं तो बस मजाक कर रहा था , अपने आशु के पास पार्टी के लिए कहा टाइम है देखो आज के दिन भी बेचारा काम कर रहा है”,कहते हुए अर्जुन अक्षत के बगल में आ बैठा।

अक्षत ने अपनी आँखों से नजर वाला चश्मा उतारा और विजय जी की तरफ देखकर कहा,”आप लोग कब आये ? और कैसा रहा आपका सेलिब्रेशन ?”
“अच्छा था बेटा , तुम अभी तक सोये नहीं,,,,,,,,,,!”,विजय जी ने कहा
“बस पापा थोड़ा काम था वो खत्म करके जा ही रहा था”,अक्षत ने कहा तो विजय जी अपने कमरे की तरफ बढ़ गए। बाकि सब भी अपने अपने कमरों में चले गए


“सबको सनशाइन होटल भेजने का आइडिआ तेरा था ना ?”,अर्जुन ने अक्षत से कहा
“मेरे बिना प्लान बनाओगे तो ऐसा ही होगा”,अक्षत ने अपना लेपटॉप बंद करके उठते हुए कहा और चला गया। उसे जाते देखकर अर्जुन ने मुँह लटका लिया।

उसी रात 11.30 बजे , ओल्ड मोंक बार में
“यार विक्की आज वेलेंटाइन डे है और तू यहाँ अकेले बैठ कर दारू पी रहा है।”,विक्की सिंघानिया के दोस्त कुमार ने कहा
“लड़किया सिर्फ टाइम पास के लिए ठीक है मैं किसी को परमानेंट अपने गले की हड्डी नहीं बनाना चाहता , वैसे भी मेरे एक इशारे पर लड़किया दौड़ी चली आएगी”,विक्की ने कहा


“तेरा सही है यार , तेरे पापा इंदौर के नंबर वन बिजनेसमैन है और तू उनका इकलौता बेटा तुझे भला किस चीज की कमी हो सकती है। अच्छा सुन इस वीकेंड तू हम सबके साथ गोआ चल रहा है ना ?”,कुमार ने कहा
“नहीं यार डेड ने मेरे साथ कार्ड्स ब्लॉक कर दिए है , मेरे पास फ़िलहाल और ड्रिंक खरीदने तक के पैसे नहीं है”,विक्की ने हताश होकर कहा


“क्या आज रात मैं तुम्हारे लिए ड्रिंक खरीद सकता हूँ ?”,काला कोट पहने विक्की के बगल में काउंटर पर खड़े आदमी ने कहा जिसने कोट का कैप पहन रखा था। विक्की ने सूना तो हैरानी से उसकी ओर देखा और कहा,”क्या मैं तुम्हे जानता हूँ ?”
“ड्रिंक के बाद जान पहचान भी हो जाएगी”,आदमी ने कहा


“सॉरी मैं अनजान लोगो से ड्रिंक लेना पसंद नहीं करता , चल कुमार”,कहते हुए विक्की ने हाथ में पकडे ग्लास को बार काउंटर पर रखा और जाने लगा। आदमी ने विक्की के कंधे पर हाथ रखकर उसे आगे बढ़ने से रोका और जेब से एक कार्ड निकालकर उसे विक्की के जैकेट की जेब में रखते हुए कहा,”फ़िलहाल हम अनजान है लेकिन बहुत जल्द तुम्हे मेरी जरूरत पड़ेगी”
विक्की को वो आदमी सरफिरा लगा उसने उसका हाथ साइड किया और कुमार के साथ वहा से निकल गया।

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