Haan Ye Mohabbat Hai – 17
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Haan Ye Mohabbat Hai – 17
हसते खेलते खुशनुमा दिन बीत रहे थे। अर्जुन , जीजू और हनी ने वेलेंटाइन की अपनी तैयारी शुरू भी कर दी थी। उधर नीता , तनु और निधि का अलग प्लान बन रहा था। अक्षत और मीरा ही थे जो अपने कामो में उलझे हुए थे। जहा अक्षत को याद भी नहीं था की वेलंटाईन डे है वह बस दिनभर अपने काम में बिजी रहता था। 14 फरवरी की सुबह सभी नाश्ते के लिए डायनिंग के इर्द गिर्द बैठे हुए थे।
अर्जुन और सोमित जीजू के चेहरो पर आज चमक रोजाना से ज्यादा थी। अक्षत भी तैयार होकर कोर्ट जाने के लिए नीचे चला आया। नीता और मीरा ने सबके लिए नाश्ता परोस दिया। अक्षत अर्जुन और सोमित जीजू के पास वाली कुर्सी पर आ बैठा। मीरा ने उसके लिए भी नाश्ता परोस दिया।
“जीजू आज शाम आपका क्या प्लान है ?”,अर्जुन ने फुसफुसाते हुए पूछा
“सीक्रेट है अर्जुन वैसे भी मैं तुम्हे नहीं बताऊंगा”,सोमित जीजू ने भी धीरे से फुसफुसाते हुए कहा और फिर अर्जुन को कोहनी मारकर अक्षत से बात करने का इशारा किया। अर्जुन ने पराठे का एक टुकड़ा तोड़ा और खाते हुए कहा,”आशु आज क्या है ?”
“मंडे है और क्या है ?”,अक्षत ने खाते हुए कहा जैसे उसे याद ही ना हो
“अरे मेरा मतलब आज तारीख क्या है ?”,अर्जुन ने फिर धीमी आवाज में पूछा
“14 फ़रवरी है”,अक्षत ने बिल्कुल ठंडा सा जवाब दिया तो अर्जुन समझ गया की अक्षत को कुछ याद नहीं है। वह जीजू की तरफ झुका और कहा,”जीजू इसे तो याद भी नहीं है आज वेलेंटाइन डे है,,,,,,,,,,,बेचारी मीरा कैसे खड़ूस आदमी से शादी हुई है इसकी”
“बेटा तुम अभी इसे समझ नहीं पाए हो , ऐसे मामलो में ये लड़का हम सबसे हमेशा दो कदम आगे रहा है , हो सकता है इसका कोई प्लान हो और हमारे सामने ये अनजान बन रहा हो”,जीजू ने फुसफुसाते हुए कहा
“सोमित जी , अर्जुन नाश्ता क्यों नहीं कर रहे है आप दोनों ?”,विजय जी ने कहा जो की काफी देर से दोनों की हरकते नोटिस कर रहे थे। विजय जी की बात सुनकर दोनों चुपचाप नाश्ता करने लगे।
काव्या और चीकू नाश्ता करके अपने स्कूल जा चुके थे। अमायरा निधि के साथ राधा के कमरे में थी। जबसे नक्ष घर में आया था अमायरा का तो पूरा दिन उसी के साथ बीतता उस पर उसकी प्यारी प्यारी बातें निधि को खुश कर देती।
अक्षत ने अपना नाश्ता किया और उठते हुए कहा,”माँ मैं निकलता हूँ”
“अरे साले साहब जा रहे है अर्जुन उन्हें रोको ऐसे पता कैसे चलेगा उसका प्लान क्या है ?”,सोमित जीजू ने अर्जुन को फिर कोहनी मारते हुए कहा
“जीजू उसका प्लान जानने का दुसरा तरिका है मेरे पास”,अर्जुन ने खाते हुए कहा
“क्या ?”,जीजू ने उत्सुकता से पूछा
“वो रही हमारे सामने,,,,,,,,,,,,,,,,,अक्षत की धर्मपत्नी मीरा जी , चलिए उन्ही से पूछ लेते है आशु ने उसे विश किया या नहीं ?”,अर्जुन ने उठते हुए कहा
“कभी कभी तेरा दिमाग काम करता है”,जीजू ने भी कहा और दोनों हॉल में मीरा के पास चले आये।
“मीरा मीरा मीरा सुनो , क्या आज आशु ने तुम्हे विश किया ?”,अर्जुन ने पूछा
मीरा ने कहा कुछ नहीं बस मासूम सा चेहरा बनाकर ना में गर्दन हिला दी।
“देखा जीजू मैंने कहा था ना ये लड़का सच में खड़ूस हो गया है , शादी से पहले कैसे मीरा के आगे पीछे घूमता था लेकिन अब तो उसे याद भी नहीं की आज वेलेंटाइन है”,अर्जुन ने कुढ़ते हुए कहा
“मीरा ज़रा यहाँ आना”,दरवाजे पर खड़े अक्षत ने आवाज दी
“अरे मेरे साले साहब है वो , ऐसे कैसे हो सकता है वो भूल जाये,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा जाओ वो तुम्हे विश करने ही आया होगा,,,,,,जाओ जाओ जल्दी जाओ”,सोमित जीजू ने कहा तो मीरा अक्षत की तरफ चली गयी। अक्षत के सामने आकर मीरा ने कहा,”हां अक्षत जी”
“मीरा एक्चुली वो आज मुझे आने में देर हो जाएगी इसलिए मैं तुम्हे लेने नहीं आ पाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,तो क्या तुम अकेले वापस जाओगी प्लीज ?”,अक्षत ने बड़े प्यार से कहा
“अच्छा ठीक है हम आजायेंगे,,,,,,,,,,,,,आपको बस यही कहना था ?”,मीरा ने पूछा अर्जुन और जीजू की बात सुनने के बाद उसे लगने लगा शायद अक्षत को आज का दिन याद हो। अक्षत कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”हाँ मुझे तुम से कुछ और भी कहना था”
“हाँ कहिये ना”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा
“वो मैं ये कह रहा था की तुम एक बार अखिल से मिल लो ना , उसे तुमसे कुछ काम होगा ,, मैं आज दोपहर भेज दू उसे ?”,अक्षत ने कहा
“आपको यही कहना था ?”,मीरा ने थोड़ा उदास होकर पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे भेज ही देता हूँ प्लीज तुम उस से मिल लेना , मुझे देर हो रही है सो मुझे निकलना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”,कहते हुए अक्षत ने मीरा के गाल को छुआ और वहा से चला गया।
मीरा ने मासूमियत से अर्जुन और जीजू की तरफ देखा तो दोनों समझ गए की अक्षत को सच में कुछ भी याद नहीं है। मीरा वहा से चली गयी। अर्जुन और सोमित जीजू भी ऑफिस के लिए निकल गए। नाश्ता करने के बाद मीरा भी चाइल्ड होम के लिए निकल गयी। नीता , तनु और निधि ने अपने अपने हस्बेंड को एक बढ़िया सा गिफ्ट देने का सोचा इसलिए दोपहर में तीनो मार्किट चली गयी। राधा बच्चो के साथ घर में ही थी। नक्ष सो चुका था और अमायरा दादू के पास बैठी उनसे कहानिया सुन रही थी।
अक्षत कोर्ट पहुंचा और अपने केबिन में चला आया। सचिन अपने काम में लगा था अक्षत ने उसे आज के सभी जरुरी काम बताये और अपना काम करने लगा। एक केस की सुनवाई थी जिसके लिए अक्षत को अपने क्लाइंट से मिलना था। अक्षत ने उन्हें फोन करके आने को कहा और वापस अपने काम में लग गया। कुछ देर बाद चित्रा केबिन में आयी आज फिर उसने साड़ी पहनी थी।
लाल रंग की साड़ी में चित्रा बला की खूबसूरत लग रही थी लेकिन आज उसने साड़ी को सलीके से पहना था। सचिन ने देखा तो एक बार के लिए उसकी नजरे भी चित्रा पर ठहर सी गयी। चित्रा के हाथ में गुलाब का फूल था उसने फूल को केबिन में रखे फ्लावर पॉट में रखते हुए अक्षत से कहा,”गुड मॉर्निंग सर”
“गुड मॉर्निंग”,अक्षत ने फाइल के पन्ने पलटते हुए कहा। चित्रा ने सूना तो मुस्कुराते हुए सचिन की तरफ आयी और कहा,”आज की नई अपडेट क्या है ?”
“ये देखो , तुम्हे आज इन कुछ केस को सर के साथ देखना है”,सचिन ने फाइल चित्रा की तरफ बढ़ा दी। चित्रा वही उसके बगल में बैठकर फाइल को चेक करते हुए सभी इम्पोर्टेन्ट चीजे नोट करने लगी।
कुछ वक्त बाद क्लाइंट आये और अक्षत उनके साथ बिजी हो गया। अपना काम करते हुए चित्रा की नजरे बार बार अक्षत पर चली जाती। आज अक्षत कुछ ज्यादा ही अच्छा लग रहा था।
जब अक्षत सीरियस रहता तो और भी ज्यादा हेंडसम लगता था। क्लाइंट से बात करते हुए अक्षत एक मोमेंट पर थोड़ा गुस्सा हुआ तो चित्रा अपना काम छोड़कर उसकी तरफ देखने लगी। जिस तरह से अक्षत सामने बैठे आदमी को उसका केस समझा रहा था चित्रा एक पल के लिए उसी में खोकर रह गयी। कुछ तो बात थी अक्षत में जो चित्रा को अपनी ओर खींचे जा रही थी। जैसे ही अक्षत ने चित्रा की तरफ देखा चित्रा ने जल्दी से गर्दन झुका ली।
अक्षत से बात करने के बाद आदमी उठकर बाहर चला गया। अक्षत ने फाइल उठायी और कहा,”मिस चित्रा 10 मिनिट बाद अग्रवाल वाले केस की सुनवाई है तो आप मुझे कोर्ट रूम में मिले”
“जी सर”,चित्रा ने कहा और फाइल उठाकर वहा से चली गयी। अक्षत भी अपने हाथ में पकड़ी फाइल लेकर केबिन से बाहर निकल गया और दूसरी तरफ चला गया। दिनभर अक्षत काम में लगा रहा और आज चित्रा भी उसके साथ साथ थी।
वैसे पूरा दिन वो बस फाइल्स और किताबो में ही बिजी रहती थी लेकिन आज उसे अक्षत के साथ सुनवाई देखने का मौका भी मिल रहा था और इन सब से वो बहुत खुश थी। लंच के बाद जो एक केस की सुनवाई थी जिसमे काफी टाइम लग गया। कोर्ट बंद होने का टाइम हो चुका था लेकिन जज साहब चाहते थे सुनवाई आज ही खत्म हो। अक्षत कोर्ट रूम में खड़ा सामने वाले वकील से बहस कर रहा था ऐसे में बार बार उसका फोन वाइब्रेट हो रहा था। अक्षत ने ध्यान नहीं दिया और बहस जारी रखी।
अर्जुन और सोमित जीजू शाम में जल्दी घर आ गए। हनी भी आज निधि से मिलने घर चला आया उसने निधि के लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया था और वह उसे अपने साथ बाहर लेकर जाना चाहता था। हनी ने जब निधि को बताया तो वह ख़ुशी से फूली नहीं समाई। वह जल्दी से तैयार हुई उसने हनी की पसंद का गाउन पहना और नक्ष को साथ लेकर वहा से चली गयी।
हनी ने लिए खरीदा गिफ्ट भी उसने अपने बैग में रख लिया। सोमित जीजू और अर्जुन भी तैयार होने चले गए उन्होंने अभी तक नीता और तनु को कुछ नहीं बताया था। विजय जी ऑफिस से घर आये और आकर सोफे पर बैठते हुए कहा,”राधा एक कप चाय मिलेगी”
“जरूर मिलेगी ये लीजिये आपकी चाय”,विजय के कहते ही राधा चाय का कप हाथो में थामे उनके सामने खड़ी थी
“अरे वाह इतनी जल्दी , वैसे आज कुछ ज्यादा ही प्यार आ गया मुझे पर”,विजय जी ने चाय का कप लेते हुए कहा
“आएगा क्यों नहीं आज प्रेम दिवस है और आज के दिन आपके लिए कुछ ख़ास करने का मन था इसलिए अपने हाथो से ये चाय बनायीं है”,राधा ने प्यार से मुस्कुराते हुए कहा
“हम्म्म तो ये बात है फिर तो भई मैंने भी तुम्हारे लिए कुछ सरप्राइज रखा है”,विजय जी ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा
“क्या सच में ?”,राधा ने हैरानी से कहा
“हाँ जाओ तैयार हो जाओ फिर हम बाहर चलते है”,विजय जी ने प्यार भरी नजरो से राधा को देखकर कहा तो राधा के मन में तितलियाँ उड़ने लगी। वे ख़ुशी ख़ुशी अपने कमरे की तरफ चली गयी। विजय जी चाय पी ही रहे थे की दादू और दादी साथ साथ उनके सामने से गुजरे।
आज दादू ने ब्लैक रंग का सूट पहना था साथ में रेड बो टाई पहनी थी , पैरो में जूते , हाथ में चमकदार घडी , आँखों पर नजर वाला चश्मा और चेहरे पर चमक साथ ही दादी माँ ने साड़ी पहनी थी और आज हल्का मेकअप भी किया था उन्होंने। विजय जी ने उन्हें ऐसे देखा तो सोफे से उठते हुए कहा,”पापा आप ऐसे तैयार होकर कहा जा रहे है ?”
“आज वेलेंटाइन डे है और आज ही के दिन मैं सुरेखा जी से मिला था तो बस हम अपने उसी खूबसूरत पल को फिर से जीने जा रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,चले सुरेखा जी ?”,दादू ने अपना हाथ कमर पर रखते हुए कहा।
दादी माँ भी आज फुल मूड में थी इसलिए उन्होंने किसी 18 साल की लड़की की तरह दादू की बांह पकड़ी और दोनों साथ साथ आगे बढ़ गए। विजय जी ने सूना तो हैरानी से उन्हें देखने लगे। कुछ देर बाद विजय जी ने कहा,”अरे लेकिन जा कहा रहे है वो तो बता दीजिये , और अकेले कैसे जायेंगे रुकिए मैं गाड़ी भेजता हूँ”
“उसकी जरूरत नहीं है हमारी कैब आ चुकी है और हम दोनों जहा जा रहे है वो सीक्रेट डेट है इसलिए अब तुम मुझे परेशान करना बंद करो”,दादू ने जाते जाते ऊँची आवाज में कहा
“अच्छा ठीक है अपना ध्यान रखियेगा और एन्जॉय कीजियेगा”,विजय जी मुस्कुराते हुए कहा और फिर खुद भी तैयार होने चले गए। कुछ देर बाद विजय जी और राधा साथ साथ कमरे से बाहर आये हॉल में आकर विजय जी ने मीरा को आवाज दी। मीरा उनके पास आयी और उन्हें तैयार देखकर कहा,”माँ पापा आप दोनों कही जा रहे है क्या ?”
“हाँ बेटा बाहर जा रहे है , अच्छा ये बताओ अक्षत घर आया या नहीं ?”,विजय जी ने कहा
“पापा उन्हें आज थोड़ा टाइम लग जाएगा,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा
“ओह्ह्ह फिर तो तुम घर में अकेली रह जाओगी”,विजय जी ने चिंता जताते हुए कहा
“पापा अकेले कहा है बाकि सब है ना यहाँ , वैसे भी आप पहली बार माँ के साथ बाहर जा रहे है , आपको जाना चाहिए”,मीरा ने कहा तो विजय जी राधा की तरफ देखकर मुस्कुरा उठे राधा ने प्यार से मीरा के गाल को छूआ और कहा,”अपना और बच्चो का ख्याल रखना हम लोग जल्दी वापस आ जायेंगे”
“जी माँ”,मीरा ने कहा तो राधा विजय जी के साथ वहा से आगे बढ़ गयी।
“माँ”,मीरा ने आवाज दी
“हाँ मीरा”,राधा ने पलटकर कहा
“आज आप बहुत सुंदर लग रही है”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा तो राधा मुस्कुरायी और वहा से चल गयी।
मीरा उन्हें जाते हुए देखते रही इतने में अर्जुन वहा आया और कहा,”मीरा क्या तुम ये टाई लगा दोगी प्लीज मुझे समझ नहीं आ रहा”
“लाईये हम कर देते है”,मीरा ने अर्जुन के हाथ से टाई लेकर कहा और लगाने लगी। अर्जुन को सूट बूट में देखकर मीरा ने कहा,”अर्जुन भैया आप कही जा रहे है ?”
“हाँ मीरा मैं नीता के साथ बाहर जा रहा हूँ आज वेलेंटाइन डे है ना तो नीता के लिए एक छोटा सा सरप्राइज रखा है। आशु आ गया क्या ? उसने भी तुम्हारे लिए कुछ ना कुछ जरूर प्लान किया होगा”,अर्जुन ने कहा
जवाब में मीरा बस मुस्कुरा दी , आज सुबह से ही उसकी अक्षत से कोई बात नहीं हुई थी और जब शाम में उसने फोन लगाया तो अक्षत ने फोन नहीं उठाया।
“लीजिये हो गया”,मीरा ने अर्जुन की टाई सेट करते हुए कहा
“थैंक्यू मीरा,,,,,,,,,,,,,,,नीता चलो देर हो रही है”,अर्जुन ने मीरा से कहा और फिर पलटकर नीता को आवाज दी। कुछ देर बाद नीता अपनी साड़ी की सलवटों को सही करते हुए आयी और कहा,”अर्जुन तुम भी ना कभी कभी सच में हैरान कर देते हो , मैं तुम्हे सरप्राइज देने वाली थी और तुमने मुझे ही,,,,,,,,,,,,,,खैर चलो,,,एक मिनिट,,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा चीकू हमारे साथ नहीं जा रहा है तुम उसका ख्याल रखोगी प्लीज ?”
“भाभी आप आराम से जाईये हम है यहाँ”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा तो अर्जुन और नीता वहा से चले गए
“आज सभी घरवालों को क्या हो गया है ? वैसे अच्छा है इसी बहाने सब अपनी पुरानी यादें ताजा कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाकि हमारे मिस्टर सडु इस वक्त कहा बिजी होंगे पता नहीं ?”,कहते हुए मीरा जैसे ही पलटी देखा तनु और सोमित जीजू चले आ रहे है।
उन्हें देखकर मीरा समझ गयी की बाकी सबकी तरह वो दोनों भी बाहर घूमने जा रहे है इसलिए खुद ही उनके पास चली आयी और कहा,”दी जीजू आप दोनों आज बहुत प्यारे लग रहे है”
“तुम्हारे मुंह से अपनी तारीफ सुन ली काफी है मीरा , वैसे मैं तनु को बाहर लेकर जा रहा था”,सोमित जीजू ने कहा
“बहुत अच्छा प्लान है आप दोनों को जल्दी निकलना चाहिए”,मीरा ने खुश होकर कहा
“हाँ लेकिन बाकि सब कहा है ? मौसी मौसाजी , दादू दादी , निधि कोई नजर क्यों नहीं आ रहा ? और साले साहब,,,,,,,,,,क्या वो अभी तक नहीं आया ?”,सोमित जीजू ने घर में चारो तरफ नजरे दौड़ाते हुए पूछा
“आज सब बाहर गए है”,मीरा ने कहा
“क्या ? सभी बाहर गए है ,, मतलब तुम अकेली हो,,,,,,,,,,,,,,,फिर तो मैं और तनु रुक जाते है , जब आशु आएगा हम लोग तब चले जायेंगे , क्यों तनु सही है न ?”,सोमित जीजू ने तनु की तरफ देखकर कहा
“नहीं जीजू आप दोनों को जाना चाहिए हमे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा अगर आप दोनों हमारे लिए यहाँ रुकेंगे , वैसे भी हम अकेले कहा है , सब बच्चे और रघु भैया है ना घर में और फिर अक्षत जी का भी कुछ पता नहीं है वो कब तक आएंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारे लिए आपको अपनी डेट ख़राब करने की कोई जरूरत नहीं है”,मीरा ने कहा
“अरे मीरा ऐसा कुछ नहीं है हम लोग रुक जाते है”,तनु ने कहा
“दी हम कुछ नहीं सुनेंगे आप और जीजू कितने दिनों बाद साथ साथ बाहर जा रहे है , और वैसे भी आप दोनों हमारे फेवरेट कपल है तो आपको तो आज की डेट पर जरूर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,और हाँ आज जीजू को मीठा खाने से मत रोकियेगा प्लीज आज आप दोनों का दिन है , अब देर मत कीजिये जाईये ,, गुड लक और खूब एन्जॉय कीजियेगा”,मीरा ने दोनों को दरवाजे की तरफ ले जाते हुए कहा
“तुम भी अपना ख्याल रखना”,सोमित जीजू ने मीरा के सर पर अपना हाथ रखते हुए कहा जैसे की वो हमेशा किया करते थे। सोमित और तनु बाहर निकल गए मीरा अंदर चली आयी। घर में अब बस मीरा , काव्या , चीकू और अमायरा थे। तीनो बच्चे दादू के कमरे में बैठे कार्टून देख रहे थे। सबके चले जाने से घर खाली खाली लग रहा था। शाम हो चुकी थी और बाहर हल्का अन्धेरा भी हो चुका था। मीरा ने पुरे घर की लाइट्स जला दी और किचन में आकर बच्चो के लिए कुछ खाने को बनाने लगी।
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