Haan Ye Mohabbat Hai – 14
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Haan Ye Mohabbat Hai – 14
नन्ही अमायरा अपने हाथ से अक्षत का सर सहला रही थी। अर्जुन और जीजू अंदर चले आये तो अमायरा ने अर्जुन की तरफ पलटकर कहा,”पापा को क्या हुआ ?”
अमायरा का उतरा हुआ चेहरा देखकर अर्जुन ने उसे अपनी गोद में उठाया और कहा,”अमु पापा को बुखार हुआ है और तुम्हे उनसे दूर रहना चाहिए”
“पापा मुझसे बात,,,,,,,,,,,,,कब करेंगे ?”,अमायरा ने फिर पूछा। जीजू ने सुना तो कहा,”जल्दी ही करेंगे बेटा , अभी वो सो रहे है ना,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा ये बताओ आज तुमने खाने में क्या खाया ?”
“लाइस ( राइस )”,अमायरा ने खुश होकर कहा कुछ शब्द साफ बोलने में उसे अभी भी दिक्कत होती थी
“मैंने भी वही खाया , आओ मेरे पास आओ”,जीजू ने अपने हाथो को अमायरा की तरफ बढ़ाकर कहा तो वह उनकी गोद में चली आयी। अर्जुन और जीजू की बातों से अक्षत की नींद टूट गयी और वह उठकर बैठ गया। उसने दिवार से अपनी पीठ लगा ली।
अर्जुन उसके पास पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और कहा,”अब कैसा लग रहा है ?”
“हम्म्म्म मैं ठीक हूँ भाई बस थोड़ी सी थकान लग रही है”,अक्षत ने कहा
“तुझे अचानक क्या हो गया ? वैसे डॉक्टर ने क्या कहा ?”,अर्जुन ने अक्षत का सर छूकर देखते हुए कहा। बुखार अब कम हो चुका था
“वो ठण्ड की वजह से हो गया , डॉक्टर ने कहा है ये बस वायरल है एक दो दिन में ठीक हो जाएगा”,अक्षत ने कहा
जीजू भी अमायरा को गोद में लिए बिस्तर पर आ बैठे और कहा,”ये सब आइसक्रीम खाने की वजह से हुआ है , कभी कभी तुम ना एकदम बच्चे बन जाते हो किसी की नहीं सुनते”
अक्षत ने सूना तो हल्का सा मुस्कुराया। अर्जुन और जीजू वही बैठकर अक्षत से बाते करते रहे और अमायरा भी वही कमरे में यहाँ वहा खेलते रही। कुछ देर बाद चीकू आया और उसे अपने साथ लेकर चला गया। कुछ देर बाद मीरा अक्षत के लिए सूप लेकर आयी। अर्जुन और जीजू को वहा बैठे देखा तो कहा,”आप दोनों यहाँ है ?”
“अपने भाई को छोड़कर हम कहा जायेंगे मीरा , वैसे तुम आशु के लिए क्या लायी हो ? ये बीमार है इसे उबला खाना खिलाओ”,अर्जुन ने कहा
“अर्जुन भैया हम इनके लिए सूप लेकर आये है सुबह से इन्होने कुछ नहीं खाया”,कहते हुए मीरा ने प्लेट अक्षत की तरफ बढ़ा दी जिसमे कटोरी रखी थी।
“भई बीवी हो तो ऐसी , कितना ख्याल रखती है अपने सडु का,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जीजू ने जैसे ही कहा अक्षत ने उनकी तरफ देखा और जीजू ने तुरंत बात सम्हालते हुए कहा,”मेरा मतलब अपने पति का,,,,,,,,,,,,,,,,सूप पीओ मीरा अपने हाथो से बनाकर लायी है,,,,,,,,,,,,अर्जुन तुम्हे नहीं लगता हम दोनों को चलना चाहिए हम दोनों खामखा सूप में हड्डी,,,,,,,,,,,मेरा मतलब कबाब में हड्डी बन रहे है”
सोमित जीजू की बात सुनकर अर्जुन मुस्कुराते हुए उठा और जीजू के साथ कमरे से बाहर निकल गया। मीरा अक्षत के पास आयी और कहा,”सोमित जीजू आजकल कुछ ज्यादा ही शरारती हो गए है ना”
“हम्म्ममम”,अक्षत ने कहा
“आप सूप पीजिये ये ठंडा हो जाएगा”,मीरा ने टेबल पर फैले सामान को व्यवस्तिथ करते हुए कहा
“मीरा बैठो ना थोड़ी देर”,अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने बैठा लिया। मीरा भी उसके पास आ बैठी और खुद ही चम्मच उठाकर अक्षत को सूप पिलाने लगी। अक्षत को और क्या चाहिए था उसकी मीरा उसके सामने बैठी थी उसके लिए काफी था।
अगली सुबह अक्षत उठा मीरा ने उसका बुखार चेक किया तो नार्मल था मीरा को तसल्ली हुई। सुबह का नाश्ता करके सभी अपने ऑफिस और स्कूल के लिए निकल चुके थे। अक्षत भी नाश्ता कर दवा लेने के बाद अपने कमरे में आराम कर रहा था की तभी उसका फोन बजा। अक्षत ने फोन उठाया फोन सचिन का था अक्षत ने फोन कान से लगाया और कहा,”हाँ सचिन कहो”
“सर क्या आप थोड़ी देर के लिए कोर्ट आ सकते है ? वो एक इम्पोर्टेन्ट केस के बारे में क्लाइंट आपसे मिलना चाहता है। कुछ केस की फाइल्स भी है जिन पर आपके साईन चाहिए। अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब है तो मैं क्लाइंट के साथ आपके घर आ जाता हूँ”,सचिन ने कहा
“मैं दोपहर बाद कोर्ट आता हूँ उनसे वही मिल लूंगा”,अक्षत ने कहा वह नहीं चाहता था उसके काम से जुड़े लोग घर में आये। अक्षत की बात सुनकर सचिन ने फोन काट दिया और अपने काम में लग गया।
चित्रा अपनी टेबल पर रखी बुक्स में कुछ नोट कर रही थी लेकिन ध्यान उसका सचिन की बातो पर था। दो दिन से अक्षत कोर्ट नहीं आया था। सचिन के फोन रखने क रखने के बाद चित्रा उठकर सचिन के पास आयी और कहा,”सर आज भी कोर्ट नहीं आये , क्या उन्होंने बताया वो क्यों नहीं आ रहे ?”
“मैंने अभी तुम्हारे सामने ही सर से बात की है , उन्होंने कहा है वो दोपहर बाद कोर्ट आएंगे,,,,,,,,,,,,उनकी आवाज से लग रहा था शायद उनकी तबियत खराब है”,सचिन ने चित्रा की तरफ देखकर कहा। चित्रा ने जब सूना अक्षत की तबियत खराब है तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये और उसने कहा,”अगर उनकी तबियत खराब है तो तुमने उन्हें कोर्ट आने को क्यों कहा ? उन्हें परेशानी होगी”
“तुम्हे इतनी चिंता क्यों हो रही है ?”,सचिन ने एकदम से पूछा
सचिन का सवाल सुनकर चित्रा इधर उधर देखने लगी और कहा,”नहीं बस ऐसे ही कहा मैंने , मैंने देखा वो अपने काम को लेकर बहुत ज्यादा एक्टिव है। दिनभर अपनी पढाई और केस में लगे रहते है , हो सकता है ज्यादा काम करने की वजह से वो बीमार हो गए हो,,,,,,,,,,,,,,,सो एज अ जूनियर असिस्टेंट मैंने बस पूछ लिया”
“हम्म्म कोई बात नहीं वैसे भी कुछ इम्पोर्टेन्ट केस है जिनके लिए सर को आना पडेगा वो दोपहर बाद आएंगे , तब तक तुम उन फाइल्स की डिटेल्स निकला लो और नीचे ऑफिस में जाकर पेपर्स ले आओ”,सचिन ने कहा तो चित्रा उसका बताया काम करने लगी।
दोपहर बाद अक्षत उठा अब वह पहले से बेहतर महसूस कर रहा था। उसने एक वार्म शॉवर लिया , कपडे पहने और अपना कोट लेकर नीचे चला आया। दोपहर का खाना तैयार था दादू , दादी , राधा , नीता , तनु सभी डायनिंग के पास ही थे। अक्षत ने आकर अपना कोट कुर्सी पर रखा और बैठते हुए कहा,”माँ खाना लगा दीजिये”
“अब कैसी तबियत है तेरी ?”,दादू ने पूछा
“मैं अब ठीक हूँ दादू”,अक्षत ने कहा
“आशु तू कही जा रहा है क्या ?”,राधा ने पूछा
“हाँ माँ वो एक क्लाइंट से मिलना है और कुछ जरुरी काम भी है तो मुझे जाना पडेगा”,अक्षत ने खाना खाते हुए कहा
“बेटा कल से तुम्हारी तबियत खराब है अभी थोड़ा ठीक हुए की फिर काम पर चल पड़े , तुम्हे आराम करना चाहिए”,राधा ने अक्षत की परवाह जताते हुए कहा
“माँ देवर जी घर में रहेंगे तो ज्यादा परेशान रहेंगे , ये जितनी जल्दी अपने काम के पास लौट जाये उतना ही इनके लिए अच्छा है,,,,,,,,,,,,,,क्यों देवर जी ?”,पास बैठी नीता ने कहा
“हाँ भाभी कल से बोर हो गया हूँ मैं,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“तो आज शाम आपकी पसंद की भिंडी बनवाई जाये ?”,नीता ने पूछा
“बिल्कुल और साथ में मटर पुलाव भी,,,,,,,,!!”,अक्षत ने खुश होकर कहा तो नीता मुस्कुरा उठी
मीरा वही खड़ी सब सुन रही थी जैसे ही अक्षत ने उसे देखा मीरा ने कहा,”लेकिन डॉक्टर अंकल ने तो कहा है की आपको उबला हुआ और फीका खाना है”
“कौन वो तिवारी ? वो एक नंबर का गधा है , मुझे तो समझ नहीं आता उसे डॉक्टर किसने बना दिया ? जब भी जाओ कुछ ना कुछ बंद कर देता है,,,,,,,,,,तू उसकी बिल्कुल मत सुनना बेटा”,दादू ने चिढ़ते हुए कहा क्योकि उन्ही तिवारी जी ने दादू की भी फेवरेट चीजे बंद करवाई थी
दादू की बात सुनकर अक्षत हँसने लगा पास बैठी राधा ने सूना तो कहा,”पिताजी वो इंदौर के सबसे बड़े डॉक्टर है , आपकी शुगर की बीमार भी उनकी वजह से कंट्रोल में आयी थी भूल गए आप”
“अरे सब झूठ मेरा सबसे ज्यादा ख्याल रखा है मेरी छोटी बहु मीरा ने और इसी ने मेरी सब बीमारिया भी दूर की है , वो तिवारी तो नाम का डॉक्टर है बस”,दादू ने कहा तो मीरा उनके पास आयी और उनके कंधे पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा,”हमारे प्यारे दादू हम हमेशा आपसे कहते है ना,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ मीरा मुझे याद है मैं इस घर की नींव हूँ और मेरा स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है”,दादू ने मीरा की बात काटते हुए कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी
“अच्छा माँ मैं चलता हूँ , मुझे थोड़ा काम है,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने अपनी प्लेट में रखा खाना खत्म कर उठते हुए कहा और वहा से चला गया। दादू भी खाना खाकर वहा से चले गए। राधा ने मीरा को भी साथ बैठकर खाना खाने को कहा तो मीरा आ बैठी और सब बातें करते हुए खाना खाने लगे।
VS कम्पनी
“छवि ये कुछ फाइल्स है इन्हे सर के केबिन में लेकर जाओ और सर से साईन करवा दो प्लीज , शाम में मीटिंग है और ये इम्पोर्टेन्ट है”,छवि के सीनियर ने आकर कहा।
“ओके सर”,छवि ने फाइल्स लेते हुए कहा और सिंघानिया जी के केबिन की ओर बढ़ गयी। सिंघानिया जी अपने मैनेजर के साथ बैठे किसी प्रोजेक्ट पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने जब छवि को बाहर खड़े देखा तो अंदर आने का इशारा किया।
छवि अंदर चली आयी और हाथ में पकड़ी फाइल्स को सिंघानिया जी के सामने रखते हुए कहा,”सर आज शाम की मीटिंग इन प्रोजेक्ट्स पर है और इन पर आपके साइन चाहिए , आप इन्हे देख लीजिये”
“हम्म्म्म !”,सिंघानिया जी ने हामी भरी तो छवि ने सर झुकाकर उनका अभिवादन किया और जैसे ही जाने लगी सिंघानिया जी ने कहा,”मिस छवि”
“यस सर”,छवि ने पलटकर सहजता से कहा
“उस दिन तुम और विक्की यहाँ साथ थे तुम थोड़े गुस्से में थी क्या विक्की ने तुम्हारे साथ कोई बदतमीजी की थी ?”,सिंघानिया जी ने पूछा
“नहीं सर , दरअसल विक्की सर को गलतफहमी थी और मुझे यकीन है वो ग़लतफ़हमी जल्दी ही दूर हो जाएगी”,छवि ने एक पॉजिटिव मुस्कान के साथ कहा
सिंघानिया जी को छवि का ये ऐटिटूड पसंद आया उन्होंने छवि से जाने को कहा। छवि वापस आकर अपने कंप्यूटर के सामने बैठ गयी और काम करने लगी।
अक्षत कोर्ट पहुंचा। कोर्ट आकर वह कुछ क्लाइंट्स से मिला। अक्षत की तबियत खराब थी लेकिन फिर भी वह बड़ी सहजता से उनसे बात कर रहा था। जब क्लाइंट्स उठकर चले गए तो चित्रा एक कप लेकर अक्षत के सामने आयी और टेबल पर रखते हुए कहा,”सर ये आपके लिए”
“मैं कॉफी नहीं पीता”,अक्षत ने कहा
“ये चाय है सर कॉफी नहीं ,, चाय तो पीते होंगे ना आप,,,,,,,,,,वैसे भी ये उस दिन मुझे लिफ्ट देने के बदले में है , छोटा सा थैंक्यू प्लीज,,,,!!”,चित्रा ने कहा
“तुम्हे अपने जूनियर्स के साथ इतना सख्त भी नहीं होना चाहिए”,चित्रा का प्लीज सुनकर अक्षत के कानो में अखिल की कही बात गुंजी। अक्षत ने कप उठाया और एक घूंठ भरा। चाय अच्छी थी साथ ही कड़क भी , अक्षत ने चित्रा की तरफ देखा और कहा,”हम्म्म थैंक्यू”
चित्रा ने सूना तो उसके होंठो पर मुस्कान फ़ैल गयी और वह अपनी टेबल की तरफ चली आयी। अक्षत ने चाय खत्म की और सचिन को कुछ जरुरी काम बताकर वहा से निकल गया। चित्रा भी पूरी लग्न से अपना काम कर रही थी और साथ ही नयी चीजे भी सीख रही थी।
अक्षत अपने केबिन से निकल कर नीचे आया। जाने से पहले उसे किसी काम से माथुर साहब से मिलना था।
कॉरिडोर में चलते हुए अचानक अक्षत की नजर सामने सामने से आते वकील , एक पुलिसवाला और एक जाने पहचाने शख़्स पर पड़ी जिसे देखते ही अक्षत के चेहरे के भाव बदल गए। जैसे ही वह शख्स अक्षत के सामने आया रुक गया और उसे देखने लगा। अक्षत के सामने खड़ा वह शख़्स कोई और नहीं बल्कि “शुभ शर्मा” था अक्षत का कॉलेज फ्रेंड जो की मीरा के साथ हुए हादसे की वजह से अब तक जेल में था।
शुभ के साथ आये वकील ने अक्षत को देखा तो कहा,”अरे वकील साहब रस्ते में क्यों खड़े है ?”
अक्षत ने वकील को कोई जवाब नहीं दिया बस उसे एक नजर देखा और फिर शुभ के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”तुमने जो किया उसके बाद तुम्हे माफ़ करने का सोच भी नहीं सकता लेकिन तुम अपने किये की सजा काट चुके हो इसलिए मैं वो सब भूल चुका हूँ। उम्मीद है यहाँ से निकलने के बाद तुम एक नयी जिंदगी शुरू करोगे और खुद को एक बेहतर इंसान बनाओगे”
शुभ ने ख़ामोशी से सब सूना और अक्षत को घुरते रहा उसकी आँखों से पता चल रहा था की अक्षत को लेकर उसके दिल में कितनी नफरत है। उसने बड़े आराम से अपने कंधे से अक्षत का हाथ साइड किया और कहा,”मुझे अपने सामने ऐसे देखकर तुम डर रहे हो क्या मिस्टर अक्षत व्यास , तुम्हारा ये डर अच्छा लगा”
अक्षत बीती बातें भूलना चाहता था लेकिन शुभ का बर्ताव देखकर वह समझ गया की शुभ में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है उसने वकील की तरफ देखा और कहा,”लेकर जाईये इसे” कहकर अक्षत आगे बढ़ गया।
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