Haan Ye Mohabbat hai – 9
अक्षत सबके साथ गुलावत पहुंचा। गाड़ी को पार्किंग में लगाकर सभी नीचे उतरे। वह जगह बहुत ही खूबसूरत थी कुछ ही दूर पर एक बड़ी सी झील थी जिसमे गुलाबी कमल के फूल खिले नजर आ रहे थे। जीजू ने नीता के हाथो से चीकू को गोद में ले लिया और निधि काव्या के साथ आगे बढ़ गए। नीता और तनु भी बाते करते हुए आगे बढ़ गयी। मीरा भी जब जाने लगी तो अक्षत ने उसे हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा,”पहले मेरे एक सवाल का जवाब दो”
“हम्म्म पूछिए”,मीरा ने कहा
“कैसी लगी ये जगह ?”,अक्षत ने सामने देखते हुए कहा
“आप यहाँ हमारे लिए आये है ना ?”,मीरा ने शरारत से अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा
“हम्म्म्म हम्म , पसंद आयी ?”,अक्षत ने पूछा
“बहुत अच्छी है , शुक्रिया”,मीरा ने कहा , अक्षत जैसे ही उसके गाल पर किस करने के लिए झुका जीजू पलटकर कहा,”साले साहब आ जाईये”
अक्षत ने खुद को रोक लिया और मीरा से दूर होकर कहा,”हां हां जीजू आते है”
“चले”,मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा
“ये जीजू भी ना रोमांस के बीच में ना जाने कहा से टपक पड़ते है , चलो”,कहकर अक्षत ने मीरा का हाथ थामा और उसके साथ चल पड़ा। झील किनारे आकर सभी वहा की खूबसूरती को निहारने लगे। निधि अपने साथ कैमरा लेकर आयी थी तस्वीरें निकालने लगी। सबने ढेर सारी तस्वीरें खींची और उसके बाद नीता गाड़ी से कालीन ले आयी और राधा ने खाने पीने का जो सामान रखवाया वो सामान भी। सभी आकर बैठ गए लेकिन अक्षत के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था उसने मीरा से कुछ कहा और वहा से उठकर चला गया। कुछ देर बाद मीरा भी उठकर चली गयी। निधि ने देखा और जैसे ही मीरा को आवाज देनी चाही जीजू ने उसे रोक दिया और कहा,”जाने दो निधि मीरा को कुछ देर अक्षत के साथ रहने दो”
“हम्म ठीक है , चलो चीकू काव्या हम लोग कुछ खेलते है”,कहकर निधि बच्चो के साथ खेलने लगी। जीजू तनु और नीता आपस में बतियाने लगे मौसम भी काफी सुहावना था और ऐसी जगह आकर तो जीजू का मन और भी अच्छा हो गया। उन्होंने नीता और तनु से बैठने को कहा और खुद झील किनारे घूमने निकल गए। नीता और तनु काफी दिनों बाद मिली थी इसलिए बातो में लग गयी। अक्षत को ढूंढते हुए मीरा आयी उसने देखा अक्षत झील किनारे पत्थर पर बैठा पानी को निहार रहा है। मीरा ने पीछे से जाकर उसकी आँखे बंद की , मीरा की छुअन को भला वह कैसे भूल सकता था ? उसने मीरा के हाथ को पकड़कर कहा,”तुम्हे तो मैं बंद आँखों से भी पहचान सकता हूँ मीरा”
“हम्म्म्म , हमे यहाँ क्यों बुलाया ? सब तो वहा है”,मीरा ने कहा
“आओ बैठो”,कहते हुए अक्षत ने मीरा को अपनी बगल में बैठाया और फिर कहने लगा,”सब वहा है लेकिन मुझे तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताना था अकेले में”
“अच्छा तो ये बात है वैसे आज मिस्टर सडु इतने रोमांटिक मूड में कैसे है ?”,मीरा ने अक्षत को छेड़ते हुए कहा
“ए सडु नहीं हूँ मैं सडु होता ना तो तुमसे प्यार नहीं करता”,अक्षत ने कहा तो मीरा ने प्यार से उसके हाथ को अपने हाथो में थामा और कहने लगी,”लेकिन हमे तो आप सडु ही अच्छे लगते है , जब आप गुस्सा करते है तब कैसे आपकी नाक लाल हो जाती है ना”
“अच्छा मेरा मजाक उड़ा रही हो”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म्म हम्म्म”,मीरा ने कहा
“सही कहते है मेरे दोस्त शादी के बाद ना लड़किया अनरोमांटिक हो जाती है”,अक्षत ने कहा
“गलत कहते है”,मीरा ने कहा
“अच्छा वो कैसे ?”,अक्षत ने मीरा की और देखकर कहा
मीरा ने जवाब नहीं दिया बस पलके बंद की और अक्षत के गाल को अपने होंठो से छू लिया। मीरा की छुअन का वो अहसास अक्षत के दिल को धड़का गया। मीरा अक्षत से दूर हटी और सामने देखते हुए कहने लगी,”रिश्तो में बटने से प्यार कभी कम नहीं होता है अक्षत जी बल्कि और बढ़ जाता है ,, शादी के बाद जिम्मेदारियां भी बढ जाती और प्यार भी”
“तुम्हारी बातो के सामने ना कोई भी खामोश हो सकता है”,अक्षत ने कहते हुए झील के पानी को मीरा पर उछाल दिया। ठंडा पानी गिरने से मीरा को झुरझुरी सी हुयी तो उसने कहा,”आपको तो हम छोड़ेंगे नहीं अक्षत जी”
“मैं तो चाहता हूँ की तुम मुझे कभी ना छोडो”,कहकर अक्षत ने एक बार फिर पानी मीरा पर उछाल दिया और वहा से भाग गया। पीछे पीछे मीरा भी आयी लेकिन अक्षत उसे चिढ़ाते हुए उसके आगे आगे भागता रहा। भागते हुए अक्षत ने मीरा से कहा,”तुम मुझे नहीं पकड़ पाओगी मीरा”
वहा मौजूद लोग उन दोनों को देख रहे थे। कुछ नए कपल्स उनके साथ से जल भी रहे थे तो कुछ उन्हें देखकर खुश हो रहे थे। मीरा को परेशान देखकर अक्षत रुक गया और अपने हाथ ऊपर कर दिए। मीरा उस से कुछ ही दूर खड़ी थी वह उसके पास आयी और फिर एकदम से उसके गले आ लगी। उस वक्त मीरा को ना ज़माने की फ़िक्र थी ना ही किसी का डर ,, उसे महसूस हुआ जैसे अक्षत उस से कही दूर जा रहा हो। अक्षत ने उसे खुद से दूर किया और उसका चेहरा अपने हाथो में लिया तो देखा मीरा की आँखों में आंसू भर आये है। अक्षत ने देखा तो हँसते हुए कहा,”पगला हो क्या मीरु कही नहीं जा रहा मैं”
मीरा ने अक्षत को पीछे धकेला और वहा से चली गयी। अक्षत समझ गया की मीरा उस से नाराज होकर चली गयी। मीरा वापस बाकि लोगो के पास आ गयी उसे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था अक्षत को लेकर जैसे अक्षत उस से कुछ छुपा रहा हो। नीता ने मीरा को देखा तो कहा,”अरे मीरा तुम यहाँ हो अक्षत कहा है ?”
“वो उस तरफ है भाभी”,मीरा ने बुझे मन से कहा। अक्षत भी वापस आने लगा तो उसने देखा झील किनारे एक लड़का अपना गिटार हाथ में लिए बैठा है , अक्षत उसके पास आया और कहा,”हाय”
“हेलो”,लड़के ने मुस्कुरा कर कहा
“क्या मैं इसे बजा सकता हूँ ?”,अक्षत ने कहा तो लड़के ने थोड़ा हैरानी से उसे देखा अक्षत ने आगे कहा,”एक्चुअली वो मेरी वाइफ नाराज हो गयी है उसे मनाना है ,प्लीज इफ यू डोंट माइंड थोड़ी देर के लिए”
लड़का उठा और गिटार अक्षत की और बढाकर कहा,”स्योर सर”
अक्षत ने गिटार लिया लड़के को थैंक्यू कहा और अपने साथ आने को कहा। अक्षत ने जीजू और बाकि सबको एक साथ आने को कहा। अक्षत ने मीरा की और देखा और आँखों ही आँखों में उस से सॉरी कहा। मीरा ने नजरे घुमा ली। जीजू तो अक्षत को गिटार के साथ देखकर ही खुश हो गए , अक्षत का गाना सुने हुए काफी दिन जो हो चुके थे अक्षत ने गिटार को हाथो में सेट किया और कहा,”मीरा दिस इज फॉर यू” कहकर अक्षत गाने लगा
“जिस्म हूँ मैं , तुम रूह हो मेरी
मैं रहा ना , अब तुम हो मेरी
मेरी हर दुआ में , शामिल हो तुम
हर घड़ी मुझे है , आरजू तेरी
होने लगा अब खुद पे गुरुर , जाना ना मुझसे एक पल भी दूर,,,,,,,,,,,,,एक पल भी दूर
इस दिल को तेरी जरूरत है,,,,,,,,,,,,,,,,हां ये मोहब्बत है , हां ये मोहब्बत है , हां ये मोहब्बत है
सब मुस्कुराते हुए अक्षत का गाना सुन रहे थे और अक्षत के शब्द मीरा के दिल को पिघला रहे थे। वह कभी अक्षत को देखती तो कभी साइड में देखने लगती। अक्षत ने मीरा को देखा और आगे गाने लगा
“तेरी ख़ामोशी से मेरा जलता है दिल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ह्म्म्मम्म ह्म्मम्म्म्म
तेरी ख़ामोशी से मेरा जलता है दिल
क्या बताऊ कैसे फिर सम्हलता है दिल ?
हर पल तेरी ही तमन्ना इसे
तेरे बिन कितना तन्हा रहता है दिल
हद से गुजर ना जाये कही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बिन तेरे हम मर न,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
अक्षत आगे गा पाता इस से पहले ही मीरा ने आकर उसके होंठो पर अपना हाथ रख दिया , उसकी आँखे नम थी और उसने ना में अपनी गर्दन हिला दी। अक्षत मुस्कुराया और मीरा का हाथ अपने होंठो से हटाकर गाने लगा
“है खुदा जानता तू मेरी हकीकत है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां ये मोहब्बत है , हम्म्म्म ये मोहब्बत है ,”
मीरा आ अक्षत के गले आ लगी वहा खड़े सभी लोग उन दोनों को देखकर तालिया बजाने लगे। सोमित जीजू ने ये नजारा देखा तो उनकी आँखों में नमी तैर गयी आज से पहले उन्होंने कई लोग देखे थे जो एक दूसरे के प्यार में थे लेकिन अक्षत और मीरा जैसा कोई नहीं देखा तो। मीरा अक्षत से दूर हुई। अक्षत ने गिटार लड़के को देकर थैंक्यू कहा तो लड़का वहा से चला गया। जीजू अक्षत के पास आये और कहा,”पागल हो तुम दोनों सच में , कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है यार आशु ?”
“इसका जवाब तो हम में से किसी के पास नहीं है जीजू”,अक्षत ने कहा
“चलो चलकर कुछ खा लो दोनों”,जीजू ने कहा तो अक्षत और मीरा दोनों नीता की और चले आये। नीता ने दोनों के लिए प्लेट में नाश्ता निकालकर दिया। काव्या निधि और चीकू भी थककर सबके पास आ बैठे। दोपहर होने को आयी सभी अब थक चुके थे इसलिए जीजू ने घर चलने को कहा। सभी वहा से घर के लिए निकल गए। आते वक्त अक्षत और मीरा आगे बैठे थे और जीजू , तनु , नीता पीछे और बाकि बच्चे सबसे पीछे। गर्मियों के दिन थे इसलिए जीजू को तो नींद आ गयी। तनु और नीता भी बातो में लगी हुयी थी , अक्षत ने देखा मीरा ख़ामोशी से खिड़की के बाहर देखे जा रही है , उसके चेहरे की उदासी को अक्षत बखूबी समझ रहा था। उसने मीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और उसे गेयर पर रखकर गाड़ी चलाने लगा। मीरा ने अक्षत की और देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी। सभी घर पहुंचे। राधा ने सबके लिए खाना बना दिया था खाना खाकर सभी आराम करने लगे। मीरा ऊपर कमरे में चली आयी उसका सर हल्का दर्द कर रहा था इसलिए वह दवा लेकर लेट गयी। सोमित जीजू और तनु तो आज शाम में ही निकलने वाले थे लेकिन अक्षत ने उन्हें रोक लिया।
अक्षत नीचे से ऊपर रूम में आया तो देखा मीरा सो रही है , अक्षत ने अपना लेपटॉप और कुछ फाइल्स उठाये और बाहर आकर सोफे पर बैठ गया। काम करते करते अक्षत की आँख लगी और वह वही सोफे पर सो गया। शाम में जब मीरा उठी और कमरे से बाहर आयी तो देखा अक्षत बाहर सो रहा है , मीरा आकर प्यार से अक्षत के चेहरे को निहारने लगी। अक्षत आज भी सोते हुए उतना ही मासूम लग रहा था जितना 2 साल पहले लगता था। मीरा आकर अक्षत की साइड में बैठी उसकी गोद में पड़ी फाइल को उठाया और सामने टेबल पर रख दिया। अक्षत ने नींद में ही सोफे पर पसरते हुए अपना सर मीरा की गोद में रख दिया। एक सुकून उसके चेहरे पर उतर आया। मीरा भी मुस्कुरा उठी उसे अपने बीते दिनों की याद आ गयी जब पहली बार अक्षत ऐसे ही नींद में उसकी गोद में सर रखकर सोया था। उसने कोहनी पीछे लगायी और अपना सर हथेली पर टीकाकार प्यार से अपनी उंगलिया अक्षत के बालो में घूमाने लगी। कितना सुकून था इन पलों में , किसी तरह की परेशानी नहीं थी। कुछ देर बाद चीकू काव्या के साथ खेलते हुए कमरे से बाहर आया अक्षत और मीरा को देखकर दोनों उसकी और चले आये। काव्या ने देखा तो कहा,”अक्षत मामू तो बोरिंग हो गए है ना हम लोगो के साथ खेलते है ना ही हमसे बात करते है , हैं ना चीकू ?”
काव्या ने कहा तो चीकू ने तीन चार बार हाँ में अपनी गर्दन हिला दी ऐसा करते हुए वह बड़ा ही क्यूट लग रहा था। मीरा ने सूना तो काव्या से कहा,”काव्या आप एक काम करना जब आपके मामू उठे ना तो उनसे शिकायत करना”
“मैं अभी इनको उठाती हूँ”,कहते हुए काव्या ने अक्षत को जगाना शुरू कर दिया ये देखकर चीकू भी उसकी देखा देखी करने लगा। बेचारा अक्षत उन दोनों बच्चो की वजह से उठ गया और ऊंघते हुए कहा,”क्या है काव्या सोने दो ना”
“मामू उठो , क्या दिनभर सोते रहते हो ? आप तो मेरे साथ खेलते भी नहीं हो”,काव्या ने कहा उधर चीकू दूसरी और से मीरा के बगल में आया और कहा,”मुझे यहाँ सोना है”
“ए चेम्प ये मेरी जगह है , तुम्हे सोना है तो अपनी मीरा ढूंढ लो”,अक्षत ने वापस मीरा की गोद में लेट गया
“बच्चे के सामने कैसी बातें कर रहे है आप ? , चीकू आओ आप हमारे पास हम आपको सुलाते है”,मीरा ने जैसे ही चीकू को लेने के लिए हाथ बढ़ाया चीकू दूर हटा और कहा,”नहीं मुझे मेरी मीरा चाहिए”
अक्षत ने सूना तो हसने लगा। चीकू वहा से नीचे चला आया , मीरा और काव्या उसके पीछे पीछे आये लेकिन उसने तो जिद पकड़ ली। सोमित ने देखा तो चीकू को अपने पास बुलाया और कहा,”क्या हुआ चीकू ?”
“मुझे मेरी मीरा चाहिए”,चीकू ने रोते हुए कहा
जीजू को कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने सामने खड़ी मीरा को देखा मीरा ने उन्हें जब सब बात बताई तो जीजू ने कहा,”ये साले साहब भी बच्चो को क्या क्या सिखाते है ?”
“चीकू बेटा यहाँ आईये , जब आप बड़े हो जाओगे ना तब आपके लिए मीरा लेकर आएंगे”,मीरा ने समझाने की कोशिश की लेकिन बच्चा क्या समझे। चीकू रोने लगा ऊपर से अक्षत आया और कहा,”चेम्प इधर आओ”
रोते रोते चीकू अक्षत के पास चला आया तो अक्षत ने उसके आँसू पोछे और कहा,”मीरा चाहिए ?”
चीकू ने मासूमियत से हाँ में गर्दन हिला दी। अक्षत ने उसकी ऊँगली पकड़ी और कहा,”चलो फिर” चीकू ने सूना तो मुस्कुरा उठा और अक्षत के साथ चल पड़ा। जीजू और मीरा हैरानी से कभी अक्षत को तो कभी एक दूसरे को देख रहे थे। अक्षत ने काव्या को भी बुला लिया और दोनों को लेकर वहा से चला गया। मीरा भी वहा से चली गयी और जीजू दादू के कमरे में चले आये।
कुछ घंटो बाद अक्षत बच्चो के साथ वापस आया। चीकू खुश था उसके हाथ में एक बड़ी सी डॉल थी जिसने बहुत सुन्दर फ्रॉक पहना हुआ था। चीकू उसे लेकर पुरे घर में भाग रहा था। मीरा ने देखा तो अक्षत के पास आयी और कहा,”तो ये है चीकू की मीरा ?”
“ह्म्मम्म्म्म उस मीरा में एक खूबी भी है”,अक्षत ने कहा
“वो क्या ?”.मीरा ने पूछा
“वो ये मीरा जी की वो मीरा सिर्फ चीकू की सुनती है खुद कुछ नहीं कहती”,अक्षत ने मीरा को छेड़ने के लिए कहा
“चाय पिएंगे ?”,मीरा ने बात बदलते हुए कहा
“हां , वैसे जीजू कहा है नजर नहीं आ रहे ?”,अक्षत ने पूछा
“जीजू दादू के कमरे में है”,मीरा ने किचन की और जाते हुए कहा
“ठीक है फिर चाय वही भिजवा देना , मैं भी तो देखु मेरे बिना क्या खिचड़ी पक रही है वहा”,कहकर अक्षत दादू के कमरे की और बढ़ गया। अक्षत दादू के कमरे में आया उसे देखकर दादू ने ताना मारते हुए कहा,”सोमित ये लड़का लगता है आज अपने कमरे का रास्ता भूल गया”
“मेरे बिना कोनसी प्लानिंग चल रही है यहाँ”,अक्षत ने सामने पड़े सोफे पर बैठते हुए कहा
“बेटा जबसे तुम्हारी शादी हुई है ना मेरी जिंदगी में सूखा पड़ चुका है एक बार भी कम्पनी देने नहीं आया तू”,दादू ने कहा
“गुस्सा मत होइये मेरे दादू आज शाम बनाते है प्रोग्राम”,अक्षत ने कहा
“कैसा प्रोग्राम ?”,मीरा ने चाय के साथ अंदर आते हुए कहा ! मीरा को वहा देखकर तीनो की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी , क्योकि एक मीरा ही थी जिस से घर में सब डरते थे और उसकी हर बात मानते थे
Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9 Haan Ye Mohabbat hai – 9
क्रमश- हां ये मोहब्बत हैं – 10
Read More – हां ये मोहब्बत है – 8
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
Buy This Book here – archanapublication
संजना किरोड़ीवाल