Sanjana Kirodiwal

Haan Ye Mohabbat Hai – 35 ( Love Story )

Haan Ye Mohabbat Hai – 35

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

विजय जी मीरा से बात करने आये थे लेकिन सौंदर्या और अखिलेश ने मीरा को उनसे बात तक नहीं करने दी। विजय जी की आँखों में नमी तैर गयी। वे उठे और वहा से चले गए। जिस मीरा को उन्होंने बहु से ज्यादा अपनी बेटी समझा आज वही मीरा उनके साथ ऐसा बर्ताव कर रही थी सोचकर ही विजय जी का दिल टूट गया। सौंदर्या मीरा को दूसरी तरफ ले आयी। मीरा ख़ामोशी से बेंच पर आकर बैठी उसके जहन में विजय जी की कही बात अभी भी चल रही थी “और इसलिये
तुमने अक्षत को जेल भेज दिया।”


 मीरा एकदम से सौंदर्या की तरफ पलटी और कहा,”हमने अक्षत जी के खिलाफ कोई FIR नहीं की है भुआजी , फिर पापा ने ये क्यों कहा कि हमने उन्हें जेल भेज दिया। हम सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकते भुआजी”
“जानती हूँ मीरा तुम ऐसा नहीं कर सकती , इसलिए अक्षत के खिलाफ FIR मैंने करवाई है।”,सौंदर्या ने गुस्से से लेकिन धीमे स्वर में कहा
मीरा ने सुना तो उसे अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ। वह बेंच से उठ खड़ी हुई और कहा,”ये आप क्या कह रही है भुआजी ? आपने ऐसा क्यों किया ? आपने उन्हें जेल भेज दिया,,,,!!”


“तो और क्या करती मैं ? तुम से बदला लेने के लिये वो इतना गिर गया है मीरा कि उसने मेरे भाई को जान से मारने की कोशिश की। वो तुम्हारा पति है इसलिए तुम उसे माफ़ कर सकती हो मीरा लेकिन मैं नहीं , इस घटिया हरकत के लिये मैं उसे कभी माफ नहीं करुँगी।”,सौंदर्या ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी।

सौंदर्या की बात सुनकर मीरा धड़ाम से बेंच पर आ बैठी। बदहवास सी वह जमीन को देखने लगी उसकी आँखों में भरे आंसू टप टप करके नीचे जमीन पर गिरने लगे। अखिलेश ने देखा तो मीरा के बगल में आ बैठा और कहा,”मत रोईए मैडम , सब ठीक हो जाएगा।”
अखिलेश की बात सुनकर मीरा की आँखों से आँसू और ज्यादा झरने लगे। उसने रोते हुए कहा,”कुछ ठीक नहीं होगा अखिलेश जी , सब इतना बिगड़ चुका है कि अब हम चाहे तब भी इसे ठीक नहीं कर पाएंगे।

सब एक दूसरे के दुश्मन बन चुके है हमे समझ नहीं आ रहा हम किस पर भरोसा करे ? हमारे पापा इन हालातों में है , सौंदर्या भुआ की वजह से अक्षत जी जेल में है , हमारी फैमिली हम से दूर है और हम , हम किसी को समझा नहीं पा रहे है कि ये सब देखकर हमे कितना बुरा लग रहा है। कितनी घुटन हो रही है हमे,,,,,,,,,,,,,,,,हम ऐसा क्या करे जिस से सब ठीक हो जाये ? हम किसी को भी तकलीफ में नहीं देख सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,हम किसी को कुछ नहीं समझा पा रहे है और अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,,,,वो तो हम से बात तक करना नहीं चाहते।”


मीरा के मुंह से बार बार अक्षत का नाम सुनकर अंदर ही अंदर अखिलेश का खून जल रहा था लेकिन अपने मन के भावो को उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया और कहने लगा,”आप बिल्कुल परेशान मत होईये मीरा मैडम , जो होता है अच्छे के लिये होता है।”

अखिलेश की बात सुनकर मीरा ने नम आँखों से उसकी तरफ देखा तो अखिलेश ने अपने जेब से रुमाल निकालकर मीरा की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”अभी हालात ठीक नहीं है मीरा मैडम इसलिये चीजे गलत हो रही है। वक्त के साथ ये सब अपने आप सही हो जाएगा आप अपनी सब परेशानी वक्त पर छोड़ दीजिये।”
मीरा ने अखिलेश का रूमाल ना लेकर वापस उसकी तरफ करते हुए कहा,”कभी कभी हालात इतने बदतर होते है अखिलेश जी कि उन्हें वक्त पर छोड़ा नहीं जाता। अक्षत जी इस वक्त तकलीफ में है हमे उन्हें छुड़ाने जाना होगा।”


“अक्षत , अक्षत , अक्षत , आखिर क्या है ऐसा उस अक्षत में मैडम जो आप इतना सब होने के बाद भी उनकी परवाह कर रही है। क्या एक बार भी उन्होंने आपके बारे में सोचा ?  उसे अहसास तक नही है आप किस तकलीफ से गुजर रही है। आई ऍम सॉरी मैडम लेकिन अगर ये उनकी मोहब्बत है तो माफ़ करना ऐसी मोहब्बत बाजार में बहुत बिकती है जिसमे सिर्फ आप पिस रही है , आप दर्द झेल रही है , आप अपमानित हो रही है और बहुत सही किया आपकी सौंदर्या भुआ ने जो उसे जेल में डाल दिया उसकी सही जगह वही है।”,अखिलेश ने उठकर चिल्लाते हुए कहा


“अखिलेश जी,,,,,,,,,,,,,,,,,आप होश में तो है आप क्या कह रहे है ?”,मीरा ने गुस्से और हैरानी के मिले जुले भावो के साथ कहा  
“हाँ मैडम बिल्कुल होश में हूँ और जो कहा वो सच है। आप एक ऐसे इंसान के लिये खुद को तकलीफ पहुंचा रही है जिसे आपके होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपके अक्षत जी को आपसे मोहब्बत होती तो आज मेरी जगह वो यहाँ आपके साथ होता , इतना सब होने के बाद भी आपको समझ नहीं आ रहा है उसके लिये आप खुद को इतनी तकलीफ क्यों दे रही है ?”,अखिलेश का गुस्सा आज एकदम से फट पड़ा


मीरा ने आज पहली बार अखिलेश को ऐसे बोलते देखा था वरना अखिलेश हमेशा उसके सामने शांत और गंभीर ही रहा है। मीरा फटी आँखों से अखिलेश को देखे जा रही थी और फिर उसके सामने आकर कहा,”हमारे रिश्ते के बारे में ये सब बोलने वाले आप कौन होते है ? किसने दिया आपको ये हक़ ?”
“सही कहा आपने मीरा मैडम आपके और अक्षत के बीच बोलने वाला मैं कोई नहीं होता , मैं तो आपके चाइल्ड होम का एक मामूली सा मैनेजर हूँ जिसे आपने इतनी अहमियत दी लेकिन मैं भूल गया था

मैडम कि मालिक हमेशा मालिक होता है उसके सामने एक नौकर की कोई औकात नहीं होती है। माफ़ करना अगर गुस्से में आकर मैंने कुछ गलत कह दिया हो तो , इतने सालो से आपके साथ हूँ इसलिए आपको तकलीफ में नहीं देख पाया और ये गुस्से में ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दीजिये।”,कहकर अखिलेश वहा से चला गया
मीरा चाहकर भी अखिलेश को रोक नहीं पायी। उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर किस्मत उसके साथ कौनसा खेल खेल रही है।

सही होते हुए भी मीरा सबकी नजरो में बुरी बनती जा रही थी। ख्याल मीरा के जहन में उलझने लगे। वह एकदम से तनाव में आ गयी और उसे अपने सीने में दर्द महसूस होने लगा। मीरा ने अपना सीना पकड़ लिया , वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन चिल्ला नहीं पायी उसके मुँह से कोई आवाज नहीं निकली और मीरा धड़ाम से नीचे जमीन पर आ गिरी।

उसी फ्लोर की गैलरी में खड़ी सौंदर्या का फोन बजा। स्क्रीन पर विवान सिंह का नंबर देखकर सौंदर्या ने फोन उठाया और कान से लगाते हुए कहा,”हाँ भाईसाहब !”
“सौंदर्या मैंने तुम्हे एक काम दिया था , वो पूरा हुआ या नहीं,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से विवान सिंह की आवाज उभरी
“नहीं भाईसाहब,,,,!!”,सौंदर्या ने सहजता से कहा


“क्या ? मैं नहीं जानता सौंदर्या तुम्हारे दिमाग में इस वक्त कौनसी खिचड़ी पक रही है लेकिन अगर भाईसाहब को होश आ गया और उन्होंने मीरा को सच बता दिया तो हम दोनों फंस जायेंगे,,,,,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने गुस्से से कहा
सौंदर्या मुस्कुरायी और कहा,”रिलेक्स भाईसाहब ! भाईसाहब की मौत से भी ज्यादा अच्छी खबर मेरे पास आपके लिए है”
“क्या ?”,विवान सिंह ने थोड़ा शांत होकर कहा


“भाईसाहब अब चाहकर भी किसी से कुछ बोल नहीं सकते , वो बस खुली आँखों से सिर्फ अपनी बर्बादी का तमाशा देख सकते है।”,कहकर सौंदर्या ने विवान सिंह को सारी कहानी बता दी और साथ ही अक्षत के जेल जाने के बारे में भी बता दिया।
“वाह सौंदर्या ! तुम्हारे दिमाग की तो दाद देनी पड़ेगी ,, एक तीर से दो शिकार करते सूना था लेकिन यहाँ तो तुमने एक तीर से तीन शिकार किये है। भाईसाहब से हमे कोई खतरा नहीं , हमारे रास्ते का कांटा अक्षत भी निकल गया और मीरा ने खुद ही व्यास फॅमिली को गुड बाय कह दिया,,,,,,,,,,,,,

हम जो चाहते थे वो बिना किसी मेहनत के हो गया अब बस मीरा किसी तरह अक्षत को तलाक दे दे उसके बाद भाईसाहब की सारी जायदाद हमारी,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने सौंदर्या की तारीफ करते हुए कहा      
सौंदर्या हंसने लगी और कहा,”हाँ भाईसाहब बहुत जल्दी आप और मैं अमीर बन जायेंगे और उसके बाद बड़े धूम धाम से मैं अपनी बेटी की शादी करुँगी।”


सौंदर्या विवान सिंह से आगे कुछ बात कर पाती इस से पहले ही शोर सुनकर वह पलटी तो देखा नर्स के साथ डॉक्टर ICU की तरफ दौड़ा जा रहा है।
सौंदर्या ने फोन वापस कान से लगाकर कहा,”भाईसाहब मैं आपसे बाद में बात करती हूँ।”
सौंदर्या ने फोन काट दिया और वहा से चली गयी। अमर जी को कुछ हो गया सोचकर सौंदर्या के दिल की धड़कने बढ़ी हुयी थी लेकिन जब उसने फर्श पर गिरी मीरा को देखा तो भागकर उसके पास आयी और उसे सम्हालते हुए कहा,”मीरा , मीरा , क्या हुआ इसे ?”


“ये एकदम से गिर पड़ी और बेहोश हो गयी”,नर्स ने कहा
डॉक्टर ने मीरा की कलाई पकड़ी , उसकी नब्ज चेक की और नर्स से कहा,”नर्स इन्हे तुरंत एमर्जेन्सी वार्ड में लेकर आओ।”
नर्स ने वार्ड बॉय को आवाज दी और मीरा को स्ट्रेक्चर पर लेटाकर तुरंत इमरजेंसी वार्ड की तरफ बढ़ गयी। पीछे पीछे सौंदर्या भी परेशान सी चल पड़ी। वह नहीं चाहती थी मीरा को कुछ हो आखिर मीरा उसकी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी जो थी।

रात हो चुकी थी और ऐसे में अक्षत की बेल होना मुश्किल था। अर्जुन ने पूरी कोशिश की लेकिन अक्षत को बाहर नहीं निकाल पाया। विजय जी मीरा से मिलने हॉस्पिटल गए थे लेकिन वे भी हताश होकर वापस लौट आये। अर्जुन पुलिस स्टेशन चला आया। बेंच पर बैठे सोमित जीजू उसी का इंतजार कर रहे थे। अर्जुन को देखते ही वे उसकी तरफ आये और कहा,”क्या हुआ अर्जुन ? वकील से मिले तुम ,, अक्षत की बेल हो जाएगी ना ?”


“जीजू इस वक्त अक्षत की बेल नहीं होगी , वकील ने कहा बिना कोर्ट से परमिशन लिये उसे बेल नहीं मिल सकती”,अर्जुन ने निराश होकर कहा
“अरे लेकिन उसने कोई अपराध नहीं किया है , और वो तो खुद वकील है उसे बेल क्यों नहीं मिल सकती ?”,सोमित जीजू ने परेशानी में बिना सोचे समझे कहा


“जीजू आप भूल रहे है अक्षत का लायसेंस केंसल हो चुका है , अभी वो वकील नहीं है और किसी भी इंसान को बेल के लिये कोर्ट से परमिशन लेनी ही पड़ती है।”,अर्जुन ने सोमित जीजू को समझाते हुए कहा
“तो अब क्या होगा ?”,सोमित जीजू ने कहा
“आज रात के लिये आशु को यही जेल में रहना होगा,,,,,,,,,,,,!”,अर्जुन ने सलाखों के पीछे बैठे अक्षत की तरफ देखते हुए कहा


सोमित जीजू ने सुना तो उदास हो गए। अर्जुन ने सोमित जीजू के कंधे पर हाथ रखा और फिर अक्षत की तरफ बढ़ गया। अर्जुन सलाखों के पास आया और कहा,”आशु !”
अर्जुन की आवाज से अक्षत की तन्द्रा टूटी वह उठकर अर्जुन के पास आया। अक्षत के चेहरे पर वक्त कोई भाव नहीं थे वह बस ख़ामोशी से अर्जुन को देखे जा रहा था। अर्जुन कुछ देर खामोश रहा और कहा,”मैंने वकील से बात की , तुम्हे बेल कल सुबह मिल पायेगी। आज रात तुम्हे यही रुकना पडेगा।”


“हम्म्म्म !”,अक्षत ने धीरे से कहा
“चिंता मत करो हम सब है तुम्हारे साथ , मैं तुम्हारे साथ यही रुक जाता हूँ।”,अक्षत को खामोश देखकर अर्जुन ने कहा
“नहीं भाई आप और जीजू घर जाईये ,, माँ परेशान हो रही होंगी।”,अक्षत ने कहा
“लेकिन तू यहाँ अकेला,,,,,,!!”,अर्जुन ने जैसे ही कहा अक्षत ने उसके हाथ पर हाथ रखा और कहा,”मेरी वजह से आप सब पहले ही इतना सब देख चुके है मैं नहीं चाहता मेरे लिये और परेशान हो,,,,,,,,,,,,,,प्लीज आप लोग यहाँ से जाईये।”  

अक्षत की बात सुनकर अर्जुन की आँखों में नमी तैर गयी। अक्षत ने मीरा के साथ जो किया उसकी वजह से अर्जुन के मन में अक्षत के लिये बहुत गुस्सा था लेकिन आखिर था तो अक्षत उसका छोटा भाई,,,,,,,,,,,आज उसे सलाखों के पीछे देखकर अर्जुन को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसने अक्षत के हाथ पर अपना दुसरा हाथ रख दिया और कहा,”खुद को अकेला मत समझना हम सब हैं तेरे साथ,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ! आप जाईये”,अक्षत ने बुझे मन से कहा और वहा से साइड में चला गया।

इस वक्त उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था चीजे इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी थी कि उन्हें कैसे ठीक किया जाये अक्षत नहीं समझ पा रहा था। अर्जुन ने अपनी आँखों के किनारे साफ़ किये और सोमित जीजू की तरफ आकर कहा,”चलिए जीजू “
सोमित जीजू ने पलटकर अक्षत को देखा और फिर अर्जुन के साथ पुलिस स्टेशन से बाहर निकल गए। सोमित जीजू अक्षत से बात करना चाहते थे लेकिन ना जाने क्यों उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी।

चलते चलते सोमित जीजू रुके और अर्जुन से कहा,”अर्जुन तुम घर जाओ।”
“और आप ?”,अर्जुन ने पूछा
“मैं यहाँ रुक जाता हूँ”,सोमित जीजू ने कहा
“लेकिन आप यहाँ कैसे रुकेंगे और फिर आशु ने भी मना किया है।”,अर्जुन की चिंता जताते हुए कहा
 “मैं मैनेज कर लूंगा , तुम घर जाओ और सबसे कहना अक्षत सुबह तक घर आ जाएगा।”,सोमित जीजू ने कहा


अर्जुन समझ गया कि सोमित जीजू उसकी बात नहीं सुनेंगे। वह ये भी जानता था कि घर में अक्षत को राधा के बाद सबसे ज्यादा प्यार अगर कोई करता है तो वह सोमित जीजू ही है। अर्जुन ने सोमित जीजू को ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और कहा,”हम्म्म ठीक है , अपना ख्याल रखियेगा और कोई भी जरूरत हो तो प्लीज कॉल मी”
“ठीक है,,,,,!!”,सोमित जीजू ने कहा और अर्जुन को गाड़ी तक छोड़कर खुद वापस पुलिस स्टेशन चले आये।

इंस्पेक्टर ने सोमित जीजू को वापस देखा तो कहा,”तुम अभी तक गए नहीं ? ये पुलिस स्टेशन है कोई धर्मशाला नहीं जाओ अपने घर जाओ।”
“इस्पेक्टर साहब क्या आज रात के लिये मैं अपने साले साहब के साथ हवालात में रुक सकता हूँ ?”,सोमित जीजू ने मासूमियत से कहा
“जेल जाने के लिये जुर्म करना जरुरीं है , तुमने ऐसा क्या जुर्म किया है जो मैं तुम्हे हवालात में डाल दू”, इंस्पेक्टर ने पूछा


सोमित जीजू सोच में पड़ गए और फिर पास खड़े कॉन्स्टेबल को देखकर कहा,”अगर मैं इनको एक थप्पड़ मार दू तो क्या होगा ?”
“तो साहब जी तुमको एक पुलिसवाले पर हाथ उठाने के जुर्म में पकडकर जेल में डाल देंगे ,, है ना साहब जी ?’,कॉन्स्टेबल ने इंस्पेक्टर की तरफ देखकर कहा
इंस्पेक्टर ने हामी भरी तो सोमित जीजू कॉन्स्टेबल की तरफ देखकर मुस्कुराये और फिर खींचकर एक थप्पड़ उनके गाल पर रसीद कर दिया।


“साहब जी,,,,!!”, कॉन्स्टेबल ने अपना हाथ गाल से लगाए इंस्पेक्टर की तरफ देखते हुए कहा
गुस्से में आकर इंपेक्टर ने सोमित जीजू के गाल पर दो थप्पड़ रसीद किये और कहा,”पुलिसवाले पर हाथ उठाता है , कॉन्स्टेबल अंदर करो इसे रातभर हवालात में रहेगा तो पता चलेगा इसे”  

कॉन्टेबल ने सोमित जीजू को भी हवालात में डाल दिया। अंदर आकर सोमित जीजू ने देखा अक्षत किसी सोच में डूबा है। सोमित जीजू अक्षत से कुछ दूरी बनाकर खड़े हुए और कहा,”सालेसाहब।”
सोमित जीजू की आवाज सुनकर अक्षत ने अपने बगल में देखा और हैरानी से कहा,”आप यहाँ कैसे आये ?”
“इंस्पेक्टर से दो थप्पड़ खाकर,,,,,!!”, सोमित जीजू ने मासूमियत से कहा
अक्षत ने सूना और मुस्कुरा दिया ,

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